मध्य प्रदेश
वंदे भारत एक्सप्रेस में लगा चार चांद, अनाउंस नई सुविधा इन रूट्स पर मिलेगी
14 Mar, 2025 11:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
देश में जब से वंदे भारत लॉन्च हुई है, तभी से यात्रियों के लिए सफर और आसान हुआ है. कम समय में यात्री वंदे भारत ट्रेन के जरिए लंबी दूरी आराम से तय कर लेते हैं. वहीं अगर वंदे भारत की सुविधाओं में और इजाफा हो तो यह किसी सोने पर सुहागा से कम नहीं होगा. आईआरसीटीसी ने ऐसा ही कुछ नया अपनी वंदे भारत ट्रेनों में किया है, यह सुविधा अभी एक रूट पर शुरू की गई है, जो जल्द ही पूरे देश में दी जाएगी. इसके साथ ही मध्य प्रदेश के चार रूटों पर यह सुविधा भी जल्द शुरू होगी.
वंदे भारत में मिलेंगे पैक्ड आइटम
जी हां, आपने सही सुना है, वंदे भारत एक्सप्रेस में सफर करने वाले यात्रियों के लिए खुशखबरी है. अब सफर के दौरान आपकी सुविधाओं में और भी इजाफा किया गया है. जी हां ट्रेन में नाश्ता के अलावा पैक्ड आइटम भी रखे गए हैं. अगर आप बाहर का चटपटा खाने के शौकीन हैं, तो वंदे भारत एक्सप्रेस ने आपकी इस समस्या का हल कर दिया है. आईआरसीटीसी यानि भारतीय रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन ने यह सुविधा यात्रियों के अच्छे के लिए शुरू की है. बता दें पहले से बुक किए गए खाने के साथ-साथ अब वेंडर ट्रॉली के जरिए यह एक्स्ट्रा सुविधा भी मिलेगी. लिहाजा आप अपनी मनचाही चीजें खरीद सकते हैं.
एमपी के इन रूटों पर शुरू होगी सुविधा
आपकी जानकारी के लिए बता दें यह सुविधा सबसे पहले गोरखपुर रूट पर शुरू की है, लेकिन जल्द ही इसे मध्य प्रदेश के चार रूट पर शुरू किया जाएगा. भोपाल से दिल्ली वंदे भारत, इंदौर नागपुर वंदे भारत एक्सप्रेस, भोपाल रीवा वंदे भारत एक्सप्रेस, खजुराहो नई दिल्ली वंदे भारत एक्सप्रेस में शुरू की जाएगी. अभी तक यात्रियों को टिकट बुकिंग के समय नाश्ता और खाना बुक करना पड़ता था, लेकिन ट्रॉली वेंडर के जरिए दूसरी खीने-पीने की चीजें खरीदी जा सकेंगी. इस सुविधा का फायदा यह होगा कि, अगर किसी यात्री ने खाना नहीं खाना चाहता तो वह पैक्ड आइटम के जरिए अपनी भूख मिटा सकता है.
वंदे भारत में मिलेगा चिप्स, कोल्ड ड्रिंग और बिस्किट
वहीं इस सुविधा के बारे में भोपाल रेल मंडल के सीनियर डीसीएम सौरभ कटारिया ने बताया कि "रेलवे बोर्ड वंदे भारत ट्रेनों में यात्रियों को बेहतर सुविधाएं देने के लिए प्रतिबद्ध है. इसी कड़ी में अब वंदे भारत ट्रेन में खाना और नाश्ता के अलावा चिप्स कोल्ड ड्रिंक व अन्य पैक्ड उत्पादन भी परोसने की तैयारी की जा रही है. इसकी शुरुआत गोरखपुर अयोध्या लखनऊ वंदे भारत से की जा रही है."बता दें इससे पहले एक और नियम में रेलवे प्रशासन ने छूट दी थी, जो खाना बुकिंग को लेकर थी. इसमें अगर किसी यात्री ने पहले खाना प्री बुक नहीं किया है, तो वह अब सफर के दौरान खाना खरीद सकता है. यह सुविधा यात्रियों की सहूलियत के लिए दी गई है.
पीतांबरा पीठ के आचार्य ओम नारायण शास्त्री का निधन, राष्ट्ररक्षा अनुष्ठान में निभाई थी अहम भूमिका
14 Mar, 2025 08:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
दतिया: पीतांबरा पीठ के मुख्य आचार्य पं ओम नारायण शास्त्री का गुरुवार की शाम निधन हो गया. वह लंबे समय से बीमार चल रहे थे. ग्वालियर के हॉस्पिटल में इलाज के दौरान उन्होंने 90 साल की उम्र में अंतिम सांस ली. उनके निधन की खबर सुनते ही पीठ और दतिया में शोक की लहर दौड़ गई. हर कोई उन्हें अपने तरीके से याद कर रहा है. जानकारी के अनुसार उनका अंतिम संस्कार शुक्रवार को लक्ष्मण लाल मुक्ति धाम में 10:00 बजे किया जाएगा. आचार्य बाल काल से ही पीतांबरा पीठ पर जुड़े हुए थे और मां बगलामुखी की सेवा में अपना ध्यान लगाते थे.
1962 में राष्ट्ररक्षा अनुष्ठान में निभाई अहम भूमिका
सन 1962 में चीन ने भारत पर आक्रमण किया था. उस समय सीमा विवाद को लेकर चीन ने भारत पर हमला बोल दिया था. पीठ से जुड़े कुछ साधक बताते हैं भारत और चीन का युद्ध रोकने के लिए पीतांबरा पीठ पर पूज्य स्वामी जी महाराज ने विशेष अनुष्ठान किया था. जिसमें स्वामी जी महाराज ने आचार्य ओम नारायण शास्त्री जी को भी उस अनुष्ठान में शामिल किया था. उस समय 80 विद्वानों द्वारा ये अनुष्ठान किया गया था, जिसमें दतिया से आचार्य ओम नारायण शास्त्री भी शामिल थे.
गुरु दीक्षा और अनुष्ठान जैसी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी का निभाया दायत्व
पीठ पर गुरु दीक्षा दिलाने की जिम्मेदारी और अनुष्ठान कराने का जिम्मा भी आचार्य ओम नारायण शास्त्री पर लंबे समय तक रहा. शास्त्री जी ने सन 1962 में स्वामी जी महाराज से दीक्षा ली थी और लंबे समय तक पीठ के पुजारी के रूप में अहम भूमिका निभाई. उसके बाद उन्हें आचार्य का दर्जा दिया गया. पीठ पर कुल चार आचार्य हैं, जिसमें आचार्य ओम नारायण शास्त्री सबसे वरिष्ठ आचार्य थे. पीठ से जुड़े साधक बताते हैं शास्त्री जी ने स्वामी जी महाराज से भी कुछ शिक्षा प्राप्त की और उन्हें संस्कृति व्याकरण में भी महारत हासिल थी.
पीठ प्रबंध महेश दुबे ने कहा, शास्त्री का जाना अपूरणीय क्षति
पीतांबरा पीठ के प्रबंध महेश दुबे का कहना है कि, ''आचार्य ओम नारायण शास्त्री जी का जाना मंदिर के लिए एक अपूरणीय क्षति है. उन जैसा विद्वान हमारे मंदिर में कोई नहीं है. वह पूज्य स्वामी जी महाराज जी के बहुत करीबी भी थे.'' मंदिर प्रबंधक महेश दुबे ने बताया की उनके अंतिम संस्कार के बाद आज शाम को मंदिर में शोक सभा का भी आयोजन भी किया जाएगा.
शिवराज सहित नेताओं ने जताया दुख
आचार्य पं ओम नारायण शास्त्री के निधन पर केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान, कांग्रेस नेता कमलनाथ और नकुलनाथ ने दुख जताया है. शिवराज ने अपने 'X' हैंडल पर लिखा, ''पीतांबरा पीठ दतिया के आचार्य, श्रद्धेय पंडित श्री ओम नारायण शास्त्री जी के देवलोक गमन का समाचार सुनकर हृदय व्यथित है. ईश्वर से प्रार्थना है कि पुण्यात्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें और उनके अनुयायियों को यह असीम दुःख सहन करने की शक्ति प्रदान करें. पूज्य आचार्य जी को भावभीनी श्रद्धांजलि! ।। ॐ शांति ।।.
संस्कृत के प्रकांड विद्वान थे आचार्य नारायण शास्त्री
वहीं कमलनाथ ने अपने 'X' हैंडल पर लिखा, ''पीतांबरा पीठ दतिया के आचार्य पंडित श्री ओम नारायण शास्त्री जी के ब्रह्मलोक गमन का दुःखद समाचार प्राप्त हुआ. पंडित श्री शास्त्री संस्कृत के प्रकांड विद्वान होने के साथ साथ पीतांबरा पीठ दतिया के आचार्य भी थे. उन्होंने अपना संपूर्ण जीवन पीठ के लिए समर्पित कर दिया था. आचार्य जी के निधन से भारत के आध्यात्मिक जगत को अपूरणीय क्षति हुई है. परमपिता परमात्मा उन्हें मोक्ष प्रदान करे और उनके भक्तों तथा शिष्यों को यह दुख सहन करने की शक्ति प्रदान करे.
प्रेम, आत्मीयता और सौहार्द से होली मनायें : उप मुख्यमंत्री श्री देवड़ा
13 Mar, 2025 10:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा ने प्रदेशवासियों को शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि होली आत्मीयता, प्रेम, सौहार्द का पर्व है इसे सभी के साथ खुशी से मनाये। होली हमें सामाजिक सद्भाव और समरसता का संदेश देती है। उप मुख्यमंत्री देवड़ा ने कामना की है कि होली के पावन पर्व पर प्रदेशवासियों के जीवन में सुख, समृद्धि और खुशहाली आए।
उप मुख्यमंत्री देवड़ा ने कहा कि हम सबको प्राकृतिक रंगों से होली खेलना चाहिये। उन्होंने प्रदेशवासियों के उत्तम स्वास्थ्य और समृद्धि की कामना करते हुए कहा कि यह त्यौहार सभी जीवन में नई ऊर्जा लाये।
सक्षम आंगनवाड़ी एवं मिशन पोषण 2.0 के तहत आंगनवाड़ी कार्यकताओं का होगा प्रशिक्षण
13 Mar, 2025 10:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : केन्द्र सरकार के "पोषण भी-पढाई भी" कार्यक्रम के तहत प्रदेश की समस्त आंगनवाड़ी कार्यकताओं को नेशनल करिकल्म फॉर अर्ली चाईल्डहूड केयर एण्ड एजुकेशन 2024 (आधारशिला) एवं नेशनल फ्रेमवर्क फॉर अर्ली चाईल्डहूड स्टीमूलेशन 2024 (नवचेतना) के अनुसार प्रशिक्षित किया जाएगा। दो चरणों में यह प्रशिक्षण कार्यक्रम 20 से 22 मार्च 2025 और 24 से 26 मार्च को होगा। आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को 3 वर्ष से कम आयु के बच्चों के पालकों को बाल विकास को प्रेरित करने के संबंध में जागरूक करने, पोषण संबंधी गतिविधियों, 3-6 वर्ष के बच्चों की प्रारंभिक शिक्षा और बच्चों में दिव्यांगता एवं विकास में देरी के संबंध में पालकों को जागरूक करने जैसे विषयों पर प्रशिक्षित किया जाएगा।
आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित करने के लिये राष्ट्रीय जन सहयोग एवं बाल विकास संस्थान नई दिल्ली एवं इंदौर द्वारा ऑनलाइन एवं ऑफलाइन प्रशिक्षणों के माध्यम से परियोजना अधिकारियों एवं पर्यवेक्षकों को मास्टर ट्रेनर्स के रूप में तैयार किया गया है। "पोषण भी-पढ़ाई भी" कार्यक्रम के सफल आयोजन को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से महिला बाल विकास विभाग के संभागीय संयुक्त संचालकों एवं जिला कार्यक्रम अधिकारियों के उन्मुखिकरण के लिये एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन भोपाल के होटल रेडिसन में 18 मार्च को प्रात: 9:30 बजे किया जा रहा है।
बिजली उपभोक्ता सतर्कता एवं अन्य जांच के देयकों का करें ऑनलाइन भुगतान
13 Mar, 2025 10:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा कंपनी कार्यक्षेत्र के भोपाल, नर्मदापुरम, ग्वालियर एवं चंबल संभाग के अंतर्गत आने वाले 16 जिलों के ऐसे बिजली उपभोक्ता जिन्हें बिजली कंपनी के सतर्कता एवं अन्य जांच दलों ने अनंतिम/अंतिम देयक जारी किये हैं, उनके भुगतान के लिए कंपनी की वेबसाइट portal.mpcz.in पर ऑनलाईन भुगतान की सुविधा उपलब्ध है।
मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने बताया है कि ऐसे व्यक्ति अथवा बिजली उपभोक्ता जिनके परिसर में बिजली के अनधिकृत उपयोग या फिर अन्य किसी भी अनियमितता के चलते बिजली कंपनी के सतर्कता एवं अन्य जांच दलों द्वारा प्रकरण पंजीबद्ध कर उन्हें अनंतिम/अंतिम देयक जारी किया गया है, तो अब उसके भुगतान के लिए कंपनी के जोन/वितरण केन्द्र कार्यालय के साथ-साथ घर बैठे ही कंपनी की बेवसाइट portal.mpcz.in पर भी ऑनलाईन भुगतान कर सकते हैं।
कंपनी ने कहा है कि सतर्कता एवं अन्य जांच में कंपनी द्वारा जारी अनंतिम/अंतिम देयक के भुगतान के लिए संबंधित व्यक्ति/ उपभोक्ता कंपनी की वेबसाइट पोर्टल portal.mpcz.in पर LT Services में दिये गये View/Pay Bill पर क्लिक कर Vigilance bill विकल्प पर जाना होगा। इस विकल्प पर जाने के बाद ऑनलाइन भुगतान के लिये उपभोक्ता क्रमांक अथवा पंचनामा/पेज क्रमांक में से किसी एक विकल्प का चयन करने पर सतर्कता के अनंतिम/अंतिम बिल की जानकारी प्रदर्शित होगी। साथ ही पूर्व में जारी किये गये सतर्कता जांच के देयकों को भी पूर्ण विवरण के साथ व्यु बिल विकल्प के माध्यम से देखा जा सकेगा। उपभोक्ता निर्धारित प्रक्रिया का पालन कर अपनी सुविधानुसार ऑनलाइन भुगतान के लिये क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड, इंटरनेट बैंकिंग, यूपीआई अथवा क्यू आर कोड के माध्यम से आसानी से बिल का भुगतान कर सकते हैं।
वन्य जीवों से किसानों की फसल हानि रोकने के लिए करें सभी उपाय - मुख्यमंत्री डॉ. यादव
13 Mar, 2025 10:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि मध्यप्रदेश वन्य जीवों से समृद्ध है। शेर, बाघ, चीता, सांभर, हाथी सभी यहां उपलब्ध हैं। वन्य जीवों के कल्याण के लिए सभी प्रयास किए जाएं। प्रदेश के वनों में रह रहे हाथियों के कल्याण की भी चिंता करें। इनके भोजन की व्यवस्था करें। घास के मैदान बनाएं ताकि वे भोजन की तलाश में आबादी क्षेत्रों में यहां-वहां न भटकें। इससे किसानों की फसल हानि भी रूकेगी और मानव-हाथी के बीच टकराव की स्थिति के स्थान पर साहचर्य की भावना विकसित होगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने गुरुवार को मुख्यमंत्री निवास स्थित समत्व भवन में मध्यप्रदेश टाइगर फाउंडेशन समिति की 15वीं आमसभा की बैठक की अध्यक्षता कर यह निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में वन्य जीव पर्यटन को बढ़ावा दिया जाएगा। इसके लिए जहां बेहतर सुविधा उपलब्ध हो वहां वन्य जीव रेस्क्यू सेंटर कम जू स्थापित करने के लिए केन्द्र सरकार, सेंट्रल जू अथॉरिटी व अन्य वन्य जीव संस्थानों से मार्गदर्शन लेकर इस दिशा में आगे बढ़ें। वन्य जीवों को खुले में देखना पर्यटकों के लिए सदैव सहज आकर्षण का केन्द्र होता है और मध्यप्रदेश में इस दिशा में कार्य कर वन्य जीव पर्यटन को एक नई दिशा की ओर ले जाएं। बैठक में मध्यप्रदेश टाइगर फाउंडेशन समिति के सदस्य विधायक हेमंत खंडेलवाल, मोहन नागर, अन्य सदस्यगणों सहित मुख्यमंत्री कार्यालय में अपर मुख्य सचिव डॉ. राजेश राजौरा, अपर मुख्य सचिव वन अशोक बर्णवाल, प्रधान मुख्य वन संरक्षक, चीफ वाईल्ड लाईफ वार्डन व अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
नील गाय एवं कृष्ण मृग पकड़कर अन्यत्र किए जाएंगे स्थानांतरित
बैठक में बताया गया कि प्रदेश में किसानों को जंगली पशुओं से होने वाली फसल हानि को रोकने के लिए विशेष कार्य योजना बनाई गई है। फसल हानि करने वाली नीलगायों एवं कृष्णमृगों (ब्लैक बक) को पकड़कर अन्यत्र स्थापित किया जाएगा। इन वन पशुओं को पकड़ने के लिए रॉबिन्सन 44 नामक हेलीकॉप्टर किराये पर लिया जाएगा। इसके लिए ई-टेंडर के जरिए निविदाएं भी आमंत्रित की गई हैं। किन्तु तीन निविदाएं बुलाने के बावजूद अभी तक वांछित हेलीकॉप्टर एवं अनुभवी पॉयलट की निविदा प्राप्त नहीं हुई है। इसलिए कैप्चर ऑपरेशन पूरा करने के लिए रॉबिन्सन 44 हेलीकॉप्टर या इसके समकक्ष विमान उपलब्ध कराने के लिए प्रमुख सचिव विमानन से अनुरोध किया गया है। हेलीकॉप्टर उपलब्ध होने पर नीलगाय और ब्लैक बक कैप्चर कार्य तत्काल प्रारंभ कर दिया जाएगा, इससे किसानों की फसल हानि रूकेगी।
बैठक में बताया गयाकि समिति द्वारा पेंच, सतपुड़ा, वीरांगना दुर्गावती टाइगर रिजर्व, रालामण्डल, कूनो, गांधीसागर, वन्य जीव अभयारण्य एवं माधव राष्ट्रीय उद्यान में अब तक 180 जागरूकता कैम्प, 24 क्षमता उन्नयन कैम्प एवं 14 कर्मचारी कल्याण (सोलर इलेक्ट्रिफिकेशन ऑफ पेट्रोलिंग कैम्प) आयोजित किए गए। मध्यप्रदेश टाइगर फाउंडेशन समिति द्वारा नवीन वन भवन में एक स्मारिका दुकान स्थापित की जाएगी। यह सीधे समिति द्वारा ही संचालित की जाएगी। इस दुकान से प्राप्त होने वाली आय का उपयोग वन्य जीव संरक्षण में कार्यरत कर्मचारियों के कल्याण के लिए किया जाएगा। समिति द्वारा गत 29 जुलाई को मुख्यमंत्री डॉ. यादव के मुख्य आतिथ्य में अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस 2024 मनाया गया। इसके अलावा क्लोज-टू-मॉय हार्ट अभियान के जरिए जनसामान्य से सहयोग भी प्राप्त किया गया।
वनमंडलों में कार्यरत वनकर्मियों को समिति देगी 5 लाख रूपए तक की आर्थिक सहायता
प्रदेश के अंतर्गत संरक्षित क्षेत्रों/वनमंडलों में कार्यरत वनकर्मियों की वन्य जीव संरक्षण/रेस्क्यू कार्यों में आकस्मिक दुर्घटनाओं के दौरान गंभीर रूप से घायल होने पर वनकर्मियों को उपचार के लिए तात्कालिक राशि की आवश्यकता होती है, ऐसी स्थिति में अन्य मदों से राशि न उपलब्ध होने की स्थिति में प्रत्येक प्रकरण में उपचार के लिए तात्कालिक आर्थिक सहायता 5 लाख रूपए की राशि तक एवं आवश्यक होने पर एयर एम्बुलेंस उपलब्ध कराने के लिए आवश्यक राशि का भुगतान मध्यप्रदेश टाइगर फाउंडेशन समिति के अंतर्गत वन्यजीव संरक्षण योजनाओं अंतर्गत स्वीकृत कॉपर्स फंड से किया जाएगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रस्ताव का अनुमोदन किया। बैठक में समिति द्वारा प्रस्तावित अन्य विकास कार्यों एवं प्रस्तावों का भी अनुमोदन किया गया।
मध्यप्रदेश टाइगर फाउंडेशन समिति के कार्य एवं उद्देश्य
मध्यप्रदेश शासन द्वारा वर्ष 1997 में नवाचार करते हुये मध्यप्रदेश टाइगर फाउंडेशन समिति का गठन मध्यप्रदेश सोसायटी रजिस्ट्रीकरण अधिनियम, 1973 के अंतर्गत 15 जनवरी 1997 को किया गया था। समिति एवं आमसभा के अध्यक्ष वन मंत्री (म.प्र. शासन) पदासीन होते हैं एवं शासी निकाय के अध्यक्ष, अपर मुख्य सचिव, वन (म.प्र. शासन) पदाधीन हैं। समिति के सचिव, प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्य जीव) एवं मुख्य वन्यजीव अभिरक्षक (चीफ वाईल्ड लाईफ वार्डन) हैं। यह समिति गैर शासकीय संगठनों (एनजीओ), जन सहयोग एवं विषय से जुड़ी अन्य संस्थाओं के साथ मिलकर प्रदेश में वन्यजीव संरक्षण का कार्य करती है। विभिन्न सहयोगियों से प्राप्त होने वाली दान/सहयोग राशि एवं सामग्री को संरक्षित क्षेत्रों में आवश्यक विशिष्ट प्रबंधकीय जरूरतों के लिए उपलब्ध कराती है। इसके अतिरिक्त मध्यप्रदेश टाइगर फाउंडेशन समिति जन समुदाय में वन्य जीव संरक्षण के प्रति जागरूकता एवं आपसी जुड़ाव बढ़ाने के लिये विभिन्न अभियानों/कार्यक्रमों का आयोजन भी करती है।
शिवपुरी में संचालित खदान क्रशर प्लांट में ब्लास्टिंग से स्थानीय मकान हो रहे क्षतिग्रस्त
13 Mar, 2025 10:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
शिवपुरी: जिले के बदरवास थाना क्षेत्र में संचालित खदान क्रशर प्लांट आमजन की परेशानी बन चुके हैं. खदानों में होने वाली ब्लास्टिंग से आसपास के मकानों को भी नुकसान पहुंच रहा है. इनमें से उड़ने वाली धूल से खेती की जमीन भी प्रभावित हो रही है. स्थानीय लोग तेजी से बीमार हो रहे हैं. ग्रामीणों ने प्रशासन से मामले की शिकायत की है, लेकिन आरोप है कि अधिकांश खदान नेताओं की होने के चलते अभी तक किसी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है.
100 एकड़ की फसलें हो रही प्रभावित
खनिज विभाग के आंकड़ों के अनुसार, कोलारस विधानसभा के बदरवास तहसील में करीब एक दर्जन क्रशर प्लांट के संचालन की अनुमति दी गई है. हालांकि कुछ प्लांटों में अभी तक काम शुरू नहीं हुआ है. वहीं कुछ अन्य कारणों से कुछ प्लांट बंद पड़े हैं. बीते दिनों बामौर गांव के लोगों ने क्रशर संचालकों के द्वारा की जा रही ब्लास्टिंग के चलते हो रहे मकान क्षतिग्रस्त की शिकायत प्रशासनिक अधिकारियों से की थी. हालांकि, इस पर कोई कार्रवाई नहीं होने के कारण स्थानीय लोगों में बहुत आक्रोश है. वहीं किसानों का आरोप है कि क्रशर प्लांट से उड़ने वाली धूल से करीब 100 एकड़ तक की फसलें प्रभावित हो रही हैं. जिस कारण खेतों के बंजर होने का भी खतरा बना हुआ है.
स्थानीय लोग हो रहे गंभीर बीमारियों के शिकार
खनिज विभाग और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने क्रशर खदानों को लेकर सख्त नियम बनाए हैं, नियमानुसार आवासीय बस्ती से कम से कम 500 मीटर की दूरी पर ही क्रशर खदान संचालित हो सकती हैं. जबकि यहां नियमों को ताक पर रखकर आवासीय क्षेत्र से बिल्कुल नजदीक क्रशर खदान संचालित हो रही है. जिससे पर्यावरण में प्रदूषण और धूल मिट्टी फैलने के कारण स्थानीय लोग आंखों से संबंधित रोग, दमा और खांसी सहित सिलिकोसिस रोग की चपेट में आ रहे हैं.
शिकायत पर नहीं हुई कार्रवाई
बदरवास क्षेत्र के ग्राम धुवाई निवासी वीरेंद्र और बलवीर आदिवासी ने हाल ही में प्रशासनिक अधिकारियों से मामले की शिकायत दर्ज कराई थी. शिकायत में कहा था कि उनकी भूमि पर अवैध उत्खनन किया जा रहा है. साथ ही इलाके में चार क्रशर खदान संचालकों द्वारा चरनोई की जमीन पर भी खनन शुरू कर दिया है. ये लोग एक जगह पत्थर खत्म होने के बाद दूसरी जगह खनन शुरू कर देते हैं, लेकिन प्रशासन द्वारा शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं की गई.पूरे मामले में कोलारस एसडीएम अनूप श्रीवास्तव ने कहा, "हमें इस तरह की शिकायतें प्राप्त हुई थीं. हमने इलाके की प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की टीम के साथ निरीक्षण किया था. जिसमें यह पाया गया कि सभी क्रशर खदान संचालकों के पास सभी अनुमतियां थीं. क्षेत्र में हाल ही में एक नया क्रशर प्लांट शुरू हुआ है. हमने जब जनसुनवाई की थी तो किसी ने भी शिकायत दर्ज नहीं कराई. यदि फिर भी इस प्रकार की कहीं कोई दिक्कत या शिकायत है तो जांच कराकर उचित वैधानिक कार्रवाई की जाएगी."
भोपाल के 2 विद्यार्थी प्रेरणा कार्यक्रम से जुड़े
13 Mar, 2025 09:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : केन्द्रीय शिक्षा मंत्रालय के स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने "प्रेरणा" एक अनुभावात्मक शिक्षण कार्यक्रम शुरू किया है। भोपाल के 2 विद्यार्थियों को इस कार्यक्रम से जुड़ने का मौका मिला है। इन विद्यार्थियों ने कार्यक्रम से अपनी विरासत और संस्कृति पर गर्व करने के साथ एक अच्छे नागरिक बनने के गुण भी सीखे हैं।
केन्द्रीय शिक्षा मंत्रालय के प्रेरणा कार्यक्रम में भोपाल के चयनित 2 विद्यार्थी छात्रा मुस्कान मालवीय पीएमस्कूल बरखेड़ा और छात्र आशुतोष द्विवेदी महात्मा गांधी सीएम राइज स्कूल पिपलानी ने 7 दिन गुजरात के बड़नगर में प्रशिक्षण प्राप्त किया। इनके साथ शिक्षक सुभूमेश्वरी पारधी ने भी प्रशिक्षण प्राप्त किया है।
अनुभावात्मक शिक्षण कार्यक्रम
प्रेरणा कार्यक्रम भारतीय शिक्षा प्रणाली के सिद्धांतों और मूल्य आधारित शिक्षा के दर्शन को एकीकृत करने की एक मजबूत प्रतिबद्धता से प्रेरित है। यह कार्यक्रम राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 की आधारशिला है। यह कार्यक्रम आईआईटी गांधीनगर द्वारा तैयार किया गया है। प्रेरणा स्कूल का पाठ्यक्रम 9 मूल्य विषयों पर आधारित है। इनमें स्वाभिमान और विनय, शौर्य और साहस, परिश्रम और समर्पण, करूणा और सेवा, विविधा और एकता, सत्यनिष्ठा और सुचिता, नवाचार और जिज्ञासा, श्रद्धा और विश्वास के साथ स्वतंत्रता और कर्त्तव्य भी शामिल हैं। यह मूल्य युवाओं को देश का आदर्श नागरिक बनने में प्ररेणा देगा। इस कार्यक्रम में प्रशिक्षण के दौरान देश के विभिन्न राज्यों के विद्यार्थी भी शामिल होते हैं। चयनित विद्यार्थियों को प्रशिक्षण के दौरान विभिन्न राज्यों से आये बच्चों के बीच में एक-दूसरे की संस्कृति, परंपराओं और विरासत को समझने का मौका मिलता है। विद्यार्थियों में विशेष रूप से वृद्धजनों के प्रति श्रद्धा की भावना जागृत करने के प्रयास किये जाते हैं। इन विद्यार्थियों को आस-पास के पुरातत्व महत्व के स्थलों का भी भ्रमण कराया जाता है।
प्रधानमंत्री का पत्र
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भोपाल से गये विद्यार्थियों और शिक्षक से अनुभव जाने हैं। उन्होंने पत्र लिखकर प्रशिक्षण के दौरान प्राप्त अनुभव को अन्य विद्यार्थियों के साथ साझा करने की बात भी कही है।
पाठ्यक्रमों में "भारतीय ज्ञान परम्परा" के समृद्ध समावेश की दृष्टि से मध्यप्रदेश होगा देश भर में अग्रणी : उच्च शिक्षा मंत्री परमार
13 Mar, 2025 09:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : भारत का गौरवशाली इतिहास शौर्य, पराक्रम और ज्ञान का रहा है। भारत के पास अपना आर्थिक चिंतन एवं दर्शन रहा है, इसलिए भारत समृद्धशाली और "सोने की चिड़िया" कहलाता था। भारत अपने ज्ञान और विज्ञान के आधार पर विश्वमंच पर सिरमौर था और विश्वगुरु की संज्ञा से सुशोभित था। भारत का ज्ञान हजारों साल पुराना है, जो आज विश्व भर में सर्वत्र झलक रहा है। भारतीय ज्ञान को सही परिप्रेक्ष्य में, तथ्यपूर्ण रूप से समाज के समक्ष रखने की आवश्यकता है। इसके लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 ने सही तथ्यों के साथ, भारतीय इतिहास में किए गए छल से मुक्त होने का अवसर दिया है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति -2020 के क्रियान्वयन में, भारतीय ज्ञान परम्परा का समावेश महत्वपूर्ण है। पुस्तक लेखन में लेखकों का दृष्टिकोण महत्वपूर्ण है, इसके लिए लेखकों में भारतीय दृष्टि की महती आवश्यकता है। भारत को केंद्र में रखकर, भारतीय दृष्टि के साथ पाठ्यक्रम निर्माण करना होगा। लेखनी में भारतीयता का भाव परिलक्षित होना चाहिए। "भारतीय ज्ञान परम्परा" असीमित है, पुस्तकों में भारतीय ज्ञान का तथ्यपूर्ण समावेश व्यापक एवं सतत् प्रक्रिया है। समाज के प्रश्नों का समाधान, शिक्षा के मंदिरों से ही मिलेगा और समाधान के लिए व्यापक और सकारात्मक चर्चा होना चाहिए। यह बात उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा एवं आयुष मंत्री इन्दर सिंह परमार ने गुरुवार को भोपाल स्थित उच्च शिक्षा उत्कृष्टता संस्थान के सभाकक्ष में, उच्च शिक्षा विभाग अंतर्गत "भारतीय ज्ञान परम्परा : विविध संदर्भ" विषय पर "पाठ्यक्रम निर्माण हेतु आयोजित दो दिवसीय राज्यस्तरीय कार्यशाला" के द्वितीय दिवस में सहभागिता कर कही। मंत्री परमार ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के परिप्रेक्ष्य में, पाठ्यक्रम निर्माण एवं उसमें 'भारतीय ज्ञान परम्परा' का सफल समावेश करवाने के लिए समस्त सहयोगी शिक्षाविदों को बधाई एवं शुभकामनाएं प्रेषित की। साथ ही उन्होंने इस जटिल कार्य के क्रियान्वयन के लिए आवश्यक सावधानियों से भी अवगत करवाया और पाठ्यक्रम निर्माण को अंतिम रूप देने के पूर्व विषयविदों के साथ संवाद कर सूक्ष्मता के साथ पुनः तथ्यपूर्ण परीक्षण करने को भी कहा।
उच्च शिक्षा मंत्री परमार ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 तो लागू हो चुकी है, किन्तु इसमें "भारतीय ज्ञान परम्परा" का पर्याप्त समावेश अपेक्षित था। मध्यप्रदेश ने शिक्षा में "भारतीय ज्ञान परम्परा" के समावेश के लिए देश भर में सबसे अधिक प्रयास किया है और इसका सकारात्मक परिणाम विद्यार्थियों के समक्ष होगा। शिक्षाविदों के परिश्रम एवं पुरुषार्थ से तैयार किए गए "भारतीय ज्ञान परम्परा" से समृद्ध नवीन पाठ्यक्रम, सत्र 2025-26 से ही प्रदेश के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध होंगे। परमार ने कहा कि शिक्षाविदों के प्रयासों से अब भविष्य के विद्यार्थियों को अपने पूर्वजों के ज्ञान पर गर्व होगा और विद्यार्थियों में भारतीय ज्ञान के प्रति स्वत्व का भाव जागृत होगा। परमार ने कहा कि भारतीय समाज में विद्यमान परम्पराओं एवं प्रचलित मान्यताओं के होने के कारणों एवं तथ्यपूर्ण उत्तर, शिक्षाविदों के प्रयासों से तैयार नवीन पाठ्यक्रमों में उपलब्ध होंगे, जो विद्यार्थियों के लिये न केवल उपयोगी बल्कि रोचक भी होंगे। मंत्री परमार ने कहा कि शिक्षाविदों के भारत केंद्रित शिक्षा को समृद्ध करने के प्रयास, देश भर में अनुकरणीय होंगे और उनकी राष्ट्र के पुनर्निर्माण में में सार्थक सहभागिता एवं योगदान अविस्मरणीय रहेगा। मंत्री परमार ने कहा कि भारत के संदर्भ में, भारतीय दृष्टि के साथ लेखन की पद्धति विकसित होगी और प्रदेश इसके लिए देश भर में अभिप्रेरणा का केंद्र बनेगा। परमार ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के परिप्रेक्ष्य में पाठ्यक्रमों में "भारतीय ज्ञान परम्परा" के समृद्ध समावेश की दृष्टि से मध्यप्रदेश, देश भर में अग्रणी होगा।
कार्यक्रम के दौरान मंत्री परमार ने "भारतीय ज्ञान परम्परा : ज्ञान मंथन" पुस्तक का विमोचन किया। "भारतीय ज्ञान परम्परा प्रकोष्ठ" द्वारा एक वर्ष में आयोजित विश्वविद्यालयीन एवं संभागीय कार्यशालाओं, साहित्यिक एवं सांस्कृतिक गतिविधियों के अंतर्गत महाविद्यालय स्तर से आरम्भ होकर राज्य स्तरीय प्रतियोगिताओं एवं प्रयागराज के ज्ञान महाकुम्भ में उच्च शिक्षा विभाग के प्रतिनिधित्व सहित सम्पूर्ण गतिविधियों को 'ज्ञान मंथन' पुस्तक में स्थान दिया गया है। मंत्री परमार ने उच्च शिक्षा उत्कृष्टता संस्थान की गतिविधियों के संग्रह से सृजित "सूचना पत्रिका" का भी विमोचन किया। संस्थान के रसायन विभाग के 'कैमकैटेलिस्ट' प्रकोष्ठ के विद्यार्थियों ने इस अवसर पर प्रयोगशाला में विविध फूलों से तैयार "प्राकृतिक गुलाल" मंचासीन अतिथियों को भेंट किया।
द्वितीय दिवस के कार्यक्रम के उद्घाटन-सत्र को भी भारतीय परम्परा अनुरूप आरम्भ करने के लिए शंख-वादन किया गया। तदोपरांत मंचासीन अतिथियों ने दीप प्रज्ज्वलन किया एवं सरस्वती वंदना के माध्यम से कार्यक्रम का शुभारम्भ किया गया। द्वितीय दिवस का विषयवार प्रस्तुतिकरण, द्वितीय वैचारिक-सत्र में संस्थान के स्वामी विवेकानंद केंद्रीय पुस्तकालय के सांदीपनि कक्ष में संपन्न हुआ। इसमें शिक्षाविदों से प्राप्त सुझावों के आधार पर पाठ्यक्रमों में 'भारतीय ज्ञान परम्परा' से संबंधित नवीन सुझावों का समावेश किया गया। इसके उपरांत पिछले दिवस की भांति ही 19 विषयों के अध्यक्षों ने अपने-अपने विषय के पाठ्यक्रम में 'भारतीय ज्ञान परम्परा' से संबंधित नवीन सुझावों के अद्यतन-समावेश का प्रस्तुतिकरण किया। नवीन पाठ्यक्रमों के निर्माण के लिए वांछनीय निष्कर्षों को प्राप्त करने एवं पाठ्य सामग्रियों के निर्माण में, यह दो दिवसीय कार्यशाला सार्थकता के साथ सम्पन्न हुई।
इस अवसर पर मप्र हिंदी ग्रंथ अकादमी के निदेशक अशोक कड़ेल, म.प्र. प्रवेश एवं शुल्क विनियामक समिति के अध्यक्ष डॉ. रवींद्र कान्हेरे, सूरत (गुजरात) से पधारे शिक्षाविद् प्राध्यापक, मनोविज्ञान डॉ. रुद्रेश व्यास एवं क्षेत्रीय अतिरिक्त संचालक उच्च शिक्षा (भोपाल-नर्मदापुरम संभाग) डॉ. मथुरा प्रसाद सहित अध्ययन मंडल के सदस्यगण, विभिन्न शिक्षाविद्, विविध विषय विशेषज्ञ, विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलगुरू, विविध महाविद्यालयों के प्राचार्य, प्राध्यापकगण एवं अन्य विद्वतजन उपस्थित थे। संस्थान के निदेशक डॉ प्रज्ञेश अग्रवाल ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
संपतिया उइके ने प्रदेशवासियों को दी होली की बधाई और शुभकामनाएं
13 Mar, 2025 09:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री संपतिया उइके ने रंगों के पर्व होली पर प्रदेशवासियों को बधाई और शुभकामनाएं और दी हैं। मंत्री उइके ने कहा कि होली प्रेम, सौहार्द और सामाजिक समरसता का प्रतीक है। यह पर्व आपसी मेल-जोल को बढ़ाने और एकता के भाव को मजबूत करने की प्रेरणा देता है।
मंत्री उइके ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में मध्यप्रदेश सरकार प्रदेशवासियों के कल्याण और विकास के लिए निरंतर कार्य कर रही है। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग हर नागरिक को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने के संकल्प के साथ कार्यरत है। 'हर घर जल, हर घर सुख' के लक्ष्य को साकार करने के लिए विभाग पूरी प्रतिबद्धता से कार्य कर रहा है।
मंत्री उइके ने नागरिकों से पर्यावरण के प्रति जागरूक रहकर सुरक्षित और संयमित तरीके से होली मनाने की अपील की। उन्होंने जल संरक्षण को ध्यान में रखते हुए सूखी और प्राकृतिक रंगों से होली खेलने का आग्रह किया।
मंत्री उइके ने कहा कि यह पर्व सभी के जीवन में नई ऊर्जा, आनंद और उमंग लेकर आए और प्रदेशवासियों का जीवन सुख, समृद्धि और खुशहाली से भरा रहे।
स्व-सहायता समूह ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ है, इनके सशक्तिकरण से ही महिलाएं होंगी समृद्ध - मुख्यमंत्री डॉ. यादव
13 Mar, 2025 09:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि राज्य सरकार महिलाओं के आर्थिक एवं सामाजिक उत्थान के लिए प्रतिबद्ध है। स्व सहायता समूह हमारे प्रदेश की ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं। इनके सशक्तिकरण से न केवल महिलाओं की स्थिति मजबूत होगी, बल्कि राज्य की समग्र प्रगति भी सुनिश्चित होगी। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए है कि स्व-सहायता समूहों को अधिक से अधिक प्रोत्साहन एवं जरूरी संसाधन उपलब्ध कराए जाएं, ताकि वे आर्थिक रूप से मजबूत होकर आत्मनिर्भर बनकर समृद्धि की ओर बढ़ें। मुख्यमंत्री डॉ. यादव गुरुवार को समत्व भवन (मुख्यमंत्री निवास) में स्व-सहायता समूहों के सुदृढ़ीकरण एवं सशक्तिकरण को लेकर आयोजित एक महत्वपूर्ण बैठक को संबोधित कर रहे थे। प्रदेश में महिला एवं बाल विकास विभाग तथा पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग (म.प्र. राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन) के अंतर्गत मध्यप्रदेश में 5 लाख 3 हजार 145 स्व-सहायता समूहों का गठन किया गया है। इन स्व-सहायता समूहों से 62 लाख 30 हजार 192 महिला सदस्य जुड़ी हैं और सरकार की आजीविकास विकास योजनाओं से लाभान्वित हो रही हैं।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने अधिकारियों को यह भी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं कि स्व-सहायता समूहों को बाजार से जोड़ने, प्रशिक्षण देने और वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए प्रभावी कदम उठाए जाएं। इसके साथ ही उन्होंने समूहों की आय बढ़ाने के लिए नए अवसरों को तलाशने और उन्हें आत्म-निर्भर बनाने के लिए ठोस कार्य योजना भी तैयार करने पर जोर दिया।
बैठक में पंचायत एवं ग्रामीण विकास और श्रम मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल, महिला एवं बाल विकास मंत्री सुनिर्मला भूरिया, मुख्य सचिव अनुराग जैन, मुख्यमंत्री कार्यालय में अपर मुख्य सचिव डॉ. राजेश राजौरा, प्रमुख सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास श्रीमती दीपाली रस्तोगी, प्रमुख सचिव महिला एवं बालविकास श्रीमती रश्मि अरूण शमी, आयुक्त महिला एवं बाल विकास श्रीमती सूफिया फारूकी वली, म.प्र. राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन की सीईओ श्रीमती हर्षिका सिंह सहित अन्य संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
राज्य सरकार द्वारा स्व-सहायता समूहों को प्रोत्साहित करने के लिए विभिन्न योजनाओं और नीतियों पर भी विचार किया गया। विभागों द्वारा स्व-सहायता समूहों के मौजूदा कार्यों की जानकारी दी और उनके विस्तार की संभावनाओं पर भी चर्चा की गई। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि महिला स्व-सहायता समूहों को सरकार की सभी योजनाओं से जोड़ा जाए। उन्हें बैंक लिंकेज प्रदान कर ऋण सहायता उपलब्ध कराने सहित उनके उत्पादों को बाजार तक पहुंचाने के लिए भी ठोस कदम उठाए जाएं।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ज्ञान (जीवायएएन) संकल्प के अनुरूप राज्य सरकार महिलाओं को आर्थिक संबल देने एवं नारी सशक्तिकरण के लिए हर जरूरी कार्य कर रही है। उन्होंने अधिकारियों को आजीविका मिशन के अंतर्गत स्व-सहायता समूहों के उत्पादों की मार्केटिंग, ब्रांडिंग एवं प्रोडक्ट की पैकेजिंग के लिए समुचित कार्य योजना तैयार करने को कहा। उन्होंने कहा कि अधिकाधिक ग्रामीण महिलाओं को लखपति दीदी बनाने के लक्ष्य की पूर्ति के लिए पोषण आहार संयंत्रों (टेक होम राशन संयंत्र) एवं किसान उत्पादक समूहों द्वारा तैयार प्रोडक्ट की रेंज एवं गुणवत्ता बढ़ाई जाए। इससे बाजार की मांग पूरी की जा सकेगी और महिलाओं की आय में भी वृद्धि होगी। बैठक में मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि मध्यप्रदेश में बड़ी संख्या में महिला स्व-सहायता समूह गठित हैं। इन समूहों को दिए जा रहे कामों से प्रदेश की 62 लाख से अधिक महिलाएं अपने गांव में ही रोजगार पा रही हैं।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि वर्तमान में देवास, धार, सागर, मंडला, रीवा, शिवपुरी एवं नर्मदापुरम में संचालित पोषण आहार संयंत्रों में उत्पादित टीएचआर प्रोडक्ट के टेस्ट और गुणवत्ता में नए परिवेश में बदलाव की आवश्यकता है। उन्होंने अधिकारियों को आजीविका मिशन से जुड़ी महिलाओं का लाभ बढ़ाने के लिए नए सिरे से अध्ययन किया जाए एवं एक महीने में पुनर्गठन की कार्य योजना तैयार करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा है कि प्रदेश के मंडला, डिंडौरी, बालाघाट जैसे आर्थिक रूप से कमजोर जिलों में जनसहयोग से किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) को बढ़ावा दिया जाए। इससे स्थानीय स्तर पर महिलाओं एवं युवाओं के लिए रोजगार-स्वरोजगार के अवसर सृजित होंगे।
पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री पटेल ने बताया कि मध्यप्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन का उद्देश्य ग्रामीण निर्धन परिवारों की महिलाओं को सशक्त स्व-सहायता समूह से जोड़कर उनका संस्थागत विकास एवं आजीविका के अवसर उपलब्ध कराना है। महिलाओं को सुदृढ़, सशक्त एवं समृद्ध बनाने के लिए प्रदेश के गांव-गांव में त्रि-स्तरीय समुदाय आधारित संस्थाएं स्व-सहायता समूह (एसएचजी), ग्राम संगठन (वीओ) एवं संकुल स्तरीय संगठन (सीएलएफ) के अंतर्गत महिला सदस्यों के सामाजिक, आर्थिक सशक्तिकरण के लिए कार्य किए जा रहे हैं। इसके अच्छे परिणाम परिलक्षित हो रहे हैं।
बैठक में मुख्य सचिव अनुराग जैन ने एक जिला-एक उत्पाद (ओडीओपी) की बेहतर पैकेजिंग और मार्केटिंग को विस्तार देने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि इस कार्य में सभी संबंधित विभाग समन्वय के साथ प्रायवेट बाजार विशेषज्ञों की सहायता लेकर एक रोडमैप तैयार करें। स्थानीय उत्पादों को प्रोत्साहन मिलने से इसका सीधा लाभ ग्रामीणों विशेषकर महिलाओं को मिलेगा। बैठक में सभी ने स्व-सहायता समूहों के जरिए महिलाओं की बेहतरी एवं उनके आर्थिक कल्याण के लिए अपने-अपने सुझाव दिए।
छतरपुर में टीआई की मौत मामले में बड़ा खुलासा: प्रेमिका TI से महंगे गिफ्ट्स की मांग कर रही थी
13 Mar, 2025 09:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
छतरपुर: सिटी कोतवाली में 6 मार्च को अपने घर पर सर्विस रिवाल्वर से खुद को गोली मारकर आत्महत्या करने का मामला अब लगातार तूल पकड़ता जा रहा है. नए-नए राज भी खुल रहे हैं. मृतक टीआई अरविंद कूजुर के मामले में पुलिस ने कथित प्रेमिका सहित उसके प्रेमी को गिरफ्तार कर लिया था. अब दोनों पर एफआईआर दर्ज कर ली गई है. दोनों आरोपियों को न्यायालय में पेश किया गया. जहां कोर्ट ने 1 दिन की रिमांड दी है.
कोर्ट ने पुलिस को दी 1 दिन की रिमांड
बता दें कि 6 मार्च को छतरपुर कोतवाली में पदस्थ टीआई अरविंद कुजूर ने खुद को सर्विस रिवाल्वर से गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी. ओरछा रोड पुलिस ने महिला और उसके साथी पर ब्लैकमेलिंग और आत्महत्या के लिए प्रेरित करने सहित SCST जैसी गंभीर धाराओं में एफआईआर दर्ज कर जिला न्यायालय में पेश किया. जब दोनों को पेश किया गया, तो जिला अदालत में वकीलों सहित लोगों का जमावड़ा लगा रहा. पुलिस ने 3 दिन की रिमांड मांगी थी, लेकिन अदालत ने एक दिन की रिमांड दी. वहीं, अदालत के आदेश पर पुलिस ने दोनों का हॉस्पिटल में परीक्षण किया.
ABVP की महिला नेता के संपर्क में थे TI
दरअसल छतरपुर शहर के पॉश कॉलोनी में रहने वाले कोतवाली में पदस्थ टीआई अरविंद कूजुर ने 6 मार्च को करीब शाम 7 बजे फोन पर बात करते वक्त खुद की कनपटी पर अपनी रिवाल्वर से गोली मार ली. जब पुलिस मौके पर पहुंची, तो पलंग पर खून से लथपथ उनका शव पड़ा. जब पड़ताल हुई तो कई रहस्य सामने आने लगे. जिसमें सामने आया की ABVP की महिला नेता टीआई के संपर्क में थी. जिसे टीआई की प्रेमिका बताया जा रहा है. घटना के बाद से कथित प्रेमिका और उसका असली प्रेमी फरार हो गया.
जांच के लिए पुलिस ने बनाई थी तीन टीम
पुलिस ने 3 टीम बनाईं, एक यूपी के नोयडा पहुंची, दूसरी पन्ना जिले और तीसरी जिले में खोज करने लगी. पुलिस ने शहर के 15 से ज्यादा लोगों को पूछताछ के लिए उठाया. जिसमें कई लड़कियां भी शामिल हैं. पुलिस ने सफारी गाड़ी, टीआई की कथित प्रेमिका और उसके प्रेमी सोनू राजा बुन्देला को पन्ना जिले से गिरफ्तार कर लिया था. पूछताछ के बाद पुलिस ने दोनों पर मामला दर्ज कर लिया और दोनों को रिमांड पर रखा है और पूछताछ चल रही है.
AVPV नेता की मां ने दिया चौंकाने वाला बयान
इस मामले में AVPV नेता की मां का बयान भी अब सामने आया है. मां ने बताया कि "उसके घर टीआई का आना जाना रहता था. टीआई उसको 25 से 30 हजार का महीना देते थे और बोलते थे खूफिया पुलिस के तौर पर काम कर रही है." वहीं, मामले में जिला न्यायालय में DPO प्रवेश अहिरवार बताते हैं कि "दोनों आरोपियों को न्यायालय में पेश किया गया था. पुलिस ने तीन दिन की रिमांड मांगी थी, लेकिन एक दिन की मिली है. मामले में आजीवन कारावास तक की सजा हो सकती है."
ईसाई धर्म अपनाने पर मिलेगा 'एक लाख रुपए और विदेश जाने का मौका'....धर्मांतरण का सनसनीखेज मामला
13 Mar, 2025 08:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
ग्वालियर: मध्य प्रदेश से धर्म परिवर्तन की बड़ी खबर आई है। पुलिस ने प्रदेश के तीन रेलवे स्टेशनों से 18 यात्रियों को पकड़ा है। ये सभी लोग धर्म परिवर्तन के लिए पातालकोट एक्सप्रेस में बैठकर जालंधर जा रहे थे। कुछ लोगों ने इन्हें लालच दिया था कि अगर वे ईसाई बनेंगे तो उन्हें एक-एक लाख रुपए मिलेंगे। साथ ही उनके बच्चों को ईसाई स्कूल में पढ़ाया जाएगा और उन्हें विदेश में अच्छी नौकरी करने का मौका मिलेगा। ग्वालियर जीआरपी पुलिस ने इस मामले में तीन आरोपियों को हिरासत में लिया है। सबसे पहले गंजबासौदा में 11 यात्रियों को उतारा गया: बताया जा रहा है कि बुधवार 12 मार्च को इस गिरोह के साथ बड़ी संख्या में लोग लालच देकर छिंदवाड़ा से पातालकोट एक्सप्रेस ट्रेन से निकले थे। हालांकि पुलिस को जैसे ही सूचना मिली, घेराबंदी कर दी गई। सबसे पहले ट्रेन को विदिशा के गंजबासौदा में रोका गया और 11 यात्रियों को उतारा गया।
बीना स्टेशन पर 4 यात्रियों को बचाया गया
इसके बाद बीना स्टेशन पर 4 यात्रियों को सुरक्षित बचाया गया। यहां पता चला कि कोच एस-1 में तीन और यात्री हैं। इसके बाद पातालकोट एक्सप्रेस को ग्वालियर रेलवे स्टेशन पर 30 मिनट तक रोककर सघन जांच की गई, जिसके बाद तीन यात्री पकड़े गए। ग्वालियर जीआरपी ने इन तीनों को गंजबासौदा पुलिस के हवाले कर दिया।
बजरंग दल की सूचना पर हुई कार्रवाई
ग्वालियर जीआरपी से मिली जानकारी के अनुसार बुधवार को बजरंग दल के पदाधिकारियों ने भोपाल पुलिस को सूचना दी थी कि छिंदवाड़ा से बड़ी संख्या में गरीब और मजदूर वर्ग के लोगों को धर्म परिवर्तन के लिए पंजाब के जालंधर चर्च ले जाया जा रहा है। वहां इन लोगों को पैसों का लालच देकर ईसाई धर्म अपनाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। मुखबिरों ने बताया कि छिंदवाड़ा के सेजनाथ सूर्यवंशी और विजय कुमार इन लोगों के साथ पातालकोट एक्सप्रेस ट्रेन के एस-1, एस-2, एस-3, एस-4, एस-5 कोच में यात्रा कर रहे हैं। इस पर भोपाल पुलिस सक्रिय हुई, लेकिन स्टेशन पहुंचने तक ट्रेन निकल चुकी थी। इसके बाद विदिशा के गंजबासौदा में पुलिस और जीआरपी को सूचना दी गई।
पुलिस ने ट्रेन को गंजबासौदा स्टेशन पर रुकवाया और सेजनाथ व विजय समेत 11 यात्रियों की पहचान कर उन्हें हिरासत में लिया। यहां से ट्रेन रवाना हुई तो पता चला कि ट्रेन में अभी कुछ और लोग सवार हैं। इसके बाद पुलिस ने बीना स्टेशन पर एस-4 कोच से चार और यात्रियों को पकड़ लिया।
ग्वालियर स्टेशन पर 3 यात्री सुरक्षित उतरे
बीना में पकड़े गए यात्रियों से पूछताछ करने पर पता चला कि ट्रेन में उनके तीन और साथी मौजूद थे, जो एस-1 और एस-2 कोच में बैठे थे। इसके बाद ग्वालियर पुलिस और जीआरपी को सूचना दी गई। पातालकोट एक्सप्रेस रात 11:30 बजे ग्वालियर पहुंची तो पुलिस ने उन्हें सुरक्षित उतार लिया। पुलिस को देखकर धर्म परिवर्तन के लिए जा रहे यात्री दूसरे कोच में छिपने की कोशिश करने लगे। पुलिस और जीआरपी ने करीब 30 मिनट तक ट्रेन की तलाशी ली और आखिरकार एस-5 कोच से तीन यात्रियों को पकड़ लिया। इनमें शामिल हैं-
रितेश प्रकाश (37 वर्ष) पिता का नाम जन प्रकाश, निवासी मिशन चर्च कंपाउंड
माना विश्वकर्मा (45 वर्ष) पिता का नाम फगुनलाल, निवासी नोनिया करवाल परतला
राकेश (41 वर्ष) पिता का नाम विजय नागवंशी, निवासी छिंदवाड़ा।
लालच देकर धर्म परिवर्तन का प्रयास
गिरफ्तार यात्रियों ने पुलिस को बताया कि कुछ महीने पहले सेजनाथ और विजय कुमार उनसे मिले थे। उन्होंने बताया था कि ईसाई धर्म अपनाने पर उन्हें कई लाभ मिलेंगे, उन्हें एक लाख रुपए मिलेंगे, उनके बच्चों को अच्छे स्कूल में पढ़ाया जाएगा और उन्हें विदेश जाने का अवसर भी मिलेगा। ये लोग उन्हें पंजाब के जालंधर स्थित चर्च में ले जा रहे थे। आरोपियों ने यह भी बताया कि इससे पहले उन्हें फिरोजपुर स्थित चर्च में भी ले जाया गया था। ग्वालियर जीआरपी ने बताया कि पकड़े गए तीनों यात्रियों को गंजबासौदा जीआरपी को सौंप दिया गया है। पुलिस इस मामले में आगे की जांच कर रही है।
MP बजट सत्र: रेडीमेड गारमेंट क्षेत्र में काम करने वाली लाडली बहनों को मिलेगी 5000 रुपए की प्रोत्साहन राशि- CM मोहन
13 Mar, 2025 07:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
MP विधानसभा बजट सत्र: मध्य प्रदेश विधानसभा में बजट सत्र के चौथे दिन गुरुवार को राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा हुई। इस दौरान मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रदेश के विकास और योजनाओं पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने महिलाओं, युवाओं, किसानों और पर्यटन से जुड़ी योजनाओं समेत कई अहम घोषणाएं कीं। उन्होंने कहा कि लाड़ली बहन योजना के तहत अगर कोई महिला रेडीमेड गारमेंट्स का काम करती है तो उसे 5 हजार रुपये प्रतिमाह प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। इसके अलावा 26 लाख लाड़ली बहनों को 450 रुपये में गैस सिलेंडर उपलब्ध कराने के लिए 769 करोड़ रुपये की राशि ट्रांसफर की गई है। यह कदम महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में बड़ा कदम है। सीएम यादव ने कहा कि प्रदेश में एक लाख पदों पर भर्ती की जा रही है और 6,440 पदों पर नियुक्ति का निर्णय लिया गया है। पिछले एक साल में 61 हजार युवाओं को नियुक्ति पत्र दिए गए हैं। युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा करने की दिशा में यह महत्वपूर्ण कदम है। विधानसभा की कार्यवाही 17 मार्च तक स्थगित कर दी गई है।
सांस्कृतिक एवं धार्मिक विकास
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने उज्जैन के महाकाल मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या पर प्रकाश डाला। पहले 29 लाख श्रद्धालु आते थे, जबकि अब यह संख्या बढ़कर 5 करोड़ से अधिक हो गई है। इसके अलावा सांची के ब्रांड लोगो को बरकरार रखने का निर्णय लिया गया है, जिससे इसकी पहचान और मजबूत होगी।
पर्यटन एवं रेलवे विकास
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि प्रदेश में पर्यटन के क्षेत्र में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। वर्ष 2003 में जहां 64 लाख पर्यटक आते थे। अब यह संख्या बढ़कर 13 करोड़ से अधिक हो गई है। इसके अलावा 18 हजार करोड़ रुपये की लागत से इंदौर-मनमाड़ नई रेल लाइन बिछाई जाएगी, जिससे धार और बड़वानी जिलों को रेल सुविधा मिलेगी। इंदौर-उज्जैन के बीच मेट्रो ट्रेन का संचालन भी शुरू किया जाएगा।
मप्र बजट सत्र: आज जोरदार हंगामे के साथ शुरू हुआ बजट सत्र, कांग्रेसी सोने की ईंट लेकर पहुंचे विधानसभा
13 Mar, 2025 12:59 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मध्य प्रदेश विधानसभा में बजट सत्र का आज चौथा दिन है। सदन की कार्यवाही सुबह 11 बजे से शुरू हो गई है। राज्यपाल के अभिभाषण पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव जवाब देंगे। बता दें कि बुधवार को डिप्टी सीएम और वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने मोहन सरकार के कार्यकाल का दूसरा बजट पेश किया, जिसे बीजेपी ने लोक कल्याणकारी बताया, जबकि कांग्रेस का आरोप है कि बजट से आम आदमी का कोई सरोकार नहीं है। वित्त मंत्री ने 4 लाख 21 हजार करोड़ का बजट पेश किया, जो पिछले बजट से 15 फीसदी ज्यादा है। अब आज चौथे दिन की कार्यवाही भी हंगामेदार रहने के आसार हैं।
कांग्रेस विधायकों ने सदन से वॉकआउट किया, सदन के बाहर नारेबाजी की
विधायक पंकज उपाध्याय ने विधानसभा में पूछा कि 'अस्पतालों में डॉक्टर नहीं हैं। कैग रिपोर्ट में कहा जा रहा है कि सरकार 86 फीसदी मामलों में जवाब नहीं दे रही है?
इस पर लोक स्वास्थ्य चिकित्सा शिक्षा मंत्री राजेंद्र शुक्ला ने जवाब दिया- 'सरकार कैग रिपोर्ट को लागू करने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। 5 महीने में सभी खाली पदों को भर दिया जाएगा। मंत्री के जवाब से असंतुष्ट कांग्रेस विधायकों ने सदन से वॉकआउट कर दिया। बाहर आकर विधायक दल के सदस्यों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की है।
नर्सिंग की परीक्षाएं कब होंगी, रिजल्ट कब आएगा?
प्रश्नकाल के दौरान विधायक सतीश सिकरवार ने पूछा- नर्सिंग के छात्र 3-3 साल से एक ही कक्षा में पढ़ रहे हैं। उनकी परीक्षा कब होगी और रिजल्ट कब आएगा? इस पर लोक स्वास्थ्य चिकित्सा शिक्षा मंत्री राजेंद्र शुक्ला ने जवाब दिया- मामला हाईकोर्ट में है और इसी महीने फैसला आने की उम्मीद है। कोर्ट के फैसले के बाद ही कार्रवाई होगी। नर्सिंग परीक्षा के लिए सरकार ने पूरी तैयारी कर ली है। विधायक सिकरवार ने पूछा- परीक्षाएं कब से शुरू हो पाएंगी? इस पर मंत्री ने जवाब दिया- 8 अप्रैल से। हंगामे से शुरू हुआ चौथा दिन: बजट सत्र के चौथे दिन की शुरुआत भी हंगामे से हुई। गुरुवार सुबह विधानसभा बजट सत्र के दौरान नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार विधायक दल के साथ गांधी प्रतिमा के पास पहुंचे और सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारी कांग्रेसजन हाथों में प्रतीकात्मक सोने की ईंटें लिए और कंकालनुमा एप्रन पहने देखे गए।