धर्म एवं ज्योतिष (ऑर्काइव)
राशिफल: जानिए, कैसा रहेगा आपका आज का दिन (01 नवंबर 2023)
1 Nov, 2023 12:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मेष राशि :- उच्चवर्ग का सानिध्य, जमीन जायदाद का लाभ मिलेगा, कार्य की गति होगी, लाभ होगा।
वृष राशि - शारीरिक व्याधियां रहेगी, आकस्मिक हानि से खेद होगा, अभावग्रस्त रहेंगे।
मिथुन राशि - पारिवारिक सुख तथा आनंद की प्राप्ति होगी, धार्मिक कार्य, पुण्य में प्रगति अवश्य ही बढ़ेगी।
कर्क राशि - जनसंपर्क बढ़े, इच्छित कार्य की प्राप्ति होगी, राजनेता का सहयोग अवश्य ही मिलेगा।
fिसंह राशि - मानसिक क्षुब्ध, शत्रु बाधा, आलस्य प्रमोद की वृत्ति अवश्य ही होगी।
कन्या राशि - शारीरिक कष्टो से कुछ पद प्रतिष्ठा का लाभ अवश्य ही होगा।
तुला राशि - परीक्षा प्रतियोगिता, दूर की यात्रा सफलता पूर्वक होगी तथा सफलता अवश्य मिलेगी।
वृश्चिक राशि - यश प्रतिष्ठा में सुधार, व्यक्तिव का विकास, उद्योग में सफलता अवश्य ही बनेगी।
धनु राशि - समस्याओं का समाधान, आर्थिक संतुष्टि, उच्चपद की प्राप्ति का योग अवश्य ही होगा।
मकर राशि - मानसिक कष्ट, पारिवारिक उल्लास, खर्च से सावधान, स्वास्थ्य लाभ अवश्य ही होगा।
कुंभ राशि - पत्नी से संबंध ठीक नहीं रहेंगे, संतान पक्ष में आय अधिक, चिंता होंगे।
मीन राशि - सामाजिक संग्राम, धन खर्च में अधिकता, व्यापारिक प्रगति, श्रम होगा।
करवा चौथ के मौके पर ना करें इन चीजों का दान, वरना फायदे की जगह होगा नुकसान
31 Oct, 2023 06:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
करवा चौथ का व्रत हर विवाहित महिला के लिए खास होता है। इस साल यह पर्व 1 नवंबर को मनाया जाएगा। इस दिन विवाहिता अपने पति के लिए निर्जला उपवास रखती हैं और शाम को अपने पति के हाथों से जल पीकर व्रत खोलती हैं।
इस व्रत के लिए कई सारे रूल्स हैं, जिनका पालन करना बहुत अहम होता है।
ऐसे में हर व्रत करने वाली स्त्री को इन नियमों के बारे में पता होना चाहिए। तो आइए जानते हैं कि इस व्रत के दौरान ऐसा क्या नहीं करना चाहिए।
जानकारी के मुताबिक, महिलाओं को इस त्योहार पर सुहाग की चीजों का दान नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से आपकी शादीशुदा जिंदगी में दिक्कत बढ़ सकती है।
खासतौर पर जिन चीजों को सुहाग की निशानी मान गई है जैसे चूड़ी, बिंदी, सिंदूर, मेहंदी, मंगलसूत्र, बिछुआ, आलता आदि। हालांकि व्रत का पारण करने के बाद या फिर अगले दिन अपनी सास को सुहाग की सामग्री दे सकते हैं, जिससे आपके संबंध में मिठास आएगी।
मरने के बाद कहां जाता है इंसान
31 Oct, 2023 06:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
सभी धर्मों में पुनर्जन्म की बात कही गयी है, यानी एक शरीर को छोड़ने के बाद इंसान दूसरे शरीर में प्रवेश करता है। लेकिन मृत्यु के बाद से पुनर्जन्म लेने तक जीव कहां रहती है यह एक बड़ा सवाल है। भगवान श्री कृष्ण ने भी गीता में कहा है कि आत्मा न तो जन्म लेती है और न मरती है। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर जीव के मरने के बाद आत्मा कहां जाती है। इसका उत्तर आप जरूर जानना चाहते होंगे। 18 पुराणों में से गरूड़ पुराण ही एक ऐसा पुराण है जिसमें इस प्रश्न का उत्तर दिया गया है। इस पुराण में कहा गया है कि मृत्यु के बाद जीवात्मा को शरीर से निकाल कर ले जाने के लिए दो यमदूत आते हैं। जो व्यक्ति अपने जीवन काल में अच्छे कर्म करते हैं उनकी आत्मा शरीर से आसानी से निकल जाती है। जिनका अपने शरीर से मोह नहीं जाता है और जीवन काल में अच्छे कर्म नहीं करते हैं उन्हें यमदूत जबरदस्ती खींच कर अपने साथ ले जाते हैं। शरीर से निकलने के बाद आत्मा अंगूठे के आकार का बन जाता है।
यह दिखने में उसी प्रकार का होता है जैसा मृत व्यक्ति दिखने में होता है। इस आत्मा को लेकर यमदूत यमराज के पास जाते हैं। यहां उसे 24 घंटे रखा जाता है और जीवन काल में उसके द्वारा किये गये अच्छे बुरे कर्मों को दिखाया जाता है। इसके बाद आत्मा को पुन: उसी स्थान पर लाकर रख दिया जाता है जहां से यमदूत उसे लेकर जाते हैं। 13 दिनों तक इस स्थान पर रहकर आत्मा अपने शरीर का अंतिम संस्कार देखता है। इसके बाद यमदूत उसे अपने साथ लेकर पुन: यमलोक की ओर चलते हैं। इस रास्ते में आत्मा को यम की भयानक नगरी के दर्शन कराये जाते हैं। इस रास्ते में आत्मा को कई प्रकार की भयानक यतानाएं सहनी पड़ती है। एक साल तक इस रास्ते में चलते हुए जीवात्मा यमलोक पहुंचती है। यहां यमराज व्यक्ति को उसके कर्मों के अनुसार नर्क, स्वर्ग अथवा दूसरी योनियों भेजते हैं। यहीं पर तय होता है कि व्यक्ति को दूसरा जन्म कब मिलेगा। जो लोग धर्मात्मा होते हैं उन्हें यमलोक की यात्रा नहीं करनी पड़ती है। ऐसे लोगों के लिए विमान आता है जिसमें बैठकर आत्मा विष्णु लोक चली जाती है। जिन्हें विष्णु लोक में स्थान मिल जाता है उन्हें पुन: जन्म नहीं लेना पड़ता है।
राशिफल: जानिए, कैसा रहेगा आपका आज का दिन (31 अक्टूबर 2023)
31 Oct, 2023 12:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मेष राशि :- नई उपलब्धि होगी, जमीन जायदाद का सुख, वाहन आदि का सुख होगा।
वृष राशि - संगति से प्रेम बढ़े, मेहनत से सितारा चमके, श्रम मन में अशांति पैदा करें।
मिथुन राशि - घर परिवार में संतुलन बनाए रखे तथा बच्चें की जिम्मेदारी पर ध्यान दें।
कर्क राशि - समय उलझन पूर्ण होगा, धैर्य धारण करें, सफलता कदम चूमेगी।
fिसंह राशि - संभव हो तो लंबी यात्रा टाल दे, वाहन चलाते समय सावधानी रखें, कार्य होवे।
कन्या राशि - यात्रा लाभकारी रहे, व्यवसाय में उन्नति होवे, भाईयों से मनमुटाव होगा, समय का ध्यान दें।
तुला राशि - अभीष्ट सिद्धी की प्राप्ति हो, लेनदेन से अच्छा लाभ होगा, शुभ कार्य होवे।
वृश्चिक राशि - लंबी यात्रा सुखद रहे, प्रियजनों से विद्रोह, चिंता का अंत होगा, परंतु व्यय होगा।
धनु राशि - समाज में मान सम्मान तथा यश बढ़ेगा, आशा लाभ की प्राप्ति होगी, ध्यान रखे।
मकर राशि - राजकीय आश्वासन अधूरी रहेगी, आवागमत में व्यय बढ़ेगा, ध्यान दे।
कुंभ राशि - दिनचर्या अव्यवस्थित होने पर स्वास्थ्य, हानि होने पर व्यवसाय में हानि होगी।
मीन राशि - कानून व विवाद में न उलझे, धैर्य से कार्य लेवे, शत्रु से मान बढ़ेगा, समय का ध्यान रखे।
महाकाल मंदिर में अब आम श्रद्धालुओं की तरह भस्म आरती दर्शन करेंगे नेता
30 Oct, 2023 06:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान होने के साथ ही सोमवार से आदर्श आचरण संहिता भी लागू हो गई। उज्जैन स्थित विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग भगवान महाकालेश्वर मंदिर में भी चुनाव आचार संहिता का पालन शुरू हो गया है।
मंदिर प्रशासक ने राजनीतिक प्रोटोकाल का कोटा बंद कर दिया है। अब यहां नेता भी आम श्रद्धालुओं की तरह भगवान महाकाल की भस्मारती (Bhasma Aarti Mahakal Temple) में शामिल होंगे और गर्भगृह के बाहर से ही दर्शन और पूजन करेंगे।
महाकाल मंदिर प्रबंध संमिति के प्रशासक संदीप कुमार सोनी ने बताया कि प्रदेश में चुनाव आचार संहिता लगते ही महाकालेश्वर मंदिर में प्रोटोकाल दर्शन व्यवस्था बंद कर दी गई है। राजनीतिक कोटे की करीब 200 भस्म आरती अनुमति को ऑनलाइन सामान्य कोटे में शिफ्ट किया गया है। नई सरकार का गठन होने तक विभिन्न राजनीतिक दल के नेता आम भक्तों की तरह मंदिर में दर्शन करेंगे। (Bhasma Aarti Mahakal Temple)
उन्होंने बताया कि राजनीतिक दल के नेताओं को अब सामान्य दर्शनार्थियों की तरह मंदिर में प्रवेश दिया जाएगा। अगर वे शीघ्र दर्शन करना चाहते हैं, तो अन्य भक्तों की तरह 250 रुपये का शीघ्र दर्शन टिकट खरीदकर गेट नंबर चार से मंदिर में प्रवेश कर सकते हैं। राजनीतिक प्रोटोकाल के तहत सम्मान और भस्म आरती अनुमति भी नहीं होगी। इस कोटे की भस्म आरती सीट को ऑनलाइन सामान्य दर्शनार्थी कोटे में शिफ्ट कर दिया गया है। (Bhasma Aarti Mahakal Temple)
प्रशासक सोनी ने बताया कि महाकाल मंदिर में राजनीतिक प्रोटोकाल के अलावा प्रशासनिक प्रोटोकाल की भी व्यवस्था है। इसके तहत विभिन्न विभागों के अधिकारियों को दर्शन के लिए विशेष सुविधा प्रदान की जाती है। उन्होंने बताया कि आचार संहिता में प्रशासनिक प्रोटोकाल चालू रहेगा या नहीं, इसका निर्णय कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम के साथ बैठक के बाद लिया जाएगा। (Bhasma Aarti Mahakal Temple)
जल्दी आ रहा है मेगा प्रोजेक्ट अमरनाथ यात्रा
30 Oct, 2023 06:15 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
जो कि हिन्दू धर्म के एक महत्वपूर्ण तीर्थयात्रा है, अब एक नई उड़ान ले रही है। इस यात्रा को पूरी करने के लिए बिना किसी रुकावट के एक ही दिन में पूरी करने की योजना है।
यह समाचार सभी श्रद्धालुओं के लिए एक अच्छी खबर है, और यह यात्रा अब और भी आसान और सुरक्षित होने वाली है। इस लेख में, हम इस नई प्रस्तावना के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे और जानेंगे कि मेगा प्रोजेक्ट के बीच से यह बदलाव कैसे आया।
यात्रा का पारंपरिक महत्व
Amarnath Yatra, हिन्दू धर्म के अनुसार एक महत्वपूर्ण यात्रा है जो भगवान शिव के मंदिर अमरनाथ की ओर जाने के लिए की जाती है। इसके दौरान श्रद्धालु जबल पर्वत पर यात्रा करते हैं और वहां के शिवलिंग की पूजा करते हैं। यह यात्रा कठिनाइयों और चुनौतियों से भरपूर है, लेकिन यह विश्वभर के श्रद्धालुओं के लिए एक महत्वपूर्ण तपस्या है।
पिछले यात्रा में चुनौतियाँ
पिछले वर्षों में, अमरनाथ यात्रा के दौरान बहुत सारी चुनौतियों का सामना करना पड़ता था। यह यात्रा आधिकारिक तौर पर 45 दिनों की थी, और इसमें कई रुकावटें और सुरक्षा की चिंताएं थी। यात्री बड़ी ताकत और साहस के साथ यात्रा करते थे, लेकिन इसके बावजूद बहुत सारी बाधाएँ आती थीं।
मेगा प्रोजेक्ट का परिचय
मेगा प्रोजेक्ट एक ऐसी पहल है जिसमें अमरनाथ यात्रा को एक ही दिन में पूरा करने की योजना है। इस प्रोजेक्ट के तहत, यात्री एक ही दिन में अमरनाथ के मंदिर तक पहुंच सकेंगे, बिना किसी रुकावट या थकान के।
इस प्रोजेक्ट के महत्व
मेगा प्रोजेक्ट का महत्व यह है कि यह यात्रा को और भी सुरक्षित और संविदानिक बनाएगा। यात्री अब और भी आसानी से अपने धार्मिक आदर्शों के लिए यात्रा कर सकेंगे। इस प्रोजेक्ट से यात्रा के दौरान आने वाली कठिनाइयों का समाधान किया जा सकेगा, और यात्री अब अपनी श्रद्धा को और भी पूरी तरह से निभा सकेंगे।
नई यात्रा की तैयारियाँ
मेगा प्रोजेक्ट के तहत, यात्री एक नई और सुगम यात्रा का आनंद उठाएंगे। इस प्रोजेक्ट के अंतर्गत, एक विशेष यात्रा की तैयारियों का काम चल रहा है, ताकि यात्री बिना किसी चिंता के यात्रा कर सकें।
सुरक्षा का प्राथमिकता
मेगा प्रोजेक्ट के साथ, यात्रा की सुरक्षा को बढ़ावा दिया जा रहा है। यात्री के लिए सभी आवश्यक सुरक्षा कदम उठाए जा रहे हैं, ताकि किसी भी प्रकार की चिंता न हो।
बिना किसी रुकावट या थकान के यात्रा
मेगा प्रोजेक्ट के बाद, अमरनाथ यात्रा एक निष्कर्षित किस्म की यात्रा बन जाएगी। यात्री अब बिना किसी रुकावट या थकान के मंदिर पहुंच सकेंगे और वहां की पूजा कर सकेंगे।
Amarnath Yatra के इस नए और सुगम रूप के साथ, यात्री अब और भी आराम से अपने धार्मिक आदर्शों के लिए यात्रा कर सकेंगे। यह नया प्रोजेक्ट तीर्थ यात्रियों के लिए एक नई उम्मीद है।
खुद तय करें कि अगले जन्म में क्या बनेंगे
30 Oct, 2023 06:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
अगले जन्म में आप धनवान बनेंगे या गरीब, एक्टर बनेंगे या डॉक्टर यह सब आप पर निर्भर है। हो सकता है कि आप इस पर यकीन न करें लेकिन सच यही है। इसका प्रमाण है श्रीमद्भगवत् गीता। गीता में भगवान श्री कृष्ण ने कहा कि आत्मा अमर है। एक शरीर को छोड़कर आत्मा दूसरा शरीर धारण कर लेती है। अर्जुन को समझाते हुए श्री कृष्ण ने कहा है कि ऐसा कोई समय नहीं है जब तुम और मैं नहीं थे। आने वाला ऐसा कोई समय नहीं है जब हम और तुम नहीं होंगे।
भगवान प्रत्यक्ष रूप से कहते हैं आत्मा निरंतर एक शरीर से दूसरे शरीर में पहुंचकर अपनी यात्रा जारी रखती है। यानी आप चाहें या न चाहें आपको अगल जन्म लेना है। आपके हाथ में बस इतना है कि आप अगले जन्म में खुद को किस रूप में देखना चाहते हैं यह तय करें। आप कहेंगे कि जब हम खुद ही तय कर सकते हैं कि हमें अगले जन्म में क्या बनना है तो हर व्यक्ति धनवान और सुखी होता है। लेकिन इस दुनियां में गरीब भी हैं और दुखी भी हैं। श्रीमद्भगवत् गीता में इस प्रश्न का भी उत्तर है। गीता के अष्टम में अध्याय में लिखा है, श्री कृष्ण अर्जुन से कहते है ’’यं यं वापि स्मरन्भावं त्यजत्यन्ते कलेवरम्। तं तमेवैति कौन्तेय सदा तद् भावभावित: इसका अर्थ है, ’’ हे कुन्तीपुत्र अर्जुन! यह मनुष्य अन्तकाल में जिस-जिस भी भाव को स्मरण करता हुआ शरीर का त्याग करता है, उस उसको ही प्राप्त होता है, क्योंकि वह सदा उसी भाव से भावित रहा है।
यानी आप अंत समय में जिन-जिन चीजों का ध्यान करेंगे अगले जन्म में उन चीजों को प्राप्त करेंगे। इसी मान्यता के कारण बहुत से लोग अपने बच्चों का नाम भगवान के नाम पर अर्थात राम, विष्णु, कृष्ण, गोविंद आदि रखते हैं। इसका उद्देश्य यह रहता है कि जीवन काल में संतान का नाम लेते हुए भगवान का भी स्मरण बना रहे।
आमतौर पर मनुष्य का अपनी संतान से बहुत अधिक मोह रहता है, मरते समय वह अपनी संतान का मुख देना चाहता है और उसे ही याद करता है। संतान का नाम ईश्वर के नाम पर होने से मरते समय संतान को याद करते हुए व्यक्ति ईश्वर का भी ध्यान कर लेता है जिससे मुक्ति मिल जाती है। इसलिए हमेशा उस बात का ध्यान करिये जो आप बनना चाहते हैं।
राशिफल: जानिए, कैसा रहेगा आपका आज का दिन (30 अक्टूबर 2023)
30 Oct, 2023 12:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मेष राशि :- हानि हो सकती है, आलस्य प्रमोद से बचे, साझेदारी के कार्य न करें, ध्यान दें।
वृष राशि - पुरानी निराशा समाप्त होगी, मंगल के अवसर प्राप्त होंगे, धन की बढ़ोत्तरी होगी।
मिथुन राशि - नए मेहमान आने से खर्च बढ़ेगा, आमोद-प्रमोद का महत्व बढ़ेगा।
कर्क राशि - व्यापारिक जिम्मेदारी निभाए, त्यौहार की प्रतिकूलता से बचे, स्वास्थ्य पर ध्यान दें।
fिसंह राशि - घर में खुशियों का आगमन होगा, लाभ के अवसर न गवाएं, कार्य होगा।
कन्या राशि - सूझ-बूझ और संयम बरतने से ही लाभ होगा, समय का ध्यान रखें।
तुला राशि - व्यवसाय में प्रगति होगी, सुख व सहयोग मिलेगा, ध्यान रखे।
वृश्चिक राशि - परिश्रम से सफलता प्राप्त, बच्चों से सुख व सहयोग मिलें, ध्यान दे।
धनु राशि - छुटपुट वातावरण व टकरार से दूर रहे, वातावरण आय के अनुकूल होगा।
मकर राशि - आजातिय समस्या का निदान, प्रियजन से टकराव, व्यवसाय से लाभ होवे।
कुंभ राशि - शत्रु पक्ष में हानि होने की आशंका, व्यय की अधिकता होगी, ध्यान रखे।
मीन राशि - भाग्य की प्रबलता से सितारा बुलंद होगा, सफलता मिलें, परिश्रम लाभ होगा।
राम वनगमन मार्ग के मणि पर्वत पर स्थापित होगा पहला श्रीराम स्तंभ
29 Oct, 2023 06:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
अशोक सिंघल फाउंडेशन और एमटूके फाउंडेशन की तरफ से अयोध्या से रामेश्वरम तक (राम वनगमन मार्ग) पर 290 स्थानों पर श्रीराम स्तंभ स्थापित किए जाने के लिए पहला श्रीराम स्तंभ सोमवार को रामनगरी पहुंचा।
राजस्थान के माउंट आबू से कारसेवकपुरम पहुंचे श्रीराम स्तंभ का वैदिक मंत्रोच्चार के साथ पूजन-अर्चन किया गया। जहां श्रीराम नव वनगमन के दौरान यात्रा की थी और उन स्थानों पर रुके थे। वहां वहां यह स्तम्भ लगाया जाएगा। पितृपक्ष समाप्त होने के बाद अच्छे मुहूर्त में स्तंभ को सबसे पहले अयोध्या के मणि पर्वत पर स्थापित किया जाएगा।
अशोक सिंघल फाउंडेशन के सदस्य मनोज तिवारी ने बताया कि श्रीस्तंभ की ऊंचाई 15 फिट, चौड़ाई 2.5 फीट है। स्तंभ के ऊपर 2.5 फीट का ध्वज भी लगाया जाएगा। उन्होंने बताया कि वनगमन मार्ग पर शोध करने वाले पं. राम अवतार शर्मा ने स्तंभ स्थापित करने के लिए स्थान निर्धारित किए हैं। वनगमन के दौरान श्रीराम ने पहला प्रवास मणि पर्वत किया था, इसलिए सबसे पहले स्तंभ की स्थापना मणि पर्वत पर की जाएगी।
उन्होंने बताया कि लाल बलुवा पत्थर से निर्मित श्रीराम स्तंभ की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया गया है। उन्होंने बताया कि स्तंभों पर विशेष प्रकार की एक परत भी लगी है। जिससे बरसात, धूल और काई का इस पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। उन्होंने बताया कि इन स्तंभों पर श्रीराम के वंश से जुड़े प्रतीकों को अंकित किया गया है, जिसमें सूर्य, तीर व धनुष शामिल हैं। इसके अलावा रामचरितमानस की चौपाइयां भी अंकित हैं।
हमें अपनी जन्मतिथि बताएं.. हम आपको आपके कुछ रहस्य बताएंगे
29 Oct, 2023 06:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
दुनिया में जन्म लेने वाले हर व्यक्ति में अनोखी खूबियां होती हैं। ये गुण ही हैं जो किसी को दूसरों से अलग करते हैं। और यही गुण किसी की ताकत और कमजोरियां हैं।
किसी का असली चरित्र कई तरीकों से जाना जा सकता है।
वहीं अंक ज्योतिष जो कि ज्योतिष की एक शाखा है उसके अनुसार किसी भी व्यक्ति की जन्मतिथि से उसकी ताकत और कमजोरी का पता चल सकता है।
अंक ज्योतिष में 1 से 9 तक अंक होते हैं। ये संख्याएँ किसी की जन्मतिथि के योग की एकल अंकीय संख्याएँ हैं। क्या आप जानना चाहते हैं कि आपकी जन्मतिथि के अनुसार आपकी ताकत और कमजोरियां क्या हैं? फिर आगे पढ़ें.
नंबर 1
1, 10, 19, 28 तारीख को जन्मे लोगों के लिए उपयुक्त अंक 1 है। इस अंक का स्वामी सूर्य है। इन तारीखों में जन्म लेने वालों की ताकत और कमजोरियां इस प्रकार हैं:
ताकत
* इन तारीखों में जन्मे लोग अपना शुरू किया हुआ काम कभी अधूरा नहीं छोड़ते।
* वे स्वाभाविक रूप से स्वतंत्र हैं।
* रचनात्मक विचारक।
* बहुत जिम्मेदार और प्यार करने वाला.
*वे भरोसेमंद हैं. यदि आप उन्हें कोई काम सौंपेंगे तो वे उसे अच्छे से करेंगे।
कमजोरी
* कभी-कभी वे बॉस की तरह व्यवहार करते हैं। यह एक ऐसा गुण है जो बहुत से लोगों को पसंद नहीं आता और यह उन्हें अलग-थलग कर सकता है।
* इन तारीखों में जन्मे लोग अपना मिशन या काम पूरा होने के बाद उन लोगों को अपने जीवन से अलग कर देंगे जिन्होंने उनकी मदद की थी।
* ये दूसरों की राय को ज्यादा महत्व नहीं देते.
नंबर 2
2, 11, 20, 29 तारीख को जन्मे लोगों के लिए उपयुक्त अंक 2 है। इस अंक का स्वामी चंद्रमा है। इन तारीखों में जन्म लेने वालों की ताकत और कमजोरियां इस प्रकार हैं:
ताकत:
* इन तारीखों में जन्मे लोग बहुत भावुक होते हैं। यह गुण आपको दूसरों की भावनाओं को बेहतर ढंग से समझने और उनके साथ एक अच्छा बंधन बनाने में मदद करता है।
*वे हर काम ठीक से कर सकते हैं.
* ये लोग एक जैसी जिंदगी नहीं जीना चाहते.
* बहुत रोमानी।
* जो लोग दूसरों को आसानी से माफ कर देते हैं।
कमजोरी
* उनमें आत्मविश्वास कम होता है.
* यदि उनके सामने कोई समस्या आती है तो वे मन ही मन उस समस्या से भ्रमित हो जाएंगे और काफी समय तक बेचैन रहेंगे।
* बहुत संवेदनशील लोग. इस वजह से अगर दूसरे लोग थोड़ा डांटेंगे भी तो वे आसानी से अपना रिश्ता तोड़ देंगे।
संख्या 3
इन तारीखों में जन्म लेने वालों के लिए 3, 12, 21, 30 उपयुक्त अंक है। इन तारीखों में जन्म लेने वालों की ताकत और कमजोरियां नीचे दी गई हैं।
ताकत
* जो लोग दूसरों के साथ बहुत अच्छे से संवाद कर सकते हैं। जो लोग अपने विचारों और विचारों को अच्छे से व्यक्त कर सकते हैं।
* कला, संगीत, चित्रकला, रचनात्मकता आदि में अच्छे होंगे।
* एक चुंबकीय व्यक्तित्व रखें जो दूसरों को आसानी से आकर्षित कर ले। जो लोग तार्किक विचारधारा वाले होते हैं और दूसरों के साथ अच्छी तरह से संवाद करने की क्षमता रखते हैं। वे अपने आसपास के लोगों को खुश और आरामदायक रखने में सक्षम होते हैं।
*उनका विश्वास बदलना असंभव है। वे स्व-प्रेरित होते हैं और यदि वे कोई काम करने की कोशिश करते हैं, तो उसे जाने नहीं देते।
* जो लोग दुनिया के प्रति उज्ज्वल दृष्टिकोण रखते हैं।
कमजोरी
* इन तारीखों में जन्म लेने वाले लोग किसी भी बात पर संदेह नहीं करते हैं और उनका स्वभाव बहुत नरम और भरोसेमंद होता है, जिसका दूसरे लोग दुरुपयोग कर सकते हैं।
* जो लोग हर चीज़ को देखकर उत्साहित हो जाते हैं और लंबे समय तक किसी एक चीज़ पर ध्यान केंद्रित नहीं करते हैं। दूसरों से आसानी से विचलित हो जाना।
* इन लोगों के मन में नकारात्मक विचार बहुत अधिक होते हैं।
चार नंबर
इन तारीखों में जन्म लेने वालों के लिए 4, 13, 22, 31 संबंधित अंक हैं। इन तारीखों में जन्म लेने वालों की ताकत और कमजोरियां नीचे दी गई हैं। वे हैं:
ताकत
* इन तारीखों में जन्मे लोग हर विषय को गहराई से जानना चाहते हैं। वे वास्तविकता को समझेंगे और आचरण करेंगे।
* बहुत ईमानदार, भरोसेमंद, वफादार, शक्तिशाली, अनुशासित। कोई काम ठीक से संपन्न होगा।
*वे मेहनती हैं. ये आसानी से कोई भी चीज़ नहीं छोड़ते।
* नई चीजें सीखेंगे. किसी समस्या का जल्द समाधान निकलेगा.
* जो लोग किसी विषय पर कई कोणों से सोच सकते हैं। उनकी राय दूसरों से भिन्न हो सकती है.
* बहस के दौरान विरोधी विचार रखने और प्रतिप्रश्न करने का साहस करें।
कमजोरी
* बहुत जिद्दी और असहिष्णु.
* जल्दी गुस्सा हो जाते हैं और अहंकार अधिक होता है। उन्हें मनाना आसान नहीं है.
* अपने गंभीर रवैये के कारण ये अक्सर जीवन की खुशियाँ खो देते हैं। वे दूसरों के अनुरूप नहीं होते.
* अपने अहंकार और आक्रामक स्वभाव के कारण ये कई शत्रु बना लेंगे।
नंबर 5
5, 14, 23 तारीख को जन्म लेने वालों के लिए 5 उपयुक्त अंक है। इन तारीखों में जन्म लेने वालों की ताकत और कमजोरियां नीचे दी गई हैं।
ताकत
* इन तारीखों में जन्मे लोग हमेशा नए अनुभव पाना चाहते हैं। दूरदर्शी.
*साहसी और प्रेरित. आवश्यकतानुसार स्वयं को ढालने में सक्षम।
* नई चीजें तलाशने और खोजने के इच्छुक, वे लोगों के साथ बातचीत करने और पर्यावरण के अनुकूल ढलने में संकोच नहीं करते। अगर उन्हें किसी चीज में हिस्सा लेने का मौका मिलता है तो वे उसे चूकते नहीं हैं।
कमजोरी
* इन तारीखों में जन्मे लोग भरोसेमंद नहीं होंगे।
* वे अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए योजना नहीं बनाते और कार्य नहीं करते। वे निश्चित रूप से जीवन जिएंगे। इसके कारण उन्हें अपने जीवन में उन्नति नहीं मिल पाएगी।
* किसी बात की परवाह न करना और अपनी योजनाओं को अपने हिसाब से बदलना उनकी प्रगति में बड़ी बाधा होगी. यही उनकी सबसे बड़ी कमजोरी है.
नंबर 6
6, 15, 24 तारीख को जन्म लेने वालों के लिए अंक 6। इन तारीखों में जन्म लेने वालों की ताकत और कमजोरी इस प्रकार है:
ताकत
* इन तारीखों में जन्मे लोगों को शायरी और फैशन में बहुत रुचि होती है।
* जो लोग बड़े और उदार हृदय वाले होते हैं।
* कोई भी चीज़ जो आकर्षक और सुंदर हो, उनमें उनकी रुचि बढ़ेगी।
* इन तारीखों में जन्मे लोग जरूरत पड़ने पर हमेशा आपके साथ रहेंगे।
कमजोरी
* इन तारीखों में जन्मे लोगों को यह देर से पता चलता है कि दूसरे उनका फायदा उठा रहे हैं।
* वे अकेले कुछ नहीं कर सकते और न ही कर सकते हैं। हमेशा एक साथी की तलाश में रहते हैं.
* अगर उन्हें जीवन में कोई एक चीज़ सीखने की ज़रूरत है, तो वह है दूसरों को ना कहना। क्योंकि जो भी आकर कुछ भी मांगेगा, वे बिना ना कहे ही काम कर देंगे। इससे उन्हें कई परेशानियों का सामना करना पड़ेगा.
नंबर 7
7, 16, 25 तारीख को जन्म लेने वालों के लिए 7 उपयुक्त अंक है। इन तारीखों में जन्म लेने वालों की ताकत और कमजोरी नीचे दी गई है। वे हैं
ताकत
* इन तारीखों में जन्म लेने वाले लोगों का दिमाग और तेज बुद्धि बाकी सभी से बेहतर होती है। इसका मतलब यह है कि जब किसी विषय की बात आती है, तो आपकी रचनात्मकता और नवीनता के कारण आपका प्रदर्शन सभी को आश्चर्यचकित कर देगा। आपके विचार अनोखे होंगे.
*आध्यात्मिकता की ओर अधिक रुझान रहेगा।
* न्याय आपके लिए बहुत महत्वपूर्ण है और आप सब कुछ निष्पक्ष बनाना चाहते हैं। आप अपना जीवन जीने के लिए एक दिनचर्या का पालन करेंगे और इससे आपको आराम मिलेगा।
* आप दूसरों की भावनाओं को समझेंगे।
कमजोरी
* इन तारीखों में जन्म लेने वाले लोग अपनी इच्छाओं और इच्छाओं को खुलकर व्यक्त न करके हमेशा अपने मन में ही दबाए रखते हैं। इससे आपके आस-पास के लोग आपकी सच्ची भावनाओं को नहीं समझ पाएंगे। इससे दूसरे लोग आपसे दूर हो सकते हैं।
* यदि आप अपने आस-पास के लोगों को अपना सच्चा स्वरूप दिखाते हैं, तो अन्य लोग आपके साथ रहने में रुचि लेंगे और आपको जानने की कोशिश करेंगे।
नंबर 8
8, 17, 26 तारीख को जन्म लेने वालों के लिए 8 उपयुक्त अंक है। इन तारीखों में जन्म लेने वालों की ताकत और कमजोरियां यहां दी गई हैं।
ताकत
* इन तारीखों में जन्मे लोगों की ताकत हर बात को अच्छे से समझना और शांति से करना होता है। वे कभी भी कोई काम जल्दबाजी में नहीं करते। यही एक गुण उन्हें कई समस्याओं से बचाता है।
* कड़ी मेहनत और समर्पण ने उन्हें जीवन में मजबूत स्थिति में ला खड़ा किया है।
* किसी कार्य को शुरू करते समय, यदि कार्य योजना के अनुसार नहीं होता है, तो आपके मन में इसे सफलतापूर्वक पूरा करने के लिए दूसरी योजना होती है।
कमजोरी
* इन तारीखों में जन्मे लोग हर काम में अग्रणी रहना चाहते हैं, इसलिए जब इन्हें किसी के अधीन काम करना हो तो मुश्किल होती है।
* स्व-धार्मिकता की भावना होने से आप जो जानते हैं उसे सत्य मानते हैं। आप उन लोगों का विरोध करेंगे जो आपके आदर्शों का विरोध करते हैं। ऐसे में आप साजिश का शिकार हो जायेंगे.
* क्योंकि आप दूसरों की तुलना में अधिक परिपक्व और स्थिर हैं, इसलिए आपके साथ रिश्ते में रहना कठिन और कभी-कभी उबाऊ हो सकता है।
9 संख्या
9, 18, 27 तारीख को जन्म लेने वालों के लिए अंक 9। इन तारीखों में जन्म लेने वालों की ताकत और कमजोरी नीचे दी गई है।
ताकत
* इन तारीखों में जन्मे लोग अत्यधिक भावुक और राष्ट्रवादी होते हैं। अपनी पेशेवर और व्यक्तिगत प्रतिबद्धताओं को प्रभावी ढंग से संतुलित करें।
* ईमानदार, दयालु, प्रेमपूर्ण व्यक्तित्व। वे मित्रों और परिवार के प्रति अविश्वसनीय रूप से दयालु हैं।
* दूसरों के साथ आसानी से मिलें. तीव्र संवेदनशीलता वाले लोग. उन्हें अपने पसंदीदा खेल देखना और उनमें भाग लेना दोनों पसंद है।
* ऊर्जावान और उत्साही. गरिमा, प्रतिष्ठा और वफादारी को बाकी सभी चीजों से ऊपर प्राथमिकता दी जाएगी।
कमजोरी
* इन तारीखों में जन्मे लोगों को जीवन में कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। इसका कारण उनका विवादास्पद व्यवहार है.
* आक्रामक स्वभाव होने के कारण ये जल्दी क्रोधित हो जाते हैं और बिना सोचे-समझे दूसरों पर हमला कर देते हैं।
* दूसरों की गलतियाँ निकालना और उनकी आलोचना करना पसंद है। और इनका संदेह करने वाला स्वभाव दूसरों पर आसानी से भरोसा नहीं करता है।
* मुख्य रूप से ये अपने दुश्मनों से बदला लेना नहीं भूलते.
करवा चौथ का व्रत कुंवारी लड़कियां भी रख सकती हैं, पर नियम हैं अलग
29 Oct, 2023 06:15 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
हिंदू पंचांग के मुताबिक, प्रतिवर्ष करवा चौथ का त्योहार कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। ज्योतिष जानकारों के मुताबिक शादी शुदा महिलाओं के साथ साथ कुंवारी लड़कियां भी करवा चौथ का व्रत रख सकती है।
कुंवारी लड़कियां अपने प्रेमी या मंगेतर जिसे अपना जीवनसाथी मान चुकी है, उनके लिए व्रत रख सकती है। किंतु कुंवारी लड़कियों के लिए करवा चौथ के व्रत का नियम अलग है। ऐसे में अगर आपकी भी शादी नहीं हुई है और करवा चौथ का व्रत रखने जा रही है तो यह नियम जरूर जान लें।
प्राचीन मान्यता के मुताबिक, कुंवारी लड़कियां करवा चौथ के दिन निर्जला व्रत करने के बजाय फलहार व्रत रख सकती है। विवाहित महिलाएं करवा चौथ व्रत में भगवान शिव पार्वती, चंद्रमा, गणेश और कार्तिकेय जी की पूजन करती है। किंतु अगर कुंवारी लड़कियां इस व्रत को रख रही है तो उन्हें सिर्फ शिव जी और मां पार्वती की पूजा करनी चाहिए और माता करवा की कथा सुननी चाहिए।
आपको बता दें कि करवा चौथ व्रत में सुहागिन महिलाएं रात में छलनी का इस्तेमाल करके चांद को अर्घ्य देती है। किंतु वहीं कुंवारी कन्याएं इस व्रत में बिना छलनी का इस्तेमाल किए ही चंद्रमा का पूजन कर सकती है और व्रत तोड़ सकती हैं।
सुखी रहना है तो ईश्वर से शिकायत न करें
29 Oct, 2023 06:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
इंसानों की एक सामान्य आदत है कि तकलीफ में वह भगवान को याद करता है और शिकायत भी करता है कि यह दिन उसे क्यूं देखने पड़ रहे हैं। अपने बुरे दिन के लिए इंसान सबसे ज्यादा भगवान को कोसता है। जब भगवान को कोसने के बाद भी समस्या से जल्दी राहत नहीं मिलती है तो सबसे ज्यादा तकलीफ होती है। इसका कारण यह है कि उसे लगता है कि जो उसकी मदद कर सकता है वही कान में रूई डालकर बैठा है। इसलिए महापुरूषों का कहना है कि दुख के समय भगवान को कोसने की बजाय उसका धन्यवाद करना चाहिए। इससे आप खुद को अंदर से मजबूत पाएंगे और समस्याओं से निकलने का रास्ता आप स्वयं ढूंढ लेंगे। भगवान किसी को परेशानी में नहीं डालते और न ही वह किसी को परेशानी से निकाल सकते हैं। भगवान भी अपने कर्तव्य से बंधे हुए हैं। भगवान सिर्फ एक जरिया हैं जो रास्ता दिखाते हैं चलना किधर है यह व्यक्ति को खुद ही तय करना होता है। भगवान श्री कृष्ण ने गीता में इस बात को खुद स्पष्ट किया है।
आधुनिक युग के महान संत रामकृष्ण का नाम आपने जरूर सुना होगा। ऐसा माना जाता है कि मां काली उन्हें साक्षात दर्शन देती थी और नन्हें बालक की तरह रामकृष्ण को दुलार करती थीं। ऐसे भक्त की मृत्यु कैंसर के कारण हुई। मृत्यु के समय इन्हें बहुत की कष्ट का सामना करना पड़ा। रामकृष्ण चाहते तो मां काली से कह कर रोग से मुक्त हो सकते थे। लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया और पूर्व जन्म के संचित कर्मों को नष्ट करने के लिए दु:ख सहते रहे और अंतत: परम गति को प्राप्त हुए। ओशो का मत है कि भक्त भगवान की पीड़ा में जितना जलता है, उतना ही भगवान के करीब होने लगता है। एक दिन वह घड़ी आती है जब भक्त भगवान में विलीन हो जाता है। रामकृष्ण परमहंस का जीवन इसी बात का उदाहरण है। वर्तमान समय में लोग साढ़ेसाती का नाम सुनकर कांपने लगते हैं। लेकिन प्राचीन काल में लोग साढ़ेसाती का इंतजार किया करते थे। इसका कारण यह था कि साढ़ेसाती के दौरान प्राप्त तकलीफों से उन्हें ईश्वर को प्राप्त करने में मदद मिलती थी। साधु संत शनि को मोक्ष प्रदायक कहा करते थे। वर्तमान में शनि डर का विषय इसलिए बन गये हैं क्योंकि मनुष्य सुख भोगी हो गया है और उसकी सहनशीलता कम हो गयी है।
शास्त्रों में कहा गया है कि व्यक्ति अपने जन्म-जन्मांतर के संचित कर्मों के कारण ही सुख-दुख प्राप्त करता है। जब तक कर्मों का फल समाप्त नहीं होता है तब तक जीवन मरण का चप्र चलता रहता है। जो लोग सुख की अभिलाषा करते हैं उन्हें बार-बार जन्म लेकर दु:ख सहना पड़ता है। इसलिए दुख से बचने का एक मात्र उपाय यह है कि दु:ख सह कर भी ईश्वर से शिकायत न करो, सुख अपने हिस्से में स्वयं आ जाएगा।
राशिफल: जानिए, कैसा रहेगा आपका आज का दिन (29 अक्टूबर 2023)
29 Oct, 2023 12:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मेष राशि :- मान सम्मान में आघात पहुंचे, संबंधिय व मित्रों द्वारा हानि होगी।
वृष राशि - भाईयें से सहयोग मिलेगा, स्त्र से सुख व उदर पीड़ा अवश्य ही होगी।
मिथुन राशि - मानसिक स्थिति डावाडोल रहेगी, धनलाभ उत्तम फलदायी रहेगा, व्यय होगा।
कर्क राशि - धन व वाहन का सुख प्राप्त होगा, जमीन जायदाद के झगड़े से बचे।
fिसंह राशि - धर्म के कार्य में रुचि बढ़ेगी, अधिकारी वर्ग से आय, सर्तक रहे, लाभ होवे।
कन्या राशि - स्त्री कष्ट, भाईयों से सहयोग लाभ प्राप्त होगा, भूमि भवन से विवाद।
तुला राशि - शत्रुपक्ष से नुकसान हो सकता है, गुस्से पर काबू रखे, ध्यान रखे।
वृश्चिक राशि - अकारण तनाव पैदा होगा, व्यापार अड़चनों के बाद भी ठीक चलेंगे।
धनु राशि - प्रगति का मार्ग खुलेगा, सुखद समाचार से खर्च अवश्य होगा, व्यवस्था होवे।
मकर राशि - नये कार्य में खर्च बढ़ेगा, व्यापार के नये अवसर सामने आएंगे, व्यवस्था हो।
कुंभ राशि - शत्रु पक्ष में हानि होने की आशंका, व्यय की अधिकता होगी, ध्यान रखे।
मीन राशि - घर में खुशी का वातावरण रहेगा, पारिवारिक दायित्व बढ़ेगा, ध्यान देंवे।
चाणक्य नीति के अनुसार जिन लोगों में होते हैं ये 5 गुण, वे होते हैं बेहद बुद्धिमान
28 Oct, 2023 06:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
चाणक्य नीति: चाणक्य एक प्रसिद्ध भारतीय दार्शनिक, अर्थशास्त्री और राजनीतिज्ञ थे। उन्हें राजनीति, युद्ध, चिकित्सा और ज्योतिष जैसे विभिन्न विषयों पर उनकी महान शिक्षाओं के लिए जाना जाता है।
उनकी पुस्तक अर्थशास्त्र, जो उन्होंने मौर्य साम्राज्य के शासनकाल के दौरान लिखी थी, को भारतीय राजनीति विज्ञान की नींव माना जाता है। अपनी शिक्षाओं में, चाणक्य ने कुछ ऐसे गुणों पर जोर दिया जो एक बुद्धिमान व्यक्ति में होने चाहिए।
इस पोस्ट में आप जान सकते हैं कि चाणक्य के अनुसार एक बुद्धिमान व्यक्ति में कौन से गुण होने चाहिए।
बड़ों का सम्मान
चाणक्य के अनुसार ज्ञानी वह है जो बड़ों का सम्मान करता है और उनकी बातों का पालन करता है। वे समझते हैं कि वरिष्ठों के पास अधिक अनुभव और ज्ञान है और वे मूल्यवान मार्गदर्शन प्रदान कर सकते हैं।
वे बड़ों की आलोचना या अवमूल्यन नहीं करते बल्कि उनका आशीर्वाद और सलाह लेते हैं। एक बुद्धिमान व्यक्ति उम्र के साथ आने वाली बुद्धिमत्ता का सम्मान करने के महत्व को समझता है।
सही निर्णय लेना
चाणक्य कहते हैं कि बुद्धिमान व्यक्ति वही है जो अपने लक्ष्य का पीछा करने और सही समय पर सही निर्णय लेने का साहस रखता है। वे मामले को शुरू करने में संकोच या विलंब नहीं करते हैं, बल्कि तुरंत और निर्णायक रूप से कार्य करते हैं।
उन्हें अपने कार्यों के परिणामों की गहरी समझ होती है और वे ऐसा रास्ता चुनते हैं जो सफलता की ओर ले जाता है। वे अल्पकालिक लाभ या हानि से विचलित नहीं होते बल्कि अपने दीर्घकालिक लक्ष्यों पर ध्यान केंद्रित करते हैं।
वे एक टीम के रूप में काम करते हैं
चाणक्य ने अपनी चाणक्य नीति में टीम वर्क के महत्व पर जोर दिया है। उनका मानना था कि एक प्रतिभाशाली व्यक्ति वह है जो एक सामान्य लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए दूसरों के साथ मिलकर काम करने की शक्ति को समझता है।
वे मानते हैं कि प्रत्येक व्यक्ति की अपनी ताकत और कमजोरियां होती हैं और वे अपने अनूठे तरीके से टीम में योगदान दे सकते हैं। वे कार्यों और जिम्मेदारियों को दूसरों को सौंपने से डरते नहीं हैं और वे अपने कर्तव्यों को प्रभावी ढंग से निभाने में विश्वास करते हैं।
सोचने की क्षमता
चाणक्य का मानना था कि बुद्धिमान व्यक्ति वही होता है जिसके पास मजबूत तर्क क्षमता होती है। वे स्थितियों का अच्छी तरह से विश्लेषण कर सकते हैं और तथ्यों और सबूतों के आधार पर तर्कसंगत निर्णय ले सकते हैं।
वे अपनी भावनाओं को अपनी बुद्धि पर हावी नहीं होने देते, तर्क और तर्क के आधार पर निर्णय लेते हैं। वे अत्यधिक बौद्धिक हैं और चुनौतियों या जटिल समस्याओं से भयभीत नहीं होते हैं।
वे अनावश्यक सलाह नहीं देते
बुद्धिमान व्यक्ति को दूसरों को अनावश्यक सलाह नहीं देनी चाहिए। वे समझेंगे कि लोग मुफ़्त सलाह को महत्व नहीं देते और इसे गंभीरता से नहीं लेते।
वे अपना मार्गदर्शन और सलाह केवल मांगे जाने पर ही देते हैं और अपनी राय दूसरों पर थोपने से बचते हैं।
लगने वाला है चंद्र ग्रहण, सबसे ज्यादा असर इस राशि पर पड़ेगा; रहें सावधान
28 Oct, 2023 06:15 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
2023 का आखिरी चंद्र ग्रहण 28 अक्टूबर को लगेगा। यह चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई देगा। इसी दिन शरद पूर्णिमा भी है. यह चंद्र ग्रहण रात 11 बजकर 32 मिनट से 3 बजकर 56 मिनट तक रहेगा. ग्रहण का सूतक काल दोपहर 2:32 बजे शुरू हो जाएगा.
ज्योतिषियों के अनुसार, आने वाला चंद्र ग्रहण मेष राशि में पड़ेगा। इसलिए ग्रहण का सबसे अधिक प्रभाव इसी राशि पर पड़ेगा। मेष राशि वालों को आर्थिक नुकसान हो सकता है। निवेश, कर्ज़ या ख़र्चों से जुड़ी परेशानियां रहेंगी। धन को लेकर परेशानी रहेगी. चंद्र ग्रहण के दौरान मेष राशि वालों को आर्थिक लेन-देन से बचना चाहिए। जल्द बाजी से पैसा कमाना महंगा पड़ सकता है।
घर या ऑफिस में विवाद हो सकता है। लगातार चिड़चिड़ापन रहेगा. संपत्ति संबंधी विवाद कोर्ट-कचहरी की शरण में जा सकता है। इस उतार-चढ़ाव को लगभग एक महीने तक सहन किया जा सकता है। आप अनावश्यक तनाव से ग्रस्त हो सकते हैं। दोस्तों या रिश्तेदारों से बहस हो सकती है।
कोई पुरानी बीमारी परेशानी को बढ़ा सकती है। नेत्र एवं पेट संबंधी समस्याओं से सावधान रहें। खाने-पीने में न बरतें लापरवाही, इस अवधि में अपने पिता के स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखें। बीमारी के कारण बढ़ा हुआ खर्च आपका बजट बिगाड़ सकता है।