धर्म एवं ज्योतिष (ऑर्काइव)
इस दिवाली घर पर ट्राई करें ऐसी डिजाइन वाली रंगोली
10 Nov, 2023 12:41 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
पूरे देश में इस समय रोशनी के त्योहार की धूम मची हुई है। कुछ ही दिनों में दीपों का त्योहार आने वाला है। जैसे-जैसे यह त्योहार नजदीक आ रहा है, इसकी धूम हर तरफ देखने को मिल रही है। दीपावली हिंदी धर्म का एक बेहद अहम पर्व हैं, जिसे हर साल बेहद धूमधाम से मनाया जाता है। इस दौरान लोग अपने घरों की सजावट करते हैं और ढेर सारे पकवानों से एक-दूसरे का मुंह मीठा करते हैं। इसके साथ ही इस दिन लोग रंगोली से अपने घरों को सजाते हैं। अगर आप भी इस दिवाली अपने घर के आंगन और छत को रंगोली से सजाने वाले हैं और इसके लिए कोई बढ़िया सी डिजाइन खोज रहे हैं, तो यह खबर आपके काम आएगी।
मोर रंगोली
दिवाली के मौके पर मोर रंगोली सबसे ज्यादा चलन में रहती है। यह बनाने में बेहद आसान और दिखने में बेहद खूबसूरत होती है। हालांकि, इसे बनाने के लिए थोड़ा समय और फोकस जरूरी होता है, लेकिन एक बार बनने के बाद यह आपके घर के आंगन की शोभा बढ़ा देती है। अगर आप इस दिवाली मोर रंगोली बनाने का विचार रहे हैं, तो इंटरनेट पर ऐसी कई डिजाइन आसानी से मिल जाएंगी।
लोटस रंगोली
कमल रंगोली दिवाली के त्योहार में चार चांद लगा देती है। पवित्रता और दिव्यता का प्रतीक यह रंगोली बनाने में काफी आसान है और बेहद कम समय में ही बनकर तैयार हो जाती है। आप इसे रेत, चॉक या अन्य सामग्रियों की मदद से तैयार कर सकते हैं। इस बार आप दिवाली पर अपने घर के आंगन या छत पर इसे बना सकते हैं।
फ्लावर रंगोली
अगर आप रंगोली बनाने के लिए कुछ आसान, लेकिन खूबसूरत डिजाइन ढूंढ रहे हैं, तो फूलों वाली रंगोली ट्राई कर सकते हैं। इसे बनाने के लिए आप विभिन्न प्रकार के सूखे या ताजे फूलों की पंखुड़ियों और पत्तियों का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके अलावा आप रंगों की मदद से भी फ्लावर रंगोली बना सकते हैं।
गणपति रंगोली
अगर आप कुछ अलग ट्राई करना चाहते हैं, तो इस बार दिवाली पर गणपति रंगोली बना सकते हैं। इसे बनाना थोड़ा कठिन है लेकिन बनने के बाद इसकी खूबसूरती देखते ही बनती है। आप विभिन्न रंगों और रूपों के पैलेट का इस्तेमाल कर गज मुख की रंगोली तैयार कर सकते हैं।
स्वस्तिक या ओम वाली
हिंदू रंगोलीधर्म में स्वस्तिक और ओम प्रतीकों का गहरा महत्व है। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक यह बेहद पवित्र माने जाते हैं। ऐसे में दिवाली के शुभ अवसर पर आप ओम या स्वस्तिक रंगोली से अपने आंगन की शोभा बढ़ा सकते हैं। यह भी रंगोली बनाने का एक आसान और खूबसूरत तरीका है।
इस दिवाली अपने घर में भाग्यशाली बारिश के लिए,इन 4 मसालों का 'ऐसे' उपयोग करें,मज़े का आनंद लें!
10 Nov, 2023 06:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
दिवाली एक ऐसा त्यौहार है जिसे हर कोई खुशी और उत्साह के साथ मनाता है। कुछ ही दिनों में बच्चों से लेकर बड़ों तक सभी पटाखे फोड़कर त्योहार मनाएंगे. अगर इस शुभ दिन पर किस्मत भी आपके घर आ जाए तो कैसा रहेगा?
जैसे-जैसे दिवाली नजदीक आ रही है वैसे-वैसे इसकी तैयारियां भी जोरों-शोरों से चल रही हैं। जितना हम त्योहारों और उत्सवों को पसंद करते हैं, यह वह समय है जब देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश के भक्त स्वस्थ, समृद्ध और समृद्ध जीवन के लिए आशीर्वाद मांगते हैं। इस त्योहार को धन और समृद्धि के साथ मनाने के कुछ तरीके हैं।
जी हां, रसोई में कुछ ऐसे मसाले हैं जो आपके घर में समृद्धि और खुशहाली की लहर ला सकते हैं। इस लेख में आप जान सकते हैं कि ये मसाले कौन से हैं और इस दिवाली आप इन मसालों से कैसे भाग्यशाली हो सकते हैं।
केसर
आपकी सुंदरता की देखभाल में एक बहुत ही महत्वपूर्ण घटक, केसर अपने लाभों और स्वाद के लिए जाना जाता है। यह न केवल आपके शरीर और त्वचा को कई लाभ पहुंचाता है, बल्कि आध्यात्मिक रूप से भी आपके लिए अच्छा है।
माना जाता है कि भगवान को केसर चढ़ाने से परिवार में सौभाग्य आता है। क्योंकि भगवा रंग पवित्रता, समृद्धि और सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है।
लौंग
दिवाली के व्यंजनों में लौंग का उपयोग उसके सुगंधित और स्वाद बढ़ाने वाले गुणों के लिए किया जाता है। ऐसा माना जाता है कि यह सुरक्षा और सौभाग्य का प्रतीक है।
इसलिए घर से निकलने से पहले पर्स में कुछ लौंग रखें या लौंग चबाने से समृद्धि आएगी। दरअसल, इस दिवाली आप नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने और सुख-शांति लाने के लिए कपूर के साथ लौंग भी जला सकते हैं।
इलायची
इलायची, जिसे इलायची के नाम से भी जाना जाता है, एक सुगंधित मसाला है जो आमतौर पर दिवाली के दौरान मिठाइयों और पेय पदार्थों में उपयोग किया जाता है। ऐसा माना जाता है कि दिवाली का मीठा प्रसाद बनाने से सुख और सौभाग्य मिलता है।
भाग्य को आकर्षित करने का एक अन्य तरीका बटुए में कुछ इलायची की फली रखना है, जो वित्तीय खुशी लाने वाली मानी जाती है। इसलिए, दिवाली के दौरान अपने बटुए में इलायची रखने से आपके घर में सौभाग्य आएगा।
दालचीनी
दालसिनी, जिसे दालचीनी के नाम से भी जाना जाता है, का उपयोग विभिन्न दिवाली व्यंजनों में किया जाता है, जिसमें मसालेदार चावल के व्यंजन और मिठाइयाँ शामिल हैं। यह गर्मी, धन और कल्याण से जुड़ा है।
दरअसल, साबुत दालचीनी की छड़ें बटुए या तिजोरी में रखने से वित्तीय वृद्धि और खुशी मिलती है।
यह चीज़ आपको एक सम्मानित न्यायाधीश द्वारा आप पर बरसाए गए धन से भी अधिक खतरे से बचाएगी
10 Nov, 2023 06:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
चाणक्य नीति: आचार्य चाणक्य के अनुसार हर किसी को अपने जीवन में धन से भी अधिक महत्वपूर्ण इस गुण को समझना चाहिए। क्योंकि पैसा तो आप जैसे भी चाहें कमाया जा सकता है, लेकिन यह गुण उस तरह से हासिल नहीं किया जा सकता।
वह विशेष गुण क्या है? यदि आपके पास यह गुण है, तो इसे आज ही दूसरों के साथ साझा करें।
आचार्य चाणक्य को भारत के महानतम अर्थशास्त्रियों, राजनीतिज्ञों और विद्वानों में से एक माना जाता है। व्यक्ति की भलाई और समाज के कल्याण के लिए उनके न्याय या सिद्धांतों को जीवन में अपनाना चाहिए।
चाणक्य के अनुसार अगर किसी के पास पैसा है तो वह किसी भी बड़ी चुनौती से पार पा सकता है, लेकिन पैसे के साथ-साथ कुछ अन्य गुण भी हैं जो हर व्यक्ति में होने चाहिए।
मनुष्य में ये चीजें दूसरों के साथ साझा करने पर भी कम नहीं होती हैं। इस पोस्ट में आप जान सकते हैं कि चाणक्य क्या महत्वपूर्ण बातें कहते हैं।
ज्ञान
सनक्य नीति के अनुसार ज्ञान व्यक्ति के भीतर छिपा हुआ सबसे बड़ा धन है। चाहे कितना भी साझा किया जाए, ज्ञान की कोई सीमा नहीं होती। चाणक्य ने अपनी 'चाणक्य नीति' में ज्ञान की तुलना कामधेनु पासु से की है।
कामधेनु गाय कभी दूध देना बंद नहीं करती, जिसके पास जो ज्ञान होता है वही ज्ञान होता है। ज्ञान बांटने से बढ़ता है. इसलिए जितना हो सके ज्ञान बांटें, ऐसा चाणक्य कहते हैं।
समस्याओं को सुलझा रहा
चाणक्य ने ज्ञान की तुलना उस माँ से की है जो हर परिस्थिति में अपने बच्चे की रक्षा करती है। ज्ञान से व्यक्ति अपने रास्ते की सभी कठिनाइयों पर विजय प्राप्त कर लेता है। चाणक्य कहते हैं कि व्यक्ति के जीवन में चाहे कितनी भी परेशानियां क्यों न हों, वह अपने ज्ञान से उन समस्याओं का समाधान ढूंढ ही लेता है।
ज्ञान गुप्त धन है
चाणक्य के अनुसार ज्ञान एक गुप्त धन है जो बांटने पर भी समाप्त नहीं होता। चाणक्य ने कहा था कि ज्ञान वही है जो बुरे समय में परिणाम देता है और अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाता है।
चाणक्य द्वारा ज्ञान को गुप्त खजाना कहने का मुख्य कारण यह है कि किसी के पास जो ज्ञान होता है वह हर समय प्रकट नहीं होता है। समय आने पर ही उस व्यक्ति से यह बात सामने आएगी। तो चाणक्य ने कहा कि ज्ञान एक गुप्त खजाना है।
ज्ञान को कभी भी सीमित नहीं करना चाहिए
किसी के ज्ञान को केवल अपने तक ही सीमित रखना उचित नहीं है। इसे दूसरों के साथ साझा करना समाज के लिए अच्छा है। शिक्षा से न केवल उन्हें लाभ होता है बल्कि कई पीढ़ियों के लिए उनका भविष्य भी बेहतर होता है। और ऐसा कहा जाता है कि विकास दूसरों के साथ ज्ञान साझा करने से आता है।
चाणक्य का दृढ़ विश्वास था कि ज्ञान का धन दूसरों के साथ साझा करने से वह धन बढ़ेगा और समाज के कल्याण में योगदान देगा।
धनतेरस पर कभी भी ना खरीदें ये चीजें, घर में हमेशा रहेगी दरिद्रता और गरीबी
10 Nov, 2023 06:15 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
प्राचीन मान्यता है कि धनतेरस तिथि पर धनवंतरी की पूजा करने से साधक को अपार धन की प्राप्ति होती है। साथ ही जानकारों का यह भी मानना है कि कुछ चीजें ऐसी है जिसे खरीदने से लोगों को परहेज करना चाहिए।
काली वस्तु धनतेरस को शुभता का प्रतीक माना जाता है। इसलिए इस दिन काली चीज घर लेकर आना अशुभ श्रेणी में आता है।
वास्तु शास्त्र के मुताबिक, धनतेरस के दिन कांच की वस्तु घर लाने से परिवार के सदस्यों पर बुरा असर पड़ता है। धनतेरस के दिन तेल से बने उत्पाद जैसे घी या रिफाइंड इत्यादि खरीदना व्यक्ति के लिए हानिकारक हो सकता है।
आपको बता दें कि धनतेरस के दिन खाली बर्तन घर लाने से आर्थिक स्थिति चरमरा जाने का खतरा रहता है और इसे अशुभ माना जाता है। हिंदू धर्म में प्लास्टिक को अशुभ माना जाता है। इससे बनी चीजों को धनतेरस के दिन घर लाने से वास्तु पर दुष्प्रभाव पड़ता है और माता लक्ष्मी इससे नाखुश हो जाती है।
आपको बता दें कि धनतेरस के दिन दोपहर 2 बजकर 45 मिनट से लेकर 11 नवंबर 2023 को सवेरे 6 बजकर 40 मिनट तक खरीदारी का शुभ मुहूर्त बन रहा है।
निष्ठावान बने रहें
10 Nov, 2023 06:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
एक किसान शहर में आया। गहनों की दुकान पर गया। गहने खरीदे, सोने के गहने, चमकदार। दुकानदार ने मूल्य मांगा। किसान ने कहा, मेरे पास मूल्य नहीं है, रूपए नहीं हैं। घी का भरा हुआ घड़ा है। आप इसे ले लें और गहने मुझे दें। सौदा तय हो गया। दुकानदार भी प्रसन्न और किसान भी प्रसन्न। किसान घर गया। अपने गांव के सुनार को गहने दिखाए। उसने परीक्षण कर कहा, तुम ठगे गए। नीचे पीतल है और ऊपर स्वर्ण का झोल। किसान ने सोचा, मैंने सेठ को ठगा, तो सेठ ने मुझे ठग लिया। सेठ घर गया। घी को दूसरे बर्तन में डालना चाहा। ऊपर घी था, नीचे कंकड़-पत्थर। माथे पर हाथ रख सोचा, ठगा गया। मैंने किसान को ठगा और किसान ने मुझे ठग लिया।
किसान सोचता है, मैंने सेठ को ठग लिया। सेठ सोचता है, मैंने किसान को ठग लिया। कोई नहीं ठगा गया। सौदा बराबर हो गया। जब पूरा समाज अनैतिक होता है, तो कौन किसको ठगेगा? कौन ठगा जाएगा? सभी सोचते हैं, मैंने उसको ठग लिया, पर ठगे सभी जाते हैं। बेईमानी जब व्यापक होती है, तब सब ठगे जाते हैं। अकेला कोई नहीं ठगा जाता। समाज में ईमानदार लोग भी हैं। इस ईमानदारी के कंधे पर चढ़कर बेईमानी चल रही है। सत्य के आधार पर असत्य और अहिंसा के आधार पर हिंसा चल रही है। सारे हिंसक बन जाएं, तो हिंसा अघिक नहीं चल सकती।
हम गहराई से चिन्तन करें कि सामाजिक स्वास्थ्य के लिए अत्यन्त आवश्यक है निष्ठा, पराविद्या की निष्ठा। भौतिकता और आध्यात्मिकता का सन्तुलन बना रहे। हम परम को भी देखें, अपरम को भी देखें। सत्यनिष्ठा रचनात्मक दृष्टिकोण की उपलब्घि ही तो है।
राशिफल: जानिए, कैसा रहेगा आपका आज का दिन (10 नवंबर 2023)
10 Nov, 2023 12:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मेष राशि :- स्थानांतरण, विवाद, लाभ, शारीरिक कष्ट होगा, मनोविनोद होगा।
वृष राशि - कुसंग से हानि, यात्रा से कष्ट विवाद तथा रोग आदि का भय बने, खानापान में ध्यान दें।
मिथुन राशि - घर में शुभ कार्य हेंगे, धार्मिक यात्रा होगी, स्वजन सुख उत्सव में शामिल होंगे।
कर्क राशि - मित्रों से लाभ, घर तबादला का योग बने तथा राजनीति से प्रेरित कार्य होवे।
सिंह राशि - पदोन्नति होगी, विद्या बाधा कष्ट होगा तथा अपव्यय होगा, व्यर्थ हानि से बचें।
कन्या राशि - संतान से सुख प्राप्त होवे, राज्य शासन से लाभ तथा शत्रुओं से भय बना रहे।
तुला राशि :- शारीरिक कष्ट, जायदाद में वृद्धि तथा Œााr को कष्ट, शारीरिक रोग भय होवे।
वृश्चिक राशि - रुके कार्य बनें, कार्य सिद्ध होगे, उत्तम व्यापार, रोजी रोजगार से लाभ होगा।
धनु राशि - संतान को कष्ट, विद्या में बाधा तथा कुसंग से हानि तथा नौकरी पेशा में हानि।
मकर राशि - उत्सव आनंद में सम्मिलित होना पड़ेगा, शत्रुभय, कष्ट-लाभ होवें, ध्यान दें।
कुंभ राशि - किसी से विवाद होवे, अपयश से बचे, उत्सव में पहुंचने से सुख लाभ होवे।
मीन राशि - संतान से सुख, भाई को कष्ट, धार्मिक कार्य में व्यय होगा, विशेष हानि होगी।
इस प्रकार करें मां लक्ष्मी को खुश
9 Nov, 2023 07:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
न की देवी मां लक्ष्मी की कृपा पाने से ही हमें सभी सुख और वैभव मिलते हैं। दिपावली के दिन मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने का सबसे बेहतर योग होता है। इस समय किये गये इन उपायों से आप मां लक्ष्मी को खुश कर सकते हैं। इससे आप जीवन में धन समृद्धि के साथ ही सभी सुख पा सकते हैं।
.दीपावली पांच दिन का पर्व होता है तो इन पांचों दिन कम से कम एक दीप जरूर जलांए। इसके साथ ही लक्ष्मी जी को प्रसन्न करने के लिए पहले एक मुठ्ठी चावल रखें फिर उसके उपर दीपक रखें इससे आप पर मां लक्ष्मी की कृपा होगी।
दीपावली के दिन सुबह पूजा के समय पीतल या तांबे के लोटे में शुद्ध जल भर कर,उस में थोड़ी हल्दी डाल कर पूजा में रखें। पूजा के बाद इस जल को पूरे घर में झिड़क दें। इस तरह मां लक्ष्मी की कृपा आप पर सदैव बनी रहेंगी।
दीपावली की रात को पूजा करने के बाद सभी कमरों में शंख बजाना चाहिए इस से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं।
दीपावली के दिन आप अपनी पत्नी अथवा मां को लाल वस्त्र उपहार में दें मां और पत्नी को पूरा सम्मान दें क्योंकि मां लक्ष्मी भी वहीं कृपा बरसाती हैं जहां घर की लक्ष्मी का सम्मान होता है। दीपावली की रात को कपूर जला कर उसमें शुद्ध रोली डाल दें। फिर उस राख की पुडिया बना कर किसी लाल रूमाल में बांध रख लें। इससे प्रक्रिया को करने से व्यापार में समृद्धि होती है।
दीपावली की सुबह करें इस खास विधि से पूजन
9 Nov, 2023 06:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
दिवाली पर मान्यता है कि मां लक्ष्मी धरती पर आती हैं। इस मौके पर आप कुछ खास विधि से पूजन करेंगे तो मां लक्ष्मी प्रसन्न होकर धन संपदा देगी। सुबह उठते ही मां लक्ष्मी को नमन कर सफेद वस्त्र धारण करें और मां लक्ष्मी के श्री स्वरूप व प्रतिमा के सामने खड़े होकर श्री सूक्त का पाठ करें एवं कमल फूल चढ़ाएं। लक्ष्मी पूजन कर 11 कौड़ियां चढ़ाएं। अगले दिन कौड़ियों को लाल कपड़े में बांधकर तिजोरी में रखें इससे धन वृद्धि होती है। लक्ष्मी का पूजन कर उन्हें मालपूए या गुलाबजामुन का भोग लगाकर उसे गरीबों में बांटने से चढ़ा हुआ कर्जा उतर जाता है।
साफ-स्वच्छ कपड़े पहनना और उन्हें करीने से संभाल कर रखने से घर में सकारात्मकता का संचार होता है और देवी लक्ष्मी की कृपा दृष्टि बनी रहती है। घर में साफ-सफाई और रोशनी का विशेष ध्यान रखना चाहिए। इससे लक्ष्मी आकर्षित होती हैं। इसके विपरित जाले, गंदगी और धूल-मिट्टी फैली हो तो धन की कमी होती है।
हल्दी और चावल पीसकर उसके घोल से घर के मुख्य द्वार पर ‘श्रीं’ लिखने से लक्ष्मी प्रसन्न होकर धन देती हैं।
गाय के दूध से श्रीयंत्र का अभिषेक करने के बाद, अभिषेक का जल पूरे घर में छिड़क दें और घर में जहां आपका धन पड़ा हो वहां श्रीयंत्र को कमलगट्टे के साथ धन स्थान पर रख दें। इससे धन लाभ होने लगेगा। शंख में वास्तुदोष दूर करने की अद्भुत क्षमता होती है। जहां नियमित शंख का घोष होता है और सुबह और शाम दोनों समय होता है, वहां के आसपास की हवा भी शुद्ध और सकारात्मक हो जाती है और घर की कलह खत्म होती है। मानसिक शांति प्राप्त होती है। जो लोग अपने जीवन व वास्तु में बदलाव चाहते हैं तो रोजाना सुबह-शाम शंख का घोष अवश्य ही करें।
भगवान गणेश का करें पूजन
मां लक्ष्मी ने गौरीपुत्र गणेश को प्रथम पूज्य होने का वर देते हुए यह आशीर्वाद दिया था कि उनकी उपासना से मनुष्य पर लक्ष्मी कृपा भी हमेशा बनी रहेगी। ऐसे में दिवाली पूजन में मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा पूरे विधि-विधान से की जाती है। मां का आशीर्वाद सदैव बनाएं रखने के लिए आप भगवान गणेश का पूजन उनको प्रिय मंत्रों से करें।
भगवान गणेश की विधिवत पूजा के मंत्र हैं।
श्री गणेश बीज मंत्र:
ॐ गं गणपतये नमः॥
भगवान गणपति की पूजा के दौरान इस मंत्र को पढ़ते हुए उन्हें सिंदूर अर्पण करना चाहिए।
सिन्दूरं शोभनं रक्तं सौभाग्यं सुखवर्धनम्।
शुभदं कामदं चैव सिन्दूरं प्रतिगृह्यताम्॥
इस मंत्र का जाप करते हुए गौरीपुत्र गणेश को अक्षत(चावल) चढ़ाएं।
विवेक है शिव का तीसरा नेत्र
9 Nov, 2023 06:15 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
शिव का अर्थ है कल्याण करने वाला पर उनका दूसरा प्रसिद्ध नाम रुद्र भी है क्योंकि वह दुष्टों को रुलाने वाले हैं। करोड़ों देवी-देवताओं में शिव ही हैं जिन्होंने 3 नेत्र धारण किए हैं। सृष्टि के सृजन, पालन और संहार का दायित्व शिव के पास है। इस प्रकार शिव का एक नेत्र ब्रह्मा अर्थात सृजनकर्ता, दूसरा विष्णु अर्थात पालनकर्ता तीसरा स्वयं रुद्र रूप अर्थात संहारकर्ता। अन्य प्रकार से देखें तो पहला नेत्र धरती, दूसरा आकाश और तीसरा नेत्र बुद्धि के देव सूर्य की ज्योति से प्राप्त ज्ञान-अग्रि का प्रतीक है।
ज्ञान जब खुला तो कामदेव भस्म हुआ। अर्थात जब आप अपने ज्ञान और विवेक की आंख खोलते हैं तो कामदेव जैसी बुराई लालच, भ्रम, अंधकार आदि से स्वयं को दूर कर सकते हैं। इसके पीछे कथा भी है। एक बार पार्वती जी ने भगवान शिव के पीछे जाकर उनकी दोनों आंखें हथेलियों से बंद कर दीं। इससे समस्त संसार में अंधकार छा गया क्योंकि भगवान शिव की एक आंख सूर्य है, दूसरी चंद्रमा।
अंधकार से संसार में हाहाकार मच गया तब भोले भंडारी ने तुरन्त अपने माथे से अग्रि निकाल कर पूरी दुनिया में रोशनी फैला दी। रोशनी इतनी तेज थी कि इससे हिमालय जलने लगा। इस दृश्य को देखकर पार्वती घबरा गईं तथा तुरन्त अपनी हथेलियां शिव की आंखों से हटा दीं। तब शिव जी ने मुस्कुरा कर अपनी तीसरी आंख बंद की। शिव पुराण के अनुसार पार्वती जी को इससे पूर्व ज्ञान नहीं था कि शिव त्रिनेत्रधारी हैं। इनका दायां नेत्र सूर्य के समान तेजस्वी है। जिस प्रकार सूर्य में उत्पन्न करने की विशेष ऊर्जा है और वह पृथ्वी ही नहीं, अनेक ग्रहों को भी प्रकाशमय करता है।
उसी प्रकार शिव का दायां नेत्र भी सृष्टि को जीवन दायक शक्ति प्रदान करता है। स्वयं सूर्य को भी शिव के इसी नेत्र से तेज मिलता है। वैदिक ग्रंथों में शिव एवं चंद्रमा का विशेष संबंध बताया गया है। जलतत्व सोम को अमृततुल्य माना जाता है। जीवन का पोषण जल ही करता है और यही जल तत्व शिव का बायां नेत्र है। शिव का तीसरा नेत्र जो बंद ही रहता है, अग्रि रूप है। यह वही अग्रि है जो सकारात्मक रूप में तो कल्याणकारी है परन्तु यदि इस पर अंकुश न लगाया जाए तो यही विनाश का कारण भी बनती है। शिव अपनी इस शक्ति पर नियंत्रण रखते हैं और इसका इस्तेमाल केवल बुराई के नाश के लिए ही करते हैं।
इस संबंध में एक कथा भी है। सृष्टि के समय जीव में रस की प्राप्ति के लिए कामदेव को जिम्मेदारी दी गई परन्तु जब कामदेव ने शिव पर ही अपनी शक्ति का परीक्षण करना चाहा तो शिव ने अपने तीसरे नेत्र की संहारक शक्ति का प्रयोग कर उसे तत्काल भस्म कर दिया। इसी प्रकार जीव को कर्म करने की स्वतंत्रता है और यदि वह अपने अंदर की बुराइयों (काम, क्रोध, लोभ, मोह व अहंकार) पर अपने तीसरे नेत्र का अंकुश रखे, तो वह सदैव सुखी रहेगा परन्तु यदि वह इन पर अंकुश नहीं रख पाता तो यही उसका विनाश कर देती है।
शिव और शक्ति एक-दूसरे के पर्याय हैं। इसलिए शिव के तीनों नेत्र शिव का ही प्रतीक हैं, जो क्रमश: गौरी के रूप में जीव को मातृत्व का स्नेह देते हैं, लक्ष्मी के रूप में उसका पोषण करते हैं तथा काली के रूप में उसकी आंतरिक तथा बाहरी बुराइयों का नाश करते हैं। भगवान भोले भंडारी के ललाट पर सुशोभित तीसरा नेत्र असल में मुक्ति का द्वार है जो शिव को तो स्वत: प्राप्त है लेकिन मनुष्य अज्ञान के चलते इसे अपने मस्तक पर देख नहीं पाता। यह दोनों नेत्रों के मध्य इसलिए है क्योंकि यह स्थान पवित्र माना गया है। त्राटक के मध्य कुंडलिनी जागरण का भी विशेष महत्व है। यही स्थान सर्वाधिक ऊर्जावान है। इसी स्थान पर विशेष दबाव अपना प्रभाव दिखाता है। दूसरी ओर शिव के अधखुले नेत्र व्यक्ति के कर्म के साक्षी हैं।
इसी कारण शिव को परमयोगी कहा जाता है। गृहस्थ में रह कर भी शिव सृष्टि का नियंत्रण, (सृजन, पालन तथा संहार) स्वतंत्र रूप में करते हैं। स्वयं पर नियंत्रण, अपने कर्मों का सही आकलन ही शिव के तीनों नेत्रों का रहस्य है। शिव का तीसरा नेत्र ही मुक्ति का द्वार है
इन उपायों से सुखमय और खुशहाल होगा जीवन
9 Nov, 2023 06:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
सभी लोग सुख और खुशहाली से रहना चाहते हैं और इसके लिए धन सबसे अहम होता है। धन के बिना किसी प्रकार के कामकाज नहीं हो सकते। कई बार धन की कमी के पीछे कुछ ऐसे कारण होते हैं जिन्हें हम ज्योतिष उपायों से ठीक कर सकते हैं। इसका कारण यह है कि जिस घर में कलह होता है, वहां मां लक्ष्मी का वास नहीं होता। हर किसी की अपने गृहस्थ जीवन में सुख और शांति की कामना होती है। घर और जीवन की खुशहाली ही व्यक्ति को जीवन में प्रगति के मार्ग पर ले जाती है। परिवार में व्याप्त कलह यानी की क्लेश से व्यक्ति का जीवन कठिनाइयों से भर जाता है। गृह क्लेश से बचने या उसे कम करने के लिए ज्योतिष में कई प्रकार के उपाय बताए गए हैं। हम आगे आपको ऐसे ही कुछ उपाय बता रहे हैं, जिनके इस्तेमाल से आपका जीवन सुखमय और खुशहाल बनाया जा सकता है।
पूर्व की और सिर रखकर सोए
आप किस दिशा में सिर और पैर करके सोते हैं यह गृह कलह में काफी अहम भूमिका निभाता है। गृह कलह से मुक्ति के लिए रात को सोते समय पूर्व की और सिर रखकर सोए। इससे आपको तनाव से राहत मिलेगी। ऐसा करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
हनुमान जी की पूजा करें
हनुमान जी की नियमित रूप से की गई उपासना आपको सभी प्रकार के संकट और गृह कलह से दूर रखता है। यदि कोई महिला गृह कलह से परेशान हैं तो भोजपत्र पर लाल कलम से पति का नाम लिखकर तथा ‘हं हनुमंते नम:’ का 21 बार उच्चारण करते हुए उस पत्र को घर के किसी कोने में रख दें। इसके अलावा 11 मंगलवार नियमित रूप से हनुमान मंदिर में चोला चढाएं एवं सिंदूर चढाएं। ऐसा करने से परेशानियों से राहत प्राप्त होगी।
शिवलिंग पर जल चढ़ायें
प्रतिदिन सुबह में स्नान करने के बाद स्वच्छ वस्त्र पहनकर मंदिर या घर पर शिवलिंग के सामने बैठकर शिव उपासना करें। आप ‘ऊँ नम: सम्भवाय च मयो भवाय च नम:। शंकराय च नम: शिवाय च शिवतराय च:।।’ मंत्र का 108 बार उच्चारण कर सकते हैं। इसके बाद आप शिवलिंग पर जलाभिषेक करें। ऐसा नियमित करने से प्पति-पत्नी के वैवाहिक जीवन में सुख शांति बनी रहती है।
गणेश जी की उपासना करें
यदि किसी घर में पति-पत्नी या बाप-बेटे के बीच कलह है या किसी भी बात पर विवाद चल रहा है तो इसमें गणेश उपासना फायदेमंद रहेगी। वैवाहिक जीवन को सुखी बनाने के लिए आप नुक्ति के लड्डू का भोग लगाकर प्रतिदिन श्री गणेश जी और शक्ति की उपासना करे।
चीटियों को शक्कर या आटा डालें
चीटियों के बिल के पास शक्कर या आटा व चीनी मिलाकर डालने से गृहस्थ की समस्याओं का निवारण होता है। ऐसा नियमित 40 दिन तक करें। ध्यान रखें कि इस प्रक्रिया में कोई नागा न हो।
कुमकुम लगाए
एक गेंदे के फूल पर कुमकुम लगाकर उसे किसी देव स्थान में मूर्ति के सामने रख दें। ऐसा करने से रिश्तों में आया तनाव और मतभेद दूर होते हैं। साथ ही छोटी कन्या को शुक्रवार को मीठी वस्तु खिलाने और भेंट करने से आपके संकटों का निवारण होता है।
घर मे व्याप्त कलह क्लेश को कम करने के लिए पति-पत्नी को रात को सोते समय अपने तकिये में सिंदूर की एक पुड़िया और कपूर रखें। सुबह में सूर्योदय से पहले उठकर सिंदूर की पुड़िया घर से बाहर फेंक दें और कपूर को निकालकर अपने कमरे में जला दें। ऐसा करने से लाभ मिलेगा।
राशिफल: जानिए, कैसा रहेगा आपका आज का दिन (09 नवंबर 2023)
9 Nov, 2023 12:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मेष राशि :- प्रयास से लाभ, मांगलिक कार्यों में बाधा, व्यय, घर में सुख व कलह के योग बनेगे।
वृष राशि - शरीर कष्ट, व्यापार आदि से लाभ, पत्नी सुख तथा मानसिक टेंशन बना ली।
मिथुन राशि - विरोधियों से सतर्क होकर कार्य करें, व्यवसाय मध्य अचानक कार्य होवे।
कर्क राशि - प्रयास के योग बनेंगे, किसी उत्सव में सम्मिलित होना पड़े, ट्रांसफर के योग होवे।
सिंह राशि - मित्रों से लाभ, किन्तु मन अशांत बना रहे, बीमार होने से समस्या बने।
कन्या राशि - वाद-विवाद से दूर रहे, व्यर्थ भय, कष्ट होवे, पड़ोसी से वाद विवाद।
तुला राशि :- प्रति बढ़ेगी, मांगलिक कार्यों मे सम्मिलित होंगे तथा रुके कार्य अवश्य होवे।
वृश्चिक राशि - कुटुम्ब जिम्मेदारियों का निर्वाह होवे, मित्रों के सानिध्य में लाभ अवश्य होवे।
धनु राशि - विरोध, कष्ट, भय का वातावरण, दूषित न करें, विवाद से बचें।
मकर राशि - आय, प्रति में वृद्धि होगी, खानपान में ध्यान रखे, अन्यथा रोग का कष्ट होगा।
कुंभ राशि - किसी विशेष उत्सव में सम्मिलित होंगे, व्यय विवाद, राज्य शासन से लाभ।
मीन राशि - प्रगति में बाधा असमंजस की स्थिति होने से कार्य, व्यवसाय में लाभ मिले।
इन 5 राशियों को हो जाएगा गलत इंसान से प्यार,क्या आप भी इन पापी राशियों में से एक हैं
8 Nov, 2023 07:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार हर राशि अद्वितीय होती है और उनकी जन्म राशि उनके व्यक्तित्व और व्यवहार को निर्धारित करने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इसमें उनके रिश्ते की स्थिति और उसकी जटिलताएँ शामिल हैं।
आपने कुछ ऐसे लोगों को देखा होगा जो आपके जीवन में नाटक और विषाक्तता लाते हैं, लेकिन अगर आप बारीकी से देखें तो वे केवल कुछ राशियों के तहत पैदा होते हैं। दुर्भाग्यवश, ऐसे लोग कुछ लोगों के जीवन में बहुत हस्तक्षेप करते हैं।
इस पोस्ट में, आप पता लगा सकते हैं कि कौन सी राशियाँ विषाक्त लोगों को अपने जीवन में आकर्षित करती हैं और क्यों।
मेष राशि
मेष राशि वाले अपने उग्र और भावुक स्वभाव के लिए जाने जाते हैं। वे अक्सर अपने आवेगपूर्ण निर्णय लेने के कारण बुरे लोगों को अपने जीवन में आकर्षित करते हैं। वे अपने पार्टनर का पूरी तरह मूल्यांकन किए बिना रिश्तों में कूद पड़ते हैं, जिससे विषाक्त लोगों के लिए उनके जीवन में घुसपैठ करना आसान हो जाता है।
प्यार के भूखे मेष राशि वाले किसी ऐसे व्यक्ति के साथ रिश्ते में आ सकते हैं जो पहले तो आकर्षक लगता है लेकिन बाद में जोड़-तोड़ करने वाले लक्षण प्रदर्शित करता है।
वृषभ राशि
वृषभ राशि के लोग अपनी वफादारी और जिद के लिए जाने जाते हैं। जबकि वे एक समर्पित साथी को आकर्षित करने की कोशिश करते हैं, वे जहरीले लोगों को आकर्षित कर सकते हैं जो उनका फायदा उठाते हैं।
वृषभ राशि वाले किसी विषैले साथी से जुड़ सकते हैं, भले ही इससे उन्हें नुकसान हो, और वे इसके प्रति बहुत प्रतिबद्ध होते हैं।
मिथुन राशि
मिथुन राशि वालों के सामाजिक संबंध मजबूत होते हैं। वे जहरीले साझेदारों को आकर्षित करते हैं जो लगातार अपने भाषण का उपयोग करते हैं और उन्हें बौद्धिक उत्तेजना की आवश्यकता होती है।
मिथुन राशि वाले आसानी से किसी ऐसे व्यक्ति के प्यार में पड़ सकते हैं जो पहले आकर्षक लगता है लेकिन फिर चालाकीपूर्ण पक्ष प्रकट करता है, उनका साथी अपनी भावनाओं में हेरफेर करने के लिए अपने आकर्षण का उपयोग करता है।
सिंह राशि
सिंह राशि वाले हमेशा ध्यान का केंद्र बने रहना पसंद करते हैं। उनका चुंबकीय व्यक्तित्व बुरे साझेदारों को आसानी से उनकी ओर आकर्षित कर सकता है, लेकिन समय के साथ वे ईर्ष्यालु और शंकालु हो सकते हैं।
सिंह राशि के लोग शुरू में किसी ऐसे साथी को आकर्षित कर सकते हैं जो उन्हें पसंद करता है, लेकिन फिर वे अधिकारवादी और नियंत्रित हो जाते हैं और उनकी चमक को कम करने की कोशिश करते हैं।
तुला
तुला राशि वाले स्वाभाविक रूप से शांतिदूत होते हैं। वे किसी ऐसे विषैले व्यक्ति को आकर्षित करते हैं जो रिश्तों में सामंजस्य बनाए रखने की उनकी इच्छा का फायदा उठाता है।
जो लोग उनकी ओर आते हैं वे अक्सर उनके जीवन में संघर्ष और नाटक का कारण बनते हैं। वे ही अपने प्यार की रक्षा की जिम्मेदारी उठाने के लिए मजबूर होंगे।
अंकज्योतिष के अनुसार इस 2 तारीख को जन्मे पुरुष होंगे भाग्यशाली और शक्तिशाली
8 Nov, 2023 06:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
अंक ज्योतिष को ज्योतिष शास्त्र की एक महत्वपूर्ण शाखा माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि जिस प्रकार ज्योतिष शास्त्र में हमारी राशि, ग्रह और नक्षत्र हमारे जीवन को प्रभावित करते हैं, उसी प्रकार हमारी जन्मतिथि भी हमारे जीवन को प्रभावित करती है।
अंकज्योतिष में 1 से 9 तक अंक दिये जाते हैं। अंक ज्योतिष के अनुसार कुछ खास अंकों में जन्म लेने वाले पुरुष भाग्यशाली माने जाते हैं। ये जीवन में जिस भी क्षेत्र में जाएंगे खूब नाम और पैसा कमाएंगे। इस पोस्ट में आप जान सकते हैं कि किस अंक के पुरुष शक्तिशाली होंगे।
नंबर 5
किसी भी महीने की 5, 14, 23 तारीख को जन्म लेने वालों का भाग्य हमेशा साथ देता है। पंचम भाव का स्वामी बुध है। ज्योतिष शास्त्र में बुध को स्वामी ग्रह माना गया है। अत: इस शुभ दिन में जन्मे लोग अत्यंत प्रतापी होंगे।
शुभ अंक 5 के तहत जन्मे लोग दृढ़ विचारों वाले, बुद्धिमान और जीवन में सक्रिय होते हैं। ऐसे लोग हमेशा कुछ न कुछ करते रहते हैं। मूलांक 5 वाले लोग निर्णय लेने में अच्छे होते हैं। चाहे कितना भी बड़ा मामला हो ये तुरंत उसका फैसला कर लेते हैं।
महान व्यापारी
मूलांक 5 के तहत जन्मे लोग बहुत बुद्धिमान होते हैं। इस अंक के अंतर्गत जन्मे लोग व्यवसायिक विचारधारा वाले होते हैं और ज्यादातर मामलों में यथार्थवादी सोचते हैं। उनके पास उत्कृष्ट संचार कौशल हैं। ये अपनी बातों से किसी को भी आसानी से प्रभावित कर लेते हैं।
इनकी तर्क क्षमता भी दूसरों से बेहतर होती है। इसीलिए इस अंक के अंतर्गत जन्म लेने वाले लोग बहुत तेजी से प्रगति करते हैं। कार्यक्षेत्र में ये अपनी उपलब्धियों के कारण अच्छा प्रदर्शन करते हैं, लेकिन यदि ये व्यवसाय करते हैं तो ये महान व्यवसायी बन सकते हैं। मूलांक 5 वाले लोग बहुत जल्दी पैसा कमा सकते हैं।
वे आसानी से हार नहीं मानते
अंक 5 के अंतर्गत जन्मे लोगों की एक विशेषता यह है कि वे परिस्थितियों से आसानी से भयभीत नहीं होते हैं। वे हर चीज़ को शांति से सुलझाने की कोशिश करते हैं। कभी-कभी गंभीरता की कमी उनके लिए मुश्किलें खड़ी कर सकती है, लेकिन अगर वे इस कमी की भरपाई कर लें तो असंभव को भी संभव बनाने की क्षमता रखते हैं।
प्रेम और वैवाहिक जीवन
इनके पारिवारिक रिश्ते सामान्य हो सकते हैं। अंक ज्योतिष के अनुसार मूलांक 5 वाले लोगों की दो शादियां होने की संभावना रहती है। इनके रोमांटिक रिश्ते स्थाई नहीं होते, इनके जीवन में कई रोमांस हो सकते हैं, लेकिन इनका पारिवारिक जीवन खुशहाल रहता है।
9 संख्या
अंक ज्योतिष में अंक 9 को सबसे प्रभावशाली, मजबूत और भाग्यशाली अंक माना जाता है। यदि आपका जन्म महीने की 9, 18 और 27 तारीख को हुआ है तो आप 9 मूलांक कहलाते हैं।
इनके जीवन में धन की कोई कमी नहीं होती है
अंकज्योतिष के अनुसार मूलांक 9 के तहत जन्म लेने वाले लोग बहुत बुद्धिमान और मजबूत ऊर्जा वाले होते हैं। ये जीवन में जो भी हासिल करना चाहते हैं उसे हमेशा हासिल करने के बारे में सोचते हैं।
बुद्धि और प्रबल शक्ति का यह मेल इन्हें जीवन में खूब तरक्की दिलाता है। वे जहां भी जाते हैं ऊंचे पदों पर पहुंच जाते हैं। इन्हें प्रशासन में बड़ा पद भी मिलता है। इसीलिए ये खूब नाम, शोहरत और पैसा कमाते हैं। उनके जीवन में कभी भी धन की कमी नहीं होगी।
धन-संपत्ति से धन्य
मूलांक 9 के तहत जन्म लेने वाले लोग अपना जीवन धन के साथ जीना चाहते हैं। वे परिवार और दोस्तों पर बहुत पैसा खर्च करते हैं। उनकी आजीविका, भोजन, सब कुछ उच्च स्तर का है। ये स्वभाव से बहुत साहसी और गुस्सैल होते हैं। लेकिन उन्हें इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि कोई उनके बारे में क्या सोचता है। ये अपनी शर्तों पर जिंदगी जीते हैं।
Dhanteras 2023 Rashifal: धनतेरस 3 राशियों को मिलेगा धन-धान्य
8 Nov, 2023 06:15 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
धनतेरस 2023 राशिफल: हिंदू धर्म में धनतेरस का विशेष महत्व है। धनतेरस हर साल कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। सौभाग्य, समृद्धि और धन की आशा में इस दिन देवी लक्ष्मी, भगवान कुबेर और भगवान धन्वंतरि की पूजा करने की प्रथा है।
धनतेरस पर सोना-चांदी खरीदना बहुत शुभ माना जाता है।
ज्योतिषशास्त्र का कहना है कि इस साल धनतेरस बहुत ही शुभ संयोग में मनाई जाएगी। जिससे कई राशि के जातकों पर मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहेगी। इस बार चंद्रमा कन्या राशि में रहेगा. यहां शुक्र ग्रह पहले से ही मौजूद है। जिसके कारण कन्या राशि में चंद्रमा और शुक्र की युति से कालान्त योग बनेगा। ज्योतिष शास्त्र में इस योग को बहुत शुभ माना जाता है। फिर धनतेरस के दिन हस्त नक्षत्र का प्रभाव रहेगा. जानिए किन राशियों को मिलने वाली है सुख-समृद्धि.
कर्क राशि पर कालान्त योग का प्रभाव
धनतेरस पर बनने वाले कालान्त योग के प्रभाव से कर्क राशि के जातकों के जीवन में किस्मत लौट आएगी। लंबे समय से अटका हुआ काम इस समय पूरा हो सकता है। आर्थिक स्थिति में सुधार होगा। इस अवधि में अचानक धन लाभ का योग बनता है। जिसके फलस्वरूप ये जातक कर्ज मुक्त हो जाएंगे। इस समय आपको हर क्षेत्र में सफलता मिलेगी। व्यापार में अच्छा मुनाफ़ा होगा। दांपत्य जीवन में सुख-शांति लौट आएगी।
कन्या राशि पर कालिनाग योग का प्रभाव
इस साल का धनतेरस कन्या राशि वालों के लिए बेहद शुभ रहेगा। परिवार के साथ यह समय बहुत अच्छा बीतेगा। धन-संपदा में वृद्धि होगी. इस दौरान मान-सम्मान में वृद्धि होगी। धनतेरस पर लंबे समय से रुके हुए काम पूरे हो सकते हैं। हर क्षेत्र में सफलता मिल सकती है। व्यापार में अच्छा मुनाफ़ा होगा। धन लाभ का योग है। जमीन, मकान, गाड़ी खरीदने का सपना इस समय पूरा हो सकता है। विदेश जाने का अवसर मिलेगा। नौकरीपेशा लोगों को अच्छे नतीजे मिलेंगे। पदोन्नति और वेतन वृद्धि के योग हैं। ऑफिस में उच्च अधिकारी आपके काम से प्रसन्न रहेंगे।
मकर राशि पर कलिन योग का प्रभाव
इस साल धनतेरस पर मकर राशि के जातकों की किस्मत खुलेगी। माँ लक्ष्मी की कृपा से धन लाभ हो सकता है। परिवार के सदस्यों के साथ यह समय बहुत अच्छा बीतेगा। लंबे समय से रुका हुआ काम इस समय फिर से शुरू होगा। कर्मचारियों को बोनस मिल सकता है। व्यापार में अच्छा मुनाफ़ा होगा। कोई बड़ी डील फाइनल हो सकती है। इस समय आपको आय का नया स्रोत मिल सकता है। मकर राशि के जातक धन संचय करने में सफल रहेंगे।
यह चीज़ आपको एक सम्मानित न्यायाधीश द्वारा आप पर बरसाए गए धन से भी अधिक खतरे से बचाएगी
8 Nov, 2023 06:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
चाणक्य नीति: आचार्य चाणक्य के अनुसार हर किसी को अपने जीवन में धन से भी अधिक महत्वपूर्ण इस गुण को समझना चाहिए। क्योंकि पैसा तो आप जैसे भी चाहें कमाया जा सकता है, लेकिन यह गुण उस तरह से हासिल नहीं किया जा सकता।
वह विशेष गुण क्या है? यदि आपके पास यह गुण है, तो इसे आज ही दूसरों के साथ साझा करें।
आचार्य चाणक्य को भारत के महानतम अर्थशास्त्रियों, राजनीतिज्ञों और विद्वानों में से एक माना जाता है। व्यक्ति की भलाई और समाज के कल्याण के लिए उनके न्याय या सिद्धांतों को जीवन में अपनाना चाहिए।
चाणक्य के अनुसार अगर किसी के पास पैसा है तो वह किसी भी बड़ी चुनौती से पार पा सकता है, लेकिन पैसे के साथ-साथ कुछ अन्य गुण भी हैं जो हर व्यक्ति में होने चाहिए।
मनुष्य में ये चीजें दूसरों के साथ साझा करने पर भी कम नहीं होती हैं। इस पोस्ट में आप जान सकते हैं कि चाणक्य क्या महत्वपूर्ण बातें कहते हैं।
ज्ञान
सनक्य नीति के अनुसार ज्ञान व्यक्ति के भीतर छिपा हुआ सबसे बड़ा धन है। चाहे कितना भी साझा किया जाए, ज्ञान की कोई सीमा नहीं होती। चाणक्य ने अपनी 'चाणक्य नीति' में ज्ञान की तुलना कामधेनु पासु से की है।
कामधेनु गाय कभी दूध देना बंद नहीं करती, जिसके पास जो ज्ञान होता है वही ज्ञान होता है। ज्ञान बांटने से बढ़ता है. इसलिए जितना हो सके ज्ञान बांटें, ऐसा चाणक्य कहते हैं।
समस्याओं को सुलझा रहा
चाणक्य ने ज्ञान की तुलना उस माँ से की है जो हर परिस्थिति में अपने बच्चे की रक्षा करती है। ज्ञान से व्यक्ति अपने रास्ते की सभी कठिनाइयों पर विजय प्राप्त कर लेता है। चाणक्य कहते हैं कि व्यक्ति के जीवन में चाहे कितनी भी परेशानियां क्यों न हों, वह अपने ज्ञान से उन समस्याओं का समाधान ढूंढ ही लेता है।
ज्ञान गुप्त धन है
चाणक्य के अनुसार ज्ञान एक गुप्त धन है जो बांटने पर भी समाप्त नहीं होता। चाणक्य ने कहा था कि ज्ञान वही है जो बुरे समय में परिणाम देता है और अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाता है।
चाणक्य द्वारा ज्ञान को गुप्त खजाना कहने का मुख्य कारण यह है कि किसी के पास जो ज्ञान होता है वह हर समय प्रकट नहीं होता है। समय आने पर ही उस व्यक्ति से यह बात सामने आएगी। तो चाणक्य ने कहा कि ज्ञान एक गुप्त खजाना है।
ज्ञान को कभी भी सीमित नहीं करना चाहिए
किसी के ज्ञान को केवल अपने तक ही सीमित रखना उचित नहीं है। इसे दूसरों के साथ साझा करना समाज के लिए अच्छा है। शिक्षा से न केवल उन्हें लाभ होता है बल्कि कई पीढ़ियों के लिए उनका भविष्य भी बेहतर होता है। और ऐसा कहा जाता है कि विकास दूसरों के साथ ज्ञान साझा करने से आता है।
चाणक्य का दृढ़ विश्वास था कि ज्ञान का धन दूसरों के साथ साझा करने से वह धन बढ़ेगा और समाज के कल्याण में योगदान देगा।