धर्म एवं ज्योतिष (ऑर्काइव)
राशिफल: जानिए, कैसा रहेगा आपका आज का दिन (08 नवंबर 2023)
8 Nov, 2023 12:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मेष राशि :- देव उपासना में लीन रहने पर समस्याएं पूर्ण, अच्छे कार्य होवे, ध्यान अवश्य दे।
वृष राशि - सुख-दु:ख की सामान्य दिनचर्या, लाभ, उद्योग धंधों में उलझने अवश्य ही बढ़ेगी।
मिथुन राशि - पद प्रति‰ा का लाभ मिलेगा तथा जमीन जायदाद से लाभ अवश्य ही मिल जाएगा।
कर्क राशि - आय की अपेक्षा व्यय भार बढ़ा-चढ़ा रहेगा तथा भौतिक सुख साधनों में कमी होवेगी।
सिंह राशि - सामाजिक कार्यों में धन उपलब्ध होगा, परिवार का सहयोग अवश्य ही मिलेगा।
कन्या राशि - आर्थिक परेशानी, व्यर्थ का दोषारोपण, सर्दी गर्मी से पीड़ा होगी तथा कष्ट बनेगा।
तुला राशि :- सुख शांति राहत से कार्य सफल होंगे, आंतरिक सहयोग होगा, अवरोध निवृत्त होगी।
वृश्चिक राशि - कुटुम्ब जिम्मेदारियों का निर्वाह होवे, मित्रों के सानिध्य में लाभ अवश्य होवे।
धनु राशि - ग्रहों का फल उत्तम है, Œााr सुख सहयोग की प्राप्ति तथा शत्रु कमजोर अवश्य होवे।
मकर राशि - वरि‰ अधिकारियों से जनसंपर्क मेल जोल बढ़ेगा तथा जिम्मेदारी होगी।
कुंभ राशि - राजभय परिवार व कुटुम्ब में विरोध, गृह क्लेश मन अशांत बनाएगा, दु:ख होवे।
मीन राशि - कठिन परिश्रम के द्वारा कार्य सिद्ध, आंशिक लाभ तथा विवाद समाप्त होगा।
यहां 7 चीजें हैं जो पुरुषों को महिलाओं को आकर्षित करने के लिए विकसित करनी चाहिए
7 Nov, 2023 06:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
एक चीज़ जो पुरुष करने में बहुत शर्मीले होते हैं या डरते हैं वह है महिलाओं से सीधे संपर्क करना। क्योंकि सभी पुरुष महिलाओं से साहसपूर्वक और उनकी पसंद के अनुसार बात करने की क्षमता के साथ नहीं बने हैं।
जो पुरुष महिलाओं से बात करने या उनसे व्यक्तिगत रूप से मिलने में झिझकते हैं, उनमें कुछ बदलाव करके आप अपना आत्मविश्वास बढ़ा सकते हैं। अगर आप नियमित रूप से इसका अभ्यास करेंगे तो आपको जल्द ही खुद में बदलाव नजर आएगा।
आत्मविश्वास विकसित करें
प्राप्त करने योग्य लक्ष्य निर्धारित करके अपना आत्म-सम्मान बढ़ाने का प्रयास करें, हमेशा अपने शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखें और अपनी छोटी-छोटी उपलब्धियों का जश्न मनाएँ। यदि आप खुद पर विश्वास करते हैं, तो अपना विश्वास दूसरों तक पहुंचाना आसान होता है।
सम्मान और समान व्यवहार
महिलाओं को सच्चे सम्मान से देखें और उनके साथ समान व्यवहार करें। याद रखें कि वे अपने स्वयं के विचारों, भावनाओं और इच्छाओं वाले व्यक्ति हैं। उन्हें नीचा दिखाने या अपमानजनक टिप्पणी करने से बचें।
संचार कौशल
अपने संचार कौशल का विकास करें. एक अच्छे श्रोता के रूप में, जब वे बोलें तो ध्यान से सुनें। कुछ खुले प्रश्न पूछें और उसके विचारों और अनुभवों में वास्तविक रुचि दिखाएं। एक अच्छा श्रोता बनना महत्वपूर्ण है न कि केवल आनंदपूर्वक बोलना।
बॉडी लैंग्वेज पर ध्यान दें
आपकी बॉडी लैंग्वेज आपके आत्मविश्वास का संचार करती है। अच्छी मुद्रा बनाए रखें, आंखों से संपर्क बनाएं और आकर्षक ढंग से मुस्कुराना सीखें। ऐसी बॉडी लैंग्वेज का उपयोग करें जो खुलापन और आत्मविश्वास व्यक्त करती हो, जैसे खुली हथेलियाँ और आरामदायक कंधे।
अस्वीकृति स्वीकार करें
समझें कि अस्वीकृति डेटिंग और विश्वास बनाने का एक स्वाभाविक हिस्सा है। शायद यदि आपको अस्वीकार कर दिया जाता है, तो शांत रहें और विपरीत व्यक्ति के निर्णय को विनम्रतापूर्वक स्वीकार करें। अस्वीकृति सीखने और बढ़ने का एक अवसर है।
विश्वसनीयता जरूरी है
हमेशा अपनी तरह रहो। प्रामाणिकता आकर्षक है और आप कुछ वास्तविक संबंध बना सकते हैं। किसी ऐसे व्यक्ति होने का दिखावा करना जो आप नहीं हैं, हमेशा आपके जीवन पर असर डालेगा। जल्द ही आपका मुखौटा उतर जाएगा. अपने व्यक्तित्व को अपनाएं और अपने सच्चे स्व को व्यक्त करने के लिए स्वतंत्र महसूस करें।
अभ्यास और धैर्य
महिलाओं से बात करने में आपका आत्मविश्वास एक कौशल है जो अभ्यास के साथ बेहतर होता है। बातचीत शुरू करने के लिए पहल करें, बाहर जाने के लिए कहें और अपने आराम क्षेत्र से बाहर निकलें। विशेष रूप से, आपको धैर्य रखना सीखना होगा।
भूले से भी न लगाएं ये पेड़, घर में आएगी गरीबी और परेशानी!
7 Nov, 2023 06:15 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर में कुछ पेड़-पौधे लगाने से बुरी उर्जा पैदा होती है। कुछ पेड़ ऐसे होते हैं जिन्हें घर में लगाना अशुभ माना जाता है। घर में कुछ पेड़-पौधे लगाने से गरीबी और परेशानी आती है।
साथ ही कई मुसीबतों का सामना करना पड़ता है।
शास्त्र के मुताबिक, घर में कांटेदार पेड़ लगाने से रिश्तों में लगाव कम हो जाता है। इसलिए गुलाब, कैक्टस, बबूल जैसे पौधे नहीं लगाने चाहिए। यदि घर में कोई पेड़ सूखा है तो आपकी किस्मत अचानक बदल सकती है। इसलिए ऐसे पेड़ों को घर से हटा दें।
मेहंदी के पेड़ के ढेरों फायदे हैं. पर वास्तु शास्त्र के अनुसार इन पेड़ों को लगाना अच्छा नहीं माना जाता है। वास्तु शास्त्र के मुताबिक, घर में बोनसाई का पेड़ रखने से कार्यों में बाधाएं आती हैं और कामयाबी के रास्ते बंद हो जाते हैं।
जानकारी के मुताबिक, इमली का पेड़ बुरी ऊर्जा पैदा करता है। ऐसे में गलती से भी घर में इमली का पेड़ न लगाएं। तो वहीं इसके विपरीत आप घर में मनी प्लांट का पौधा लगा सकते हैं। शास्त्र की माने तो मोरपंखी पौधे को घर में लगाने से खुशहाली बनी रहती है।
सहन करना सीखें
7 Nov, 2023 06:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
व्यक्ति स्वयं ही बेचैनी का जीवन जीता है और अकारण ही जीवन में अनेक कष्टों को आमंत्रित कर लेता है। एक आदमी था। वह सदा प्रसन्न रहता था। एक दिन उसको उदास देखकर मित्र ने पूछा, मित्र! तुम सदा प्रसन्न रहते थे। तुम्हारी सारी अनुकूलताएं थीं। पर आज तुम बहुत उदास दिख रहे हो, यह क्यों? उसने कहा, मेरी प्रसन्नता गायब हो गई। आज से नहीं, बारह महीनों से वह गायब है। इसका भी कारण है। पहले इस गांव में मेरा मकान सबसे ऊंचा था। न जाने एक व्यक्ति कहां से आ टपका कि उसने मेरे मकान से भी ऊंचा मकान बना डाला। उसी दिन से मेरी प्रसन्नता समाप्त हो गई।
इसकी कोई दवा नहीं है। आयुर्वेद विज्ञान में, मेडिकल साइन्स में, साइकोलॉजी में इसकी कोई दवा नहीं है। यह साइकोसोमेटिक बीमारी भी नहीं है। इसका कोई स्पष्ट कारण नहीं बना। दूसरे की विशेषता को, दूसरे की सम्पन्नता को सहन न करना ही इसका कारण है। ऍसी बीमारी का उपाय यह है कि व्यक्ति अपनी शक्ति को बढ़ाए, तीन मंजिले मकान के स्थान पर पांच मंजिला मकान बनाने पांच मंजिले के स्थान पर सात मंजिला मकान बनाने की क्षमता को विकसित करे और अघिक कमाए, और अघिक श्रम करे। यह उसका सकारात्मक पक्ष है। मनुष्य का दृष्टिकोण सकारात्मक कम होता है, नकारात्मक अघिक। एप्रोच नेगेटिव होने के कारण वह दुखी होता है। इससे असहिष्णुता का भाव जागता है और असहिष्णुता राहू की भांति चांद को निरंतर ग्रसित करती रहती है।
राशिफल: जानिए, कैसा रहेगा आपका आज का दिन (07 नवंबर 2023)
7 Nov, 2023 12:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मेष राशि :- नवीन जनसंपर्क कठिनाइयों का निवारण संतान की अनुकूलता बनी ही रहेगी।
वृष राशि - आर्थिक व्यापार की स्थिति सामान्य रहेगी, मानसिक हर्ष की संभावना अवश्य बनेगी।
मिथुन राशि - व्यापार में सफलता, धन यश की प्राप्ति, धन संचय मामलों में सफलता मिलेगी।
कर्क राशि - रोजी रोजगार में वृद्धि, धन की प्राप्ति, राजकीय कार्यो में सफलता अवश्य ही मिलेगी।
सिंह राशि - सांसारिक सुखों की प्राप्ति मित्र मिलाप आमोद प्रमोद व्यापार में सफलता मिलेगी।
कन्या राशि - संघर्ष कार्य, व्यापार में अशान्ति हो, संतान से सुखद समाचार प्राप्त हो, धन लाभ।
तुला राशि :- व्यस्त जीवन रहेगा, रोग ऋण शत्रु बाधा पर विजय अवश्य मिले, सुख लाभ होवेगा।
वृश्चिक राशि - कार्य व्यस्त जीवन रहेगा, उच्च स्तरीय व्यक्तियों से संपर्क परिवार का सुख मिलेगा।
धनु राशि - धन आगमन से अवरोध, संतान आदि में प्रतिकूलता तथा पड़ोसी से विवाद होवे।
मकर राशि - उत्तम व्यापार में सुधार हो, शत्रु पक्ष से सावधान रहे, आपका स्वास्थ्य ठीक होगा।
कुंभ राशि - आर्थिक कमी के कारण मानसिक क्लेश होगा, संतान कष्ट तथा राजभय कष्ट बनेगा।
मीन राशि - सामाजिक व्यवस्था पर कष्ट होगा, पत्नी स्नेह, व्यापार व्यवसाय वृद्धि अवश्य होगी।
प्रार्थना की शक्ति का महत्व...
6 Nov, 2023 06:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मनुष्य का जीवन उसकी शारीरिक एवं प्राणिक सत्ता में नहीं, अपितु उसकी मानसिक एवं आध्यात्मिक सत्ता में भी आकांक्षाओं तथा आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए और कामनाओं का है। जब उसे ज्ञान होता है कि एक महत्तर शक्ति संसार को संचालित कर रही है, तब वह अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए, अपनी विषम यात्रा में सहायता के लिए, अपने संघर्ष में रक्षा के लिए आय प्राप्त करने के लिए प्रार्थना द्वारा उसकी शरण लेता है।
प्रार्थना द्वारा भगवान की ओर साधारण धार्मिक पहुंच, अपने को ईश्वर की ओर मोड़ देने के लिए यह हमारी प्रार्थनारूपी विधि हमारी धार्मिक सत्ता का मौलिक प्रयत्न है, और एक सार्वभौम सत्य पर स्थित है- भले ही इसमें कितनी भी अपूर्णताएं हों और सचमुच अपूर्णताएं हैं भी।
प्रार्थना के प्रभाव को प्राय? संदेह की दृष्टि से देखा जाता है और स्वयं प्रार्थना निरर्थक तथा निष्फल समझी जाती है। वैश्व संकल्प सदैव अपने लक्ष्य को ही कार्यान्वित करता है। वह सर्वज्ञ होने के कारण अपने वृहत्तर ज्ञान से कर्तव्य पहले ही जान लेता है, परंतु यह व्यवस्था यांत्रिक नियम से नहीं, बल्कि कुछ शक्तियों एवं बलों के द्वारा कार्यान्वित होती है।
यह मानव संकल्प, अभीप्सा और श्रद्धा का एक विशेष रूप मात्र है। प्रारंभ में प्रार्थना निम्न स्तर भी हमारे सबंध को तैयार करने में सहायता पहुंचाती है। मुख्य वस्तु इस प्रकार का साक्षात संबंध, मनुष्य का ईश्वर से संपर्क, सचेतक आदान-प्रदान न कि पार्थिव वस्तु की प्राप्ति।
अपनी मानसिक रचना के निर्माण के बाद यदि व्यक्ति अपने को ईश कृपा पर समर्पित कर देता है, और इसमें भरोसा रखता है, तो उसको अवश्य ही सफलता मिलेगी। यदि कोई ईश्वर की कृपा का मात्र आह्वान करता है, तो अपने को उसके हाथों में सौंप देता है, तो वह विशेष अपेक्षा नहीं करता।
प्रार्थना को सूत्रबद्ध करके किसी वस्तु के लिए निवेदन करना होगा। व्यक्ति को यह सवाल नहीं करना चाहिए। यदि सचाई के साथ सच्ची आंतरिक भावना के साथ याचना की जाए तो संभव है- वह स्वीकृत हो जाए।
राशिफल: जानिए, कैसा रहेगा आपका आज का दिन (06 नवंबर 2023)
6 Nov, 2023 12:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मेष राशि - सुख, पुत्र सुखधर्म रहेगा, यश प्रति की प्राप्ति होगी, कार्य अवश्य बनते रहेंगे।
वृष राशि - मानसिक कार्य में रुचि, इच्छित कार्य की पूर्ति होगी तथा शुभ समाचारों की उत्तम प्राप्ति होगी।
मिथुन राशि - कर्म क्षेत्र में विफलता, अव्यवस्थित जीवन, रोग उपद्रव तथा भय होगा, समय का ध्यान दें।
कर्क राशि - प्रभावशाली कार्य करने का अवसर मिलेगा, अच्छे लोगों की संगति व सहायता अवश्य मिलेगा।
सिंह राशि - कोई मित्र शत्रुवत चेष्टाकर हानि पहुंचाने का प्रयास करेंगे, अभीष्ट कार्य में सफलता मिलेगी।
कन्या राशि व्यापार में वृद्धि होने व व्यापार में हानि ही तथा स्वजनों से मेल मिलन होगा।
तुला राशि - राजकीय प्रति, अनेक योजना में आर्थिक व्यवहारिक लाभ अवश्य ही होवे।
वृश्चिक राशि - भौतिक सुख साधनों में कमी, प्रियजनों की उपेक्षा तथा पारिवारिक क्लेश अवश्य होगा।
धनु राशि - कार्य सिद्ध, व्यावहारिक शिथिलता का निवारण होगा तथा गृहस्थ जीवन उत्तम सुखी होगा।
मकर राशि - दुर्जन व्यक्तियों से कष्ट, अनियमित दिनचर्या तथा मानसिक व्यथा, कष्ट अवश्य होवे।
कुंभ राशि - लापरवाही अनिद्रा से कार्य संभंव तथा सामान्य सुविधा अवश्य बने।
मीन राशि - सामान्य व्यवहार का आचरण करना उचित होगा, व्यवसायिक यात्रा अवश्य होगी।
जीवन का संघर्ष
5 Nov, 2023 06:15 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
एक दिन एक व्यक्ति बहुत परेशान लग रहा था। मित्र ने पूछा- क्या बात है? आज इतने परेशान क्यों हो?
उसने कहा- मैं बहुत मुसीबत में फंस गया हूं।
मित्र बोला- तुम्हारी क्या मुसीबत हो सकती है? तुम्हारे दोनों लड़के संपन्न हैं। खूब धन कमा रहे हैं। तुम्हें किस बात की कमी है?
तुम ठीक कहते हो। लड़के संपन्न हैं, पर मेरी मुसीबत उनके कारण ही है। ऍसा क्या हुआ, जो मुसीबत आ गई? मुसीबत बहुत बड़ी है। मैंने लड़कों को पढ़ाया। एक डॉक्टर बन गया और एक वकील। उनका यह व्यवसाय ही मुसीबत का कारण है।
उनके व्यवसाय से आपकी मुसीबत का लेना-देना क्या है?
हुआ यह कि एक एक्सीडेंट में मेरे पैर में चोट लग गई, पैर में घाव हो गया। जो डॉक्टर है, वह कह रहा है, पिताजी! घाव को जल्दी ठीक कर लें अन्यथा इसमें रस्सी पड़ जाएगी। हो सकता है फिर पैर काटने के सिवाय कोई विकल्प न रहे। यह तो अच्छी बात है। इसमें मुसीबत का प्रश्न ही कहां है? लेकिन जो वकील है, वह कह रहा है पिताजी! अभी घाव को ठीक नहीं करना है। इसे बढ़ने दें। जब घाव गहरा हो जाएगा, तब मैं दावा करूंगा और पूरा हर्जाना वसूल करूंगा। यही मेरी मुसीबत है। यह जीवन का संघर्ष है, टकराहट है। व्यक्ति दोनों ओर से खिंचा जा रहा है। एक लड़का कहता ठीक कर लें और एक लड़का कह रहा -घाव को और गहरा होने दें। यह जीवन का विचित्र संघर्ष है। इसमें प्रत्येक व्यक्ति जी रहा है और संघर्षो को झेल रहा है।
अहोई अष्टमी : संतान की मंगलकामना का पर्व
5 Nov, 2023 06:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भारत में हिन्दू समुदाय में करवा चौथ के चार दिन पश्चात् और दीवाली से ठीक एक सप्ताह पहले एक प्रमुख त्यौहार ‘अहोई अष्टमी’ मनाया जाता है, जो प्रायः वही स्त्रियां करती हैं, जिनके संतान होती है किन्तु अब यह व्रत निसंतान महिलाएं भी संतान की कामना के लिए करती हैं। ‘अहोई अष्टमी’ व्रत प्रतिवर्ष कार्तिक कृष्ण अष्टमी को किया जाता है और इस वर्ष यह पर्व 5 नवम्बर को मनाया जा रहा है। स्त्रियां दिनभर व्रत रखती हैं। सायंकाल से दीवार पर आठ कोष्ठक की पुतली लिखी जाती है। उसी के पास सेई और सेई के बच्चों के चित्र भी बनाए जाते हैं। पृथ्वी पर चौक पूरकर कलश स्थापित किया जाता है। कलश पूजन के बाद दीवार पर लिखी अष्टमी का पूजन किया जाता है। फिर दूध-भात का भोग लगाकर कथा कही जाती है। आधुनिक युग में अब बहुत सी महिलाएं दीवारों पर चित्र बनाने के लिए बाजार से अहोई अष्टमी के रेडीमेड चित्र खरीदकर उन्हें पूजास्थल पर स्थापित कर उनका पूजन करती हैं। कार्तिक कृष्ण अष्टमी को महिलाएं अपनी संतान की दीर्घ आयु तथा उनके जीवन में समस्त संकटों या विध्न-बाधाओं से उनकी रक्षा के लिए यह व्रत रखती हैं। कुछ स्थानों पर इस दिन धोबी मारन लीला का भी मंचन होता है, जिसमें श्रीकृष्ण द्वारा कंस द्वारा भेजे गए धोबी का वध करते प्रदर्शन किया जाता है। अहोई माता के रूप में अपनी-अपनी पारिवारिक परम्परानुसार लोग माता पार्वती की पूजा करते हैं।
अहोई अष्टमी व्रत के संबंध में कुछ कथाएं प्रचलित हैं। ऐसी ही एक कथानुसार प्राचीन काल में किसी नगर में एक साहूकार रहता था। उसके सात लड़के थे। दीपावली से पहले साहूकार की स्त्री घर की लीपा-पोती हेतु मिट्टी लेने खदान में गई और कुदाल से मिट्टी खोदने लगी। दैव योग से उसी जगह एक सेह की मांद थी। सहसा उस स्त्री के हाथ से कुदाल सेह के बच्चे को लग गई, जिससे सेह का बच्चा तत्काल मर गया। अपने हाथ से हुई हत्या को लेकर साहूकार की पत्नी को बहुत दुख हुआ परन्तु अब क्या हो सकता था? वह पश्चाताप करती हुई शोकाकुल अपने घर लौट आई। कुछ दिनों बाद उसके बेटे का निधन हो गया। फिर अकस्मात दूसरा, तीसरा और इस प्रकार वर्ष भर में उसके सभी बेटे मर गए। महिला अत्यंत व्यथित रहने लगी। एक दिन उसने अपने आस-पड़ोस की महिलाओं को विलाप करते हुए बताया कि उसने जानबूझकर कभी कोई पाप नहीं किया। हां, एक बार खदान में मिट्टी खोदते हुए अनजाने में उससे एक सेह के बच्चे की हत्या अवश्य हुई है और तत्पश्चात मेरे सातों बेटों की मृत्यु हो गई। यह सुनकर पास-पड़ोस की वृद्ध औरतों ने साहूकार की पत्नी को दिलासा देते हुए कहा कि यह बात बताकर तुमने जो पश्चाताप किया है, उससे तुम्हारा आधा पाप नष्ट हो गया है। तुम उसी अष्टमी को भगवती माता की शरण लेकर सेह और सेह के बच्चों का चित्र बनाकर उनकी आराधना करो और क्षमा-याचना करो। ईश्वर की कृपा से तुम्हारा पाप धुल जाएगा। साहूकार की पत्नी ने वृद्ध महिलाओं की बात मानकर कार्तिक मास की कृष्णपक्ष की अष्टमी को उपवास व पूजा-याचना की। वह हर वर्ष नियमित रूप से ऐसा करने लगी। बाद में उसे सात पुत्र रत्नों की प्राप्ति हुई। तभी से अहोई व्रत की परम्परा प्रचलित हो गई।
अहोई व्रत के संबंध में एक और कथा प्रचलित है। बहुत समय पहले झांसी के निकट एक नगर में चन्द्रभान नामक साहूकार रहता था। उसकी पत्नी चन्द्रिका बहुत सुंदर, सर्वगुण सम्पन्न, सती साध्वी, शीलवन्त, चरित्रवान तथा बुद्धिमान थी। उसके कई पुत्र-पुत्रियां थे परन्तु वे सभी बाल अवस्था में ही परलोक सिधार चुके थे। दोनो पति-पत्नी संतान न रह जाने से बहुत व्यथित रहते थे। वे दोनों प्रतिदिन मन ही मन सोचते कि हमारे मर जाने के बाद इस अपार धन-सम्पदा को कौन संभालेगा? एक बार उन दोनों ने निश्चय किया कि वनवास लेकर शेष जीवन प्रभु-भक्ति में व्यतीत करें।
यही विचार कर दोनों अपना घर-बार त्यागकर वनों की ओर चल दिए। रास्ते में जब थक जाते तो रूककर थोड़ा विश्राम कर लेते और फिर चल पड़ते। इस प्रकार धीरे-धीरे वे बद्रिका आश्रम के निकट शीतल कुण्ड जा पहुंचे। वहां पहुंचकर दोनों ने निराहार रहकर प्राण त्यागने का निश्चय कर लिया। निराहार व निर्जल रहते हुए जब उन्हें सात दिन हो गए तो आकाशवाणी हुई कि तुम दोनों प्राणी अपने प्राण मत त्यागो। यह सब दुख तुम्हें तुम्हारे पूर्व पापों से भोगना पड़ा है। यदि तुम्हारी पत्नी कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष में आने वाली अहोई अष्टमी को अहोई माता का व्रत और पूजन करे तो अहोई देवी प्रसन्न होकर साक्षात दर्शन देंगी। तुम उनसे दीर्घायु पुत्रों का वरदान मांग लेना। व्रत के दिन तुम राधाकुण्ड में स्नान करना।
चन्द्रिका ने आकाशवाणी के बताए अनुसार विधि-विधान से अहोई अष्टमी को अहोई माता का व्रत और पूजा-अर्चना की और तत्पश्चात राधाकुण्ड में स्नान किया। जब वे स्नान इत्यादि के बाद घर पहुंचे तो उस दम्पत्ति को अहोई माता ने साक्षात दर्शन देकर वर मांगने को कहा।
साहूकार दम्पत्ति ने हाथ जोड़कर कहा, ‘‘हमारे बच्चे कम आयु में ही परलोक सिधार जाते हैं। आप हमें बच्चों की दीर्घायु का वरदान दें।’’
‘‘तथास्तु!’’ कहकर अहोई माता अंतर्ध्यान हो गई। कुछ समय के बाद साहूकार दम्पत्ति को दीर्घायु पुत्रों की प्राप्ति हुई और वे सुखपूर्वक अपना गृहस्थ जीवन व्यतीत करने लगे।
देवी पार्वती को अनहोनी को होनी बनाने वाली देवी माना गया हैं, इसलिए अहोई अष्टमी पर माता पर्वती की पूजा की जाती है और संतान की दीर्घायु एवं सुखमय जीवन की कामना की जाती है।
राशिफल: जानिए, कैसा रहेगा आपका आज का दिन (05 नवंबर 2023)
5 Nov, 2023 12:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मेष राशि - दूर की यात्रा सफलतापूर्व होगी, शत्रुपक्ष कमजोर होवे, कार्य अवश्य बनेंगे, ध्यान दें।
वृष राशि - अच्छे गुणों की प्राप्ति, संतान की ओर स्वास्थ्य पर ध्यान दें, समय पर कार्य बनें।
मिथुन राशि - आर्थिक कमी के कारण मानसिक क्लेश होगा तथा संतान पक्ष से कष्ट अवश्य ही बनेंगे
कर्क राशि - प्रियजनों से मेल मिलाप, स्थिति में सुधार अवश्य ही होगा, साधनों में वृद्धि अवश्य ही बनेंगे।
सिंह राशि - व संतान के स्वास्थ्य पर ध्यान देना होगा तथा सभी कार्य क्षेत्र में प्रगति अवश्य होवेगी।
कन्या राशि राजभय चोट तथा पितृभय बना रहेगा, नौकरी व्यवसाय में सफलता अवश्य मिलेगी।
तुला राशि - यात्रा देशार्टन का अवसर अवश्य ही मिलेगा, अनेक बाधाओं कष्टों का सामना करना पड़ेगा।
वृश्चिक राशि - स्वजनों का साथ मिलेगा, प्रयत्न से विकास पक्ष की प्राप्ति होगी तथा धन का लाभ होगा।
धनु राशि - साप्ताहिक कार्य की रुचि, भाग्योदय व उन्नति, पत्नी तथा बच्चों की दायित्व होगी।
मकर राशि - व्यवसाय में कोई परिवर्तननहीं होगा, मान सम्मान में वृद्धि के योग है तथा लाभ होगा।
कुंभ राशि - उद्योग, व्यवसाय में विद्या बाधाएं बनी रहेगी, विशेष यात्रा को टालना हितकर होगा।
मीन राशि - आराधना में रुचि, मानसिक शारीरिक मेहनत अधिक करना होगा तथा लाभ होगा, ध्यान दें।
चाणक्य नीति के अनुसार जिन बच्चों में होंगे ये 5 गुण, वो भविष्य में बनेंगे महान इंसान
4 Nov, 2023 06:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
चाणक्य नीति: ऐसे कोई माता-पिता नहीं हैं जो नहीं चाहते कि उनके बच्चे जीवन में ऊंचाइयों पर पहुंचें। माता-पिता हमेशा चाहते हैं कि खुशी और सफलता का ताज उनके सिर पर सजें।
माता-पिता की जिम्मेदारी है कि वे अपने बच्चों को योग्य बनायें।
माता-पिता को अपने बच्चों की रक्षा उसी प्रकार करनी चाहिए जैसे एक किसान अपनी फसलों की रक्षा करता है। उन्हें सही और गलत के बीच का अंतर सिखाया जाना चाहिए।'
चाणक्य ने अपने न्यायशास्त्र में मानव जीवन के सभी पहलुओं को साझा किया है। चाणक्य के सिद्धांत किसी भी युग के लिए प्रासंगिक हैं। चाणक्य ने अपने सिद्धांतों में गुणवान बच्चों के बारे में विस्तार से बताया है।
चाणक्य के अनुसार जिनके परिवार में गुणी बच्चे होते हैं वे बहुत भाग्यशाली होते हैं। ऐसा परिवार सुखी रहेगा. चाणक्य कहते हैं कि बच्चों के कुछ गुण परिवार को गौरवान्वित करते हैं।
आज्ञाकारिता
चाणक्य कहते हैं कि एक आज्ञाकारी बच्चा न केवल माता-पिता का बल्कि पूरे परिवार का जीवन सफल बनाता है। ऐसा बच्चा माता-पिता और पूरे परिवार का गौरव बढ़ाता है। चाणक्य कहते हैं कि आज्ञाकारी और अच्छे आचरण वाले बच्चे परिवार के लिए खजाना होते हैं।
जो लोग अपने बड़ों का सम्मान करते हैं
चाणक्य कहते हैं कि जो बच्चे हमेशा माता-पिता, गुरु, बड़ों और महिलाओं का सम्मान करते हैं, अच्छे-बुरे का फर्क समझते हैं और हमेशा परिवार का गौरव बढ़ाते हैं। ऐसे लोग जीवन में ऊंचाइयां हासिल करते हैं और समाज में बहुत सम्मान पाते हैं।
जो लोग ज्ञान प्राप्त करना चाहते हैं
शिक्षा व्यक्ति को एक अच्छा व्यक्तित्व बनाने में मदद करती है। चाणक्य कहते हैं कि जो बच्चे हमेशा ज्ञान प्राप्त करने के लिए उत्सुक रहते हैं वे परिवार की गरिमा को बनाए रखते हैं। ऐसे बच्चे पर हमेशा ज्ञान की देवी सरस्वती और धन की देवी लक्ष्मी की कृपा बनी रहेगी।
वे अच्छी शिक्षा के माध्यम से अपने परिवार और माता-पिता का मान बढ़ाते हैं। जो बच्चे शिक्षा प्राप्त कर जीवन में अच्छा मुकाम हासिल करते हैं उनके माता-पिता बहुत गौरवान्वित होते हैं। चाणक्य कहते हैं कि ज्ञान ही जीवन से सभी प्रकार के अंधकार को दूर करने की क्षमता रखता है।
बुद्धिमान बच्चे
चाणक्य के अनुसार ज्ञान ही सभी प्रकार के अंधकार को दूर करने की क्षमता रखता है। बुद्धिमान बच्चे अपनी मेहनत और ज्ञान के दम पर जीवन में बहुत कुछ हासिल करते हैं। वे परिवार में गौरव और सम्मान लाते हैं।
आस्था
बचपन से ही माता-पिता को अपने बच्चों को सदाचारी और सदाचारी बनना सिखाना चाहिए। ऐसे बच्चे अपने माता-पिता की बातों को नजरअंदाज नहीं करते हैं। चाणक्य कहते हैं कि आज्ञाकारी और वफादार बच्चे बहुत भाग्यशाली होते हैं। ऐसे बच्चे हमेशा परिवार और माता-पिता की गरिमा को बरकरार रखेंगे।
गहराई में जाएं
4 Nov, 2023 06:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
गुरू के पास तीन शिष्य आए, बोले, गुरूदेव! हम साधना करना चाहते हैं। कोई साधना का सूत्र बताएं। गुरू ने सोचा, साधना का सूत्र बताने से पहले परीक्षा कर ली जाए। गुरू ने तीनों से एक प्रश्न पूछा, आंख और कान में कितना अंतर है। पहला व्यक्ति बोला, चार अंगुल का। दूसरे ने कहा, कान से आंख ज्यादा काम आती है। आंखों देखी बात बहुत स्पष्ट होती है। आंखों देखी और कानों सुनी बात में बहुत अंतर होता है। तीसरे का जवाब था, आंख से हम देख सकते हैं, किन्तु परमार्थ की बात कान से ही सुन सकते हैं।
गुरू ने पहले व्यक्ति से कहा, तुम अभी व्यापार करो। तुम्हारा नाप-जोख में रस है। तुम साधना के अधिकारी नहीं हो। दूसरे व्यक्ति से कहा, तुम अभी न्याय का काम करो। लोगों के झगड़े सुलझाओ। आंख द्वारा देखे गए प्रमाण ज्यादा सच होते हैं। तीसरे व्यक्ति से कहा, तुम साधना के योग्य हो। मैं तुम्हें आत्मिक ज्ञान दूंगा, क्योंकि तुम परमार्थ की बात में रस लेते हो।
यही कान, यही आंख सबके पास है। यदि आंख सच्चाई को देखने लग जाए, कान परमार्थ की बात को सुनने लग जाए तो नई बातें हमें प्राप्त हो सकती हैं। इसके लिए हमें गहराई में जाना होगा। सतह पर रहने से काम नहीं चलेगा। यदि हम अध्यात्म चिकित्सा या भाव चिकित्सा के क्षेत्र में प्रयोग प्रस्तुत करें तो अध्यात्म की उपयोगिता बढ़ेगी, यह विश्वास प्रबल होता है। यह भौतिकता का नहीं, अध्यात्म का भी एक साम्राज्य है और उसके बिना मनुष्य सुख और शांति का जीवन जी नहीं सकता।
गरुड़ पुराण: जीवन में केवल शुभ, मां लक्ष्मी का आशीर्वाद बदल देगा भाग्य; ये काम करो
4 Nov, 2023 06:15 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
गरुड़ पुराण हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण ग्रंथ माना जाता है। यह व्यक्ति को अच्छे कार्य करने के लिए प्रेरित करता है। गरुड़ पुराण को 18 महापुराणों में से एक माना जाता है। इसमें जन्म और मृत्यु के साथ-साथ मृत्यु के बाद के विषयों पर भी विस्तार से चर्चा की गई है।
गरुड़ पुराण पढ़ने से न केवल आत्मा को मोक्ष मिलता है बल्कि जीवन सुखी और समृद्ध भी होता है।
गरुड़ पुराण में, भगवान विष्णु ने कुछ ऐसे कार्यों का उल्लेख किया है जिनसे देवी लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है। हिंदू धर्म में देवी लक्ष्मी को धन और समृद्धि की देवी के रूप में जाना जाता है। इसलिए कहा जाता है कि जिन घरों में देवी लक्ष्मी का वास होता है वहां अन्न और धन की कभी कमी नहीं होती। हर व्यक्ति चाहता है कि उसके घर में मां लक्ष्मी का वास हो। गरुड़ पुराण में बताए गए इन कामों को करने से आप देवी लक्ष्मी की कृपा पा सकते हैं और जीवन में धन की कमी को दूर कर सकते हैं।
धर्मग्रंथ पढ़ना
गरुड़ पुराण में कहा गया है कि हर व्यक्ति को धार्मिक ग्रंथों का पाठ करना चाहिए। क्योंकि इसमें धर्म, ज्ञान और सदाचार से जुड़ी कई बातें कही गई हैं। धार्मिक ग्रंथों को पढ़ने वाला व्यक्ति उनमें निहित ज्ञान को समझेगा और दूसरों को जागरूक करेगा। क्योंकि हर व्यक्ति को अपने धर्म के बारे में जानकारी होनी चाहिए। इससे आप अपने जीवन के उद्देश्य को समझ सकेंगे और प्रगति के पथ पर आगे बढ़ सकेंगे।
प्रसाद
आपके घर का अन्न भण्डार सदैव भरा रहे। भगवान को भोग लगाए बिना भोजन न करें। गरुड़ पुराण में कहा गया है कि भगवान को भोग लगाए बिना भोजन नहीं करना चाहिए। ऐसा कहा जाता है कि जिस घर में आप खाना खाने से पहले भगवान को भोग लगाते हैं उस घर में कभी भी अन्न की कमी नहीं होती है। इसलिए हिंदू धर्म में कहा गया है कि भोजन को चखने से पहले उसे भगवान को अर्पित करना चाहिए।
घर में भोजन बर्बाद न करें या भोजन का अनादर न करें। इससे देवी लक्ष्मी नाराज हो जाती हैं और घर में दरिद्रता आ जाती है। पौराणिक कथा कहती है कि खाना बर्बाद करने का मतलब है घर में बार-बार कलह होना। इसलिए आज से ही भोजन का सम्मान करने और उसे भगवान को अर्पित करने की आदत डालें।
अपने मन को शांत करो
गरुड़ पुराण में भी ध्यान का विशेष उल्लेख है। ऐसा माना जाता है कि सोचने से आपकी समस्याएं बदल जाएंगी। तप और ध्यान करने से मन शांत और क्रोध से दूर रहता है। क्रोध पर नियंत्रण रखना ही जीवन में सफलता है। बहुत कम लोग ऐसा कर पाते हैं.
कोई अभिमान नहीं
गरुड़ पुराण में कहा गया है कि व्यक्ति को कभी भी अपने धन पर घमंड नहीं करना चाहिए। आपके पास चाहे कितनी भी दौलत क्यों न हो, आपको कभी भी उस पर घमंड नहीं करना चाहिए। साथ ही इसके लिए कभी भी दूसरों का अपमान न करें। जो लोग अपने धन पर घमंड करते हैं और दूसरों के प्रति घमंड करते हैं उन पर कभी भी देवी लक्ष्मी की कृपा नहीं होती है।
अच्छे कपड़े पहनो
गरुड़ पुराण में भी कहा गया है कि व्यक्ति को साफ सुथरे कपड़े पहनने चाहिए। जो लोग गंदे कपड़े पहनते हैं उनका भाग्योदय नहीं होता है। जो लोग अच्छे कपड़े पहनते हैं उनके घर में देवी लक्ष्मी हमेशा वास करती हैं। घर में सदैव मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहेगी। लेकिन जो लोग गंदे कपड़े पहनते हैं उनके घर में देवी लक्ष्मी का वास नहीं होता, वहां दरिद्रता का वास होता है।
धनतेरस पर बन रहा दुर्लभ संयोग, ये 3 राशियां होगी मालामाल!
4 Nov, 2023 06:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
धनतेरस के मौके पर इस बार कई शुभ संयोग बन रहे हैं। इस दिन व्यापारियों को अपार धन लाभ करवाने वाला हस्त नक्षत्र भी रहेगा। हस्त नक्षत्र व्यापारियों के लिए शानदार बिक्री के योग बना रहा है।
इस नक्षत्र में की जाने वाली खरीदारी भी बहुत शुभ मानी जाती है। ऐसा कहा जाता है कि इस नक्षत्र में सोना और चांदी खरीदना बहुत ही अच्छा होता है और मां लक्ष्मी आपके घर में प्रवेश करती है। आइए जानते हैं इस बार धनतेरस किन किन राशियों के लिए भाग्यशाली होगा।
वृष राशि के लोगों को धनतेरस पर बने शुभ योग और मां लक्ष्मी की कृपा से विशेष लाभ होगा। आपके धन में अपार वृद्धि होगी और आपको करियर से जुड़े कई शानदार अवसर प्राप्त होंगे। आपके भीतर एक नई ऊर्जा का संचार होगा और आप कार्यक्षेत्र में बेहतर प्रदर्शन करेंगे। आपको इस बीच कहीं से रुका धन मिलने के योग हैं और आपके जीवन में समृद्धि बढ़ेगी। परिवार के लोगों के साथ मिलकर आप त्योहार की खुशियां मनाएंगे और मां लक्ष्मी आप पर मेहरबान होंगी।
कर्क राशि के लोगों को धनतेरस पर बने शुभ संयोग के प्रभाव से अचानक धन की प्राप्ति हो सकती है। आपकी कुछ रुकी हुई योजनाएं फिर से आरंभ हो सकती है और इस बार इनमें आपको सफलता प्राप्त होगी। करियर में भी सफलता के कई योग बन रहे हैं। मां लक्ष्मी के आशीर्वाद और शुभ नक्षत्र के प्रभाव से व्यापारियों को धनतेरस पर शानदार मुनाफा होगा और आप मालामाल हो जाएंगे। जो लोग खाने का बिजनेस करते हैं उनके लिए भी यह धनतेरस हैप्पी होने वाला है।
कन्या राशि के लोगों के लिए यह धनतेरस सुख समृद्धि में वृद्धि प्रदान करने वाली मानी जा रही है। ग्रहों के शुभ संयोग से आपको मां लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होगा और आपके करियर कारोबार में सुख समृद्धि के योग बनेंगे। आपके जीवन में सफलता के कई अवसर आएंगे और जो लोग विदेश जाने के बारे में काफी समय से प्रयास कर रहे हैं, उन्हें भी सफलता प्राप्त होगी। आप ऑफिस में अपनी क्षमता से बेहतर प्रदर्शन करेंगे। आपको ऑफिस के लोगों से हर प्रकार का सहयोग मिलेगा और सोने चांदी की खरीद कर पाएंगे।
राशिफल: जानिए, कैसा रहेगा आपका आज का दिन (04 नवंबर 2023)
4 Nov, 2023 12:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मेष राशि :- कुटुम्बिक सुख आनंद दायक भ्रमण पारिवारिक जिम्मेदारियों का भ्रमण कार्य बनेगा।
वृष राशि - शत्रु बाधाओं पर विजय, Œााr संतान आदि का सुख मिलेगा तथा द्रव्य लाभ होवेगा।
मिथुन राशि - पारिवारिक सुख आनंद की प्राप्ति होगी तथा धार्मिक पुण्य में प्रगति होगी, ध्यान दे।
कर्क राशि - बिना कारण झगड़े का योग, दूसरों से दूर रहे, एवं सतर्कता से कार्य करें।
सिंह राशि - अध्ययन कार्यों में सफलता, शारीरिक कष्टों से छुटकारा तथा पद प्रति‰ा का लाभ मिलेगा।
कन्या राशि सामाजिक कार्यो में रूचि, वायुदोष, नेत्र कष्ट, पद प्रति‰ा, कष्ट हानि बनी रहेगी।
तुला राशि - उच्चवर्ग का सान्ध्यि, राज का सहयोग तथा आर्थिक तंगी बनी ही रहेगी।
वृश्चिक राशि - नवीन पद की प्राप्ति, पत्नी का सुख तथा बच्चों को सुखचैन की प्राप्ति होगी।
धनु राशि - शत्रु वृद्धि, Œााr व संतान से सुखी रहेंगे, शान शौकत में धन अधिक व्यय होवेगा।
मकर राशि - मानसिक उत्पीड़न, निर्णय का अभाव एवं शारीरिक आरोग्य, चिंतन बना ही रहेगा।
कुंभ राशि - विभिन्न रोगों से शरीर पीड़ित ही रहेगा, पत्नी से संबंध ठीक नहीं रहेंगे। ध्यान दें।
मीन राशि - सामान्य धन व्यय होगा, खर्च में अधिकता व्यापारिक प्रगति के कार्य अवश्य ही होंगे।