विदेश (ऑर्काइव)
पाकिस्तानी युवक ने की 70 वर्षीया कनाडाई महिला से विवाह
23 Sep, 2023 11:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
लंदन। प्रेमी के लिए सरहद पार कर भारत आई सीमा और भारत से पाकिस्तान गई अंजू के बाद पाकिस्तान निवासी 35 वर्षीय नईम की 70 वर्षीया कनाडाई महिला के विवाह प्रसंग की खबर है। सूत्रों के अनुसार, नईम और उनकी विवाहिता की उम्र के फासले को लेकर लोग प्रेम के बजाय भिन्न कारण बता रहे हैं। लोग नईम को गोल्ड डिगर कहकर उनका मजाक उड़ा रहे हैं। अपनी आलोचनाओं के बीच नईम ने मीडिया को बताया कि वे करीब एक दशक पहले फेसबुक पर दोस्त बने थे और वर्ष 2017 में ही शादी करने वाले थे।
हमारे बीच दोस्ती कब प्यार में बदल गई पता ही नहीं चला। बुजुर्ग महिला नईम से शादी करने के लिए खुद पाकिस्तान आई। नईम का कहना है कि उनकी योजना अपनी पत्नी के साथ कनाडा जाने की है।। उनकी पत्नी स्वास्थ्य से जुड़ी दिक्कतों के कारण नहीं चाहती कि वो काम करें, इसी वजह से कपल ने पैसा कमाने के लिए अपना यूट्यूब चैनल शुरू करने की योजना बनाई है। नईम ने ये भी कहा कि उन्हें लोग गोल्ड डिगर बोल रहे हैं लेकिन उनकी पत्नी अमीर परिवार से नहीं हैं बल्कि वो पेंशन पर ही निर्भर हैं। गौरतलब है कि इससे पहले भी ऐसे कई मामले सामने आए थे, जिनमें पाकिस्तानी पुरुषों ने खुद से दोगुनी उम्र की महिलाओं से शादी की। इस तरह की शादी के पीछे का प्रमुख कारण संबंधित देश की नागरिकता हासिल करना भी माना जाता है।
भारत और पश्चिमी देशों के बीच बढ़ती दोस्ती पर पाकिस्तान को लगी मिर्ची
23 Sep, 2023 10:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
इस्लामाबाद । भारत और पश्चिमी देशों के बीच बढ़ती दोस्ती पर पाकिस्तान के कार्यवाहक प्रधानमंत्री अनवार उल हक काकर को बहुत तीखी मिर्ची लगी है। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री अमेरिका के दौरे पर हैं, इस दौरान उन्होंने पश्चिमी देशों के खिलाफ जमकर भड़ास निकाली है। काकर ने कहा कि पश्चिमी देश भारत के दक्षिणपंथी नेतृत्व की हकीकत समझने में फेल रहे हैं। पाकिस्तानी पीएम का यह बयान उस समय पर आया है जब कनाडा के प्रधानमंत्री ने भारत के खिलाफ बिना किसी ठोस सबूत के गंभीर आरोप लगाए हैं। वहीं खुफिया एजेंसियों ने खुलासा किया है कि पाकिस्तानी संगठन और खालिस्तानी एक-दूसरे को बढ़ावा दे रहे हैं।
पता चला है कि पाकिस्तानी चाहते हैं कि खालिस्तानी पाकिस्तान के कश्मीर अजेंडे को आगे बढ़ाए। वहीं खालिस्तानी अपने आंदोलन में पाकिस्तान का साथ चाह रहे हैं। पाकिस्तानी पीएम ने खालिस्तानी आतंकी निज्जर की हत्या को हिंदुत्व की विचारधारा से जोड़ दिया। संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक में हिस्सा लेने पहुंचे पाकिस्तानी पीएम ने कहा कि निज्जर की हत्या के फैक्ट को आर्थिक और रणनीतिक कारणों से कई पश्चिमी देशों ने अनदेखा कर दिया है। पाकिस्तान में हिंदुओं के जबरन धर्मांतरण के बीच काकड़ ने आरोप लगाया कि हिंदुत्व से प्रेरित होकर भारत में मुस्लिम विरोधी अतिवाद चल रहा है।
पाकिस्तानी पीएम ने कहा कि यह अमेरिका सहित पूरी दुनिया के लिए चिंता की बात है। दरअसल, पाकिस्तानी प्रधानमंत्री अमेरिका की जमीन से बाइडन प्रशासन पर निशाना साध रहे थे। अमेरिका लगातार भारत के साथ रिश्ते मजबूत कर रहा है ताकि चीन की बढ़ती दादागिरी को रोका जा सके। भारत ने हाल ही में जी20 का सफल आयोजन करके अपनी वैश्विक भूमिका को साबित किया है। जी 20 सम्मेलन का सफलतापूर्वक होना पाकिस्तान को रास नहीं आ रहा है। इसके पहले पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने भी भारत के खिलाफ जहरीले आरोप लगाए थे। बात दें कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के इशारे पर खालिस्तानी आतंकी भारत में हिंसक गतिविधियों को अंजाम देते हैं। इतना ही नहीं पाकिस्तान के समर्थन से ही खालिस्तानी दुनियाभर के कई देशों में जनमत संग्रह करा रहे हैं।
इंडोनेशिया का माउंट सेमेरू ज्वालामुखी फटा
23 Sep, 2023 09:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
जकार्ता । इंडोनेशिया के पूर्वी जावा प्रांत में सेमेरू ज्वालामुखी के शुक्रवार को अचानक फट जान से उसमें से गर्म राख निकलने लगी। स्थानीय अधिकारियों ने लोगों को इलाके से दूर रहने की चेतावनी दी है। रिपोर्ट के अनुसार, स्थानीय समयानुसार सुबह 9:23 बजे फटा, जिससे क्रेटर से दक्षिण-पूर्व की ओर 700 मीटर दूर तक गर्म राख फैल गई।
निगरानी चौकी के एक अधिकारी ने कहा, ज्वालामुखी के विस्फोट से दक्षिण-पूर्व और दक्षिण की ओर मोटी, भूरे रंग की राख फैल गई। अधिकारियों ने लोगों से सतर्क रहने और इसके 13 किमी के दक्षिणपूर्वी क्षेत्र और शिखर के आसपास 5 किमी के दायरे में जाने से बचने का आह्वान किया है। समुद्र तल से 3,676 मीटर की ऊंचाई पर स्थित सेमेरू ज्वालामुखी खतरे के उच्चतम स्तर चार से नीचे तीसरे स्तर पर बना हुआ है। दिसंबर 2021 में इसके विस्फोट के कारण हजारों लोगों को घर छोड़कर भागना पड़ा था और 50 से अधिक लोगों की जान चली गई थी।
बाइडेन ने यूक्रेन को 325 मिलियन डॉलर की सैन्य सहायता की घोषणा
23 Sep, 2023 08:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
वाशिंगटन । अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने यूक्रेन के लिए 325 मिलियन डॉलर के नए सैन्य सहायता पैकेज की घोषणा की है, इस सहायता पैकेज में एयर डिफेंस पर ज्यादा फोकस किया गया है। बाइडेन ने यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की की वाशिंगटन यात्रा के दौरान पैकेज की घोषणा की। रिपोर्ट के अनुसार, पेटागन ने कहा कि पैकेज में काउंटर-एयरस्ट्राइक सिस्टम, दोहरे उद्देश्य वाले उन्नत पारंपरिक युद्ध सामग्री और एंटी-टैंक हथियार शामिल हैं।
हालांकि, पैकेज में लंबी दूरी की एटीएसीएमएस मिसाइलें शामिल नहीं हैं जो 300 किमी दूर तक वार कर सके। अमेरिकी मीडिया ने बताया कि जेलेंस्की ने इसके पहले यूक्रेन के लिए अधिक सहायता पर चर्चा करने के लिए बाइडेन, अमेरिकी कांग्रेस सदस्यों और रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन से मुलाकात की। यह पैकेज अतिरिक्त 24 बिलियन से अलग है जिसे बाइडेन चाहते हैं कि कांग्रेस कुछ रिपब्लिकन प्रतिनिधियों की आपत्ति के बावजूद यूक्रेन के लिए मंजूरी दे। अमेरिकी सरकार के आंकड़ों के अनुसार, फरवरी 2022 से यूक्रेन को 43.9 बिलियन डॉलर की सहायता दी गई है। यूक्रेन को सहायता देना अगले वित्तीय वर्ष के बजट पर कांग्रेस के गतिरोध में मुख्य मुद्दों में से एक रही है, जिसके कारण 30 सितंबर के बाद अमेरिकी संघीय सरकार शटडाउन हो सकती है।
खालिस्तानी सिर्फ भारत नहीं कनाडा के लिए भी खतरा
22 Sep, 2023 07:05 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
एक पल के लिए आप भारत को भूल भी जाएं, लेकिन कनाडा में जिस तरह से आतंकी ताकतें सिर उठा रही हैं वो सिर्फ हिन्दुस्तान नहीं बल्कि कनाडा के लिए भी खतरे की बात है।’ ये बात G20 खत्म होने के बाद 17 सितंबर को विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कही है। मलयालम टीवी चैनल 'एशियानेट’ के इंटरव्यू में जयशंकर जिस खतरे की बात कर रहे थे, उसे कनाडा 38 साल पहले भुगत चुका है। दरअसल, कनाडा के PM जस्टिन ट्रूडो जिन खालिस्तानियों को बचाने के लिए भारत से टकरा रहे हैं, उन्हीं खालिस्तानी आतंकियों पर 268 कनाडाई नागरिकों की जान लेने का आरोप है। आज इस स्टोरी में जानेंगे कि कैसे खालिस्तानी आतंकियों ने एयर इंडिया की फ्लाइट-182 में सवार 329 बेगुनाह लोगों की जान ली थी…
तारीख-22 जून, 1985
मंजीत सिंह नाम का एक शख्स दोपहर 3 बजकर 30 मिनट पर कनाडा के वैंकूवर शहर से टोरंटो जाने के लिए एयरपोर्ट पर चेक इन करता है। टिकट कन्फर्म नहीं होने पर वो एयपोर्ट पर मौजूद एजेंट से गुजारिश करने लगता है। वह कहता है कि उसे नहीं तो कम से कम उसके सामान को टोरंटो से भारत जाने वाली फ्लाइट-182 में भिजवा दिया जाए।
विमान की एजेंट शुरू में झिझकती है, लेकिन लोगों की भीड़ होने की वजह से वो मंजीत सिंह का कहा मान लेती है। इसके बाद सिंह उस सूटकेस को पैर से धकेलते हुए चेक इन कराता है। हालांकि, जब वह ऐसा कर रहा होता है तो किसी का ध्यान उसकी तरफ नहीं जाता है और वह आसानी से अपने मकसद में कामयाब हो जाता है। इस तरह उसका सामान वैंकूवर से टोरंटो जाने वाली फ्लाइट में रख दिया जाता है। लगभग तीन घंटे बाद फ्लाइट टोरंटो के लिए रवाना होती है। सिंह विमान में भले ही नहीं था, लेकिन उसका सूटकेस वहां मौजूद होता है। ये फ्लाइट रात 8 बजकर 22 मिनट पर टोरंटो पहुंचती है। इसके बाद टोरंटो से भारत आने वाली एयर इंडिया की फ्लाइट-182 यानी कनिष्क विमान में यात्रियों और सामान को शिफ्ट किया जाता है। ये विमान टोरंटो से चलकर लंदन से होते हुए भारत के लिए उड़ान भरने वाली थी। इस विमान में शिफ्ट किए गए सामानों में से एक सूटकेस मंजीत सिंह का भी था। वैंकूवर के बाद टोरंटो एयरपोर्ट पर भी मंजीत के सामान की जांच नहीं की गई। इसे सीधे एक विमान से भारत जाने वाले कनिष्क विमान में रख दिया गया। विमान कर्मियों ने सामान शिफ्ट करते समय इस बात पर भी गौर नहीं किया कि यह सूटकेस किस यात्री का है, वह विमान में है भी या नहीं है।
तारीख- 23 जून, 1985
रात 12 बजकर 15 मिनट पर एयर इंडिया की फ्लाइट-182 (कनिष्क) टोरंटो से उड़ान भरती है और मॉन्ट्रियल के लिए रवाना होती है। इसके बाद यहां से ये विमान लंदन के हीथ्रो हवाई अड्डे के लिए उड़ान भरता है। इस फ्लाइट में 307 यात्री और 22 क्रू मेंबर्स सवार थे। प्लेन लंदन के हीथ्रो हवाई अड्डे से करीब 45 मिनट की दूरी पर था, तभी वो सुबह 8 बजकर 16 मिनट पर अचानक रडार से गायब हो जाता है।
कंट्रोल रूम उसी रूट पर उड़ रहे 2 अन्य विमानों से संपर्क कर एयर इंडिया विमान के बारे में पता करने की कोशिश करता है। जब उनसे पूछा जाता है कि क्या उन्हें कहीं भी एयर इंडिया की फ्लाइट-182 दिखाई दे रही है। उन दोनों विमानों के पायलट से जवाब मिलता है- नहीं। कुछ ही देर बाद ब्रिटेन के एक मालवाहक विमान का पायलट कंट्रोल रूम को एक मैसेज भेजता है, इस मैसेज के मिलते ही वहां अफरा-तफरी मच जाती है। दरअसल, मालवाहक विमान का पायलट बताता है कि उसे फ्लाइट-182 का मलबा अटलांटिक महासागर में दिखा है। बाद में जांच के दौरान पता चला कि जैसे ही ये विमान आयरलैंड के समुद्री तट पर पहुंचा, तभी उसमें एक तेज धमाका हुआ। इस वक्त ये विमान 31 हजार फीट की ऊंचाई पर उड़ रहा था। धमाका इतना जबरदस्त था कि पूरा विमान आग के गोले में बदल गया था। इसमें सवार कोई यात्री जिंदा नहीं बच पाया। बचाव कर्मी सिर्फ 181 लोगों के शव बरामद कर पाए। मरने वालों में 268 लोग भारतीय मूल के कनाडाई नागरिक थे। अमेरिका में 9/11 में हुए आतंकी हमले से पहले एयर इंडिया फ्लाइट-182 का धमाका दुनिया का सबसे बड़ा एविएशन से जुड़ा आतंकी हमला था। 329 बेगुनाह लोगों की मौत का आरोप कनाडा से ऑपरेट किए जाने वाले खालिस्तानी आतंकियों पर लगा था।
कनिष्क ब्लास्ट के कुछ ही देर बाद दूसरे भारतीय विमान में विस्फोट की कोशिश
कनिष्क विमान में ब्लास्ट के कुछ मिनटों बाद ही जापान के टोक्यो स्थित नारिटा हवाई अड्डे पर भी एक जोरदार विस्फोट हुआ। यहां भी यह धमाका उस वक्त हुआ जब कनाडा से टोक्यो पहुंची फ्लाइट के सामान को भारत जाने वाली एयर इंडिया की फ्लाइट-301 में शिफ्ट किया जा रहा था।
दरअसल, खालिस्तानी आतंकियों का टोक्यो होते हुए मुंबई जाने वाली एयर इंडिया की दूसरी फ्लाइट को भी उड़ाने का प्लान था। इसके लिए कनाडा से रवाना होने वाले विमान में बेहद चालाकी से सामान में बम रखकर उसे चेक इन कराया गया था।टोक्यो में सामान शिफ्ट करते वक्त एयरपोर्ट पर ही बम फट गया। मौके पर सामान उठाने वाले दो कर्मचारी मारे गए। इस तरह खालिस्तानियों की एयर इंडिया के दूसरे विमान को उड़ाने की साजिश असफल हो गई। भारत सरकार ने भी इस घटना की जांच के लिए एक अलग से कमेटी बनाई थी। पूर्व जज बीएम कृपाल के नेतृत्व में बनी इस कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि इंजन की खराबी नहीं, बल्कि आतंकी हमले में एयर इंडिया का विमान-182 हादसे का शिकार हुआ। इस घटना का मास्टरमाइंड बब्बर खालसा इंटरनेशनल के नेता तलविंदर सिंह परमार को बताया गया था।
सब कुछ सरेआम हो रहा था, फिर भी कनाडा सरकार ने एक्शन नहीं लिया
8 नवंबर 1985 को रॉयल कनेडियन माउंटेड पुलिस यानी RCMP और इंटिलेजेंस सर्विस एयर इंडिया बॉम्बिंग केस में बब्बर खालसा इंटरनेशल संगठन के हेड तलविंदर सिंह परमार के घर पर रेड डालती हैं। उसकी गिरफ्तारी की जाती है।
इसके अलावा फरवरी 1988 को दूसरे आरोपी इंद्रजीत सिंह रेयात, जो पेशे एक मैकेनिक था, को इंग्लैंड से गिरफ्तार किया जाता है। टोक्यो हवाई अड्डे पर फटे बम को बनाने का आरोप रेयात पर लगता है। जांच में पाया गया कि बम रेडियो के अंदर रखा गया था, जो रेयात ने डंकन में उसके घर के पास से खरीदा था। अब तक इस घटना में उन दोनों के हाथ होने के कई तरह की बातें सामने आती हैं। इसके बावजूद सुबूतों की कमी बताकर दोनों को छोड़ दिया जाता है। केवल रेयात पर 2 हजार डॉलर का जुर्माना लगाया जाता है, वो भी किसी दूसरे मामले में। इसके बाद रेयात इंग्लैंड में जा बसा। एयर इंडिया की बॉम्बिंग की इस दर्दनाक घटना के पहले से ही कनाडा की सीक्रेट सर्विस परमार और इंद्रजीत सिंह पर नजर रखे हुए थी। 23 जून को हुई घटना से पहले 4 जून को कनाडा की सीक्रेट सर्विस ने दोनों को वैंकूवर आईलैंड के एक जंगल में जाते हुए देखा था। रिपोर्ट के मुताबिक यहां उन्होंने विस्फोट का टेस्ट किया था। हालांकि, सीक्रेट सर्विस ने इसे एक गन शॉट समझा और इसकी जानकारी पुलिस से शेयर नहीं की थी। इस घटना में परमार का नाम सामने आने के बाद सीक्रेट सर्विस ने कहा था कि उन्हें सिर्फ दोनों खालिस्तानियों की जानकारी रखने के निर्देश दिए गए थे, न कि उन पर कार्रवाई करने के। कनाडा से रिहा होने के बाद परमार पाकिस्तान चला गया। वहां से वो साल 1992 में भारत पहुंचा। यहां मुंबई में एक पुलिस एनकाउंटर में उसकी मौत हो गई। CBC न्यूज के मुताबिक मौत से कुछ समय पहले परमार पुलिस की हिरासत में था और उससे एयर इंडिया बॉम्बिंग के बारे में पूछताछ की गई थी।
खुलेआम चेतावनी दे रहे थे आतंकी
इस सुनियोजित हमले से पहले ही कनाडा के कई गुरुद्वारों से खालिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाए जा रहे थे। खुलेआम बब्बर खालसा संगठन एयर इंडिया में यात्रा न करने की चेतावनी जारी कर रहा था। इसके बावजूद कनाडा की सुरक्षा एजेंसी इस बात का पता तक नहीं लगा सकीं।
इतना ही नहीं इस घटना से पहले परमार ने खालिस्तानियों की एक मीटिंग में कहा था कि एयर इंडिया के प्लेन बीच आसमान से टपकेंगे। इसकी जानकारी होने के बावजूद घटना से पहले और बाद में परमार पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। कनाडा की पुलिस चुपचाप उसे इस तरह की चेतावनी देते हुए देखती रही। 22 जनवरी 1986 को कनाडा के एविएशन सेफ्टी बोर्ड ने भी माना था कि एयर इंडिया-182 में साजिश के तहत विस्फोट किया गया था।
एयर इंडिया बॉम्बिंग की जांच में के लिए कनाडा में अलग से बने थे कोर्ट रूम
1995 में कनाडा के सरे में रहने वाले एक अखबार के संपादक तारा सिंह हेयर ने कनाडा पुलिस को बताया था कि उन्होंने बागरी नाम के एक शख्स को ये स्वीकार करते हुए सुना कि वह इस बम विस्फोटों में शामिल था। इसके बाद एयर इंडिया बॉम्बिंग में एक तीसरे आरोपी की एंट्री होती है। हालांकि, कनाडा पुलिस की कोशिशों के बावजूद इस मामले के गवाह तारा सिंह हेयर को पुख्ता सुरक्षा नहीं मिली और 1998 में उनकी हत्या कर दी जाती है।
कनाडा में ये मामला इतना हाई प्रोफाइल था कि इसे एयर इंडिया ट्रायल का नाम दिया गया था। मामले की नाजुकता को देखते हुए 7.2 मिलियन डॉलर यानी 59 करोड़ 86 लाख रुपए का एक अलग कोर्ट रूम बनाया गया था। इसमें सुनवाई के लिए 20 जजों की ड्यूटी लगाई गई थी। कनाडा की इंटेलिजेंस एजेंसी ने इस बात को माना कि उन्होंने इस मामले से जुड़े लोगों के 150 घंटे के कॉल रिकोर्डस को डिलीट कर दिया था। जबकि इनका इस्तेमाल कोर्ट में सबूतों के तौर पर किया जा सकता था। एजेंट ने बताया कि अगर रिकॉर्ड मिटाया नहीं किए जाते तो इसकी जानकारी देने वालों को खतरा हो सकता था। साल 2000 में कनाडा पुलिस ने रिपुदमन सिंह नाम के बिजनेसमैन और एक मिल में काम करने वाले अजैब सिंह बागरी को इस एयर इंडिया बॉम्बिंग मामले में गिरफ्तार किया था। इन पर फर्स्ट डिग्री मर्डर के चार्ज लगाए गए। हालांकि, 2005 में सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस ईएन जोसेफन ने कहा था कि उनके खिलाफ पुख्ता सबूत नहीं हैं। जबकि FBI के इन्फॉर्मर ने बताया था कि घटना के कुछ ही दिन बाद बागरी ने कहा था कि ये काम उन्होंने ही करवाया है।
2006 में कनाडा की सरकार एयर इंडिया बॉम्बिंग में एक पब्लिक इंक्वायरी का गठन करती है। सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज जॉन सी मेयर इसका नेतृत्व करते हैं। वो 2010 में एक 3200 पन्नों की रिपोर्ट जारी करते हैं। वो सरकार और सिक्योरिटी एजेंसी को इसके लिए जिम्मेदार बताते हैं। वो कहते हैं कि सरकारों ने मृतकों के परिवारों के साथ दुश्मनों की तरह व्यवहार किया। कोर्ट ये फैसला सुनाती है कि परमार इस पूरी बॉम्बिंग का मास्टर माइंड था। इंक्वायरी ने अपनी रिपोर्ट में कनाडा में सुरक्षा व्यवस्था की कमियों को इस घटना के लिए जिम्मेदार ठहराया था। इस घटना की जांच करने वाले कनाडा सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस जॉन मेजर ने 2010 में कहा था कि कनाडा सरकार को इसकी जिम्मेदारी लेने की जरूरत है। जॉन मेजर ने इस हादसे के लिए कनाडा सरकार, रॉयल कनेडियन माउंटेड पुलिस और कनाडियन सिक्युरिटी इंटेलिजेंस सर्विस को जिम्मेदार ठहराया था। इंक्वायरी के बाद 2010 में कनाडा की सरकार पीड़ितों से औपचारिक तौर पर माफी मांगती है। इस मामले के आरोपी रिपुदमन की 2022 में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार की मांग
22 Sep, 2023 11:38 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार की मांग लंबे समय से की जा रही है। अब इसे लेकर रणनीति बननी भी शुरू हो गई है। बता दें कि 21 सितंबर को भारत, ब्राजील, जर्मनी और जापान के विदेश मंत्रियों की बैठक हुई। इस बैठक में इस बात पर सहमति बनी कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में व्यापक सुधार की जरूरत है ताकि यह समकालीन भू-राजनीतिक व्यवस्थाओं का बेहतर ढंग से पेश कर सके।
संयुक्त राष्ट्र की आम सभा से इतर हुई इस बैठक में ब्राजील के विदेश मंत्री माउरो विएरा, जर्मनी के विदेश मंत्री एनालेना बेयरबॉक, जापान के विदेश मंत्री योको कामिकावा और भारत के विदेश मामलों के उप-मंत्री संजय वर्मा शामिल हुए। बैठक में कहा गया कि जटिल संकटों के कारण बहुपक्षवाद पर काफी दबाव है। बैठक में कहा गया कि संयुक्त राष्ट्र वैश्विक समस्याओं का प्रभावी और समय से निवारण में अक्षम साबित हो रहा है, ऐसे में इसमें सुधार की जरूरत है। बैठक के बाद जारी किए गए संयुक्त प्रेस वक्तव्य में कहा गया कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी और गैर-स्थायी दोनों श्रेणियों में विस्तार की जरूरत है। जिससे इसे ज्यादा प्रभावी, वैध और कुशल बनाने में मदद मिलेगी। बैठक में शामिल देशों ने संयुक्त राष्ट्र से इस अहम मुद्दे पर आगे बढ़ने की अपील की।
समिट ऑफ द फ्युचर शिखर सम्मेलन में भारत ने अपने बयान में कहा कि भारत की अध्यक्षता में वैश्विक दक्षिण की चिंताओं को जी20 एजेंडे में रखा गया। दिल्ली में आयोजित हुए शिखर सम्मेलन में पांच प्रमुख अध्यायों को शामिल किया गया, जिनमें अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा, अंतरराष्ट्रीय कानूनों का पालन शामिल हैं। भारत के बयान में ये भी कहा गया कि कोरोना महामारी और रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते बहुपक्षीय प्रणाली प्रभावित हुई है। जलवायु परिवर्तन, आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए दोहरे मानदंड अपनाने की आलोचना की गई है।
डोनेट्स्क के पश्चिमी शहर कुराखोव में रूस का हमला, 13 लोग घायल
22 Sep, 2023 11:23 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध थमने का नाम नहीं ले रहा है। दोनों देश एक दूसरे पर लगातार हमला कर रहे हैं। इधर, रूस ने एक बार फिर यूक्रेन में डोनेट्स्क के पश्चिमी शहर पर हमला किया है। डोनेट्स्क के पश्चिमी शहर पर हुए इस रूसी हमले में 13 लोग घायल हो गए, जिसमें से एक को मलबे के नीचे से निकाला गया है। डोनेट्स्क क्षेत्र के एक अधिकारी के हवाले से यह जानकारी दी है।
यूक्रेन के सार्वजनिक प्रसारक सस्पिल्ने से बात करते हुए कुराखोव शहर के प्रशासनिक प्रमुख रोमन पदुन ने बताया कि शहर पर दो हमले हुए, जिसके कारण आग लग गई। हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया कि हमले में किस तरह के हथियार का इस्तेमाल किया गया था। मालूम हो कि कुराखोव शहर अंग्रीम पंक्ति का शहर है, जो फिलहाल यूक्रेन के कब्जे में है लेकिन कई महीनों से इस पर रूस लगातार हमला कर रहा रहा है।
इससे पहले रूस ने यूक्रेन के बुनियादी ढांचे पर गुरुवार सुबह पूरब से पश्चिम तक बड़े मिसाइल हमले किए। यूक्रेनी अथॉरिटी ने कहा कि हमले से चारों तरफ आग की लपटें उठ रही थीं। इसमें कम से कम दो लोगों की मौत हो गई और कई घायल हुए हैं।
इधर, रूस युद्ध में एक बार फिर से यूक्रेन को अमेरिका से मदद मिली है। अमेरिका यूक्रेन को नई सुरक्षा सहायता के तहत 128 मिलियन अमेरिकी डॉलर मूल्य के हथियार और उपकरण देने की घोषणा कर दी है। अमेरिकी विदेश विभाग द्वारा दी जारी एक बयान में कहा गया है कि रक्षा विभाग पहले से निर्देशित छूट के तहत 197 मिलियन डॉलर के हथियार और उपकरण भी उपलब्ध कराएगा।
न्यूयॉर्क में 40 छात्रों को ले जा रही बस दुर्घटनाग्रस्त, दो की हुई मौत और कई स्टूडेंट हुए घायल
22 Sep, 2023 11:14 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर में हुए एक बस दुर्घटना में दो लोगों की मौत हो गई और कई छात्र घायल हो गए। सीएनएन ने न्यूयॉर्क की गवर्नर कैथी होचुल के हवाले से बताया कि बस जब छात्रों को लेकर जा रही तभी न्यू ऑरेंज काउंटी में बस 50 फुट गहरी खाई में गिर गई।
कैथी होचुल ने कहा कि अधिकारियों ने गुरुवार दोपहर स्थानीय समय के अनुसार करीब 1:12 बजे दुर्घटना के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि सबसे पहले बचावकर्मियों की मदद से छात्रों को बस से निकाला गया और उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया गया। उन्होंने कहा कि इस दर्दनाक दुर्घटना में जान गंवाने वाले लोगों के लिए शहर शोक में डूबा हुआ है।
होचुल ने कहा बताया कि दुर्घटना के समय उस डर, चीख-पुकार और उसके बाद के दृश्य की कल्पना करें जब हाई स्कूल के ये छात्र मुसीबतों से घिरे हुए थे। गवर्नर ने कहा, "पहले बचावकर्मियों की मदद से छात्रों को 45 मिनट के अंदर बस से निकाल लिया गया और उन्हें सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया।"
रिपोर्ट के मुताबिक, न्यूयॉर्क पुलिस के लेफ्टिनेंट कर्नल रिचर्ड एल मैज़ोन ने मीडिया से कहा, एक कमर्शियल बस फार्मिंगडेल हाई स्कूल के 40 छात्रों और चार वयस्कों को ले जा रही थी। मैज़ोन ने कहा कि कई छात्रों को गंभीर चोटें आईं हैं, जिनमें से पांच की हालत गंभीर है। उन्होंने कहा कि घायलों को अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती करवाया गया है।
मैज़ोन ने कहा कि शुरुआती जांच से संकेत मिलता है कि बस के आगे के टायर में खराबी की वजह से यह दुर्घटना हो सकती है। उन्होंने कहा कि आगे की जांच जारी है। फार्मिंगडेल हाई स्कूल के प्रवक्ता जेक मेंडलिंगर ने कहा कि बस बैंड कैंप के लिए ग्रीले, पेंसिल्वेनिया जा रही थी। बस पेंसिल्वेनिया में एक बैंड कैंप कार्यक्रम में जाने वाली छह बस में से एक थी।
तीन लोगों ने बंदर के गले में रस्सी बांधकर घसीटा मौत, आरोपी गिरफ्तार जेल भेजा
21 Sep, 2023 02:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
बुलंदशहर । बुलंदशहर में 3 लोगों ने एक बंदर को गले में रस्सी बांधकर बेरहमी से घसीटा। जिससे उसकी मौत हो गई। इसके बाद आरोपियों ने इसका एक वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। पुलिस ने इस मामले में एक युवक की तहरीर पर आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। यह मामला जिले की एक फैक्टरी के पास का है।
घटनास्थल पर मौजूद मोहल्ला रामनगर निवासी नितिन कुमार ने उन्हें ये सब करते देख लिया। जिसके बाद उन्होंने ने थाने में आरोपियों के खिलाफ तहीरर दी। उन्होंने बताया कि दो दिन पहले वह सिकंदराबाद रोड की एक फैक्टरी पर खड़ा था। तभी उसने देखा कि आकिल, नासिर और फैसल एक बंदर के गले में रस्सी बांधकर उसे घसीटते हुए फैक्टरी से बाहर ला रहे थे। इसके कारण बंदर की मृत्यु भी हो गई। आरोपियों ने इस पूरे घटनाक्रम का एक वीडियो भी बनाया। जिसे बाद में आकिल ने अपने इंस्टाग्राम के अकाउंट पर अपलोड कर दिया। आरोपियों ने क्षेत्र का माहौल बिगाड़ने की कोशिश की है। उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। इस मामले में एसपी सिटी ने बताया कि मिली तहरीर के आधार पर आरोपियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली है। तीनों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।
हिंदुओं को कनाडा से भारत भेजने वाले खालिस्तानी पन्नू की धमकी पर जस्टिन ट्रूडो ने साधी चुप्पी
21 Sep, 2023 11:15 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
ओटावा । खालिस्तान आंदोलन को आगे बढ़ाने वाले गुरवंत सिंह पन्नू ने कनाडा में रहने वाले हिंदुओं को धमकाया है। पन्नू ने साफ कहा है कि भारतीय-कनाडाई हिंदुओं को कनाडा छोड़कर चले जाने में ही भलाई है। इधर पन्नू की धमकियों के बावजूद कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो चुपचाप बैठे हुए हैं। बता दें कि भारत और कनाडा के बीच खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर तनातनी जारी है। हाल ही में पन्नू का एक वीडियो सामने आया है जिसमें उसे भारत को धमकाते हुए देखा जा सकता है। इसके साथ ही उसने 29 अक्टूबर के वैंकुवर में जनमत संग्रह के लिए कनाडा में बसे सिखों से वोटिंग करने के लिए कहा है। पन्नू का वीडियो सुनकर सन् 1990 के दशक में कश्मीरी पंडितों के साथ जो गुजरा था, वो वाकया याद आ जाएगा। गौरतलब है कि पन्नू को भारत ने आतंकी घोषित किया हुआ है। पन्नू यह को कहते हुए सुना जा सकता है, भारतीय-हिंदुओं ने कनाडा के संविधान का अपमान किया है। इसलिए कनाडा को छोड़ दो, भारत चले जाओ। खालिस्तान समर्थक सिख हमेशा कनाडा के प्रति वफादार रहे हैं और उन्होंने हमेशा कनाडा का पक्ष लिया है। उन्होंने कनाडा के संविधान और कानून का सम्मान किया है।
यहां गौरतलब है कि भारत ने एसएफजे को साल 2019 में बैन कर दिया था। वीडियो में पन्नू कहता है, अक्टूबर 29 को किल इंडिया कैंपेन में हिस्सा लेने के लिए सभी सिखों को वैंकुवर में रहने की अपील करता हूं। वह वोट करें कि भारत के उच्चायुक्त संजय वर्मा हरदीप सिंह निज्जर के लिए जिम्मेदार हैं?वीडियो के बाद हिंदू मूल की कनाडा की मंत्री अनीता आनंद ने शांति की अपील की है। एक पोस्ट में एक्स पर,आनंद ने कहा कि दक्षिण एशियाई और भारत से आने वाले परिवार, धर्म की परवाह किए बिना, इस भावना को साझा करेंगे कि ट्रूडो के बयान को सुनना मुश्किल था। उन्होंने कहा, यह कानूनी प्रक्रिया को जारी रखने का समय है सभी शांत, एकजुट और सहानुभूतिशील रहें। बता दें कि पन्नू का यह वीडियो तब आया है जब कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने निज्जर की हत्या के लिए भारत सरकार के एजेंट्स को जिम्मेदार ठहराया है। ट्रूडो ने देश की संसद में कहा कि 18 जून को हुई निज्जर की हत्या के बीच संभावित संबंध था। इन गंभीर आरोपों के कारण दोनों देशों के वरिष्ठ राजनयिकों को देश से निकाल दिया गया है।
तुर्किये के राष्ट्रपति ने फिर राग कश्मीर का राग
21 Sep, 2023 10:15 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
संयुक्त राष्ट्र । तुर्किये के राष्ट्रपति रेचेप तैयप एर्दोगन ने संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के उच्च स्तरीय 78वें सत्र में कश्मीर का मुद्दा उठाया। एर्दोगन ने आम बहस में विश्व नेताओं को दिए संबोधन में कहा, ‘भारत और पाकिस्तान के बीच संवाद तथा सहयोग के जरिये कश्मीर में न्यायपूर्ण एवं स्थायी शांति की स्थापना कर दक्षिण एशिया में शांति, स्थिरता तथा समृद्धि का मार्ग प्रशस्त किया जा सकता है। उन्होंने कहा, तुर्किये इस दिशा में उठाए गए कदमों का समर्थन करना जारी रखेगा। एर्दोगन की यह टिप्पणी तब आई है, जब कुछ सप्ताह पहले उन्होंने जी20 शिखर सम्मेलन के इतर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी। तब दोनों नेताओं ने व्यापार और बुनियादी ढांचा के क्षेत्र में द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने पर चर्चा की थी। एर्दोगन ने कहा कि यह गर्व की बात है कि भारत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में एक अहम भूमिका निभा रहा है। उन्होंने बताया कि वह संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी और 15 ‘‘अस्थायी’’ सदस्यों को स्थायी सदस्य बनाने के पक्षधर हैं। तुर्किये के नेता ने हाल के वर्षों में संयुक्त राष्ट्र महासभा के उच्च स्तरीय सत्र में विश्व नेताओं को दिए अपने संबोधन में कई बार कश्मीर का मुद्दा उठाया है।
उन्होंने कहा, भारत और पाकिस्तान ने 75 साल पहले संप्रभुता और स्वतंत्रता हासिल करने के बाद भी आपस में शांति एवं सद्भाव कायम नहीं किया है। यह काफी दुर्भाग्यपूर्ण है। हम उम्मीद और प्रार्थना करते हैं कि कश्मीर में उचित और स्थायी शांति एवं समृद्धि स्थापित हो। एर्दोगन ने 2020 में भी आम बहस में पहले से रिकॉर्ड किए गए वीडियो बयान में जम्मू-कश्मीर का उल्लेख किया था।
भारत-कनाडा विवाद के बीच पाकिस्तान ने उठाया कुलभूषण जाधव का मामला
21 Sep, 2023 09:15 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
इस्लामाबाद । आतंकवादी निज्जर की हत्या को लेकर भारत और कनाडा के बीच विवाद चल ही रहा है कि इधर पाकिस्तान ने कुलभूषण जाधव का मामला उठा दिया है। मिली जानकारी के अनुसार खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर चल रहे विवाद में अब पाकिस्तान भी कूद पड़ा है। पाकिस्तान के विदेश सचिव सयरुस काजी ने कुलभूषण जाधव वाला राग फिर से अलापते हुए कहा कि कनाडा के खुलासे से उसे कोई आश्चर्य नहीं है। संयुक्त राष्ट्र महासभा के सत्र में हिस्सा लेने न्यूयॉर्क पहुंचे काजी ने भारत पर आतंकवाद फैलाने का बेबुनियाद आरोप लगा दिया। उन्होंने दावा किया कि पाकिस्तान ने भारतीय नौसेना के अधिकारी कुलभूषण जाधव को बलूचिस्तान से अरेस्ट किया हुआ है। कुलभूषण जाधव को पाकिस्तानी कोर्ट ने जासूसी के आरोप में मौत की सजा सुनाई है।
गौरतलब है कि खालिस्तान के हमदर्द बने कनाडा के प्रधानमंत्री ने अपने आरोप के समर्थन में कोई सबूत नहीं दिया है लेकिन पाकिस्तानी विदेश सचिव ने दावा किया कि इसमें कुछ सच्चाई जरूर है। काजी ने कहा कि कुलभूषण जाधव पाकिस्तान को अस्थिर करने में लगे हुए थे। लश्कर को पालने वाले पाकिस्तान ने कश्मीर को लेकर भी जहर उगला और आरोप लगाया कि भारत आतंकवाद फैला रहा है। एक दिन पहले ही पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ने भारत के खिलाफ हमला बोला था। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से कहा था कि वह भारत को हिंदू और आतंकी राष्ट्र स्वीकार कर ले। बिलावल ने कहा, ट्रूडो का बयान बहुत बड़ा आरोप है। दुनिया के सामने भारत का खुलासा हो गया है। कब तब पश्चिमी देश और हमारे मित्र भारत के कृत्य की अनदेखी करते रहेंगे।
इतना ही नहीं पाकिस्तानी विदेश सचिव ने कहा कि केयरटेकर प्रधानमंत्री संयुक्त राष्ट्र में कश्मीर का मुद्दा उठाएंगे। बता दें कि कुलभूषण जाधव को पाकिस्तान ने ईरान की सीमा से पकड़ लिया था। कुलभूषण जाधव को यातना देने के बाद पाकिस्तान ने जबरन उनसे वीडियो जारी कराया। पाकिस्तान भारत पर आतंकवाद फैलाने के आरोप लगा रहा है लेकिन यह सच है कि खुद कश्मीर में बड़े पैमाने पर आतंकी भेज रहा है। ये आतंकी आए दिन भारतीय सुरक्षा बलों पर हमले करते रहते हैं।
जेलेंस्की बोले- रूस आतंकी, बच्चों को हथियार बना रहा:इन्हें न्यूक्लियर वेपेन रखने का अधिकार नहीं; अब ये यूक्रेन नहीं दुनिया की जंग
21 Sep, 2023 08:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
न्यूयॉर्क । यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने यूएन जनरल असेंबली को संबोधित किया। उन्होंने कहा- ये जंग सिर्फ यूक्रेन नहीं बल्कि पूरी दुनिया की है। इसके लिए सभी देशों को मिलकर रूस के खिलाफ लडऩा होगा। रूस पूरी दुनिया को आखिरी जंग की तरफ धकेल रही है। हम इस बात की पूरी कोशिश कर रहे हैं कि रूस की इस जंग के बाद दुनिया में कोई भी देश किसी पर हमला न कर सके।
जेलेंस्की ने कहा- कोल्ड वॉर के बाद यूक्रेन नहीं रूस को अपने न्यूक्लियर वेपेन हटाने की जरूरत थी। उन जैसे आतंकवादियों को परमाणु हथियार रखने का कोई अधिकार नहीं होना चाहिए। रूस ने फूड, एनर्जी और बच्चों तक को जंग में यूक्रेन के खिलाफ हथियार के तौर पर इस्तेमाल किया है। यूक्रेनी राष्ट्रपति ने कहा- जब नफरत को एक राष्ट्र के खिलाफ हथियार बनाया जाता है, तो यह कभी नहीं रुकती।
पीस प्लान पेश करेंगे जेलेंस्की
रूस का मकसद यूक्रेन को अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था और नियमों के खिलाफ हथियार के तौर पर इस्तेमाल करना चाहता है। हमारा पीस प्लान सिर्फ यूक्रेन मे जंग रोकने के लिए बल्कि पूरी दुनिया की बेहतरी के लिए है। रूस लगातार परमाणु हमले की धमकी देता रहा है। वो भूल चुका है कि इसका पूरी दुनिया पर क्या असर होगा। जेलेंस्की ने एक पीस समिट की घोषणा की। इसमें उन्होंने सभी वल्र्ड लीडर्स से साथ आकर जंग रोकने की कोशिश करने की अपील की। जेलेंस्की ने कहा- मैं अपने पीस प्लान से जुड़ी डीटेल्स बुधवार को हृस्ष्ट की मीटिंग में शेयर करूंगा। हमारा पीस प्लान सिर्फ यूक्रेन मे जंग रोकने के लिए बल्कि पूरी दुनिया की बेहतरी के लिए है। रूस लगातार परमाणु हमले की धमकी देता रहा है। वो भूल चुका है कि इसका पूरी दुनिया पर क्या असर होगा।
लंबे समय तक बैठे रहने से बढ जाती है कई समस्या
20 Sep, 2023 07:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
सिडनी । एक ताजा अनुसंधान में लंबे समय तक बैठने के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभावों को बताया गया। अनेक कार्यालयों में ‘सिट-स्टैंड’ डेस्क सिस्टम को अपनाया गया है, जिस पर आप लंबे समय तक बैठने के नुकसान से बचने के लिए डेस्क को बटन या लीवर दबाकर ऊंचा कर सकते हैं और खड़े होकर काम कर सकते हैं।
लेकिन खड़ा होना बेहतर कैसे है? और क्या बहुत अधिक खड़े होने के भी नुकसान हैं? बहुत अधिक बैठने और खड़े होने के जोखिमों के बारे में अनुसंधान क्या कहता है, और क्या ‘सिट-स्टैंड’ डेस्क में निवेश करना ठीक है? जो लोग बहुत अधिक देर तक बैठते हैं उनमें टाइप 2 मधुमेह, हृदय रोग और कुछ प्रकार के कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों के विकसित होने और उनका जीवन कम होने की आशंका बढ़ जाती है। लंबे समय तक बैठे रहने से मांसपेशियों, हड्डियों में, खासकर गर्दन और पीठ में दर्द संबंधी शिकायत बढ़ जाती है। उन लोगों को अधिक बैठने से और भी ज्यादा नुकसान हो सकता है जो बहुत कम व्यायाम करते हैं या एक मानक स्तर तक शारीरिक गतिविधियां नहीं करते हैं।
लंबे समय तक खड़े रहना मस्कुलोस्केलेटल (मांसपेशियों, हड्डियों आदि के) स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। लंबे समय तक खड़े रहने से मांसपेशियों में थकान, पैरों में सूजन, नसों में समस्या और पीठ के निचले हिस्से और कूल्हों, घुटनों, टखनों तथा पैरों में दर्द और परेशानी जैसे लक्षण हो सकते हैं। हाल के शोध से पता चलता है कि एक बार में लगातार खड़े होने की समय-सीमा लगभग 40 मिनट निर्धारित करने से देर तक खड़े रहने से मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द होने की संभावना कम हो जाएगी। यह उन लोगों पर लागू होता है जिनमें पहले लक्षण हो भी सकते हैं और नहीं भी।
लंबे समय तक खड़े रहने वाले हर व्यक्ति को इन ‘मस्कुलोस्केलेटल’ लक्षणों का अनुभव नहीं होगा, और कुछ लोग दूसरों की तुलना में लंबे समय तक खड़े रहने के प्रभावों के प्रति अधिक लचीलापन रखने वाले हो सकते हैं। बहरहाल, भले ही आप खड़े होने के बीच में विश्राम लेते हैं और यदि आपको पहले कभी खड़े होने से संबंधित दर्द और पीड़ा हुई है, तो जब आप फिर खड़े होते हैं तो आपको यह समस्या फिर से होने की अधिक संभावना होती है।बैठे-बैठे काफी समय होने पर बीच में खड़े होने या आसपास चहलकदमी करने से आपके शरीर में रक्तप्रवाह, हृदय की सेहत, मानसिक सेहत और जीवन की अवधि बढ़ सकती है।
मॉडलिंग अध्ययनों से पता चलता है कि प्रतिदिन एक घंटे बैठने की जगह एक घंटे खड़े रहने से मोटापा, वसा और कोलेस्ट्रॉल के स्तर में सुधार होता है। जब बैठने की जगह टहला जाए या मध्यम से लेकर कठिन गतिविधियां की जाएं तो फायदा अधिक होगा। बैठे-बैठे हर 20 मिनट के बाद दो मिनट तक टहलना या 30 मिनट तक बैठने के बाद पांच मिनट तक टहलना शरीर में ब्लड सुगर में सुधार के लिए कारगर हो सकता है। अन्य एक अनुसंधान में पता चला है कि हर 30 मिनट में तीन मिनट की हल्की चहलकदमी या स्क्वैट जैसे सरल प्रतिरोध व्यायाम भी प्रभावदायी होते हैं।
आप अपनी सुविधा के हिसाब से तय करें। काम करते हुए देर तक खड़े होने या बैठने से कोई असुविधा होती है या शरीर में थकावट महसूस होती है? यदि ऐसा है तो आपको अपने बैठने और खड़े होने के पैटर्न में बदलाव करना होगा। यदि आपको पहले से सेहत संबंधी समस्या है या मांसपेशियों में दर्द जैसी कोई शिकायत है तो किसी विशेषज्ञ से सलाह लें या किसी ‘एर्गोनोमिक’ विशेषज्ञ के माध्यम से मूल्यांकन कराने का अनुरोध करें। विशेषज्ञ की सलाह से आपको सही फैसला लेने में मदद मिल सकती है।
जापानियों को मिला है लंबी उम्र का वरदान, हर 10 में एक की आयु 80 साल के पार
20 Sep, 2023 06:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
टोक्यो । जापान दुनिया का इकलौता ऐसा देश है जहां पर बुजुर्गों की आबादी सबसे ज्यादा बताई गई है। यहां हर 10 में से 1 बुजुर्ग 80 की आयु पार कर चुका है। आंकड़ों के अनुसार यहां बुजुर्गों की आबादी का प्रतिशत सबसे अधिक है। इसके पीछे एक बड़ी वजह बर्थ रेट को बढ़ाने के लिए लगातार किए जा रहे सभी प्रयास असफल साबित होना भी है। इसके चलते ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि 2040 तक जापान में बुजुर्गों की आबादी 34.8 प्रतिशत हो जाएगी। पिछले साल जापान में जन्म लेने वाले शिशुओं की संख्या 800,000 से कम रिकॉर्ड हुई है जोकि 19वीं शताब्दी के शुरू होने के बाद पहली बार दर्ज हुई है। जापान के आंतरिक मामलों के मंत्रालय का अनुमान है कि देश में 10 में से एक व्यक्ति की उम्र 80 या उससे अधिक है क्योंकि पहली बार जापान की आबादी में 80 से अधिक उम्र के लोगों की हिस्सेदारी 10प्रतिशत से अधिक है। जापान के मंत्रालय की ओर से वृद्ध दिवस पर सालाना रिपोर्ट जारी करते हुए जन्म दर में लगातार आ रही कमी पर चिंता जाहिर की गई है।
रिपोर्ट की माने तो जापान दुनिया का वह सबसे पुराना देश बन गया है जहां पर 65 साल से ज्यादा उम्र के लोगों का अनुपात ज्यादा है। जापान में इस साल 65 वर्ष के लोगों की आबादी का अनुपात 29.1 फीसदी रिकॉर्ड किया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक 65 या उससे अधिक उम्र के लोगों की संख्या पिछले साल के मुकाबले 10,000 कम होकर 36.2 मिलियन रह गई है। यह गिरावट 1950 के उपलब्ध डेटा की तुलना की जाए तो पहली बार दर्ज की गई। कुल 36.2 मिलियन में से 15.7 मिलियन पुरुष और 20.5 मिलियन महिलाएं हैं। आंकड़ों के मुताबिक यह स्तर दूसरे स्थान पर रहे इटली के 24.5 प्रतिशत और तीसरे स्थान पर रहे फिनलैंड के 23.6 प्रतिशत के साथ तुलनात्मक तौर पर रिकॉर्ड किया गया है।
सरकारी आंकड़ों से पता चला है कि बेबी बूमर की आबादी 75 या उससे अधिक हो जाने के साथ, जापान के 124।4 मिलियन लोगों की उम्र लगातार बढ़ रही है, क्योंकि 12.59 मिलियन लोग 80 या उससे अधिक उम्र के हैं जबकि 20 मिलियन 75 या उससे अधिक उम्र के हैं। परिणामस्वरूप, जापान बुजुर्ग श्रम शक्ति पर निर्भर है। क्योंकि 9 मिलियन से अधिक बुजुर्ग काम कर रहे हैं, जो कि वर्कफोर्स का कुल 13.6 फीसदी है। यानी जापान में 7 श्रमिकों में से एक बुजुर्ग श्रमिक हैं। जापान में सभी बुजुर्गों में से एक चौथाई के पास जॉब्स हैं जोकि दक्षिण कोरिया के 36.2 प्रतिशत से कम है। इसकी संख्या संयुक्त राज्य अमेरिका में 18.6 प्रतिशत और फ्रांस में 3।9 प्रतिशत के साथ कहीं आगे है।