उत्तर प्रदेश
बिहार के समस्तीपुर का युवक बना जासूस, पाकिस्तान से था संपर्क
30 Apr, 2025 12:21 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
देश की खुफिया एजेंसियों ने पंजाब के बठिंडा से सुनील कुमार राम को हिरासत में लिया है. उस पर पाकिस्तान के लिए जासूसी करने का आरोप है. उससे पूछताछ की जा रही है. सूत्रों के मुताबिक, सुनील के पाकिस्तानी लड़की से संबंध हैं, वह उससे व्हाट्सएप पर चैटिंग करता था. सुनील कुमार राम, बिहार के समस्तीपुर का रहने वाला है. सुरक्षा एजेंसियां मामले की जांच कर रही हैं.
पकड़ा गया सुनील राम समस्तीपुर के बिथान थाने के गांव सिहमा का रहने वाला है. वह मोची का काम करता है. गांव में उसका बड़ा मकान है. उसकी गिरफ्तारी से गांव वाले हैरत में हैं. गांव के लोगों के मुताबिक, सुनील काफी गुस्सैल वाला है. उसके स्वभाव के चलते गांव में लोग उससे कम बोला करते थे. वह लग्जरी गाड़ी से संदिग्ध लोगों के साथ गांव आता था. सुनील की गिरफ्तारी के बाद से उसके परिजन गांव के घर में ताला लगाकर फरार हो गए हैं.
पाकिस्तानी लड़की से संबंध और जासूसी
पाकिस्तानी लड़की से संबंध और जासूसी करने के शक में सुनील कुमार राम कई दिनों से खुफिया एजेंसियों के निशाने पर था. जानकारी के मुताबिक, वह बठिंडा में मोची का काम करता है. आमदनी कम होने के बाद भी उसकी जीवन शैली लग्जरी थी. उसके गांव के लोगों का कहना है कि उसने बठिंडा में अपनी जमीन लेकर वहां शानदार मकान बनवाया है. जो किसी बंगले की तरह है. उसके गांव में भी बड़ा घर है. वह दो भाई हैं. सुनील की गिरफ्तारी के बड़ा से उसका पूरा परिवार फरार हो गया है.
बठिंडा कैंट से किया गिरफ्तार
सूत्रों के मुताबिक, सुनील कुमार राम का पाकिस्तानी लड़की से संबंध हैं. वह उससे चैटिंग किया करता था. खुफिया एजंसियों को उस पर कुछ शक हुआ, जिसके बाद उसे बठिंडा कैंट से हिरासत में लिया गया. बताया यह भी जा रहा है कि उसके मोबाइल से संदिग्ध चीज मिली हैं. उससे पूछताछ की जा रही है. हालांकि, इस मामले में बठिंडा पुलिस ने कोई भी जानकारी नहीं दी है. उसके गांव के लोगों का यहां तक कहना है कि सुनील जब भी गांव आता तो वह लग्जरी गाड़ी में संदिग्ध लोगों के साथ होता टघा. उसके पास पिस्टल भी देखी गई थी.
एक दिन से लापता था किशोर, झरना पहाड़ी में मिला शव
30 Apr, 2025 12:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रांची: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ झारखंड के प्रांत प्रचारक गोपाल शर्मा ने महारानी अहिल्याबाई होलकर एवं संविधान निर्माता बाबासाहेब भीमराव आंबेदकर के जीवन से प्रेरणा लेने पर जोर देते हुए कहा कि उन महान विभुतियों के बारे में समाज एवं अपनी आने वाली पीढ़ी को बताने की जरूरत है।
दोनों ने विपरीत परिस्थितियों में आगे बढ़ते हुए समाज एवं देश के लिए बहुत कुछ किया। वे आरएसएस के सामाजिक समरसता गतिविधि की ओर से महारानी अहिल्याबाई होलकर की 300वीं एवं बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर की 134वीं जयंती समारोह को संबोधित कर रहे थे।
कार्यक्रम का आयोजन सरस्वती शिशु विद्या मंदिर धुर्वा में किया गया था। गोपाल शर्मा ने कहा कि अहिल्याबाई कठिन परिस्थितियों में मालवा सामाज्य की शासक बनी। उस समय तीन लाख से ज्यादा मंदिरों को मुगलों ने ध्वस्त कर दिया था, जो मंदिर कभी सेवा, संस्कार एवं सहयोग के केंद्र हुआ करते थे। अहिल्याबाई ने हजारों मंदिरों का निर्माण करवाया।
नदियों व तालाबों के किनारे घाट बनवाने के साथ-साथ शिक्षण संस्थान बनवाने का भी काम की। परंतु इतिहास में उनके बारे में सही जानकारी नहीं दी गई है। जब उनके बारे में पढ़ेंगे तो पता चलेगा की पिछड़े वर्ग से आने के बाद भी समाज के लिए सेवा के कितने कार्य किए हैं। उन्होंने शिवाजी महाराज, गुरु तेगबहादुर व महाराणा प्रताप के जीवन से भी प्रेरणा लेने पर जोर दिया।
बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर की चर्चा करते हुए कहा उनके नाम पर आज देश को बांटने की साजिश चल रही है। उससे सतर्क रहते हुए समाज को जागृत करना है। इस मौके पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि समाजिक समरसता गतिविधि के प्रांत संयोजक दिनेश मंडल ने 'हम सब हिंदू एक हैं' का भाव लोगों में जगाने का काम किया।
समारोह की अध्यक्ष भारतीय दार्शनिक परिषद की राष्ट्रीय अध्यक्ष डा. राजकुमारी सिन्हा ने महिलाओं को भी सामाजिक परिवर्तन में अपनी भागीदारी निभाने पर जोर दिया। इतिहास के कई तथ्यों का उल्लेख किया। धन्यवाद ज्ञापन गतिविधि के महानगर पालक सत्यनारायण कंठ ने किया।
मंच पर क्षेत्र संघचालक देवव्रत पाहन एवं महानगर संघचालक पवन मंत्री भी थे। समारोह में पर्यावरण संरक्षण गतिविधि के प्रांत संयोजक सच्चिदानंद मिश्र एवं कुटुंब प्रबोधन के संयोजक सकलदेव चौरसिया, नगर संघचालक नागेंद्र कुमार, नगर कार्यवाह सुबोध कुमार व सह कार्यवाह रौशन कुमार, महानगर प्रचारक विशाल कुमार, जिज्ञासा ओझा, ललन कुमार सहित बड़ी संख्या में समाज के लोग उपस्थित थे। महिलाओं की संख्या भी अच्छी थी।
फतेहपुर सीकरी: बड़े भाई ने की छोटे भाई की हत्या, शव को बिटोरे में जलाया
30 Apr, 2025 10:08 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
आगरा: पत्नी से अभद्रता की घटना पर भड़का बड़ा भाई छोटे भाई की जान का दुश्मन बन गया। दिन में मारपीट किए जाने पर छोटा भाई फतेहपुर सीकरी थाने पहुंचा और खुद को निर्दोष बताकर शिकायत की। तीन घंटे तक बिठाए रखने के बाद पुलिस ने सुबह आने की कहकर लौटा दिया।
रात में घर पहुंचे छोटे भाई की बड़े भाई ने पीट-पीटकर हत्या कर दी। इसके बाद उसका शव बिटोरे में फूंक दिया। सुबह जानकारी होने पर पुलिस पहुंची तब तक परिवार फरार हो गया। फोरेंसिक टीम को घटनास्थल से हत्या के साक्ष्य मिले हैं।
निजी अस्पताल में चौकीदारी करने वाले दुल्हारा निवासी हरभान सिंह के तीन बेटों में सबसे बड़ा रंजीत व मझला बेटा रनवीर हैं। रनवीर टेंपो चलाता था। सबसे छोटा बेटा मुकेश अभी पढ़ाई कर रहा है। रंजीत की शादी हो चुकी है और पूरा परिवार एक ही घर में रहता है।
रंजीत की पत्नी ने एक माह पहले रनवीर पर अभद्रता का आरोप लगाया था। तभी से दोनों भाइयों में विवाद चल रहा था। 27 अप्रैल को रंजीत की पत्नी ने रनवीर के खिलाफ थाना फतेहपुर सीकरी में तहरीर भी दी, लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। सोमवार दोपहर रंजीत व परिवार के अन्य लोगों ने रनवीर के साथ मारपीट की।
भाइयों ने मारपीट की, पुलिस ने बैठाए रखा
ग्रामीणों ने बताया कि शाम पांच बजे रनवीर फतेहपुर सीकरी थाने पहुंचा। उसने पुलिस को बताया कि उसके भाइयों ने उसके साथ मारपीट की है। तहरीर लेने के बाद पुलिस मेडिकल कराने की कहकर तीन घंटे बिठाए रही और बाद में कह दिया कि सुबह आना। रात आठ बजे वह घर पहुंच गया। आरोप है कि उसके बड़े भाई व परिवार के अन्य लोगों ने उसको पीट-पीटकर अधमरा कर दिया। परिवार के कुछ लोग मरणासन्न हालत में उसे भरतपुर लेकर गए, वहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। इसके बाद रात में ही परिवार के लोगों ने रनवीर का शव गांव में बने बिटोरे में रखकर फूंक दिया।
चौकीदार की सूचना पर पहुंची पुलिस
गांव के चौकीदार की सूचना के चार घंटे बाद मंगलवार सुबह सात बजे पुलिस पहुंची। तब तक परिवार के लोग वहां से फरार हो गए। पुलिस के साथ पहुंची फोरेंसिक टीम को घर में खून के निशान और बिटोरे में जली हुई अस्थियों के अवशेष भी मिले। ग्रामीणों का कहना है कि पुलिस अगर कार्रवाई कर देती तो रनवीर की जान बच जाती।
पुलिस आयुक्त दीपक कुमार का कहना है कि प्रथमदृष्टया पुलिस की लारवाही सामने आ रही है। 48 घंटे में जांच के आदेश दिए हैं। इसके बाद थाना प्रभारी पर कार्रवाई की जाएगी।
बीजेपी के दो पूर्व विधायक दोषी, 2003 में डीएम से की थी अभद्रता
30 Apr, 2025 09:57 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
उत्तर प्रदेश के बस्ती में एमपीएमएलए कोर्ट ने साल 2003 में हुए एमएलसी के दौरान हुई मारपीट के मामले में दो पूर्व बीजेपी के विधायकों सहित 6 लोगों को तीन साल की सजा सुनाई. पुलिस ने सभी मुजरिमों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. वहीं, दो लोगों की ट्रायल के दौरान ही मौत हो गई थी. साल 2003 में ही सपा प्रत्याशी कंचना सिंह ने तत्कालीन डीएम पर मतगणना में धांधली का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई थी. बाद में डीएम के साथ अभ्रदता की बात सामने आई थी.
बस्ती में साल 2003 में हुए एमएलसी चुनाव में पूर्व विधायक आदित्य विक्रम सिंह की पत्नी कंचना सिंह सपा प्रत्याशी थी और बीजेपी से मनीष जयसवाल प्रत्याशी थे. चुनाव में बीजेपी प्रत्याशी मनीष जायसवाल की जीत हुई थी. 3 दिसंबर को सपा प्रत्याशी कांचना सिंह और उनके समर्थकों ने तत्कालीन डीएम अनिल कुमार द्वितीय पर मतगणना में धांधली का आरोप लगाते हुए शिकायत की.
लोअर कोर्ट ने सुनाई थी 3 साल की सजा
इस दौरान डीएम के साथ अभद्रता की बात भी सामने आई थी. एडीएम रहे श्रीश दुबे की तहरीर पर बस्ती कोतवाली में लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत 8 लोगों पर मुकदमा दर्ज हुआ था. इसके बाद इस मामले की सुनवाई लोअर कोर्ट में चली, जहां गवाही पूरी होने के बाद सभी दो पूर्व विधायक सहित सभी आरोपियों को तीन साल की सजा सुनाई गई थी. इस दौरान दो आरोपियों की मौत हो गई थी. इसके बाकी 6 दोषियों ने तीन साल की सजा के खिलाफ एमपीएमएलए कोर्ट में याचिका दायर की थी.
दो पूर्व विधायकों सहित 6 लोगों को भेजा गया जेल
एमपीएमएलए कोर्ट ने लोअर कोर्ट का फैसला बरकरार रखते हुए सभी लोगों को तीन सजा की सुनाई है. पुलिस ने मामले में दो पूर्व विधायकों सहित 6 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. कोर्ट ने पूर्व बीजेपी विधायक संजय जयसवाल, पूर्व बीजेपी विधायक आदित्य विक्रम सिंह, पूर्व ब्लॉक प्रमुख त्र्यंबक पाठक, पूर्व ब्लॉक प्रमुख महेश सिंह, अशोक सिंह और इरफान को तीन साल की सजा सुनाई है. इस मामले में सपा प्रत्याशी कंचना सिंह की मौत हो चुकी हैं.
आगरा में बहू के साथ दरिंदगी, पुलिस ने दर्ज किया मामला
30 Apr, 2025 09:52 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
उत्तर प्रदेश के आगरा में विवाहिता के साथ जुल्म-ओ-सितम की ऐसी कहानी सामने आई है, जिसे जानकर पुलिस भी सन्न रह गई. यहां ससुराल में बहू को रोज टॉर्टर दिया जा रहा था. मानसिक और शारीरिक रूप, दोनो सें. रोज बहू के चीखने चिल्लाने की आवाज आती थी. फिर एक दिन तो जुल्म की इंतहां इतनी बढ़ गई कि पड़ोसियों से रहा न गया. उन्होंने तुरंत जाकर बहू को ससुराल वालों के चंगुल से आजाद करवाया. साथ ही पुलिस को भी सूचना दी.
मामला आगरा के शाहगंज के सैनिक नगर का है. यहां एक घर से आ रही बहू की चीख-पुकार सुनकर पड़ोसी खुद को रोक नहीं पाए. वे घर के बाहर जुट गए और पुलिस बुला ली. महिला के पति ने अपने पिता संग मिलकर जुल्म की इंतहां कर दी थी. विवाहिता को बंधक बनाकर मारपीट की जा रही थी. विवाहिता ने ससुरालियों पर दहेज न देने पर धारदार हथियार से प्रहार कर जान से मारने की कोशिश करने का आरोप लगाया है. पुलिस ने मामला दर्ज कर पति और ससुर को गिरफ्तार किया है.
इटावा निवासी पीड़िता सुमन यादव ने पुलिस को बताया कि 28 नवंबर 2023 को उसकी शादी सैनिक नगर, अवधपुरी निवासी शिवकांत यादव से हुई थी. पीड़िता का आरोप है कि शादी के बाद से पति, ससुर शिवपाल, सास कांति और ननद मधु लगातार दहेज के लिए प्रताड़ित कर रहे हैं.अतिरिक्त दहेज की मांग पूरी न करने पर तलाक लेने का दबाव बनाते हैं. मायके वालों को भी धमकाते हैं. पति भी कुछ नहीं कहता है. बल्कि, घर वालों की बात मानने को कहता है.
जान से मार डालना चाहते थे ससुरालिए
पीड़िता ने बताया कि ससुर का व्यवहार उसके प्रति बिल्कुल भी अच्छा नहीं है. मंगलवार को ससुरालीजनों ने जान से मारने की मंशा से उस पर तेज धार वाले हथियार से हमला बोल दिया. जमकर मारा पीटा. वह चिल्लाती रही मगर पति शिवकांत और ससुर को रहम नहीं आया. उनके जुल्म के चलते वह गंभीर रूप से लहूलुहान हो गई. दोनों ने उसके हाथ और गले पर धारदार हथियार से हमला किया. बाल पकड़कर खींचे.
पड़ोसियों ने बचाई विवाहिता की जान
चीख-पुकार सुनकर पड़ोसी जुट गए. जैसे-तैसे लोगों ने गेट खुलवाया. पीड़िता को बाहर निकाल. सूचना पर पहुंची पीआरवी ने पति और ससुर को पकड़ लिया और थाने ले आई. पीड़िता ने तहरीर दी है. पुलिस ने पीड़िता का मेडिकल कराया है. इंस्पेक्टर कुशल पाल सिंह ने बताया कि विवाहिता की शिकायत पर मुकदमा दर्ज कर आरोपी पति, ससुर को गिरफ्तार कर लिया है. उन्होंने कहा कि मामले की जांच की जा रही है. जो भी तथ्य सामने आएंगे उनके आधार पर आगे की विधिक कार्रवाई की जाएगी.
आवास विकास की नई पहल, रद्द किए गए पीएम आवास फिर से होंगे आबंटित
30 Apr, 2025 09:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
लखनऊ में आवास विकास परिषद की विभिन्न योजनाओं में प्रधानमंत्री आवास के उन आवंटियों के लिए राहत भरी खबर है, जिनके आवंटन निरस्त हो चुके हैं. पीएम आवास के आवंटन के बाद से करीब 400 से अधिक आवंटियों ने एक भी किस्त नहीं जमा की है. इससे परिषद ने उनका आवंटन निरस्त कर दिया है. अब आवास विकास परिषद की 271वीं बोर्ड बैठक में निर्णय लिया गया है कि ऐसे आवंटियों को एक बार उनके निरस्त आवास के पुर्नजीवित कराने का मौका दिया जाएगा, लेकिन उन्हें पूरा बकाया एक मुश्त जमा करना होगा.
अब शालीमार कॉर्प लिमिटेड उत्तर प्रदेश टाउनशिप नीति-2023 के तहत बाराबंकी जिले के खजूरगांव एवं तिन्दोला गांव तहसील नवाबगंज में 158.79 एकड़ में टाउनशिप ला रहा है. परिषद की तरफ से लाइसेंस दिया गया है. मंगलवार को डीपीआर को भी मंजूरी दे दी गई. बुधवार को प्रमुख सचिव आवास पी गुरु प्रसाद की अध्यक्षता में आवास विकास परिषद की बोर्ड बैठक में 21 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई. इसके अतिरिक्त बोर्ड बैठक में सरकारी व अर्ध सरकारी भवनों को दिए जाने वाले भूखण्डों की लीज अवधि बढ़ाए जाने, कर्मचारियों का मंहगाई भत्ता दो प्रतिशत बढ़ाए जाने समेत एक कनिष्ठ लेखाधिकारी की पेंशन से कटौती करने व एक अधिकारी के खिलाफ विभागीय कार्रवाई को मंजूरी दी गई है.
अपर आवास आयुक्त एवं सचिव डॉ. नीरज शुक्ला ने बताया परिषद की योजनाओं में प्रधानमंत्री आवास बनाए गए हैं. लॉटरी प्रक्रिया के बाद आवंटित फ्लैटों के आवंटियों की ओर से पैसा जमा करने में समस्या आ रही है. इस बाबत करीब 400 से अधिक फ्लैटों का आवंटन एक भी किस्त न जमा किए जाने से निरस्त कर दिया गया है, लेकिन निम्न वर्ग की इस समस्या को देखते हुए बोर्ड ने निर्णय लिया है कि ऐसे लोगों को एक बार और मौका दिया जाए. इसके लिए पंजीकरण राशि जमा करने के बाद किस्त न देने वाले आवंटी अपने फ्लैट के पुर्नजीवन के लिए आवेदन कर सकेंगे.
अभी तक एक महीने तक ही सुविधा मिलती है, अब उन्हें एक साल तक यह मौका मिलेगा. हालांकि अपना फ्लैट पाने के लिए आवंटियों को पुर्नजीवन शुल्क के तौर पर पंजीकरण धनराशि का 40 प्रतिशत यानी करीब दो हजार रुपये देने के साथ ही फ्लैट का पूरा पैसा एक मुश्त जमा करना होगा. बाराबंकी के देवां स्थित खजूर गांव में धारा-28 की कार्यवाही की गई है. इसके तहत यहां 158 एकड़ में टाउनशिप विकसित करने के लिए निजी बिल्डर शालीमार की डीपीआर को हरी झंडी दी गई है. उन्होंने बताया इंटीग्रेटड टाउनशिप लाइसेंस के तहत बिल्डर ने 90 प्रतिशत जमीन खरीद ली है.
अनुबंध के तहत दो एकड़ जमीन आवास विकास की ओर से अधिग्रहित कर दी जाएगी. बिल्डर की 10 प्रतिशत 15 एकड़ जमीन को बंधक रखा जाएगा. डीपीआर के अनुसार, बिल्डर को पांच साल में योजना विकसित करनी होगी. यहां मकान बनाकर बेचे जाएंगे. किसान पथ से कनेक्टेड और बाराबंकी जिले में विकसित की जाने वाली शालीमार की टाउनशिप परियोजना प्रस्तावित स्टेट कैपिटल रीजन का हिस्सा होगी. इसकी लैंडस्केप प्लानिंग भी अंतरराष्ट्रीय शैली में की जाएगी. किसान पथ से जुड़ाव से लखनऊ और आसपास के प्रमुख शहरी केंद्रों से सहज सम्पर्क मिलेगा. वहीं इंटीग्र्रेटड टाउनशिप के नियमानुसार 20 प्रतिशत ईडब्लूएस व एलआईजी भवन बिल्डर को बनाने होंगे. इस गांव में 2016 में आवास विकास परिषद ने आवासीस योजना लॉन्च करने की योजना बनाई थी.
लीज अवधि में की गई बढ़ोतरी
सचिव नीरज शुक्ला ने बताया ने बताया सरकारी व अर्ध सरकारी विभागों को उनके कार्यालय व अन्य प्रयाजनों के लिए लीज पर दिए जाने वाले भूखण्डों की लीज अवधि 10 प्रतिशत नीलामी मूल्य का लेते हुए समय वृद्धि दिए जाने के प्रस्ताव को पास कर दिया गया है. अभी तक परिषद की ओर से 15 वर्ष तक समय वृद्धि बढ़ाए जाने का नियम था. इसके अतिरिक्त सेवानिवृत्त वरिष्ठ सहायक के विरुद्ध सिविल सर्विस रेगुलेशन्स के तहत विभागीय जांच की संस्तुति के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई है.
डबल डेकर बसें भी पहुंचीं लखनऊ, प्रयागराज को मिला सिर्फ वादा
30 Apr, 2025 09:37 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज से जुड़ा एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है. दरअसल, अभी तक सरकारी मुख्यालय ही प्रयागराज से लखनऊ शिफ्ट हो रहे थे, लेकिन अब तो महाकुंभ में संगम नगरी को मिला डबल डेकर बसों का तोहफा भी प्रयागराज से लेकर लखनऊ को दे दिया गया है. रोडवेज के इस फैसले पर शहर के लोग तंज कस रहे और कह रहे हैं नाम की “बस”. वहीं कुंभ नगरी के लिए आई डबल डेकर बसें अब लखनऊ में चलेंगी.
महाकुंभ संपन्न होने के बाद शासन से तोहफे में मिली डबल डेकर बसों का तोहफा प्रयागराज से छीन लिया गया है. संगम नगरी में इलेक्ट्रिक डबल डेकर बस नहीं चलेगी. यूपी रोडवेज ने ये फैसला लिया है कि ये बसें अब लखनऊ की सड़कों पर दौड़ेंगी. प्रयागराज को मिली दो डबल डेकर बसें बिना यात्रियों को चढ़ाए ही लखनऊ रवाना होने को तैयार हैं. प्रयागराज शहर के नैनी में खड़ी संचालन के लिए हरी झंडी का इंतजार करते करते इन बसों की स्टीयरिंग लखनऊ की तरफ मोड़ दी गई है.
बसों की ऊंचाई बनी रुकावट
वजह जानकर आप भी हैरान रह जाएंगे. शहर में कोई ऐसा रूट नहीं मिला जहां ये बिना रुकावट चल सकें. इसलिए परिवहन निगम ने इन बसों को लखनऊ में चलाने का फैसला लिया. क्षेत्रीय प्रबंधक रविंद्र कुमार ने कहा कि शहर में कई रूटों का सर्वे किया गया, लेकिन बसों की ऊंचाई के कारण उपयुक्त मार्ग नहीं मिला. सड़क पर कोई ऊपरी अवरोध नहीं होना चाहिए. अब इन्हें लखनऊ भेजा जा रहा है, वहीं इनका संचालन होगा.
अखिलेश-अंबेडकर संयुक्त चित्र पर विवाद, बीजेपी ने सपा को घेरा
30 Apr, 2025 09:29 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
समाजवादी पार्टी ने समाजवादी लोहिया वाहिनी की बैठक के लिए पोस्टर लगाए थे. इनमें अखिलेश यादव और बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर की तस्वीरों को आधा-आधा काटकर जोड़ा गया. इसे बीजेपी ने बाबा साहेब का अपमान करार दिया है और विरोध प्रदर्शन का ऐलान किया है. भारतीय जनता पार्टी बुधवार को प्रदेश की राजधानी लखनऊ समेत सभी जिला मुख्यालयों पर विरोध प्रदर्शन करेगी. लखनऊ में सुबह 11 बजे अटल चौक स्थित बाबा साहेब की प्रतिमा के सामने बीजेपी के नेता और कार्यकर्ता विरोध प्रदर्शन करेंगे. बीजेपी का कहना है कि सपा ने बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर के चित्र से आधा चेहरा काटकर उसमें अखिलेश यादव का आधा चेहरा जोड़कर उनका अपमान किया है. बीजेपी बाबा साहेब का अपमान किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेगी.
बीजेपी के राज्यसभा सांसद बृजलाल ने कहा, समाजवादी पार्टी कार्यालय पर भारतरत्न डॉ. भीमराव आंबेडकर के आधे चित्र के साथ अखिलेश यादव का चित्र लगाकर उन्हें बाबा साहेब के बराबर दिखाया गया है. इतना ही नहीं वही चित्र लोहिया वाहिनी के वरिष्ठ पदाधिकारी ने अखिलेश यादव को भेंट किया है. यह बहुत ही शर्मनाक है. अखिलेश यादव हमेशा बाबा साहेब का अपमान करते रहे हैं. अपमान की कुछ घटनाओं की बानगी दे रहा हूं.
1 कन्नौज मेडिकल कॉलेज का नाम डॉ भीमराव आंबेडकर मेडिकल कॉलेज था. अखिलेश यादव को बाबा साहेब से इतनी नफरत है कि मुख्यमंत्री बनते ही बाबा साहेब का नाम हटा दिया.
2 जिला भीमनगर का नाम बदलकर जिला संभल कर दिया. बाबा साहेब का नाम न इन्हें पसंद था और न ही संभल के तत्कालीन समाजवादी पार्टी सांसद शफीकुर्रहमान बर्क को. वोटबैंक के लिए तुष्टिकरण भी तो करना था.
3 लखनऊ के ‘डॉ भीमराव आंबेडकर ग्रीन-गार्डेन’ का नाम बदलकर इन्होंने जनेश्वर मिश्रा पार्क कर दिया. जनेश्वर मिश्र बड़े नेता थे. उनके लिए लोहिया पार्क की तरह अलग पार्क बनाया जा सकता था लेकिन अखिलेश यादव को बाबा साहेब का अपमान करना था. अखिलेश यादव ने वही किया जैसे मुगल बादशाह करते थे ‘मंदिर तोड़कर, वहीं मस्जिद बना देना.
4 6 सितंबर 2016 को अखिलेश यादव गाजियाबाद में ‘आला हजरत हज हाउस’ का लोकार्पण कर रहे थे. मंचासीन तत्कालीन कद्दावर मंत्री बाबा साहेब को भू-माफिया बता रहे थे और अखिलेश यादव ताली बजाकर ठहाके लगा रहे थे.
5 बाबा साहेब बौद्ध धर्म को मानते थे. बौद्ध धर्म से संबंधित जिला प्रबुद्धनगर, पंचशीलनगर के नाम बदलकर जिला हापुड़ औरशामली कर दिया गया.
6 जिला रमाबाई नगर का नाम बदलकर कानपुर देहात कर दिया. महान दलित संत के नाम पर बने जिला रविदास नगर का नाम बदलकर भदोही कर दिया. अखिलेश को दलित संतों से भी नफरत है.
7 दलित महापुरुष के नाम पर बने सहारनपुर मेडिकल कॉलेज का नाम बदलकर ‘शेख- उल-हिंद मौलाना महमूद हसन मेडिकल कॉलेज’ कर दिया. ये दलितों को अपमानित करना और मुस्लिम तुष्टिकरण की पराकाष्ठा है.
8 दलितों से इतनी नफरत कि मुख्यमंत्री बनते ही अखिलेश यादव ने एक लाख से अधिक दलित अधिकारियों को अपमानित करके उन्हें पदावनत कर दिया था. केवल उन दलित कर्मियों को ही नहीं अखिलेश यादव ने पूरे दलित समाज को अपमानित किया था.
आपने महापाप किया है
बीजेपी सांसद ने कहा कि कदम-कदम पर बाबा साहेब और दलितों का अपमान करने वाले अखिलेश अब बाबा साहेब आंबेडकर बनने चले हैं. अखिलेश यादव, आप बाबा साहेब के चरणों की धूल भी नहीं हैं. बाबा साहेब भारत के संविधान शिल्पी हैं, विश्व के सबसे बड़े विद्वान रहे हैं. आपने बाबा साहेब के आधे चित्र के साथ अपना आधा चित्र लगाकर उनका अपमान किया है, महापाप किया है. तुरंत माफी मांगो. आपका पीडीए आपके साथ ही बेनकाब हो चुका है. आप दलितों को भ्रमित नहीं कर सकते.
संभल:कुएं के धार्मिक उपयोग पर सुप्रीम कोर्ट सख्त, सभी समुदायों को समान हक का निर्देश
29 Apr, 2025 04:59 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
उत्तर प्रदेश की संभल शाही मस्जिद के पास मौजूद कुएं के विवाद को लेकर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. इसी के बाद इस कुएं के इस्तेमाल और इसकी लोकेशन यानी यह कुआं मस्जिद परिसर में मौजूद है या नहीं, इस मामले पर सुनवाई की गई. सीजेआई ने कहा कि कुआं तो सार्वजनिक है. मस्जिद समिति के वकील ने कहा कि ऐसा नहीं है. सीजेआई ने कहा कि आप दो सप्ताह में अपना जवाब दाखिल करें.
मस्जिद समिति के वकील हुजैफा अहमदी ने कहा कि कुएं का इस्तेमाल धार्मिक उद्देश्यों के लिए किया जाता है. सीजेआई ने कहा कि वहां पानी नहीं है, तो इसका क्या महत्व है? कुआं पुलिस चौकी के बाहर है? वकील ने इस पर कहा कि जी हां. हुजैफा ने कहा कि कुएं के ऊपरी हिस्से को सीमेंट से बंद किया गया था. हुजैफा ने कहा कि हम पाइप के जरिए मस्जिद में कुएं से पानी लेते रहे हैं.
कोर्ट ने 2 हफ्ते में मांगा जवाब
संभल मस्जिद कुआं विवाद मामले में सुप्रीम कोर्ट ने मस्जिद कमेटी से 2 हफ्ते में जवाब मांगा है. मामले की अगली सुनवाई 2 हफ्ते बाद होगी. मस्जिद कमेटी के वकील हुजैफा अहमदी ने आज SC को बताया कि कुएं का इस्तेमाल धार्मिक उद्देश्यों के लिए किया जाता है. इस पर CJI ने पूछा कि चूंकि कुंए में पानी नहीं है, तो इसका क्या महत्व है? CJI संजीव खन्ना ने पूछा कि कुआं कहां है? मस्जिद कमेटी के वकील हुजैफा अहमदी ने कहा कि यह मस्जिद परिसर के अंदर है.
ASG ने क्या कहा?
यूपी सरकार की ओर से पेश ASG नटराज ने कहा कि नहीं कुंआ बाहर है. मस्जिद कमेटी के वकील अहमदी ने कहा कि यह सीमेंट से बंद है, इसे कभी ऊपर से नहीं खोला गया. मस्जिद की तरफ से कुएं के अंदर से ही पानी निकाला जाता था.
इस पर सीजेआई ने कहा कि दूसरों को भी कुएं का इस्तेमाल करने दें. अहमदी ने कहा कि यह धार्मिक समारोह करने के बारे में भी है. ASG ने इस पर कहा कि कृपया तस्वीरें देखें, कुआं बाहर है. सीजेआई ने इस पर कहा कि यह कुआं पुलिस चौकी के बगल में है? सीजेआई ने मस्जिद कमेटी से कहा कि ठीक है, जवाब दाखिल करें.
“कुएं का सभी कर सकते हैं उपयोग”
अहमदी ने कहा कि मस्जिद के चेयरमैन को जेल भेज दिया गया है. इसपर CJI ने कहा कि ठीक है, उनसे मुलाकात कर जवाब दाखिल करें. इससे पहले संभल में शाही जामा मस्जिद के पास कुएं को हरि मंदिर का कुआं कहने वाले नगरपालिका के नोटिफिकेशन पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी थी. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि कुआं सार्वजनिक जमीन पर है और कोई भी इसका उपयोग कर सकता है.
इससे पहले यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में स्टेट्स रिपोर्ट दाखिल की थी. स्टेट्स रिपोर्ट में कहा गया था कि संभल जामा मस्जिद में कुंआ है, वह पब्लिक लैंड पर है. खुद मस्जिद कमेटी ने गलत फोटो पेश करके अदालत को गुमराह करने की कोशिश की है.
‘वर्दी की धौंस’ पर भड़का कांस्टेबल, खाकी उतार कर सड़क पर ही करने लगा मारपीट
29 Apr, 2025 04:50 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
उत्तर प्रदेश के नोएडा में एक पुलिस कांस्टेबल का फिल्मी अंदाज में मारपीट करने का मामला सामने आया है. कांस्टेबल अपनी वर्दी उतारकर बीच सड़क पर मारपीट कर रहा है. इस मामले का वीडियो वायरल हो रहा है. पुलिस के आला अधिकारियों ने इसका संज्ञान लेते हुए आरोपी कांस्टेबल पर कार्रवाई की है. आरोपी कांस्टेबल बख्तियारपुर के ढाबे पर खाना खाने पहुंचा था. इसी बीच उसका वहां मौजूद लगों से विवाद हो गया.
वीडियो में पुलिस वर्दी की शर्ट उतारकर कांस्टेबल लोगों से मारपीट कर रहा है. पुलिस अधिकारियों ने उसे सस्पेंड कर दिया है. आरोपी कांस्टेबल का नाम सनी कुमार बताया जा रहा है. उसके खिलाफ विभागीय जांच की जा रही है. सेक्टर-126 पुलिस ने आरोपी कांस्टेबल समेत अन्य लोगों पर केस दर्ज किया है. पुलिस ने बाकी तीन आरिपियों को गिरफ्तार किया है.
शर्ट उतारकर की मारपीट
घटना शनिवार रात की बताई जा रही है. ढाबे के पास कुछ लोग बैठे हुए थे. उसी बीच कांस्टेबल सनी कुमार पुलिस की वर्दी में ढाबे पर खाना खाने पहुंचा. उसने वहां बैठे लोगों से बैठने का कारण पूछा, जिससे विवाद हो गया. इसी बीच वहां बैठे लोगों में से किसी ने कांस्टेबल से वर्दी की धौंस दिखाने की बात कही. इसी बात पर कांस्टेबल ने अपने जिस्म पर पहनी खाकी शर्ट उतरा दी और फिल्मी स्टाइल में मारपीट करने लगा.
कांस्टेबल को किया सस्पेंड
इस बीच उसके साथी पुलिसकर्मियों ने उसे रोकने की कोशिश की, लेकिन उसने उन्हें भी एक ओर झटक दिया. इस बीच दूसरे पक्ष के लोग उसकी वीडियो बनाने लगे. इस मामले की तीन वीडियो क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं. नोएडा पुलिस को जब यह वीडियो मिले, तो उसपर संज्ञान लेते हुए कार्रवाई की गई. पुलिस अधिकारी ने कांस्टेबल सनी कुमार को सस्पेंड कर दिया. वहीं, बाकी अरविन्द, मनीष और सोनू को गिरफ्तार किया गया है. पुलिस का कहना है कि उनके खिलाफ आवश्यक कार्रवाई की जाएगी.
सपा-राजद के बीच नया गठजोड़? पटना में अफजाल-तेजस्वी मुलाकात ने बढ़ाई चर्चाएं
29 Apr, 2025 04:33 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
बिहार में साल के आखिर में विधानसभा चुनाव होने हैं. इससे पहले महागठबंधन का कुनबा बढ सकता है. समाजवादी पार्टी बिहार में महागठबंधन के दल के रूप में चुनाव लड़ सकती है. दरअसल, इस बात पर इसलिए कयास लगाए जा रहे हैं क्योंकि सपा के सांसद अफजाल अंसारी ने सोमवार को नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव से राजधानी में मुलाकात की है.
मिली जानकारी के अनुसार बाहुबली मुख्तार अंसारी के भाई और गाजीपुर के सांसद अफजाल अंसारी सोमवार को राजद के प्रदेश कार्यालय में पहुंचे. जहां पर उन्होंने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव से मुलाकात की. इन दोनों के बीच बंद कमरे में बातचीत हुई. हालांकि बातचीत का संदर्भ क्या रहा, इसके बारे में जानकारी अभी सामने नहीं आई है लेकिन पार्टी सूत्रों की मानें तो दोनों के बीच विधानसभा चुनाव को लेकर चर्चा हुई.
बिहार विधानसभा चुनाव लड़ेगी सपा?
समाजवादी पार्टी के गाजीपुर से सांसद अफजाल अंसारी जिस समय राजद कार्यालय पहुंचे इस दौरान तेजस्वी यादव भी राजद कार्यालय में थे. माना जा रहा है कि बंद कमरे में तेजस्वी यादव और अफजाल अंसारी की मुलाकात हुई है. इस मौके पर पार्टी के कई अन्य वरिष्ठ नेता भी उपस्थित थे. तेजस्वी से मुलाकात के बाद अफजाल अंसारी ने मीडिया से बात भी की. हालांकि इस बातचीत में उन्होंने अपने पटना आने के बारे में स्पष्ट रूप से कुछ नहीं कहा.
वहीं, अफजाल अंसारी के राजद कार्यालय में पहुंचने को लेकर चर्चा का दौरा शुरू हो गया है. कहा जा रहा है कि समाजवादी पार्टी भी अब बिहार विधानसभा का चुनाव लड़ेगी. वहीं सपा सांसद रामजी लाल सुमन के राणा सांगा पर दिए गए बयान के बारे में भी उन्होंने संक्षिप्त रूप में अपनी बातों को रखा. रामजी लाल सुमन के ऊपर करणी सेना के द्वारा किए गए विरोध पर अफजाल अंसारी ने कहा कि समय आएगा, तब सवेरा होगा.
बिहार में साल के अतं में चुनाव प्रस्तावित
बिहार विधानसभा का कार्यकाल इस साल नवंबर में खत्म हो रहा है. इससे पहले चुनाव आयोग बिहार में विधानसभा चुनाव का ऐलान कर सकती है. चुनाव में अब काफी कम समय रह गया है. ऐसे में सभी राजनीतिक पार्टी अपनी-अपनी तैयारियों में जुट गई है. बिहार में महागठबंधन में राष्ट्रीय जनता दल, कांग्रेस और लेफ्ट पार्टी शामिल है. वहीं, सत्तारूढ़ एनडीए गठबंधन में बीजेपी, जनता दल यूनाईटेड, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) और हिंदुस्तान आवाम मोर्चा एक साथ है.
आवास योजना' बना कमाई का जरिया,पंचायत में खुलेआम भ्रष्टाचार की कहानी
29 Apr, 2025 04:19 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
बिहार के कैमूर में सरकारी योजना के नाम पर लोगों से पैसा वसूला जा रहा था. सरकारी कर्मचारी खुलेआम गरीबों से घूस मांग रहे थे. ये मामला कैमूर से सामने आया है, जहां हर व्यक्ति से आवास योजना में नाम लिखने को लेकर पैसे वसूले जा रहे थे. इसका एक वीडियो भी सामने आया है. वीडियो में एक सर्वेयर रिश्वत मांगता हुआ नजर आ रहा है, साथ ही ये कहता हुआ भी सुना जा रहा है कि इनमें बीडीओ साहब का भी हिस्सा होता है.
दरअसल, एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. वीडियो में दिख रहा व्यक्ति आवास योजना का सर्वेयर बताया जा रहा है, जो भभुआ प्रखंड के रतवार पंचायत में जिन लोगों का आवास नहीं है. उनका सर्वे कर उनका नाम जोड़ने का काम कर रहा है. इसका नाम बालकीशून है. आवास योजना में नाम जोड़ने के लिए हर व्यक्ति से 2000 रुपये की मांग करते हुए सुना और देखा जा सकता है.
प्रखंड विकास पदाधिकारी
बालकीशून कहता है कि जो पैसा ले रहे हैं. उसमें बीडीओ साहब को प्रति पंचायत राशि देना होती है. कई लोगों से पैसा लेने और कुछ लोगों का नाम जुड़ने की लिस्ट मिलने की बात बता रहा है. कई लोगों से पैसा की बकाया राशि जोड़ते हुए देखा जाता है. अब प्रखंड विकास पदाधिकारी ने पूरे मामले की जांच कर कार्रवाई करने की बात कही है.
सर्वे कर नाम जोड़ा जा रहा
भभुआ प्रखंड विकास पदाधिकारी ने बताया कि ये वीडियो मेरे पास भी आया है. वीडियो में दिख रहा व्यक्ति भभुआ प्रखंड के रतवार पंचायत का पंचायत रोजगार सेवक बालकिशून है, जो आवास योजना का सर्वेयर का काम कर रहा है, जिनका आवास नहीं है. उनका सर्वे कर नाम जोड़ा जा रहा है. वीडियो में वह पैसा मांगते हुए भी देखा जा रहा है, जो गलत है. अब सर्वेयर बालकिशून से स्पष्टीकरण की मांग करते हुए पूरे मामला की जानकारी अपने वरीय पदाधिकारी डीडीसी को दी जाएगी, जिससे उनके ऊपर कार्रवाई हो सके.
ताड़ी पर तकरार: जीतन राम मांझी का तेजस्वी पर हमला, लालू परिवार की ‘अजब लीला’ पर सवाल
29 Apr, 2025 04:14 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
बिहार में ताड़ी पर प्रतिबंध हटाने को लेकर राज्य में सियासत तेज हो गई है. ताड़ी पर बयानबाजी को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने तेजस्वी यादव पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि लालू प्रसाद यादव के परिवार की अजब लीला है, पहले तेजस्वी यादव ताड़ी पर प्रतिबंध लगाते हैं और अब उसको हटवाने का ढोंग रच रहे हैं.
दरअसल जीतन राम मांझी ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर एक पोस्ट में लिखा कि तेजस्वी यादव जब सरकार में उपमुख्यमंत्री थे तो ताड़ी पर प्रतिबंध लगाकर लाखों ताड़ के पेड़ को कटवा दिया. बेगुनाह पासी समाज के लोगों पर ज़ुल्म करवाया गया. वहीं अब जब चुनाव का समय आ गया तो कंधे पर लबनी बांधकर कह रहे हैं कि ताड़ी पर से प्रतिबंध हटाएंगे. जब प्रतिबंध हटाना ही था तो लगवाया क्यों? बताईए ना जी.
ताड़ी प्राकृतिक उत्पाद: चिराग पासवान
केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्री और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रमुख चिराग पासवान ने सोमवार को कहा कि ताड़ी एक ‘प्राकृतिक उत्पाद’ है और इसे शराब की श्रेणी में नहीं रखा जाना चाहिए. बिहार में शराब प्रतिबंधित है. चिराग पासवान विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव के उस वादे पर प्रतिक्रिया दे रहे थे, जिसमें तेजस्वी यादव ने कहा था कि अगर उनकी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) आगामी विधानसभा चुनावों के बाद सत्ता में आती है तो ताड़ी पर लगे प्रतिबंध को हटा दिया जाएगा.
ताड़ी को शराब नहीं माना जाना चाहिए
चिराग पासवान ने कहा कि मैंने कई बार कहा है कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के सहयोगी के तौर पर मेरी पार्टी राज्य में सरकार का समर्थन कर रही है, लेकिन वह यहां शासन का हिस्सा नहीं है. मैं निश्चित रूप से मानता हूं कि ताड़ी एक प्राकृतिक उत्पाद है और इसे शराब नहीं माना जाना चाहिए. ताड़ी का व्यवसाय राज्य में परंपरागत रूप से पासवान समुदाय से जुड़ा रहा है.
ताड़ी पर क्या बोले तेजस्वी यादव?
तेजस्वी यादव ने पटना में रविवार को पासी समुदाय के एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा था कि शराबबंदी कानून ने उस समुदाय को प्रभावित किया है, जिसकी आजीविका का एकमात्र साधन ताड़ी निकालना था.ताड़ी पर प्रतिबंध हटाने का वादा करते हुए यादव ने कहा कि पासी समुदाय पीढ़ियों से यह काम करता आ रहा है और उनके पास आजीविका कमाने के लिए कोई अन्य कौशल या कृषि भूमि नहीं है.
लकड़ी व्यापारी पर हैवानियत, 40 हजार की उधारी को लेकर बांधकर की गई मारपीट
29 Apr, 2025 02:42 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
बिहार के मुजफ्फरपुर से लकड़ी कारोबारी को फैक्ट्री में हाथ-पैर बांधकर पीटने का मामला सामने आया है. दरअसल, उप प्रमुख के पति ने संजय साहनी नाम के युवक को लकड़ी खरीदने के लिए 40 हजार रुपये दिए थे, लेकिन काफी समय बीत जाने के बाद भी संजय ने पैसे नहीं लौटाए थे. इसी बात से गुस्सा होकर उप प्रमुख के पति ने संजय की हाथ-पैर बांधकर बेरहमी से पिटाई कर दी. पीड़ित की शिकायत एफआईआर दर्ज कर पुलिस ने मामले में जांच शुरू कर दी है.
मुजफ्फरपुर के मोतीपुर की उप प्रमुख रिंकू कुशवाहा के पति शशि कुमार उर्फ खलीफा ने संजय सहनी को लकड़ी खरीदने के लिए 40 हजार रुपये दिए थे. लकड़ी खरीदने के लिए दिए पैसे वापस नहीं करने पर उप प्रमुख के पति शशि ने युवक की अपनी फैक्ट्री में रस्सी से हाथ पैर बांधकर बुरी तरह से पिटाई कर दी. इस दौरान स्थानीय लोगों ने जैसे-तैसे संजय को वहां से छुड़ाकरभगा दिया था.
पीड़ित से छीने 50 हजार
पीड़ित संजय का आरोप है कि इस दौरान शशि ने उससे 50 हजार रुपये, मोबाइल और चैन भी छीन ली. घटना के बाद पीड़ित को इलाज के लिए पीएचसी में भर्ती कराया गया, जहां उसकी गंभीर हालत को देखते हुए एसकेएमसीएच रेफर कर किया गया. यह पूरी घटना 21 अप्रैल की बताई जा रही है. हाथ-पैर बांधकर पिटाई करने का एक वीडियो भी इन दिनों तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.
पीलिंग फैक्ट्री में युवक की हाथ-पैर बांधकर पिटाई
इस वायरल वीडियो में उप प्रमुख का पति शशि कुमार संजय को पीलिंग फैक्ट्री में पीटता हुआ नजर आ रहा है.घटना के बाद शशि कुमार के खिलाफ पीड़ित ने मोतीपुर थाने में एफआईआर दर्ज कराई है. मोतीपुर थानाध्यक्ष राजन कुमार पाण्डेय ने बताया कि शिकायत के आधार पर एफआईआर दर्ज कर ली है, जल्द ही आरोपी को गिरफ्तार कर लिया जाएगा. हालांकि, इस पूरी घटना को उप प्रमुख के पति ने बदनाम करने की साजिश बताया है.
लखनऊ विश्वविद्यालय की प्रोफेसर माद्री काकोटी के बयान पर विवाद, नोटिस जारी
29 Apr, 2025 01:11 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद से विवादित बयान देकर सुर्खियों में आई डॉक्टर माद्री के ऊपर मुकदमा दर्ज करने और उन्हें विश्वविद्यालय से सस्पेंड करने की मांग को लेकर तीन दिन पहले से ही बवाल बढ़ गया था. एबीवीपी के महानगर सह मंत्री जतिन शुक्ला ने सैकड़ों सदस्यों को साथ लेकर लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन पर धरना प्रदर्शन किया और कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार राय को ज्ञापन दिया था.
यही नहीं उसके तुरंत बाद इन्हीं छात्रों ने लखनऊ विश्वविद्यालय चौकी इंचार्ज को भी ज्ञापन दिया और मुकदमा दर्ज करने की मांग की. इसके बाद माना जा रहा था कि सोमवार तक विवादित टीचर के ऊपर कार्रवाई होगी. सोमवार को एक बार फिर शिक्षिका पर कार्रवाई न होता देख जतिन शुक्ला और उनकी टीम ने लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन के गेट पर डेरा डाल दिया और प्रदर्शन करने लगे. सभी पदाधिकारी एक बार फिर लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति से मिले और उन्हें ज्ञापन दिया. इस बीच शिवम सिंह सम्राट, विराट पांडे, अमन दुबे समेत कई छात्र नेता भी विवादित शिक्षिका पर कार्रवाई करने को लेकर हमलावर हो उठे और कुलपति से समय लेकर ज्ञापन देने पहुंचे.
प्रॉक्टोरियल टीम भी मौके पर पहुंची
सुबह से चल रहे लगातार बदलते घटनाक्रम को देखते हुए लखनऊ विश्वविद्यालय प्रशासन और हसनगंज थाने की पुलिस के साथ ही पीएसी और अन्य जवान भी मुस्तैद दिखे. छात्र नेताओं के अलग-अलग धरना प्रदर्शन करने की वजह से विश्वविद्यालय की प्रॉक्टोरियल टीम भी मौके पर पहुंची और छात्रों को कार्रवाई का भरोसा दिया, लेकिन छात्र कुलपति से मिलने और विवादित शिक्षिका पर तत्काल कार्रवाई की मांग कर रहे थे.
“आंदोलन के रूप में लड़ाई लड़ेंगे”
दोपहर बाद कार्यकारी रजिस्ट्रार विद्यानंद त्रिपाठी ने विवादित शिक्षिका के खिलाफ नोटिस जारी करते हुए उनसे पांच दिन में जवाब मांगा है. इसके बाद छात्र नेताओं ने राहत की सांस ली. जतिन शुक्ला का कहना है कि अगर विवादित शिक्षिका पर कठोर कार्रवाई नहीं की गई तो संगठन और छात्र एकजुट होकर इस मामले में आंदोलन के रूप में लड़ाई लड़ेंगे. एबीवीपी के प्रदर्शन के बाद संगठन से जुड़े छात्रों ने भी डॉक्टर माद्री काकोटि के खिलाफ मोर्चा खोला. दर्जनों छात्रों ने माद्री “काकोटि मुर्दाबाद”, “माद्री काकोटि शर्म करो”, “पाकिस्तान मुर्दाबाद” जैसे नारे लगाए.
इसके बाद छात्रों का एक प्रतिनिधिमंडल कुलपति से मिला. कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार राय से भाषा विभाग की शिक्षिका पर जल्द से जल्द ठोस कार्रवाई करने की मांग समेत ज्ञापन सौंपा. उधर देर रात विवादित शिक्षिका पर तीन दिन पहले एबीवीपी और जतिन शुक्ला की ओर से दी गई तहरीर पर एफआईआर दर्ज कर ली गई है.