धर्म एवं ज्योतिष (ऑर्काइव)
अगर घर पर हो जाएं ये आपदाएं तो आर्थिक नुकसान तय!
22 Nov, 2023 06:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
कई बार हमारे जीवन में कुछ घटनाएं संयोग की तरह घटित होती हैं। अधिकांश मामलों में हम इससे परेशान नहीं होते। लेकिन आप जानते हैं कि इसका सीधा असर हमारे सामाजिक और आर्थिक जीवन पर पड़ता है।
इस तरह के संयोग अक्सर हमें चिंतित कर देते हैं। ये हमारे जीवन में कुछ बुरा घटित होने का संकेत देते हैं। आख़िर हम संयोगों को नज़रअंदाज़ क्यों न करें. आइए देखें कि इससे हमें क्या संकेत मिलता है।
कप फिसल कर हाथ में टूट जाता है!
कई बार हमारे हाथ में मौजूद कप या गिलास फिसलकर टूट जाता है। साथ ही पानी भी नीचे गिरता है. इसे कभी भी शुभ संकेत नहीं माना जाता है.
इसका मतलब है कि निकट भविष्य में आपके परिवार के सदस्य बीमार पड़ सकते हैं। और आर्थिक समस्याओं का भी सामना करना पड़ सकता है। दर्शाता है कि इस विपदा से बचने के लिए आप गरीबों और जरूरतमंदों को खाना खिलाएं। और अपने इष्ट देव की भक्तिपूर्वक प्रार्थना करें।
दूध या चाय गिरना!
दूध या चाय उबालते समय यदि कोई चीज गिर जाए तो इसे अपशकुन या अपशकुन माना जाता है। यदि दूध और चाय उबलते समय गिर जाएं तो घर की सुख-शांति खराब हो जाती है।
साथ ही परिवार के सदस्यों के बीच झगड़े होने लगते हैं। दूध चंद्रमा का प्रतिनिधित्व करता है। और चंद्रमा मन का कारक ग्रह है। दूध और दूध से बनी चीजों के लीक होने से व्यक्ति को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ता है। और उसके मन में कई तरह के नकारात्मक विचार आते हैं।
टूटे शीशे का क्या मतलब है?
यदि कोई शीशा या दर्पण अचानक टूट जाए या घर की खिड़की का शीशा टूट जाए तो यह एक शुभ संकेत माना जाता है। ज्योतिष शास्त्र में कहा गया है कि यदि घर में कोई शीशा टूटा हुआ हो तो आने वाला संकट टल जाता है। इसके लिए भगवान को धन्यवाद दें और पूजा घर में दीपक जलाएं और भोग लगाएं।
पूजा की थाली नीचे गिर रही है!
यदि पूजा की वस्तु या पूजा की थाली हाथ से नीचे गिर जाए तो यह अपशकुन माना जाता है। इसका मतलब है कि परिवार को भविष्य में कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा अगर पूजा का दीपक अचानक बुझ जाए तो भी यह अशुभ माना जाता है।
क्या यह बुरा ऋण है? तो करें ये उपाय!
22 Nov, 2023 06:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मनुष्य के लिए पैसा बहुत महत्वपूर्ण है। अगर हमारी आर्थिक स्थिति अच्छी होगी तभी हमें जीवन में कुछ शांति मिल सकती है। मैं यह नहीं कह सकता कि जिंदगी ऐसी ही है. अगर हमारी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है तो हमें कई तरह की समस्याओं से जूझना पड़ेगा।
इससे हाथ बहुत कर्जदार हो जाता है।
कर्ज होने पर जीवन में शांति नहीं मिलती। कभी-कभी हम बिना सोचे-समझे बहुत अधिक कर्ज ले लेते हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि जब कुछ त्रुटियां होती हैं तो हमें इस तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। आखिर हम अपने जीवन को कर्ज मुक्त कैसे बनायें? आइए जानते हैं धन वृद्धि के ज्योतिषीय उपाय के बारे में।
अश्वत्थ वृक्ष से पाएं मुक्ति!
कर्ज से मुक्ति पाने के लिए शनिवार के दिन स्नान करें। अश्वत्थ वृक्ष की श्रद्धापूर्वक पूजा करें। फिर चारों तरफ आटे का दीपक जलाएं। दीपक जलाने के बाद 11 परिक्रमा करें। और प्रक्रिया करते समय अपनी समस्या बताएं। इसके बाद अपने साइज का एक काला धागा लें और इसे नारियल के चारों ओर पूरा लपेट दें और बहते पानी में प्रवाहित कर दें। ऐसा करने से कर्ज धीरे-धीरे खत्म हो जाएगा। और आर्थिक समृद्धि के शुभ अवसर बनते हैं।
विष्णु और लक्ष्मी की पूजा करें!
सोमवार के दिन एक रुमाल, चांदी का पत्ता, पांच गुलाब के फूल, थोड़े से चावल और गुड़ लेकर भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी के मंदिर जाएं। इसके बाद रुमाल को भगवान विष्णु और लक्ष्मी की मूर्ति के सामने रखें और 21 बार गायत्री मंत्र का जाप करें। साथ ही बची हुई चीजों को भी नैपकिन पर रखें। सभी वस्तुओं को एक रुमाल पर रखें और उन सभी वस्तुओं को इकट्ठा कर लें और भगवान से कर्ज मुक्ति के लिए प्रार्थना करें। यह उपाय आपको लगातार सात सोमवार तक करते रहना चाहिए।
लाल रेंटिल
प्रतिदिन 50 ग्राम लाल चने का दान करें तथा गणेश जी की पूजा करके गरीके तथा मोदक का भोग लगाएं। इसके अलावा शनिवार के दिन काले कुत्ते को रोटी खिलाएं। लाल किताब का यह उपाय आपके लिए बहुत शुभ है। ऐसा करने से तरक्की के रास्ते बनते हैं। और कर्ज भी कम हो जाएगा.
गाय को खाना खिलाओ!
ऐसा माना जाता है कि अगर हम गाय को भोजन देंगे तो हमारे सभी प्रकार के दोष दूर हो जाएंगे। 5.5 किलो आटे में सवा किलो गुड़ मिलाकर उसकी रोटियां बना लें और फिर गुरुवार की शाम को उन रोटियों को गाय को खिला दें। यह उपाय लगातार तीन गुरुवार तक करें। ऐसा करने से आपको कर्ज की समस्या से छुटकारा मिल जाएगा। और दरिद्रता का नाश होगा.
उपाय भी ठीक हो
22 Nov, 2023 06:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
उपाय सम्यप् होना चाहिए। उपाय का बड़ा महत्व होता है। जहां समस्या आती है, आदमी उपाय खोजता है। समाधान तब तक नहीं होता, जब तक उपाय नहीं मिल जाए। उपाय स्वयं भी खोजा जा सकता है और उपाय खोजने के लिए गुरू की शरण या उस विषय को जानने वाले व्यक्ति की शरण भी ली जा सकती है।
कोई संन्यासी था। भीड़ बहुत होती। सभी संन्यासी अपरिग्रही नहीं होते। कुछ संन्यासी बहुत परिग्रह भी रखते हैं। यह अपनी-अपनी परम्परा है। बड़ा आश्रम था। बहुत धन और बहुत लोगों की भीड़। वह परेशान हो गया। गुरू के पास जाकर बोला, गुरूदेव! और तो सब ठीक है, पर एक बड़ी समस्या है। भीड़ बहुत हो जाती है, इतने लोग आते हैं कि मैं अपनी साधना पूरी तरह नहीं कर पाता, समय नहीं मिलता। रात-दिन चप्र-सा चलता है। गुरू ने कहा, तुम एक काम करो, गरीब लोग आएं तो उनको कर्ज देना शुरू कर दो और जो धनवान लोग आएं।
तो उनसे मांगना शुरू कर दो। उपाय हाथ में लग गया। उसने प्रयोग करना शुरू कर दिया-जो निर्धन आते, उन्हें कर्ज देना शुरू किया और धनी आते उनसे धन मांगना शुरू किया। पांच-दस दिन में भीड़ बिल्कुल छंट गई। क्योंकि जिन्होंने कर्ज लिया वे वापस किसलिए आते? सामने आना नहीं चाहते थे, क्योंकि वापस तो देना नहीं था- धनियों से मांगना शुरू किया तो उन लोगों ने सोचा कि अब तो जाना ठीक नहीं है। जाते ही पहले यह होगा कि लाओ-लाओ। भीड़ कम हो गई। उपाय ठीक मिलता है तो दोनों बातें हो जाती हैं। हमारे हाथ उपाय लगना चाहिए।
राशिफल: जानिए, कैसा रहेगा आपका आज का दिन (22 नवंबर 2023)
22 Nov, 2023 12:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मेष राशि :- नवीन जनसंपर्क, कठिनाईयों का निवारण, Œााr व संतान की अनुकूलता बनी ही रहेगी।
वृष राशि - आर्थिक व व्यावहारिक स्थिति सामान्य रहेगी, मानसिक हर्ष की संभावना बनी ही रहेगी।
मिथुन राशि - व्यावहारिक सफलता, धन,यश, प्रति‰ा संबंधी मामलों में यश प्रति‰ा प्राप्त होगी।
कर्क राशि - रोजी रोजगार में वृद्धि, धन की प्राप्ति होगी तथा पद प्रति‰ा की वृद्धि अवश्य होगी।
सिंह राशि - आरोग्य मान धन की प्राप्ति, पद प्रति‰ा की वृद्धि होगी तथा आर्थिक लाभ बनेगा।
कन्या राशि - मानसिक क्लेश धन की हानि, साहस, पराक्रम की हानि, पड़ोसियों से कष्ट होगा।
तुला राशि - प्रियजनों से आसन सिद्ध होवे, कार्य की निराशा दूर होगी तथा रुके कार्य बनेंगे।
वृश्चिक राशि - कार्य व्यस्त जीवन रहेगा, रोगग्रस्त शत्रु, बाधाओं पर विजय प्राप्त अवश्य होगी।
धनु राशि - उच्च स्तरीय व्यक्तियों से संपर्क अवश्य बनेगा, जमीन, जायजाद, पारिवारिक सुख मिलेगा।
मकर राशि Š- धन आवागमन से अवरोध होगा, आमदनी के कार्य में प्रतिकूलता अवश्य ही बनेगी।
कुंभ राशि - धन, यश, प्रति‰ा संबंधी मामलों में प्रचुर, धन-लाभ होवेगा, ध्यान रखें।
मीन राशि - आर्थिक कमी के कारण मानसिक कलेश, संतान कष्ट, राजभय अवश्य ही रहेगा।
जिनके हाथ में होती है इन 4 रेखाओं में से एक भी रेखा, उनकी लव लाइफ हमेशा रहेगी खतरों से भरी
21 Nov, 2023 06:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
हर कोई यह जानने में रुचि रखता है कि उसकी लव लाइफ कैसी होगी। इसके लिए हम ज्योतिष और कई फोन ऐप्स का सहारा लेते हैं। लेकिन असल में इस सवाल का जवाब हमारे हाथ में ही छिपा है.
हस्तरेखा शास्त्र हमारी हथेलियों पर मौजूद रेखाओं और चिह्नों का अध्ययन है। हम अपनी उंगलियों के निशान पढ़कर अपने जीवन के बारे में भविष्यवाणियां जान सकते हैं।
इस पोस्ट में आप जान सकते हैं कि आपके फिंगरप्रिंट की कौन सी रेखाएं आपकी लव लाइफ के बारे में बताती हैं और कौन सी रेखाएं प्यार में असफलता का संकेत देती हैं।
ह्रदय रेखा
हृदय रेखा, जिसे प्रेम रेखा भी कहा जाता है, एक प्रमुख रेखा है जो उंगलियों के नीचे हथेली के शीर्ष पर घूमती है। हस्तरेखा ज्योतिष के अनुसार माना जाता है कि यह रेखा आपकी भावनात्मक प्राथमिकताओं और रोमांटिक संभावनाओं को प्रकट करती है। अपनी हृदय रेखा की जांच करते समय उसकी लंबाई और गहराई पर ध्यान दें।
हृदय रेखा छोटी एवं उथली होती है
यदि आपकी हृदय रेखा छोटी है और आपकी हथेली के मध्य तक नहीं पहुंचती है, तो यह गहरे भावनात्मक संबंध बनाने में कठिनाइयों का संकेत दे सकता है। उथली हृदय रेखा आपकी भावनाओं की रक्षा करने की प्रवृत्ति का संकेत दे सकती है, जिससे रिश्ते में संचार समस्याएं और भावनात्मक दूरी हो सकती है।
हृदय रेखा का विभाजन
एक हृदय रेखा जो दो या दो से अधिक शाखाओं में विभाजित हो, प्रेम में भावनात्मक उथल-पुथल और अनिश्चितता का संकेत देती है। यह परस्पर विरोधी इच्छाओं या रुचियों का संकेत दे सकता है जो प्यार में पूरी न होने पर ब्रेकअप का कारण बन सकता है।
मुख्य पंक्ति
मस्तिष्क रेखा, जो हृदय रेखा के नीचे हथेली पर क्षैतिज रूप से चलती है, आपकी विचार प्रक्रियाओं और निर्णय लेने की क्षमताओं का प्रतिनिधित्व करती है। जब प्यार की बात आती है तो स्पष्ट और तर्कसंगत सोच जरूरी है।
सतत नेतृत्व
छोटी, श्रृंखला जैसी जगहों वाली मस्तिष्क रेखा अत्यधिक सोचने और स्थितियों का विश्लेषण करने की प्रवृत्ति का संकेत दे सकती है। इससे आपके रिश्ते में संदेह और असुरक्षाएं पैदा होंगी, जो अंततः रोमांस के टूटने में योगदान देगी।
जीवन रेखा
जीवन रेखा, जो हथेली के आधार से मध्य तक लंबवत चलती है, आपके जीवन की यात्रा और आपके रोमांटिक अनुभवों सहित जीवन की प्रमुख घटनाओं का प्रतिनिधित्व करती है।
यदि आप अपनी जीवन रेखा पर एक द्वीप जैसी संरचना देखते हैं, तो यह आपके प्रेम जीवन में बाधाओं और चुनौतियों का संकेत दे सकता है। यदि प्रभावी ढंग से प्रबंधित नहीं किया गया तो ये चुनौतियाँ अंततः टूटने का कारण बन सकती हैं।
शुक्र का टीला
अंगूठे के आधार पर स्थित शुक्र टीला आपके प्रेम, जुनून और कामुकता की क्षमता को दर्शाता है।
शुक्र पर्वत का सपाट होना आपके प्रेम जीवन में रुचि और गंभीरता की कमी का संकेत दे सकता है। इससे रोमांटिक रिश्ते में बोरियत और असंतोष पैदा हो सकता है, जो रिश्ते की समस्याओं में योगदान दे सकता है।
जैसे ही हम प्यार के जटिल रास्तों पर आगे बढ़ते हैं, हमारी हथेलियाँ हमारे लिए मूक मार्गदर्शक के रूप में कार्य कर सकती हैं, जो हमारे दिल और दिमाग की जटिलताओं की झलक पेश करती हैं। अपनी हथेली में इन संकेतों को समझकर और उन पर कार्य करके, हम एक पूर्ण और सामंजस्यपूर्ण प्रेम संबंध की ओर यात्रा शुरू कर सकते हैं।
घर में सुख समृद्धि लाए आंवला नवमी की उपासना
21 Nov, 2023 06:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
इस पर्व का प्रारंभ कार्तिक माह से होता है। यह पूरे एक माह अर्थात पांच सप्ताहों तक चलता रहता है। हर गुरुवार को इसकी पूजा की जाती है। अतः हर गुरुवार आने के पूर्व संध्या पर सभी लोग अपने अपने घरों को लीप पोतकर साफ सुथरा करते हैं एवं घर के कमरों में छूही की माटी से सफेद रंग बनाकर तरह तरह के सजावटी आकृतियां बनाते हैं फिर दूसरे दिन की पूजा पाठ की तैयारियां करते हैं। कहा जाता है कि कार्तिक माह के लगते ही आंवला का दान करना बहुत पुण्य देता है। इस संदर्भ में एक पुरानी कहानी बताई जाती है कि जो इस प्रकार है -
किसी समय एक गांव में एक बुढ़िया रहती थी। उसके चार बेटे व चार पुत्रियां था। उस बुढ़िया के घर में आंवले का बहुत बड़ा पेड़ था। जिसमें फलने वाले आंवला को हमेशा वह दूसरों को देती रहती थी। दान पुण्य करने में बुढ़िया कभी पीछे नहीं रहती थी। इस आदत को देखकर उसकी बहुएं उससे बहुत चिढ़ा करती थी एवं आंवला दान करने से हमेशा मना करती थी एक दिन बहुओं ने उसे घर से निकाल दिया। बुढ़िया मजबूर होकर आंटे के छोटे छोटे (आंवले ) गोले बनाकर दान करने लगी। व हमेशा भगवत पूजा पाठ में ध्यान लगाती रही। उसके इसी भक्ति भावना और साधना से प्रसन्न होकर भगवान विष्णु एक दिन प्रगट होकर उससे कहते हैं-मैं तुम्हारी भक्ति से अत्यंत प्रसन्न हूं! और भगवान की कृपा से उस बुढिया की झोपड़ी महल में बदल जाती है। जहां अनेक नौकर चाकर, धन, सोना चांदी अनेक कीमती आभूषण सभी कुछ था। बुढ़िया अपने महल में पूरी सुख सुविधा के साथ भगवत् पूजा में रम गयी। उधर उसके चारों बेटों का कारोबार ठप्प हो गया। चारों बहुएं दाने दाने को मोहताज हो गईं। अपनी गरीबी की हालत के कारण बहुओं को भी घर से निकल कर काम ढूंढना पड़ गया। संयोग से एक बहू अपने सास के महल में ही काम मांगने पहुंची। बुढ़िया ने अपनी बहु को तुरंत पहचान लिया और उसे अपने महल में नौकरानी रख लिया। बुढ़िया की बहु उसे नहीं पहचान पाई। एक दिन बुढ़िया ने उसे पैर दबाने को कहा तब पैर दबाते वक्त वह नौकरानी बुढ़िया के पैर में तील देखकर रोने लगी। बुढ़िया ने उससे पूछा कि क्यों रो रही है तब उसने कहा मेरी सास के पैर में भी इसी प्रकार का तील था जब से हमने उन्हें घर से भगा दिया, तब से हमारे घर में दरिद्रता आ गई है। बुढ़िया ने आगे पूछा- क्या तुम लोगों ने अपनी सास को कोई खोज खबर ली है ? तब बहु ने उत्तर दिया कि हम लोगों ने उन्हें बहुत ढूंढा, पर वे नहीं मिली। आखिरकार बुढ़िया को अपनी बहु पर दया आ गई, फिर उसने अपना भेद खोलते हुये उसे बताया कि मैं ही तुम्हारी वो सास हूं। उसकी बहु यह जानकर उससे अपने किये की माफी मांगने लगी। बुढ़िया ने उन्हे माफ कर दिया। और सभी बेटे बहुओं को बुलाकर अपने साथ रख लिया। उनका घर फिर एक बार खुशियों से भर गया। बस तभी से इस आंवला नवमी की पूजा घर की सुख समृद्धि एवं शांति के लिये की जाती है। ऐसा माना जाता है कि इस पूजा को पूरे विधि व नियमपूर्वक करने पर ही अभिष्ठ फल की प्राप्ति होती है। इस पूजा में सबसे आवश्यक माना गया है कार्तिक से ही आंवले का दान करना। जिस दिन आंवला नवमीं की तिथि रहे, उस दिन प्रातः से ही स्नान कर स्वच्छ वस्त्रधारण कर आंवले के पेड़ की विधिपूर्वक पूजा अर्चना करें। पहले जल अर्पित करें फिर चंदन, रोली आदि लगायें। घी का दीपक जलाएं एवं फूल फल चढ़ाकर हाथा दिया जाता है। इसके बाद आंवला पेड़ के तनों को दोनों हाथों में भरकर गले (भेंट) मिलने की प्रक्रिया की जाती है। फिर अपनी छमतानुसार 108, 51, 21, 11 एवं 7 बार पेड़ के चारों ओर फेरी लगाकर मंत्रोच्चार करते हुए रोली लपेटा जाता है। अंत में यह नियम है कि आंवला पेड़ के नीचे भोजन पकाकर लोगो को खिलाये एवं स्वयं भोजन करें। पेड़ के नीचे भोजन पकाने एवं भोजन करने को अंत्यंत शुभ माना जाता है। किसी पुरोहित को दान दक्षिणा (सीधा) देने का भी विधान है। इस प्रकार आंवला नवमी की पूजा संपन्न की जाती है। इस पूजा के करने से घर में सुख शांति और सम्पन्नता बढ़ती है।
राशिफल: जानिए, कैसा रहेगा आपका आज का दिन (21 नवंबर 2023)
21 Nov, 2023 12:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मेष राशि :- शत्रुओं का समन, स्वजनों का साथ मिलेगा, शत्रु कर्मो में प्रवृत्ति होगी, ध्यान रखें।
वृष राशि - पारिवारिक उत्तरदायित्व की पूर्ति होगी, धर्म अध्ययन में वृद्धि होवेगी, ध्यान दें।
मिथुन राशि - मित्रों का सहयोग मिलेगा, भाग्य उन्नति,प्रियजनों से मेल मिलाप अवश्य बनेगा।
कर्क राशि - संतान का सुख मिलेगा, नौकरी वालों की पदोन्नति का योग बनेगा।
सिंह राशि - पानी के स्वास्थ्य की चिंता तथा चोट से धन की हानि का योग अवश्य ही बनेगा।
कन्या राशि - कार्य व्यवसाय में अर्थलाभ व आलस्य की स्थिति बनेगी, परामर्श से सफलता मिलेगी।
तुला राशि - आर्थिक सामाजिक राजनैतिक विकास व लाभ पक्ष आदि से सुख ही मिलेगा।
वृश्चिक राशि - पत्नी, संतान का सुख आकस्मिक धनलाभ तथा विवाद का निपटारा होने का योग है।
धनु राशि - पुरानी समस्याओं का समाधान होगा, अच्छे लोगों से सहयोग से कार्य बनेगें।
मकर राशि - इष्टमित्रों से इच्छानुकूल सहयोग की प्राप्ति होगी तथा दाम्पत्य जीवन सुखी रहेगा।
कुंभ राशि - विरोध की स्थिति बनेगी, गृह कलह से मन अप्रसन्न रहेगा, जीवन सुखी रहेगा।
मीन राशि - व्यर्थ में विवाद होने का भय सतायेगा,सामान्य वातावरण का ब्यौहार बनेगा।
फेंगशुई के अनुसार घर के इस हिस्से में उल्लू की मूर्ति रखने से सौभाग्य की प्राप्ति होती है
20 Nov, 2023 06:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
कुछ लोग मानते हैं कि उल्लू शनि है, लेकिन फेंगशुई विज्ञान कहता है कि उल्लू सौभाग्य लाता है। इसलिए घर में उल्लू की मूर्ति रखना अच्छा होता है, ऐसा कहा जाता है कि इससे घर में सौभाग्य आता है।
अगर उल्लू की मूर्ति घर लाई जाए तो कहा जाता है कि इससे घर में सौभाग्य आता है।
घर के किस हिस्से में उल्लू की मूर्ति रखनी चाहिए? आइए देखें फेंगशुई के अनुसार घर में उल्लू की मूर्ति रखने से क्या फायदे होते हैं:
उल्लू की मूर्ति कहां रखें?
अगर आप अपने घर में उल्लू की मूर्ति रखते हैं तो आपको इसे सही जगह और सही दिशा में रखना चाहिए। यानी घर के लिए ही अच्छा है. जब आप उल्लू की मूर्ति घर लाते हैं तो सुनहरा उल्लू या सोना चढ़ा हुआ उल्लू लाना अच्छा होता है, खासकर घर के सड़क के सामने वाले हॉल में आपको एक उल्लू या 3 उल्लू की मूर्ति रखनी चाहिए।
फेंगशुई के अनुसार, धन के प्रवाह में वृद्धि के लिए आकर्षक उल्लू को दक्षिण या उत्तर-पूर्व दिशा में रखना अच्छा होता है।
वैवाहिक जीवन में अनुकूलता बढ़ाने के लिए
यदि वैवाहिक जीवन अच्छा है तो अनुकूलता अच्छी होनी चाहिए। ऐसा कहा जाता है कि उल्लू की मूर्ति उत्तर या दक्षिण-पूर्व में रखने से पति-पत्नी के बीच अच्छा तालमेल बना रहता है।
घर में सकारात्मक ऊर्जा में वृद्धि
कहा जाता है कि घर में उल्लू की मूर्ति लगाने से घर में सकारात्मक ऊर्जा में वृद्धि होती है। ऐसा कहा जाता है कि घर में उल्लू या उल्लू की तस्वीर लगाने से गृहस्वामी को सौभाग्य, धन और ज्ञान की प्राप्ति होती है।
घर के सामने उल्लू की मूर्ति हो,
घर के दरवाजे के पास उल्लू की मूर्ति हो तो घर में नकारात्मक ऊर्जा प्रवेश नहीं कर पाती। ऐसा माना जाता है कि यह घर को नकारात्मक ऊर्जा से बचाता है।
यदि आप काम पर बैठने वाली मेज पर उल्लू की मूर्ति रखते हैं, तो ऐसा
कहा जाता है कि यदि आप काम पर बैठने वाली मेज के पास उल्लू की मूर्ति रखते हैं, तो इससे करियर जीवन में सफलता मिलेगी, जिससे आपकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। स्थिति बेहतर होगी. साथ ही आप पैसों की स्थिति का भी आकलन कर पाएंगे।
विद्यार्थी इसे पढ़ने की मेज पर रखें
यदि बच्चे इसे घर में पढ़ने की मेज पर रखें तो उन्हें पढ़ने में सफलता मिलेगी।
किस रंग की उल्लू की मूर्ति का उपयोग किया जाता है
ज्यादातर तांबे के रंग, सफेद रंग और लकड़ी के उल्लू की मूर्ति का उपयोग किया जाता है।
उल्लू के बारे में क्या अंधविश्वास हैं?
लोगों का यह अंधविश्वास है कि अगर आप उल्लू की आवाज तीन बार सुनेंगे तो आपको मौत की खबर मिलेगी।
स्वास्तिक महत्व: हिंदू धर्म में स्वास्तिक चिन्ह इतना महत्वपूर्ण क्यों है?
20 Nov, 2023 06:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
हमारी भारतीय संस्कृति में स्वस्तिक को बहुत शुभ माना जाता है। स्वस्तिक को शुभता का प्रतीक माना जाता है। जब हम कोई शुभ कार्य करते हैं या कोई काम शुरू करते हैं तो स्वास्तिक चिन्ह बनाते हैं।
हम मंगल के अवसर पर उनकी पूजा भी करते हैं, ताकि हमारा काम सुख-समृद्धि से भरा रहे। स्वस्तिक का शाब्दिक अर्थ शुभ या मंगलकारी होता है। स्वस्तिक चिन्ह को न केवल हिंदू धर्म में बल्कि सभी धर्मों में पवित्र माना जाता है । हिंदू संस्कृति के प्राचीन ऋषियों ने अपने आध्यात्मिक अनुभवों के आधार पर अपने धर्म में कुछ विशेष प्रतीकों का निर्माण किया, ये प्रतीक शुभ भावनाओं को व्यक्त करते हैं और ऐसा ही एक प्रतीक है स्वस्तिक। स्वस्तिक को सकारात्मक ऊर्जा का स्त्रोत माना जाता है। जिस घर में स्वस्तिक का शुभ चिन्ह बनाया जाता हैपूजा करने से परिवार में सुख, समृद्धि और खुशहाली आती है। इसी वजह से किसी भी काम को शुरू करने से पहले स्वस्तिक बनाया जाता है।
स्वस्तिक सुख-समृद्धि लाता है।
वास्तु शास्त्र में भी स्वस्तिक को बहुत शुभ माना गया है। यदि किसी घर में स्वस्तिक स्थापित किया जाए तो वहां सुख-समृद्धि का वास होता है और धन-संपदा में वृद्धि होती है। घर के मुख्य द्वार पर स्वास्तिक बनाना बहुत शुभ माना जाता है। धार्मिक आयोजनों में स्वस्तिक बनाना बहुत शुभ माना जाता है। स्वस्तिक बनाने से घर में देवी-देवताओं का प्रवेश होता है और सुख-समृद्धि का वास होता है। गुरु पुष्य योग में किया गया स्वस्तिक शांति प्रदान करता है। अगर आपको रात को नींद नहीं आती है तो सोने से पहले अपनी तर्जनी उंगली से स्वस्तिक बनाएं और सो जाएं, आपको अच्छी नींद आएगी और बुरे सपने आना बंद हो जाएंगे।
स्वस्तिक चमत्कारी एवं लाभकारी है।
तिजोरी पर स्वस्तिक बनाने से आपको धन की कमी नहीं होगी और आपके घर में सुख-समृद्धि बनी रहेगी। अगर आप भी अपनी तिजोरी में कुछ पैसे रखेंगे तो आपको लाभ होगा। ये उपाय बहुत ही चमत्कारी और लाभकारी हैं। अगर आपके वैवाहिक जीवन में काफी परेशानियां आ रही हैं तो पूजा के दौरान हल्दी का स्वस्तिक बनाएं, इससे आपको बहुत लाभ होगा। घर को बुरी नजर से बचाने के लिए घर के बाहर गाय के गोबर से स्वस्तिक बनाएं, लाभ होगा। घर के मुख्य द्वार पर स्वस्तिक बनाने से घर में नकारात्मक ऊर्जा प्रवेश नहीं कर पाती है। हमारे पूर्वजों का आशीर्वाद हम पर बना रहता है।
जो लोग पूजा में शंख का प्रयोग करते हैं उन्हें इन 5 बातों का ध्यान रखना चाहिए
20 Nov, 2023 06:15 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
अक्सर सुना होगा कि पूजा में शंख बजाना अच्छा होता है. हम शंख इसलिए बजाते हैं क्योंकि यह घर में सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करता है और नकारात्मक ऊर्जा को बाहर निकाल देता है। जो लोग शंख का प्रयोग कर रहे हैं उन्हें इसका फल पाने के लिए पूजा के कुछ नियम जरूर जानना चाहिए।
आइए देखें क्या हैं वो पूजा नियम:
आइए सबसे पहले जानते हैं शंख का पौराणिक महत्व:
शंख की उत्पत्ति समुद्र मंथन के दौरान हुई थी। भगवान विष्णु ने शस्त्र के रूप में शंख धारण किया हुआ था। श्री विष्णु, गंगा सरस्वती की पूजा में शंख का प्रयोग किया जाता है। ऐसा कहा जाता है कि शंख बजाने से जो कंपन होता है उसमें वातावरण में कीटाणुओं को मारने की शक्ति होती है। जब शंख बजाया जाता है तो वातावरण में राजस और तमस ऊर्जा कम हो जाती है और सात्विक ऊर्जा बढ़ जाती है।
शंख से निकलने वाली ऊर्जा नकारात्मक ऊर्जा को दूर कर सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाती है। जब शंख की ध्वनि हमारे कानों में पड़ती है तो हमारा शरीर ऊर्जावान हो जाता है। पूजा शुरू होने से पहले और आरती होने से पहले शंख बजाया जाता है।
शंख मुख्यतः दो प्रकार के होते हैं:
दाएँ हाथ का शंख,
बाएँ हाथ का शंख
आमतौर पर दाएँ हाथ के शंख का उपयोग पूजा-पाठ में किया जाता है।
बाजार में कई तरह के शंख मिलते हैं, लेकिन जब आप शंख खरीदें तो उसे बजाएं नहीं, अगर आप इसे अपने कान के पास रखेंगे तो इससे अच्छी आवाज आएगी, यह असली शंख है।
शंख बजाना
पूजा करते समय बायीं ओर रखा जाने वाला शंख बजाना चाहिए। पूजा में बजाने वाले शंख का प्रयोग नहीं करना चाहिए। वराह पुराण में कहा गया है कि पूजा करने से पहले शंख बजाना चाहिए।
शंख कैसे बजाएं?
सिर को थोड़ा ऊपर उठाएं, लंबी सांस लें और शंख बजाएं। तब जो ध्वनि निकलती है उससे मूर्ति में दैवीय शक्ति बढ़ती है, वातावरण सकारात्मक होता है, पूजा में भक्ति बढ़ती है।
शंख का उपयोग करते समय इन 5 बातों का ध्यान रखना चाहिए
* पूजा के लिए इस्तेमाल होने वाले शंख को बजाने के लिए इस्तेमाल नहीं करना चाहिए, दो अलग-अलग शंखों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए
* बजाने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले शंख से भगवान को जल नहीं चढ़ाना चाहिए *
पूजा के लिए दो शंखों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए
* शंख नहीं बजाना चाहिए शिवलिंग को स्पर्श करना चाहिए
* शिव के अभिषेक में, सूर्य की पूजा करते समय शंख का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
कैसे रखें शंख?
आपको शंख को एक साफ कपड़े में रखना चाहिए, खासकर लाल कपड़े में लपेटकर। कुछ लोग शंख को चांदी या मिट्टी के बर्तन में रखते हैं। शंख में जल भरकर पूजा में उपयोग किया जाता है। विशेषकर लक्ष्मी पूजा में इसमें दूध भरकर उपयोग किया जाता है।
क्या देवी लक्ष्मी आपके घर आएं और धन की वर्षा करें? फिर इनमें से एक वस्तु दरवाजे पर रख दें
20 Nov, 2023 06:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
हर कोई जीवन में सफल और समृद्ध होना चाहता है। लाख कोशिशों और मेहनत के बावजूद भी मां लक्ष्मी की कृपा के बिना आप अपने जीवन में उन ऊंचाइयों तक नहीं पहुंच सकते, जो आप चाहते हैं।
अगर आप चाहते हैं कि देवी लक्ष्मी आपके घर में प्रवेश करें तो आपको इसकी व्यवस्था करनी होगी।
देवी लक्ष्मी के आपके घर में प्रवेश के लिए आपका प्रवेश द्वार बहुत महत्वपूर्ण है।
आपके घर का प्रवेश द्वार सकारात्मक ऊर्जा और समृद्धि को आकर्षित करने वाला प्रवेश द्वार है। इस पोस्ट में आप जान सकते हैं कि देवी लक्ष्मी के प्रवेश के लिए आपको अपने घर के प्रवेश द्वार पर कौन सी वस्तुएं रखनी चाहिए।
प्रकाश महत्वपूर्ण है
देवी लक्ष्मी को आकर्षित करने की शुरुआत आपके घर में उनके प्रवेश द्वार को रोशन करने से होती है। प्रवेश द्वार पर सजावटी लैंप की एक जोड़ी रखें।
ये आपके जीवन से अंधकार और अज्ञान को दूर कर धन और ज्ञान का मार्ग प्रशस्त करेंगे।
शुभ ॐ चिन्ह
प्रवेश द्वार के पास ॐ का चिन्ह या 'स्वस्तिक' लगाएं। माना जाता है कि ये पवित्र प्रतीक नकारात्मक ऊर्जा को दूर करते हैं और सकारात्मक कंपन उत्पन्न करते हैं, जिससे देवी लक्ष्मी की उपस्थिति के लिए एक सामंजस्यपूर्ण वातावरण बनता है।
स्वागत बोर्ड
एक सजावटी मेहराब या पोस्ट लटकाकर अपने प्रवेश द्वार के सौंदर्यशास्त्र को बढ़ाएं। सुंदर फूलों और आम के पत्तों से सजाएं. यह न केवल आपके घर की सुंदरता बढ़ाता है बल्कि उर्वरता और विकास का भी प्रतीक है।
रंगोली कोलम
अपने प्रवेश द्वार को जटिल रंगोली पैटर्न से सजाएँ। रंगोली न केवल कला का एक रूप है बल्कि इसे देवताओं का आह्वान भी माना जाता है। समृद्धि को दर्शाने के लिए लाल और पीले जैसे अच्छे रंग चुनें।
शंख और घंटियाँ
प्रवेश द्वार पर शंख और छोटी घंटी रखें। ऐसा माना जाता है कि शंख की ध्वनि आसपास के वातावरण को शुद्ध करती है, जबकि घंटी की ध्वनि नकारात्मकता को दूर करती है, जिससे यह मां लक्ष्मी के स्वागत के लिए एकदम सही संयोजन बन जाता है।
वास्तु दर्पण
प्रवेश द्वार के पास दीवार पर एक छोटा दर्पण लटकाएँ। वास्तु शास्त्र में माना जाता है कि दर्पण नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है और सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करता है, जिससे देवी लक्ष्मी का स्वागत करने में मदद मिलती है।
दिव्य पदचिन्ह
हल्दी या चंदन से देवी लक्ष्मी के पैरों के निशान बनाएं या उन्हें प्रवेश द्वार पर रखें। ये पैरों के निशान दर्शाते हैं कि देवी आपके घर आ रही हैं और भाग्य और समृद्धि लेकर आ रही हैं।
राशिफल: जानिए, कैसा रहेगा आपका आज का दिन (20 नवंबर 2023)
20 Nov, 2023 12:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मेष राशि :- भाग्योदय कारक व अच्छा समय है। संतान सुख, रोग तथा परेशानी दूर जो जाएगी।
वृष राशि - यात्रा में धन व्यय, अकारण शरीर कष्ट प्राप्त होगा, किन्तु रुके कार्य पूर्ण अवश्य होंगे।
मिथुन राशि - व्यवसाय में अच्छा लाभ मिलेगा, किसी उत्सव में सम्मिलित होंगे, सहयोग मिलेगा।
कर्क राशि - सोचे हुए सभी कार्य में विघ्न उत्पन्न होगा, मन में अशांति पैदा होगी, ध्यान रखें।
सिंह राशि - धन का लाभ होगा, आनंद प्राप्त का सुन्दर अवसर प्राप्त होगा, समस्याओं के साथ आगे बढ़ेंगे।
कन्या राशि - धन का लाभ तथा स्वास्थ्य में सुधार होगा तथा समस्याओं के साथ आय आगे बढ़ेगी।
तुला राशि - अधिक परिश्रम से लाभ मिलेगा, शत्रु दल उभरेगा, तथा कष्ट पैदा अवश्य करेगा।
वृश्चिक राशि - दामपत्य जीवन का मधुर संबंध, आनंद अवश्य मिलेगा, संतान से सुख प्राप्त होगा।
धनु राशि - विरोधियों से आय, सतर्क रहे, मानसिक तनाव बनें, सर्तकता से कार्य निपटा दे।
मकर राशि - माता तथा समाज, संता से विपरीत व्यवहार मिलेगा, सर्तकता से कार्य निपटावें।
कुंभ राशि - सामाजिक उत्सव उत्पन्न होंगे, कोई उत्साह पूर्वक समाचार अवश्य ही प्राप्त होगा।
मीन राशि - स्थिति में कुछ सुधार, स्वास्थ्य की खराबी तथा व्यय भार अवश्य ही बढ़ेगी, ध्यान देवे।
यह चीज़ आपको एक सम्मानित न्यायाधीश द्वारा आप पर बरसाए गए धन से भी अधिक खतरे से बचाएगी
19 Nov, 2023 06:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
चाणक्य नीति: आचार्य चाणक्य के अनुसार हर किसी को अपने जीवन में धन से भी अधिक महत्वपूर्ण इस गुण को समझना चाहिए। क्योंकि पैसा तो आप जैसे भी चाहें कमाया जा सकता है, लेकिन यह गुण उस तरह से हासिल नहीं किया जा सकता।
वह विशेष गुण क्या है? यदि आपके पास यह गुण है, तो इसे आज ही दूसरों के साथ साझा करें।
आचार्य चाणक्य को भारत के महानतम अर्थशास्त्रियों, राजनीतिज्ञों और विद्वानों में से एक माना जाता है। व्यक्ति की भलाई और समाज के कल्याण के लिए उनके न्याय या सिद्धांतों को जीवन में अपनाना चाहिए।
चाणक्य के अनुसार अगर किसी के पास पैसा है तो वह किसी भी बड़ी चुनौती से पार पा सकता है, लेकिन पैसे के साथ-साथ कुछ अन्य गुण भी हैं जो हर व्यक्ति में होने चाहिए।
मनुष्य में ये चीजें दूसरों के साथ साझा करने पर भी कम नहीं होती हैं। इस पोस्ट में आप जान सकते हैं कि चाणक्य क्या महत्वपूर्ण बातें कहते हैं।
ज्ञान
सनक्य नीति के अनुसार ज्ञान व्यक्ति के भीतर छिपा हुआ सबसे बड़ा धन है। चाहे कितना भी साझा किया जाए, ज्ञान की कोई सीमा नहीं होती। चाणक्य ने अपनी 'चाणक्य नीति' में ज्ञान की तुलना कामधेनु पासु से की है।
कामधेनु गाय कभी दूध देना बंद नहीं करती, जिसके पास जो ज्ञान होता है वही ज्ञान होता है। ज्ञान बांटने से बढ़ता है. इसलिए जितना हो सके ज्ञान बांटें, ऐसा चाणक्य कहते हैं।
समस्याओं को सुलझा रहा
चाणक्य ने ज्ञान की तुलना उस माँ से की है जो हर परिस्थिति में अपने बच्चे की रक्षा करती है। ज्ञान से व्यक्ति अपने रास्ते की सभी कठिनाइयों पर विजय प्राप्त कर लेता है। चाणक्य कहते हैं कि व्यक्ति के जीवन में चाहे कितनी भी परेशानियां क्यों न हों, वह अपने ज्ञान से उन समस्याओं का समाधान ढूंढ ही लेता है।
ज्ञान गुप्त धन है
चाणक्य के अनुसार ज्ञान एक गुप्त धन है जो बांटने पर भी समाप्त नहीं होता। चाणक्य ने कहा था कि ज्ञान वही है जो बुरे समय में परिणाम देता है और अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाता है।
चाणक्य द्वारा ज्ञान को गुप्त खजाना कहने का मुख्य कारण यह है कि किसी के पास जो ज्ञान होता है वह हर समय प्रकट नहीं होता है। समय आने पर ही उस व्यक्ति से यह बात सामने आएगी। तो चाणक्य ने कहा कि ज्ञान एक गुप्त खजाना है।
ज्ञान को कभी भी सीमित नहीं करना चाहिए
किसी के ज्ञान को केवल अपने तक ही सीमित रखना उचित नहीं है। इसे दूसरों के साथ साझा करना समाज के लिए अच्छा है। शिक्षा से न केवल उन्हें लाभ होता है बल्कि कई पीढ़ियों के लिए उनका भविष्य भी बेहतर होता है। और ऐसा कहा जाता है कि विकास दूसरों के साथ ज्ञान साझा करने से आता है।
चाणक्य का दृढ़ विश्वास था कि ज्ञान का धन दूसरों के साथ साझा करने से वह धन बढ़ेगा और समाज के कल्याण में योगदान देगा।
क्या आप जानते हैं कि अगर आप सोने से पहले अपने तकिए के नीचे 2 इलायची रख दें तो क्या होता है
19 Nov, 2023 06:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
हमारे जीवन में सबसे महत्वपूर्ण चीज़ हमारा स्वास्थ्य है। संतुलित स्वास्थ्य प्राप्त करने के लिए हम सख्त आहार और कठिन व्यायाम का सहारा लेते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इनसे जुड़ी एक साधारण सी चीज़ आपके लिए स्वास्थ्य और सौभाग्य ला सकती है?
अपने स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखने के लिए, आपको व्यायाम करना चाहिए, हाइड्रेटेड रहना चाहिए, अपनी दवाएं समय पर लेनी चाहिए, भरपूर आराम करना चाहिए, स्वस्थ आहार का पालन करना चाहिए और किसी पेशेवर से बात करनी चाहिए।
इसके अलावा यह भी किया जाना चाहिए. स्वास्थ्य और भाग्य से भरा जीवन पाने के लिए सोने से पहले अपने तकिए के नीचे कुछ चीजें रखें।
मुद्रा
सिक्का अच्छी आर्थिक स्थिति और स्वास्थ्य से जुड़ा है। इसे सोने से पहले तकिए की पूर्व दिशा में रखना चाहिए। यह आपके जीवन में सौभाग्य और अवसरों को आकर्षित करेगा।
चाकू
यदि आप तनाव के कारण लगातार बुरे सपने देख रहे हैं, तो एक तरकीब यह है कि आप अपने तकिए के नीचे धातु के चाकू रखें ताकि आप मानसिक शांति का आनंद ले सकें। अपनी सुरक्षा के लिए, आप चाकू को एक कपड़े में ढँक सकते हैं, जिसका नुकीला भाग ऊपर की ओर हो और अपने तकिए के नीचे सोएँ।
सुगंधित फूल
हम अक्सर लोगों को खुशनुमा और खुशनुमा माहौल बनाने के लिए सुगंधित मोमबत्तियाँ और धूपबत्ती जलाते हुए देखते हैं। यह विश्राम और मन की शांति को बढ़ावा देता है।
इसी तरह आप सोने से पहले अपने तकिये के नीचे सुगंधित फूल भी रख सकते हैं। यह आपकी भावनाओं को शांत करने और आपके वैवाहिक जीवन में खुशियों को बेहतर बनाने में मदद करेगा।
इलायची
वास्तु शास्त्र के अनुसार, तकिये के नीचे इलायची या हरी मिर्च रखने से नींद के फरिश्ते का आह्वान होता है। यह आपको आराम महसूस करने में मदद करेगा और आपके दिमाग को तनाव से राहत देगा। यह सौभाग्य भी लाता है।
एक गिलास में पानी
आप सोने से पहले अपने तकिए के पास तांबे के बर्तन में पानी रख सकते हैं। आप इसे अपने नाइटस्टैंड पर या फर्श पर रख सकते हैं। ऐसा माना जाता है कि यह अच्छे स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है। इसके अलावा, अगर आप रात में प्यासे जागते हैं, तो आप पानी पी सकते हैं और फिर से सो सकते हैं।
मोटी सौंफ़
वास्तु शास्त्र में सौंफ का संबंध राहु दोष को ठीक करने से है। यह आपको उस तनाव से छुटकारा पाने में मदद करेगा जो आपके स्वास्थ्य और मानसिक शांति को परेशान करता है।
लहसुन
वास्तु विशेषज्ञ सोने से पहले अपने तकिए के नीचे लहसुन रखने की सलाह देते हैं। यह सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करता है और आरामदायक नींद को बढ़ावा देता है। अगर आपको इसकी गंध पसंद नहीं है तो आप लहसुन को एक कंटेनर में रख सकते हैं।
राशिफल: जानिए, कैसा रहेगा आपका आज का दिन (19 नवंबर 2023)
19 Nov, 2023 12:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मेष राशि :- शरीर सुख, आर्थिक कठिनाई, संतान का सुख तथा विद्या की उन्नति अवश्य होगीं
वृष राशि - शरीर कष्ट, पत्नी को सुख होगा, आर्थिक पारिवारिक उत्साह, सुख साधन की प्राप्ति होगी।
मिथुन राशि - आज का दिन उत्तम है, अधिकारी वर्ग का पूर्ण सहयोग मिलेगा, विरोधियों से विजय मिलेगी।
कर्क राशि - नौकरी में व्यवधान उत्पन्न हो सकता है, व्यवसाय ठीक नहीं चलेगा, शत्रु परास्त होगे।
सिंह राशि - आय आनंद का अनुभव करेंगे, किन्तु गृह पीड़ा कारक है, समय से कार्य करते रहे, ध्यान रखे।
कन्या राशि - मनोरंजन से अति हर्ष होवे, व्यवसाय से लाभ मिलेगा, दामपत्य जीवन में सुख शांति होवे।
तुला राशि - पारिवारिक उत्तर दायित्व की प्राप्ति होगी। आमोद प्रमोद में विशेष मन लगेगा, ध्यान रखे।
वृश्चिक राशि - आकस्मिक मानसिक तनाव बढ़ेगा, स्वजनों से सहानुभूति प्राप्त अवश्य ही होगी।
धनु राशि - व्यवसाय की उन्नति से आर्थिक स्थिति में विशेष सुधार होगा, कार्य पर ध्यान रखे।
मकर राशि - गृह कलह, हीन मनोवृत्ति से शरीर पीड़ा से विशेष परेशानी अवश्य ही बन जाएगी।