धर्म एवं ज्योतिष (ऑर्काइव)
राशिफल: जानिए, कैसा रहेगा आपका आज का दिन (28 अक्टूबर 2023)
28 Oct, 2023 06:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मेष राशि :- शरीर सुख, आर्थिक कठिनाई, संतान सुख तथा विद्या में उन्नति अवश्य होगी।
वृष राशि - शरीर कष्ट, पत्नी को सुख होगा, आर्थिक पारिवारिक संतान आदि को कष्ट हो।
मिथुन राशि - अपमान जनक स्थिति, कार्यक्षेत्र में परिवर्तक, संतान आदि को कष्ट अवश्य हो।
कर्क राशि- कृषि व्यापार का लाभ, शारीरिक सुख, विरोधियों से भय होगा, कर्ज होगा।
fिसंह राशि - धार्मिक कार्यों में रुचि, मातृ-पितृ कष्ट होवे, वाहन भय तथा पानी से दूर रहे।
कन्या राशि - शारीरिक सुख, विरोधियों पर विजय, मित्रों की प्रगति के कार्य अवश्य बनेंगे।
तुला राशि - स्वजनों से विरोध, आर्थिक हानि कार्य, परिवर्तन, संतान से सुख अवश्य होगा।
वृश्चिक राशि - शारीरिक सुख, व्यापारिक यात्रा, धन हानि, नेत्र कष्ट विद्या बाधा होगी।
धनु राशि - शारीरिक सुख, आर्थिक कष्ट, आकस्मिक धन लाभ होवे, कार्य में सफलता।
मकर राशि - आर्थिक कष्ट, समाज विरोध, व्यापार, नौकरी से लाभ होवे, ध्यान रखे।
कुंभ राशि - शारीरिक सुख, साधन की कमी होवे, स्वजन विरोध होगा।
मीन राशि - शरीर कष्ट, नेत्र पीड़ा, धन हानि तथा शारीरिक रोग प्राप्त होगा।
इस वर्ष बथुकम्मा उत्सव कब शुरू होता है? बतुकम्मा महोत्सव की तारीखें!
27 Oct, 2023 06:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
बथुकम्मा महोत्सव तिथियां 2023: बथुकम्मा भारत के तेलंगाना और आंध्र प्रदेश राज्यों में मनाया जाने वाला सबसे बड़ा त्योहार है। यह सबसे खूबसूरत और रंगीन त्योहारों में से एक है। फूलों की सजावट, मनमोहक बतुकम्मा गीतों और सरल अनुष्ठानों के साथ, बतुकम्मा उत्सव एक ऐसा त्योहार है जो भूमि, जल और प्रकृति के अन्य तत्वों के बीच संबंधों का जश्न मनाता है।
बथुकम्मा एक याचक है जो खेलों के माध्यम से देवी प्रकृति की पूजा करती है और लोगों को संक्रामक बीमारियों और सूखे से बचाने के लिए प्रार्थना करती है।
हर साल यह अमावस्या (भाद्रपद अमावस्या) के दिन एंगिली पुला बथुकम्मा नाम से शुरू होता है, जो अश्वियुजा शुद्ध पद्यामी से एक दिन पहले होता है और दुर्गाष्टमी पर सद्दुला बथुकम्मा के साथ समाप्त होता है। इस त्योहार की भव्यता को देखने के लिए दो आंखें काफी नहीं हैं, जिसका तेलंगाना के गांवों की हर लड़की समय-समय पर इंतजार करती रहती है। गांवों में मनाया जाने वाला यह त्योहार अब देश-विदेश में मनाया जाने लगा है।
बथुकम्मा महोत्सव का सारांश
बथुकम्मा त्योहार प्रकृति, जल और मानव के बीच संबंधों का जश्न मनाता है। महिलाएं "बोड्डेम्मा" (कीचड़ में देवी दुर्गा का एक मिट्टी का रूप) बनाती हैं और इसे बथुकम्मा के साथ तालाब में विसर्जित कर देती हैं। इससे तालाबों की क्षमता बढ़ती है और अधिक पानी बनाए रखने में मदद मिलती है। फूल पानी को शुद्ध करके साफ करते हैं, जिससे हवा की गुणवत्ता में सुधार होता है।
बथुकम्मा उत्सव न केवल संस्कृति को संरक्षित करता है बल्कि प्राकृतिक संसाधनों को भी संरक्षित करता है जो ऐसे समय में अस्तित्व के लिए अभिन्न अंग हैं जब जल संसाधन समाप्त हो रहे हैं। यह त्यौहार कृषि की भावना को श्रद्धांजलि देता है, प्रकृति की महिमा का जश्न मनाता है, मानव जाति की एकता और महिलाओं की अटूट भावना का जश्न मनाता है। बथुकम्मा उत्सव प्रकृति के संसाधनों का जश्न मनाने और लोगों को करीब लाने का प्रतीक है।
इस वर्ष बतुकम्मा उत्सव 14 अक्टूबर से 22 अक्टूबर तक आयोजित किया जाएगा।
बथुकम्मा नौ दिवसीय महोत्सव की शुरुआत और समाप्ति तिथियां:
शनिवार 14 अक्टूबर - एंगिली पुला बथुकम्मा
पहला दिन एंगिली पुला बथुकम्मा पितृ अमावस्या (महालय अमावस्या - भाद्रपद अमावस्या) पर होता है।
15 अक्टूबर रविवार - अटुकुला बथुकम्मा
का दूसरा दिन अटुकुला बथुकम्मा अश्वयुज शुद्ध पद्यामी (नवरात्रि कलश स्थापना) के दिन मनाया जाता है।
16 अक्टूबर सोमवार - मुद्दप्पु बथुकम्मा
असवेयुजा शुद्ध विद्या दिवस मुद्दप्पु बथुकम्मा
17 अक्टूबर मंगलवार- नाने चावल बथुकम्मा,
अश्वयुज का तीसरा दिन, नाने बिय्याम बथुकम्मा का दिन
18 अक्टूबर बुधवार - अतला बथुकम्मा
अतला बथुकम्मा अश्वयुज महीने चविथी का चौथा दिन है।
गुरुवार 19 अक्टूबर- अलिघिना बथुकम्मा
अलिघिना बथुकम्मा अश्वयुज महीने की पंचमी का दिन है।
20 अक्टूबर शुक्रवार - वेपाकायला बथुकम्मा
वेपाकायाला बथुकम्मा अश्वयुज महीने का छठा दिन है।
शनिवार 21 अक्टूबर - वेन्नारुद्दला बथुकम्मा
अश्वयुज माह का सातवां दिन वेन्नारुद्दाला बथुकम्मा
22 अक्टूबर, रविवार- सद्दुला बथुकम्मा,
बथुकम्मा महोत्सव का अंतिम दिन, आखिरी दिन को सद्दुला बथुकम्मा कहा जाता है। बथुकम्मा को सामान्य दिनों की तुलना में बड़े आकार में तैयार किया जाता है और पानी में विसर्जित किया जाता है। यह त्यौहार दुर्गा अष्टमी के दिन मनाया जाता है।
अमावसी के दिन भूलकर भी ना खरीदें ये चीजें.. नहीं तो होगा बड़ा नुकसान
27 Oct, 2023 06:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
शनि अमावस्या 2023: अमावस्या हर महीने आती है। अमावस्या तब होती है जब सूर्य और चंद्रमा एक ही सीधी रेखा में होते हैं। इस दिन सूर्य की विपरीत दिशाएं पृथ्वी पर नहीं पड़ेंगी और पूरी तरह से चंद्रमा के उत्तरार्ध में समा जाएंगी।
एक माह में अमावस्या ही नहीं बल्कि पूर्णिमा भी हो सकती है।
चंद्रमा की ये दो कलाएं बहुत महत्वपूर्ण हैं। वह भी अमावस्या का दिन पितृ पूजन के लिए उपयुक्त दिन के रूप में समर्पित है। हिंदू धर्मग्रंथों में बताया गया है कि इस दिन हमें कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए।
और आज सिर्फ महालया अमावसी ही नहीं बल्कि शनि अमावसी भी है. इससे यह अमावस्या और भी खास हो जाती है। लेकिन इस अमावस्या के दिन हमें कुछ चीजें खरीदने से बचना चाहिए। अन्यथा, यह घर पर एक बड़ी आपदा का कारण बनेगा। आइए अब जानते हैं कि अमावसी के दिन कौन सी चीजें नहीं खरीदनी चाहिए।
झाड़ू
अमावस्या का दिन पितृों को समर्पित दिन है। ऐसे दिन झाड़ू खरीदने से बचना चाहिए। शास्त्रों के अनुसार झाड़ू का संबंध देवी लक्ष्मी से है। अमावस्या के दिन झाड़ू खरीदने से देवी लक्ष्मी नाराज हो जाती हैं और आय में रुकावट आती है। साथ ही इससे घर नकारात्मक ऊर्जा से भर जाता है और स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं बढ़ती हैं। इसलिए अमावस्या के दिन भूलकर भी झाड़ू नहीं खरीदना चाहिए।
शराब
चूँकि अमावस्या का दिन पितृ को समर्पित होता है, इसलिए शास्त्र इस दिन शराब खरीदने और पीने से बचने के लिए कहते हैं। जबकि अमावस्या का दिन शनिदेव से जुड़ा है। इसलिए अगर आप इस दिन शराब पीते हैं तो इससे घर में नकारात्मक ऊर्जा आती है और आपको कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
मांस
शराब की तरह, अमावस के दिन मांस की खरीद या सेवन से बचना चाहिए। कहा जाता है कि अमावस्या के दिन कोई भी मांसाहारी भोजन खाने से कुंडली पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इसके अलावा अमावस के दिन मांस का सेवन करने से शनि जनित परेशानियां और बढ़ जाती हैं।
गेहूं का आटा
अमावस्या के दिन गेहूं और आटा खरीदने से बचना चाहिए। पुरतासी माह की अमावस्या के दौरान खरीदारी करने से भी बचना चाहिए। शायद ऐसे ही खरीदकर खाया जाए तो अशुभ माना जाता है।
सिर पर तेल लगाने से बचें
अमावस्या के दिन सिर पर तेल लगाने से बचना चाहिए। बल्कि इस दिन तेल का दान करना शुभ माना जाता है। जब इसका भी इसी प्रकार दान किया जाता है तो शनि दोष से मुक्ति मिलती है।
पूजा सामग्री
अमावस्या तिथि पितृ पूजन के लिए शुभ दिन है। इस दिन सामी मूर्तियों के लिए पूजा की वस्तुएं जैसे पाटी, कपूर, संपिरानी, फूल, कपड़े खरीदने से बचना चाहिए। इसके विपरीत यदि आप इस दिन गरीबों और जरूरतमंदों को दान करते हैं तो इससे पुण्य मिलेगा और घर में सकारात्मक ऊर्जा बढ़ेगी।
पांडवों के साथ कैसे रहती थी द्रोपदी, 5 पतियों के साथ ऐसे निभाती थी पत्नी धर्म
27 Oct, 2023 06:15 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
प्राचीन ग्रंथ महाभारत की द्रौपदी और पांडवों को लेकर आज भी लोगों के मन में कई प्रश्न हैं। नई पीढ़ी के मन में सवाल है कि पांच पतियों वाली महिला को समाज ने कैसे कबूल कर लिया?
द्रौपदी केवल अर्जुन से प्यार करती थी और उसका विवाह अर्जुन से हुआ था।
लेकिन इसके बावजूद पांच पतियों को कबूल करना और पत्नी का फर्ज निभाना उनके लिए कितना कठिन रहा होगा.
एक बार सत्यभामा ने द्रौपदी से पूछा कि उसने अपने पांचों पतियों के साथ कैसे रह लेती हो? द्रौपदी ने जवाब दिया कि आप मुझसे यह कैसा सवाल कर रहे हैं। आप मुझसे दुष्ट स्त्रियों के बारे में प्रश्न पूछ रहे हैं।
द्रौपदी ने आगे कहा कि मैं अपने धर्म का पालन करती हूं. चाहे कोई कितना भी सज्जन व्यक्ति क्यों न हो, मेरे मन में पांडवों के प्रति ही भावना है। मैं घर को साफ और सुंदर रखती हूं. मैं खाना बनाती हूँ इसके अलावा मैं ईर्ष्या और कठोर भाषा से परहेज करता हूं।
उन्होंने कहा कि मैं कठिन समय के लिए घर में एक गुप्त स्थान पर भोजन संग्रहीत करती हूँ। मैं न तो बुरा बोलती हूँ और न ही वहाँ जाती हूँ जहाँ बुरे काम हो रहे हों। द्रौपदी ने कहा, मेरे बड़ों ने जो धर्म मुझे बताया है, मैं उसका पालन करती हूं।
28 तारीख को लगने वाला है चंद्र ग्रहण, सबसे ज्यादा असर इस राशि पर पड़ेगा; रहें सावधान
27 Oct, 2023 06:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
2023 का आखिरी चंद्र ग्रहण 28 अक्टूबर को लगेगा। यह चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई देगा। इसी दिन शरद पूर्णिमा भी है. यह चंद्र ग्रहण रात 11 बजकर 32 मिनट से 3 बजकर 56 मिनट तक रहेगा. ग्रहण का सूतक काल दोपहर 2:32 बजे शुरू हो जाएगा.
ज्योतिषियों के अनुसार, आने वाला चंद्र ग्रहण मेष राशि में पड़ेगा। इसलिए ग्रहण का सबसे अधिक प्रभाव इसी राशि पर पड़ेगा। मेष राशि वालों को आर्थिक नुकसान हो सकता है। निवेश, कर्ज़ या ख़र्चों से जुड़ी परेशानियां रहेंगी। धन को लेकर परेशानी रहेगी. चंद्र ग्रहण के दौरान मेष राशि वालों को आर्थिक लेन-देन से बचना चाहिए। जल्द बाजी से पैसा कमाना महंगा पड़ सकता है।
घर या ऑफिस में विवाद हो सकता है। लगातार चिड़चिड़ापन रहेगा. संपत्ति संबंधी विवाद कोर्ट-कचहरी की शरण में जा सकता है। इस उतार-चढ़ाव को लगभग एक महीने तक सहन किया जा सकता है। आप अनावश्यक तनाव से ग्रस्त हो सकते हैं। दोस्तों या रिश्तेदारों से बहस हो सकती है।
कोई पुरानी बीमारी परेशानी को बढ़ा सकती है। नेत्र एवं पेट संबंधी समस्याओं से सावधान रहें। खाने-पीने में न बरतें लापरवाही, इस अवधि में अपने पिता के स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखें। बीमारी के कारण बढ़ा हुआ खर्च आपका बजट बिगाड़ सकता है।
राशिफल: जानिए, कैसा रहेगा आपका आज का दिन (27 अक्टूबर 2023)
27 Oct, 2023 12:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मेष राशि :- शरीर सुख, आर्थिक कठिनाई, संतान सुख तथा विद्या में उन्नति अवश्य होगी।
वृष राशि - शरीर कष्ट, पत्नी को सुख होगा, आर्थिक पारिवारिक संतान आदि को कष्ट हो।
मिथुन राशि - अपमान जनक स्थिति, कार्यक्षेत्र में परिवर्तक, संतान आदि को कष्ट अवश्य हो।
कर्क राशि - कृषि व्यापार का लाभ, शारीरिक सुख, विरोधियों से भय होगा, कर्ज होगा।
fिसंह राशि - धार्मिक कार्यों में रुचि, मातृ-पितृ कष्ट होवे, वाहन भय तथा पानी से दूर रहे।
कन्या राशि - शारीरिक सुख, विरोधियों पर विजय, मित्रों की प्रगति के कार्य अवश्य बनेंगे।
तुला राशि - स्वजनों से विरोध, आर्थिक हानि कार्य, परिवर्तन, संतान से सुख अवश्य होगा।
वृश्चिक राशि - शारीरिक सुख, व्यापारिक यात्रा, धन हानि, नेत्र कष्ट विद्या बाधा होगी।
धनु राशि - शारीरिक सुख, आर्थिक कष्ट, आकस्मिक धन लाभ होवे, कार्य में सफलता।
मकर राशि - आर्थिक कष्ट, समाज विरोध, व्यापार, नौकरी से लाभ होवे, ध्यान रखे।
कुंभ राशि - शारीरिक सुख, साधन की कमी होवे, स्वजन विरोध होगा।
मीन राशि - शरीर कष्ट, नेत्र पीड़ा, धन हानि तथा शारीरिक रोग प्राप्त होगा।
शरद पूर्णिमा का है विशेष महत्व
26 Oct, 2023 07:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
हिंदू शास्त्र के अनुसार सभी पूर्णिमा में आश्विन मास की पूर्णिमा का विशेष महत्व होता है। इस पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा कहते हैं। इस बार 28 अक्टूबर को शरद पूर्णिमा है। ऐसी मान्यता है कि इस रात को चंद्रमा अपनी पूरी सोलह कलाओं के प्रदर्शन करते हुए दिखाई देता है। शरद पूर्णिमा को कोजागरी या कोजागर पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। मान्यता के अनुसार शरद पूर्णिमा की रात को माता लक्ष्मी स्वर्ग लोक से पृथ्वी पर आती हैं। इस रात महालक्ष्मी को जो भी व्यक्ति जागते हुए दिखाई देता है और जो व्यक्ति पूजा ध्यान में लगाए हुआ होता है उन्हें देवी लक्ष्मी की कृपा मिलती है।
किस प्रकार करें पूजा
शरद पूर्णिमा की रात में भगवान शिव को खीर का भोग लगाएं। खीर को पूर्णिमा वाली रात को छत पर रखें। भोग लगाने के बाद खीर का प्रसाद ग्रहण करें। इस उपाय से कभी भी पैसे की कमी नहीं रहेगी। शरद पूर्णिमा की रात में हनुमानजी के सामने चौमुखा दीपक जलाएं। इसके लिए आप मिट्टी का एक दीपक लें और उसमें तेल या घी भरें। मां लक्ष्मी को सुपारी बहुत पसंद है। सुपारी को पूजा में रखें। पूजा के बाद सुपारी पर लाल धागा लपेट कर उसका अक्षत, कुमकुम, पुष्प आदि से पूजन करके उसे तिजोरी में रखें, धन की कभी कमी नहीं होगी।
एक अध्ययन के अनुसार शरद पूर्णिमा के दिन औषधियों की स्पंदन क्षमता अधिक होती है।
चांदनी रात में 10 से मध्यरात्रि 12 बजे के बीच घूमने वाले व्यक्ति को ऊर्जा प्राप्त होती है। सोमचक्र, नक्षत्रीय चक्र और आश्विन के त्रिकोण के कारण शरद ऋतु से ऊर्जा का संग्रह होता है और बसंत में निग्रह होता है।
अध्ययन के अनुसार दुग्ध में लैक्टिक अम्ल और अमृत तत्व होता है। यह तत्व किरणों से अधिक मात्रा में शक्ति का शोषण करता है। चावल में स्टार्च होने के कारण यह प्रक्रिया और आसान हो जाती है। इसी कारण ऋषि-मुनियों ने शरद पूर्णिमा की रात्रि में खीर खुले आसमान में रखने का विधान किया है।
शुभ कार्यों में होता है पीले रंग का उपयोग
26 Oct, 2023 06:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
अक्सर लोग शुभ कार्यों में पीले रंग के वस्त्र धारण करते हैं। ज्योतिष में भी पीले रंग को खास महत्व दिया गया है। पीले रंग का संबंध गुरु बृहस्पति से भी माना गया है। यह सूर्य के चमकदार हिस्से वाला रंग है। यह मुख्य रंगों का हिस्सा है और यह रंग स्वभाव से गर्म और ऊर्जा पैदा करने वाला होता है। पीले रंग का महत्व
रंग पाचन तंत्र, रक्त संचार और आँखों को सीधा प्रभावित करता है।
इस रंग के अंदर मन को बदलने की क्षमता होती है।
यह बृहस्पति का प्रधान रंग है।
यह रंग जीवन में शुभता लाता है।
मन को उत्साहित करके नकारात्मक विचारों को समाप्त कर देता है।
यह नज़र दोष या नकारात्मक ऊर्जा को नष्ट कर देता है।
इस रंग के प्रयोग से ज्ञान प्राप्ति में सुविधा होती है।
साथ ही मन के कुविचार दूर होते हैं।
रंग का प्रयोग कहां करें
पढ़ने और पूजा के स्थान पर इस रंग का खूब प्रयोग कर सकते हैं।
घर की बाहरी दीवारों पर भी पीले रंग का प्रयोग कर सकते हैं।
घर के अंदर पीले रंग के हल्के शेड का प्रयोग किया जा सकता है।
नकारात्मक ऊर्जा से बचने के लिए पीला रुमाल साथ में रखें।
हल्दी का तिलक लगाकर मन को सात्विक और शुद्ध रख सकते हैं
रखें ये सावधानियां
इस रंग के ज्यादा प्रयोग से पाचन तंत्र ख़राब हो सकता है।
आँखों और सर में भारीपन की समस्या हो सकती है।
यह कभी-कभी अहंकारी भी बना देता है
यह रंग कभी कभी निद्रा में भी बाधा देता है।
माणिक्य पहनने से पहले रखें ये सावधानियां
26 Oct, 2023 06:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार माणिक्य रत्न सूर्य का प्रतिनिधित्व करता है। कहा जाता है कि जिस किसी की कुंडली में सूर्य शुभ प्रभाव में होता है उसे माणिक्य रत्न धारण करना चाहिए। इसे धारण करने से सूर्य की पीड़ा शांत होती है। यह रत्न व्यक्ति को मान-सम्मान, पद की प्राप्ति करवाने में भी सहायक हैलेकिन माणिक्य पहनने से पहले जान ले कि दोषयुक्त माणिक्य लाभ की अपेक्षा हानि ज्यादा करता है। तो आइए जानते है कि क्या है वो सावधानियां:
रत्न ज्योतिष के अनुसार जिस माणिक्य में आड़ी तिरछी रेखाएं या जाल जैसा दिखाई दे तो वह माणिक्य गृहस्थ जीवन को नाश करने वाला होता है।
जिस माणिक्य में दो से अधिक रंग दिखाई दें तो जान लीजिए कि यह माणिक्य आपकी जिंदगी में काफी परेशानियां ला सकता है।
कहा जाता है जिस माणिक्य में चमक नहीं होती ऐसा माणिक्य विपरीत फल देने वाला होता है। तो कभी भी बिना चमक वाला माणिक्य न पहने।
धुएं के रंग जैसा दिखने वाला माणिक्य अशुभ और हानिकारक माना जाता है। वहीं मटमैला माणिक्य भी अशुभ होता है। इसे खरीदने से पहले देख लें कि ये इस रंग का न हो।
रोटी बदल सकती है किस्मत
26 Oct, 2023 06:15 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रोटी, कपड़ा और मकान यह इंसान की 3 सबसे पहली जरुरत है। रोटी के कुछ ऐसे उपाय हमें किताबों में मिलते हैं जो आश्चर्य में डाल देते हैं. आइए जानते हैं कुछ ऐसे टोटके रोटी के, जो हमारा नसीब भी बदल सकते हैं.
घर की रसोई में पहली रोटी सेंकने के बाद उसमें शुद्ध घी लगाकर चार टुकड़े कर लें और चारों टुकड़ों पर खीर अथवा चीनी या गुड़ रख लें। इसमें से एक को गाय को, दूसरे को कुत्ते को, तीसरे को कौवे को और चौथे को किसी भिखारी को दे दें। इस उपाय के तहत गाय को रोटी को खिलाने से पितृदोष दूर होगा, कुत्ते को रोटी खिलाने से शत्रुभय दूर होगा, कौवे को रोटी खिलाने से पितृदोष और कालसर्प दोष दूर होगा और अंतिम रोटी का टुकड़ा किसी गरीब या भूखे को भोजन के साथ खिलाने से आर्थिक कष्ट दूर होंगे और बिगड़े काम बनने लगेंगे।
यदि आपके जीवन में शनि पीड़ा है या फिर राहु-केतु की अड़चनें हो तो रोटी का यह उपाय आपके लिए रामबाण साबित हो सकता है। इन सभी ग्रहों की अशुभता को दूर करने के लिए रात के समय बनाई जाने वाली अंतिम रोटी पर सरसों का तेल लगाकर काले कुत्ते को खाने के लिए दें। यदि काला कुत्ता उपलब्ध न हो तो किसी भी कुत्ते के बच्चे को खिलाकर इस उपाय को कर सकते हैं.
हमारे यहां अतिथि को देवता के समान माना गया है फिर वह धनवान हो या फिर आम आदमी यदि कोई निर्धन या भिखारी आपके घर के दरवाजे पर आए तो यथासंभव भोजन अवश्य कराएं। भोजन में भी रोटी जरूर खिलाएं या हाथ से परोसें।
यदि तमाम प्रयासों के बावजूद सफलता आपके हाथ नहीं लग रही है तो आप के लिए रोटी का यह उपाय वरदान साबित हो सकता है। रोटी और चीनी को मिलाकर छोटे-छोटे टुकड़े चीटियों के खाने के लिए उनके बिल के आस-पास डालें। इस उपाय से आपकी बाधाएं धीरे-धीरे दूर होने लगेंगी।
यदि आपके घर की शांति को किसी की नजर लग गई है और आए दिन लड़ाई झगड़ा होता रहता है तो आप रोटी से जुड़े चमत्कारी उपाय को जरूर अपनाकर देखें। दोपहर के समय जब आप अपनी रसोई में पहली रोटी सेंके तो उसे गाय के लिए और अंतिम रोटी कुत्ते के लिए जरूर निकाल लें। उसे भोजन से पूर्व गाय और कुत्ते को खिलाने का प्रयास करें। यदि यह न संभव हो तो बाद में उसे खिला दें।
अगर करियर में रुकावट है, नौकरी नहीं मिल रही है तो यह उपाय आपके लिए है। कटोरदान की नीचे से तीसरे नंबर की रोटी लें, तेल की कटोरी में अपनी बीच वाली अंगुली और तर्जनी यानी पास वाली बड़ी अंगुली को एक साथ डुबोएं अब उस रोटी पर दोनों अंगुलियों से एक साथ लाइन खींचें। अब इस रोटी को बिना कुछ बोले दो रंग के कुत्ते को डाल दें। यह उपाय गुरुवार या रविवार को करेंगे तो करियर की हर बाधा दूर होगी।
राशिफल: जानिए, कैसा रहेगा आपका आज का दिन (26 अक्टूबर 2023)
26 Oct, 2023 12:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मेष राशि :- मानसिक अशांति से कार्य में अवरोध होगा, आवास परिवर्तन से परेशानी होगी।
वृष राशि - अचल संपत्ति से लाभ होगा पर गृहस्थी की चिंता रहेगी, कार्य में सफलता मिलेगी।
मिथुन राशि - स्वयं के विवेक से किये गये कार्य में सफलता मिलेगी, दूसरों के कार्य से लाभ होगा।
कर्क राशि - परिवार एवं समाज का पूर्ण सहयोग प्राप्त होगा, मुकदमों में हानि अवश्य हेवेगी।
सिंह राशि - गृह संपत्ति के निर्माण कार्य से सफलता मिलेगी, बिगड़े काम बनने का योग है।
कन्या राशि प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता मिलेगी, राजनीति के क्षेत्र में उन्नति होगी।
तुला राशि - भागीदारी के कार्यो में सावधानी रखें लापरवाही करने से बचें, परेशानी से बचें।
वृश्चिक राशि - दैनिक कार्य में सावधानी रखें कोई नया कार्य प्रारंभ होने के आसार बनेंगे।
धनु राशि - वाहन, जमीन, जायजाद खरीदने में परेशानी होगी मतभेद बनेंगे, ध्यान रखें।
मकर राशि - कार्य योजना बनेगी, वाहन से सुख, नौकरी में लाभ व उन्नति होगी ।
कुंभ राशि - कार्य कुशलता से संतोष सामाजिक क्षेत्र में प्रतिष्ठा बढ़ेगी, तरक्की होगी।
मीन राशि - वाहन चलाने में सावधानी रखें, शारीरिक परेशानी तथा पीड़ा का आभास होगा।
मुझे अपनी जन्मतिथि बताओ.. हम कहते हैं कि किसी भी तारीख को जन्म लेने वाले लोग शादी करेंगे तो खुश रहेंगे..
25 Oct, 2023 06:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
अंकज्योतिष और जीवन साथी : अंकज्योतिष अंकों पर आधारित भविष्यवाणी है। ज्योतिष की तरह ही, अंकशास्त्र से किसी के चरित्र, भविष्य, वैवाहिक जीवन, प्रेम जीवन, वित्तीय स्थिति, करियर जीवन आदि के बारे में भविष्यवाणी की जा सकती है।
अंक ज्योतिष में 1 से नौ तक मिश्रित अंक होते हैं। प्रत्येक अंक के स्वामी होते हैं।
क्या आपकी उम्र विवाह योग्य है? क्या आप अपना जीवनसाथी चुनने को लेकर असमंजस में हैं? इस प्रकार के परिदृश्य में, यदि आप ऐसा जीवनसाथी पाना चाहते हैं जो आपके गुणों से मेल खाता हो और चाहते हैं कि आपका वैवाहिक जीवन मधुर और सुखमय हो, तो ऐसा जीवनसाथी चुनें जो आपकी जन्मतिथि से मेल खाता हो।
इस जन्मतिथि के अनुरूप जीवनसाथी चुनने पर दोनों के बीच का रिश्ता और भी मजबूत होगा और दोनों एक-दूसरे को बेहतर ढंग से समझेंगे और खुशहाल जीवन व्यतीत करेंगे। आइए अब देखते हैं कि किस तारीख को जन्मे लोगों के लिए कौन सी तारीख शादी के लिए सबसे अच्छी होती है।
नियम संख्या 1
1, 10, 19, 28 तारीख को जन्म लेने वालों के लिए 1 उपयुक्त अंक है। इस अंक के लोग भाग्यशाली अंक 1, 4 या 7 वाले लोगों को अपने जीवन साथी के रूप में पाकर खुश रह सकते हैं। अगर इस अंक के लोग सुखी वैवाहिक जीवन चाहते हैं तो वे इन भाग्यशाली अंक वाले लोगों से शादी करके एक अच्छा रिश्ता कायम रख सकते हैं।
नियम संख्या 2
अंकज्योतिष के अनुसार 2, 11, 20, 29 तारीख को जन्म लेने वालों के लिए 2 अंक होता है। यदि इस अंक का कोई पुरुष या महिला 2, 11, 20, 29 तारीख को जन्म लेने वालों से जून और जुलाई के महीने में विवाह करता है, तो जीवन व्यतीत होता है। खुश रहेंगे और वे सबसे अच्छे जीवनसाथी होंगे।
नियम संख्या 3
जिनका जन्म 3, 12, 21, 30 तारीख को हुआ हो और जिनका जन्म 19 फरवरी से 21 मार्च और 21 नवंबर से 21 दिसंबर के बीच हुआ हो, वे मूलांक 3 वाले लोगों से शादी करें तो उनका वैवाहिक जीवन बेहद सुखी रहेगा।
नियम संख्या 4
अंकज्योतिष के अनुसार 4, 13, 22, 31 तारीख को जन्म लेने वाले लोगों का भाग्यांक 4 होता है। 21 मार्च से 28 अप्रैल या 10 जुलाई से 20 अगस्त के बीच इन तारीखों में जन्म लेने वाले लोगों का भाग्यांक 4 होता है और उनका जीवन साथी बनता है। बहुत खुश हूं और मीठा भी होगा.
नियम क्रमांक 5
5, 14, 23 तारीख का राशिफल नंबर 5. 21 मई से 20 जून या 21 अगस्त से 20 सितंबर के बीच इन तारीखों में जन्म लेने वाले लोग राशिफल नंबर 5 वाले लोगों से शादी करेंगे, वे एक बेहतरीन जीवनसाथी और अच्छे दोस्त बनेंगे।
नियम क्रमांक 6
6, 15, 24 तारीख को जन्मे लोग भाग्यशाली अंक 6 होते हैं। यदि इन तारीखों में जन्मे लोग 21 सितंबर से 19 अक्टूबर या 20 अप्रैल से 18 मई के बीच भाग्यशाली अंक 6 वाले लोगों से शादी करते हैं तो जीवन अच्छा रहेगा।
नियम क्रमांक 7
7, 16 और 25 तारीख को जन्मे लोगों का भाग्यशाली अंक 7 होता है। इन तारीखों को जन्मे लोगों का जीवन तभी सुखी होगा जब वे भाग्यशाली अंक 1 वाले लोगों से शादी करेंगे। और वे जनवरी और फरवरी में जन्में लोगों से शादी करने के लिए भाग्यशाली होंगे जिनका भाग्यांक 1 है।
नियम क्रमांक 8
8, 17 और 26 तारीख को भाग्यांक 8 मिलता है। इन तारीखों में जन्म लेने वाले जातकों का भाग्यांक 8 जीवनसाथी के रूप में होता है, जिसके साथ वे जीवन भर अच्छे संबंध बनाए रख सकेंगे और जीवन सुखी रहेगा।
नियम क्रमांक 9
9, 18, 27 तारीख को जन्मे लोग भाग्यशाली अंक 9 होते हैं। यदि इन तारीखों में जन्मे लोग भाग्यशाली अंक 9 वाले लोगों को अपने जीवन विभाग या प्रेम साथी के रूप में लेते हैं, तो उनका जीवन उम्मीद के मुताबिक खुशहाल होगा।
राशिफल: जानिए, कैसा रहेगा आपका आज का दिन (25 अक्टूबर 2023)
25 Oct, 2023 12:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मेष राशि :- गृह निर्माण होवे, शान शौकत में खर्च होवे, स्त्री व पुत्र से सहयोग मिलेगा।
वृष राशि - गुप्त कार्य में हर्ष होवे, रुके कार्य बनेंगे, शत्रु भय शांत होगा, ध्यान रखे।
मिथुन राशि - धन रुकेगा, लाभ अधिक होते हुए कष्ट, व्यापार में नुकसान होगा।
कर्क राशि - पुत्र रोग के कारण व्यापार में मन नहीं लगेगा, यात्रा से कष्ट होगा, चिंता रहेगी।
सिंह राशि - शुभ कार्य में समय लेगा, चिंता से हानि चिंता में चंचलता रहेगी, ध्यान रखें।
कन्या राशि यात्रा से लाभ होगा, व्यापार मध्यम रहेगा, स्त्री से सम्मान मिलेगा।
तुला राशि - प्रियजनों के विश्वासघात से बचें, परिवार के खर्च का भार बढेगा, लाभ होगा।
वृश्चिक राशि - वाहन व भूमि पर व्यय होगा, नवीन योजना में समय लगेगा, विशेष लाभ मिलेगा।
धनु राशि - रुके कार्य पूर्ण होंगे, खर्च अधिक होने से परिवार में कष्ट होने का योग बन रहा है।
मकर राशि - मित्रों का असहयोग बढ़गा, व्यापार से लाभ मिलेगा, शरीर कष्ट होगा, ध्यान दें।
कुंभ राशि - कार्य में सफलता मिलेग, भूमि क्रय-विक्रय में धन की हानि होने की संभावना है।
मीन राशि - व्यापार में मन मुटाव, विवाद होगा, यथावत स्थिति बनी रहेगी, स्वास्थ्य ठीक रहेगा।
चाणक्य नीति के अनुसार ऐसी उंगलियों वाली महिलाएं होती हैं बुरी महिलाएं
22 Oct, 2023 06:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
चाणक्य नीति: चाणक्य अपनी बुद्धि और कूटनीति के लिए अमर विख्यात हैं। ऐसा कहा जाता है कि एक महिला की असली विशेषताओं को पहचानना इतना आसान नहीं है। प्रकृति ने नारी को कोमलता, करुणा और स्नेह जैसे गुणों से प्रचुर मात्रा में संपन्न किया है।
महिलाओं में अच्छे और बुरे दोनों गुण होते हैं। चाणक्य ने अपनी चाणक्य नीति में महिलाओं के गुणों के बारे में बहुत कुछ बताया है। चाणक्य द्वारा अपने अनुभव से लिखी गई चाणक्य नीति में बताया गया है कि बुरे चरित्र वाली महिलाओं की पहचान कैसे करें।
बुरे चरित्र वाली स्त्रियों के लक्षण
चाणक्य नीति के अनुसार महिलाओं के चेहरे और शरीर पर कुछ खास लक्षण होते हैं। यह इस बात का प्रतीक है कि उन पर एक ओर जहां देवी लक्ष्मी की कृपा है। वहीं कुछ लक्षणों के कारण इन्हें बुरे चरित्र का भी माना जाता है। इन राशियों वाली महिलाएं परिवार की सुख-शांति को बर्बाद कर देंगी।
महिलाओं का महत्व
चाणक्य नीति के अनुसार, कुछ महिलाएं भरोसेमंद नहीं होती हैं। चाणक्य कहते हैं कि स्त्री देवी के समान होती है, जिसका हर कदम परिवार की भलाई के लिए उठाया जाता है, लेकिन कभी-कभी स्त्री हीन भावना के कारण अपने परिवार और अपने सम्मान को खतरे में डाल सकती है।
ऐसी महिलाओं को किसी पुरुष के प्यार और गर्मजोशी की जरूरत नहीं होती। चाणक्य निधि के अनुसार महिलाओं को उनके चेहरे, व्यवहार, विचार, शारीरिक संरचना आदि से पहचाना जा सकता है।
महिलाओं के पैर की उंगलियाँ
चाणक्य नीति के अनुसार जिस महिला के पैर की छोटी उंगली या पैर की अंगुली जमीन को नहीं छूती है और जिन महिलाओं के पैर के अंगूठे के पास वाली उंगली लंबी होती है, वे स्थिति के अनुसार अपना चरित्र बदल लेती हैं। ऐसी महिलाएं बहुत संकीर्ण सोच वाली, स्वभाव से दबंग और कभी भी भरोसेमंद नहीं होती हैं।
कुछ महिलाओं के पैर का पिछला हिस्सा बहुत बड़ा होता है, ऐसी महिलाएं घर के लिए अशुभ मानी जाती हैं, वहीं, अगर पैर का पिछला हिस्सा बहुत पतला होता है, तो ऐसी महिला सुखी रहती है, लेकिन उन्हें इसका सामना करना पड़ता है। जीवन में कुछ दुख.
यदि किसी महिला का पेट घड़ी की तरह हो तो उसे अपना शेष जीवन गरीबी में गुजारना पड़ता है। अगर किसी महिला का पेट लंबा है तो यह अपशकुन का संकेत है।
औरत की हथेली
जिस स्त्री की हथेली पर मांसाहारी पक्षी या जानवर जैसे कौआ, सांप, उल्लू, भेड़िया आदि का निशान हो उस पर हमेशा दुख का साया रहता है। ऐसी स्त्री जीवन, सुख और धन खो देती है। जिन महिलाओं की आंखें चंचल और भूरे रंग की होती हैं वह बहुत अच्छी और भाग्यशाली मानी जाती हैं।
नवरात्रि में अखंड ज्योति क्यों जलाई जाती है इस धार्मिक नियम का पालन अवश्य करना चाहिए
22 Oct, 2023 06:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नवरात्रि के दौरान कई घरों में अखंड ज्योति जलाई जाती है। अखंड ज्योति का मतलब है कि जलता हुआ दीपक लगातार 9 दिनों तक जलता रहना चाहिए। अगर अखंड ज्योति जलाई जाए तो यह घर के लिए बहुत अच्छा होता है, लेकिन सावधान रहना होता है, घर का दीपक खराब न हो जाए इसका भी ध्यान रखना चाहिए।
'अखंड ज्योति का महत्व'
नौ दिनों तक अखंड ज्योति जलाने से देवी की कृपा उस घर पर बनी रहेगी, जिससे आपको अपने सभी कार्यों में सफलता मिलेगी, देवी की कृपा से घर में शांति का माहौल रहेगा घर, घर की आर्थिक स्थिति अच्छी रहेगी।
अखंड ज्योति कैसे जलाएं, कौन सा दीपक प्रयोग करें? आइए एक नजर डालें कि क्या करें और क्या न करें:
कैसे जलाएं नवरात्रि अखंड ज्योति?
* अखंड ज्योति के लिए मोटी बाती का प्रयोग करना चाहिए
* तांबा, चांदी या मिट्टी का दीपक जला सकते हैं
* सरसों का तेल, फिटकरी या शुद्ध घी का उपयोग कर सकते हैं
* जिस स्थान पर अखंड ज्योति जलती है उस स्थान को साफ कर लें और वहां अष्टदल लिखकर दीपक रख दें।
* देवी दुर्गा के दाहिनी ओर दीपक जलाना चाहिए और पूजा में इस्तेमाल होने वाला तेल बाईं ओर रखना चाहिए।
* यदि तेल का दीपक है तो अष्टदल के बायीं ओर, यदि घी का दीपक है तो अष्टदल के दाहिनी ओर जलाना चाहिए।
* शुभ मुहूर्त में देवी मंत्र का जाप करते हुए दीपक जलाएं
क्या करें?
* दीपक अत्यंत श्रद्धा और भक्ति भाव से जलाना चाहिए
* बाती इतनी मोटी होनी चाहिए कि नौ गायों तक पहुंच सके
* दीपक हमेशा जलाए रखें
* तेल या घी कम न होने दें, दीपक में बार-बार डालते रहें, यहां तक कि रात।
* अखंडित दीपक को कांच से ढक दें ताकि हवा चलने पर वह बुझ न जाए
* बाती को ठीक करते समय, तेल लगाते समय ध्यान रखें कि बाती को कोई नुकसान न हो।
* इन 9 दिनों तक सात्विक भोजन ही करें
जो नहीं करना है?
* दीपक को फूंकें नहीं, ध्यान रखें बच्चे इसके आसपास न खेलें
* कड़ा घी न डालें, पिघला हुआ हो तो अच्छा है
* दीपक के बगल वाली दीवार पर शौचालय, स्नानघर नहीं होना चाहिए
* बाद में इसे नजरअंदाज न करें अखंड ज्योति जलाना.
'सूरजमुखी के तेल का प्रयोग न करें'
* जलते हुए दीपक को 9 दिनों तक न हिलाएं
* दंपत्ति को 9 दिन के व्रत के नियम का पालन करना चाहिए, शारीरिक संपर्क नहीं करना चाहिए।