उत्तर प्रदेश
उन्नाव में प्रेमी-प्रेमिका को सड़क पर पकड़ा, गांववालों ने प्रेमी की पिटाई कर सिर मुंडवाए
18 Mar, 2025 11:02 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
यूपी के उन्नाव में गांववालों ने प्रेमी-प्रेमिका को सड़क पर बात करते पकड़ लिया. इसके बाद गांववालों ने प्रेमी की जमकर पिटाई कर दी. यही नहीं, उसके सिर के बाल तक मुंडवा दिए. सोशल मीडिया पर वायरल हुआ इसका वीडियो दो पार्ट में है, जिसमें एक 10 सेकेंड का है तो दूसरा 56 सेकेंड का है.
छिबरामऊ की रहने वाली एक लड़की अपने ननिहाल बांगरमऊ आई थी. 15 मार्च को लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस वे के सर्विस लेन के पास स्थित एक खेत में लड़की के साथ उसके प्रेमी को गांव के लड़कों ने देख लिया. इसके बाद लड़कों ने हंगामा करना शुरू कर दिया. सूचना मिलने पर लड़की के परिजन मौके पर पहुंचे और उसको घर लेकर चले गए.
प्रेमी को गांववालों ने बेरहमी से की पिटाई
इसी बीच, प्रेमी को गांव के कुछ युवकों ने पकड़ लिया. ग्रामीण युवकों ने लड़के से पूछा तो उसने लड़की के साथ अफेयर की बात कही. इस पर गांववाले भड़क गए. उन्होंने लड़के के कपड़े उतरवाए, जिससे वह अर्धनग्न हो गया. फिर उसकी लात-जूतों से जमकर पिटाई कर दी. यही नहीं, नाई को बुलाकर उसके सिर के आधे बाल तक मुंडवा दिए.
इस दौरान प्रेमी गांववालों से रहम की गुहार लगाता रहा. लेकिन ग्रामीण उसकी एक नहीं सुन रहे थे. उसकी लगातार पिटाई करते जा रहे थे. बांगरमऊ के सीओ अरविंद चौरसिया ने बताया कि लड़की और लड़का दोनों नाबालिग हैं. दोनों एक्सप्रेस वे के किनारे खड़े होकर आपस में बात कर रहे थे, जिसको गांव के ही कुछ लड़कों ने देख लिया था. इसी दौरान लड़के की पिटाई कर दी.
क्या बोले पुलिस अधिकारी?
सीओ अरविंद चौरसिया ने कहा कि लड़के के साथ मारपीट करना गलत है. आरोपियों का पता लगाया जा रहा है. किसी को भी कानून को अपने हाथ में लेने का अधिकार नहीं है. लड़की के घरवालों से भी बात की जाएगी. वहीं, लड़के को गांववालों से छुड़ा लिया गया है.
योगी सरकार का बड़ा फैसला: अब आउटसोर्सिंग कंपनियों को छोड़, सीधे भर्ती करेगी सरकार
18 Mar, 2025 10:33 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने एक बड़ा निर्णय लिया है. सरकार अब सीधे तौर पर आउटसोर्सिंग के जरिए भर्ती करेगी. इसके लिए अब आउटसोर्सिंग कंपनियों को दरकिनार किया गया है.सरकार ने निर्णय लिया है कि वह खुद भर्ती करेगी. इसके लिए सरकार आउटसोर्स कर्मचारी भर्ती कारपोरेशन बनाने जा रही है. इससे कर्मचारियों के हित सुरक्षित होंगे और बिचौलिए जो कमीशन के रूप में मोटी मलाई खा रहे थे, उनसे छुटकारा मिलेगा.
कृषि उत्पादन आयुक्त मोनिका एस गर्ग ने जानकारी देते हुए बताया कि वो सभी विभाग जिनको संविदा पर कर्मचारी चाहिए वो आउटसोर्स भर्ती कारपोरेशन को प्रस्ताव भेजेंगे. कारपोरेशन उन पदों पर भर्ती प्रक्रिया के तहत वैकेंसी निकालेगा. उन्होंने बताया कि सिलेक्शन प्रोसेस के तहत संविदा कर्मचारियों की भर्ती होगी. उचित सुविधाएं मिलेंगी और पीएफ भी कटेगा.
ऐसे होगी भर्ती प्रक्रिया
सामान्य प्रशासन विभाग के अधिकारी ने बताया कि भर्ती प्रक्रिया ऑनलाइन और ऑफ लाइन दोनों माध्यमों से की जाएगी.ऑनलाइन आवेदन भी लिए जाएंगे. समूह ख और ग से जुड़े पदों के लिए लिखित परीक्षा के साथ इंटरव्यू की व्यवस्था भी होगी. मगर, समूह- ग के कुछ पदों और समूह घ के सभी पदों पर उसके लिए आवश्यक शैक्षणिक और तकनीकी योग्यता के आधार पर सीधी भर्ती ही की जाएगी. अधिकारी ने ये भी बताया कि आउटसोर्स कर्मचारी एक बार भर्ती होने के बाद काम करते रहेंगे.
एक-एक साल का होगा कॉन्ट्रैक्ट
अधिकारी ने बताया कि उनसे एक-एक साल का कॉन्ट्रैक्ट साइन कराया जाएगा. जब तक कर्मचारी की जरूरत रहेगी, वे संबंधित विभाग में काम करते रहेंगे. किसी भी कर्मचारी के खिलाफ कोई आपराधिक मुकदमा दर्ज हो गया या फिर ऑफिस में सेवा नियमावली के खिलाफ कोई काम किया. दुराचरण या रिश्वत जैसी कोई शिकायत मिली तो उन्हें हटा दिया जाएगा.
मिलेगा आरक्षण, इतनी होगी सैलरी
श्रम मंत्री अनिल राजभर ने इसे ऐतिहासिक फैसला बताया है. श्रम मंत्री ने कहा कि आउटसोर्स निगम से भर्ती होने वाले कर्मचारियों का वेतन न्यूनतम 16 हजार रुपये होगा. उन्होंने कहा कि शिकायतें आती रहती हैं कि एजेंसी उन्हें निर्धारित मानदेय पूरा नहीं देती. इससे कर्मचारियों का उत्पीड़न होता है. इस समस्या को दूर करने के लिए निगम आउट सोर्स कर्मचारियों का वेतन सीधे उनके खाते में जमा कराया जाएगा. उन्होंने बताया कि अनुसूचित जाति को 21%, अनुसूचित जनजाति को 2% और अन्य पिछड़ा वर्ग के युवाओं को 27% आरक्षण दिया जाएगा.
दिहुली नरसंहार: 44 साल बाद आरोपियों को सजा, तीन दोषी ठहराए गए
18 Mar, 2025 10:26 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
उत्तर प्रदेश के दिहुली नरसंहार में 24 दलितों की सरेआम हत्या कर दी गई थी. फिरोजाबाद जिले से करीब 30 किलोमीटर दूर जसराना के दिहुली गांव में 18 नवंबर 1981 को डकैतों ने 24 दलित समाज के लोगों को गोली से भून दिया था. दिहुली नरसंहार मामले में आरोपियों को सजा देने में 44 साल लग गए. इस मामले में 11 मार्च को मैनपुरी की एक अदालत ने तीन आरोपियों को दोषी करार दिया है, जिनके सजा का ऐलान आज को होगा. इस घटना ने यूपी की नहीं बल्कि देशभर को हिलाकर रख दिया था.
दिहुली नरसंहार मामले के दूसरे दिन 19 नवंबर 1981 को लायक सिंह ने जसराना थाने में राधेश्याम, संतोष सिंह और 15 अन्य के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी. इस तरह कुल 17 आरोपी नामजद थे, जिनमें से 13 की मौत हो चुकी है, जबकि एक आरोपी ज्ञानचंद्र उर्फ गिन्ना अब भी फरार है. एडीजे इंद्र सिंह ने दिहुली नरसंहार पर फैसला सुनाते हुए तीन आरोपियों-कप्तान सिंह, रामसेवक और रामपाल को दोषी करार दिया. साथ ही फरार गिन्ना के खिलाफ स्थायी वारंट जारी कर दिया है.
44 साल पुराना यूपी का दिहुली कांड
फिरोजाबाद से 30 किलोमीटर दूर जसराना कस्बे के गांव दिहुली में 18 नवंबर 1981 शाम पांच बजे डकैत संतोष-राधे और उनके गिरोह के सदस्यों ने हमला कर बोलकर 24 दलितों की गोलियों से भून दिया था. इस नरसंहार को अंजाम देने वाले अधिकांश अभियुक्त अगड़ी जाति से थे, जबकि मरने वाले दलित समाज से थे.
नरसंहार में मरने वालों में ज्वाला प्रसाद, रामप्रसाद, रामदुलारी, श्रृंगारवती, शांति, राजेंद्री, राजेश, रामसेवक, शिवदयाल, मुनेश, भरत सिंह, दाताराम, आशा देवी, लालाराम, गीतम, लीलाधर, मानिकचंद्र, भूरे, शीला, मुकेश, धनदेवी, गंगा सिंह, गजाधर और प्रीतम सिंह शामिल थे. इसके अलावा 9 लोग घायल हुए थे.
मुखबिरी के शक में उतारा मौत के घाट
दरअसल, संतोष, राधे श्याम के साथ कुंवरपाल एक ही गिरोह में हुआ करते थे. संतोष और राधे श्याम अगड़ी जाति से थे, जबकि कुंवरपाल दलित जाति से आते थे. डकैत कुंवरपाल की एक अगड़ी जाति की महिला से मित्रता थी, ये बात संतोष और राधे को नागवार गुजरी थी. यहीं से दुश्मनी की शुरुआत हुई. इसके बाद कुंवरपाल की संदिग्ध परिस्थितियों में हत्या हो गई, जिसके चलते दलित समाज के लोगों के लगा कि उनकी हत्या संतोष और राधे गैंग ने कराया है.
कुवंरपाल की हत्या के बाद यूपी पुलिस ने कार्रवाई करते हुए संतोष-राधे गैंग के दो सदस्यों को गिरफ़्तार करके उनसे भारी मात्रा में हथियार बरामद किए थे. संतोष, राधे और बाकी अभियुक्तों को यह शक था कि उनके गैंग के इन दो सदस्यों की गिरफ्तारी के पीछे दिहुली गांव के जाटव जाति के लोगों का हाथ है. पुलिस ने इस घटना में जाटव जाति के तीन लोगों को गवाह के तौर पर पेश किया तो यह शक और गहरा गया. पुलिस की चार्जशीट के मुताबिक, इसी रंजिश की वजह से दिहुली हत्याकांड हुआ.
डकैतों ने सरेआम गोलियों से भूना
संतोष-राधे ने दलित समाज को सबक सिखाने के लिए दिहुली कांड को अंजाम दिया था. 18 नवंबर 1981 शाम पांच बजे की बात है. ठंड अपनी दस्तक रहे थी, गांव के लोग अपने घर लौट ए थे. संतोष-राधे अपने साथी डकैतों हथियार लेकर दिहुली गांव पर हमला कर दिया. डकैतों ने औरतों-बच्चों किसी को नहीं बख्शा, जो मिला उसे मौत के घाट उतार दिया.
चश्मदीदों के मुताबिक, संतोष गिरोह ने पूरे जाटव टोले को घेर रखा था, जो दिखाई देता उसको गोली मार देते थे. इस तरह 24 दलित समाज के लोगों को गोलियों से भून दिया था. गांव में डकैतों ने लूट-पाट की और उसके बाद सभी आरोपी ठाकुरों के मोहल्ले में चले गए. बताया जाता है कि वह पंचम सिंह, रवेंद्र सिंह, युधिष्ठिर सिंह, रामपाल सिंह के घर पर रात को डेढ़ बजे तक रहे. वहां डकैतों ने पार्टी भी की थी. घटना इतना भाहवत थी कि गांव के लोग रात तक डर के कारण अपने मोहल्ले में नहीं गए.
डर से दलित समाज का पलायन
दिहुली वारदात के बाद दलित समाज के लोगों ने दिहुली गांव से पलायन शुरू कर दिया था, लेकिन सरकार के आदेश पर पुलिस और प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी गांव में कैंप लगाकर रहने लगे. घटना के बाद कई महीनों तक पुलिस और पीएसी गांव में तैनात रही थी. दलित लोगों से गांव में ही रुकने की अपील की थी.
दिहुली नरसंहार मामले में लायक सिंह, वेदराम, हरिनारायण, कुमर प्रसाद और बनवारी लाल गवाह बने. लायक सिंह ने ही संतोष सिंह, राधे श्याम सहित उनके डकैत सदस्यों के खिलाफ नामजद 19 नवंबर को एफआईआर दर्ज कराई थी. गवाह को सुरक्षा दी गई. दलित समाज के लोगों से पलायन करने से रोका गया. हालांकि, अब ये सभी जिंदा नहीं हैं, लेकिन उनकी गवाही के आधार पर ही अभियोजन पक्ष ने केस को मजबूत रखा. विशेष रूप से कुमर प्रसाद ने बतौर चश्मदीद घटना का पूरा विवरण अदालत में पेश किया था, जिसके आधार पर दोषी करार दिया गया है.
इंदिरा गांधी ने गांव का दौरा किया
उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी और मुख्यमंत्री विश्वनाथ प्रताप सिंह थे. इस वारदात के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने भी दिहुली गांव का दौरा किया था. गांव में उन्होंने पीड़ित परिवारों को सांत्वना दी और गांव में पुलिस चौकी बनवाने के साथ अलग बिजली के फीडर की स्थापना का आदेश दिया था. विपक्ष ने इस कांड के बाद कांग्रेस सरकार पर सवाल खड़े किए थे. तब विपक्ष के नेता बाबू जगजीवनराम ने भी दिहुली गांव का दौरा करके दलित समाज के लोगों के इंसाफ की लड़ाई लड़ने का आश्वासन दिया था. कांग्रेस सरकार की जमकर किरकिरी हुई थी.
44 साल के बाद मिला इंसाफ
1981 में दिहुली कांड हुआ था. हाईकोर्ट के आदेश पर इलाहाबाद के सेशन कोर्ट में 1984 में ट्रांसफर किया गया था. 1984 से लेकर अक्टूबर 2024 तक केस में वहां पर ट्रायल चला. इस घटना में कुल 17 अभियुक्त थे, जिनमें से 13 की मौत हो चुकी है. 11 मार्च को फ़ैसले से पहले एडीजे (विशेष डकैती प्रकोष्ठ) इंद्रा सिंह की अदालत में जमानत पर रिहा चल रहे अभियुक्त कप्तान सिंह हाजिर हुए थे.
अदालत ने कप्तान सिंह, रामसेवक और रामपाल नाम के तीन अभियुक्तों को दोषी क़रार दिया और अब इन्हें सज़ा सुनाई जाएगी. एक अन्य अभियुक्त ज्ञानचंद्र को भगोड़ा घोषित किया गया है. रामसेवक, मैनपुरी जेल में बंद हैं, उन्हें अदालत में पेश किया गया था, जबकि तीसरे अभियुक्त रामपाल की ओर से हाजिरी के लिए माफी मांगी गई थी, लेकिन उनकी अपील खारिज करके उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर दिया गया है. अदालत उन्हें आज सजा सुनाएगी.
बिहार पुलिस का ऐलान, अपराधियों को अब गोली का जवाब गोली से मिलेगा, आत्मरक्षा में कोई कोताही नहीं
17 Mar, 2025 10:55 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
बिहार में कानून व्यवस्था के सवाल को लेकर विपक्ष के तेवर आक्रामक हैं और नीतीश सरकार को घेरने का कोई मौका नहीं चूक रहा. इस बीच लगातार आपराधिक घटनाओं से बिहार सरकार भी अलर्ट मोड में आ गई है और पुलिस मुख्यालय भी हरकत में है. होली के दौरान बिहार में दो पुलिसकर्मी की हत्या के साथ हुई दूसरी अन्य आपराधिक घटनाओं को लेकर सोमवार को ADG पुलिस मुख्यालय कुंदन कृष्णन और ADG लॉ एंड ऑर्डर पंकज दराद ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कई जानकारी मीडिया से साझा की. इसके बाद न्यूज 18 से एक्सक्लूसिव बातचीत करते हुए एडीजी कुंदन कृष्णन ने विस्तार से अपनी बात कही. एडीजी ने कहा कि कुछ असामजिक तत्व बिहार में दंगा फैलाने की कोशिश कर रहे हैं इस बात के इनपुट IB को मिले थ. इस इनपुट के आधार पर पूरे बिहार में सुरक्षा के बेहतर इंतजाम किए गए, फिर भी कुछ जगहों पर आपराधिक घटनाएं हुईं जिसमें हमारे परिवार के दो सदस्य को भी अपनी जान गंवानी पड़ी. इन घटनाओं से हम लोगों ने सबक लिया है और आगे आने वाले दिन में रामनवमी और ईद के दौरान सुरक्षा के लिहाज से और बेहतर सुरक्षा के इंतजाम करेंगे.
एडडीजी कुंदन कृष्णन ने कहा, होली के दौरान जिन अपराधियों ने आपराधिक घटना को अंजाम दिया है उनकी पहचान कर उनके विरुद्ध स्पीडी ट्रायल चलाकर न्यायालय से उन्हें सजा दिलवायी जाएगी. इस दौरान इन्होंने यह भी कहा कि पुलिस अब गोली का जवाब गोली से देगी, आत्मरक्षा करने में कोई कोताही पुलिस अब नहीं बरतेगी. ADG पुलिस मुख्यालय कुंदन कृष्णन ने कहा कि राज्य में होली का पर्व प्रायः शांतिपूर्ण मनाया गया. इस क्रम में राज्य के सभी जिलों में पुलिस बल एवं दंडाधिकारी की प्रतिनियुक्ति कर होली पर्व के शांतिपूर्ण समापन हेतु पुलिस मुख्यालय के द्वारा नियमित अनुश्रवण किया गया.
एडीजी ने कहा कि होली पर्व के क्रम में पुलिस की प्राथमिकता रहती है कि राज्य में साम्प्रादियक सौहार्द बना रहे तथा कहीं से कोई ऐसी अप्रिय घटना ना हो जिससे साम्प्रादायिक समरसता प्रभावित ना हो.इस वर्ष होली पर्व पर दो भिन्न समुदायों के बीच कुल-11 सामान्य घटनाएँ प्रतिवेदित हुई हैं. कहीं कोई विधि-व्यवस्था की गंभीर समस्या नहीं उत्पन्न हुई. कुल-11 कांड अंकित किये गये और इन घटनाओं में कुल 14 लोग जख्मी हुए. किसी की मृत्यु नहीं हुई. 29 व्यक्तियों को अभी तक गिरफ्तार किया गया है और 4 को डिटेन किया गया. एडीजी ने बताया कि एक ही समुदाय के दो जातियों के बीच दो घटनाएं प्रतिवेदित हुए हैं. जिनमें 26 लोग जख्मी हुए हैंऔर 3 व्यक्ति को अभी तक हिरासत में लिया गया है. एडीजी ने बताया कि पुलिस पर हमले की कुल-12 घटनाएं प्रतिवेदित हुई है. इन घटनाओं में दुर्भाग्यवश हमारे 2 सहायक अवर निरीक्षक शहीद हो गये हैं और 27 पुलिसकर्मियों के जख्मी होने की सूचना है. हम इन घटनाओं को बहुत गंभीरता से ले रहे हैं. जिन्होंने भी पुलिस पर हमले किये हैं उनके विरूद्ध कठोर विधि-सम्मत कार्रवाई की जाएगी.
एडीजी ने डायल 112 (ERSS) की कार्रवाई के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि राज्य में 14 और 15 मार्च 2025 को मुख्य रूप से होली पर्व मनाया गया. इन दोनों दिनों में डायल-112 के द्वारा कार्रवाई का ब्योरा इस प्रकार है. होली के दौरान 14 March को 67 हजार 186 कॉल आए 13 हजार 150 घटना स्थल पर पुलिस टीम पहुंची. 15 मार्च को 56 हजार 851 कॉल आए जिसमें 9 हज़ार 642 घटनास्थल पर पुलिस टीम गई.
बिहार में कानून का राज खत्म, सड़क पर गाड़ी रोककर पुलिस को दी गाली, अपराधी हुए बेकाबू
17 Mar, 2025 10:11 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
बिहार में इन दिनों ऐसा लगता है जैसे अपराधियों और असामाजिक तत्वों को पुलिस से डर ही नहीं लगता है. तभी तो आए दिन आसामाजिक तत्व आए दिन पुलिस वालों से ही नोक-झोंक कर रहे हैं. पुलिस टीम पर हमला कर रहे हैं और पुलिस वालों के हथियार भी छिन ले रहे हैं. ऐसा ही एक और मामला बिहार के मोतिहारी जिले से सामने आया है. दरअसल बिहार के मोतिहारी में शराब के नशे में धुत युवकों और पुलिस के बीच जमकर नोकझोंक हुई. बताया जा रहा है कि नशे में धुत युवकों ने बीच सड़क पर अपनी गाड़ी रोक दी और पुलिस के मना करने पर होमगार्ड के जवान से हाथापाई की और उनसे उनका हथियार छीनने की कोशिश की. यह पूरा मामला रघुनाथपुर थाना क्षेत्र का है.
जानकारी के मुताबिक रघुनाथपुर थाना के जितेंद्र कुमार उर्फ टिमन कुमार और भोला साहनी नामक दो युवक नशे की हालत में पुलिस के जवानों से उलझ गए और उनके साथ बदसलूकी करने लगे. पुलिस ने जितेंद्र उर्फ टिमन को गिरफ्तार कर लिया है जबकि भोला साहनी मौके से फरार हो गया, जिसकी तलाश पुलिस कर रही है. गौरतलब है कि मोतिहारी में पुलिस के साथ नोकझोंक और बदसलूकी की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं. आए दिन शराब के नशे में लोग पुलिस के साथ दुर्व्यवहार करते हैं, जिससे कानून व्यवस्था पर सवाल उठते हैं.
पुलिस को बीच सड़क पर रोककर दी गंदी-गंदी गाली
मिली जानकारी के अनुसार मोतिहारी पुलिस और शराबियों के बीच जमकर नोक-झोंक के साथ हाथपाई की नौबत आई. शराबी टिमन साह ने पुलिस को बीच सड़क पर रोककर जबरन गंदी-गंदी गाली दी. पुलिस होमगार्ड के जवान के मना करने और पकड़ने पर टिमन साह ने हथियार भी छिनने की नाकाम कोशिश की. रघुनाथपुर थाना के मलग बाबा चौक के पास जितेंद्र कुमार उर्फ टिमन साह और भोला साहनी दोनों दोस्तों ने शराब पीकर जमकर हुड़दंग किया और मोतीहारी पुलिस के जवानों से जमकर की नोक-झोंक की.
पुलिस ने एक को किया गिरफ्तार दूसरे की तलाश जारी
पुलिस ने एक को स्कूटी के साथ गिरफ्तार किया है और दूसरे की तलाश में जुटी है. घटना को लेकर दरोगा मनोज कुमार सिंह के बयान पर एफआईआर दर्ज किया गया है. मोतिहारी पुलिस के साथ लगातार नोंक-झोंक और हमले जैसी घटनाओं में इजाफा हो रहा है. इस बार शराबियों ने बीच सड़क पर मोटरसाइकिल लगाकर जमकर पुलिस के साथ गाली गलौच की.
बिहार का मखाना होगा इंटरनेशनल ब्रांड, PM मोदी की पहल से किसान होंगे मालामाल
17 Mar, 2025 09:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
बिहार में मखाना की खेती और व्यवसाय से जुड़े किसानों किसानों और व्यवसायियों के लिए अच्छी खबर है. दरअसल अब बिहार के पूर्णिया, कोसी और मिथिलांचल का जल्द ही इंटरनेशनल फूड बनकर सामने आएगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मॉरिशस में बिहार के मखाना को इंटरनेशनल फूड बनाने की घोषणा तक कर दी. वहीं लोकसभा अध्यक्ष ने भी लोकसभा के कैंटीन में मखाना को स्नैक्स के रूप में शामिल करने का निर्देश दिया है. इससे जहां मखाना के कारोबार से जुड़े लाखों किसानों और व्यवसायियों में खुशी है, वहीं इंटरनेशनल मार्केट में बिहार को एक नई पहचान मिलने जा रही है.
दरअसल पूरे विश्व के 90 प्रतिशत मखाना की खेती पूर्णिया, सीमांचल, कोसी और मिथिला एरिया में होती है. ऐसे में जब से बिहार के मखाना को जियो टैगिंग मिला है और मखाना की पैकेजिंग शुरू हुई है. तभी से अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा समेत कई देशों में पूर्णिया के मखाना की डिमांड होने लगी है. लेकिन, अब तो जहां लोकसभा अध्यक्ष ने लोकसभा के कैंटीन में मखाना स्नेक्स को शामिल करने का निर्देश दिया है. वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मॉरिशस यात्रा के दौरान मॉरीशस के प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति को बिहार का मखाना और महाकुंभ संगम का जल भेंट किया. साथ ही उन्होंने बिहार के मखाना को इंटरनेशनल फूड बनाने की घोषणा तक कर दी.
व्यवसायियों, जनप्रतिनिधियों और किसानों में खुशी
पीएम नरेंद्र मोदी के घोषणा से यहां के व्यवसायियों, जनप्रतिनिधियों और किसानों में काफी खुशी है. व्यवसायी अरविंद कुमार भोला ने कहा कि प्रधानमंत्री के इस पहल से अब बिहार का मखना इंटरनेशनल फूड बनेगा. पहले भी मखाना का डिमांड कई देशों में होता था. लेकिन, अब और बढ़ावा मिलेगा. वहीं पूर्णिया के पूर्व सांसद संतोष कुशवाहा और सदर विधायक विजय खेमका ने मखाना को इंटरनेशनल फूड घोषित करने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार जताया है. वहीं लोकसभा में भी स्नैक्स के रूप में मखाना को शामिल करने पर उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला का भी धन्यवाद दिया हैं.
पूर्णिया में मखाना बोर्ड का गठन करने की मांग
उन्होंने कहा कि विश्व का 90 प्रतिशत मखाना पूर्णिया, सीमांचल, कोसी और मिथिलांचल में होता है. यहां के किसान काफी मेहनत से मखाना का उत्पादन करते हैं. प्रधानमंत्री के इस पहल से मखाना किसानों को काफी फायदा होगा. उन्होंने कहा कि इससे मखाना किसाने की आमदनी बढ़ेगी और बिहार की पहचान देश दुनिया में बढ़ेगी. वहीं पूर्व सांसद संतोष कुशवाहा ने कहा कि पूर्णिया और कटिहार में मखाना की सबसे अधिक पैदावार होती है. पूर्णिया का भोला पासवान शास्त्री कृषि कॉलेज मखाना के क्षेत्र में काफी काम कर रही है. इसलिए वे लोग केंद्रीय मंत्री से मिलकर मखाना बोर्ड का गठन पूर्णिया में करने की मांग करेंगे. इससे इस इलाके को काफी फायदा होगा.
बिहार के किसानों और मखाना कारोबारियों की बल्ले-बल्ले!
बता दें, मखाना को पूर्व में ही सुपर फूड घोषित किया गया है. इस केंद्रीय बजट में बिहार मैं मखाना बोर्ड के गठन का भी निर्णय लिया गया है. वहीं अब प्रधानमंत्री ने जहां मखाना को इंटरनेशनल फूड बनाने की घोषणा की है. वहीं लोकसभा अध्यक्ष ने भी कैंटीन में स्नैक्स के रूप में मखाना को शामिल करने की घोषणा की है. इससे बिहार के मखाना कारोबारी और किसाने की बल्ले बल्ले है. अब उन्हें एक अलग पहचान तो मिलेगी ही साथ ही उनकी आमदनी भी कई गुना बढ़ जाएगी.
कानपुर-लखनऊ रेल रूट पर 40 दिन तक ब्रेक, बिहार, बंगाल और असम जाने वालों को होगा असर
17 Mar, 2025 07:50 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
कानपुर-लखनऊ रेलमार्ग पर आगामी 20 मार्च से 30 अप्रैल तक रेल सेवा बाधित रहेगी. गंगा पुल पर ट्रैक के काम को पूरा करने के लिए ये फैसला लिया गया है. गंगा नदी पर स्थित रेलवे पुल का अप लाइन टर्फ बदलने का काम शुरू होने जा रहा है, जिसको लेकर आज लखनऊ मंडल के डीआरएम ने बताया कि रेलवे विभाग 20 मार्च से 30 अप्रैल तक रोजाना सुबह 8 बजे से शाम 5 बजे तक मेगा ट्रैफिक और पावर ब्लॉक लेगा.
कानपुर पुल बांया किनारा और कानपुर स्टेशन के बीच स्थित ब्रिज संख्या 110 पर यह कार्य होगा. पुराने स्टील टर्फ की जगह एच-बीम स्लीपर लगाए जाएंगे. इससे ट्रेनों का संचालन अधिक सुरक्षित होगा. वर्तमान में जर्जर टर्फ के कारण अप लाइन की सभी ट्रेनों को पूरी तरह रोक कर गुजारा जा रहा है. इससे ट्रेनों की गति और यात्रियों की सुविधा प्रभावित हो रही है. नई सामग्री रेलवे स्टेशन पर पहुंच गई है.
रेलवे विभाग ने कार्य के लिए विशेष दिशा-निर्देश जारी किए हैं. ब्लॉक से पहले सभी जरूरी उपकरण और सामग्री साइट पर पहुंचाई गई हैं. इंजीनियरिंग विभाग के अधिकारी नियमित निगरानी रख रहे हैं. यात्रियों को ट्रेनों के रद्द होने या मार्ग बदलने की जानकारी दी गई है. रेलवे सुरक्षा बल और तकनीकी टीम कार्य के दौरान सुरक्षा सुनिश्चित करेगी.
मुख्य ट्रैक की मरम्मत के साथ मेंटेनेंस
अन्य रेलवे मंडलों को भी पहले से सूचित कर दिया गया है. इससे मुख्य ट्रैक की मरम्मत के साथ मेंटेनेंस और शैडो ब्लॉक्स की योजना भी बनाई गई है. वहीं ट्रेनों की जानकारी देते हुए डीआरएम ने बताया कि यूपी में अलग-अलग वजहों से विभिन्न ट्रेन रूट प्रभावित होंगे. इसमें मार्च और अप्रैल में कई गाड़िया रद्द होंगी या मार्गों में फिर बदलाव किया जाएगा.
ये ट्रेनें रहेंगी प्रभावित
यात्रियों के लिए जो ट्रेन चलाई जा रही है, उसमें ढाई से 3 घंटे लेट होने की संभावना है. प्रतिदिन 9 घंटे का ब्लॉक दिया जाएगा. लगभग 74 ट्रेनें प्रभावित रहेंगी, जिससे यात्रियों को असुविधा हो सकती है. कानपुर-लखनऊ रेल मार्ग पर बाधित रहने वाली ट्रेनों में 11110 लखनऊ-वीरांगना लक्ष्मीबाई झांसी इंटरसिटी 20 मार्च से 1 मई तक बाधित रहेगी, 51813 झांसी लखनऊ, 51814 लखनऊ झांसी पैसेंजर, 55345 लखनऊ कासगंज, 55346 कासगंज लखनऊ पैसेंजर, 64203 लखनऊ कानपुर सेंट्रल मेमू, 64204 कानपुर सेंट्रल लखनऊ मेमू भी 20 मार्च से 1 मई तक नहीं चलेगी.
झारखंड-छत्तीसगढ़ के बीच यात्रा को सुविधाजनक बनाने के लिए केंद्र ने जारी किया करोड़ों का बजट
17 Mar, 2025 04:59 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रांची. झारखंड के लोगों के लिए अब छत्तीसगढ़ जाना पहले से आसान हो जाएगा. वर्तमान में दो प्रमुख सड़कें झारखंड को छत्तीसगढ़ से जोड़ती हैं. इनमें से अंबिकापुर-रामानुजगंज राष्ट्रीय राजमार्ग, जो झारखंड के गढ़वा से छत्तीसगढ़ को जोड़ता है, की हालत बेहद खराब हो चुकी है. इस मार्ग पर फोर व्हीलर तो छोड़िए, टू व्हीलर चलाना भी किसी चुनौती से कम नहीं है.
इस राजमार्ग से हर दिन दर्जनों बसें विभिन्न शहरों और छत्तीसगढ़ के लिए संचालित होती हैं. ऐसे में इस सड़क के नव-निर्माण और चौड़ीकरण का कार्य शुरू हो चुका है. मार्ग में पेड़ों की कटाई का कार्य भी जारी है, जो वन विभाग की मंजूरी के बाद जल्द पूरा कर लिया जाएगा. केंद्र सरकार ने इस सड़क के निर्माण के लिए तीन चरणों में राशि आवंटित कर दी है.
गुमला मार्ग से अंबिकापुर मार्ग का होगा जुड़ाव
झारखंड के गुमला-कटनी राष्ट्रीय राजमार्ग को अंबिकापुर-रामानुजगंज राष्ट्रीय राजमार्ग से जोड़ने के लिए अंबिकापुर के महावीरपुर से रामानुजगंज मार्ग में रजपुरी खुर्द तक अंबिकापुर बाइपास बनाया जाएगा. इस 13.7 किलोमीटर लंबे बाइपास के लिए 144 करोड़ रुपये की स्वीकृति प्रदान की गई है.
इसके अलावा, रजपुरी खुर्द से पाढ़ी तक 49 किलोमीटर सड़क के लिए 397 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं. बड़कीम्हरी से रामानुजगंज तक 29.4 किलोमीटर सड़क के लिए 199.005 करोड़ रुपये की प्रशासकीय स्वीकृति दी गई है. राशि स्वीकृत होने और वन विभाग की मंजूरी मिलने के बाद निर्माण कार्य में तेजी आई है. अंबिकापुर से रामानुजगंज तक लगभग 110 किलोमीटर लंबे मार्ग के निर्माण के लिए तीन कंपनियों से अनुबंध की प्रक्रिया जल्द पूरी की जाएगी.
झारखंड और छत्तीसगढ़ को जोड़ने वाले दो प्रमुख मार्ग
झारखंड और छत्तीसगढ़ को जोड़ने के लिए दो मुख्य सड़कें हैं. अंबिकापुर-रामानुजगंज राष्ट्रीय राजमार्ग. यह मार्ग झारखंड के गढ़वा को छत्तीसगढ़ से जोड़ता है. इस मार्ग से यात्री दूसरे शहरों में आसानी से जा सकते हैं. जशपुर-गुमला-रांची मार्ग. यह मार्ग जशपुर होते हुए गुमला और रांची को जोड़ता है. दोनों ही मार्गों से प्रतिदिन झारखंड के विभिन्न शहरों के लिए दो दर्जन से अधिक बसों का संचालन होता है.
15 मौतों के बाद झारखंड सरकार ने उत्पाद सिपाही भर्ती प्रक्रिया में किया बदलाव, अभ्यर्थियों को राहत
17 Mar, 2025 03:28 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रांची. पिछले दिनों उत्पाद सिपाही नियुक्ति को लेकर काफी गरमा-गर्मी देखी जा रही थी. दरअसल, इस नियुक्ति प्रक्रिया में अभ्यर्थियों को 10 किलोमीटर की दौड़ में भी शामिल होना था. इसमें कई की मौत भी हो गई थी. अब इस नियमावली में बदलाव कर दिया गया है. कैबिनेट में नए नियम पर मोहर भी सीएम ने लगा दी है. जिसे सुनकर अभ्यर्थी निश्चित तौर पर बहुत खुश होंगे.
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में कैबिनेट बैठक बीते गुरुवार को संपन्न हुई. बैठक में उत्पाद सिपाही की दौड़ में संशोधन करने समेत कुल 31 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई है. संशोधित नियमों के मुताबिक अब अभ्यर्थियों को उत्पाद सिपाही बहाली की दौड़ में 10 किलोमीटर नहीं दौड़ना होगा. इसके बजाय उन्हें 1600 मीटर की दौड़ 6 मिनट में पूरी करनी होगी.
क्या कहता है नया नियम
झारखंड में उत्पाद सिपाही नियुक्ति नियमावली को संशोधित कर दिया गया है. नई नियमावली में 10 किलोमीटर की दौड़ से मुक्ति मिल गई है. इन्हें सिर्फ एक मील (1.6 किमी) की दौड़ लगानी होगी. यह नियमावली आरक्षी, कक्षपाल एवं गृह रक्षकों के लिए भी प्रभावी होगी. नई नियमावली में पुरुषों को यह दूरी छह मिनट में पूरी करनी होगी तो महिलाओं के लिए 10 मिनट का समय दिया गया है.
इसलिए लिया गया निर्णय
पिछले दिनों उत्पाद सिपाही भर्ती के क्रम में दौड़ लगाने वाले युवाओं में से 15 की मौत हो जाने के बाद मुख्यमंत्री के निर्देश पर नियमावली बदलने का निर्णय लिया गया था. नई नियमावली में दौड़ के लिए दूरी को कम कर दिया गया है तो समय भी इसी के अनुरूप है. गृह विभाग के नए प्रस्ताव को कैबिनेट से स्वीकृति मिल गई है.
इन फैसलों पर भी मुहर
झारखंड में सेविका सहायिका चयन नियमावली और चिकित्सा महाविद्यालय में तीन वर्षों के आवश्यक सेवा नियमावली में भी बदलाव किया गया है. वहीं, पीडीएस दुकानों में ई-पोश मशीनों के लिए कंपनी का विस्तार किया गया है. साथ ही साथ आंधी, तूफान और लू को भी आपदा में शामिल करने का निर्णय लिया गया है. ओरमांझी के बिरसा मुंडा जैविक उद्यान में भगवान बिरसा की 9 फीट मूर्ति लगाने के निर्णय को मंजूरी मिल गयी है. इसमें कुल 25 लाख रुपये खर्च किया जाएंगे. एल ख्यांगते को JPSC का अध्यक्ष बनाने के प्रस्ताव को स्वीकृति मिल चुकी है.
चाईबासा में पुआल के घर में आग लगी, चार बच्चों की जलकर मौत, परिवार में मातम
17 Mar, 2025 03:10 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
झारखंड के चाईबासा से एक दुखद खबर सामने आई है. जगन्नाथपुर थाना क्षेत्र के गीतीलिपी गांव में एक दर्दनाक हादसे में चार बच्चों की आग में जलकर मौत हो गई. घटना पुआल से बने एक घर में घटी, जहां बच्चे खेल रहे थे. खेलते समय घर में आग लग गई और देखते ही देखते आग ने चारों बच्चों को अपनी चपेट में ले लिया. हादसे में चारों बच्चों की मौत हो गई. आग लगने के कारणों का अभी तक पता नहीं चल पाया है.
मिली जानकारी के अनुसार जगन्नाथपुर थानाक्षेत्र के गीतीलिपी गांव में चार बच्चों की जलकर मौत हो गई है. बताया जा रहा है कि चारों बच्चे घर के आंगन में बने पुआल के घर में खेल रहे थे. इस दौरान लगी आग गई जिसमें जलकर चारों बच्चों की दर्दनाक मौत हो गई है. आग लगने का कारण अभी पता नहीं चला है. घटना की सूचना मिलने के बाद पुलिस मौके पर पहुंची है घटना की जानकारी ले रही है.
गांव में मातम का माहौल
घटना के बाद फायरब्रिगेड की टीम मौके पर पहुंची और आग बुझाने का काम किया. वहीं आग लगते ही मौके पर अफरातफरी मच गयी और लोग इधर-उधर भागने लगे. फिलहाल आग कैसे लगी इसका पता लगाया जा रहा है. वहीं इस घटना में चार बच्चों की मौत से गांव में मातम का माहौल है. इस दर्दनाक घटना ने लोगों को झकझोर दिया है.
दिनेश शर्मा ने की घोषणा: औरंगजेब की कब्र पर बुलडोजर चलाने पर मिलेगा 21 लाख रुपये का इनाम
17 Mar, 2025 11:49 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
महाराष्ट्र में औरंगजेब पर छिड़ी रार थमती नजर नहीं आ रही है. अब श्री कृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह विवाद मामले के वादी फलाहरी दिनेश शर्मा ने इस पूरे मामले पर बड़ी घोषणा की है. उन्होंने कहा है कि औरंगजेब की कब्र पर जो बुलडोजर चलाएगा, उसे 21 लाख रुपये का इनाम मिलेगा.
दिनेश शर्मा ने कहा कि औरंगजेब ने हमारे कई मंदिर तोड़े है. बहन-बेटियों पर खूब अत्याचार किए हैं. जो व्यक्ति औरंगजेब की कब्र को तोड़ेगा, मैं खुद उसे इनाम दूंगा. दिनेश शर्मा के मुताबिक, औरंगजेब एक देशद्रोही था. इस देश में उसकी कब्र क्या कर रही है. इसको यहां से हटा देना चाहिए. इस पर बुलडोजर चला देना चाहिए.
पाकिस्तान में होनी चाहिए औरंगजेब की कब्र- दिनेश शर्मा
दिनेश शर्मा ने कहा कि औरंगजेब की कब्र पाकिस्तान या मक्का मदीना में होनी चाहिए. भारत में इसका कोई काम नहीं है. दिनेश शर्मा एक हिंदूवादी नेता हैं और वह श्री कृष्ण जन्मभूमि मथुरा का केस भी लड़ रहे हैं. उन्होंने यह भी कहा कि जल्द ही वह श्री कृष्ण जन्मभूमि की जगह पर बनी मस्जिद के खिलाफ चल रहे वाद में जीत हासिल करेंगे. यह जीत सभी सनातनी हिंदुओं की जीत होगी.
वहीं, इससे पहले विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) ने विरोध जताते हुए कहा था कि औरंगजेब की कब्र का अंत होगा. वीएचपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने कहा था कि औरंगजेब की कब्र और औरंगजेबी मानसिकता का भारत से पूरी तरह नाश कर दिया जाएगा. इस शख्स नेसंभाजी को बहुत यातनाएं दी थीं. उन्हें बेरहमी से मारा था, इसीलिए ऐसे व्यक्ति की कब्र हर हाल में यहां नहीं होनी चाहिए.
संभाजीनगर में औरंगजेब का मकबरा
महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजीनगर में औरंगजेब का मकबरा है. इस मकबरे को लेकर समय-समय पर राजनीतिक पार्टियां आमने-सामने आती रही हैं. फिल्म छावा को लेकर फिर से यह मकबरा चर्चा में है. औरंगजेब की मौत के बाद उसके शव को संभाजीनगर के खुल्ताबाद में दफनाया गया था. उसका मकबरा फिलहाल एएसआई के संरक्षण में है.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने OTDE लक्ष्य की समीक्षा की, विभागवार प्रगति पर चर्चा
17 Mar, 2025 11:38 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी (OTDE) बनाये जाने के लक्ष्य के लिए जारी प्रयासों और अब तक के परिणामों की समीक्षा की. विभागवार हुई इस समीक्षा में सभी विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव और सचिव उपस्थित रहे. विभागीय अधिकारियों ने बारी-बारी से अपने OTDE लक्ष्य के सापेक्ष अपने विभागों में हो रहे प्रयासों और प्रगति के बारे में मुख्यमंत्री को जानकारी दी और मार्गदर्शन लिया.
बैठक में सीएम योगी ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के बजट आवंटन और उसके लिए हुए खर्च की स्थिति की भी समीक्षा की, साथ ही, जनहित में जारी विभिन्न परियोजनाओं की मुख्यमंत्री डैशबोर्ड के आधार प्रगति पर भी विभागवार चर्चा की.
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को दिए निर्देश
सीएम योगी ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2024-25 अब खत्म होने की ओर है. कुछ विभागों में आवंटन के सापेक्ष खर्च की स्थिति संतोषजनक नहीं है. संबंधित विभागों के अपर मुख्य सचिव और प्रमुख सचिवों से इसमें तेजी की अपेक्षा है. उन्होंने कहा कि मुख्य सचिव और अपर मुख्य सचिव वित्त इन विभागों की समीक्षा करें, ताकि स्थिति में सुधार के ठोस प्रयास किये जाएं.
उन्होंने कहा कि जनहित में जहां भी नीतिगत सुधार आवश्यक होगा, सरकार करने को तैयार है. नीतिगत जड़ता की स्थिति नहीं होनी चाहिए, जिस भी व्यवस्था से आम लोगों को सुविधा हो, नीतियों में बदलाव और सरलीकरण करें.
हर विभाग अपने पोटेंशियल को पहचाने
सीएम योगी ने कहा कि मिशन OTDE (वन ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी) की सफलता के लिए हर विभाग को अपनी भूमिका को निभाना होगा. अपने पोटेंशियल को पहचाने, नए आयामों को विस्तार दें. अपर मुख्य सचिव और प्रमुख सचिव स्तर पर विभागवार तय लक्ष्य की समीक्षा हर पखवारे में की जाए तथा मंत्री स्तर पर मासिक समीक्षा हो. समीक्षा बैठक में लक्ष्य के सापेक्ष प्रगति, अपनाई गई रणनीति और प्रभावों के हर पहलू पर विचार किया जाए और बेहतरी के लिए कार्ययोजना बनाकर लागू करें.
कम खर्च में समय पर मिले इलाज
स्वास्थ्य सेक्टर से हर व्यक्ति प्रभावित होता है. इसमें व्यापक सुधार की आवश्यकता है. हर व्यक्ति को समय पर और कम खर्च में इलाज सुलभ हो सके, यही प्राथमिकता होनी चाहिए. मरीजों की सुविधा और डॉक्टरों की सहूलियत को ध्यान में रखते हुए नीतिगत सुधारों को आगे बढ़ाया जाए.
अस्पताल का बकाया न रखा जाए
सीएम योगी ने कहा कि आयुष्मान भारत अथवा मुख्यमंत्री जन आरोग्य के अंतर्गत पंजीकृत किसी भी अस्पताल का बकाया न रखा जाए. यह सुनिश्चित करें कि आयुष्मान कार्ड धारक मरीज के इलाज के बाद अधिकतम एक महीने के भीतर नियमानुसार अस्पताल का भुगतान कर दिया जाना चाहिए. नए अस्पतालों को इम्पैनल करें. आवश्यकता अनुसार इम्पैनलमेंट नियमों को सरल बनाएं. साथ ही व्यवहारिकता का ध्यान रखें.
सीएम ने कहा कि लगातार प्रयासों से आज प्रदेश में 80 मेडिकल कॉलेज संचालित हो रहे हैं. इन सभी का सुचारु संचालन हो, आम जन को सुलभ चिकित्सा सुविधा मिल सके, इसके लिए मेडिकल कॉलेजों की नियमित मॉनीटरिंग की जानी चाहिए. डॉक्टर की हर समय उपलब्धता हो, दवाओं की कमी न रहे. गर्मी का मौसम प्रारम्भ हो चुका है. विंध्य और बुंदेलखंड क्षेत्र में सुचारु जलापूर्ति सुनिश्चित कराई जाए. कहीं भी आम आदमी को पानी की किल्लत नहीं होनी चाहिए.
टूरिज्म और ट्रांसपोर्ट सेक्टर में बूस्ट
उन्होंने कहा कि महाकुम्भ प्रयागराज के आयोजन ने प्रदेश के हॉस्पिटैलिटी, टूरिज्म और ट्रांसपोर्ट सेक्टर को बड़ा बूस्ट किया है. अर्थव्यवस्था पर इसका गहरा असर पड़ा है. इस साल जीडीपी के अंतिम आंकड़ों को तैयार करते समय महाकुम्भ से जुड़े डेटा को जरूर शामिल किया जाए.
सीएम ने कहा कि ऊर्जा विभाग के शीर्ष अधिकारी फील्ड में उतरें सभी डिस्कॉम की नियमित अंतराल पर समीक्षा की जाए. उपभोक्ताओं से बात करें. उनकी व्यवहारिक समस्याओं को सुनें और निस्तारण कराएं. यह सीधे तौर पर जनता से जुड़ा हुआ विभाग है, इसमें जनता से सीधा संवाद होना चाहिए.
पुलिस लाइन निर्माण, पुलिस आधुनिकीकरण तथा ढांचागत सुविधाओं से जुड़ी जितनी भी परियोजनाएं स्वीकृत हो चुकी हैं, सभी की मॉनीटरिंग की जाए. टाइमलाइन तय करें और तय समय सीमा के भीतर पूरा कराएं.
मछली पालन, पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
पंचनद परियोजना बुंदेलखंड और आस-पास के क्षेत्रों में बड़े बदलाव की वाहक है, इसमें तेजी की अपेक्षा है. औरैया, कानपुर देहात एवं जालौन आदि जिलों में सिंचाई का रकबा बढ़ेगा और बुंदेलखंड में व्याप्त सूखा को मिटाने में मदद मिलेगी. वहीं मत्स्य पालन, पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा. पुराने जलाशयों की सफाई और अनुरक्षण की आवश्यकता है. इनकी डीसिल्टिंग कराई जानी चाहिए. जिलों से रिपोर्ट प्राप्त करते हुए इसकी कार्रवाई आगे बढ़ाएं.
आंगनबाड़ी का हो अपना भवन
बचपन संवारने में आंगनबाड़ी केंद्रों की महत्वपूर्ण भूमिका है. यह आवश्यक है कि सभी जिलों में आंगनबाड़ी का अपना भवन हो, राज्य सरकार द्वारा इसके लिए हर तरह का सहयोग दिया जाएगा. इस संबंध में आवश्यक कार्यवाही के लिए प्रस्ताव तैयार करें. साथ ही निर्माणाधीन राज्य विश्वविद्यालयों के निर्माण कार्य की थर्ड पार्टी ऑडिट कराई जाए. गुणवत्ता से समझौता नहीं होना चाहिए.
सब्सिडी वितरण में प्रगति
सीएम ने कहा कि सूचना और प्रौद्योगिकी विभाग के अन्तर्गत सब्सिडी वितरण में और प्रगति लाए जाने की आवश्यकता है. प्रदेश के स्टार्ट-अप को चिन्हित कर उन्हें यूनिकार्न की श्रेणी में लाए जाने के लिए प्रयास किए जाएं. ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी में सम्मिलित इकाइयों से निरंतर समन्वय करते हुए उन्हें क्रियाशील किए जाने की आवश्यकता है.
पर्यटन विभाग के स्तर पर वर्तमान में क्रियाशील होटल एवं अन्य अतिथिगृहों के डेटाबेस को तैयार किए जाने की आवश्यकता है. आवास विभाग के अन्तर्गत ऐसी सम्पत्तियां जो विगत कई वर्षों से विक्रय नहीं की जा सकी हैं, उन्हें तत्काल नीति लाकर निस्तारित किया जाए.
वीकेंड में करें फील्ड विजिट
उन्होंने कहा कि वीकेंड का उपयोग फील्ड विजिट के लिए किया जाना उचित होगा. फील्ड के अधिकारियों को अनावश्यक राज्य मुख्यालय न बुलाएं, बल्कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बातचीत करें. उत्तर प्रदेश के सभी शासकीय कार्मिकों को ‘मिशन कर्मयोगी’ से जोड़ा जाना है. इस संबंध में आवश्यक कार्यवाही की जाए. कार्मिकों के क्षमता संवर्धन में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका होने वाली है. मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा इसकी मॉनीटरिंग की जाए. सीडी रेशियो की जनपदवार मॉनीटरिंग की जा रही है. सभी जिलों को इसके लिए काम करने की जरूरत है.
25 मार्च को सरकार के आठ साल पूरे
25 मार्च को वर्तमान सरकार के आठ साल पूरे हो रहे हैं. यह आठ साल नए भारत के नए उत्तर प्रदेश के सृजन के रहे हैं. आठ साल पूरे होने के अवसर पर सभी जिलों में तीन दिवसीय मेले का आयोजन किया जाए. इन मेलों में केंद्र सरकार द्वारा 11 साल और राज्य सरकार द्वारा 8 सालों में जनता की सेवा, सुरक्षा और प्रदेश में सुशासन स्थापित करने के लिए किए गए प्रयासों और परिणामों से जनता को अवगत कराया जाए. सभी विभाग अपने प्रयासों, उपलब्धियों के बारे प्रदर्शनी लगाएं.
सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन
शाम में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन हो, इनमें स्थानीय कलाकारों को वरीयता दें. तीन दिवसीय मेलों में लोककल्याणकारी योजनाओं से वंचित लोगों को इसका लाभ दिलाया जाए. जनारोग्य मेला, ऋण मेला आदि का भी आयोजन हो. सभी जिलों में यह कार्यक्रम किया जाना है. इस संबंध में सभी आवश्यक कार्यवाही समय से पूरी कर ली जाए.
उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ में 219 मदरसे कागजों पर चल रहे पाए गए, धोखाधड़ी के मामले दर्ज
17 Mar, 2025 11:18 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ में जांच के दौरान 219 मदरसे कागजों पर चलते पाए गए. इसके बाद जिले के अलग-अलग थानों में धोखाधड़ी के मामले दर्ज किए गए. पुलिस ने इसकी जानकारी दी. पुलिस अधीक्षक हेमराज मीणा ने रविवार को बताया कि आर्थिक अपराध शाखा (Economic Offenses Wing) की जांच में पता चला था कि 219 मदरसे सिर्फ कागजों पर चल रहे थे और उनका कोई अस्तित्व नहीं है.
EWO की शिकायत के बाद जिले के 22 थानों में कुल 219 मदरसा संचालकों के खिलाफ धोखाधड़ी और अन्य कई आरोपों में मामले दर्ज किए गए हैं. उन्होंने बताया कि मदरसा पोर्टल पर ऑनलाइन डेटा एंट्री के दौरान पाई गई गड़बड़ी के आधार पर की गई जांच में शुरू में 313 ऐसे मदरसों की पहचान की गई थी, जो मानक के अनुरूप नहीं थे. सरकार से साल 2017 में की गई शिकायत के बाद एसआईटी जांच हुई, जिसमें यह भी पता चला कि इनमें से 219 मदरसे पूरी तरह से अस्तित्वहीन हैं.
मामले को लेकर 22 थानों में FIR दर्ज
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि इस मामले की जांच EWO के जरिए की गई थी, जिसमें पाया गया कि इन मदरसों के मैनेजमेंट ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर कई मदों में सरकारी पैसा लिया था. EWO के इंस्पेक्टर कुंवर ब्रह्म प्रकाश सिंह की शिकायत पर पहली 6 फरवरी को FIR कंधरापुर थाने में दर्ज की गई थी. इसके बाद शहर कोतवाली, सिधारी, रानी की सराय, मुबारकपुर और निजामाबाद समेत कुल 22 थानों में मामले दर्ज किए गए.
219 मदरसों के लिए सरकारी पैसा
पुलिस अधीक्षक हेमराज मीणा ने आगे बताया कि मामलों की जांच की जा रही है, जो भी तथ्य सामने आएंगे उनके आधार पर कार्रवाई की जाएगी. जिन मदरसा संचालकों ने फेक डॉक्यूमेंट्स के जरिए सरकारी पैसा हासिल किया. अब उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. 219 ऐसे मदरसों के लिए पैसा लिया, जिनका कोई अस्तित्व ही नहीं है यानी वह मदरसे जमीन पर नहीं है, लेकिन उन्हें डॉक्यूमेंट्स में दिखाया गया है.
साध्वी बनी हर्षा रिछारिया ने संभल में दिया बड़ा बयान, कहा 'बेटियों को चांडाल बनाना होगा'
17 Mar, 2025 08:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मॉडलिंग व एंकरिंग छोड़ कर साध्वी बनी हर्षा रिछारिया रविवार को संभल पहुंची. इस दौरान हर्षा ने बड़ा बयान दिया. कहा कि बेटियों को बेटी नहीं चांडाल बनाना होगा. महाकुंभ के दौरान निरंजनी अखाड़े में नजर आई हर्षा रिछारिया ने कहा कि धरती पर जब जब पाप बढ़ेगा, उसके विनाश के लिए भगवान नारायण का अवतार होगा. इसी संभल में अब भगवान क्लिक का अवतार होने वाला है. हर्षा रिछारिया ने कहा कि संभल की पवित्र माटी पर आकर वह धन्य हुई. संभल पहुंच कर हर्षा रिछारिया ने कार्तिकेय महादेव मंदिर, मनोकामना छैमनाथ मंदिर और कल्कि विष्णु मंदिर पहुंचकर दर्शन किए.
कहा कि वह यहां के सभी तीर्थ और कूपों के भी दर्शन करेंगी. उन्होंने कहा कि महाकुंभ में जाकर उनकी जिंदगी बदल गई. अब वह अपने धर्मशास्त्र और सनातन को जानने और सीखने निकली हैं. कहा कि वह अपने आप को बहुत भाग्यशाली मानती है कि उन्हें संभल आने का मौका मिला. संभल पहुंचने पर हर्षा रिछारिया का भव्य स्वागत किया गया. इस मौके पर उन्होंने महाकुंभ की तारीफ की. कहा कि जिस प्रकार से महाकुंभ सेटेलाइट के जरिए दुनिया भर में फेमस हुआ, ठीक इसी तरह अपने संभल की ख्याति भी देश दुनिया तक जाएगी.
बेटियों को खुद अपनी रक्षा करनी होगी
इस मौके पर लव जेहाद और लड़कियों के सुरक्षा के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि बेटियों को बेटी के रूप में नहीं, बल्कि उन्हें चांडाल बनाकर रखना होगा. उनके भी मां-बाप पहले यही सोचते थे कि बेटी अकेली गई है, लेकिन जब हम अपनी रक्षा खुद करने का संकल्प लेंगे तो इस तरह की चिंता की जरूरत नहीं रहेगी. कार्तिकेय महादेव मंदिर में दर्शन के बाद हर्षा रिछारिया ने सनातनी भाई बहनों को तिलक कर मिठाई खिलाई. कहा कि भगवा रंग सनानत की पहचान है और इससे किसी को आपत्ति नहीं होनी चाहिए.
हिंदुओं के खिलाफ हिंसा पर उठाया सवाल
इस मौके पर उन्होंने संभल के सीओ अनुज चौधरी के उस बयान का समर्थन किया, जिसमें उन्होंने एक होली और 52 जुमा की बात कही थी. उन्होंने इस बयान पर हो रही राजनीति की आलोचना की. उन्होंने हिंदुओं के खिलाफ अतीत में हुई हिंसा पर राजनीतिक दलों की चुप्पी पर भी सवाल उठाया. कहा कि यहां हिंदुओं के खिलाफ दंगे हुए, उन्हें जिंदा जलाया गया, ट्रेनें जलाई गईं. बावजूद इसके कोई राजनीतिक दल इसकी चर्चा करने को तैयार नहीं है. अब देश में सनातन वाली लहर चल रही है. यह बहुत बड़ा बदलाव है. इस बदलाव में हरेक सनातनी को हिस्सा लेना चाहिए.
नहर में डूबे पांच दोस्त, चार बचाए गए, एक लापता
16 Mar, 2025 12:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
फिरोजाबाद, शिकोहाबाद स्थित भूड़ा नहर में नहाने गए पांच दोस्त पानी के तेज बहाव में बह गए। स्थानीय लोगों की मदद से चार युवकों को सकुशल बचा लिया गया, लेकिन एक युवक अब भी लापता है। मौके पर भारी पुलिस बल और फायर ब्रिगेड पहुंच चुकी है। आगरा से पीएसी के गोताखोरों को बुलाया गया है, जो लापता युवक की तलाश में जुटे हैं। दरअसल मक्खनपुर थाना क्षेत्र के गांव नगला तुर्किया निवासी नीतेश अपने अन्य चार दोस्तों के साथ नहाने के लिए गया था। नीतेश गहरे पानी मे जाने के कारण डूब गया। यह मामला शनिवार का है। शाम तक नीतेश की गोताखोर तलाश करते रहे। एएसपी देहात अखिलेश भदौरिया ने बताया कि पीएसी के गोताखोर बुलाये गए है जो नीतेश की तलाश करेंगें।