विदेश (ऑर्काइव)
जंगल में क्रैश हुआ प्लेन, क्रू मेंबर समेत सभी यात्रियों की मौत
17 Sep, 2023 09:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
ब्राजीलिया। ब्राजील में एक विमान हादसे में क्रू मेंबर सहित सभी 14 लोगों की मौत हो गई। बताया जा रहा है कि अमेजन के जंगलों में खराब मौसम के कारण प्लेन क्रैश हुआ। यह एक छोटा प्रोपेलर विमान था जो अमेजनस राज्य की राजधानी मनौस से 400 किमी दूर बार्सिलोस की यात्रा कर रहा था। यात्रा खत्म होने से कुछ समय पहले ही यह विमान गिर गया। अधिकारियों ने कहा कि विमान में 2 क्रू मेंबर समेत 12 यात्री सवार थे। इन सभी की मौत हो चुकी है। घटना के कारणों का पता लगाने के लिए जांच कमेटी बनाई गई है। अमेजनस राज्य के सुरक्षा सचिव विनीसियस अल्मेडा ने कहा कि शुरुआती जानकारी से पता चला है कि बारिश और कम दिखाई देने के कारण जब विमान बार्सिलोस में उतरा तो रनवे से बाहर चला गया और फिर बाद में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। हादसे वाला विमान ईएमबी-110 है, जो दो इंजन वाला विमान है। इस विमान की निर्माता ब्राजील की ही एक कंपनी है। जी1 के अनुसार विमान के मालिक मनौस एरोटैक्सी ने कहा कि फ्लाइट और उसके चालक दल ने उड़ान भरने के लिए सभी जरूरतों को पूरा किया।
प्लेन क्रेश होने पर अधिकारियों ने कहा कि पीड़ितों के शवों को औपचारिक पहचान के लिए मनौस ले जाया गया। बार्सिलोस एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है, क्योंकि यह कई राष्ट्रीय उद्यानों के करीब है। सितंबर महीना फिशिंग सीजन का सबसे व्यस्त समय माना जाता है। यह राज्य अपनी कई खास प्रजाति की मछलियों के लिए जाना जाता है। एक वीडियो फुटेज में विमान का मलबा कीचड़ में पड़ा दिख रहा है और इसका अगला हिस्सा हरे पत्तों से ढका हुआ है, जिसके पास 20-25 लोग छाते लिए खड़े नजर आ रहे हैं।
अमेरिका के पूर्व राजदूत पर गलत बयानी का आरोप, लगाया 93 हजार डॉलर का जुर्माना
17 Sep, 2023 08:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
न्यूयॉर्क । पाकिस्तान में अमेरिका के पूर्व राजदूत रिचर्ड गुस्ताव ओल्सन पर गलत बयानी का आरोप लगाते हुए 93 हजार डॉलर का जुर्माना किया है। उनपर कतर को सहायता देने और गलत बयान देने से जुड़े एक मामले में संघीय अदालत ने 93,350 डॉलर का जुर्माना लगाया है। सहायक अटॉर्नी जनरल मैथ्यू ऑलसेन ने यह जानकारी कहा गया कि यह जुर्माना उनके सार्वजनिक कार्यालय से संबंधित दो अलग-अलग कदाचारों के लिए है। जुर्माने के अलावा, 34 साल की विशिष्ट सेवा वाले राजनयिक को 36 महीने की परिवीक्षा की सजा दी गई। गौरतलब है कि ओल्सन 2012 से 2015 तक इस्लामाबाद में राजदूत थे और उसके बाद पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा के प्रशासन के दौरान 2015 से 2016 तक अफगानिस्तान और पाकिस्तान के लिए अमेरिका के विशेष प्रतिनिधि रहे। विभाग ने कहा कि ओल्सन ने पिछले साल जून में कोलंबिया जिले की एक संघीय अदालत के समक्ष गलत लेखन करने के एक मामले और विदेशी सरकार के निर्णयों को प्रभावित करने के इरादे से सहायता और सलाह देने के एक मामले को स्वीकार किया था। विभाग ने कहा कि ओल्सन एक व्यवसायी से प्राप्त हजारों डॉलर के लाभ का खुलासा करने में विफल रहे और जब संघीय जांच ब्यूरो ने उनसे पूछताछ की, तो उन्होंने झूठा दावा किया कि उन्होंने ऐसा नहीं किया है।
अदालत के दस्तावेज़ों में उस शख्स का का नाम नहीं था, लेकिन उसे पाकिस्तानी मूल का अमेरिकी नागरिक बताया गया था। जिसने कई व्यवसाय संचालित किए और पैरवी की, और एक अन्य सौदे के लिए मध्यस्थ था। वह व्यक्ति पाकिस्तानी-अमेरिकी व्यवसायी इमाद जुबेरी था, जिसे अवैध अभियान योगदान देने के आरोप में 2021 में 12 साल की सजा सुनाई गई थी। एक वरिष्ठ अधिकारी के रूप में पद छोड़ने के बाद, ओल्सन को एक साल तक कूलिंग-ऑफ का पालन करना पड़ा, इस दौरान उन्हें विदेशी सरकारों की सहायता करने या उनका प्रतिनिधित्व करने से प्रतिबंधित कर दिया गया था। लेकिन विभाग ने कहा कि उस शख्स ने उसे प्रति माह 20 हजार डॉलर का परामर्श शुल्क देना शुरू कर दिया और उसने कानूनों के उल्लंघन में कतर सरकार को अमेरिकी नीति निर्माताओं को प्रभावित करने में अवैध रूप से मदद की।
आर्थिक तंगहाली में भी पाक ने बढ़ाए परमाणु हथियार
17 Sep, 2023 12:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
इस्लामाबाद। आर्थिक तंगहाली में भी पाकिस्तान ने परमाणु हथियारों का जखीरा बढ़ाया है। अमेरिका के न्यूक्लियर वैज्ञानिकों ने एक रिपोर्ट जारी कर बताया है कि पाकिस्तान के पास फिलहाल 170 परमाणु हथियार हैं। जो 2025 तक 200 के पार जा सकते हैं। रिपोर्ट को 2023 पाकिस्तान न्यूक्लियर हैंडबुक नाम दिया गया है।
अमेरिका की डिफेंस इंटेलिजेंस ने 1999 में अंदाजा लगाया था कि पाकिस्तान के पास 2020 तक 60 से 80 परमाणु हथियार होंगे। हालांकि, पाकिस्तान ने इससे ज्यादा परमाणु हथियार बनाए हैं।अमेरिकी एजेंसी ने पाकिस्तान के परमाणु हथियारों से जुड़े आंकड़े कई खुफिया दस्तावेजों, मीडिया और थिकटैंक्स की रिपोर्ट से जुटाए हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान के न्यूक्लियर क्षमता वाले मिसाइल बेस और फैसिलिटीज की लोकेशन की जानकारी नहीं मिल पाई। हालांकि, सैटेलाइट तस्वीरों से ये पता चला है कि पाकिस्तान के 5 मिसाइल बेस हैं। जहां से उसकी न्यूक्लियर फोर्सेस ऑपरेट कर सकती हैं। रिपोर्ट में बताया गया है कि पाकिस्तान जमीन और समुद्र से दागीं जाने वाली क्रूज मिसाइलों में लगातार मॉडिफिकेशन कर रहा है। भारत अपने बैलिस्टिक मिसाइल डिफेंस सिस्टम को डेवलप कर कर रहा है। इससे निपटने के लिए पाकिस्तान ने 2017 में ऐलान किया था कि उसने मीडियम रेंज की बैलिस्टिक मिसाइल बनाई है जिसमें कई वॉर हेड लगाए जा सकते हैं। इस मिसाइल का नाम अबाबील बताया गया था। रिपोर्ट के अनुसार अभी इस मिसाइल के स्टेटस की कोई जानकारी नहीं है।
परमाणु हथियारों को ले जाने में सक्षम मिसाइलों और उनके मोबाइल लॉन्चर इस्लामाबाद के पश्चिम में काला चिट्टा दहर पर्वत शृंखला में स्थित नेशनल डिफेंस कॉम्प्लेक्स में डेवलेप किए जा रहे हैं।सैटेलाइट तस्वीरों में इस कॉम्प्लेक्स के दो हिस्से दिख रहे हैं। पश्चिमी हिस्से में मिसाइलों और रॉकेट इंजन का विकास, उत्पादन और टेस्टिंग की जाती है। रिपोर्ट में बताया गया है पाकिस्तान के काहुता और गडवाल इलाके में न्यूक्लियर हथियार बनाने के लिए जरूरी मैटिरियल और यूरेनियम प्लांट बनाने की फैसिलिटीज बनाने का काम पूरा होने के नजदीक है। पाकिस्तान चार हेवी वॉटर प्लूटोनियम प्रोडक्शन रिएक्टर्स भी बना रहा है। इनमें से सबसे नया प्लूटोनियम रिएक्टर पाकिस्तान के पंजाब प्रोविंस के 33 किलोमीटर की दूरी पर है। मिराज-3, मिराज-5 वो एयरक्राफ्ट हैं, जिनमें पाकिस्तान परमाणु हथियार लगा सकता है। ये फाइट बॉम्बर दो एयरबेस पर तैनात हैं। इनमें एक मसरूर एयरबेस है, वहीं दूसरा रफीकी एयरबेस है।
शिशु ने निगली 8 सुई, सफल उपचार को विशेषज्ञों ने बताया चमत्कार
17 Sep, 2023 11:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
वॉशिंगटन । पेरू के तारापोटो में जब एक कृषक अपने परिवार के साथ खेत पर गया था उसी दौरान उसके 2 साल के बच्चे ने वहां पड़ी 8 सुइयां निगल लीं। जब ये सुइयां आंतों तक पहुंचीं और भयानक दर्द उठा तब वे बच्चे को अस्पताल ले गये। आखिरकार काफी मशक्कत के बाद बच्चे को बचा लिया गया। डाक्टरों ने बताया कि सुइयां अंदर के अंगों में कई जगह धंसी हुई थीं। गनीमत थी कि रक्तस्राव नहीं हुआ, वरना जान जा सकती थी।
सूत्रों के मुताबिक, डॉक्टरों ने एक्सरे में देखा कि सभी आठों सुइयां पाचनतंत्र के अंदर हैं। दो सुइयां तो खतरनाक रूप से मलाशय और मूत्राशय में घुस चुकी थीं। एक ने छोटी आंत को क्षतिग्रस्त कर दिया था लेकिन ज्यादा अंदर तक नहीं गई थी, इसलिए रक्तस्राव नहीं हुआ। डॉक्टरों ने बताया कि नुकीली वस्तुएं निगलना खतरनाक है क्योंकि ये आंतरिक अंगों को नुकसान पहुंचा सकती हैं, जिससे गंभीर रक्तस्राव हो सकता है और पाचन रस का रिसाव हो सकता है।
डॉक्टरों ने कहा कि बच्चा भाग्यशाली था जिसे सुइयों से कोई गंभीर चोट नहीं आई।दो हफ्ते बच्चे को सिर्फ तरल आहार दिया गया। दरअसल यह उस कृषक की गलती थी कि पशुओं को इंजेक्शन लगाने के बाद खेतों में फेंक दिया था। अगर समय पर उपचार नहीं मिलता तो शिशु को बचा पाना संभव नहीं था।
यह कोई पहला मामला नहीं है। कुछ दिनों पहले चीन के शानक्सी प्रांत में 5 महीने की बच्ची ने सिलाई मशीन की सुई गटक ली थी। सुई बच्ची के पेट की दीवार में घुसकर उसके हार्ट के बाएं वेंट्रिकल में छेद कर चुकी थी। डॉक्टरों ने ऑपरेशन के बाद उसे बचा लिया। इसी तरह पिछले मामले में एक 54 वर्षीय महिला ने सिलाई सुई निगल ली थी लेकिन उसे कोई लक्षण नजर नहीं आ रहे थे। हालांकि, डॉक्टरों के मुताबिक, अगर कोई निगल ले तो उसे तेज दर्द का अनुभव होगा। यहां तक कि लगेगा कि दम घुटने वाला है। उल्लेखनीय है कि सबसे ज्यादा सिक्के और हड्डियां निगलने के मामले आते हैं।
अविष्कार: बैक्टीरिया से तैयार होगी अब बिजली
17 Sep, 2023 10:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
लंदन। स्विस फेडरल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी लॉज़ेन (ईपीएफएल) के वैज्ञानिकों की एक टीम ने “एस्करैशिया कोली” नामक बैक्टीरिया की खोज की है। टीम के वरिष्ठ केमिकल इंजीनियर अर्डेमिस बोघोसियन ने बताया, इंजीनियर ‘ई कोली कई प्रकार के स्रोतों पर विकसित हो सकता है।
वजह से अपशिष्ट जल में इसे पैदा कर वातावरण में बिजली का उत्पादन करने में सफलता मिल सकती है।’ अर्डेमिस के अनुसार, ‘वैज्ञानिकों ने पहले ही कुछ सूक्ष्मजीवों की पहचान कर ली थी जिनसे नैचुरली बिजली का उत्पादन किया जा सकता है, लेकिन ये केवल कुछ परिस्थितियों में ही संभव है। वहीं, स्विस शोधकर्ताओं द्वारा पैदा किया गया नया बैक्टीरिया विभिन्न प्रकार के वायुमंडलों में बिजली का उत्पादन कर सकता है। और इसे व्यापक और व्यावहारिक उपयोग के लिए व्यवहार्य बनाता है।
इसे विकसित करने के लिए वैज्ञानिकों ने जीवाणु बिजली जनरेटर में से एक, शीवेनेला वनिडेंसिस में पाए जाने वाले प्रोटीन कॉम्प्लेक्स के नियमों का पालन करते हुए इसके जीनोम को संशोधित किया है। ऐसा करने से ई. कोली की इलेक्ट्रो-एक्टिविटी दोगुनी हो गई थी। शोधकर्ताओं ने यह भी पाया है कि औद्योगिक अपशिष्ट जल के उपचार के लिए शीवेनेला वनिडेंसिस की तुलना में ई. कोलाई अधिक उपयुक्त है। शराब बनाने वाली कंपनियों को आम तौर पर अनाज साफ करने और टैंकों को धोने के लिए उपयोग किए जाने वाले पानी का निपटान करने से पहले उसे साफ-सुथरा करना जरूरी होता है। ऐसा इसलिए क्योंकि इसमें शर्करा, स्टार्च, अल्कोहल और खमीर का एक जटिल मिश्रण होता है।
ये अगर अनुपचारित छोड़ दिया जाए, तो यह अपशिष्ट जल में गैरजरूरी सूक्ष्मजीव वृद्धि का कारण बन सकता है। अपने शोध को सिद्ध करने के लिए वैज्ञानिकों की टीम ने स्विट्जरलैंड के लॉज़ेन में एक स्थानीय शराब की भठ्ठी से प्राप्त अपशिष्ट जल के नमूने का उपयोग किया। इंजीनियर ई. कोली सिस्टम का उपयोग करके इस पर प्रयोग भी किए। इस बैक्टीरिया ने 50 घंटों के भीतर इस अपशिष्ट जल को कुशलतापूर्वक स्वच्छ कर दिया था।
एलियंस के अस्तित्व को लेकर छिड़ी बहस
17 Sep, 2023 09:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
न्यू मेक्सिको। मेक्सिको संसद में प्रदर्शित एलियंस शव को लेकर दुनिया में बहस छिड़ गई है। अमेरिका ने एलियंस के अस्तित्व को लेकर सहमति जताई है। वैज्ञानिकों का कहना है कि यह एक ‘पब्लिसिटी स्टंट’ है। दुनिया में एलियंस का कोई वजूद नहीं है। उल्लेखनीय है कि मेक्सिको संसद में लाइव स्ट्रीमिंग से मैक्सिकन पत्रकार और लंबे समय तक यूएफओ के शौकीन जैमे मौसन ने एलियंस की लाशों को दिखाया था। इन लाशों के हाथ और पैर में तीन उंगलियां थीं. मौसन ने दावा किया कि ये एलियंस 2017 में पेरू के प्राचीन नाज़का लाइन्स के पास से पाए गए थे। उन्होंने बताया कि इसे मेक्सिको के राष्ट्रीय स्वायत्त विश्वविद्यालय (यूएनएएम) द्वारा कार्बन-डेटेड किया गया था और निष्कर्ष निकाला गया था कि वे लगभग 1,000 साल पुराने थे। उन्होंने दावा किया कि उनका पृथ्वी पर किसी भी प्रजाति से कोई संबंध नहीं है। यह ऐसा लगता है कि यह ममी बच्चा है। मौसन पहले भी इसी तरह के विवादास्पद दावे कर चुके हैं। इन एलियंस के डेड बॉडी को दिखाए जाने की आलोचना पूर्व अमेरिकी नौसेना पायलट रयान ग्रेव्स ने की है। उन्होंने इसे “अज्ञात असामान्य घटना” बताते हुए इसके अप्रमाणित स्टंट से निराशा जताई।
पेरू के संस्कृति मंत्री लेस्ली उर्टेगा ने सवाल उठाया है कि यह नमूने पेरू से कैसे निकले। उर्टेगा ने मौसन और उनके सहयोगियों के संदर्भ में कहा कि इन सज्जनों के साथ संबंध रखने वाले कुछ लोगों के खिलाफ संस्कृति मंत्रालय की ओर से एक आपराधिक शिकायत है मौसन ने गुरुवार को कहा कि उनके आलोचकों ने अभी तक उनके दावों का खंडन करने के लिए कोई सबूत पेश नहीं किया है। मौसन ने कहा कि उनके आलोचक उनकी खोज की ताकत को छीन लेना चाहते हैं। हम इस पर वर्षों से जांच कर रहे हैं जबकि वे सिर्फ बातचीत कर रहे हैं।
उधर नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन-नासा नासा प्रमुख बिल नेल्सन ने माना है अमेरिका में एलियंस हैं। वहीं, प्रिंसटन विश्वविद्यालय के खगोल भौतिकी विभाग के पूर्व प्रमुख और रिपोर्ट के अध्यक्ष डेविड स्पर्गेल ने कहा कि उन्हें नमूनों की प्रकृति के बारे में पता नहीं है यदि किसी के पास कुछ नमूने हैं, तो दुनिया के वैज्ञानिक समुदाय को उपलब्ध कराएं और तब हम देखेंगे कि उनमें क्या है।
एक्सएल बुली कुत्तों पर पाबंदी लगाने की तैयारी में ब्रिटेन
17 Sep, 2023 08:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
लंदन। अमेरिकन एक्सएल बुली कुत्तों पर ब्रिटिश सरकार पाबंदी लगाने की तैयारी कर रही है। ब्रिटेन में इस नस्ल के कुत्तों ने कई लोगों पर हमला किया है। इनके हमले से से कुछ लोगों की मौत भी हो गई थी। इन हमलों के बाद ब्रिटेन में तीखी बहस छिड़ गई है कि पालतू जानवरों की हिंसा के लिए जानवर या उनके मालिक में से किसे जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए?
ब्रिटेन के गृह सचिव सुएला ब्रेवरमैन ने कहा कि कुत्तों की ये नस्ल खासतौर पर बच्चों के लिए बेहद घातक खतरा है। बता दें कि पिछले सप्ताह ब्रिटेन में एक 11 साल के बच्चे समेत तीन लोगों पर अमेरिकन एक्सएल बुली नस्ल के कुत्तों ने हमला कर दिया था। ब्रिटेन की सरकार ने रविवार को ऐलान किया कि कुत्तों पर प्रतिबंध लगाने के लिए तत्काल सलाह मांगी जा रही है।
एक रिपोर्ट के मुताबिक, विशेषज्ञों और ऑनलाइन लिस्टिंग में बताया गया है कि एक्सएल बुली डॉग्स का वजन 60 किलोग्राम तक हो सकता है। इनकी कीमत 1,200 डॉलर से लेकर 12,000 डॉलर तक होती है। ब्रिटेन की बड़ी डॉग एसोसिएशंस आधिकारिक तौर पर इस नस्ल को मान्यता नहीं देती हैं। लेकिन, हाल के वर्षों में एक्सएल ने ब्रिटेन में काफी लोकप्रियता हासिल की है। काफी लोग इनके आकार और ताकत को स्टेटस सिंबल के तौर पर मानकर पालते हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले साल ब्रिटेन में कुत्तों के 10 घातक हमलों में से आधे से ज्यादा एक्सएल बुली ने ही किए थे। बुली के हमले के एक फुटेज में बिना पट्टे वाला एक्सएल बुली इंग्लैंड के बर्मिंघम की सड़कों पर दौड़-दौड़कर लोगों को काट रहा है। इससे लोगों में अफरातफरी का माहौल बन गया था।
वेस्ट मिडलैंड्स पुलिस ने बताया कि पीड़ितों को अस्पताल ले जाया गया, जबकि मालिक से पूछताछ की गई। विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के मुताबिक, कुत्तों का हमला एक विश्वव्यापी मुद्दा है। इनमें हर साल लाखों लोग घायल होते हैं। कुत्तों के हमलों का सबसे ज्यादा खतरा बच्चों को होता है। डब्ल्यूएचओ ने कहा कि अमेरिका में हर साल करीब 45 लाख लोग कुत्तों के हमले का शिकार बनते हैं। ब्रिटेन में अगर किसी के पास विशेष अदालत की मंजूरी के बिना प्रतिबंधित नस्ल का कुत्ता है, तो पुलिस या स्थानीय अधिकारी उसे जब्त कर लेते हैं। फिर विशेषज्ञ आकलन करता है कि कुत्ता जोखिम भरा है या नहीं। कुछ मामलों में कुत्ते को मार दिया जाता है। कभी-कभी इसे मालिक को वापस दे दिया जाता है।
हालांकि, उसे कुत्ते को अपने पास रखने के लिए कड़े नियमों का पालन करना होता है। सार्वजनिक जगहों पर इसका मुंह हर समय बंद करना होता है।ब्रिटेन की सरकार अगर एक्सएल बुली पर प्रतिबंध लगा देती है तो यह डेंजरस डॉग एक्ट के तहत पाबंदी वाली कुत्तों की पांचवीं नस्ल हो जाएगी। इससे पहले ब्रिटिश सरकार पिट बुल टेरियर, जापानी टोसा, डोगो अर्जेंटीनो और फिला ब्रासीलीरो पर पाबंदी लगा चुकी है। स्पाइवी का कहना है कि कुत्तों की नस्लों पर प्रतिबंध लगाने से कुछ नहीं बदलेगा। अगर आप वास्तविक परिवर्तन देखना चाहते हैं, तो आपको कुत्तों के गैर-जिम्मेदार मालिकों और विक्रेताओं पर सख्ती दिखानी होगी। वहीं, काफी लोगों ने प्रतिबंध का समर्थन किया है। लेकिन, एक्सएल बुली मालिकों समेत काफी लोगों ने सोशल मीडिया पर नस्ल का बचाव किया है।
बता दें कि अमेरिकन बुली केनेल क्लब नस्ल का कुत्ता होता है, जो अपनी भारी-भरकम कदकाठी के लिए दुनियाभर में पहचाना जाता है। ये नस्ल अमेरिकी पिट बुल टेरियर से जुड़ी हुई है। इसमें स्टैंडर्ड, पॉकेट, क्लासिक और एक्सएल शामिल हैं। अगर कोई बुली डाग 20 इंच से ज्यादा लम्बा है तो उसे एक्सएल के तौर पर वर्गीकृत किया जाता है।
शिक्षक की पिटाई से छात्रा की खोपड़ी फटी
16 Sep, 2023 06:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
बीजिंग। चीन में एक शिक्षक द्वारा मेटल की स्केल से 9 साल की छात्रा की पिटाई पर लोगों में रोष व्याप्त है। शिक्षक ने बच्ची के सिर पर वॉर किया, जिससे उसकी खोपड़ी में गंभीर चोटें आईं। गंभीर रूप से घायल छात्रा को तुरंत आपातकाल सर्जरी के लिए ले जाना पड़ा ।आरोपी की पहचान सोंग माउमिंग के रूप में हुई है। इस घटना के बाद स्थानीय पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया है। सूत्रों के अनुसार चीन के हुनान प्रांत के बोकाई मीक्सीहु प्राइमरी स्कूल में 6 सितंबर की शाम हुई घटना के बाद टीचर खुद लड़की को स्कूल डॉक्टर के पास ले गया, उसने उसकी चोट को मामूली घाव बताया और कहा कि केवल टांके लगाने की जरूरत है।
इसके बाद स्कूल ने लड़की को पास के अस्पताल में भेजा, लेकिन वहां के डॉक्टरों ने तुरंत आपातकालीन उपचार नहीं दिया और कहा कि उन्हें परिवार की मंजूरी की जरूरत है। लड़की की मां ने कहा कि उनकी बेटी का इलाज कर रहे अस्पताल के डॉक्टर स्कूल की सलाह पर उसके सिर के घाव को टांके लगाने जा रहे थे। हालांकि ऐसा नहीं हुआ और बच्ची का बकायदा टेस्ट हुआ। जांच से पता चला कि लड़की की खोपड़ी टूट गई थी और हड्डी के टुकड़े उसके सिर में फंस गए थे और तत्काल सर्जरी की आवश्यकता थी। टुकड़ों को हटाने में लगभग पांच घंटे लग गए। लड़की की चाची ने बताया कि उसका दिमाग लगभग बाहर आ गया था जो घातक हो सकता था। लड़की के पिता ने कहा कि वह अभी भी गहन देखभाल में है। इस घटना के कारण चीन में व्यापक जनाक्रोश पैदा हो गया। गौरतलब है कि वर्ष 1986 से चीनी स्कूलों में बच्चों को मारने पर प्रतिबंध लगा हुआ है, लेकिन इसके बाद भी शिक्षकों द्वारा छात्रों के साथ दुर्व्यवहार आम है। दो महीने पहले, पूर्वी चीन के एक प्राइवेट स्कूल के शिक्षक पर एक माता-पिता ने छात्रों के साथ दुर्व्यवहार करने और उन्हें थप्पड़ मारने का आरोप लगाया था। इस साल अप्रैल में, पूर्वी चीन में एक विद्यालय के शिक्षक को कथित तौर पर छात्रों को लात मारने, थप्पड़ मारने और सजा के रूप में कक्षा के दौरान छड़ी से पीटने के बाद निलंबित कर दिया गया था।
गिनीज बुक में दर्ज है अमेरिका का ये सांड, हर रोज की डाइट सुनकर रह जाएंगे हैरान
16 Sep, 2023 05:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
वॉशिंगटन। अमेरिका में एक सांड ऐसा भी है जिसका नाम गिनीज बुक में दर्ज है। यह सांड स्विस ब्राउन प्रजाति का है। इस प्रजाति के सांड की ऊंचाई छह फीट से ज्यादा है, और यह दुनिया का सबसे बड़ा सांड है। टॉमी नाम के इस सांड की उम्र 13 साल है। ये सांड अमेरिका के मैसाचुसेट्स में एक फार्म पर अपने मालिक फ्रेड और लॉरी के साथ रहता है। टॉमी हर रोज 13 किग्रा सूखा अनाज और 34 किग्रा से ज्यादा घास खाता है। वह 150 लीटर से ज्यादा पानी पी जाता है। इसके अलावा वह सेब भी खाता है। फ्रेड का कहना है कि उनका ज्यादातर पैसा उसे खिलाने में ही खर्च हो जाता है। हालांकि टॉमी इस समय पैर के दर्द से पीड़ित है और वह खेतों में पहले की तरह नहीं घूम पा रहा है। जब यह सिर्फ एक दिन का था, तब से अपने मालिकों के साथ है। इसके मालिक उसे परिवार के सदस्य की तरह मानते हैं। यह सांड दिनभर खेतों में घूमता है और दालचीनी वाले बन पसंद करता है। क्योंकि वह लगातार बढ़ता ही जा रहा है। इसके मालिकों ने कभी नहीं सोचा था कि यह 1.87 मीटर तक बड़ा हो जाएगा। आकार के कारण टॉमी का नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज है। रिकॉर्ड के मुताबिक यह अब जीवित सबसे बड़ा सांड है।
बताया जाता है कि 2010 में टॉमी की नीलामी होने वाली थी, तभी उसे फ्रेड अपने साथ ले आए थे। फ्रेड ने टॉमी को एक पशुधन की जगह अपने परिवार का सदस्य माना। उनका कहना है कि जब वह मर जाएगा, तो खेत में ही दफन होगा। लॉरी ने कहा कि देखने में यह दैत्याकार और खतरनाक लगता है, लेकिन वास्तव में यह बेहद शांत है। बधिया किए जाने के बावजूद भी यह शांत है, जो आमतौर पर नहीं होता। लॉरी ने कहा कि टॉमी परिवार के सदस्यों पर लगातार नजर रखता है। मेरे पिता कहां है, यह वह देखता रहता है। इस सांड को देखने जब बच्चे आते हैं तो यह उनके साथ भी अच्छे से रहता है। टॉमी बच्चों के लिए अपना सिर झुका देता है, ताकि वह सहला सकें।
यूएफओ को लेकर नासा ने दिया बड़ा बयान, एलियंस मौजूद
16 Sep, 2023 11:15 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
वॉशिंगटन । नासा प्रमुख बिल नेल्सन ने कहा है कि उन्हें लगता है कि धरती के बाहरी वातावरण में एलियंस मौजूद हैं। अंतरिक्ष एजेंसी ने अज्ञात असामान्य घटना (यूएपी) या फिर यूएफओ पर अपनी रिपोर्ट के पहले निष्कर्ष जारी किए। इसके बाद नेल्सन ने यह बात कही है। साथ ही ऐलान किया है कि इस पूरे तथ्य की जांच के लिए यूएपी रिसर्च डायरेक्टर की नियुक्ति कर रहे हैं। इस नियुक्ति की सिफारिश एक स्वतंत्र रिसर्च टीम की तरफ से की गई थी। हालांकि, रिपोर्ट में कहा गया है कि यूएफओ की उच्च-गुणवत्ता से जुड़ी खास बातों की सीमित संख्या की वजह से उनकी प्रकृति के बारे में ठोस वैज्ञानिक निष्कर्ष निकालना असंभव है।
यूएफओ की स्वतंत्र अध्ययन टीम, कई क्षेत्रों के 16 सामुदायिक विशेषज्ञों को शामिल किया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि यूएफओ अमेरिकी हवाई क्षेत्र की सुरक्षा के लिए खतरा है और यह बात अपने आप साबित हो चुकी है। रिपोर्ट की मानें तब यूएफओ का रिसर्च एक असाधारण वैज्ञानिक मौका पेश करता है। यह मौका एक व्यवस्थित रिपोर्टिंग ढांचे के साथ-साथ एक सख्त, सबूत आधारित दृष्टिकोण का आधारत तैयार करता है। हालांकि इसमें सार्वजनिक भागीदारी के साथ-साथ क्राउडसोर्सिंग और रिपोर्टिंग पर नजर रखना बहुत जरूरी है। रिपोर्ट में कहा गया है कि इन दुर्लभ घटनाओं की पहचान के लिए आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) और मशीन लर्निंग (एमएल) सबसे जरूरी उपकरण हैं।
नासा की ओर से कहा गया है कि एजेंसी ने बेहतर ढंग से समझने के लिए स्वतंत्र अध्ययन शुरू किया है। इसके तहत पता लगाया जाएगा कि यह आकाश में होने वाली घटनाओं के रिसर्च को आगे बढ़ाने के लिए चल रहे सरकारी प्रयासों में कैसे योगदान कर सकता है। ये ऐसी घटनाएं हैं जिन्हें गुब्बारे, विमान, या ज्ञात प्राकृतिक घटनाओं के रूप में पहचाना नहीं जा सकता है और इनके लिए एक वैज्ञानिक दृष्टिकोण जरूरी है। रिपोर्ट के आखिरी पन्ने में कहा गया है कि निष्कर्ष की कोई वजह नहीं है जो यह कहती हो कि नासा ने जिन सैकड़ों यूएफओ की बात कही है, उनके पीछे कोई अलौकिक शक्ति है। रिपोर्ट में कहा गया है कि उन रहस्यमय चीज सौर मंडल से होकर यहां तक पहुंची है। नासा की साइंस मिशन डायरेक्टोरेट से जुड़ी निकोला फॉक्स की मानें तब यूएफओ पृथ्वी ग्रह के सबसे बड़े रहस्यों में से एक है। इसकी मुख्य वजह उच्च गुणवत्ता वाले डेटा की कमी होना है।
76 प्रतिशत की अप्रूवल रेटिंग के साथ विश्व नेताओं के बीच शीर्ष पर मोदी
16 Sep, 2023 10:15 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
वाशिंगटन । मॉर्निंग कंसल्ट के एक रिपोर्ट के अनुसार प्रधानमंत्री मोदी 76 प्रतिशत की अप्रूवल रेटिंग के साथ विश्व नेताओं के बीच शीर्ष पर बने हुए हैं। अमेरिका के कंसल्टेंसी फर्म के ग्लोबल लीडर अप्रूवल रेटिंग ट्रैकर के मुताबिक 76% लोग पीएम मोदी के नेतृत्व को स्वीकार करते हैं, जबकि 18 फीसदी लोग इससे सहमत नहीं हैं। साथ ही 6 फीसदी लोगों ने इस पर कोई राय नहीं दी है।
रेटिंग में काफी अंतर से प्रधानमंत्री मोदी शीर्ष पर बने हुए हैं। वहीं, इस रेटिंग में स्विट्जरलैंड के राष्ट्रपति एलेन बर्सेट (64 प्रतिशत) और मेक्सिको के राष्ट्रपति एंड्रेस मैनुअल लोपेज़ ओब्रेडोर (61 प्रतिशत) लोग स्वीकार करते हैं।
पिछली रेटिंग में भी प्रधानमंत्री मोदी शीर्ष पर थे। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन को 40 फीसदी, कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो को 37 फीसदी, यूके के पीएम ऋषि सुनक को 27 फीसदी और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन को सिर्फ 24 फीसदी रेटिंग मिली है। भारत ने हाल ही में राष्ट्रीय राजधानी में जी20 शिखर सम्मेलन की सफलतापूर्वक मेजबानी की, जिसमें 40 से अधिक वैश्विक नेताओं और उनके प्रतिनिधिमंडलों की भारत ने मेजबानी की थी।
जी20 शिखर सम्मेलन में नई दिल्ली घोषणा पत्र को सर्वसम्मति से अपनाया गया। घोषणा की एक प्रमुख विशेषता सभी वैश्विक शक्तियों को एक मंच पर लाना और रूस-यूक्रेन युद्ध जैसे विभाजनकारी मुद्दे पर आम सहमति बनाना था, जिसमें भारत सफल
जी20 प्रेसीडेंसी के लिए भारत की थीम भी एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य थी, जिसका संस्कृत अनुवाद वसुधैव कुटुंबकम था। पीएम मोदी ने कहा कि भारत की जी20 की अध्यक्षता देश के अंदर और बाहर दोनों जगह समावेशन का प्रतीक बन गई है, उन्होंने कहा कि यह भारत में पीपुल्स जी20 बन गया है और करोड़ों नागरिक इससे जुड़े हुए हैं।
सऊदी में हूती विद्रोहियों की बैठक
16 Sep, 2023 09:15 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
यमन । सऊदी अरब के अधिकारियों ने गुरुवार को सार्वजनिक तौर पर बताया कि वो यमन में ईरान समर्थक हूती विद्रोहियों के साथ बातचीत कर रहे है। इससे सालों से चल रहे यमन के गृह युद्ध का समाधान ढूंढा जा रहा है। 9 साल से चल रही जंग रुकवाने के मकसद से हूती लीडर्स ने सऊदी में बैठक की है। हर मंच पर एक-दूसरे के खिलाफ दिखने वाले सऊदी के अधिकारियों और हूती विद्रोहियों की ये पहली बैठक है। यमन में जंग और उसके परिणामों की वजह से यमन में 3 लाख से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं। कई लाख लोग बेघर भी हुए हैं। सऊदी की सेना के यमन में पहुंचने से पहले ही वहां की इकोनॉमी हूती और यमनी लोगों के संघर्ष की वजह से खराब हो चुकी थी। सऊदी के दखल के बाद यहां हालात और खराब हो गए थे।
चंद्रयान-1 के डेटा स्टडी करके वैज्ञानिकों ने किया दावा
16 Sep, 2023 08:15 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
वॉशिंगटन । चंद्रयान-1 के डेटा की स्टडी कर रहे अमेरिका की हवाई यूनिवर्सिटी के साइंटिस्ट्स ने दावा किया है कि पृथ्वी के हाई एनर्जी इलेक्ट्रॉन चांद पर पानी बना रहे हैं। ये इलेक्ट्रॉन पृथ्वी की प्लाज्मा शीट में हैं, जो मौसमी प्रक्रिया के लिए जिम्मेदार है, यानी इनके होने से ही पृथ्वी के मौसम में बदलाव होता है।
वैज्ञानिकों का दावा है कि ये इलेक्ट्रॉन चांद पर मौजूद चट्टानों और खनिजों को तोड़ या घोल रहे हैं। इससे चांद के मौसम में भी बदलाव आ रहा है। नेचर एस्ट्रोनॉमी जर्नल में पब्लिश स्टडी में कहा गया कि इन इलेक्ट्रॉन्स ने चांद पर पानी बनाने में मदद की होगी। इसके पहले 2008 में लॉन्चिंग के बाद चंद्रयान-1 मिशन ने चंद्रमा की सतह पर पानी की मौजूदगी का संकेत दिया था। उस मिशन की एक रिसर्च के आधार पर चांद पर बर्फ होने का दावा किया गया था। इसके बाद साइंटिस्ट्स ने अनुमान लगाया कि चांद के पोलर रीजन में सूरज की रोशनी नहीं पहुंचने से वहां का तापमान -200 डिग्री सेल्सियस से नीचे हो सकता है, जो बर्फ के फॉर्म में पानी की मौजूदगी की ओर इशारा करता है। इसलिए पानी की खोज के लिए 14 जुलाई 2023 को चंद्रयान-3 लॉन्च किया गया।
स्टडी के मुताबिक, प्रोटॉन जैसे हाई एनर्जी पार्टिकल्स से बनी सोलर विंड चंद्रमा की सतह पर बिखर जाती है, इस वजह से चंद्रमा पर पानी बन जाता है। साइंटिस्ट्स ने चंद्रमा के पृथ्वी के मैग्नेटोटेल से गुजरने के दौरान वहां के मौसम में होने वाले बदलावों का अध्ययन किया। मैग्नेटोटेल पृथ्वी का ऐसा एरिया है, जहां सोलर विंड बिल्कुल नहीं पहुंचती, लेकिन सूरज की रोशनी पहुंचती है। साइंटिस्ट शुआई ली ने कहा- जब चांद मैग्नेटोटेल के बाहर होता है तो इसकी सतह पर सोलर विंड की बौछार होती है। वहीं, जब चांद मैग्नेटोटेल के अंदर होता है तो सतह पर सोलर विंड नहीं पहुंचती, इस वजह से पानी बनने की संभावना होती है। स्टडी में यह भी कहा गया कि पृथ्वी के मैग्नेटोटेल में इलेक्ट्रॉन्स वाली प्लाज्मा शीट होती है। आसान शब्दों में चांद पर 14 दिन तक रात और 14 दिन तक उजाला रहता है। यानी 14 दिन ही यहां पर सूरज की रोशनी होती है। जब यहां सूरज की रोशनी नहीं होती तो सोलर विंड की बौछार होती है। इसी दौरान पानी बनने का दावा किया गया है।
इसरो ने 22 अक्टूबर 2008 को चंद्रयान-1 का सफल लॉन्च किया था। ऐसा करने वाला भारत दुनिया का चौथा देश बना था। श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च किए गए चंद्रयान-1 में भारत ही नहीं, बल्कि अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी, स्वीडन और बुल्गारिया में बने 11 साइंटिफिक इंस्ट्रूमेंट्स लगे थे। वैसे तो यह मिशन दो साल का था, लेकिन जब इसने अपने उद्देश्य पूरे कर लिए तो चांद के गुरुत्वाकर्षण बल से जुड़ा डेटा जुटाने के लिए सतह से इसकी ऊंचाई 100 किमी से बढ़ाकर 200 किमी की गई थी। इसी दौरान 29 अगस्त 2009 को इससे रेडियो संपर्क टूट गया। तब तक इसने चांद की रासायनिक, मिनरलॉजिक और फोटो-जियोलॉजिकल मैपिंग कर ली थी।
फ्रांसिसी राजदूत लेनैन ने भारत-फ्रांस संबंध को लेकर कही ये बात
15 Sep, 2023 11:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
पेरिस । भारत में फ्रांसिसी राजदूत इमैनुएल लेनैन ने भारत में अपने कार्यकाल पर विचार साझा किए। भारत-फ्रांस संबंध, रक्षा सहयोग और भारत की अध्यक्षता में हाल ही में हुए जी20 शिखर सम्मेलन सहित असंख्य विषयों पर लेनैन ने खुलकर बात की।
लेनिन दोनों देशों में स्वायत्तता और क्षमता निर्माण को बढ़ाने के लिए अंतरिक्ष और प्रौद्योगिकी क्षेत्रों में अधिक सहयोगी परियोजनाओं की आशा करते हैं। मेक इन इंडिया पहल पर चर्चा करते हुए, उन्होंने 50 प्रतिशत ऑफसेट दायित्वों को पूरा करते हुए इस पहल को आगे बढ़ाने में फ्रांसीसी कंपनियों की महत्वपूर्ण भूमिका का उल्लेख किया। अब ध्यान भविष्य की प्रौद्योगिकियों को सह-विकसित करने पर है, जिसमें अगली पीढ़ी के लड़ाकू विमान इंजनों को विकसित करने में सहयोगात्मक प्रयास भी शामिल है।
हाल के जी20 शिखर सम्मेलन पर विचार करते हुए, लेनिन ने जी20 के राजनीतिक निकाय नहीं होने के बावजूद, भिन्न विचारों वाले देशों के बीच एकता और आम सहमति को बढ़ावा देने के लिए भारत की प्रशंसा की। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय कानून का पालन करने के महत्व को दोहराया, यूक्रेन मुद्दे से संबंधित संयुक्त विज्ञप्ति में अंतरराष्ट्रीय क्षेत्र में रूस के अलगाव पर प्रकाश डाला गया। उन्होंने यूक्रेन संघर्ष के जवाब में अहिंसक प्रतिबंधों और रूस पर ऊर्जा निर्भरता को कम करने के उपायों के प्रति यूरोपीय संघ की दृढ़ प्रतिबद्धता पर जोर दिया।
डॉक्टर ने एक दिन में की सात लड़कियों से शादी, 100 बच्चे पैदा करने की योजना
15 Sep, 2023 10:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
कंपाला । आपने कई शादियां करने वाले लोगों के बारे में सुना होगा, लेकिन क्या आपने एक ही दिन में सात शादी करने वाले किसी शख्स के बारे में सुना है? जहां एक शादी करने के बाद ही लोगों के पसीने छूट जाते हैं, तब एक शख्स ने एक ही दिन में सात लड़कियों के साथ शादी कर एक अनोखा काम किया है। इसमें सबसे हैरानी की बात है कि उसकी दुल्हनों में दो बहनें भी हैं। शख्स का नाम हबीब एनसिकोनने है, जिसने रविवार को शादी के बाद एक बड़े समारोह का आयोजन किया।
हबीब एक पारंपरिक चिकित्सक है। लेकिन उसका सपना सिर्फ सात पत्नियों पर ही नहीं रुकता। उसका कहना है कि वह और भी शादियां करने का प्लान बना रहा है, ताकि वह अपने 100 बच्चों का टार्गेट पूरा कर सके। जी हां, हबीब का मानना है कि उसके 100 बच्चे होने चाहिए। हबीब ने कहा, मेरे परिवार में बेहद कम सदस्य हैं, इसलिए मैं कई बच्चे पैदा करना चाहता हूं, ताकि हम एक बड़ा परिवार बना सकें। अपनी शादी में हबीब ने सभी पत्नियों को नई कारें दीं।
हबीब ने शादी करने के लिए लड़कियों के माता-पिता को भी उपहार दिए। दो पत्नियां जो रिश्ते में उसकी बहनें लगती हैं, उनके माता-पिता को हबीब ने मोटरसाइकिल गिफ्ट की। हबीब की यह पहली शादी नहीं है। उसने सात साल पहले मुसान्युसा नाम की लड़की से शादी की थी। हबीब ने अपनी सातों पत्नियों से अलग-अलग शादी की। पारंपरिक रीति-रिवाज से उसने सभी के घर पर शादी रचाई। रिसेप्शन के लिए उसकी पत्नियां 40 लिमो और 30 मोटरसाइकिल के काफिले के साथ अपनी-अपनी कारों में आईं। इस कार्यक्रम में पहुंचे मेहमानों ने कहा कि कुछ लोगों को विश्वास नहीं है कि यह सच हो सकता है। वहीं कई अन्य लोगों ने कहा कि उन्होंने पहली बार इस तरह का प्रोग्राम देखा है। इस समारोह में हबीब ने अपनी पत्नियों की तारीफ करते हुए कहा, मेरी पत्नियां आपस में कोई ईर्ष्या नहीं रखती हैं। मैंने सभी को अलग-अलग मिलाया। एक बड़ा और खुशहाल परिवार बनाने के लिए मैंने सभी से एक ही बार में शादी की। युगांडा में बहुविवाह वैध है। हबीब के पिता ने कहा कि उनके परिवार में यह सामान्य है।