व्यापार
महंगाई का असर रिलायंस जियो और एयरटेल पर
10 Dec, 2024 08:08 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । रिलायंस जिओ, एयरटेल और वोडाफोन आइडिया ने इंटरनेट रिचार्ज की दरें जुलाई माह से बढ़ा दी। इसके बाद से ही उनके उपभोक्ता कम होते चले गए। रेट तो बढ़ गये, लेकिन तीनों टेलीकॉम कंपनियों की कमाई कम हो गई। कुछ उपभोक्ताओं ने तीनों कंपनियों को छोड़कर बीएसएनल का कनेक्शन ले लिया। उपरोक्त तीनों कंपनियों को तीन माह के अंदर 1.68 करोड़ से अधिक ग्राहकों को खोना पड़ा। इसमें सबसे ज्यादा नुकसान रिलायंस जिओ को हुआ है।
टैरिफ की दरें घटाने पर विचार
रिलायंस जिओ के 1.27 करोड़ उपभोक्ता घट गए। भारतीय एयरटेल के 56 लाख उपभोक्ता और वोडाफोन के 48 लाख उपभोक्ता कम हो गए। कहां रेट बढ़ा कर ज्यादा कमाई करना थी। उल्टे वह पहले की तुलना में कम हो गई। अब तीनों कंपनियां एक बार फिर से अपने टेरिफ़ पर पुनर्विचार कर रही हैं। उपरोक्त तीनों कंपनियों में इस बात पर विचार हो रहा है। इंटरनेट का प्लान इस तरीके से तैयार करें। जिससे उपभोक्ता की क्रय शक्ति भी बनी रहे। उपभोक्ता भी उसके पास बने रहें। सूत्रों के अनुसार जल्द ही तीनों कंपनियां इंटरनेट टैरिफ को कम कर सकती हैं।
क्या है बीमा सखी योजना? जानें इस स्कीम से जुड़ने का पूरा प्रोसेस और मिलने वाली राशि
9 Dec, 2024 03:51 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज यानी सोमवार (11 दिसंबर) को हरियाणा से बीमा सखी योजना को लॉन्च करेंगे।एलआईसी की बीमा सखी योजना का मकसद आधी आबादी यानी महिलाओं को आर्थिक तौर पर सशक्त और आत्मनिर्भर बनाना है।
इस योजना का हिस्सा बनने वाली महिलाओं को 'बीमा सखी' कहा जाएगा। उनका काम अपने इलाके की महिलाओं को बीमा कराने के लिए प्रोत्साहित करना और इस काम में उनकी मदद करना होगा।
बीमा सखी योजना क्या है?
लाइफ इंश्योरेंस कॉर्पोरेशन (एलआईसी) की यह योजना 18 से 70 साल की महिलाओं के लिए है, जो 10वीं पास हैं। उन्हें पहले तीन साल की ट्रेनिंग दी जाएगी। उनकी वित्तीय समझ बढ़ाई जाएगी और उन्हें बीमा की अहमियत को समझाने का तरीका बताया जाएगा।
इस ट्रेनिंग पीरियड के दौरान महिलाओं को कुछ पैसे भी मिलेंगे। ट्रेनिंग के बाद महिलाएं एलआईसी बीमा एजेंट के रूप में काम कर सकेंगी। वहीं, बीए पास बीमा सखियों को विकास अधिकारी यानी डेवलेपमेंट ऑफिसर बनने का मौका भी मिल सकता है।
बीमा सखी बनने की योग्यता
बीमा सखी योजना के लिए सिर्फ महिलाएं ही आवेदन कर सकती हैं।
उनके पास मैट्रिक/हाईस्कूल/10वीं पास का सर्टिफिकेट होना चाहिए।
इस योजना के लिए 18 से 70 साल की महिलाएं ही अप्लाई कर सकेंगी।
तीन साल की ट्रेनिंग के बाद महिलाएं बीमा एजेंट के रूप में काम करेंगी।
बीमा सखी बनने के फायदे
बीमा सखी योजना के तहत तीन साल की ट्रेनिंग के बाद महिलाएं एलआईसी एजेंट के तौर पर नियुक्त हो सकेंगी। हालांकि, वे एलआईसी की रेगुलर कर्मचारी नहीं होंगी और न उन्हें नियमित कर्मचारियों वाला लाभ मिलेगा।
LIC की बीमा सखी (MCA योजना) के तहत चयनित महिलाओं को हर साल कुछ विशेष परफार्मेंस नॉर्म्स (Performance Norms) को पूरा करना होगा। इन्हें योजना योजना की सफलता और प्रतिभागियों की तरक्की को सुनिश्चित करने के लिए निर्धारित किया जाएगा।
बीमा सखी को कितने पैसे मिलेंगे
बीमा सखी योजना से जुड़ने वाली महिलाओं को तीन साल की ट्रेनिंग के दौरान कुल 2 लाख से अधिक रुपये मिलेंगे। इसमें पहले साल 7 हजार, दूसरे साल 6 हजार और तीसरे साल 5 हजार रुपये महीना मिलेंगे। इसमें बोनस कमीशन शामिल नहीं है। इसके लिए शर्त रहेगी कि महिलाएं जो भी पॉलिसी बेचेंगी, उनमें से 65 फीसदी अगले साल के आखिर तक सक्रिय (इन-फोर्स) रहनी चाहिए।
इसका मतलब है कि अगर किसी महिला ने पहले साल 100 पॉलिसी बेची है, तो इसमें से 65 पॉलिसी दूसरे साल के अंत तक प्रभावी रहनी चाहिए। इसका मकसद यह सुनिश्चित करना है कि एजेंट न सिर्फ पॉलिसी बेचें, बल्कि उन्हें बनाए रखने की भी कोशिश करें।
बीमा सखी के लिए अप्लाई कैसे करें?
एलआईसी की आधिकारिक वेबसाइट https://licindia.in/test2 पर जाएं।
सबसे नीचे नजर आ रहे Click here for Bima Sakhi पर क्लिक करें।
यहां नाम, जन्मतिथि, मोबाइल नंबर, ईमेल आईडी और पता जैसे डिटेल भरें।
अगर आप LIC इंडिया के किसी एजेंट/डेवलपमेंट ऑफिसर/कर्मचारी/मेडिकल एक्सामिनर से ताल्लुक रखते हैं, तो उसकी जानकारी दें।
आखिर में कैप्चा कोड भरकर सबमिट बटन पर क्लिक करें।
मोबिक्विक का आईपीओ 11 दिसंबर से खुलेगा, जानें प्राइस बैंड और जीएमपी की पूरी डिटेल
9 Dec, 2024 03:37 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
फिनटेक कंपनी- वन मोबिक्विक सिस्टम्स लिमिटेड अपना आईपीओ ला रही है। यह देश की सबसे डिजिटल पेमेंट्स कंपनियों में शामिल है। मोबिक्विक आईपीओ से 572 करोड़ रुपये जुटाना चाहती है। इसका आईपीओ ग्रे मार्केट में काफी धूम मचा रहा है। मोबिक्विक ने इससे पहले दो बार आईपीओ लाने की कोशिश की थी, लेकिन आखिरी मौके पर प्लान टाल दिया था।
Mobikwik IPO की पूरी डिटेल
मोबिक्विक ने आईपीओ के लिए 265 से 279 रुपये प्रति शेयर का प्राइस बैंड तय किया है।
इसका लॉट साइज 53 शेयरों का है यानी आपको कम से कम 14,787 रुपये लगाने होंगे।
मोबिक्विक के आईपीओ को 11 से 13 दिसंबर तक सब्सक्राइब किया जा सकता है।
शेयरों का अलॉटमेट 16 दिसंबर को होगा और रिफंड की प्रक्रिया 17 दिसंबर को शुरू होगी।
डीमैट में शेयर क्रेडिट 17 दिसंबर को होंगे, वहीं शेयर मार्केट में लिस्टिंग 18 दिसंबर को होगी।
Mobikwik IPO का GMP कितना है?
मोबिक्विक के आईपीओ को ग्रे मार्केट में काफी अच्छा रिस्पॉन्स मिल रहा है। इसका ग्रे मार्केट प्रीमियम (GMP) फिलहाल 95 रुपये का चल रहा है। इस हिसाब से मोबिक्विक के आईपीओ की लिस्टिंग 374 रुपये पर हो सकती है और निवेशकों को 34.05 फीसदी का शानदार लिस्टिंग गेन मिल सकता है। ग्रे मार्केट एक अनधिकृत बाजार है, जहां आईपीओ की लिस्टिंग से पहले शेयरों का कारोबार होता है। हालांकि, यहां पर शेयरों का भाव काफी तेजी से ऊपर-नीचे होता रहता है।
Mobikwik IPO के पैसों का यूज कैसे करेगी
मोबिक्विक के आईपीओ में पूरी तरह से फ्रेश इक्विटी जारी होगी। कंपनी आईपीओ से मिलने वाले 572 करोड़ रुपये को अलग-अलग काम में खर्च करेगी। यह फाइनेंशियल सर्विसेज बिजनेस में ऑर्गेनिक ग्रोथ के लिए 150 करोड़ रुपये खर्च करेगी। पेमेंट सर्विसेज के विस्तार में 135 करोड़ रुपये लगाएगी। वहीं, 107 करोड़ रुपये एआई, मशीन लर्निंग और टेक्नोलॉजी की रिसर्च एवं डेवलपमेंट में जाएंगे। पेमेंट डिवाइसेज पर पूंजीगत व्यय के लिए 70.2 करोड़ रुपये का खर्च होगा।
Mobikwik का बिजनेस और वित्तीय प्रदर्शन
मोबिक्विक मई 2024 तक भारत में सबसे बड़ी मोबाइल वॉलेट कंपनी थी। यह मोबाइल वॉलेट के अलावा भी कई तरह की वित्तीय सेवाएं देने लगी है। इसमें मोबिक्विक ZIP और ZIP EMI जैसे क्रेडिट प्रोडक्ट्स शामिल हैं। साथ ही, कंपनी अपने वॉलेट, UPI और Zaakpay के जरिए डिजिटल पेमेंट और मोबिक्विक एक्स्ट्रा के जरिए पीयर-टू-पीयर लेंडिंग देती है। Mobikwik का वित्त वर्ष 2024 के लिए रेवेन्यू 875 करोड़ रुपये का था। इसे 14.08 करोड़ रुपये नेट प्रॉफिट हुआ था।
गोल्ड लोन लेने से पहले जानें ये जरूरी बातें, बचें भविष्य की परेशानी से
9 Dec, 2024 03:27 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
गोल्ड ऐसी धातु है, जिसकी हमेशा दुनियाभर में अपनी एक अलग अहमियत रही है। इसके आभूषण पहनने का शौक आम महिलाओं से लेकर राजा महाराजों तक रहा। लेकिन, इसकी सबसे अहम भूमिका रही मौद्रिक प्रणाली में।
आज भी किसी देश की आर्थिक ताकत का अंदाजा इस बात से लगता है कि उसके पास कितना गोल्ड भंडार है। कभी-कभी तो सरकारें सोना गिरवी रखकर कर्ज भी लेती हैं। आम लोग भी अक्सर गोल्ड लोन लेते हैं।
ऐसे में हम आपको बता रहे हैं कि गोल्ड लोन कैसे लिया जाता है, इसे कहां से लेना लिया जाता है और गोल्ड लोने लेते वक्त किन बातों का ख्याल रखना चाहिए।
किन कामों के लिए लेना चाहिए लोन?
आप बच्चों की पढ़ाई, शादी या फिर इमरजेंसी में मेडिकल खर्च जैसे कामों के लिए गोल्ड ले सकते हैं। इसे दूसरे अन्य लोन की तुलना में ज्यादा सुरक्षित माना जाता है। लेकिन, गोल्ड लोन लेना तभी सही होता है, जब कुछ वक्त के लिए ही पैसों की दरकार हो।
घर या जमीन खरीदने जैसे बड़े खर्च के लिए गोल्ड लोन का इस्तेमाल करने से जोखिमों पर पहले अच्छे से सोच विचार कर लेना चाहिए।
बैंक से लोन लें या NBFC से?
यह चीज आपकी सहूलियत पर निर्भर करती है। बैंक में कम ब्याज दर पर गोल्ड लोन मिल जाता है। वहीं, नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनियां (NBFC) ब्याज ज्यादा लेती हैं, लेकिन कर्ज की रकम भी ज्यादा देते हैं।
NBFC का मुख्य धंधा ही सोने के बदले कर्ज देना होता है, इसलिए वहां गोल्ड लोन जल्दी अप्रूव भी हो जाता है। हालांकि, आपके कर्ज लेने से अलग-अलग बैंकों और NBFC में ब्याज दर पता कर लेनी चाहिए।
गोल्ड लोन की अच्छी बात है कि यह अनसिक्योर्ड लोन जैसे पर्सनल लोन, प्रॉपर्टी लोन, कॉर्पोरेट लोन की तुलना में सस्ता पड़ता है।
एक्स्ट्रा चार्जेज पर भी गौर करें
गोल्ड लोन में भी दूसरे आम लोन की तरह प्रोसेसिंग फीस लगती है, जो बैंकों और NBFC के हिसाब से अलग-अलग होती है। कुछ वित्तीय संस्थान इसमें रियायत भी देते हैं। प्रोसेसिंग फीस पर GST भी लगता है।
कुछ बैंक वित्तीय संस्थान वैल्यूएशन फीस भी लेते हैं, जिसकी शुरुआत 250 रुपये से होती है। सर्विस चार्ज, SMS चार्ज और सिक्योर्ड कस्टडी फीस जैसे कुछ अन्य खर्चे भी होते हैं।
री-पेमेंट में कौन-सा ऑप्शन चुनें?
कर्ज देने वाले संस्थान आपको कर्ज की रकम और ब्याज का भुगतान (रीपेमेंट) करने के लिए ढेरों विकल्प देते हैं। अगर आप नौकरीपेशा हैं और आपके पास हर महीने पैसे आते हैं, तो EMI में पेमेंट कर सकते हैं। आपके पास एकमुश्त मूल भुगतान के साथ ब्याज भरने का विकल्प भी रहता है।
बैंक अमूमन 3 महीने से 3 साल तक के लिए गोल्ड लोन देते हैं। यह आप पर निर्भर करता है कि आपके कितने समय के लिए कर्ज चाहिए या फिर आप उसे कितने समय में लौटा सकते हैं।
कैसे गोल्ड के बदलने मिलता है लोन?
सोने के बदले कर्ज लेने की पहली शर्त है कि जिस गोल्ड को आप गिरवी रख रहे हैं, वो कम से कम 18 कैरेट शुद्ध होना चाहिए। बैंक या NBFC गहनों और सोने के सिक्कों के बदले ही लोन देते हैं। आप 50 ग्राम से ज्यादा वजन के सोने के सिक्के गिरवी नहीं रख सकते। वित्तीय संस्थान गोल्ड बार को भी गिरवी नहीं रखते।
लोन पर डिफॉल्ट कर गए तो?
यहां भी कर्ज वाला सामान्य नियम लागू होता है, अगर आप समय कर्ज नहीं चुका पाते, तो वित्तीय संस्थान को आपका सोना बेचने का हक है। साथ ही, अगर सोने का भाव गिरता है, तो आपसे अतिरिक्त सोना गिरवी रखने के लिए भी कहा जा सकता है।
टाटा मोटर्स, एसजेवीएन, एक्सिस बैंक समेत ये शेयर इस हफ्ते आपको देंगे मोटा मुनाफा!
9 Dec, 2024 01:25 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
Stocks Of The Week: लगातार 11 दिनों तक बढ़त के साथ बंद होने के बाद आज (9 दिसंबर) हफ्ते के पहले कारोबारी दिन शेयर बाजार सुस्ती के साथ खुला है. निफ्टी और सेंसेक्स इंडेक्स में मामूली गिरावट देखने को मिली है. ऐसे में अगर आप इस हफ्ते बाजार में खरीदारी करके अपने पोर्टफोलियो को मुनाफे का स्वाद चखाना चाहते हैं तो मार्केट एक्सपर्ट्स की सलाह पर इन चुनिंदा शेयरों पर दांव लगा सकते हैं. एक्सपर्ट्स ने एक हफ्ते में अच्छे मुनाफे के लिए इन शेयरों को खरीदने की सलाह दी है. आइए जानते हैं एक्सपर्ट्स ने इन शेयरों पर क्या टारगेट और स्टॉप लॉस दिए हैं.
Tata Motors
Target Price - 850/880
Stop Loss - 785
PG Electroplast
Target Price - 850
Stop Loss - 790
SJVN
Target Price - 125-130
Stop Loss - 117
Axis Bank
Target Price - 1220
Stop Loss - 1170
Minda Corp
Target Price - 570/590
Stop Loss -----
Eris Lifescience
Target Price - 1590/1630
Stop Loss -----
Gujarat Fluoro
Target Price - 4670/4750
Stop Loss ----
Disclaimer: यहां दी गई शेयर निवेश सलाह बाजार विशेषज्ञों द्वारा दी गई है। निवेश करने से पहले अपने सलाहकार से सलाह लें।
सेंसेक्स-निफ्टी में उतार-चढ़ाव के बाद स्थिरता, बाजार में खरीदारों और बिकवालों का संघर्ष जारी
9 Dec, 2024 11:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
एशियाई बाजारों में कमजोर रुख के बीच शुरुआती घरेलू शेयर बाजार में सोमवार को उतार-चढ़ाव का माहौल देखा गया। बाजार खुलने के बाद सेंसेक्स और निफ्टी फिसलते दिखे लेकिन निचले स्तरों पर खरीदारों ने भी जोर लगाया। 11 बजकर 27 मिनट पर सेंसेक्स और निफ्टी सपाट ढंग से कारोबार करता दिखा। विदेशी पूंजी की निकासी ने भी बाजार की धारणाओं को प्रभावित किया। इसके अलावा रुपया शुरुआती कारोबार में पांच पैसे की गिरावट के साथ अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 84.71 पर कारोबार करता दिखा।
शेयर बाजार की चाल
बीएसई सेंसेक्स सकारात्मक रुख के साथ खुला, लेकिन जल्द ही निवेशकों की बिकवाली का दबाव देखने को मिला और शुरुआती कारोबार में यह 151.36 अंक या 0.19 प्रतिशत की गिरावट के साथ 81,557.76 अंक पर आ गया। एनएसई निफ्टी भी बढ़त के साथ खुलने के बाद शुरुआती सौदों में 37.45 अंक या 0.15 प्रतिशत फिसलकर 24,640.35 अंक पर आ गया।
कौन गिरा, कौन उभरा?
सेंसेक्स में सूचीबद्ध 30 कंपनियों में से हिंदुस्तान यूनिलीवर, नेस्ले इंडिया, अल्ट्राटेक सीमेंट, इंफोसिस, एशियन पेंट्स, महिंद्रा एंड महिंद्रा और टाटा स्टील के शेयरों में सबसे अधिक गिरावट आई। इसके विपरीत, लार्सन एंड टूब्रो, कोटक महिंद्रा बैंक, टेक महिंद्रा, सन फार्मास्यूटिकल्स, एचडीएफसी बैंक और एनटीपीसी के शेयरों में सबसे अधिक तेजी रही।
वैश्विक बाजार में क्या चल रहा है?
एशियाई बाजारों में सियोल, हांगकांग और शंघाई नकारात्मक क्षेत्र में कारोबार कर रहे थे, जबकि टोक्यो में बढ़त दर्ज की गई। एचडीएफसी सिक्योरिटीज के खुदरा शोध प्रमुख दीपक जसानी ने कहा, "एशियाई शेयरों ने सप्ताह की शुरुआत सतर्कता के साथ की, क्योंकि निवेशक दक्षिण कोरिया की राजनीतिक उथल-पुथल से जूझ रहे थे और चीन से नए प्रोत्साहन की प्रतीक्षा कर रहे थे।"
जसानी ने कहा कि इस सप्ताह ऑस्ट्रेलिया, ईसीबी, कनाडा, स्विट्जरलैंड और ब्राजील के केंद्रीय बैंकों के नतीजे आने की उम्मीद है। शुक्रवार को अमेरिकी बाजार मिलेजुले रुख के साथ बंद हुए। वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.41 प्रतिशत बढ़कर 71.41 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया।
शुक्रवार को विदेशी निवेशकों ने की थी बिकवाली
विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने पिछले कई दिनों से लगातार खरीदारी के बाद शुक्रवार को बिकवाली की। एक्सचेंज के आंकड़ों के अनुसार, उन्होंने 1,830.31 करोड़ रुपये के शेयर बेचे। शुक्रवार को 30 शेयरों वाला बीएसई बेंचमार्क सेंसेक्स 56.74 अंक या 0.07 प्रतिशत गिरकर 81,709.12 पर बंद हुआ था, जबकि एनएसई निफ्टी 30.60 अंक गिरकर 24,677.80 पर बंद हुआ था।
पूर्वोत्तर राज्यों में 123 किलोग्राम मेथामफेटामाइन जब्त किया गया
8 Dec, 2024 07:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । चालू वित्त वर्ष में असम और मिजोरम जैसे पूर्वोत्तर के राज्यों में मादक पदार्थ मेथामफेटामाइन की जब्ती में वृद्धि हो रही है। राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) ने अप्रैल-सितंबर के दौरान 123 किलोग्राम मेथामफेटामाइन जब्त किया है। मेथामफेटामाइन, जिसे आइस या क्रिस्टल मेथ के रूप में भी जाना जाता है, भारत में कानून प्रवर्तन एजेंसियों के लिए एक महत्वपूर्ण चुनौती बन गया है। डीआरआई की रिपोर्ट के अनुसार तस्करी की जांच से संकेत मिलता है कि मेथामफेटामाइन को अंडमान सागर और बंगाल की खाड़ी में समुद्री मार्गों के माध्यम से अवैध रूप से भारत में लाया जा रहा है। तस्करी के लिए नशीली दवाओं को तटीय इलाकों में बसों, ट्रेनों या कारों में विशेष रूप से तैयार किए गए डिब्बों में छुपाकर लाया जाता है। वित्त वर्ष 2024-25 की पहली छमाही में डीआरआई ने 11 मामलों में 123 किलोग्राम मेथामफेटामाइन जब्त किया। वित्त वर्ष 2023-24 की पूरी अवधि में आठ मामलों में 136 किलोग्राम मेथामफेटामाइन जब्त किया गया। डीआरआई की पिछली रिपोर्ट के अनुसार 136 किलोग्राम मेथामफेटामाइन की अवैध बाजार में कीमत 274.75 करोड़ रुपये है। शासन ने इस विषय पर ध्यान देने की जरूरत बताई है और तस्करी को रोकने के लिए सख्त कार्रवाई की जाने की मांग की है।
भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति पर चर्चा
8 Dec, 2024 06:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । भारतीय रिजर्व बैंक ने हाल ही में अपनी मौद्रिक नीति पर चर्चा करते हुए ब्याज दरों में कोई कटौती नहीं की। अगले वर्ष तक रेपो रेट 6.5 फीसदी पर अपरिवर्तित रहेगी, जबकि कैश रिजर्व रेशियो 0.50 फीसदी कम किया गया है। रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने महंगाई से राहत दिलाने को अपनी प्राथमिकता बताई है। महंगाई दर 14 महीने के सबसे उच्च स्तर पर पहुंच गई है और इसके कारण रिजर्व बैंक की टारगेट रेंज को 2 से 6 फीसदी में रखने का प्रयास किया जा रहा है। महंगाई दर की इस बढ़ोतरी के बावजूद, गवर्नर शक्तिकांत दास अभी भी ब्याज दरों में कटौती करने के अनुकूल नहीं हैं। इसके साथ ही भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन के नक्शेकदम पर चलते हुए गवर्नर शक्तिकांत दास का रुख दिखाई दे रहा है। रघुराम राजन ने भी अत्यधिक महंगाई के समय ब्याज दरों को बढ़ाया था, अगर भी सरकार चाहे तो वे कदम नहीं उठा पाए थे। वित्त और उद्योग मंत्रियों ने भी ब्याज दरें कम करने की मांग की है ताकि व्यापारियों को विस्तार और कैपेसिटी बढ़ाने के लिए सस्ता पैसा मिल सके। इस सभी चर्चाओं के बीच, अभी तक कोई निर्णय सुनिश्चित नहीं हुआ है की ब्याज दरों में कटौती होगी या नहीं।
अगले सप्ताह आईपीओ बाजार में होगी हलचल
8 Dec, 2024 05:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । अगले सप्ताह आईपीओ बाजार में हलचल मचने वाली है। विशाल मेगा मार्ट, टीपीजी कैपिटल समर्थित साई लाइफ साइंसेज और वित्तीय प्रौद्योगिकी कंपनी वन मोबिक्विक सिस्टम्स जैसी 11 कंपनियां अपने आरंभिक शेयर बिक्री (आईपीओ) के लिए तैयार हैं, जिनका सामूहिक लक्ष्य लगभग 18,500 करोड़ रुपये जुटाना है। इस दौरान पेश किए जाने वाले मुख्य बोर्ड के अन्य आईपीओ में इन्वेंटुरस नॉलेज सॉल्यूशंस लिमिटेड और ब्लैकस्टोन के स्वामित्व वाली डायमंड ग्रेडिंग कंपनी इंटरनेशनल जेमोलॉजिकल इंस्टीट्यूट (इंडिया) लिमिटेड शामिल हैं। पांच मेनबोर्ड आईपीओ के साथ, छह सूक्ष्म एवं लघु उद्यम (एसएमई) अगले सप्ताह अपने पहले सार्वजनिक निर्गम जारी करने की तैयारी कर रहे हैं। इनका लक्ष्य सामूहिक रूप से 150 करोड़ रुपये से अधिक जुटाने का है। साल 2024 में अब तक हुंदै मोटर इंडिया, स्विगी, एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी, बजाज हाउसिंग फाइनेंस और ओला इलेक्ट्रिक मोबिलिटी सहित 78 मुख्य बोर्ड की कंपनियों ने मुख्य बोर्ड के माध्यम से सामूहिक रूप से लगभग 1.4 लाख करोड़ रुपये जुटाए हैं। यह 2023 में इस मार्ग से 57 कंपनियों द्वारा जुटाए गए 49,436 करोड़ रुपये से कहीं अधिक है। विशाल मेगा मार्ट, साई लाइफ साइंसेज और मोबिक्विक के आईपीओ 11 दिसंबर को सार्वजनिक सदस्यता के लिए खुलेंगे और 13 दिसंबर को बंद होंगे।इन्वेंटुरस नॉलेज सॉल्यूशंस और इंटरनेशनल जेमोलॉजिकल इंस्टीट्यूट के तीन दिन के आईपीओ क्रमशः 12 दिसंबर और 13 दिसंबर को खुलेंगे।
भारत में एफडीआई निवेश 1,000 अरब डॉलर के पार
8 Dec, 2024 04:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) प्रवाह अप्रैल 2000 से सितंबर 2024 के दौरान 1,000 अरब अमेरिकी डॉलर को पार कर गया है। इससे वैश्विक स्तर पर एक सुरक्षित और प्रमुख निवेश गंतव्य के रूप में देश की प्रतिष्ठा को मान्यता मिलती है। उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) के आंकड़ों के अनुसार इक्विटी, पुनर्निवेशित आय और अन्य पूंजी सहित एफडीआई की कुल राशि इस अवधि के दौरान 1,033.40 अरब अमेरिकी डॉलर रही। आंकड़ों के मुताबिक लगभग 25 प्रतिशत एफडीआई मॉरीशस मार्ग से आया। इसके बाद सिंगापुर (24 प्रतिशत), अमेरिका (10 प्रतिशत), नीदरलैंड (सात प्रतिशत), जापान (छह प्रतिशत), ब्रिटेन (पांच प्रतिशत), यूएई (तीन प्रतिशत) और केमैन आइलैंड्स, जर्मनी और साइप्रस की हिस्सेदारी रही।आंकड़ों के अनुसार समीक्षाधीन अवधि के दौरान भारत को मॉरीशस से 177.18 अरब अमेरिकी डॉलर, सिंगापुर से 167.47 अरब अमेरिकी डॉलर और अमेरिका से 67.8 अरब अमेरिकी डॉलर मिले। इनमें से ज्यादातर निवेश सेवा क्षेत्र, कंप्यूटर सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर, दूरसंचार, व्यापार, निर्माण विकास, ऑटोमोबाइल, रसायन और दवा क्षेत्र में आया।
सीतारमण का बड़ा बयान: धीमी विकास दर पर कहा- तीसरी तिमाही में ग्रोथ रेट हो जाएगी सामान्य
7 Dec, 2024 05:59 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही जुलाई से सितंबर, 2024 में देश की आर्थिक विकास दर की रफ्तार सुस्त हो कर 5.4 फीसदी निश्चित तौर पर दर्ज की गई है लेकिन देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और आरबीआई गवर्नर डॉ. शक्तिकांत दास दोनों यह मानते हैं कि तीसरी तिमाही के बाद ग्रोथ रेट रफ्तार पकड़ लेगी।
निर्मला सीतारमण यहां एक कार्यक्रम में हिस्सा लेते हुए विकास दर में दर्ज सुस्ती पर अपनी बात कह रही थी। उन्होंने कहा कि दूसरी तिमाही की गिरावट को क्रमिक मानने से इनकार किया है। इस गिरावट की भरपाई तीसरी तिमाही में होने की उम्मीद जताते हुए सीतारमण ने कहा है कि दूसरी तिमाही में सार्वजनिक व्यय में कमी होने, पूंजीगत खर्चे के नहीं होने जैसे कुछ कारणों से विकास दर कम हुई है। मुझे उम्मीद है कि तीसरी तिमाही (अक्टूबर से दिसंबर, 2024) में इस सभी की भरपाई हो जाएगी।
सीतारमण के इस बयान से कुछ ही घंटे पहले आरबीआई गवर्नर डॉ. शक्तिकांत दास ने मौद्रिक नीति समीक्षा पेश करते हुए सालाना आर्थिक विकास दर के अनुमान को 7.2 फीसदी से घटा कर 6.6 फीसदी कर दिया। हालांकि उन्होंने भी यह स्वीकार किया की तीसरी तिमाही में विकास की रफ्तार तेज होगी।
डॉ. दास ने कहा कि जो भी संकेतक हैं वह बताते हैं कि दूसरी तिमाही में जो गिरावट हुई है वह अब और नीचे नहीं जाने वाली। अब इसमें सुधार के साफ संकेत है। कृषि सेक्टर और औद्योगिक गतिविधियों की स्थिति पिछली तिमाही (जुलाई-सितंबर) से बेहतर है।
ग्रामीण खपत में तेजी है, सरकार की खपत भी बढ़ रही है, निवेश में भी सुधार के लक्षण हैं। निर्यात में हमने 17.2 फीसदी की तेजी देखी है। सर्विस सेक्टर का निर्यात भी 22.3 फीसदी से बढ़ा है। ऐसे में तीसरी तिमाही में आर्थिक विकास दर 6.9 फीसदी और चौथी तिमाही में 7.2 फीसदी है।
Petrol-Diesel Price Update: 7 दिसंबर के ताजे दाम, टंकी फुल करवाने से पहले जानें कीमतें
7 Dec, 2024 05:32 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
देश की मुख्य तेल कंपनियों ने 7 दिसंबर 2024 के लिए पेट्रोल-डीजल के दाम (Petrol- Diesel Price) जारी कर दिये हैं। तेल की कीमतों को अपडेट करने का सिलसिला वर्ष 2017 से जारी है। हर दिन इनकी कीमतों को अपडेट किया जाता है। ऐसे में गाड़ीचालक को लेटेस्ट रेट चेक करने के बाद ही टंकी फुल करवाना चाहिए।
आइए इंडियन ऑयल की ऑफिशियल वेबसाइट के जरिए जानते हैं कि महानगर और बाकी शहरों में पेट्रोल-डीजल के दाम (Petrol- Diesel Price 7 December 2024) क्या है?
महानगरों में पेट्रोल-डीजल के दाम
दिल्ली में एक लीटर पेट्रोल की कीमत 94.72 रुपये और डीजल की कीमत 87.62 रुपये प्रति लीटर है।
मुंबई में पेट्रोल की कीमत 103.44 रुपये प्रति लीटर और डीजल की कीमत 89.97 रुपये प्रति लीटर है।
कोलकाता में पेट्रोल की कीमत 104.95 रुपये प्रति लीटर और डीजल 91.76 रुपये प्रति लीटर है।
चेन्नई में पेट्रोल की कीमत 100.75 रुपये प्रति लीटर और डीजल की कीमत 92.34 रुपये प्रति लीटर है।
अन्य बड़े शहरों में पेट्रोल-डीजल के दाम
नोएडा: पेट्रोल 94.83 रुपये प्रति लीटर और डीजल 87.96 रुपये प्रति लीटर
गुरुग्राम: पेट्रोल 95.19 रुपये प्रति लीटर और डीजल 88.05 रुपये प्रति लीटर
बेंगलुरु: पेट्रोल 102.86 रुपये प्रति लीटर और डीजल 88.94 रुपये प्रति लीटर
चंडीगढ़: पेट्रोल 94.24 रुपये प्रति लीटर और डीजल 82.40 रुपये प्रति लीटर
हैदराबाद: पेट्रोल 107.41 रुपये प्रति लीटर और डीजल 95.65 रुपये प्रति लीटर
जयपुर: पेट्रोल 104.88 रुपये प्रति लीटर और डीजल 90.36 रुपये प्रति लीटर
पटना: पेट्रोल 105.18 रुपये प्रति लीटर और डीजल 92.04 रुपये प्रति लीटर
Gold Price Today: सोने के भाव में कोई बदलाव नहीं, चांदी हुई सस्ती – जानें आज के प्राइस
7 Dec, 2024 05:29 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
सप्ताह के आखिरी कारोबारी दिन सोने की कीमतों में कोई बदलाव नहीं हुआ। वहीं, चांदी के भाव में गिरावट आई। अखिल भारतीय सर्राफा संघ के अनुसार, शुक्रवार को राष्ट्रीय राजधानी में सोने की कीमत 79,150 रुपये प्रति 10 ग्राम पर स्थिर रही। हालांकि, चांदी 300 रुपये घटकर 93,500 रुपये प्रति किलोग्राम रह गई। गुरुवार को सफेद धातु 93,800 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुई। शुक्रवार को 99.5 प्रतिशत शुद्धता वाले सोने की कीमत भी 78,750 रुपये प्रति 10 ग्राम पर स्थिर रही।
मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) पर वायदा कारोबार में फरवरी डिलीवरी वाले सोने के अनुबंधों में 181 रुपये या 0.24 प्रतिशत की तेजी आई और यह 76,657 रुपये प्रति 10 ग्राम पर कारोबार कर रहा था। एक्सपर्ट का मानना है कि अगर भू-राजनीतिक तनाव बढ़ता है, तो गोल्ड की कीमतें भी बढ़ सकती हैं।
सोने की कीमतों पर क्या है एक्सपर्ट की राय
एलकेपी सिक्योरिटीज में कमोडिटी और करेंसी के वीपी रिसर्च एनालिस्ट जतिन त्रिवेदी ने कहा, "आज शाम को बाजार में गैर-कृषि पेरोल और बेरोजगारी के महत्वपूर्ण आंकड़ों का इंतजार है। इसलिए एमसीएक्स पर सोने में मामूली बढ़त दर्ज की गई। फेड के नीतिगत दृष्टिकोण को आकार देने के लिए ये मीट्रिक महत्वपूर्ण हैं।"
एचडीएफसी सिक्योरिटीज में कमोडिटीज के वरिष्ठ विश्लेषक सौमिल गांधी ने कहा, "अमेरिका में उम्मीद से बेहतर मैक्रोइकॉनोमिक डेटा फेड को इस महीने दरों में कटौती रोकने के लिए मजबूर कर सकता है। इसका सोने की कीमतों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। दूसरी ओर, उम्मीद से कमजोर डेटा सोने की कीमतों में उछाल ला सकता है।"
भू-राजनीतिक तनाव पर भी रहेगी नजर
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड के कमोडिटी रिसर्च के विश्लेषक मानव मोदी ने कहा, "डॉलर में कमजोरी और शुक्रवार को आने वाली प्रमुख नौकरियों की रिपोर्ट से पहले सोने में स्थिरता बनी हुई है। भू-राजनीतिक अशांति लगातार बढ़ रही है, जिससे सुरक्षित निवेश वाली संपत्तियों के लिए मजबूत आधार तैयार हो रहा है।'
फ्रांस की सरकार गिर गई, जबकि दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यूं सुक-योल के खिलाफ महाभियोग चलाने की मांग बढ़ गई, क्योंकि उन्होंने देश में मार्शल लॉ लागू करने का असफल प्रयास किया था। मोदी ने कहा कि अमेरिका से लगातार कमजोर आंकड़ों की रिपोर्ट के बाद डॉलर में गिरावट आई, जो गोल्ड के लिए अच्छी बात है।
Credit Card फ्रॉड के बढ़ते मामले, जानें कैसे रह सकते हैं आप सुरक्षित
7 Dec, 2024 05:06 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
क्रेडिट कार्ड के माध्यम से अब पेमेंट आसानी हो गया है। अब कैश न होने के बाद भी पेमेंट कर सकते हैं। क्रेडिट कार्ड ने पेमेंट आसान किया है, लेकिन कई फ्रॉड भी हो रहे हैं। ऐसे में हमेशा सलाह दिया जाता है कि क्रेडिट कार्ड की जानकारी कभी किसी को न दें।
अगर कभी क्रेडिट कार्ड के माध्यम से फ्रॉड हो जाता है तो आपको सबसे पहले कार्ड को ब्लॉक करना चाहिए। हाल ही में एक मामला सामने आया जिसमें कार्ड के ब्लॉक होने के बाद भी कार्ड यूजर के साथ फ्रॉड हुआ। अब सवाल आता है कि क्या कार्ड के ब्लॉक होने के बाद भी फ्रॉड हो सकता है। हम आपको इस आर्टिकल में बताएंगे कि आप कैसे इस तरह के फ्रॉड से बच सकते हैं।
कभी न शेयर करें ये जानकारी
फाइनेंशियल एक्सपर्ट भी सलाह देते हैं कि कभी भी अपने क्रेडिट कार्ड का नंबर, कार्ड वेरिफिकेशन वैल्यू (CVV) और एक्सपायरी डेट किसी को शेयर न करें। अगर आप यह डिटेल्स शेयर करते हैं तो आपके साथ फ्रॉड हो सकता है।
इसके अलावा आप जब ऑनलाइन शॉपिंग करते हैं तो हमेशा इंटरनेशनल गेटवे से ऑनलाइन पेमेंट करें। इसमें आपको ओटीपी के माध्यम से पेमेंट करने की आवश्कता नहीं होती है। इसमें आपको क्रेडिट कार्ड से पेमेंट करते समय कार्ड डिटेल्स देनी होगी।
क्या ब्लॉक कार्ड से भी हो सकता है फ्रॉड
किसी भी फ्रॉड होने पर आपको कार्ड को ब्लॉक करने की सलाह दिया जाता है। लेकिन, उत्तर प्रदेश के एक मामले में कार्ड के ब्लॉक होने के बाद भी ठगबाज ने कार्ड का इस्तेमाल किया। दरअसल, इस मामले में पता चला कि कार्ड ब्लॉक हुआ ही नहीं था। ऐसे में अगर आप भी कार्ड ब्लॉक करने जाते हैं तो आपको एक बार कन्फर्म कर लेना चाहिए कि कार्ड ब्लॉक हुआ है या नहीं।
क्रेडिट कार्ड फ्रॉड होने पर क्या करें?
अगर आपके साथ भी कभी कोई फ्रॉड होता है तो आपको जल्द से जल्द शिकायत करना चाहिए। आपको पुलिस के साइबर सेल से संपर्क करना चाहिए ताकि आपका अकाउंट ब्लॉक हो जाए और पुलिस जांच शुरू करें।
Investment Tips: अपनी सैलरी से ऐसा बजट बनाएं, पैसे कभी खत्म नहीं होंगे
7 Dec, 2024 05:02 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
हम जॉब करते हैं तो साथ में जिम्मेदारी भी आती है। हम कोशिश करते हैं कि अपने माता-पिता को कोई आर्थिक मदद करें। इसके अलावा हम ज्यादा से ज्यादा सेविंग करने की भी कोशिश करते हैं। लेकिन, इसके लिए सही प्लानिंग होना जरूरी है। प्लानिंग के साथ बजट और अनुशासन का भी अहम रोल है।
हम आपको आप फाइनेंशियल सशक्त होने और सही बजट तैयार करने में मदद करेंगे। वैसे तो वित्तीय तौर पर बजट बनाने के लिए कई फॉर्मूला है, लेकिन इन फॉर्मूला में सबसे पॉपुलर 50-30-20 फॉर्मूला (50-30-20 Formula) है।
क्या है 50-30-20 फॉर्मूला?(What is 50-30-20 Formula?)
इस फॉर्मूला में आप अपनी सैलरी को तीन भाग में बांटते हैं। फॉर्मूला में 50 फीसदी हिस्सा खर्च, 30 फीसदी जरूरत और 20 फीसदी सेविंग होता है। यह फॉर्मूला सेविंग के साथ एक्सपेंस को मैनेज करने में भी मदद करता है। इसके अलावा यह कई फाइनेंशियल गोल को पूरा करने में भी हेल्प करता है।
कैसे काम करता है ये फॉर्मूला? (How does the 50-30-20 Formula work?)
28 वर्षीय पूजा दिल्ली के पीजी में रहती है। वह मासिक 50,000 रुपये कमाती है। इसमें से वह हर महीने 10,000 रुपये अपने माता-पिता को भेजती है। अब सवाल आता है कि वह इस फॉर्मला के मदद से अपने खर्चों और आवश्यकताओं के साथ सेविंग कैसे करेगी?
पूजा हर महीने अपनी सैलरी से 10,000 रुपये माता-पिता को देती है। इसके बाद उसकी कुल सैलरी 40,000 रुपये होती है। 50-30-20 फॉर्मूला के हिसाब से पूजा को मासिक सैलरी का 50 फीसदी हिस्सा यानी 20,000 रुपये खर्च में होंगे। इस खर्च में पीजी का किराया, खाना,बिजली बिल आदि शामिल हैं।
अब बाकी बचे 50 फीसदी सैलरी को दो भाग में बांटे। बची हुई सैलरी का 30 फीसदी हिस्सा यानी 12,000 रुपये का इस्तेमाल जरूरत के लिए करें। जरूरत से हमारा मतलब लाइफस्टाइल से है जैसे जिम या कोई वर्कशॉप आदि पर खर्च करें। आपको कोशिश करना चाहिए कि आप इन आवश्यकता में से भी कुछ राशि अवश्य बचाएं जो आपके छोटे गोल जैसे ट्रैवल ट्रिप या किसी महंगे ब्रांड के क्लोथ और स्मार्टफोन आदि को पूरा करने में मदद करें।
अब बाकी बचे 20 फीसदी यानी 8,000 रुपये को सेव करें। अपनी सेविंग और निवेश के साथ आपको हर महीने कुछ राशि इमरजेंसी फंड (Emergency Fund) में डालना चाहिए जो आपात स्थिति में आपको वित्तीय मदद करें। इसके अलावा आपको कुछ राशि को इन्वेस्ट करना चाहिए ताकि आपको रिटर्न मिले जो आपकी सेविंग को बढ़ाने में मदद करें। हालांकि, आपको इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि आपके सेविंग अकाउंट में हमेशा बैलेंस रहे जो मेडिकल इमरजेंसी में मदद करें।
इस तरह आप 50-30-20 फॉर्मूला की मदद से अपने खर्चों और जरूरतों के साथ सेविंग कर पाएंगे।