व्यापार (ऑर्काइव)
तेल कंपनियों ने जारी किए पेट्रोल-डीजल के दाम....
24 Mar, 2023 10:11 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
कच्चे तेल की कीमतों में भारी गिरावट के बावजूद घरेलू बाजार में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कोई राहत नहीं मिल रही है। जून, 2022 से लेकर इस साल मार्च तक यानी 10 महीने में कच्चे तेल की कीमत 58.80 रुपये से घटकर 38.70 रुपये प्रति लीटर रह गई।
बैंक ऑफ बड़ौदा की रिपोर्ट के मुताबिक, इस अवधि में पेट्रोल 96.70 रुपये और डीजल 89.60 रुपये लीटर पर स्थिर रहा। वैश्विक बाजार में भी पिछले सप्ताह क्रूड 71 डॉलर बैरल के नीचे आ गया, जो इसका 15 महीने का निचला स्तर है।
पेट्रोल-डीजल की कीमतों को समान रखने के बाद भी तीन प्रमुख तेल कंपनियों को अप्रैल से सितंबर, 2022 के बीच 21,201 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था। इसकी भरपाई के लिए सरकार ने इस दौरान इन कंपनियों को 22,000 करोड़ रुपये की पूंजी भी दी।
तीन साल पहले 28 रुपये प्रति लीटर था मूल भाव : भारत में अप्रैल, 2020 में पेट्रोल का मूल भाव 28 रुपये लीटर और डीजल का 31.5 रुपये लीटर था। अब दोनों 57 रुपये पर पहुंच गए हैं। इस अवधि में घरेलू बाजार में कच्चा तेल 13.4 रुपये से बढ़कर 38.7 रुपये लीटर पर पहुंच गया।
कंपनियों ने बेतहाशा बढ़ाए दाम
रिपोर्ट के मुताबिक, दिसंबर, 2020 से जून, 2021 के बीच कच्चे तेल की कीमतें 50 से 72 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर रहीं। जून, 2021 से मार्च, 2022 के बीच कीमत 73 डॉलर प्रति बैरल से बढ़कर 98 डॉलर प्रति बैरल पहुंच गई। मार्च, 2022 से जून, 2022 के बीच कच्चा तेल रिकॉर्ड 119.8 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया था। इस दौरान, घरेलू तेल कंपनियों ने कीमतों में कई बार बेतहाशा वृद्धि की। एक समय तो देश के कई हिस्सों में पेट्रोल 120 रुपये लीटर बिक रहा था, जबकि इसकी औसत कीमत करीब 100 रुपये थी। इसके बाद कीमतों में मामूली कटौती हुई, तब से यह 96 रुपये प्रति लीटर के आसपास ही है।
अदानी समूह के बाद अब किस पर निशाना, हिंडनबर्ग ने किया एक और खुलासा....
23 Mar, 2023 05:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
कुछ समय पहले अमेरिका की शॉर्ट सेलर कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च ने भारत के अदाणी समूह को लेकर आरोप लगाए थे कि कंपनी ने शेयरों के साथ छेड़छाड़ की है, जिसके बाद दोनों कंपनियों के बीच काफी लंबे समय तक आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला चलता रहा।
अब एक बार फिर से हिंडनबर्ग सुर्खियों में आ गया है। हिंडनबर्ग ने अपने ट्विटर अकाउंट से इस बात की जानकारी दी है कि वह जल्द एक और खुलासा करने वाली है। ऐसे में लोग अलग-अलग तरह से कयास लगा रहे हैं। अब देखना है कि इस बार हिंडनबर्ग फिर से अदाणी समूह के किसी और कंपनी के बारे में खुलासा करेगी या इस बार किसी दूसरी कंपनी के बारे में सुनने को मिलेगा।
ट्विटर में किया खुलासा
हिंडनबर्ग ने अपने ट्विटर अकाउंट में कहा, 'नई रिपोर्ट जल्द ही- एक और बड़ी रिपोर्ट'। इसके अलावा ट्वीट में और किसी बात की जानकारी नहीं दी गई है कि कब तक इसे पेश किया जाएगा।
अदाणी को हुआ काफी नुकसान
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट का असर इस तरह से देखा गया कि Gautam Adani की संपत्ति में 60 फीसद तक की कमी आ गई है। M3M हुरुन ग्लोबल रिच लिस्ट के अनुसार, अदाणी को पिछले साल की तुलना में हर हफ्ते 3,000 करोड़ रुपये की संपत्ति का नुकसान हुआ है, जिससे उनका कुल नेटवर्थ 60 प्रतिशत कम हो गया है। अदाणी 11 स्थान नीचे गिरकर दुनिया में 23वें सबसे अमीर व्यक्ति है। हिंडनबर्ग की एक नई रिपोर्ट आने की खबर के बाद भारत के बाकी कंपनियों के बीच चिंता काफी बढ़ गई है।
दूसरी तरफ, लॉन्ग टर्म में अदानी समूह को फायदा हुआ है। रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले 10 साल में अदाणी की नेटवर्थ में 1,225 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और अंबानी की 356 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। वर्तमान में भारत के सबसे आमिर व्यक्ति का खिताब मुकेश अंबानी के पास है।
केंद्र सरकार का बड़ा ऐलान, पुरानी पेंशन योजना को लेकर कर्मचारियों को कह दी ये बात....
23 Mar, 2023 05:07 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
पुरानी पेंशन योजना को लेकर देश में बहस छिड़ी हुई है. इसको लेकर सरकारी कर्मचारियों की ओर से विरोध भी किया जा रहा है. इस बीच केंद्र सरकार ने अपने कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) की बहाली की मांग को लेकर हड़ताल या विरोध में भाग लेने पर चेतावनी दी है और इनमें भाग न लेने की बात कही है. हाल ही में कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) ने सभी मंत्रालयों को भेजे पत्र में कई निर्देश दिए गए हैं.
पेंशन योजना
इस पत्र में कहा गया है कि यह निर्देश दिया जाता है कि 'ज्वाइंट फोरम फॉर रिस्टोरेशन ऑफ ओल्ड पेंशन स्कीम' के बैनर तले नेशनल ज्वाइंट काउंसिल ऑफ एक्शन ने विशेष रूप से ओपीएस पर रैलियों का आयोजन करने की योजना है. कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग के जरिए जारी निर्देश सरकारी कर्मचारियों को किसी भी प्रकार की हड़ताल में भाग लेने से रोकते हैं, जिसमें सामूहिक आकस्मिक अवकाश, धीमी गति से बैठना, आदि शामिल हैं या कोई भी कार्रवाई जो सीसीएस (आचरण) नियम, 1964 के नियम 7 के उल्लंघन में किसी भी प्रकार की हड़ताल को बढ़ावा देती है.
पुरानी पेंशन योजना
इसके अलावा, मौलिक नियमों के नियम 17 (1) के प्रावधान के अनुसार, वेतन और भत्ते किसी कर्मचारी को बिना किसी अधिकार के ड्यूटी से अनुपस्थित रहने के लिए स्वीकार्य नहीं हैं. इसके साथ ही मंत्रालय/विभागों के तहत केंद्र सरकार के कर्मचारियों को इस विभाग के जरिए जारी आचरण नियमों और माननीय सर्वोच्च न्यायालय के जरिए मान्य अन्य विनियमों के तहत उपरोक्त निर्देशों के बारे में उपयुक्त रूप से सूचित किया जा सकता है. उन्हें विरोध सहित किसी भी रूप में हड़ताल करने से रोका जा सकता है.
पेंशन स्कीम
विरोध/हड़ताल की अवधि के दौरान आवेदन करने पर कर्मचारियों को आकस्मिक अवकाश या अन्य प्रकार की छुट्टी स्वीकृत न करने के निर्देश जारी किए जा सकते हैं और यह सुनिश्चित किया जाए कि इच्छुक कर्मचारियों को कार्यालय परिसर में बाधा मुक्त प्रवेश की अनुमति दी जाए. आदेश पर कार्रवाई करते हुए पशुपालन एवं डेयरी विभाग ने अपने कर्मचारियों को ओपीएस की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन में भाग लेने पर कार्रवाई की चेतावनी दी. एक परिपत्र में कहा गया है कि यदि कोई अधिकारी हड़ताल/विरोध में भाग लेता है, तो उसे उचित अनुशासनात्मक/दंडात्मक कार्रवाई के लिए सक्षम प्राधिकारी के ध्यान में लाया जाएगा.
गिरावट के बाद सोना फिर हुआ महंगा, लगाई जबरदस्त छलांग....
23 Mar, 2023 05:03 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
सोने और चांदी की कीमत कहां जाकर रुकेगी, इस बारे में कुछ भी कहना जल्दबाजी होगा. पिछले कुछ दिन से सोने-चांदी में भारी उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है. फरवरी और मार्च के महीने में ही सोने ने रिकॉर्ड गिरावट और तेजी दोनों का मुंह देखा है. हाल ही में सोने ने 60,000 रुपये के लेवल को पार किया था. लेकिन अब फिर से इसमें गिरावट देखी जा रही है. मार्केट एक्सपर्ट का कहना है कि आने वाले समय में सोना 65,000 रुपये का रिकॉर्ड बना सकता है.
सोने और चांदी दोनों में ही उठा-पटक का दौर
फरवरी के अंत में सोना गिरकर 55,000 रुपये के करीब आ गया था. लेकिन अब फिर बढ़कर 59,000 के करीब चल रहा है. यानी तीन हफ्ते से भी कम समय में सोने ने 5,000 रुपये के दायरे में कारोबार किया है. इसी तरह 71,000 रुपये के हाई लेवल पर पहुंचने वाली चांदी 61,000 रुपये पर आ गई थी. पिछले कुछ दिन से इसमें तेजी देखी जाने के बाद फिर से नरमी का माहौल चल रहा है. दुनियाभर के बाजार में मंदी के बीच सोने और चांदी दोनों में ही उठा-पटक का दौर बना हुआ है.
MCX पर दोनों धातुओं में तेजी
मल्टी-कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर गुरुवार को सोने और चांदी दोनों के ही रेट में तेजी देखने को मिली. गुरुवार सुबह सोना 464 रुपये की तेजी के साथ 59220 रुपये प्रति 10 ग्राम पर ट्रेड करता देखा गया. इसी तरह चांदी भी 457 रुपये चढ़कर 69766 रुपये प्रति किलो के लेवल पर ट्रेड कर रही है. इससे पहले बुधवार को सोना 58756 रुपये पर और चांदी 69309 रुपये के स्तर पर बंद हुई थी.
सर्राफा बाजार में चांदी टूटी, सोना चढ़ा
सर्राफा बाजार की कीमतें हर दिन इंडिया बुलियंस एसोसिएशन (https://ibjarates.com) की तरफ से दोपहर 12 बजे जारी की जाती हैं. एक दिन पहले बुधवार शाम के समय 24 कैरेट गोल्ड मामूली तेजी के साथ 58637 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर पहुंच गया. वहीं, चांदी गिरकर 68221 रुपये प्रति किलो पर बंद हुई. बुधवार को 23 कैरेट वाला सोना 58402 रुपये, 22 कैरेट वाला सोना 53712 रुपये और 20 कैरेट वाला सोना 43978 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया.
सरकार से मिलेगी सब्सिडी, हर महीने इस बिजनेस से हो सकती है लाखों की कमाई....
23 Mar, 2023 02:24 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
पैसा कमाने के लिए लोग अलग-अलग तरह के बिजनेस करते हैं. इनमें कई बिजनेस ऐसे हैं जिनको करने पर सरकार की ओर से सब्सिडी भी मिलती है. आज हम आपको एक ऐसे ही बिजनेस के बारे में बताने वाले हैं, जिसमें लाखों रुपये की कमाई की जा सकती है. दरअसल, हम फिश फार्मिंग की बात कर रहे हैं. भारत में काफी ज्यादा मात्रा में फिश फार्मिंग की जाती है. मछली पालन के जरिए अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है. तिलापिया, सैल्मन, कार्प, श्रिम्प और ट्राउट कुछ उच्च-बिक्री वाली मछली प्रजातियां हैं जो भारी रिटर्न दे सकती हैं.
फिश फार्मिंग
मछली पालन मछली पकड़ने के पारंपरिक तरीकों की तुलना में मांग को बनाए रखने के लिए मछली की आपूर्ति को तेज करने में मदद करता है. मछलियां प्रोटीन से भरपूर होती हैं और इस प्रकार इनकी मांग अधिक होती है, जिससे मछली की कीमतें और अधिक मार्जिन अर्जित करने की गुंजाइश बढ़ जाती है. मछली पालन का बिजनेस काफी लाभ देता है. देश और दुनिया में मछलियों की डिमांड काफी रहती है.
मछली पालन
मछली पालन एक मांग वाला व्यवसाय है क्योंकि लोग औसतन लगभग 42 पाउंड मछली खाते हैं. साथ ही मछलियां प्रोटीन और पोषक तत्वों से भरपूर होती हैं और अक्सर अधिकांश भारतीय उपभोक्ताओं के जरिए खाद्य स्रोत के रूप में इसका सेवन किया जाता है. छोटे निवेशों को देखते हुए मछली पालन पर लाभ की मात्रा बहुत बड़ी है. इसके अलावा 25000 रुपये का निवेश करके भी इस बिजनेस को शुरू किया जा सकता है और इस निवेश से 1.75 लाख रुपये से 2 लाख रुपये सालाना की कमाई की जा सकती है.
मछली का कारोबार
भारत में मछली पालन व्यवसाय शुरू करने के लिए कुछ प्रारंभिक निवेश, तकनीकी प्रशिक्षण और संसाधनों की आवश्यकता होती है. भारत में मछली पालन व्यवसाय कैसे शुरू करें, इसके लिए लगाई जाने वाली पूंजी निर्धारित की जानी चाहिए. किन मछलियों का व्यवसाय करना है उनका चयन करना चाहिए. सरकार भी मछली पालन पर सब्सिडी देती है.
सब्सिडी
ऐसे में सरकार किन मछलियों पर सब्सिडी दे रही है, इसकी जानकारी भी करनी चाहिए. साथ ही किन इलाकों में मछली की मांग ज्यादा है, उन इलाकों में मछलियों की बिक्री की व्यवस्था खोजनी चाहिए. साथ ही फिश फार्मिंग कैसे करनी चाहिए, इसकी ट्रेनिंग भी ली जानी जरूरी है, वरना मछलियां मर भी सकती है, जिससे भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है.
पिछले साल UPI से हुई 195 करोड़ से अधिक की लेनदेन, लोग हुए धोखाधड़ी के शिकार....
23 Mar, 2023 12:07 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने संसद में बताया है कि वित्तीय वषर्र 2022-23 में यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) के जरिए 125 करोड़ रुपये से अधिक का लेनदेन हुआ है। इस दौरान 95 हजार से ज्यादा लोग धोखाधड़ी के शिकार भी हुए हैं। चिंता की बात ये है कि धोखाधड़ी के शिकार होने वालों की संख्या पिछले तीन साल से बढ़ती जा रही है। आंकड़े बताते हैं कि 2020-21 में 77 हजार और 2021-22 में 84 हजार लोग यूपीआई से लेनदेन के दौरान धोखाधड़ी के शिकार हुए थे।
सरकार ने क्या कहा?
संसद में आंकड़ो को पेश करते हुए केंद्र सरकार ने बताया कि नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) के आंकड़े बताते हैं कि पिछले साल 125 करोड़ से अधिक का यूपीआई लेनदेन पूरा किया गया था, जो पिछले तीन वर्षों से अधिक है। मंत्रालय ने कहा कि भारतीय डिजिटल भुगतान प्रणाली को भी वैश्विक स्वीकृति मिली है। सिंगापुर, यूएई, मॉरीशस, नेपाल और भूटान जैसे देशों ने भी इसे अपना लिया है।
राज्यसभा सांसद ने उठाया था सवाल
भारत में डिजिटल भुगतान धोखाधड़ी के बढ़ते मामलों पर राज्यसभा सांसद कार्तिकेय शर्मा ने सवाल उठाया था। इसका जवाब देते हुए केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने ये आंकड़े जारी किए। केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री कराड ने संसद में कहा, 'UPI एप्लिकेशन एक अज्ञात लाभार्थी को भुगतान शुरू करने वाले उपयोगकर्ता की इन-ऐप सूचना प्रदान करते हैं। डिवाइस-बाइंडिंग अवधारणा, जिसमें उपयोगकर्ता का मोबाइल नंबर उसके मोबाइल डिवाइस से जुड़ा होता है, जिससे किसी के लिए हस्तक्षेप करना लगभग असंभव हो जाता है।' कराड ने कहा कि सरकार शिकायतों को दर्ज करने के लिए राष्ट्रीय साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल भी लेकर आई है।
तेल कंपनियों ने जारी किए पेट्रोल-डीजल के दाम....
23 Mar, 2023 11:59 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
तेल कंपनियों ने आज के लिए पेट्रोल और डीजल के दाम जारी कर दिए हैं। आज कंपनियों ने तेल के दामों में कोई बदलाव नहीं किया है।
आज दिल्ली में एक लीटर पेट्रोल 96.72 रुपये प्रति लीटर जबकि डीजल 89.62 रुपये प्रति लीटर मिल रहा है। मुंबई में पेट्रोल की कीमत 106.31 रुपये व डीजल की कीमत 94.27 रुपये प्रति लीटर है। कोलकाता में पेट्रोल का दाम 106.03 रुपये जबकि डीजल का दाम 92.76 रुपये प्रति लीटर है। वहीं चेन्नई में भी पेट्रोल 102.63 रुपये प्रति लीटर तो डीजल 94.24 रुपये प्रति लीटर है।
जानिए आपके शहर में कितना है दाम
पेट्रोल-डीजल की कीमत आप एसएमएस के जरिए भी जान सकते हैं। इंडियन ऑयल की वेबसाइट पर जाकर आपको RSP और अपने शहर का कोड लिखकर 9224992249 नंबर पर भेजना होगा। हर शहर का कोड अलग-अलग है, जो आपको आईओसीएल की वेबसाइट से मिल जाएगा।
बता दें कि प्रतिदिन सुबह छह बजे पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बदलाव होता है। सुबह छह बजे से ही नई दरें लागू हो जाती हैं। पेट्रोल व डीजल के दाम में एक्साइज ड्यूटी, डीलर कमीशन और अन्य चीजें जोड़ने के बाद इसका दाम लगभग दोगुना हो जाता है।
इन्हीं मानकों के आधार पर पर पेट्रोल रेट और डीजल रेट रोज तय करने का काम तेल कंपनियां करती हैं। डीलर पेट्रोल पंप चलाने वाले लोग हैं। वे खुद को खुदरा कीमतों पर उपभोक्ताओं के अंत में करों और अपने स्वयं के मार्जिन जोड़ने के बाद पेट्रोल बेचते हैं। पेट्रोल रेट और डीजल रेट में यह कॉस्ट भी जुड़ती है।
अडानी समूह पर अब सामने आई बड़ी जानकारी....
22 Mar, 2023 08:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
साख निर्धारित करने वाली एजेंसी एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने कहा कि वह अडानी समूह की संचालन व्यवस्था और वित्त पोषण के बारे में अतिरिक्त सूचना का इंतजार कर रही है. कंपनी ने संकट में फंसे समूह की दो कंपनियों के रेटिंग परिदृश्य को संशोधित करने के कुछ सप्ताह बाद यह बात कही है. एसएंडपी ने कहा कि उसे जनवरी के अंत में प्रकाशित अमेरिकी वित्तीय शोध और निवेश कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट में समूह के खिलाफ आरोपों का कर्ज पर पड़े प्रभाव और हाल ही में उच्चतम न्यायालय की तरफ से जांच के निष्कर्षों का इंतजार है.
अडानी ग्रुप
रेटिंग एजेंसी ने बार-बार पूछे जाने वाले सवालों (एफएक्यू) की तरह ‘अडानी समूह: ज्ञात अज्ञात’ शीर्षक से रिपोर्ट प्रकाशित की है. एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स के साख विश्लेषक अभिषेक डांगरा ने कहा, ‘‘बाजार की अन्य इकाइयों की तरह हम अपनी रेटिंग तय करने से पहले अडानी समूह के बारे में अधिक जानकारी की प्रतीक्षा कर रहे हैं. हमारा मानना है कि अगले 12 से 24 महीनों में संचालन व्यवस्था और वित्तपोषण जोखिम के बारे में अधिक जानकारी से रेटिंग को दिशा मिलेगी.’’
अडानी
उल्लेखनीय है कि एजेंसी ने हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के बाद पिछले महीने अडानी पोर्ट्स और अडानी इलेक्ट्रिसिटी के परिदृश्य को स्थिर से नकारात्मक कर दिया था. हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में समूह की कंपनियों के कामकाज में गड़बड़ी का आरोप लगाया गया है. हालांकि, अडानी ग्रुप ने सभी आरोपों से इनकार किया है. एसएंडपी ने कहा कि साख में कमी का जोखिम न केवल वित्तपोषण तक सीमित पहुंच पर निर्भर करेगा बल्कि समूह की कंपनियों में संचालन व्यवस्था की गुणवत्ता से भी तय होगा.
रेटिंग एजेंसी
एजेंसी ने कहा कि अगर जांच में गड़बड़ी की बात सामने आती है, उससे रेटिंग नकारात्मक हो सकती है. इसमें पूर्व में घोषित नहीं की गई जानकारी, नकदी की हेराफेरी या गलत जानकारी शामिल है. उसने कहा, ‘‘इसके उलट, हमें लगता है कि समूह में संचालन व्यवस्था और वित्त पहुंच की स्थिति सुधरेगी, परिदृश्य को स्थिर श्रेणी में किया जाएगा.’’ एसएंडपी ने अगले कदम के बारे में कहा, ‘‘इसमें महत्वपूर्ण अडानी समूह में संचालन व्यवस्था और वित्तपोषण को लेकर अतिरिक्त जानकारी है.’’
म्यूचुअल फंड में नॉमिनी भरने के लिए बचे हैं सिर्फ 8 दिन....
22 Mar, 2023 07:04 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
निवेश के लिए हम में से बहुत-से लोग म्यूचुअल फंड में अपने पैसे लगाना पसंद करते हैं, ताकि कम रिस्क के साथ बेहतर रिटर्न मिल सके। पर अपने पैसे को क्लेम करने के लिए सबसे जरूरी काम नॉमिनी का चयन करना, अक्सर ज्यादातर निवेशक भूल जाते हैं या फिर अनदेखा कर देते हैं।
आपको बता दें कि पूंजी बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने एक परिपत्र जारी किया और सभी म्यूचुअल फंड निवेशकों के लिए या तो अपने निवेश के लिए नॉमिनेट करना या ऑप्ट आउट करना अनिवार्य कर दिया। म्यूचुअल फंड नॉमिनेशन की समय सीमा 31 मार्च 2023 तय की गई है। अगर अब तक अपने इस काम को नहीं किया है तो जल्द से जल्द कर दें।
SEBI ने बनाए नियम
भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड द्वार 15 जून 2022 को जारी सर्कुलर के अनुसार, सभी निवेशकों के पास मौजूद म्यूचुअल फंड के लिए नॉमिनेशन करने या ऑप्ट आउट यानी कि पूरी तरह से नामांकन सुविधा से बाहर निकलने का विकल्प दिया गया है। इस काम को करने की अंतिम तारीख 31 मार्च है। जो भी निवेशक इस तारीख तक नॉमिनेशन नहीं करते हैं, उनका निवेश रुक जाएगा और कोई लेनदेन नहीं हो पाएगा।
इस तरह करें नॉमिनेशन प्रक्रिया को पूरा
नॉमिनेशन प्रक्रिया को पूरा करने के लिए निवेशकों को ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों विकल्प दिए गए हैं। इसे एमएफसेंट्रल और आरटीए वेबसाइट के जरिए पूरा किया जा सकता है। हालांकि, बहुत बार ऑनलाइन प्रक्रिया में दिक्कत देखी गई है। इस कारण एक्स्पर्ट्स का मानना है कि इस काम को ऑफलाइन करने एक बेहतर विकल्प है।
Nomination के हैं कई फायदें
नॉमिनेशन करने के बहुत-से फायदे हैं। सबसे पहले म्यूचुअल फंड में निवेश प्रक्रिया बाधित नहीं होगी। इसके अलावा, अगर किसी कारण से निवेशक की अचानक मृत्यु हो जाए तो उसके द्वारा जमा की गई जमा पूंजी उनके परिवारवालों को मिल सकती है। इसलिए, नॉमिनी के लिए एक भरोसेमंद व्यक्ति को चुनना बेहद जरूरी है।
31 मार्च तक खुले रहेंगे सभी बैंक, पहले ये काम जरूर निपटा लें
22 Mar, 2023 04:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने 31 मार्च तक बैंकों को अपनी सभी ब्रांच खोले रखने का आदेश दिया है। रविवार को भी बैंक से जुड़े काम निपटाए जा सकते हैं। हालांकि, 31 मार्च के बाद यानी अप्रैल की पहली और दूसरी तारीख को बैंक जरूर बंद रहेंगे। मतलब अप्रैल में लगातार दो दिन बैक में कोई कामकाज नहीं होगा। इसके अलावा भी अप्रैल में बैंकों की पांच छुट्टियां होंगी।
आरबीआई ने कहा, '31 मार्च को वित्तीय वर्ष 2022-23 खत्म हो रहा है। सरकार से जुड़े सभी लेन-देन इस तारीख तक पूरे हो जाने चाहिए। नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड्स ट्रांसफर (NEFT) और रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट (RTGS) सिस्टम के जरिए होने वाले लेन-देन 31 मार्च की रात 12 बजे तक जारी रहेंगे।'
आरबीआई के जारी आदेश के अनुसार, 'सरकारी चेक के कलेक्शन के लिए स्पेशल क्लियरिंग कंडक्ट किए जाएंगे, जिसके लिए डिपार्टमेंट ऑफ पेमेंट एंड सेटलमेंट सिस्टम्स (DPSS) जरूरी निर्देश जारी करेगा। DPSS भी आरबीआई के तहत आता है। सेंट्रल एंड स्टेट गवर्नमेंट के लेनदेन की रिपोर्टिंग के लिए रिपोर्टिंग विंडो 31 मार्च से एक अप्रैल को दोपहर तक खोले रखे जाएंगे'
अप्रैल में कब-कब होगी बैंक की छुट्टी?
रिपोर्ट्स के मुताबिक, एक और दो अप्रैल को आरबीआई की तरफ से बैंकों को छुट्टी दी गई है। इसके बाद चार अप्रैल को महावीर जयंती, सात अप्रैल को गुड फ्राइडे, आठ अप्रैल को सेकेंड सेटेरडे, 14 अप्रैल को डॉ. अंबेडकर जयंती, 22 अप्रैल को ईद की छुट्टी रहेगी।
31 मार्च से पहले ये काम जरूर निपटा लें
अगर आपने अभी तक अपने पैन को आधार से लिंक नहीं कराया हो तो 31 मार्च 2023 तक करा लें। ऐसा नहीं करने पर आपका पैन इनएक्टिव हो जाएगा। सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज (CBDT) 30 जून 2022 के बाद से पैन को आधार से लिंक कराने के लिए 1000 रुपए की लेट फीस वसूल रहा है।
अगर आपका PPF और सुकन्या समृद्धि योजना अकाउंट है, लेकिन इस वित्त वर्ष में इनमें पैसे नहीं डाल पाए, तो अकाउंट एक्टिव रखने के लिए इनमें 31 मार्च तक कुछ रुपए जरूर डाल दें। ऐसा नहीं होने पर ये बंद हो सकते हैं।
प्राइवेट नौकरी करने वालों के लिए आई खुशखबरी....
22 Mar, 2023 03:32 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
अगर आप नौकरीपेशा हैं और प्राइवेट कंपनी में जॉब करते हैं तो यह खबर आपको खुश कर देगी. मार्च का महीना खत्म होने वाला है और 1 अप्रैल से आपको इंक्रीमेंट से लागू हो जाएगा. हालांकि कई कंपनियां इसकी घोषणा थोड़े दिन बाद करेंगी और अपने कर्मचारियों को बढ़े हुए वेतन का भुगतान एरियर के साथ करेंगी. इस बीच प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले कर्मचारियों के वेतन में 2023 में औसतन 10.2 प्रतिशत की वृद्धि हो सकती है.
औसतन वेतन वृद्धि 10.2% रहने की उम्मीद
इस बार सबसे ज्यादा इंक्रीमेंट ई-कॉमर्स, पेशेवर सर्विस और इंफारमेशन टेक्नोलॉजी सेक्टर में देखने को मिलने की उम्मीद है. एक रिपोर्ट से यह सामने आया है. पेशेवर सर्विस देने वाली ईवाई की रिपोर्ट 'फ्यूचर ऑफ पे' 2023 में कहा गया कि देश में 2023 में वेतन में औसतन 10.2 प्रतिशत का इजाफा हो सकता है. यह 2022 में औसतन 10.4 प्रतिशत की तुलना में कम है. लेकिन इसके बावजूद दहाई अंक में है.
2022 के मुकाबले कम इंक्रीमेंट होने की संभावना
रिपोर्ट में कहा गया कि इस साल वेतन में अनुमानित इजाफा सभी सेक्टर में देखने को मिलेगा, जो 2022 की तुलना में मामूली कम होगी. हालांकि, कारखानों में काम करने वाले कामगारों के मामले में इस साल इंक्रीमेंट 2022 की तुलना में कम होने की संभावना है. रिपोर्ट के अनुसार, सबसे ज्यादा जिन सेक्टर में वेतन वृद्धि की उम्मीद है, वे सभी प्रौद्योगिकी से जुड़े हैं.
बताया गया कि ई-कॉमर्स सेक्टर में सबसे ज्यादा 12.5 प्रतिशत का इंक्रीमेंट होने की उम्मीद है. उसके बाद पेशेवर सेवाओं में 11.9 प्रतिशत और आईटी सेक्टर में 10.8 प्रतिशत वृद्धि की संभावना है. ईवाई की रिपोर्ट सर्वे पर आधारित है. यह सर्वे दिसंबर, 2022 से फरवरी, 2023 के बीच किया गया. इसमें देश में मझोले से लेकर बड़े संगठनों के 150 मुख्य मानव संसाधन अधिकारी शामिल हुए.
सीनियर सिटीजन को रेल किराये में मिलेगी छूट, जाने क्या होगा नया नियम....
22 Mar, 2023 03:27 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भारतीय रेलवे की तरफ से एक बार फिर से सीनियर सिटीजन को रेल किराये पर मिलने वाली छूट बहाल हो सकती है. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव की तरफ से राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में कहा गया कि रेलवे जल्द सीनियर सिटीजन की रियायत को बहाल कर सकता है. आपको बता दें रेलवे की तरफ से सीनियर सिटीजन को किराये में मिलने वाली छूट को कोविड के कारण बंद कर दिया गया था. रेल मंत्री ने पिछले दिनों राज्यसभा में बताया कि भारतीय रेलवे ने 2019-20 में यात्री टिकटों पर 59,837 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी.
स्लीपर और एसी 3 में रियायत की समीक्षा होगी!
उन्होंने यह भी बताया कि 59,837 करोड़ रुपये की सब्सिडी यात्रा करने वाले प्रत्येक व्यक्ति के लिए करीब 53% की औसत रियायत है. महीनों बाद एक संसदीय पैनल ने सिफारिश की कि सीनियर सिटीजन के लिए रेलवे टिकट पर छूट बहाल की जानी चाहिए. रेल मंत्री से एक लिखित प्रश्न के माध्यम से रियायत पर सरकार की स्थिति के बारे में पूछा गया था. रेलवे पर स्थायी समिति ने वरिष्ठ नागरिकों को स्लीपर और एसी 3 में रियायत करने की समीक्षा करने और विचार करने की सलाह दी है.
59,837 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी गई
रेलवे मिनिस्टर ने कहा 2019-20 में यात्री टिकटों पर 59,837 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी गई. यह रेलवे में यात्रा करने वाले प्रत्येक व्यक्ति के लिए औसतन 53% की रियायत है. यह सब्सिडी सभी यात्रियों के लिए जारी है. उन्होंने कहा इस सब्सिडी राशि से ज्याउा रियायतें दिव्यांग, छात्र और रोगियों जैसी कई श्रेणियों के लिए जारी हैं. कोविड-19 महामारी के प्रसार को रोकने के लिए रेलवे ने 23 मार्च, 2020 से सभी यात्री ट्रेनों का संचालन बंद कर दिया था.
यदि रेलवे मंत्रालय की तरफ से संसदीय समिति की अपील पर विचार किया जाता है तो सीनियर सिटीजन के लिए फिर से छूट बहाल हो सकती है. हालांकि दिसंबर 2022 में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने साफ किया था कि टिकट किराये में मिलने वाली छूट फिलहाल बहाल नहीं की जा सकती. उन्होंने इसके पीछे का कारण बताते हुए कहा था कि रेलवे की पेंशन और वेतन बिल काफी ज्यादा है.
वोटर आई कार्ड और आधार कार्ड लिंक नहीं कराने पर सरकार ने जारी किया नया आदेश....
22 Mar, 2023 02:26 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
अगर आपने भी अभी तक अपना वोटर आई कार्ड और आधार कार्ड एक-दूसरे से लिंक नहीं कराया है तो यह खबर आपको खुश कर देगी. सरकार की तरफ से वोटर कार्ड और आधार को लिंक करने की आखिरी तारीख पहले 1 अप्रैल, 2023 थी. जिसे अब बढ़ाकर सरकार ने 31 मार्च, 2024 कर दिया है. हालांकि, दोनों चीजों को लिंक करना जरूरी नहीं है.
वोटर लिस्ट से प्रविष्टियां नहीं हटाई जाएंगी
कानून और न्याय मंत्रालय की तरफ से एक गजट अधिसूचना में कहा गया कि वोटर लिस्ट में नाम शामिल करने के लिए आवेदनों को अस्वीकार नहीं किया जाएगा. आगे यह भी कहा गया कि यदि कोई मतदाता आधार संख्या दिखाने में विफल रहता है तो वोटर लिस्ट से प्रविष्टियां नहीं हटाई जाएंगी. आपको बता दें वोटर आईडी को आधार से लिंक करने की मुहिम चुनाव आयोग की तरफ से शुरू की गई है.
यह जानकारी करना होगा आसान
इलेक्शन कमीशन के अनुसार वोटर आईडी और आधार कार्ड को लिंक कराने का लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि वोटर लिस्ट में दर्ज नाम सही है या नहीं. इसके अलावा इससे यह भी पता चल सकेगा कि कोई शख्स एक से ज्यादा क्षेत्रों में मतदाता या एक से ज्यादा बार रजिस्टर्ड तो नहीं है.
आपको बता दें दिसंबर 2021 में लोकसभा में चुनाव कानून संशोधन विधेयक पारित किया था. इसमें आधार को मतदाता पहचान पत्र से जोड़ने की अनुमति दी गई थी. आप अपनी वोटर आईडी को घर बैठकर भी आधार कार्ड से लिंक कर सकते हैं.
ऑनलाइन ऐसे करें लिंक
- वोटर आईडी को आधार कार्ड से लिंक कराने के लिए सबसे पहले https://nvsp.in/ वेबसाइट पर जाना होगा.
- यहां लॉग इन पर क्लिक करें. आपको रजिस्टर एज न्यू यूजर का ऑप्शन मिलेगा. उस पर क्लिक करें.
- इसके बाद आपसे मोबाइल नंबर और कैप्चा दर्ज करने के लिए कहा जाएगा. आपके मोबाइल पर ओटीपी आएगा. इस दर्ज करने के बाद नया पेज खुल जाएगा.
- यहां आपको मांगी गई पूरी डिटेल्स भरनी होंगी. इसे सब्मिट करने के बाद आपका रजिस्ट्रेशन हो जाएगा.
- पूरी जानकारी सब्मिट होने के बाद ऑटोमेटिक एक्नोलॉजमेंट नंबर जेनरेट होगा.
- आपका वोटर आईडी आधार से लिंक हुआ या नहीं, यह चेक करने के लिए एक्नॉलेजमेंट नंबर का उपयोग कर सकते हैं.
हरे निशान पर खुला शेयर बाजार, सेंसेक्स और निफ्टी में उछाल....
22 Mar, 2023 01:06 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
घरेलू शेयर बजार शुरुआती कारोबार में हरे निशान पर खुला। फिलहाल सेंसेक्स 344.1 अंकों बढ़त के साथ 58,418.78 पर कारोबार करता दिख रहा है। दूसरी ओर निफ्टी 99.75 अंक चढ़कर 17,207.25 पर पहुंच गया है।
निचले स्तर से सुधरे रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयर....
21 Mar, 2023 08:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के शेयरों के दाम फिर से चढ़ने लगे हैं। आज के शुरुआती सौदों में तीन प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। रिलायंस शेयर की कीमत लगभग 2,270 रुपये के उच्च स्तर पर पहुंच गई है। बता दें कि केंद्र सरकार द्वारा विंडफॉल टैक्स में नियमित कटौती के बावजूद रिलायंस के शेयरों में 12 प्रतिशत की गिरावट देखी गई थी।
बढ़ सकते हैं शेयरों के दाम
जानकारों का कहता है कि रिलायंस के शेयर चार्ट पैटर्न से पता चलता है कि इसके शेयरों की कीमत बढ़ सकती है। इसकी कीमत 2,175 से 2,350 रुपये के स्तर तक बने रहने की उम्मीद है। जानकारों का कहना है कि क्लोजिंग के आधार पर 2,350 रुपये के स्तर से ऊपर ब्रेकआउट के लिए इंतजार करना चाहिए। साथ ही निवेशकों को 2,175 रुपये के स्तर पर स्टॉप लॉस के साथ स्टॉक रखने की सलाह दी जाती है।
क्यों गिरे थे रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयर
रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयरों में गिरावट आने के पीछे खुदरा और दूरसंचार व्यवसाय में आने वाली सुस्ती को ठहराया गया है जो कि बढ़ती ब्याज दर के माहौल के बीच स्टॉक पर दबाव डाल रहा है। हालांकि, यह माना जाता है कि बढ़ते हुए 5G कैपेक्स से कीमतों को नियंत्रण में रहना चाहिए। अगले 12 महीनों में जियो या खुदरा आईपीओ को खरीदने का एक अच्छा मौका दिखाई दे रहा है।