मध्य प्रदेश
राजधानी भोपाल में आशा कार्यकर्ताओं का प्रदर्शन: उचित मानदेय और सुविधा व वेतन वृद्धि जैसी समस्याओ के निवारण की मांग
7 May, 2025 03:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल: मध्य प्रदेश की 84 हजार से ज्यादा आशा वर्कर सुपरवाइजर आज यानी बुधवार 7 मई को भोपाल में जुटेंगी। प्रदर्शन दोपहर 12 बजे से राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) कार्यालय के सामने शुरू होगा। जहां मुख्यमंत्री द्वारा 29 जुलाई 2023 को घोषित 1000 वार्षिक वेतन वृद्धि, जो अभी तक लागू नहीं हुई है, का विरोध किया जाएगा। यह प्रदर्शन आशा-आशा सहयोगी संयुक्त मोर्चा के आह्वान पर किया जा रहा है।
आशा-आशा सहयोगी संयुक्त मोर्चा के आह्वान पर प्रदेश के विभिन्न जिलों से कार्यकर्ता भोपाल पहुंचने लगीं। सुबह से ही कार्यकर्ता प्रदर्शन के लिए एनएचएम कार्यालय के पास जुटने लगीं। लिंक रोड क्रमांक 3 पर पत्रकार कॉलोनी के सामने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन कार्यालय (एनएचएम) के सामने कार्यकर्ताओं की भीड़ लगी रही।
अभी भी नहीं मिल रहा उचित मानदेय, सुविधा
20 अप्रैल 2025 को आशा कार्यकर्ताओं को भारत में 20 साल पूरे हो जाएंगे, लेकिन मध्य प्रदेश की आशा कार्यकर्ताओं का कहना है कि उन्हें अभी भी उचित मानदेय और सुविधा नहीं मिल रही है। वहीं आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को 1 अप्रैल 2024 से वेतन वृद्धि और राज्य कर्मचारियों को डीए में बढ़ोतरी का लाभ मिला है, लेकिन आशा कार्यकर्ताओं की मांगों पर सरकार चुप है।
राज्य सरकार ने नहीं निकाला समाधान
आशा कार्यकर्ताओं की अपील है कि मुख्यमंत्री या स्वास्थ्य मंत्री प्रतिनिधिमंडल से चर्चा कर इस मुद्दे का समाधान निकालें। संयुक्त मोर्चा की चेतावनी के बाद भी राज्य सरकार की ओर से कोई चर्चा आगे नहीं बढ़ाई गई है।
ये हैं संघ की मुख्य मांगें
1 जुलाई 2024 से 1000 वार्षिक वेतन वृद्धि (वेतन एरियर भुगतान) एरियर सहित दी जाए।
आशा कार्यकर्ताओं को आंगनबाड़ी, लाडली बहना व अन्य योजनाओं की तरह समानता व सम्मान मिले।
भारत को विश्व गुरु बनकर दुनिया का सबसे विकसित देश बनाना संकल्प- बोले राज्य मंत्री जायसवाल
7 May, 2025 02:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल: कुटीर एवं ग्रामोद्योग राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दिलीप जायसवाल ने कहा है कि लोगों को खादी वस्त्रों एवं स्वदेशी उत्पादों का अधिक से अधिक उपयोग कर देश को समृद्ध बनाने में योगदान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि देश की आजादी में खादी का बड़ा योगदान है। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने विदेशी वस्तुओं के बहिष्कार का अभियान चलाया था तथा स्वदेशी वस्तुओं के उपयोग पर जोर दिया था, जिसके कारण अंग्रेजों को देश छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा था। राज्य मंत्री जायसवाल गौहर महल में मध्यप्रदेश खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड द्वारा आयोजित राज्य स्तरीय खादी उत्सव-2025 का औपचारिक शुभारंभ कर रहे थे। उन्होंने इस अवसर पर आयोजित प्रदर्शनी का अवलोकन किया। प्रदर्शनी में खादी वस्त्रों एवं अन्य उत्पादों की खरीद पर 20 प्रतिशत की छूट दी जा रही है। प्रदर्शनी 15 मई तक आयोजित की जाएगी। राज्य मंत्री जायसवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का सपना है कि भारत विश्व गुरु बनकर दुनिया का सबसे विकसित देश बने। इसके लिए उन्होंने जनता से खादी का उपयोग अवश्य करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि देश में खादी उद्योग बड़े पैमाने पर कारोबार कर रहा है। खादी उत्पाद युवाओं, महिलाओं, पुरुषों और बच्चों की पसंद के आधार पर तैयार किए जा रहे हैं। ये उत्पाद जैविक तरीके से तैयार किए जाते हैं, जिनका उपयोग करने पर कोई नुकसान नहीं होता। उत्पाद तैयार करने वाले सभी कारीगर, शिल्पकार और कलाकार बधाई के पात्र हैं।
राज्य मंत्री जायसवाल ने कहा कि खादी वस्त्रों की ब्रांडिंग के लिए विभाग द्वारा पोर्टल तैयार किया जा रहा है। पोर्टल पर विभिन्न उत्पादों की जानकारी होगी, जहां से कोई भी उत्पाद खरीद सकेगा। विभाग के शोरूम से भी उचित मूल्य पर उत्पाद खरीदे जा सकेंगे। नगरीय विकास एवं आवास राज्य मंत्री श्रीमती प्रतिमा बागरी ने कहा कि देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी खादी और स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए लगातार काम कर रहे हैं। खादी उद्योग भारतीय संस्कृति और परंपरा का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग देश में विलुप्त हो रही कलाओं को संरक्षित करने का काम कर रहा है। कई स्थानों पर खादी उद्योगों को प्रोत्साहन मिल रहा है।
इस अवसर पर भारत सरकार के राज्य निदेशक दिलीप वर्मा, खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड के अधिकारी नीरज उइके, विजय धुर्वे, हस्तशिल्प एवं विकास निगम के एम.एल. कार्यक्रम में श्री शर्मा सहित विभागीय अधिकारीगण, कलाकार, शिल्पकार, कारीगर एवं दर्शक उपस्थित थे।
देश के 244 शहरों में मॉकड्रिल किया जा रहा है, जिसमें मध्य प्रदेश के 5 शहरों में बुधवार यानि 7 मई को होगी मॉकड्रिल.
7 May, 2025 01:05 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल: पहलगाम हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान को करारा जवाब देने की तैयारियां शुरू कर दी है. पाकिस्तान के खिलाफ सैन्य कार्रवाई शुरू करने के पहले 7 मई को देश भर में सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल होने जा रही है. मध्य प्रदेश के 5 शहरों इंदौर, भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर और कटनी में भी मॉक ड्रिल की जाएगी. मध्य प्रदेश के इन 5 शहरों सहित देशभर में 244 जिलों में सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल होगी. मॉक ड्रिल शाम 4 बजे होगा.
क्या होगा वॉर मॉक ड्रिल में
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कैबिनेट की बैठक के पहले संबोधन में 7 मई को होने वाले सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल की जानकारी दी है. मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय परिस्थितियों को देखते हुए मध्य प्रदेश के पांच शहरों में मॉकड्रिल होगी. शाम 4 बजे से सायरन के जरिए खतरे की सूचना, ब्लैक आउट, प्रमुख अधो संरचनाओं को सुरक्षित रखने, दुर्घटना की स्थिति में घायलों को सुरक्षित निकालने जैसी गतिविधियों की ड्रिल की जाएगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि इस संबंध में जिला कलेक्टर और पुलिस अधिकारियों को विस्तृत दिशा निर्देश जारी किए जा रहे हैं. इसको लेकर गृहमंत्रालय द्वारा एसओजी जारी की जा रही है.
मॉक ड्रिल के तीन कैटेगरी में बांटे गए शहर
2010 की अधिसूचना के अनुसार देश भर में संवेदनशीलता के हिसाब से अलग-अलग राज्यों के जिलों को तीन कैटेगरी में बांटा गया है. कैटेगरी 1 में नई दिल्ली, सूरत, बडोदरा, काकरापार, मुंबई, तारापुर, उरण, तारणपुर, तालचेर, कोटा, रावत-भाट्टा, चेन्नई, कलपक्कम और बुलंदशहर शहर शामिल हैं. कैटेगरी - 2 में मध्य प्रदेश के भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, कटनी शहर हैं.
क्यों किया जाता है मॉक ड्रिल
आपात स्थिति से निपटने के लिए मॉक ड्रिल बेहद जरूरी होता है. आमतौर पर पुलिस सार्वजनिक स्थानों, सरकारी कार्यालयों में आतंकी हमलों और सीआरपीएफ एयरपोर्ट पर आतंकी घटनाओं या फिर आगजनी जैसी दूसरी आपात स्थिति से निपटने की तैयारियों को परखने के लिए किया जाता है. वहीं वॉर मॉक ड्रिल की जरूरत युद्ध के समय एयर स्ट्राइक जैसी स्थितियों को लेकर देखते लोगों को पहले से तैयार किया जाता है. साथ ही प्रशासनिक और चिकित्सा अमले को भी तैयार किया जाता है.
पीथमपुर के श्रीनिवास पुलिफैब्रिक्स में सुबह 6 बजे लगी आग
7 May, 2025 12:01 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र में श्रीनिवास पुलिफैब्रिक्स पैकविल प्राइवेट लिमिटेड में बुधवार सुबह करीब 6 बजे भीषण आग लग गई। यह कंपनी डायपर का निर्माण करती है।
पुलिस मौके पर पहुंची और आसपास के क्षेत्र को खाली करवाया। अभी 8 फायर ब्रिगेड मौके पर आग बुझाने में जुटी हैं। धार, देपालपुर, महू और इंदौर और प्राइवेट कंपनियों के फायर फाइटर मौजूद हैं। आग कंपनी के काफी बड़े हिस्से में फैल गई है। अधिकारियों के अनुसार आग पर काबू पाने में देर शाम तक का समय लग सकता है।
फैक्ट्री मैनेजर अजय ढोली ने बताया, कंपनी में शॉर्ट सर्किट की वजह से आग लगी है। 4 घंटे से फायर ब्रिगेड आग पर काबू पाने में लगी हैं। नगर पालिका के पानी के टैंकर भी लगातार पानी की आपूर्ति कर रहे हैं। हादसे में कोई हताहत नहीं हुआ है।
कंपनी का शेड गिरने से आ रही परेशानी
आयशर मोटर्स के फायर फाइटर सोमेश्वर पाठक व राजेंद्र सिंह सेंगर ने बताया, आग पर काबू पाने का लगातार प्रयास किया जा रहा है। आग के चलते पूरा कंपनी का शेड गिर चुका है। अभी आग लगातार जारी है। बुझाने के प्रयास में कई फायर फाइटर लगे हैं।
पीथमपुर फायर फाइटर के अधिकारी सुमेर सिंह मेहडा ने बताया, कंपनी का शेड गिरने से आग बुझाने में काफी परेशानी आ रही है। कंपनी कॉटन रखा के होने से आग बार-बार भभक रही है। तेज हवा के कारण भी आग पर काबू पाने में परेशानी हो रही है। प्राइवेट कंपनियों के फायर फाइटर मौके पर मौजूद हे
ऑपरेशन सिंदूर की गूंज मध्यप्रदेश तक, जनता और जनप्रतिनिधियों में दिखा जोश
7 May, 2025 12:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
पहलगाम आतंकी हमले के 15 दिन बाद भारत ने जवाबी कार्रवाई करते हुए पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में एयर स्ट्राइक की है। इस सैन्य अभियान को 'ऑपरेशन सिंदूर' नाम दिया गया है, जिसमें तीनों सेनाओं ने साझा रूप से 9 आतंकी ठिकानों पर हमला किया। इस कार्रवाई के बाद देशभर में प्रतिक्रिया देखने को मिली, खासकर मध्य प्रदेश में देशभक्ति का माहौल नजर आया। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस कार्रवाई पर प्रतिक्रिया देते हुए भारतीय सेना की पोस्ट को रीपोस्ट किया और लिखा—"भारत माता की जय"। प्रदेश के कैबिनेट मंत्री प्रह्लाद पटेल ने वीडियो साझा करते हुए लिखा, “ये नया भारत है, भारतीय सेना जिंदाबाद, जय हिंद। कांग्रेस नेता कमलनाथ ने भी इस सैन्य कार्रवाई को लेकर गर्व व्यक्त किया। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और खजुराहो सांसद वीडी शर्मा ने भी भारत माता की जय, जय हिंद लिखा। यह कार्रवाई न केवल आतंकी ठिकानों पर सीधा हमला है, बल्कि एक स्पष्ट संदेश भी है कि भारत अब हर हमले का जवाब दृढ़ता से देगा।
आज प्रदेश के पांच जिलों में मॉक ड्रिल
मध्यप्रदेश के पांच जिलों भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर और कटनी में बुधवार को शाम 4 बजे से 8 बजे तक हवाई हमले की स्थिति का मॉक ड्रिल किया जाएगा। इस मॉक ड्रिल में हवाई हमले का काल्पनिक संकेत जिलों को मिलेगा, जिसके बाद ब्लैकआउट, आग लगने की स्थिति में बचाव, अस्थायी अस्पताल की स्थापना और नागरिकों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाने जैसे कई अहम अभ्यास किए जाएंगे। शाम 7:40 बजे ब्लैकआउट का का समय दिया गया है। मॉक ड्रील में सायरन के माध्यम से संकेत दिया जाएगा, जिसमें दो मिनट तक ऊंची-नीची आवाज वाला सायरन बजेगा। खतरे के समाप्त होने पर दोबारा दो मिनट तक सायरन बजाकर सामान्य स्थिति की सूचना दी जाएगी। आम नागरिकों से अपील की गई है कि वे अपने घरों और कार्यालयों की लाइट्स बंद रखें, पर्दे गिराएं, अफवाह न फैलाएं और आपात सेवाओं को अवरोधित न करें।
मध्य प्रदेश के एक स्कूल में प्रिंसिपल और लाइब्रेरियन के बीच झगड़ा
7 May, 2025 11:46 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
खरगोन. मध्य प्रदेश के एक स्कूल में प्रिंसिपल और लाइब्रेरियन के बीच झगड़ा हो गया। झगड़ा इतना बढ़ गया कि दोनों आपस में हाथापाई करने लगीं। दोनों ने एक दूसरे को थप्पड़ मारे और बाल खींचे। इस घटना का वीडियो वायरल होने के बाद दोनों महिलाओं को नौकरी से निकाल दिया गया है। दोनों ने पुलिस में शिकायत भी दर्ज कराई है।
एमपी के खरगोन की घटना
घटना मध्य प्रदेश के खरगोन के एकलव्य आदर्श स्कूल में हुई। यह जगह भोपाल से लगभग 300 किलोमीटर दूर है। वीडियो में दोनों महिलाएं बहस करती हुई दिखाई दे रही हैं। गुस्से में प्रिंसिपल ने लाइब्रेरियन को थप्पड़ मार दिया और उसका फोन छीनकर जमीन पर फेंक दिया। इसके बाद दोनों के बीच जमकर मारपीट हुई। दोनों को फिलहाल असिस्टेंट कमिश्नर प्रशांत आर्य के ऑफिस में ट्रांसफर कर दिया गया है।
पहले फोन तोड़ा, टोकने पर दोबारा फेंका
वीडियो में लाइब्रेरियन प्रिंसिपल से पूछती है, 'मैडम, आपकी हिम्मत कैसे हुई? आपने मुझे थप्पड़ कैसे मारा? आपकी हिम्मत कैसे हुई?' वह शिकायत करती है कि उसका फोन टूट गया है। प्रिंसिपल फोन उठाती है और उसे फिर से फेंक देती है, जिससे वह और भी बुरी तरह टूट जाता है। लाइब्रेरियन पूछती है, 'आपने मेरा फोन कैसे तोड़ा? आपकी हिम्मत कैसे हुई मुझे थप्पड़ मारने की?'
प्रिंसिपल का दुपट्टा खींचा फिर शुरु हुई 'कैटफाइट'
इसके बाद प्रिंसिपल अपने फोन में बहस रिकॉर्ड करने लगती है। लाइब्रेरियन प्रिंसिपल के हाथ पर थप्पड़ मारती है, जिससे दोनों के बीच हाथापाई शुरू हो जाती है। लाइब्रेरियन प्रिंसिपल का दुपट्टा खींचती है। जवाब में प्रिंसिपल उसे पकड़ लेती है और उसे खूब मारती है। लाइब्रेरियन बार-बार पूछती है, 'तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई मुझे छूने की?' दोनों एक दूसरे के बाल खींचती रहती हैं और एक दूसरे को मारती रहती हैं।
जुबानी जंग के बाद हुई हाथापाई
सूत्रों के अनुसार पहले दोनों के बीच जुबानी जंग चल रही थी। अचानक से विवाद इतना बढ़ा कि प्रिंसिपल ने लाइब्रेरियन के गाल पर तमाचा जड़ दिया। यही नहीं प्रिंसिपल प्रवीण दाहिया ने मधुरानी का फोन छीनकर भी फेंक दिया और मधुरानी पर एक के बाद एक लगातार थप्पड़ों की बौछार कर दी।
पुलिस में लिखवाई शिकायत
इस मारपीट का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। मारपीट के बाद दोनों प्रिंसिपल और लाइब्रेरियन ने एक-दूसरे के खिलाफ थाने में शिकायत दर्ज करवाई। पुलिस ने दोनों को मेडिकल के लिए जिला अस्पताल भेज दिया। इस दौरान प्रिंसिपल ICU में भर्ती हो गईं और लाइब्रेरियन मधुरानी को भी वार्ड में भर्ती किया गया।
कलेक्टर ने दिए जांच के आदेश
खरगोन की कलेक्टर भव्या मित्तल ने इस पूरे मामले के जांच के आदेश दिए हैं। बता दें कि एकलव्य आदर्श आवासीय परिसर को दिल्ली से संचालित किया जाता है। इस स्कूल में बच्चों की पढ़ाई और हॉस्टल के लिए हर साल लगभग 5 करोड़ रुपए भेजे जाते हैं।
महिला सफाई कर्मचारी ने कराया बीच-बचाव
वीडियो में पीछे से एक लड़का कहता हुआ सुनाई देता है, 'मम्मा, रहने दो।' कोई भी बीच-बचाव नहीं करता है, जब तक कि एक महिला शांति से दोनों लड़ रही महिलाओं को पीछे हटने के लिए नहीं कहती।
सोशल मीडया पर हो रही चर्चा
सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो पर लोगों ने मिली-जुली प्रतिक्रिया दी है। एक यूजर ने इसे 'बिल्ली की लड़ाई' बताया, तो दूसरे ने तीसरी महिला की तारीफ की जिसने झगड़ा रोकने की कोशिश की। एक यूजर ने X पर लिखा, 'सबसे अच्छी तो सफाई करने वाली महिला है, जिसने उन्हें अलग करने की कोशिश की। बाकी दोनों पढ़ी-लिखी हो सकती हैं, लेकिन वह ज्यादा समझदार है।'
जातिगत जनगणना के बाद ओबीसी वर्ग में होगा हेरफेर. आइए जानते हैं जातियों के किसी वर्ग में शामिल होने के क्या पैरामीटर्स हैं.
7 May, 2025 09:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
जबलपुर : भारत सरकार ने जातिगत जनगणना की घोषणा कर दी है. इसके आंकड़े आने के बाद संभावना जताई जा रही है कि पिछड़ा वर्ग में शामिल जातियों पर इसका असर देखने को मिलेगा. कुछ जातियों को ओबीसी से बाहर करने के साथ ही कुछ जातियों को ओबीसी में शामिल किया जा सकता है. दरअसल, अन्य पिछड़ा वर्ग में उन जातियों को भी शामिल किया गया था, जो पैमाने के अनुसार पिछड़ी रह गई थीं. वहीं, बीते कुछ सालों में कुछ जातियों ने खूब तरक्की की है और आज उनका समाज में स्थान बराबरी का है. इसलिए संभावना जताई जा रही है कि जातिगत जनगणना के बाद कुछ जातियां अन्य पिछड़ा वर्ग से बाहर हो जाएंगी.
कब बना था बीपी मंडल, क्या सिफारिशें की
बता दें कि अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति के अलावा अन्य पिछड़ा वर्ग को पहचान दिलाने का काम पहली बार बीपी मंडल ने किया, जिसे मंडल कमीशन के नाम से जाना जाता है. यह कमीशन तत्कालीन प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई ने 1976 में बनाया था. बीपी मंडल 1980 में मध्य प्रदेश आए थे. उन्होंने मध्य प्रदेश सरकार से भी कहा था कि मध्य प्रदेश में अन्य पिछड़ा वर्ग की जातियों की गणना होनी चाहिए. उस समय मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह ने विधायक राम जी महाजन के नेतृत्व में एक कमीशन का गठन किया, जिसे महाजन कमीशन कहा जाता है. इस कमीशन ने मध्य प्रदेश में अन्य पिछड़ा वर्ग की जातियों का अध्ययन शुरू किया. रामजी महाजन मध्य प्रदेश में पिछड़ा वर्ग आयोग के पहले अध्यक्ष थे.
पिछड़े वर्ग में जाति के शामिल होने की क्या है प्रक्रिया
महाजन कमीशन के दस्तावेज में इस बात का उल्लेख है "हमारे समाज में जातियों की ऊंच-नीच के नियम थे, जो हमारे पुराने धार्मिक ग्रंथों में मिलते हैं." महाजन कमीशन पाया "उन्हीं नियमों के अनुसार समाज में जातियों को स्थान मिला है. समाज में ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य के अलावा शूद्र हैं. इसमें से भी कुछ जातियां अछूत और कुछ ऐसी हैं, जिन्हें लोग छू सकते हैं, इन्हें सछूत कहा गया. धार्मिक ग्रंथों के आधार पर जातियों को वर्गीकृत किया गया. महाजन कमीशन ने कुल 92 जातियां अन्य पिछड़ा वर्ग आयोग में शामिल की थी, इनमें कई उपजातियां थीं, जिन्हें एक समूह के रूप में एक साथ शामिल किया गया था. इनकी संख्या 92 से कहीं अधिक थी."
खेत तालाब निर्माण में अलीराजपुर जिला प्रदेश में अव्वल
6 May, 2025 11:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में प्रदेश में बारिश के पानी को सहेजने व पुराने जल स्त्रोतों को संवारने के लिए 30 मार्च 2025 से 30 जून 2025 तक प्रदेश में जल गंगा संवर्धन अभियान चलाया जा रहा है। इसके तहत प्रदेश के सभी जिलों में खेत तालाब, कूप रिचार्ज, अमृत सरोवरों का (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम) मनरेगा के तहत निर्माण कार्य कराया जा रहा है। पिछले डेढ़ माह से अधिक समय से चल रहे इस अभियान के तहत खेत तालाब का निर्माण कराने में अलीराजपुर जिला अब तक प्रदेश में पहले नंबर पर है।
मनरेगा आयुक्त श्री अवि प्रसाद ने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश में जल गंगा संवर्धन अभियान चलाया जा रहा है। इसके अंतर्गत प्रदेश में पुराने जल स्त्रोतों को नया जीवन देने के लिए साफ-सफाई कराई जा रही है। साथ ही बारिश के पानी को सहेजने के लिए खेत तालाब, अमृत सरोवरों का निर्माण किया जा रहा है। इसके लिए सभी जिलों को लक्ष्य भी दिया गया है।
उन्होंने बताया कि प्रदेश के सभी जिलों में 80 हजार 78 नए खेत तालाब बनाने का लक्ष्य दिया गया है। इसके अंतर्गत अब तक 31 हजार 853 कार्य स्वीकृत हुए है। 40 प्रतिशत से अधिक में कार्य भी शुरू हो गया है। इसी तरह से प्रदेश में 1 लाख कूप रिचार्ज का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें से 34 हजार 166 पर कार्य शुरू हो चुका है। मनरेगा आयुक्त श्री प्रसाद ने बताया कि प्रदेश में 1 हजार अमृत सरोवर का निर्माण किए जाने का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें से 956 पर कार्य भी प्रारंभ हो चुका है।
खेत तालाब निर्माण में प्रदेश में टॉप 5 जिले
खेत तालाब निर्माण में प्रदेश में टॉप 5 जिले में अलीराजपुर पहले नंबर है। दूसरे नंबर पर सिवनी जिला है। तीसरे पर पन्ना जिला, चौथे पर अनूपपुर और 5वें नंबर पर विदिशा जिला है।
कूप रिजार्च में प्रदेश के टॉप 5 जिले
कूप रिजार्च के टॉप 5 जिलों की सूची में पहले नंबर खंडवा जिला है। दूसरे में छिंदवाड़ा, तीसरे में बैतूल, चौथे में नरसिंहपुर और 5 नंवबर पर विदिशा जिला आता है।
मध्यप्रदेश राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के क्रियान्वयन में अग्रणी राज्य
6 May, 2025 11:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : मध्यप्रदेश राज्य नीति आयोग के नीति संवाद श्रृंखला में कुशाभाऊ ठाकरे इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में मंगलवार को राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में शिक्षा को रोजगार से जोड़ने और शिक्षा के गुणात्मक सुधार पर शिक्षा क्षेत्र से जुड़े विषय-विशेषज्ञों के बीच विचार विमर्श हुआ। विशेषज्ञों ने बताया कि शिक्षा को भारतीय मूल्यों और संस्कृति पर आधारित बनाते हुए रोजगार से जोड़ना अत्यंत जरूरी है। इन उद्देश्यों की प्राप्ति करके हम विकसित मध्यप्रदेश 2047 के उद्देश्यों को प्राप्त कर सकेंगे।
सत्र के प्रारंभ में अपर मुख्य सचिव उच्च शिक्षा अनुपम राजन ने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के क्रियान्वयन में मध्यप्रदेश देश के अग्रणी राज्यों में रहा है। प्रदेश में शिक्षा को रोजगार से जोड़ने की दिशा में प्रभावी प्रयास निरंतर किये जा रहे है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति में पाठ्यक्रम को इस तरह से तैयार किया गया है कि विद्यार्थी उच्च शिक्षा में जितने साल भी पढ़ाई कर लें उसे मूल्यांकन के बाद उस अवधि का सर्टिफिकेट देने की व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में हाल ही में जिन स्थानों पर हवाई पट्टी है, वहां पर युवाओं के लिये एविऐशन के कोर्स प्रारंभ किये गये है।इसी तरह आज के दौर के कई व्यवसायिक कोर्स की शुरूआत की गई है। परिचर्चा का संचालन सलाहकार सामाजिक अवसंरचना आयोग उत्तराखण्ड की डॉ. भावना शिंदे ने किया।
भारतीय मूल्य आधारित शिक्षा पर स्कूल शिक्षा में विशेष ध्यान
सचिव स्कूल शिक्षा डॉ. संजय गोयल ने कहा कि प्रदेश की स्कूल शिक्षा व्यवस्था में भारतीय मूल आधारित शिक्षा में विशेष ध्यान दिया जा रहा है। प्रदेश में स्कूल शिक्षा मंत्री की अध्यक्षता में टास्क फोर्स का गठन किया गया है। अब तक हुई 3 बैठकों में स्कूल शिक्षा से जुड़े विशेषज्ञों की राय लेकर शिक्षा के गुणात्मक सुधार की ओर प्रयास किये जा रहे है। प्रदेश में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के निर्देश पर प्रदेश भर में 20 और 21 जुलाई-2024 को गुरू पूर्णिमा का आयोजित किया गया। भगवान कृष्ण के जीवनदर्शन की जानकारी देने के लिये 26 अगस्त 2024 को सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किये गये। लोकमाता देवी अहिल्याबाई होल्कर की 300वीं जयंती आयोजन समिति की अनुशंसा पर भाषा भारतीय कक्षा 7 पाठ 18 सुरभि संस्कृत कक्षा 8 में लोकमाता के जीवन पर केन्द्रित पाठ्यक्रम को शामिल किया गया। 26 नवम्बर से 29 नवम्बर 2024 में भागवत गीता पर आधारित मूल्य शिक्षा क्विज प्रतियोगिता और 11 दिसम्बर 2024 को गीता जयंती के अवसर पर विद्यालयों में गीता कर्म पर व्याख्यान आयोजित किये गये।
स्कूल सचिव डॉ. गोयल ने बताया कि विद्यार्थियों को भारतीय ज्ञान परंपरा से जोड़ने के लिये प्रदेश में संचालित सीएम राईज स्कूल सांदीपनि विद्यालय के रूप में जाने जाएंगे। भारतीय मूल्यों और संस्कृति के स्मारकों पर बच्चों के शैक्षणिक भ्रमण भी निरंतर कराये जा रहे है। इस सत्र में निदेशक एस.आर.एफ फाउंडेशन डॉ. सुरेश रेड्डी, शिक्षा सलाहकार सेज ग्रुप बी.एन. त्रिशल, वरिष्ठ विशेषज्ञ विद्यालय शिक्षा कुलदीप सिंह ने अपने विचार रखें। विशेषज्ञों की राय थी कि मध्यप्रदेश विविधता से भरी संस्कृति वाला राज्य है। बच्चों को पढ़ाई के साथ इनसे भी जोड़े रखना जरूरी है। डिजिटल युग में विरासत से जोड़ने में बच्चों को इतिहास की जानकारी देना आवश्यक है।
मंत्री टेटवाल ने संत शिरोमणि ग्लोबल स्किल पार्क में बालिका छात्रावास का किया लोकार्पण
6 May, 2025 10:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : कौशल विकास एवं रोजगार राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गौतम टेटवाल की उपस्थिति में संत शिरोमणि रविदास ग्लोबल स्किल पार्क एवं राष्ट्रीय तकनीकी शिक्षक प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान भोपाल (NITTTR) के मध्य एमओयू हुआ। यह एमओयू तकनीकी शिक्षा, प्रशिक्षण और शोध के क्षेत्र में आपसी सहयोग को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा।
इस अवसर पर आयोजित टीम बिल्डिंग वर्कशॉप में जुलाई 2024 बैच के 104 विद्यार्थियों ने सक्रिय भागीदारी की। इस वर्कशॉप का उद्देश्य विद्यार्थियों को कॉर्पोरेट जीवन की आवश्यकताओं के अनुरूप तैयार करना था। मंत्री टेटवाल ने वर्कशॉप में प्रशिक्षण प्राप्त छात्रों को प्रमाण पत्र प्रदान कर उनका उत्साहवर्धन किया।
ग्लोबल स्किल पार्क के सीईओ गिरीश शर्मा ने जानकारी दी कि इस समझौते के अंतर्गत दोनों संस्थान फैकल्टी एवं शोधार्थियों के आदान-प्रदान, बहु-विषयक संयुक्त प्रशिक्षण कार्यक्रम, पाठ्यक्रम डिज़ाइन, छात्रों की इंटर्नशिप एवं प्रशिक्षण, उभरती तकनीकों पर आधारित कौशल विकास कार्यक्रम, तकनीक और अधोसंरचना का साझा उपयोग, तथा इंजीनियरिंग, प्रौद्योगिकी एवं शिक्षा विषयों पर कार्यशालाओं एवं सम्मेलनों का आयोजन करेंगे।
इसके साथ ही संत शिरोमणि रविदास ग्लोबल स्किल पार्क, भोपाल द्वारा "इंडिया एंटरप्राइज आर्किटेक्चर (IndEA)" पर अनुसंधान के लिये पीएचडी फेलोशिप एवं अनुदान भी दिया जाएगा। इससे शोध कार्यों को नई दिशा और ऊर्जा प्राप्त होगी।
मंत्री टेटवाल ने बताया कि संत शिरोमणि रविदास ग्लोबल स्किल पार्क एशिया का एकमात्र संस्थान है, जहाँ विद्यार्थियों को सिंगापुर से प्रशिक्षित विशेषज्ञों द्वारा अत्याधुनिक लैब्स में 20 से अधिक ट्रेड्स में प्रशिक्षण दिया जा रहा है। संस्थान की नाम मात्र फीस में उच्च गुणवत्ता का कौशल प्रशिक्षण दिया जाता है। यहाँ से प्रशिक्षित युवा न केवल देश में, बल्कि विदेशों में भी कार्यरत हैं। पार्क से प्रशिक्षण प्राप्त विद्यार्थियों का 100 प्रतिशत कैंपस सिलेक्शन होना इसकी गुणवत्ता और विश्वसनीयता का प्रमाण है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में प्रदेश सरकार का संकल्प है कि मध्यप्रदेश के युवाओं को आधुनिक ट्रेड्स में विश्व स्तरीय तकनीकी प्रशिक्षण दिया जाए। ताकि प्रत्येक युवा आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के निर्माण में सहभागी बनें। ग्लोबल स्किल पार्क इसी संकल्प की सशक्त अभिव्यक्ति है, जो युवाओं को आधुनिक तकनीकों, उद्योगों की मांगों के अनुसार कौशल तथा वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार कर रहा है।
मंत्री टेटवाल ने बालिका छात्रावास का किया लोकार्पण
संत शिरोमणि ग्लोबल स्किल पार्क में आज का दिन युवाओं के भविष्य निर्माण की दृष्टि से ऐतिहासिक रहा। मंत्री टेटवाल ने 17 करोड़ 54 लाख रूपये की लागत से तैयार बालिका छात्रावास का लोकार्पण किया। इस छात्रावास में 600 छात्राओं को सुरक्षित और सुसज्जित आवासीय सुविधा के साथ अध्ययन के लिए उपयुक्त और अनुशासित वातावरण भी मिलेगा।
प्रत्येक कक्ष में अध्ययन मेज, कुर्सी, बिस्तर, अलमारी तथा अन्य आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं। छात्रावास परिसर में सर्वसुविधायुक्त मेस भी है। छात्राओं की दैनिक आवश्यकताओं और समस्याओं के निराकरण के लिए एक प्रबंधन समिति भी गठित की गई है, जो छात्राओं के कल्याण के लिए सतत रूप से कार्य करेगी।
कुदवा रेंज में हुई घटना के बाद बाघ को किया रेस्क्यू
6 May, 2025 10:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : वन विभाग द्वारा दक्षिण बालाघाट वन मण्डल के अंतर्गत कटंगी के कुदवा रेंज में विगत दिनों बाघ के हमले से दुर्भाग्यवश एक व्यक्ति की मृत्यु हुई थी। इसके बाद वन विभाग द्वारा वन क्षेत्र को सुरक्षित करते हुए पशु चिकित्सकों एवं स्थानीय प्रशासन के साथ समन्वय कर बाघ को रेस्क्यू कर लिया गया। बाघ को “राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण’ की गाइड-लाइन के अनुरूप जाँच और निगरानी में रखा गया। वन्य-जीव और मानव के बीच बढ़ते संघर्ष हमारे लिये एक बड़ी चुनौती बनते जा रहे हैं। मानव सुरक्षा एवं वन्य-जीव संरक्षण के लिये वन विभाग पूर्ण रूप से प्रतिबद्ध है।
वन विभाग द्वारा पीड़ित परिवार को सहायता और मुआवजा राशि दी गयी है। वन विभाग ने इस संवेदनशील 2 दिवसीय रेस्क्यू ऑपरेशन में स्थानीय समुदाय के सहयोग के लिये भी आभार माना है।
मंत्रीगण से प्राप्त विकास कार्यों क़े प्रस्तावों पर प्राथमिकता से कार्रवाई करें : जल संसाधन मंत्री सिलावट
6 May, 2025 10:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट ने कहा है कि मंत्रीगण से प्राप्त विकास कार्यों क़े प्रस्तावों पर विभागीय अधिकारी प्राथमिकता से कार्यवाही करें। साथ ही कार्यों की प्रगति से उन्हें समय समय पर अवगत भी कराएं। जनजातीय क्षेत्रों में सिंचाई की छोटी-छोटी योजनाएँ बनाकर उन पर कार्य किया जाए।
मंत्री सिलावट मंगलवार को मंत्रालय में मंत्रीगण से प्राप्त विकास कार्यों के प्रस्तावों पर विभागीय क्रियान्वयन की समीक्षा कर रहे थे। बैठक में उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार, अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री नागर सिंह चौहान, स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा राज्य मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल, प्रमुख अभियंता विनोद देवड़ा सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।
बैठक में जल संसाधन विभाग के अंतर्गत नहरों के पक्कीकरण कार्य, बैराज एवं तालाब निर्माण की स्वीकृति, तालाबों एवं बैराजों की साध्यता स्वीकृति सहित अन्य विकास कार्यों के संबंध में चर्चा कर निर्णय लिए गए।
स्कूल शिक्षा, उच्च शिक्षा और कौशल विकास का आपसी समन्वय जरूरी
6 May, 2025 10:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : स्कूल शिक्षा, उच्च शिक्षा और कौशल विकास पर आपसी समन्वय होना आवश्यक है। यदि शिक्षा को उद्यमिता आधारित बनाया जायेगा, तो राज्य अपने संसाधनों का पूर्ण रूप से उपयोग कर सकेगा। यह विचार मंगलवार को कुशाभाऊ ठाकरे कन्वेंशन सेंटर में विषय-विशेषज्ञों ने नीति संवाद श्रृंखला-2025 में व्यक्त किये।
सत्र के प्रारंभ में तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोजगार श्री रघुराज एम.आर. ने बताया कि बदलते दौर में मशीनों का बहुत प्रयोग हो रहा है। इससे मानव संसाधन का उपयोग सीमित हुआ है। इन सबको देखते हुए हमें नये-नये व्यावसायिक पाठ्यक्रम तैयार करने होंगे। उन्होंने बताया कि आज की आवश्यकता को देखते हुए वेतन और मजदूरी का निर्धारण जरूरी है। यह हमारी सामाजिक सुरक्षा की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। सचिव तकनीकी शिक्षा ने बताया कि औद्योगिक क्षेत्र में नये सेक्टर लगातार आ रहे हैं। उनकी आवश्यकता के अनुसार मानव संसाधन के प्रशिक्षण की आवश्यकता है।
सत्र में सलाहकार एआईजीजीपीए डॉ. आर. कोष्टा ने बताया कि प्रदेश में “सीखो-कमाओ’’ योजना के अच्छे परिणाम आये हैं। भोपाल के ग्लोबल स्किल पार्क में कई टेक्निकल कोर्स चल रहे हैं। इनके माध्यम से युवाओं को देशभर में रोजगार के अवसर मिल रहे हैं। आईआईटी इंदौर की प्रोफेसर प्रीति शर्मा ने बताया कि आने वाला समय सर्विस सेक्टर का है। यहाँ रोजगार की ज्यादा संभावनाएँ बनी रहेंगी। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण कोर्स में समय के अनुसार लगातार बदलाव की आवश्यकता है। इसके लिये विषय-विशेषज्ञों के बीच संवाद जरूरी है। डीन स्कोप ग्लोबल स्किल यूनिवर्सिटी डॉ. अनुराग कुलश्रेष्ठ ने बताया कि ऐसे कोर्स लोकप्रिय हो रहे हैं, जहाँ 70 प्रतिशत प्रेक्टिकल और 30 प्रतिशत थ्योरी पोर्शन हैं।
सत्र का संचालन भारतीय वन प्रबंध संस्थान भोपाल की वरिष्ठ उच्च शिक्षा विशेषज्ञ डॉ. पारुल ऋषि ने किया। उन्होंने कहा कि आज वैश्विक स्तर पर पढ़ाई को रोजगार से जोड़कर देखा जा सकता है। आज आवश्यकता इस बात की है कि कोर्स में बदलाव के लिये हमेशा तैयारी रखी जाये। सत्र में विशेषज्ञों की राय थी कि तकनीकी शिक्षा के जरिये विकसित मध्यप्रदेश की कल्पना को साकार करने के लिये कार्य-योजना तैयार की जाये।
नई शिक्षा नीति केवल एक दस्तावेज नहीं अपितु भारत की सांस्कृतिक चेतना और स्वाभिमान को पुन: स्थापित करने का है माध्यम : मुख्यमंत्री डॉ. यादव
6 May, 2025 09:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि औपनिवेशिक उद्देश्यों से लागू लॉर्ड मैकाले की शिक्षा नीति के दुष्प्रभावों से समाज और आगामी पीढ़ी को मुक्त कराने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पहल पर राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू की गई। यह गर्व का विषय है कि मध्यप्रदेश इस के प्रावधानों को क्रियान्वित करने में देश में अग्रणी रहा। यह शिक्षा नीति केवल एक दस्तावेज नहीं अपितु भारत की सांस्कृति चेतना और स्वाभिमान को पुन: स्थापित करने का माध्यम है। शिक्षा का उद्देश्य व्यक्ति को आत्मनिर्भर बनाने के साथ-साथ उसे अपने गौरव का बोध कराना भी है। भारतीय ज्ञान परम्परा व्यक्तिगत प्रसंगों से नैतिक मूल्यों को विद्यार्थियों में विकसित करने को विशेष महत्व देती है। पन्ना धाय और रानी दुर्गावती जैसे ऐतिहासिक प्रसंगों का समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को सुरक्षित रखने में महत्वपूर्ण योगदान रहा है। ऐसी प्रेरणादायक शिक्षाओं को वर्तमान शिक्षा प्रणाली में शामिल करना आवश्यक है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव मध्यप्रदेश राज्य नीति आयोग द्वारा आयोजित नीति संवाद- 2025 श्रृंखला के अंतर्गत सशक्त भारत और समृद्ध मध्यप्रदेश के लिए मूल्य आधारित और रोजगारोन्मुखी शिक्षा विषय पर कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में आयोजित संवाद श्रृंखला को संबोधित कर रहे थे। वरिष्ठ शिक्षा विचारक डॉ. इंद्रेश कुमार ने विषय पर अपने विचार रखे।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने दीप प्रज्ज्वलित कर तथा सरस्वती पूजन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने नीति संवाद पुस्तिका का विमोचन भी किया। कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा, उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार, स्कूल शिक्षा मंत्री राव उदय प्रताप सिंह, कौशल विकास एवं रोजगार राज्य मंत्री गौतम टेटवाल और अपर मुख्य सचिव संजय शुक्ला उपस्थित थे।
मुख्य वक्ता डॉ. इद्रेश कुमार ने कहा कि संस्कार और जीवन मूल्य ही व्यक्ति में वास्तविक परिवर्तन लाते हैं। मनुष्य को हिंसा, अशिक्षा और विकार से मुक्त कर और समाज में सदभाव, समता और एकता का वातावरण निर्मित कर अनेकों समस्याओं का समाधान किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव के नेतृत्व में उनका मंत्रिमंडल और लोक सेवक मध्यप्रदेश को आदर्श राज्य के रूप में स्थापित करने के लिए प्रयासरत है। सम्पूर्ण टीम का यह प्रतिबद्ध प्रयास मध्यप्रदेश को विश्व के मस्तक पर हीरे के रूप में चमकाएगा।
"हर गांव में संस्कार- हर हाथ में हुनर और हर मन में आत्मबल" के लक्ष्य से कार्य कर रही है सरकार : उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा
उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विकसित भारत के विजन की ओर अग्रसर होने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने नेतृत्व में प्रदेश में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के सभी आयामों का क्रियान्वयन प्रभावी रूप से किया जा रहा है। संस्कारों से शिक्षा के जुड़ने से ही राष्ट्र निर्माण की नींव पड़ती है। उन्होंने प्रदेश में गुणवत्ता शिक्षा के लिए आरंभ 276 सीएम राइज स्कूलों का नाम संदीपनी विद्यालय करने के लिए मुख्यमंत्री डॉ. यादव का आभार माना।
प्रदेश में शिक्षा के साथ-साथ डिजिटल लिटरेसी का भी विस्तार किया जा रहा है। हम "हर गांव में संस्कार- हर हाथ में हुनर और हर मन में आत्मबल" के लक्ष्य से कार्य कर रहे हैं। अपर मुख्य सचिव संजय शुक्ला ने नीति संवाद श्रंखला कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की। कार्यक्रम में नीति निर्माता, शिक्षाविद, प्रशासनिक अधिकारी और शिक्षण संस्थाओं के प्रतिनिधि शामिल हुए।
कोई भी किसान स्लॉट बुकिंग से वंचित नहीं रहे, सभी किसानों का किया जाए गेंहू उपार्जित : मुख्यमंत्री डॉ. यादव
6 May, 2025 09:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि यह सुनिश्चित किया जाए कि गेंहू उपर्जान के लिए कोई भी किसान स्लॉट बुकिंग से वंचित नहीं रहे और बुकिंग वाले सभी किसानों का गेंहू उपार्जित किया जाए। किसानों को कोई परेशानी न हो इस बात का विशेष ध्यान रखा जाए। उपार्जन केंद्रों पर किसी प्रकार की अनियमितता को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अब तक 8 लाख 87 लाख से हजार से अधिक पंजीकृत किसानों से 76.60 लाख मैट्रिक टन गेंहू उपार्जित हुआ है। किसानों को 5 मई तक 16 हजार 472 करोड़ रुपए का भुगतान किया जा चुका है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि हम पिछले वर्ष का रिकार्ड तोड़ते हुए इस वर्ष 81 लाख मैट्रिक टन गेंहू उपार्जन लक्ष्य की ओर अग्रसर हैं। यह प्रदेश के किसानों की कड़ी मेहनत का परिणाम है। इस उपलब्धि के लिए प्रदेशवासियों को अन्नदाताओं पर गर्व है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव रबी उपार्जन अंतर्गत गेहूं उपार्जन की समत्व भवन (मुख्यमंत्री निवास) में समीक्षा कर रहे थे। बैठक में मुख्य सचिव अनुराग जैन, अपर मुख्य सचिव (मुख्यमंत्री कार्यालय) डॉ. राजेश राजौरा उपस्थित थे।
बैठक में जानकारी दी गई कि वर्ष 2025-26 में 34 लाख 93 हजार एकड़ रकबे में हुए गेंहू उपार्जन के लिए 15 लाख 44 हजार किसानों द्वारा पंजीयन कराया गया। प्रदेश में 3 हजार 620 उपार्जन केंद्र स्थापित किए गए। स्लॉट बुकिंग से शेष किसानों की बुकिंग के लिए पोर्टल पर सुविधा उपलब्ध कराई गई है। इन किसानों से गेंहू का उपार्जन 9 मई तक किया जाएगा।