मध्य प्रदेश
जीआईएस-भोपाल में हुए निवेश संगम से तेज होगी हरित और श्वेत क्रांति, देश का "फूड बास्केट" बनेगा मध्यप्रदेशः मुख्यमंत्री डॉ. यादव
3 Mar, 2025 10:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि मध्यप्रदेश की समृद्ध कृषि परंपरा और सतत विकास की नीति अब वैश्विक निवेशकों का ध्यान आकर्षित कर रही है। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट भोपाल में निवेशकों ने कृषि, खाद्य प्रसंस्करण और दुग्ध उत्पादन क्षेत्र में 4,000 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश प्रस्ताव प्रस्तुत किए हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने इसे प्रदेश की हरित और श्वेत क्रांति के लिए मील का पत्थर बताया। उन्होंने कहा कि जीआईएस भोपाल में प्राप्त निवेश प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के भारत को वैश्विक "फूड बास्केट" बनाने के संकल्प को साकार करने में मध्यप्रदेश अहम भूमिका निभाएगा।
जैविक खेती में अग्रणी मध्यप्रदेश
मध्यप्रदेश पहले ही देश का सबसे बड़ा जैविक खेती वाला राज्य बन चुका है। देश की कुल जैविक खेती में 40% योगदान देने वाले राज्य ने अब इस क्षेत्र का विस्तार कर 17 लाख हेक्टेयर से 20 लाख हेक्टेयर तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा है। सरकार किसानों को निःशुल्क सोलर पंप उपलब्ध करा रही है ताकि वे पर्यावरण अनुकूल तरीकों से उत्पादन कर सकें। राज्य में उद्यानिकी क्षेत्र में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। बीते वर्षों में बागवानी फसलों का रकबा27 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 32 लाख हेक्टेयर तक पहुंच गया है। इससे राज्य के फल-सब्जी उत्पादकों को भी सीधा लाभ मिलेगा।
मध्यप्रदेश बनेगा दुग्ध उत्पादन का हब
प्रदेश दूध उत्पादन में देश के अग्रणी राज्यों में शामिल हो चुका है। वर्तमान में देश के कुल दुग्ध उत्पादन में 9% योगदान देने वाला मध्यप्रदेश अब इसे 20% तक बढ़ाने का लक्ष्य लेकर आगे बढ़ रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि सांची ब्रांड ने राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में अपनी मजबूत पहचान बना ली है। प्रदेश में वर्तमान में प्रतिदिन 591 लाख किलो दूध का उत्पादन हो रहा है। इससे प्रदेश देश में तीसरा सबसे बड़ा दुग्ध उत्पादक राज्य बन गया है।
नवाचार और खाद्य प्र-संस्करण में निवेश की बाढ़
जीआईएस-भोपाल में "सीड-टु-शेल्फ" थीम पर केंद्रित एक विशेष सत्र आयोजित किया गया, जिसमें निवेशकों ने प्रदेश की अपार संभावनाओं को पहचाना। राज्य में 8 फूड पार्क, 2 मेगा फूड पार्क, 5 एग्रो-प्रोसेसिंग क्लस्टरऔर एक लॉजिस्टिक्स पार्क स्थापित किए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य प्र-संस्करण योजना के तहत 930 करोड़ रुपये की सहायता राशि स्वीकृत की गई है। यहां 70 से अधिक बड़ी औद्योगिक इकाइयां और 3,800 से अधिक सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम इकाइयाँ पहले ही सक्रिय हैं। इनके जरिए कृषि उत्पादों की प्रोसेसिंग को बढ़ावा दिया जा रहा है।
सिंचाई परियोजनाओं से होगा कृषि क्षेत्र का विस्तार
प्रदेश में सिंचित रकबा तेजी से बढ़ा है। वर्ष 2003 में केवल 3 लाख हेक्टेयर भूमि सिंचित थी, जो अब 50 लाख हेक्टेयर तक पहुंच चुकी है। सरकार ने वर्ष 2028-29 तक इसे 1 करोड़ हेक्टेयर तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा है। नर्मदा, चंबल, ताप्ती, बेतवा, सोन, क्षिप्रा, कालीसिंध और तवा जैसी सदानीरा नदियों पर बनी सिंचाई परियोजनाओं से यह लक्ष्य संभव हो सकेगा।
जीआईएस-भोपाल से रोजगार के नए अवसर
जीआईएस-भोपाल में खाद्य प्र-संस्करण क्षेत्र में आये 4,000 करोड़ रुपये के निवेश से प्रदेश में 8,000 से अधिक रोजगार के अवसर सृजित होंगे। खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों के बढ़ने से किसान सीधे अपने उत्पाद का बेहतर मूल्य प्राप्त कर सकेंगे, जिससे राज्य की आर्थिक मजबूती को और बढ़ावा मिलेगा।
जीआईएस-भोपाल में हरित और श्वेत क्रांति को लेकर मिले निवेश प्रस्तावों ने मध्यप्रदेश को देश का "फूड बास्केट" बनाने की दिशा में मजबूत कदम बढ़ाने का अवसर दिया है। कृषि, जैविक खेती, खाद्य प्रसंस्करण और दुग्ध उत्पादन में हुए ये निवेश प्रदेश के विकास की नई इबारत लिखने को तैयार हैं।
ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में 30 लाख 77 हजार करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव प्राप्त होना बड़ी उपलब्धि :मुख्यमंत्री डॉ. यादव
3 Mar, 2025 10:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि भोपाल में पहली बार हुई ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का सफल आयोजन बेहतर टीमवर्क और समन्वय से संभव हुआ। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ ही बड़ी संख्या में विदेशी राजनायिकों, वाणिज्यिक प्रतिनिधियों और देश के प्रमुख औद्योगिक समूह के प्रतिनिधियों के एक साथ आगमन और जीआईएस में सहभागिता का प्रबंध चुनौती पूर्ण था। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट सुप्रबंधन का पर्याय बनी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने जीआईएस के सफल आयोजन के लिए सभी विभागों के अधिकारियों और टीम को बधाई दी है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश में निवेश और औद्योगिक गतिविधियों के विस्तार का यह कारवां निरंतर जारी रहेगा। प्रदेश में उद्योगों के लिए विद्यमान बेहतर अधोसंरचना और निवेश वातावरण के परिणामस्वरूप उद्योग समूह त्वरित रूप से अपनी गतिविधियों का विस्तार कर रहे हैं। अगले सप्ताह 850 करोड़ रूपए के निवेश से स्थापित होने वाली नीमच सौर परियोजना की आधारशिला रखी जाएगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट भोपाल में प्राप्त निवेश प्रस्तावों के क्रियान्वयन के लिए मंत्रालय में आयोजित समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे। बैठक में मुख्य सचिव अनुराग जैन सहित संबंधित विभागों के अपर मुख्य सचिव तथा प्रमुख सचिव उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि समिट में कुल 30 लाख 77 हजार करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं, जिससे लगभग 21 लाख 40 हजार रोजगार के अवसर सृजित होंगे। जीआईएस में 25 हजार से अधिक लोगों ने भागीदारी की। इसमें 9 पार्टनर कंट्री और 60 से अधिक देशों से 100 से अधिक अंतर्राष्ट्रीय डेलिगेट शामिल हुए। जीआईएस में 300 से अधिक प्रमुख उद्योगपतियों और उद्योगों की भागीदारी रही। जीआईएस में 10 सेक्टरल सत्र, 6 कंट्री सेशंस, 6 समिट, 70 से अधिक वन-टू-वन बैठकें, 5 हजार से अधिक बी-टू-बी मीटिंग और 600 से अधिक बी-टू-जी मीटिंग्स संपन्न हुईं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में 18 नई निवेश नीतियां लांच की गई और 89 एमओयू पर हस्ताक्षर हुए। यह प्रदेश में अब तक हुईं ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में सबसे अधिक भागीदारी थी। जीआईएस की पूर्व तैयारी के लिए देश-विदेश में इंटरेक्टिव सत्र किए गए। ऑटो-एक्सपो, टेक्सटाइल एक्सपो, ऑक्सफोर्ड, वन डिस्ट्रिक्ट-वन प्रोडक्ट एग्जीबिशन के साथ ही एमपी पवेलियन और डिजिटल एक्सपीरियंस जोन, जीआईएस में आकर्षण का विशेष केंद्र रहे।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि विभिन्न सेक्टरों में बड़ी संख्या में निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। ऊर्जा और नवीकरणीय ऊर्जा में 8 लाख 94 हजार 301 करोड़ निवेश के 441 प्रस्ताव, इंफ्रास्ट्रक्चर में 3 लाख 37 हजार 329 करोड़ रूपए निवेश के 870 प्रस्ताव, खनन और खनिज क्षेत्र में 3 लाख 25 हजार 321 करोड़ रूपए के 378 निवेश के प्रस्ताव, रक्षा-विमानन और एयरोस्पेस में 3 लाख 01 हजार 681 करोड़ के 8 प्रस्ताव और पेट्रोकेमिकल्स-रसायन-प्लास्टिक व संबद्ध क्षेत्र में 1 लाख 4 हजार 158 करोड़ रूपए निवेश के 237 प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं।
इसी प्रकार आईटी और इलेक्ट्रॉनिक्स आदि में 78 हजार 314 करोड़ रूपए के 193 प्रस्ताव, पर्यटन तथा हॉस्पिटेलिटी में 68 हजार 824 करोड़ रूपए के 303 प्रस्ताव, कृषि और खाद्य प्र-संस्करण में 63 हजार 383 करोड़ रूपए के 957 प्रस्ताव, शिक्षा में 52 हजार 294 करोड़ रूपए के 191 प्रस्ताव, हेल्थ केयर, फार्मा और चिकित्सा उपकरण के लिए 41 हजार 986 करोड़ रूपए के 345 प्रस्ताव, ऑटोमोबाइल क्षेत्र में 41 हजार 590 करोड़ रूपए के 349 प्रस्ताव, इंजीनियरिंग क्षेत्र के 26 हजार 277 करोड़ रूपए के 203 प्रस्ताव, कपड़ा-टेक्सटाइल और परिधान क्षेत्र में 21 हजार 833 करोड़ रूपए के 171 प्रस्ताव, लॉजिस्टिक्स और वेयर हाऊसिंग से संबंधित 9 हजार 112 करोड़ रूपए के 67 प्रस्ताव, पैकेजिंग क्षेत्र में 1 हजार 697 करोड़ रूपए के 51 प्रस्ताव तथा अन्य क्षेत्रों में 83 हजार 720 करोड़ रूपए के 1 हजार 96 प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि निवेश प्रस्तावों के प्रभावी फॉलो-अप के लिए छह स्तरीय कार्य योजना बनाई गई है। इसके अंतर्गत एमपीआईडीसी द्वारा निवेश प्रस्तावों की स्क्रीनिंग और डेटा प्रविष्टि कर उनका विभागवार वर्गीकरण किया जाएगा। संबंधित विभाग निवेश राशि के आधार पर क्षेत्रीय कार्यालय, मुख्यालय और विभाग स्तर पर प्रस्तावों का फॉलो-अप करेंगे। प्रत्येक विभाग द्वारा रिलेशनशिप मैनेजर की नियुक्ति की जाएगी। फॉलोअप के लिए मॉनीटरिंग और रिपोर्टिंग की पुख्ता व्यवस्था की गई है। संबंधित विभाग के प्रमुख सचिव प्रति सप्ताह प्रगति की समीक्षा कर मुख्य सचिव को रिपोर्ट देंगे। इसके साथ ही मुख्य सचिव और मुख्यमंत्री स्तर पर भी निश्चित अंतराल पर मॉनीटरिंग की व्यवस्था की गई है। निवेश प्रस्तावों को साकार करने के लिए भूमि आवंटन, अनुमोदन और आवश्यक मंजूरियों के लिए संबंधित विभाग द्वारा आवश्यक समन्वय और सहयोग किया जाएगा। इसके साथ ही निवेशकों की प्रतिक्रिया के विश्लेषण और समाधान के लिए उनसे फीडबैक प्राप्त करने की भी व्यवस्था की गई है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रस्तावों को वास्तविक निवेश में परिवर्तित करने के लिए रणनीति बनाकर कार्य होगा। इसके लिए प्राथमिकता पर प्रस्तावित औद्योगिक क्षेत्र विकसित किए जाएंगे और सेक्टर फोकस्ड औद्योगिक सेक्टरों का भी विकास होगा। जिला स्तर पर कलेक्टर्स को भूमि और जल की आवश्यकता से अवगत कराकर समय-सीमा में उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी। निवेशक अपनी इकाई का शीघ्रता से संचालन शुरू कर सकें, इसके लिए प्लग-एंड-प्ले सुविधा विकसित की जाएगी। प्रदेश में एमपी इन्वेस्टर पोर्टल का उन्नयन किया गया है। इसके साथ ही एमपीआईडीसी में विशेष सेल अंतर विभागीय समन्वय सुनिश्चित करेगा।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा, खनिज संसाधन, शहरी विकास, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, पर्यटन, एमएसएमई की आगामी कार्य योजना की बिन्दुवार समीक्षा की। बैठक में उद्योग और रोजगार वर्ष 2025 के अंतर्गत संचालित होने वाली गतिविधियों की जानकारी देते हुए बताया गया कि सेक्टर फोकस्ड समिट के साथ ही कौशल संवर्धन कार्यक्रम, आईटीआई और उद्योगों के समन्वय, इज ऑफ डूइंग बिजनेस के लिए ईओडीबी क्लीनिक के आयोजन सहित राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कार्यक्रमों में सहभागिता की जाएगी।
प्रधानमंत्री मोदी द्वारा निर्धारित नवकरणीय ऊर्जा के लक्ष्य को प्राप्त करेगा नीमच-आगर-शाजापुर सोलर पार्क
उल्लेखनीय है कि 1500 मेगावॉट की नीमच-आगर-शाजापुर परियोजना का क्रियान्वयन, रीवा अल्ट्रा मेगा सोलर लिमिटेड द्वारा किया गया है। आरयूएमएसएल सोलर एनर्जी कॉर्पोरेशन ऑफ़ इंडिया लिमिटेड और मध्यप्रदेश ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड का संयुक्त उपक्रम है। आगर सोलर पार्क से 550 मेगावॉट का वाणिज्यिक उत्पादन प्रारम्भ हो चुका है, शाजापुर सोलर पार्क में 155 मेगावॉट क्षमता का भी वाणिज्यिक उत्पादन प्रारम्भ हो चुका है। नीमच सोलर पार्क 500 मेगावॉट क्षमता का है, जिसमें से 330 मेगावॉट क्षमता का वाणिज्यिक उत्पादन प्रारम्भ हो चुका है और शेष 170 मेगावॉट क्षमता की निविदा प्रक्रिया पूर्ण कर ली गई है। निविदा में 10 कंपनियों द्वारा भाग लिया गया। ई-रिवर्स ऑक्शन की शुरुआत 2.30 रुपये प्रति यूनिट से हुई थी, जो 2.15 रूपए प्रति यूनिट पर बंद हुई। वारी फ्यूचर इंजीयिनर्स प्रायवेट लिमिटेड सफल विकास कर रहा।
मध्यप्रदेश में तेजी से विकसित हो रही नवकरणीय ऊर्जा परियोजनाएं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा निर्धारित नवकरणीय ऊर्जा के लक्ष्य और नेट-जीरो कार्बन उत्सर्जन के लक्ष्य को प्राप्त करने की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। नीमच-आगर-शाजापुर सोलर पार्क की 1500 मेगावाट क्षमता न केवल प्रदेश को आत्म-निर्भर बनाएगी, बल्कि देश की ऊर्जा सुरक्षा और पर्यावरण संरक्षण के दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण साबित होगी।
राष्ट्र निर्माण में संतों और गुरूओं की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण : मुख्यमंत्री डॉ. यादव
3 Mar, 2025 10:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि जीवन-मृत्यु व्यक्ति के हाथ में नहीं है, लेकिन संत लोगों को धर्म की राह दिखाकर सद्मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित कर उनके जीवन को सार्थक बनाते हैं। सांस्कृतिक, धार्मिक मूल्यों की स्थापना तथा समाज और राष्ट्र के निर्माण में संतों और गुरुओं की सबसे महत्वपूर्ण भूमिका है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव आज कुबेरेश्वर धाम सीहोर में आयोजित रुद्राक्ष महोत्सव में शामिल होकर श्रद्धालुओं को संबोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि पं. प्रदीप मिश्रा जी लोगों में ईश्वर के प्रति आस्था और भक्ति जागृत कर लोगों का धार्मिक, आध्यात्मिक उत्थान कर रहे है। उन्होंने कहा कि पं. मिश्रा ने भोपाल के निकट सीहोर में कुबेरेश्वर धाम की स्थापना कर इस क्षेत्र को एक नई धार्मिक पहचान दी है। उन्होंने कहा कि दुनिया के दो सौ से अधिक देशों में भारत सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है और सबसे बड़े देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने प्रयागराज कुंभ में गगा स्नान कर देश की सनातन संस्कृति के प्रति देशवासियों की अटूट आस्था का संदेश दिया है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश सरकार को सभी संतो का मार्गदर्शन मिला है। समय-समय पर हम और हमारी सरकार उनसे कई अवसरों पर विचार-विमर्श भी करती है। संतो से हमें सरकार चलाने का नैतिक बल मिलता है जिससे हम अधिक मजबूती के साथ प्रदेश के विकास और लोगों के कल्याण के लिए काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमने संपूर्ण प्रदेश में गौ-शालाओं का निर्माण किया है और गौ-शालाओं में गौ-माता के लिए बेहतर परिवेश उपलब्ध करा रहे हैं।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि गौ-माता परमात्मा की हम पर असीम कृपा है। गौ-माता प्रकृति और परमात्मा के बीच संबंध का सूत्र है। बेसहारा, अशक्त और वृद्ध गौ-माताओं के आश्रय के लिए भोपाल सहित सभी बड़ी नगर निगमों में 10 हजार क्षमता की गौ-शालाएं बनाई जाएगी। दुग्ध उत्पादन पर भी प्रोत्साहन स्वरूप बोनस प्रदान किया जाएगा। दस से अधिक गाय पालने वालों को अनुदान दिया जाएगा। गांव-गांव में गोपालन और दुग्ध उत्पादन को प्रोत्साहन देने के लिए अनुदान उपलब्ध कराया जाएगा। गौ-शाला चलाने वालों को प्रति गाय 20 रुपये के स्थान पर 40 रुपये का अनुदान देकर गौ-शालाओं को सक्षम बनाया जाएगा।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि हमारी सरकार प्रदेश के विकास के साथ-साथ सामाजिक सरोकार के भी काम कर रही है। प्रदेश सरकार कल्याणी बहनों के पुनर्विवाह के लिए दो लाख रुपए प्रदान करेगी। ताकि बहनों का फिर से घर बस सके और उनके जीवन में खुशियां आए। उन्होंने कहा कि सभी महत्वपूर्ण धार्मिक एवं तीर्थ-स्थानों का विकास किया जाएगा। उन्होंने कहा कि गर्मी के दिनों में क्षिप्रा का पानी सूख जाता है। क्षिप्रा को पूरे साल प्रवहमान बनाये रखने की व्यवस्था की जा रही है। उन्होंने कहा कि सभी नगरीय निकायों में गीता भवन बनाने की योजना बनाई है। प्रदेश सरकार ने धार्मिक स्थलों वाले 19 स्थानों में शराब की दुकानें बंद करने का निर्णय लिया इसके साथ ही खुले में मांस विक्रय पर प्रतिबंध लगाया है।
रुद्राक्ष महोत्सव में राजस्व मंत्री करण सिंह वर्मा, विधायक सुदेश राय, पिछड़ा वर्ग अयोग के सदस्य सीताराम यादव, नगर पालिका अध्यक्ष प्रिंस राठौर, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष जसपाल अरोरा कलेक्टर बालागुरू के, एसपी दीपक कुमार शुक्ला तथा जिला पंचायत सीईओ डॉ. नेहा जैन उपस्थित थीं।
दक्षिण कोरिया का ईसीडीएस ग्रुप प्रदेश में मेडिकल डिवाइस सहित एविएशन और सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में करेगा निवेश : मुख्यमंत्री डॉ. यादव
3 Mar, 2025 09:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि साउथ कोरियन ज्वाइंट वेंचर ग्रुप प्रदेश में बने बेहतर औद्योगिक वातावरण को देखते हुए से मेडिकल उपकरणों, मेडिकल एआई, नैनो टेक्नोलॉजी, बायो पॉलीमर और नवकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में निवेश का इच्छुक है। आज मंत्रालय में साउथ कोरिया के ईसीडीएस ग्रुप के निवेशकों और शोधार्थियों ने भेंट की।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव से चर्चा में प्रतिनिधि मंडल ने बताया कि उनका समूह उज्जैन के मेडिकल डिवाइस पार्क में शोध और निर्माण पर केंद्रित इकाई स्थापना की दिशा में पहल कर रहा है। इस इकाई में यूरिन परीक्षण से कैंसर के लक्षणों की पहचान करने के लिए किट निर्मित करने की योजना है। इससे प्रारंभिक अवस्था में कैंसर की पहचान कर तत्काल इलाज आरंभ करने में मदद मिलेगी। समूह प्रदेश में एविएशन सेमीकंडक्टर आदि क्षेत्र में भी निवेश का इच्छुक है। इसके साथ ही समूह ने कौशल उन्नयन के लिए तकनीक और विशेषज्ञता साझा करने में भी रुचि दिखाई।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव से डॉ. वुंग कवांग यांग, डॉ. युंगहून लिम, डॉ. सिओक किम, जोंग शिओल जंग, जेली शिओन, वू सिओक शुंग तथा राजेश भारद्वाज ने भेंट की। मुख्य सचिव अनुराग जैन, प्रमुख सचिव औद्योगिक नीति एवं निवेश संवर्धन राघवेन्द्र कुमार सिंह उपस्थित थे।
खेलों से युवाओं में नेतृत्व कौशल बढ़ता है और निखरती हैं प्रतिभाएं : मुख्यमंत्री डॉ. यादव
3 Mar, 2025 09:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में भारत ने ओलम्पिक से लेकर एशियाड जैसी कई प्रतियोगिताओं में उल्लेखनीय प्रदर्शन किया है। मध्यप्रदेश सहित देशभर के खिलाड़ियों ने वैश्विक स्तर पर खेलों में नए कीर्तिमान स्थापित किए हैं। खेलों से युवाओं में नेतृत्व कौशल एवं कई तरह की प्रतिभाओं का विकास होता है। प्रदेश सरकार युवाओं के कौशल विकास और खेलों को बढ़ावा देने के लिए कृत-संकल्पित है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सोमवार को 42वीं नेशनल सीनियर रोइंग चैंपियनशिप के शुभारंभ अवसर पर उपस्थित जनसमूह एवं खिलाड़ियों को संबोधित करते हुए यह विचार व्यक्त किए।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव, खेल एवं युवा कल्याण मंत्री विश्वास कैलाश सारंग सहित अन्य अतिथियों ने राजधानी भोपाल के बोट क्लब स्थित राज्य वॉटर स्पोर्ट्स अकादमी में आकाश में गुब्बारे छोड़कर राष्ट्रीय रोइंग चैंपियनशिप का शुभारंभ किया। मध्यप्रदेश खेल एवं युवा कल्याण विभाग की ओर से आयोजित 5 दिवसीय राष्ट्रीय प्रतियोगिता 7 मार्च तक चलेगी। इसमें मध्यप्रदेश सहित 23 राज्यों और भारतीय सेना, नौसेना एवं अखिल भारतीय पुलिस सर्विस समेत कुल 27 टीमों के 450 से अधिक पुरुष एवं महिला एथलीट शामिल हो रहे हैं। इस प्रतियोगिता में 14 इवेंट्स होंगे।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने रोइंग प्रतियोगिता में शामिल खिलाड़ियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि भोपाल में हो रहा रोइंग महाकुंभ, उज्जैन के सिंहस्थ जैसा है। रोइंग कॉम्पिटिशन का अद्भुत आनंद भोपाल की बड़ी झील की सुंदरता में चार चांद लगा रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने आशा जताई है कि प्रदेश की बेहतर खेल नीतियों का लाभ युवा प्रतिभाओं को मिलेगा। राज्य सरकार द्वारा खेल एवं खिलाड़ियों के प्रोत्साहन के लिए 18 खेलों की 11 खेल अकादमी स्थापित की गई हैं। इनमें 3 खेल वॉटर स्पोर्ट्स कयाकिंग, रोइंग और सेलिंग भी शामिल हैं।
खेल एवं युवा कल्याण मंत्री सारंग ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में खेल क्षेत्र में भारत ने अभूतपूर्व उपलब्धियां हासिल की हैं। मध्यप्रदेश का खेल बजट कभी 6 करोड़ रूपए हुआ करता था, जो मुख्यमंत्री डॉ. यादव के नेतृत्व में बढ़कर 600 करोड़ रूपए हो गया। राष्ट्रीय खेलों में मध्यप्रदेश को पदक तालिका में तीसरा स्थान मिला है। प्रदेश के खिलाड़ियों ने 5 स्वर्ण और 4 रजत पदक सहित कुल 9 पदक अर्जित किए और वॉटर स्पोर्ट्स में ओवर ऑल प्रथम स्थान पर रहे। मध्यप्रदेश को रोइंग में नेशनल चैम्पियन का गौरव प्राप्त है। उन्होंने कहा कि खेल गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश की सभी विधानसभाओं में एक-एक खेल केंद्र का निर्माण किया जाएगा।
इस अवसर पर खिलाड़ियों ने रोइंग बोट के माध्यम से मार्च पास्ट किया एवं वॉटर स्पोर्ट्स शो में आकर्षक करतब दिखाए, जिनका खेल प्रेमियों ने भरपूर आनंद लिया। शुभारंभ कार्यक्रम में अपर मुख्य सचिव खेल, मनु श्रीवास्तव, खेल संचालक रवि गुप्ता, रोइंग फेडरेशन ऑफ इंडिया चेयरमैन ऑफ कॉम्पीटिशन बालाजी मर्दपा सहित अन्य अतिथि एवं खेल विभाग के पदाधिकारी तथा खिलाड़ी उपस्थित थे।
रेडक्रॉस के सेवा संकल्प को पीड़ित मानवता की सेवा में करे साकार : राज्यपाल पटेल
3 Mar, 2025 09:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा कि रेडक्रॉस मानव सेवा का सशक्त प्रकल्प है। सदस्य, रेडक्रॉस के सेवा संकल्पों को पीड़ित मानवता की सेवा कार्यों में साकार करे। राज्यपाल पटेल रेडक्रॉस की मध्यप्रदेश शाखा की वार्षिक साधारण सभा की बैठक को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने रेडक्रॉस की विभिन्न इकाइयों को पुरस्कृत किया।
राज्यपाल पटेल ने कहा कि जिला इकाइयॉ रेडक्रॉस शाखा की पुरस्कृत इकाइयों से पीड़ितों की सेवा के बेहतर कार्यों को आगे बढ़ाने की प्रेरणा ले। इकाइयों से सकारात्मकता के साथ परस्पर स्वस्थ प्रतिस्पर्धा करे। सेवा कार्यों का आदर्श प्रस्तुत करे। राज्य शाखा द्वारा प्राप्त निर्देशों और लक्ष्यों का एकनिष्ठता के साथ समय सीमा में पालन करे।
राज्यपाल पटेल ने कहा कि सिकल सेल उन्मूलन प्रयासों को आगे बढ़ाने में रेडक्रॉस की भूमिका महत्वपूर्ण है। सिकल सेल की जागरूकता, जांच और उपचार के कार्यक्रमों को ग्रामीण और दूरस्थ अंचलों तक आयोजित करे। चिन्हित मरीजों का इलाज संवेदनशीलता के साथ करे। उन्होंने उपस्थित जनों से अपील की है कि सिकल सेल से प्रभावित बच्चों और परिवारों की मदद के व्यक्तिगत प्रयास जरूर करें।
राज्यपाल पटेल का पुष्प-गुच्छ से स्वागत और स्मृति चिन्ह भेंट कर अभिनंदन किया गया। रेडक्रॉस राज्य शाखा के चेयरमेन डॉ. गगन कोल्हे ने स्वागत उद्बोधन और मध्यप्रदेश रेडक्रॉस शाखा की 2023-24 का प्रगति विवरण प्रस्तुत किया। राज्य शाखा के महासचिव रामेन्द्र सिंह ने आगामी कार्य योजना प्रस्तुत की। कोषाध्यक्ष शशांक श्रीवास्तव ने बैठक की कार्यवाही का संचालन किया। आभार उपाध्यक्ष भरत झंवर ने माना। बैठक में राज्यपाल के अपर मुख्य सचिव के. सी. गुप्ता, रेडक्रॉस सोसायटी की राज्य और जिला शाखा के पदाधिकारी और सदस्य उपस्थित रहे।
अखिल भारतीय पूर्णकालिक कार्यकर्ता अभ्यास वर्ग का आज हुआ उद्घाटन, शुभारंभ करने पहुंचे मंत्री विश्वास सारंग
3 Mar, 2025 05:25 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल: अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान विद्या भारती के 5 दिवसीय अखिल भारतीय पूर्णकालिक कार्यकर्ता अभ्यास वर्ग का शुभारंभ सोमवार को शारदा विहार भोपाल में हुआ। इस अवसर पर तीन विशेष प्रदर्शनियों- संस्कृति, डिजिटल उपलब्धियां और शिशु वाटिका का उद्घाटन मध्य प्रदेश के खेल एवं युवा कल्याण तथा सहकारिता मंत्री विश्वास कैलाश सारंग ने किया। इस कार्यक्रम में विद्या भारती के राष्ट्रीय और प्रांतीय पदाधिकारी भी मौजूद रहे। मंगलवार को कार्यक्रम के उद्घाटन समारोह में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत आएंगे। प्रदर्शनियों का अवलोकन करने के बाद मंत्री विश्वास सारंग ने मीडिया से चर्चा में विद्या भारती के कार्यों की सराहना की। उन्होंने कहा कि सरस्वती शिशु मंदिर न केवल शिक्षा प्रदान कर रहे हैं, बल्कि वे संस्कार केंद्र के रूप में भी काम कर रहे हैं। उन्होंने यह भी उम्मीद जताई कि यह अखिल भारतीय पूर्णकालिक कार्यकर्ता अभ्यास वर्ग नई शिक्षा नीति के प्रभावी क्रियान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। डॉ. मोहन भागवत करेंगे अभ्यास वर्ग का उद्घाटन
विद्या भारती द्वारा आयोजित इस 5 दिवसीय अखिल भारतीय पूर्णकालिक कार्यकर्ता अभ्यास वर्ग का उद्घाटन मंगलवार को सुबह 9 बजे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहनराव भागवत करेंगे। इस प्रशिक्षण शिविर में देशभर से 700 से अधिक कार्यकर्ता भाग ले रहे हैं।
तीन विशेष प्रदर्शनियों का आयोजन
संस्कृति प्रदर्शनी: वीरांगनाओं और विरासतों का सम्मान
यह प्रदर्शनी लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर की 300वीं जयंती और वीरांगना रानी दुर्गावती की 500वीं जयंती के अवसर पर उनके पराक्रम, व्यक्तित्व और योगदान को प्रदर्शित करती है। इसके साथ ही मध्य प्रदेश की ऐतिहासिक, धार्मिक और दार्शनिक विरासतों के महत्व को दर्शाती प्रदर्शनी भी लगाई गई है।
डिजिटल उपलब्धियां प्रदर्शनी: आधुनिक शिक्षा की झलक
यह प्रदर्शनी विद्या भारती द्वारा बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए संचालित डिजिटल गतिविधियों, सामाजिक सरोकारों और शैक्षणिक कार्यक्रमों की जानकारी प्रदान करती है।
शिशु वाटिका प्रदर्शनी: खेल के माध्यम से शिक्षा
विद्या भारती द्वारा संचालित 12 शैक्षणिक प्रणालियों को प्रदर्शित किया गया है, जिसमें खेल के माध्यम से बच्चों को शिक्षित करने की अवधारणा पर विशेष जोर दिया गया है।
बाल आयोग की वर्कशॉप : मध्यप्रदेश में RTE के तहत 12वीं तक एजुकेशन फ्री करने की संभावना बढ़ी :मुख्यमंत्री
3 Mar, 2025 04:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल: मध्यप्रदेश के प्राइवेट स्कूलों में शिक्षा का अधिकार कानून (RTE) के तहत पढ़ रहे बच्चों को कक्षा 12वीं तक मुफ्त शिक्षा का लाभ मिलने की संभावना है. अभी शिक्षा का अधिकार कानून के तहत कक्षा 8 वीं तक ही बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा दी जाती है. अब बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने मुख्यमंत्री के सामने प्रदेश में इसका दायरा 12 वीं तक किए जाने और परिवार के साथ पलायन करने वाले आदिवासी बच्चों को दूसरे जिलों में शिक्षा का लाभ दिलाने की व्यवस्था शुरू करने की मांग की है. इस मामले में मुख्यमंत्री ने कहा "कार्यक्रम में मंत्री मौजूद हैं, वह इन विषयों को गंभीरता से समझेंगी."
कार्यशाला में मुख्यमंत्री के सामने रखी मांग
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव सोमवार को कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में आयोजित निःशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा अनिनियम, पॉस्को को लेकर आयाजित कार्यशाला के शुभारंभ में पहुंचे. कार्यक्रम में मंत्री निर्मला भूरिया भी मौजूद थीं. इसी कार्यक्रम में बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष देवेन्द्र मोरे ने सरकार से मांग की "नि:शुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा के अधिनियम के तहत बच्चों को अभी कक्षा 8 वीं तक लाभ दिया जाता है, लेकिन इसके दायरे को बढाकर कक्षा 12 वीं तक किया जाना चाहिए. इससे कक्षा 8 वीं के बाद बच्चों को शिक्षा से वंचित नहीं होना पड़ेगा. प्रदेश में अभी 15 लाख बच्चे आरटीई से लाभान्वित हो रहे हैं. प्रदेश में इस 84 हजार से ज्यादा बच्चे 8 वीं क्लास में पढ़ रहे हैं. हालांकि यह विषय केन्द्र का है, लेकिन राज्य सरकार इसे अमल में लाकर नवाचार कर सकती है."
आदिवासी इलाकों के बच्चों के लिए भी मांग
बाल संरक्षण आयोग का कहना है "इसके अलावा मध्यप्रदेश के 89 ब्लॉक ट्राइबल के हैं. ट्राइबल बच्चों के बच्चे मजबूरी के चलते परिवार के साथ पलायन करते हैं. सरकार को पलायन के बाद दूसरे जिले या प्रदेश में पहुंचने पर बच्चे को शिक्षा का लाभ मिल सके, इसकी व्यवस्था की जाए. हालांकि पिछले साल राज्य शिक्षा केन्द्र ने मध्यप्रदेश से गुजरात पहुंचने आदिवासी क्षेत्र के बच्चों के लिए गुजरात 12 हजार किताबों के सेट पहुंचाए थे."
मुख्यमंत्री ने विभागीय मंत्री पर छोड़ा मामला
कार्यशाला को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा "2018 से 2024 के बीच मध्यप्रदेश में महिला एवं बाल अपराध के मामले में 48 प्रकरण में मृत्युदंड दिया गया है. राज्य सरकार हमेशा ऐसे मामलों को लेकर बेहद सख्त है. जिस समाज में यदि बच्चे, बच्चियां, महिलाएं सुरक्षित हैं, तभी देश का भविष्य है. ऐसे अपराधों से निपटने के लिए सरकार और समाज दोनों की जिम्मेदारी है. समाज भी अपनी जिम्मेदारी निभाए." मुख्यमंत्री ने बाल अधिकार आयोग की मांग को लेकर कहा "जो मुद्दा आपने उठाया है, उस क्षेत्र की मंत्री निर्मला भूरिया कार्यक्रम में मेरे जाने के बाद भी मौजूद रहेंगी, वह इसे और अच्छे से समझेंगी."
बच्चे सुरक्षित तभी भारत का भविष्य है
सीएम ने कहा जिस समाज में बच्चे, किशोर, बालिकाएं अगर सुरक्षित हैं तभी भारत का भविष्य है। कई बार मेरे मन में प्रश्न आता है कि भगवान श्री राम को जब विश्वामित्र जी राम लक्ष्मण को मांगने आए थे। उस समय उनकी आयु 11 साल थी। उस समय विश्वामित्र जी ने दशरथ जी की सेना क्यों नहीं मांगी, बच्चों को ही क्यों लिया? उनका ये निर्णय हम सबके लिए रहस्य है।लेकिन, सच्चे अर्थों में रामायण बनने की शुरुआत ही वहीं से होती है। जब वे राम-लक्ष्मण को ले जाते हैं तो बाल मन जिज्ञासु होकर पूछता है कि ये क्या है तो विश्वामित्र जी बताते हैं कि ये ऋषि मुनियों की हड्डियों के ढेर हैं। उनके ऊपर तमाम अत्याचार करके हड्डियों का ढ़ेर बना दिए गए।जैसे ही उनको पता चलता जाता वैसे ही सच्चे अर्थों में यथार्थ के जीवन से उनका परिचय होता जाता है। वे पुरुषार्थी थे तो उन्होंने उन कष्टों को खत्म किया। वो गए कहां थे और पहुंच कहां गए? ये दृष्टि समाज और समाज के माध्यम से गुरु की है। ये समाज की चेतना है कि समाज में उठने वाले सवालों के समाधान का रास्ता कैसे मिलता है ये रामायण हमें बताती है।
मंत्री बोलीं- अनाथ बच्चों के पुनर्वास की जिम्मेदारी आपकी
कार्यक्रम में महिला बाल विकास मंत्री निर्मला भूरिया ने कहा- बच्चों को न्याय दिलाने के लिए जिन्हें जिम्मेदारी दी गई है। मैं उनसे कहना चाहती हूं कि समाजसेवा का अवसर बार-बार नहीं मिलता। अपनी पूरी सजगता से बच्चों का संरक्षण हो ये ध्यान रखें। अनाथ बच्चा कहां जाएगा उसका पुनर्वास कहां होगा? ये अधिकार आप लोगों के पास है इस अधिकार से बच्चों के अधिकार संरक्षण का काम करें।जरूरतमंद बच्चे जो आप तक नहीं आ पाए उन तक आप पहुंचें। बच्चे ईश्वर का रूप होते हैं। वह देश का भविष्य हैं यदि हमें प्रधानमंत्री मोदी जी के अनुरुप देश का भविष्य स्वर्णिम बनाना है तो आज के बच्चों के वर्तमान और भविष्य को भी संवारना होगा।
पटवारी बोले- महिलाओं को असली सुरक्षा दीजिए
पीसीसी अध्यक्ष जीतू पटवारी ने सीएम की बात पर तंज कसते हुए लिखा मुख्यमंत्री जी, झूठे कागजों की ये सच्ची कलाबाजियां तालियां तो बजवा सकती हैं, लेकिन महिला उत्पीड़न के असली आंकड़ों को छुपा नहीं सकतीं! यदि बीजेपी मप्र यह सोच रही है कि दर्ज नहीं करने से महिला अपराध कम दिख जाएगा, तो मप्र को भयभीत करने वाला भ्रम है!
किसान यूनिक आईडी बनानेे में एमपी टॉप पर, 56 लाख से ज्यादा आईडी बनी
3 Mar, 2025 12:36 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल: किसान यूनिक आईडी बनाने में मध्य प्रदेश सबसे आगे है। राज्य ने लक्ष्य के मुकाबले 56 लाख से ज्यादा किसानों की यूनिक आईडी बना ली है। यह एक तरह से किसानों का डेटा बैंक है। आईडी के जरिए सरकार किसानों को योजनाओं का लाभ आसानी से दे सकेगी। किसानों को हर योजना के लिए अलग-अलग दस्तावेज और जानकारी देने की जरूरत नहीं होगी।
राज्य - लक्ष्य - आईडी - प्रतिशत
मध्य प्रदेश - 95,18,752 - 56,82,234 - 59.70
गुजरात – 66,21,097 – 39,50,207 – 59.66
महाराष्ट्र - 1,19,11,984 - 65,51,784 - 55.00
आंध्र प्रदेश - 60,02,607 - 28,55,510 - 47.57
उत्तर प्रदेश - 2,88,70,495 - 1,20,27,708 - 41.66
तमिलनाडु – 46,76,080 – 16,52,705 – 35.34
राजस्थान – 90,19,695 – 19,26,652 – 21.36
छत्तीसगढ़ – 40,08,908 – 5,60,210 – 13.97
असम – 34,88,637 – 2,93,840 – 8.42
ओडिशा – 4438559 – 99,941 – 2.25
28 फरवरी 2025 तक
मप्र में बिछेगा चार से लेकर छह लेन वाली सडक़ों का जाल
3 Mar, 2025 11:40 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । मप्र में सरकार अब सडक़ों के निर्माण पर फोकस करेगी। इसके तहत प्रदेश में चार से लेकर छह लेन वाली सडक़ों का जाल बिछेगा। दरअसल, मोहन सरकार ने निवेशकों की सुविधा और सुगम यातायात पर फोकस करना शुरु कर दिया है। यही वजह है कि अब प्रदेश में अगले पांच सालों में बेहतर सडक़ों के निर्माण पर एक लाख करोड़ रुपए खर्च करने की तैयारी कर ली गई है। अच्छी सडक़ों की वजह से प्रदेश में होने वाले औद्योगिक उत्पादन की ढुलाई में आसानी होगी। इन सडक़ों के निर्मण के लिए शासन स्तर पर बहुत तेजी से काम किया जा रहा है। इसके तहत अनुबंध से लेकर मार्ग बनाने में आने वालीं बाधाओं को दूर करने के प्रयास किए जा रहे हैं।योजना के तहत इन पांच सालों में प्रदेश में चार से लेकर छह लेन वाली सडक़ों का निर्माण किया जाएगा, जिससे कहीं भी कोई जाम जैसे हालात न बने। इसके अलावा भोपाल-इंदौर और भोपाल-जबलपुर में हाईस्पीड कारीडोर बनाने का भी प्रस्ताव है। इसी तरह से एक लाख से अधिक की आबादी वाले शहरों में रिंग रोड बनाए जाने की भी योजना है। दरअसल रिंग रोड नहीं होने से भारी वाहनों को आबादी वाले इलाकों से होकर गुजरना पड़ता है, जिससे लोगों को तो परेशानी होती ही है साथ ही कई जगहों पर नो इंट्री की वजह से भारी वाहनों को कई-कई घंटो तक इंतजार करना पड़ता है, जिससे माला ढुलाई में देरी होती है।
यह मार्ग बनेंगे चार लेन
प्रदेश में चार लेन वाले बनाए जाने वाले मार्गों के लिए एनएचआई और एमपीआरडीसी के बीच अनुबंध किया गया है। इसमें भोपाल, इंदौर और जबलपुर के अलावा प्रयागराज, जबलपुर नागपुर एक्सप्रेस वे, लखनादौन-रायपुर एक्सप्रेस वे, उज्जैन-झालावाड़ राष्ट्रीय राजमार्ग, जबलपुर-दमोह, सतना-चित्रकूट, जैसे रास्तों को राष्ट्रीय राजमार्गों से जोडकऱ इन्हें फोरलेन बनाया जाएगा। इसके साथ ही इंदौर के पूर्वी और पश्चिमी ओर नई रिंग रोड का भी निर्माण कराया जाएगा। ग्वालियर के पश्चिमी छोर पर भी रिंग रोड बनेगा। भोपाल से लेकर जबलपुर के बीच बनने वाले हाई स्पीड कॉरिडोर का निर्माण होने पर भोपाल से जबलपुर की दूरी महज 255 किलोमीटर रह जाएगी। अभी जो मार्ग है, उससे दोनों शहरों के बीच की दूरी 312 किलोमीटर है। नए मार्ग के लिए मौजूदा मार्ग के कुछ हिस्से का उपयोग करते हुए नया मार्ग तैयार किया जाएगा। यह जबलपुर से तेंदूखेड़ा, रायसेन होते हुए सीधे भोपाल आएगा और इसमें औबेदुल्लागंज नहीं पड़ेगा।
सत्र से पहले आ सकती है सूची, जीआईएस के चलते अटकी पड़ी
3 Mar, 2025 10:40 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल। प्रदेश सरकार भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारियों की तबादला सूची कभी भी जारी कर सकती है। पुलिस की तबादला सूची को लेकर एक महीने पहले ही उच्च स्तर पर चर्चा हो चुकी है, लेकिन ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के चलते पुलिस अधिकारियों की तबादला सूची को जारी नहीं किया गया। अब फिर से तबादलों की अटकलें शुरू हो गई हैं। बताया गया कि विधानसभा सत्र से पहले सूची जारी हो सकती है।
सूत्रों के अनुसार पुलिस अधिकारियों की सूची में ज्यादा नाम मैदानी अधिकारियों के हैं। जो पुलिस अधीक्षक पदोन्नत होकर उप पुलिस महानिरीक्षक बन चुके हैं, उनको हटाया जा सकता है। सूची को लेकर कुछ नामों को लेकर नए सिरे से चर्चा भी होना है। जिसमें नीमच पुलिस अधीक्षक का नाम भी शामिल होना बताया जा रहा है। पुलिस की संभावित सूची में दो दर्जन से ज्यादा अधिकारी बताए जा रहे हैं। सबसे बड़ा फेरबदल पुलिस आयुक्त प्रणाली वाले शहर भोपाल और इंदौर में होने की संभावना है। इसके अलावा कुछ रेंज आईजी एवं डीआईजी भी बदलेंगे। बताया गया कि गृह विभाग ने कार्यप्रणाली के आधार पर पुलिस अधीक्षकों की तबादला सूची तैयार की है। करीब डेढ़ दर्जन जिलों के पुलिस अधीक्षक बदलने की संभावना है।
एक महीने पहले आने थी तबादला सूची
बताया गया कि जनवरी के आखिरी में 27 जनवरी को जब मुख्यमंत्री जापान यात्रा के लिए रवाना हुए थे, उसी दिन भारतीय प्रशासनिक सेवा के 42 अधिकारियों की तबादला सूची जारी की थी। जिसमें ज्यादातर अधिकारी मैदानी पदस्थापना वाले थे। आईएएस की सूची के बाद आईपीएस अधिकारियों की सूची जारी होना प्रस्तावित थी। इस बीच गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव के सेवानिवृत्त होने की वजह से मुख्यमंत्री के विदेश से लौटने के इंतजार में सूची को जारी नहीं किया गया। मुख्यमंत्री विदेश यात्रा से लौटते ही ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट की तैयारियों में जुट गए। चूंकि अब जीआईएस निपट चुकी है। ऐसे में एक बार फिर पुलिस अधिकारियों की सूची को लेकर गृह विभाग में तबादले की फाइलें चलना शुरू हो गई हैं।
4 साल का शास्त्री और 1 साल का होगा आचार्य कोर्स
3 Mar, 2025 09:40 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय में नई शिक्षा नीति-2020 के तहत बड़ा बदलाव होने जा रहा है। विश्वविद्यालय 2025-26 सत्र से चार वर्षीय शास्त्री (यूजी) और एक वर्षीय आचार्य (पीजी) पाठ्यक्रम शुरू करेगा। नई व्यवस्था में छात्रों को कई विकल्प मिलेंगे। दो सेमेस्टर पूरा करने पर सर्टिफिकेट, चार सेमेस्टर पर डिप्लोमा और छह सेमेस्टर पूरा करने पर शास्त्री की डिग्री मिलेगी। आठ सेमेस्टर पूरा करने वाले छात्रों को शास्त्री (शोध प्रतिष्ठा) की उपाधि दी जाएगी। दस सेमेस्टर पूरा करने वाले छात्र सीधे आचार्य या स्नातकोत्तर की डिग्री प्राप्त कर सकेंगे।
पाठ्यक्रम में मेजर-माइनर विषयों का संगम होगा। वेद, ज्योतिष, व्याकरण, साहित्य, दर्शन जैसे पारंपरिक विषयों के साथ राजनीति विज्ञान, इतिहास, अंग्रेजी और हिंदी जैसे आधुनिक विषय भी शामिल हैं। कौशल विकास के तहत योग, कंप्यूटर, संगीत, नाट्य कर्मकांड, ज्योतिष और वास्तु की शिक्षा दी जाएगी। हर सेमेस्टर में मुख्य विषय 100 अंकों का होगा। इसमें 60 अंक की लिखित परीक्षा और 40 अंक का सतत मूल्यांकन शामिल है। रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए सभी छात्रों के लिए प्रशिक्षुता अनिवार्य की गई है। छात्रों को माइनर कोर्स के साथ ही इंटर डिसीप्लीनरी विषय और कौशल एवं दक्षता विकास, नैतिक मूल्य विषयों की पढ़ाई भी करनी होगी। दक्षता विकास में भाषाएं और कौशल विकास में योग, कंप्यूटर, संगीत, नाट्य कर्मकांड, ज्योतिष, वास्तु आदि विषय होंगे।
कांग्रेस ने सरकार को घेरने की बनाई रणनीति, नेता प्रतिपक्ष ने लगाए गंभीर आरोप
3 Mar, 2025 08:40 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । मप्र में बजट सत्र की तैयारियां शुरू कर दी गई है। सत्र 10 मार्च से शुरू होगा और 24 मार्च चलेगा। वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा, 12 मार्च को सदन में बजट पेश करेंगे। वहीं कांग्रेस ने भी भ्रष्टाचार को लेकर सरकार को घेरने के लिए खास रणनीति बनाई है। कांग्रेस सौरभ शर्मा का मुद्दा विधानसभा में उठाएगी।
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि जनता की गाढ़ी कमाई में भ्रष्टाचार हुआ है, ऐसे में अहम विधानसभा में सौरभ शर्मा मामले को उठाएंगे। इसके साथ ही एक साल से अधिक का समय सरकार बने हो गया है, लेकिन वादे पूरे नहीं हुए। वादे पूरे करने को लेकर भी सरकार को सदन में घेरेंगे। यूनियन कार्बाइड कचरे को लेकर नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने सरकार पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि पीथमपुर की जमीन को सरकार भू माफिया को बेचना चाहती है। इसलिए वहां पर कचरा नष्ट किया जा रहा है, ताकि वहां के लोग अपनी जमीन बेचकर चले जाएं। इंदौर बीआरटीएस के हटाए जाने पर भी नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सरकार को आगामी हालातों को देखते हुए प्रोजेक्ट बनाना चाहिए। लेकिन सरकार हर प्रोजेक्ट में भ्रष्टाचार करती है। उन्होंने कहा कि जब तक किसी प्रोजेक्ट को खत्म नहीं करेंगे तो, नए प्रोजेक्ट में भ्रष्टाचार करने का मौका नहीं मिलेगा, इसलिए इंदौर का बीआरटीएस तोड़ा जा रहा है।
प्रदेश के 10 नगरों में नक्शा कार्यक्रम लागू
2 Mar, 2025 11:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने प्रदेश के 9 जिलों के 10 नगरों में नक्शा कार्यक्रम लागू किया है। इसे केन्द्रीय भूमि संसाधन विभाग ने 'डिजिटल इण्डिया लैण्ड रिकॉर्ड्स और मॉडर्नाइजेशन प्रोग्राम' के तहत शुरू किया है। नक्शा कार्यक्रम (नेशनल जियो स्पिेटियल नॉलेज बेस्ड लैण्ड सर्वे ऑफ अर्बन हेबिटेशन) सम्पत्ति लेन-देन और ऋण प्राप्ति को सरल बनायेगा।
यह कार्यक्रम प्रापर्टी टैक्स कलेक्शन में सुधार और वित्तीय स्थिति को सुदृढ़ करेगा। प्रदेश में यह कार्यक्रम 9 जिलों के 10 नगरों में लागू किया जा रहा है। इनमें शाहगंज, छनेरा, अलीराजपुर, देपालपुर, धार कोठी, मेघनगर, माखन नगर (बाबई), विदिशा, साँची और उन्हेल शामिल हैं। नक्शा कार्यक्रम के अंतर्गत चयनित नगरों में जियो स्पिेटियल मेपिंग करना और भूमि सर्वेक्षण में आधुनिक तकनीकों का प्रयोग करना शामिल है।
ई-नगरपालिका 2.0
प्रदेश में ई-नगरपालिका के माध्यम से सभी नागरिक सेवाएँ ऑनलाइन प्रदाय की जा रही हैं। योजना के दूसरे चरण में पोर्टल के अंतर्गत 16 मॉड्यूल तथा 24 नागरिक सेवाएँ शामिल की जा रही हैं। इसी के साथ इनका डाटा प्रबंधन क्लाउड सेवाओं द्वारा प्रतिस्थापित किया जा रहा है। ई-नगरपालिका 2.0 में जीआईएस एकीकरण और ऑर्टीफिशियल इंटेलीजेंस का उपयोग किया जा रहा है। कॉमन सर्विस सेंटर, एमपी ऑनलाइन कियोस्क सेंटर और भुगतान गेटवे के साथ ई-नगरपालिका 2.0 का एकीकरण किया जा रहा है।
स्व-चालित भवन योजना
प्रदेश के नगरीय निकायों में स्व-चालित भवन योजना अनुमोदन प्रणाली (एबीपीएएस 3.0) के माध्यम से पूर्व में आ रही कठिनाइयों को दूर किया जा रहा है। उन्नत परियोजना एबीपीएएस 3.0 में जीआईएस टेक्नोलॉजी, ओपन सोर्स प्लेटफार्म और कॉलोनी विकास अनुज्ञा से संबंधित समस्त प्रक्रियाओं से जुड़ी आधुनिक तकनीकों को शामिल किया गया है।
महिलाओं ने अपनी लेखनी से समाज को दिशा दी - मंत्री भूरिया
2 Mar, 2025 10:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : लेखन समाज का दर्पण होता है। जब एक लेखिका अपनी रचनाओं के माध्यम से महिलाओं की स्थिति, उनके अधिकारों, उनके संघर्षों और उनके उत्थान की बात करती है, तो वह केवल अपनी ही कहानी नहीं बयां करती, बल्कि वह उन सभी महिलाओं की बात करती है जो मौन हैं, जो संघर्ष कर रही हैं और जो बदलाव की प्रतीक्षा कर रही हैं। यह बात महिला बाल विकास मंत्री सुनिर्मला भूरिया ने कहीं। वे हिंदी भवन के सभागार में हिंदी लेखिका संघ मध्यप्रदेश द्वारा आयोजित 30 वां वार्षिक कृति पुरस्कार एवं सम्मान समारोह 2024-25 में संबोधित कर रही थी।
सुभूरिया ने कहा कि लेखन समाज के हर वर्ग को संदेश देता है। महिला लेखिकाओं का योगदान अमूल्य है और हम सभी को इसे पहचानने और प्रोत्साहित करने की जरूरत है।उन्होने कहा कि हिन्दी साहित्य का इतिहास समृद्ध और विविधताओं से भरा हुआ है, जिसमें नारी का योगदान एक अहम् और विशिष्ट स्थान रखता है। हमारे देश के साहित्य में अनेक महान लेखिकाओं का योगदान रहा है, जिन्होंने न केवल समाज में विद्यमान सामाजिक कुरीतियों और भेदभाव को उजागर किया, बल्कि उन्होंने अपने लेखन के माध्यम से नारी के अधिकारों की लड़ाई भी लड़ी। यही कारण है कि हमें यह समझने की जरूरत है कि महिला लेखिकाओं ने केवल साहित्य में ही नहीं, बल्कि समाज में भी एक नई दिशा का संचार किया है।
मंत्री सुभूरिया ने कहा कि प्रारंभ में महिला लेखकों को पुरुष लेखकों के मुकाबले कम मान्यता मिलती थी। लेकिन समय के साथ हमारे समाज और साहित्य में बदलाव आया है। आज ऐसी अनेक महिला लेखिकाएं हैं, जिन्होंने अपने लेखन से साहित्यिक जगत को एक नया आयाम दिया है। महिला लेखिकाओं ने हर क्षेत्र में अपनी उपस्थिति दर्ज की है। चाहे वह कहानी हो, कविता हो, उपन्यास हो या निबंध हो, हर रूप में उनकी आवाज़ सुनाई दी है।
महिला-बाल विकास मंत्री सुभूरिया ने कहा कि यह सम्मान समारोह नई लेखिकाओं के लिए एक प्रेरणा का स्रोत बनेगा। हमें यह समझने की जरूरत है कि साहित्य में नया दृष्टिकोण, नयी सोच और नवाचार की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण होती है। आज हम जिन लेखिकाओं को सम्मानित कर रहे हैं, उन्होंने न केवल साहित्य की दुनिया को समृद्ध किया है, बल्कि वे अपने लेखन के माध्यम से समाज के हर वर्ग, हर मुद्दे को जागरूकता और संवेदनशीलता से पेश कर रही हैं।उन्होंने कहा कि हिन्दी लेखिका संघ द्वारा आयोजित यह सम्मान समाराह सिर्फ एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि यह महिला लेखन के प्रति हमारी न्यायसंगत समझ और समर्पण का प्रतीक है। हम सभी को मिलकर यह सुनिश्चित करना होगा कि महिलाएं अपने लेखन के माध्यम से अपनी आवाज़ उठाएं और समाज में बदलाव लाने में सक्षम हों।
कार्यक्रम में हिंदी लेखिका संघ के प्रतिष्ठित सम्मान 2024-25, अमृत पर्व सम्मान वह वह हिंदी लेखिका संघ के कीर्ति पुरस्कार 2024-25 प्राप्त करने वाली लेखिकाओं को शॉल, श्रीफल, पुरस्कार व प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। इसी दौरान वरिष्ठ पत्रकार सम्मान एवं युवा पत्रकार सम्मान भी प्रदान किया गया।
हिंदी लेखिका संघ की स्थापना 1975 में हुई थी आज इसको 30 वर्ष हो गए हैं। यह संस्था लेखिकाओं की सृजनात्मक क्षमता को समाज में अभिव्यक्ति के अवसर प्रदान करती है। इस अवसर पर डॉ. रामदरश मिश्र और हरिशंकर परसाई की जन्मशती पर उनके व्यक्तित्व और कृतित्व पर केंद्रित 'सर्जना' वार्षिक स्मारिका व सांझा कहानी संकलन "स्त्री मन की कहानियाँ " का लोकार्पण किया गया।
इस अवसर पर रविंद्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय के कुलाधिपति एवं विश्व रंग के निदेशक संतोष चौबे, रामायण शोध केंद्र भोपाल के निदेशक डॉ राजेश श्रीवास्तव, शिक्षाविद एवं वरिष्ठ साहित्यकार डॉक्टर आरती दुबे ने भी अपने विचार व्यक्त किये। कार्यक्रम में साहित्य जगत से जुड़े विकास दवे, ओपी श्रीवास्तव व लेखिकाएं उपस्थित थी।