उत्तर प्रदेश
जातीय जनगणना पर लालू यादव ने खोला पुराना पिटारा, बोले- अब सबको नचाएंगे
1 May, 2025 03:09 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
केंद्र सरकार ने बुधवार को बड़ा फैसला लिया है. सरकार ने ऐलान किया है कि मूल जनगणना में ही वो जाति जनगणना कराएगी. ये वो मुद्दा है, जिसे लेकर विपक्ष लगातार सरकार पर हमलावर रहा है. विपक्ष लगातार ये दावा करता रहा है कि मोदी सरकार जाति जनगणना कराने के पक्ष में ही नहीं है. अब सरकार के इस ऐलान के बाद आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव ने बड़ा हमला बोला है. इस मुद्दे को अपने द्वारा संसद में उठाए जाने का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि अभी बहुत कुछ बाकी है. इन संघियों को हमारे एजेंडा पर नचाते रहेंगे.
जाति जनगणना के ऐलान पर लालू यादव ने कहा, मेरे जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहते हुए दिल्ली में हमारी संयुक्त मोर्चा की सरकार ने 1996-97 में कैबिनेट से 2001 की जनगणना में जातिगत जनगणना कराने का फैसला लिया था. इस पर बाद में एनडीए की वाजपेयी सरकार ने अमल नहीं किया.
मैंने, मुलायम-शरद ने कई दिन संसद ठप की
आरजेडी सुप्रीमो ने कहा कि 2011 की जनगणना में फिर जातिगत गणना के लिए हमने संसद में जोरदार मांग उठाई. मैंने, मुलायम सिंह यादव और शरद यादव ने इस मांग को लेकर कई दिन संसद ठप की. बाद में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के सामाजिक आर्थिक सर्वेक्षण कराने के आश्वासन के बाद ही संसद चलने दी. देश में सबसे पहले जातिगत सर्वे भी हमारी 17 महीने की महागठबंधन सरकार में बिहार में ही हुआ.
इन संघियों को हमारे एजेंडा पर नचाते रहें
लालू यादव ने कहा, हम समाजवादी जैसे आरक्षण, जातिगणना, समानता, बंधुत्व, धर्मनिरपेक्षता इत्यादि 30 साल पहले सोचते हैं, उसे दूसरे लोग दशकों बाद फॉलो करते हैं. जातिगत जनगणना की मांग करने पर हमें जातिवादी कहने वालों को करारा जवाब मिला. अभी बहुत कुछ बाकी है. इन संघियों को हमारे एजेंडा पर नचाते रहेंगे.
अब हमारी अगली लड़ाई ये होगी: तेजस्वी
तेजस्वी यादव ने कहा, ये हम लोग की 30 साल पुरानी मांग रही है. ये हमारे पूर्वजों, समाजवादियों और लालू यादव की जीत है. पूर्व में हम पीएम से मिलने गए थे लेकिन तब पीएम ने इसे मना कर दिया था. हम लोगों की ताकत देखिए कि आज इनको हमारे ही एजेंडे पर काम करना पड़ रहा है. अब हमारी अगली लड़ाई ये होगी कि देश के विधानसभा चुनावों में दलित और आदिवासियों भाइयों की तरह पिछड़ों और अति पिछड़ों के लिए सीटें आरक्षित हों.
क्या बोले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार?
बिहार के सीएम ने कहा, जाति जनगणना कराने का केंद्र सरकार का फैसला स्वागतयोग्य है. जाति जनगणना कराने की हम लोगों की मांग पुरानी है. ये बेहद खुशी की बात है कि सरकार ने जाति जनगणना कराने का फैसला किया है. जाति जनगणना कराने से विभिन्न वर्गों के लोगों की संख्या का पता चलेगा. इससे उनके उत्थान और विकास के लिए योजनाएं बनाने में सहूलियत होगी. इससे देश के विकास को गति मिलेगी. जाति जनगणना कराने के फैसले के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अभिनंदन और धन्यवाद.
जाति जनगणना का ऐलान करते हुए सरकार ने क्या कहा?
सरकार ने कहा, कांग्रेस की सरकारों ने आज तक जाति जनगणना का विरोध किया है. आजादी के बाद की सभी जनगणनाओं में जातियों की गणना नहीं की गई.
साल 2010 में तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने लोकसभा में आश्वासन दिया था कि जाति जनगणना पर कैबिनेट में विचार किया जाएगा. इसके बाद एक मंत्रिमंडल समूह का भी गठन किया गया था. इसमें अधिकांश राजनीतिक दलों ने जाति आधारित जनगणना की संस्तुति की थी.
इसके बावजूद कांग्रेस की सरकार ने जाति जनगणना के बजाए एक सर्वे कराना ही उचित समझा, जिसे SECC के नाम से जाना जाता है. इस सबके बावजूद कांग्रेस और इंडिया गठबंधन के दलों ने जाति जनगणना के विषय को केवल अपने राजनीतिक लाभ के लिए उपयोग किया.
जनगणना का विषय संविधान के अनुच्छेद 246 की केंद्रीय सूची की क्रम संख्या 69 पर अंकित है. यह केंद्र का विषय है. हालांकि, कई राज्यों ने सर्वे के माध्यम से जातियों की जनगणना की है. जहां कुछ राज्यों में यह काम सही तरीके से हुआ, वहीं कुछ राज्यों ने राजनीतिक दृष्टि से और गैरपारदर्शी ढंग से सर्वे किया है.
इस प्रकार के सर्वें से समाज में भ्रांति फैली है. इन सभी स्थितियों को ध्यान में रखते हुए और यह तय करते हुए कि हमारा सामाजिक ताना-बाना राजनीति के दबाव में न आए, जातियों की गणना एक सर्वें के स्थान पर मूल जनगणना में ही शामिल होनी चाहिए.
इससे यह सुनिश्चित होगा कि समाज आर्थिक और सामाजिक दृष्टि से मजबूत होगा और देश का विकास होगा.
पटना से गया अब चंद मिनटों में! डोभी कॉरिडोर का काम पूरा, सफर बनेगा आसान
1 May, 2025 02:48 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
बिहार की बहुप्रतिक्षित योजना पटना-गया-डोभी कॉरिडोर मई माह में जनता को समर्पित कर दिया जाएगा. जानकारी देते हुए पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने कहा कि एनएचएआई की टीम के साथ आज समीक्षा बैठक हुई है. इस दौरान पथ निर्माण विभाग के सचिव बी. कार्तिकेय धनजी समेत एनएचएआई के मुख्य महाप्रबंधक सह क्षेत्रीय पदाधिकारी निलेश एल यवतकर समेत अन्य अधिकारी उपस्थित रहे. बैठक के दौरान मंत्री ने आमस-दरभंगा 4 लेन कॉरिडोर, पटना-गया-डोभी कॉरिडोर, औटा-सिमरिया समेत कई अहम योजनाओं की समीक्षा की गई.
मंत्री ने कहा कि पटना-गया- डोभी का निर्माण कार्य पूर्ण कर लिया गया है. अधिकारियों को जहानाबाद बाईपास में हाई टेंशन लाइन के टॉवर को जल्द शिफ्ट करने का निर्देश दिया गया है. मई महीने में इस योजना का उद्धघाटन किया जाएगा. इसके साथ ही औटा-सिमरिया के शेष बचे काम को पूरा कर राज्य के लोगों को समर्पित करने का निर्देश दिया गया है. वहीं, बिहटा में दोनों आरओबी के निर्माण का काम अगले दो माह तक पूर्ण करने का भी निर्देश दिया गया है.
क्या बोले मंत्री नितिन नवीन?
मंत्री नितिन नवीन ने कहा कि आमस-दरभंगा योजना में भी तेजी लाने के लिए अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिये गए हैं. यह एक्सप्रेसवे राज्य के सात जिलों को जोड़ेगा. साथ ही उत्तर और दक्षिण बिहार को जोड़ेगा. इससे यात्रा करने वालों का कम से कम चार घंटे का समय बचेगा. राज्य भर में यातायात सुविधाओं को बेहतर बनाने की दिशा में सरकार लगातार काम कर रही है. आज की भी बैठक में एनएचएआई द्वारा राज्य में चल रहे विकास कार्यों की गति को और तेज करने हेतु महत्वपूर्ण परियोजनाओं की प्रगति पर विस्तृत चर्चा की गई है.
उन्होंने कहा कि अधिकारियों को उच्च गुणवत्ता और तय समय-सीमा में काम को पूरा करने के लिए दिशा-निर्देश दिए गए है, ताकि सुलभ, सुरक्षित और आधुनिक बिहार के संकल्प को साकार किया जा सके.
मंत्री ने अधिकारियों को दिए निर्देश
मंत्री ने बैठक में पटना से बिहटा जाने वाली सड़क पर वाहनों का आवागमन सुचारु रूप से हो, इसके लिए भी अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए हैं. साथ ही अधिकारियों को अगली बैठक से पहले हर योजना का निरीक्षण करने के भी निर्देश दिए गए हैं. उन्होंने कहा कि कोई भी योजना सही ढंग से तभी पूरी हो सकेगी जब योजना की वास्तविक स्थिति के बारे में पूरी जानकारी हो. हमारी सरकार जनता को सुगम और सुचारु यातायात देने लिए प्रतिबद्ध है.
बिहार में CM चेहरे पर उलझे तेजस्वी, माले ने कांग्रेस की लाइन पकड़ी
1 May, 2025 02:36 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर महागठबंधन में शह-मात का खेल शुरू हो गया है. आरजेडी ने तेजस्वी यादव को सीएम का चेहरा बनाकर चुनाव लड़ने का ऐलान कर रखा है, लेकिन महागठबंधन के प्रमुख घटक दल रजामंद नहीं हैं. कांग्रेस पहले ही तेजस्वी के नाम पर रजामंद नहीं है और अब माले ने भी अपने तेवर दिखा दिए हैं. सीपीआई माले ने आरजेडी से अलग स्टैंड लेटे हुए साफ कर दिया है कि चुनाव के बाद महागठबंधन में जो भी दल बड़ा होगा, उस पार्टी का ही सीएम होगा. ऐसी ही बात कांग्रेस भी कर रही है. ऐसे में सवाल उठता है कि तेजस्वी यादव सीएम पद के चेहरे की हां और ना के बीच झूलते हुए नजर आ रहे हैं?
सीपीआई माले के महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने कहा कि महागठबंधन में सबसे ज्यादा सीटें जीतने वाली पार्टी का नेता ही मुख्यमंत्री बनेगा. उन्होंने कहा कि सभी दल मिलकर विधानसभा चुनाव लड़ेंगे. इस तरह वाम दल भी यह मानने को तैयार नहीं हैं कि तेजस्वी यादव ही गठबंधन के मुख्यमंत्री पद का चेहरा होंगे. इससे पहले कांग्रेस ने भी इस मुद्दे पर अपने हाथ खड़े कर दिए हैं. हालांकि, महागठबंधन दल में शामिल वीआईपी प्रमुख ने तेजस्वी यादव को सीएम का चेहरा मानने के लिए तैयार हैं, लेकिन साथ ही मुकेश सहनी खुद को डिप्टी सीएम बनाने की बात कर रहे हैं.
तेजस्वी के सीएम चेहरे पर सस्पेंस
बिहार में महागठबंधन का हिस्सा आरजेडी, कांग्रेस, सीपीआई माले, वामपंथी दल और मुकेश सहनी की वीआईपी पार्टी शामिल हैं. मुकेश सहनी महागठबंधन के सीएम पद का चेहरा तेजस्वी यादव को बनाने के पक्ष में है. आरजेडी पहले ही तेजस्वी यादव को सीएम का चेहरा घोषित कर चुकी है, लेकिन कांग्रेस और सीपीआई माले ने साफ कह दिया है कि सीएम का फैसला चुनाव के बाद होगा. महागठबंधन के घटक दलों की हां और ना के बीच तेजस्वी यादव जूझ रहे हैं. दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि सीएम चेहरे का फैसला चुनाव के बाद होगा. इस तरह महागठबंधन के अंदर ही तेजस्वी यादव को सभी दल स्वीकार नहीं कर रहे.
कांग्रेस-आरजेडी नेताओं की दिल्ली से लेकर पटना तक बैठकें हो चुकी हैं, लेकिन तेजस्वी के नाम पर मुहर नहीं लगी. तेजस्वी यादव ने खुद को मुख्यमंत्री फेस पहले ही मान लिया है. लालू यादव भी खुलकर तेजस्वी को बिहार का मुख्यमंत्री बनाना अपना लक्ष्य बता चुके हैं. इसके बाद भी कांग्रेस और सीपीआई माले तेजस्वी यादव के नाम पर राजी नहीं है. कांग्रेस और माले महागठबंधन के प्रमुख घटक दल हैं. ये दोनों ही दल तेजस्वी यादव को सीएम का चेहरा घोषित कर चुनाव लड़ने को तैयार नहीं है तो आरजेडी के लिए आसान नहीं है.
कांग्रेस और माले क्यों नहीं तैयार?
सीएम चेहरे पर सस्पेंस बनाए रखने की स्ट्रैटेजी के साथ कांग्रेस और माले बिहार चुनाव लड़ना चाहती है, जिस तरह से 2024 के लोकसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन ने किसी को पीएम का चेहरा घोषित नहीं किया था. इस फॉर्मूले पर बिहार चुनाव में उतरने की कवायद है. आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव कह चुके हैं कि तेजस्वी यादव सीएम का चेहरा होंगे, तो तेजस्वी भी अपने नाम का ऐलान कर चुके हैं. इसके बाद भी कांग्रेस और माले तेजस्वी को सीएम चेहरा घोषित कर चुनाव नहीं लड़ना चाहती.
कांग्रेस का तर्क है कि तेजस्वी यादव को सीएम का चेहरा घोषित कर महागठबंधन चुनावी मैदान में उतरी, तो उससे सियासी समीकरण गड़बड़ा सकता है. तेजस्वी के नाम पर यादव को छोड़कर, दलित अन्य पिछड़ी जातियां और सवर्ण समाज का वोट नहीं मिल पाएगा. ये बात राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे ने सीधे तौर पर दिल्ली बैठक में तेजस्वी यादव को बता दी. हां, ये जरूर आश्वासन दिया कि अगर बिहार में सरकार बनाने का मौका हाथ आता है, तो तेजस्वी को सीएम बनाया जा सकता, लेकिन चुनाव में उनके नाम की घोषणा कर लड़ना जोखिम भरा कदम हो सकता है.
कांग्रेस के सुर में सुर मिलाती हुई सीपीआई माले भी नजर आ रही है. सीपीआई माले के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने साफ-साफ शब्दों में कहा कि महागठबंधन किसी भी नेता को सीएम का चेहरा घोषित कर चुनाव नहीं लड़ेगी, लेकिन चुनाव जीतने के बाद जो भी पार्टी सबसे बड़ी होगी, उसका सीएम होगा. कांग्रेस की तरह से माले ही इस बात को समझ रही है कि तेजस्वी के नाम को आगे बढ़ाने पर दलित और अतिपिछड़े वर्ग का वोट छिटक सकता है. इसकी वजह बिहार में यादवों का दबंग होना है. इस तरह से माले सियासी संदेश देने में जुट गई है.
क्या है इंडिया गठबंधन का फॉर्मूला?
महागठबंधन अगर तेजस्वी यादव को आगे कर चुनावी मैदान में उतरी है, तो सवर्ण जाति के वोटों के छिटकने का खतरा कांग्रेस को लग रहा तो सीपीआई माले को है. इसीलिए कांग्रेस बिहार में 2024 के लोकसभा चुनाव वाले फार्मूले पर लड़ने की तैयारी में है. इंडिया गठबंधन ने 2024 में पीएम पद का चेहरा घोषित करके चुनाव नहीं लड़ा था. इंडिया गठबंधन ने एक ज्वाइंट कमेटी जरूर बनाई थी, उसी तर्ज पर बिहार में कोआर्डिनेशन कमेटी बनाई जा रही है.
कांग्रेस और माले की की रणनीति है कि बिना सीएम चेहरे के उतरने से किसी समाज के वोट छिटकने का खतरा नहीं होगा. इसी रणनीति के तहत कांग्रेस तेजस्वी को सीएम चेहरे की बात नहीं कर रही, ऐसे में कांग्रेस ने रणनीति बनाई है कि चुनाव के बाद जो पार्टी सबसे बड़ी बनकर उभरेगी, वही पार्टी नेता तय करेगी. जिस तरह लोकसभा चुनाव के बाद कांग्रेस के सबसे बड़ी पार्टी बनने के बाद राहुल गांधी को नेता प्रतिपक्ष बनाया गया है. उसी तरह से बिहार में महागठबंधन की सत्ता में वापसी होती है और आरजेडी अगर सबसे बड़ी पार्टी बनती है तो तेजस्वी यादव को सीएम बनाया जा सकता है.
कांग्रेस और माले के फॉर्मूले पर तेजस्वी यादव और उनकी पार्टी आरजेडी रजामंद नहीं है, लेकिन तेजस्वी ने जिस तरह से कहा कि महागठबंधन में कन्फ्यूजन नहीं है. इससे जाहिर होता है कि आरजेडी वेट एंड वॉच के मूड में है और कांग्रेस और माले के फार्मूले पर विचार-विमर्श कर रही है. ऐसे में देखना है कि महागठबंधन सीएम के कन्फ्यूजन का कैसे सॉल्यूशन तलाशती है?
दरभंगा से मुंबई तक: देवेंद्र फडणवीस के भरोसेमंद IPS देवेन भारती बने मुंबई के नए पुलिस कमिश्नर
1 May, 2025 02:17 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
बिहार में दरभंगा शहर के रहने वाले 1994 बैच के IPS अधिकारी देवेन भारती मुंबई के नए पुलिस कमिश्नर बनाए गए हैं. वह वर्तमान पुलिस कमिश्नर विवेक फणसालकर की जगह लेंगे. 35 साल की नौकरी के बाद फणसालकर आज यानी बुधवार को रिटायर हो गए. वहीं 1994 बैच के आईपीएस अधिकारी देवेन भारती, साल 2023 से मुंबई पुलिस के स्पेशल कमिश्नर के रूप में काम कर रहे हैं.
आईपीएस देवेन भारती दरभंगा के ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के पूर्व हिंदी विभागाध्यक्ष प्रो. भारती श्रीवास्तव के सबसे बड़े बेटे हैं. बताया जाता है कि 26/11 मुंबई आतंकी हमले की जांच में देवेन भारती ने काफी अहम भूमिका निभाई और उम्दा कार्य किया था. समझा जा रहा है कि इसी का इनाम उन्हें आज मुंबई पुलिस कमिश्नर बनाकर दिया गया है.
दरभंगा शहर में है देवेन भारती का घर
बता दें कि प्रो. भारती श्रीवास्तव दरभंगा शहर के नगर थाना क्षेत्र के मिर्जापुर रोड के सकमापूल की रहने वाली हैं. बताया जाता है कि देवेन भारती छह भाई बहन हैं. वह भाइयों में सबसे बड़े हैं. इनकी तीन बहने हैं, जबकि दो छोटे भाई हैं. हालांकि माता-पिता का निधन हो चुका है. मुंबई के 26/11 के आतंकवादी हमले की जांच में उनका काफी अहम रोल रहा था. देवेन भारती साल 1994 बैच के IPS अधिकारी हैं. बिहार के दरभंगा में बचपन से इनका नाता रहा है.
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के करीबी माने जाने वाले देवेन भारती, विवेक फनसालकर की जगह लेंगे, जो बुधवार को रिटायर हो गए. मुंबई पुलिस कमिश्नर की रेस में कई नाम थे. विवेक फणसालकर के रिटायर होने के बाद चर्चा थी कि पद किसे मिलेगा. वरिष्ठ पुलिस अधिकारी सदानंद दाते, संजय कुमार वर्मा, रितेश कुमार और महिला पुलिस अधिकारी अर्चना त्यागी का नाम भी पुलिस कमिश्नर की रेस में था.
फडणवीस की पहली सरकार में अहम पदों पर रहे
साल 2014 से 2019 के बीच फडणवीस सरकार के कार्यकाल के दौरान देवेन कई अहम पदों पर तैनात रहे थे. वह गढ़चिरौली में एसपी के रूप में भी तैनात थे और बाद में उन्होंने अमरावती और अकोला सहित महाराष्ट्र के कई जिलो में बतौर एसपी सेवाएं दीं. आईपीएस देवेन भारती ने साल 1998 से 2003 के बीच उन्हें खुफिया विभाग में भी सेवाएं दीं. 29 साल के करियर में देवेन भारती ज्यादातर मुंबई शहर में पोस्टेड रहे.
मुंबई में कई बड़े पदों पर काम किया
अपने पूरे करियर के दौरान देवेन भारती ने मुंबई में कई बड़े पदों पर काम किया. वे मुंबई के सबसे लंबे वक्त तक सेवा देने वाले संयुक्त पुलिस आयुक्तों (कानून और व्यवस्था) में से एक थे. उन्होंने एडिशनल पुलिस कमिश्नर (अपराध शाखा) के रूप में भी काम किया और महाराष्ट्र राज्य आतंकवाद निरोधक दस्ते (ATS) का नेतृत्व किया.
बिहार के दरभंगा से नाता रखने वाले देवेन भारती ने दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से मास्टर्स किया है और मैट्रिक झारखंड से किया है. उन्होंने मुंबई में डीसीपी (जोन 7), डीसीपी (क्राइम ब्रांच) और एडिशनल कमिश्नर (क्राइम ब्रांच) के तौर पर काम किया है. वे राज्य के एटीएस चीफ और आईजी (लॉ एंड ऑर्डर) भी रह चुके हैं.
बिहार चुनाव से पहले जातीय जनगणना की घोषणा, मोदी सरकार ने बिछाई चुनावी बिसात
1 May, 2025 02:02 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
बिहार विधानसभा चुनाव से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली केंद्र सरकार ने जाति आधारित जनगणना को मंजूरी देकर बड़ा ट्रंप कार्ड खेला है. कांग्रेस पार्टी और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी लगातार जातीय जनगणना की मांग कर रहे थे. वहीं, बिहार की सियासत में कांग्रेस की सहयोगी पार्टी आरजेडी के नेता तेजस्वी यादव भी जातीय जनगणना कराने की मांग कर रहे हैं, लेकिन मोदी सरकार ने जातीय जनगणना कराने का ऐलान कर कांग्रेस और आरजेडी से उनका मुद्दा छीन लिया है और अब विपक्षी पार्टियों को जातीय जनगणना को लेकर अपनी रणनीति पर फिर से विचार करना होगा.
पिछले कुछ वर्षों से राहुल गांधी और विपक्षी दल लगातार जातिगत जनगणना की मांग को लेकर केंद्र सरकार पर दबाव बना रहे थे. राहुल गांधी ने अपने भाषणों और अभियानों में कई बार यह कहा कि उनकी सरकार बनने पर जातिगत जनगणना कराई जाएगी और आरक्षण की 50% सीमा को तोड़ा जाएगा, लेकिन अब मोदी सरकार ने यह कदम उठाकर विपक्ष की रणनीति को कमजोर कर दिया हैमोदी सरकार बिहार चुनाव से पहले न केवल राजनीतिक रूप से काफी अहम माना जा रहा है, बल्कियह फैसला न केवल सामाजिक न्याय की दिशा में काफी महत्वपूर्ण है.इससे कांग्रेस और विपक्ष के हाथ से उनका एक प्रमुख चुनावी मुद्दा भी खिसकता नजर आ रहा है.
क्या है जाति जनगणना?
जातिगत जनगणना में देश के नागरिकों की जाति के आधार पर आंकड़े इकट्ठा किए जाएंगे. इससे यह पता चलेगा कि किस जाति की जनसंख्या कितनी है और किन वर्गों को अब तक सामाजिक लाभ नहीं मिल पाया है. यह जनगणना पहली बार औपचारिक रूप से केंद्र सरकार द्वारा की जाएगी, जबकि अब तक केवल सामाजिक-आर्थिक जनगणना ही होती रही है.
कांग्रेस-विपक्ष की धार कुंद करने की कोशिश
बिहार विधानसभा चुनाव से पहले पीएम मोदी ने कांग्रेस की धार को कुंद करने की कोशिश की है. बीजेपी की ओर से कहा गया है कि कांग्रेस की सरकारों ने आज तक जाति जनगणना का विरोध किया है. आजादी के बाद की सभी जनगणनाओं मेंजातियों की गणना नहीं की गयी. बीजेपी ने इसे लेकर कैंपेन करना शुरू कर दिया है.
बीजेपी ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस ने कभी भी जातियों की सही गणना कराने की मंशा नहीं दिखाई. पार्टी का आरोप है कि 2010 में तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने लोकसभा में यह जरूर कहा था कि जाति जनगणना पर कैबिनेट में विचार किया जाएगा, लेकिन इसके बाद सिर्फ एक मंत्रिमंडलीय समूह का गठन हुआ, जिसकी सिफारिशों के बावजूद कांग्रेस सरकार ने जातिगत आंकड़े इकट्ठा करने के बजाय केवल एक सामाजिक-आर्थिक सर्वेक्षण (SECC) कराया.
बीजेपी का कहना है कि कांग्रेस और इंडिया गठबंधन के अन्य दल अब इस मुद्दे को सिर्फ राजनीतिक हथियार के तौर पर इस्तेमाल कर रहे हैं, जबकि सत्ता में रहते हुए उन्होंने कभी इस पर ठोस कदम नहीं उठाया.
भाजपा ने संकेत दिया है कि वह इस नैरेटिव को पूरे देश में लेकर जाएगी और कांग्रेस की “दोगली नीति” को जनता के सामने उजागर करेगी. बिहार जैसे राज्य में, जहां जातिगत समीकरण चुनावी नतीजों को गहराई से प्रभावित करते हैं, यह मुद्दा खासा प्रभाव डाल सकता है.
जातीय जनगणना पर राहुल के बयान से मचा था बवाल
हाल में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि बिहार में जाति जनगणना का उद्देश्य “लोगों को मूर्ख बनाना” कहा था. 18 जनवरी को पटना में कांग्रेस के संविधान सुरक्षा सम्मेलन में बोलते हुए उन्होंने कहा था कि हम बिहार की तरह जाति जनगणना नहीं करेंगे, जिसका उद्देश्य लोगों को मूर्ख बनाना था. हम ऐसा इसलिए करेंगे ताकि हमें प्रत्येक क्षेत्र में जाति समूहों की सही हिस्सेदारी पता चल सके. गांधी ने जोर देकर कहा कि उनकी पार्टी 50% आरक्षण कोटा सीमा को तोड़ने के पक्ष में है.
राहुल गांधी की टिप्पणियों ने राजनीतिक विवाद को जन्म दे दिया था. उनके सहयोगी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने उनकी टिप्पणियों का बचाव करते हुए कहा कि उनका मतलब केवल यह पूछना था कि बिहार सरकार के नवंबर 2023 के फैसले में विभिन्न जाति समूहों के लिए कोटा 50% से बढ़ाकर 65% करने का फैसला संविधान की नौवीं अनुसूची में क्यों नहीं शामिल किया गया, जिससे इसे कानूनी जांच से बचाया जा सकता था.
एनडीए नेताओं ने कांग्रेस नेता के पाखंड को उजागर करने के लिए कूद पड़े थे और कहा कि जब जाति सर्वेक्षण किया गया था तब कांग्रेस महागठबंधन सरकार का हिस्सा थी और अब मोदी सरकार ने जातीय जनगणना के ऐलान कर राहुल गांधी के दावे को लेकर उन पर बड़ा हमला बोला है और इससे कांग्रेस और राजेडी को फिर से अपनी रणनीति बनानी होगी.
हिदुत्व के साथ अब बीजेपी का जाति कार्ड
जातीय जनगणना से परंपरागत रूप से उच्च जाति के समर्थन पर निर्भर रहने वाली बीजेपी अब पिछड़े समुदायों की बढ़ती राजनीतिक आकांक्षाओं को समायोजित करना चाहती है. बीजेपी की हिंदुत्व अपील ने ऐतिहासिक रूप से जाति विभाजन को खत्म कर दिया था. जाति सर्वेक्षण ने पहचान आधारित लामबंदी को पुनर्जीवित किया है और बीजेपी हिंदुत्व के साथ-साथ जातीय मुद्दों को भी हथियाना चाहती है.
बीजेपी ने पहले ही दावा किया है कि उनकी पार्टी समावेशी दृष्टिकोण लेकर चलती है कि प्रधानमंत्री मोदी (ओबीसी) और अध्यक्ष द्रौपदी मुर्मू (एसटी) देश के शीर्ष नेतृत्व पदों पर हैं. बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी (कुशवाहा ओबीसी) सामाजिक न्याय के प्रति भाजपा की प्रतिबद्धता का एक और उदाहरण है. “भाजपा का ट्रैक रिकॉर्ड दिखाता है कि इसने किसी भी अन्य पार्टी की तुलना में ओबीसी, दलितों और आदिवासियों के लिए अधिक काम किया है और अब जातीय जनगणना का ऐलान कर बीजेपी दावा करेगी कि वह सभी जातियों को उसकी हिस्सेदारी देने के पक्ष में है.
बिहार में जातियों की सियासत
बता दें कि अन्य पिछड़े वर्ग का वोट बैंक बिहार में कई चुनावों में ईबीसी एक महत्वपूर्ण कारक रहे हैं. वे बिहार में सबसे अधिक हाशिए पर पड़े ओबीसी में से 113 जातियों से बने हैं. प्रमुख ईबीसी में बिंद, मल्लाह, केवट, निषाद, लोहार, कुम्हार, सुनार, तेली और नोनिया शामिल हैं. अगर नीतीश कुमार, भाजपा के साथ गठबंधन के बावजूद, मुस्लिम वोट पाने में सफल रहे हैं, तो यह अल्पसंख्यकों के इसी समूह से है और अब ये वोटबैंक और भी मजबूत होंगे.
जाति-आधारित पार्टियों, जैसे जीतन राम मांझी की हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा या आईएचएएम और मुकेश सहनी की वीआईपी की विकासशील इंसान पार्टी की राजनीति पर भी इस ऐलान से असर पड़ेगा.
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि जाति जनगणना को लेकर शुरू हुआ यह नया सियासी घमासान आगामी चुनावों में प्रमुख भूमिका निभा सकता है.
चुनाव में निर्णायक साबित होगा फैसला
जातीय राजनीति के गढ़ बिहार में यह फैसला निर्णायक साबित हो सकता है. एनडीए को पिछड़े वर्गों में बढ़त मिलने की संभावना है. वहीं केंद्र सरकार के इस फैसले से विपक्ष को अपनी रणनीति बदलनी होगी कांग्रेस और RJD जैसी पार्टियों को अब अपने अभियान और नैरेटिव पर पुनर्विचार करना होगा क्योंकि बीजेपी ने उनका ही मुद्दा हथिया लिया है.
नीतीश कुमार की पार्टी JDU लंबे समय से जाति जनगणना की मांग कर रही थी. इस फैसले से एनडीए में सामंजस्य और बढ़ सकता है. इस फैसले से जदयू और भाजपा के बीच नजदीकियां और भी बढ़ेगी और दोनों ही पार्टियों के बीच सामांजस्य तेज होगा.
मोदी सरकार के इस फैसले के बाद अन्य राज्यों में भी जातिगत जनगणना की मांग तेज हो सकती है. साथ ही, केंद्र की सामाजिक नीतियों में बदलाव के संकेत मिल रहे हैं. आरक्षण की समीक्षा और विस्तार को लेकर नई बहस छिड़ सकती है. राहुल गांधी द्वारा चलाया गया ‘जाति बताओ’ अभियान अब कमजोर पड़ सकता है और कांग्रेस को नए मुद्दों की तलाश करनी पड़ सकती है. इस फैसले से सामाजिक न्याय की राजनीति को नया आयाम मिल सकता है.
झारखंड में बिजली महंगी, 1 मई से लागू होंगी नई दरें
1 May, 2025 11:31 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
झारखंड के लोगों को 1 मई से बिजली का तगड़ा झटका लगने वाला है. झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड ने वित्तीय वर्ष 2025-26 की बिजली दरों में बढ़ोतरी की है. झारखंड राज्य विद्युत नियामक आयोग ने 30 अप्रैल को इसकी घोषणा की. बिजली की बढ़ी दरें 1 मई 2025 से लागू होगी. ग्रामीण और शहरी क्षेत्र के लिए बिजली की दरों में अलग-अलग वृद्धि की गई है.
घरेलू बिजली उपभोक्ताओं खास कर ग्रामीण क्षेत्र के उपभोक्ताओं को नई दरों से ज्यादा झटका लगा है. प्रति यूनिट 40 पैसे की वृद्धि की गई है. वर्तमान में ग्रामीण इलाकों में प्रति यूनिट बिजली दर 6.30 रुपए थी जो बढ़ाकर 6.70 रुपया प्रति यूनिट कर दी गई है.
वहीं शहरी क्षेत्र केबिजली उपभोक्ताओं को 20 पैसा प्रति यूनिट को झटका लगा है. मौजूदा समय में शहरी क्षेत्रों के उपभोक्ता को 6.6 रुपया प्रति यूनिट चुकाना पड़ रहा था. जो बढ़ाकर 6.85 रुपया प्रति यूनिट कर दिया गया है. वहीं एचटी उपभोगताओं को 15 पैसा प्रति यूनिट का अतिरिक्त चुकाना होगा. वर्त्तमान में एचटी उपभोगताओं के लिए दर 6.25 रुपया प्रति यूनिट है जिसे बढ़ाकर 6.40 रुपया प्रति यूनिट कर दिया है.
चुकाने होंगे अब इतने रुपए प्रति यूनिट
कामर्शियल उपभोक्ताओं की बात करें तो ग्रामीण इलाकों के लिए 10 पैसा प्रति यूनिट बढ़ाया गया है. वर्तमान में ग्रामीण उपभोक्ता के लिए 6.10 रुपया प्रति यूनिट है, जिसे बढ़ाकर 6.20 रुपया प्रति यूनिट किया गया है. वहीं औद्योगिक क्षेत्र के अर्बन उपभोगताओं को .05 पैसा का अतिरिक्त बोझ दिया है. वर्तमान में शहरी उपभोक्ताओं के लिए बिजली दर 6.65 रुपया प्रति यूनिट है जिसे बढ़ाकर 6.70 रुपया प्रति यूनिट किया गया है.
एक मई से लागू होंगी नई दरें
एक मई से नई बिजली दर लागू होंगी. झारखंड विद्युत नियामक आयोग, जेबीवीएनएल की बिजली टैरिफ पर जनसुनवाई पूरी करने के बाद नई बिजली दरों की घोषणा की है. झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड ने विद्युत नियामक आयोग के सामने दो रुपया प्रति यूनिट बिजली की दर बढ़ाने का प्रस्ताव रखा था. वर्तमान में शहरी क्षेत्र के घरेलू उपभोक्ताओं की बिजली दर 6 रुपया 65 पैसे प्रति यूनिट है, जिसे बढ़ाकर 8 रुपया 65 पैसा प्रति यूनिट करने का प्रस्ताव दिया गया था. वहीं जेवीवीएनएल ने फिक्स्ड चार्ज को भी 100 रुपए से 200 रुपया प्रतिमाह करने का दिया था.
मेरठ: दाढ़ी कटवाने की जिद पर पत्नी देवर संग फरार, लौटते ही पति ने दिया तीन तलाक
1 May, 2025 11:26 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
उत्तर प्रदेश के मेरठ में एक महिला को पति की दाढ़ी से ऐतराज था. शादी के बाद उसने पति से कहा कि दाढ़ी कटवा लो. मौलाना पति ने उसकी बात नहीं मानी तो पत्नी अपने देवर संग फरार हो गई. अब जब दो महीने बाद वो लौटकर आई तो पति ने उसे तीन तलाक दे दिया. वो भी थाने के सामने.
महिला दो माह पूर्व देवर के साथ फरार हो गई थी. मौलाना पति ने उसकी गुमशुदगी दर्ज कराई थी. बुधवार को महिला देवर के साथ नाटकीय अंदाज में घर पहुंची, जिसके बाद हंगामा शुरू हो गया. लिसाड़ी गेट के उज्जवल गार्डन निवासी मौलाना का निकाह सात माह पूर्व इंचौली निवासी युवती से हुआ था. निकाह के बाद पत्नी ने मौलाना पति पर दाढ़ी काटने का दबाव बनाया.
उसका कहना था कि उसे दाढ़ी वाले लोग पसंद नहीं हैं. और पति की दाढ़ी उसे चुभती है. पति ने विरोध किया तो महिला ने कहा कि उसका निकाह जबरन कराया गया है. मौलाना ने दाढ़ी काटने से मना कर दिया और पत्नी के परिजनों से शिकायत कर दी. इस पर मौलाना की पत्नी अपने देवर के साथ फरार हो गई.
मौलाना ने थाने जाकर पत्नी और भाई की गुमशुदगी दर्ज कराई. दोनों की लोकेशन पंजाब के लुधियाना में मिली. पुलिस ने महिला और उसके परिजनों पर वापस मेरठ आने का दबाव बनाया. बुधवार शाम महिला देवर के साथ घर पहुंच गई. उसके परिजन भी उज्जवल गार्डन आ गए. यहां पर दोनों पक्ष में जमकर हंगामा हुआ. सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंच गई. मौलाना, उसकी पत्नी और भाई को थाने लाया गया. आई. मौलाना ने फिर तलाक देने की धमकी दी, जिसके बाद महिला ने 2.50 लाख रुपये की रकम की मांग की. मौलाना ने पत्नी से कहा कि यदि वह माफी मांग ले तो उसे घर साथ ले जाएगा.
महिला ने ठुकराया पति का प्रस्ताव
महिला नहीं मानी और साथ रहने का प्रस्ताव ठुकरा दिया. इसके बाद मौलाना ने थाने के गेट पर ही पत्नी को तीन तलाक दे दिया. महिला ने पुलिस के सामने पति पर यातनाएं देने, मारपीट करने और अश्लील वीडियो बनाकर धमकी देने का आरोप लगाया. बताया कि पति नपुंसक है. इस संबंध में परिजनों से शिकायत की थी. बाद में समझौता करा दिया गया था. इसी के चलते देवर के साथ घर छोड़कर चली गई थी. बताया कि पति ने दाढ़ी वाला आरोप फर्जी लगाया है.
दोनों पक्षों में हुआ समझौता
मामले में पुलिस ने कहा- महिला अपने देवर के साथ घर छोड़कर गई थी. बुधवार को महिला और उसका देवर वापस आ गए. दोनों पक्षों में फिलहाल बातचीत के बाद समझौता हुआ है. कोई शिकायत मिलेगी तो नियमानुसार कार्रवाई कराई जाएगी.
2000 करोड़ की संपत्ति हड़पने का मामला, कोर्ट ने लिया स्वतः संज्ञान
1 May, 2025 11:22 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
उत्तर प्रदेश के बरेली में चर्च और मिशनरीज की अरबों रुपये की संपत्ति हड़पने के मामले में कोर्ट ने बड़ी कार्रवाई की है. लगभग 12 साल से फरार चल रहे आरोपियों की जमानत रद्द करते हुए कोर्ट ने खुद संज्ञान लेकर मुकदमा शुरू किया है. आरोपियों ने फर्जी दस्तावेजों से जमानत प्राप्त की थी, जिसे कोर्ट ने रद्द कर दिया. पुलिस की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं, क्योंकि आरोपी खुलेआम घूमते रहे. इस मामले में लगभग 2000 करोड़ रुपये की संपत्ति की बात सामने आई है.
दरअसल, 2012 में अरुण थॉमस ने कोतवाली में शिकायत दर्ज कराई थी कि आरोपी सुनील के मसीह, आनंद सैमसन, विलियम दिलावर और एलिया प्रदीप सैमुअल ने मैथोडिस्ट चर्च की कीमती जमीन खुर्दबुर्द कर दी है. कोर्ट ने सभी आरोपियों को भगोड़ा घोषित किया और NBW जारी किया गया, लेकिन पुलिस ने लगभग 12 साल तक कोई कार्रवाई नहीं की. जबकि, आरोपी थाने और चौकी के सामने ही रहते थे.
फर्जी दस्तावेजों से ली गई बेल, कोर्ट ने रद्द की जमानत
2024 में आरोपियों ने कोर्ट में फर्जी दस्तावेजों के सहारे जमानत हासिल कर ली. इस पर पीड़ित अरुण थॉमस ने वकील उपदेश कुमार गुप्ता के माध्यम से कोर्ट में बेल रद्द करने की अर्जी दी. 24 अप्रैल 2025 को जिला जज सुधीर कुमार पंचम ने पाया कि कोर्ट को गुमराह किया गया और जमानत रद्द कर दी. साथ ही BNSS की धारा 379 के तहत स्वत संज्ञान लेकर मुकदमा चलाने का आदेश भी दिया.
बेच दी 2000 करोड़ रुपये की संपत्ति
29 अप्रैल को कोर्ट ने फिर से सभी आरोपियों सुनील के मसीह, आनंद सैमसन, विलियम दिलावर और एलिया प्रदीप सैमुअल के खिलाफ NBW जारी कर दिए. अब कोर्ट इस मामले में खुद वादी बनकर आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करेगा. पादरी अलबर्ट बेंजामिन ने दावा किया कि सुनील मसीह गैंग ने लगभग 20 हजार मिलियन यानी 2,000 करोड़ रुपये की मिशनरीज संपत्ति बेच दी. इनमें चर्च और कॉलेज की जमीनें शामिल हैं. आरोप है कि इन्होंने नकली स्टांप और कूट रचित दस्तावेजों का इस्तेमाल कर ये सब किया.
पुलिस संरक्षण पर उठे सवाल
एडवोकेट उपदेश कुमार गुप्ता ने कहा कि बरेली पुलिस की भूमिका शुरू से संदिग्ध रही है. आरोपी पुलिस की निगरानी में रहते हुए भी खुलेआम घूमते रहे. इससे साफ है कि पुलिस ने जानबूझकर इनकी गिरफ्तारी नहीं की. कोर्ट की सख्ती के बाद अब बरेली के चर्च और मिशनरीज की संपत्तियों से जुड़े इस बड़े घोटाले में न्याय मिलने की उम्मीद बढ़ गई है. कोर्ट की इस पहल को पीड़ितों के लिए बड़ी राहत माना जा रहा है.
वहीं, पादरी अलबर्ट बेंजामिन ने बताया कि सुनील मसीह और उनके गैंग ने लगभग 20 हजार मिलियन की प्रॉपर्टी बेच दी है. इसकी शिकायत डीएम ऑफिस में भी की गई थी. इन लोगों ने फर्जी दस्तावेज और कोर्ट की नकली स्टांप तैयार कर रखी है. ये लोग बड़े भूमाफिया हैं. इन्होंने मैथोडिस्ट कॉलेज की जमीन भी बेच दी है.
शादी में उड़ता रहा धुआं, मधुमक्खियों से बचने को की गई जुगत
1 May, 2025 11:10 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
उत्तर प्रदेश के बिजनौर में मधुमक्खियों ने एक शादी समारोह में बवाल मचा दिया. मधुमक्खियों के हमले से बरातियों और घरातियों में अफरा-तफरी मच गई. खाना खा रहे सभी लोगों ने प्लेटें फेंककर भागना शुरू कर दिया. दूल्हा-दुल्हन को छिपकर जान बचानी पड़ी.कई घंटों तक लोग घरों में दुबके रहे. बरात के लिए आए बैंड-बाजे, डीजे, घोड़ा बग्घी सब धरे रह गए. आग जला धुआं फैलाकर दूल्हे-दुल्हन की जल्दबाजी में शादी संपन्न कराई गई. यह घटना क्षेत्र में चर्चा का विषय बनी हुई है.
बिजनौर के सेलपुर-बमनोला में विवाह में पंडाल में खाना खाने गए बराती एवं घरातियों पर मधुमक्खियों के झुंड ने हमला कर दिया, जिससे दूल्हा और दुल्हन पक्ष के मेहमान खाने की प्लेट फेंककर बदहवास हालत में बचने के लिए आसपास के घरों में घुस गए. दूल्हा-दुल्हन के आसपास मंडरा रही मधुमक्खियों को घासफूंस जलाकर धुआं करके भगाया गया. बाद में दूल्हे ने भी एक ग्रामीण के घर में घुसकर मधुमक्खियों से अपनी जान बचाई.
मधुमक्खियों के छत्ते पर मारा पत्थर
घटना के मुताबिक, बुधवार को हल्दौर थाना क्षेत्र के गांव गंगोड़ा जट से क्षेत्र के गांव सेलपुरा-बमनोला में लोकेंद्र सिंह की बेटी की बारात आई थी. ग्रामीणों के मुताबिक, चिलचिलाती गर्मी में दोपहर बारह बजे बारात का स्वागत अगवानी के बाद घराती एवं बराती जैसे ही खाना खाने के लिए पंडाल में गए, इसी दौरान किसी सिरफिरे युवक ने पंडाल के पास ही नीम के पेड़ पर लगे मधुमक्खियों के विशाल छत्ते में पत्थर मार दिया, जिससे गुस्साई मधुमक्खियों ने पंडाल में खाना खा रहे बारातियो और घरातियों पर हमला कर दिया.
कई घंटों तक मधुमक्खियों का पंडाल पर कब्जा
मधुमक्खियों के अचानक हुए हमले से खाना खा रहे लोग खाने की प्लेटे फेंककर बदहवास हालत में भाग खड़े हुए. करीब साढ़े 3 घंटे तक घराती एवं बराती आसपास के घरों में दुबके रहे. कई लोग खेतो के रास्ते भाग निकले. शादी में शामिल होने आये अनेक लोगों को मधुमक्खियों ने काट भी लिया. घंटो तक पंडाल और आसपास का इलाका मधुमक्खियों के कब्जे में रहा. जगह जगह लोगो ने मधुमक्खियों को भगाने के लिये धुआं भी किया.
जल्दी-जल्दी मंत्र पढ़ कर सम्पन्न कराई शादी
घंटो देर बाद में जब मधुमक्खियों का गुस्सा शांत हुआ तो किसी तरह दूल्हे को कार में शीशे बंद कर बैठा कर बिना बैंड बाजे और मेहमानो के चढ़त की औपचारिकता निभाई. जल्दबाजी में जैसे-तैसे जयमाल और बंद मकान में फेरों की रस्म पूरी की गई. विवाह संस्कार कराने वाले पंडित जी ने भी मधुमक्खियों के चक्कर में जल्दी-जल्दी मंत्र पढ़ कर शादी सम्पन्न करने की घोषणा कर दी.
यह शादी क्षेत्र में चर्चा का विषय बनी हुई है.लोगों का कहना है किमधुमक्खियों ने शादी का मजा खराब तो किया ही, शादी में न्योते गये लोगो को शादी का खाना तक नहीं खाने दिया. जिससे हलवाई, डीजे वाले, बैंड वाले और घोडी बग्घी वालों के सारे इंतजाम और तैयारिया धरी रह गईं.
उत्तर प्रदेश: सीएचसी अधीक्षक निलंबित, 14 और डॉक्टरों पर गिरी गाज
1 May, 2025 10:59 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
उत्तर प्रदेश में ड्यूटी के दौरान लापरवाही करने वाले डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई हुई है. जानकारी के मुताबिक, ड्यूटी के समय नशा करने, राष्ट्रीय कार्यक्रमों में दिलचस्पी न दिखाने समेत अन्य आरोपों में सीएचसी रतनपुरा के अधीक्षक डॉ. भैरव कुमार पाण्डेय को सस्पेंड कर दिया गया है. इसके अलावा अन्य 14 डॉक्टरों के खिलाफ भी एक्शन हुआ है. डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक के निर्देश के बाद ये कार्रवाई की गई है.
डॉ. भैरव पांडेय ने ड्यूटी के दौरान नशा करने, राष्ट्रीय कार्यक्रमों में दिलचस्पी न लेने, अधीनस्थ कर्मचारियों व अन्य लोगों से अभद्रता तथा उच्च स्तरीय बैठकों में हिस्सा न लेने के मामले को गंभीरता से लिया गया है. जांच के बाद डॉ. भैरव को निलंबित कर दिया गया है. उन्हें आजमगढ़ के अपर निदेशक मंडल कार्यालय से जोड़ा गया था. डिप्टी सीएम के निर्देश पर प्रमुख सचिव ने सस्पेंड करने का आदेश जारी किया गया है.
शिकायत मिलने पर डॉ. भैरव को मऊ सीएमओ ने 8 अप्रैल को सीएचसी रतनपुरा से हटाकर सीएचसी मझवारा में तैनात करने का आदेश जारी किया था. लेकिन डॉ. भैरव के द्वारा अभी तक सीएचसी मझवारा का कार्यभार नहीं संभाला गया है. वो लगातार गैरहाजिर चल रहे हैं. वहीं आदेश ने मानने और बिना बताए गैरहाजिर होने पर उनके खिलाफ विभागीय कार्यवाही के भी आदेश दिए गए हैं.
इन पर भी गिरी गाज
वहीं एक और डॉक्टर के खिलाफ एक्शन हुआ है. भदोही के ही ज्ञानपुर स्थित महाराजा चेत सिंह जिला चिकित्सालय में तैनात फिजीशियन डॉ. प्रदीप कुमार यादव के खिलाफ कार्रवाई की गई है. डॉ. प्रदीप कुमार यादव के खिलाफ प्राइवेट प्रैक्टिस की शिकायत मिली थी. शिकायत के बाद मामले में जांच कराई गई तो प्राइवेट प्रैक्टिस के आरोपों सही साबित हुए. डॉ. प्रदीप की दो वेतनवृद्धियां स्थायी रूप से रोक दी गई है. परिनिंदा का दण्ड भी दिया गया है.
वित्तीय अनियमित्ताओं के लगे थे आरोप
वहीं, स्वास्थ्य महानिदेशालय में संयुक्त निदेशक डॉ. सुनील वर्मा पर वित्तीय अनियमित्ता के गंभीर आरोप लगे हैं. यह आरोप औरेया में चिकित्साधिकारी रहते हुए लगे हैं. इस संबंध में निदेशक (प्रशासन) को जांच के आदेश दिए गए हैं. साथ ही आरोप पत्र देकर विभागीय कार्यवाही किये जाने के निर्देश प्रमुख सचिव को दिये गए हैं. इसके अलावा पांच अन्य चिकित्साधिकारियों के खिलाफ भी डिप्टी सीएम ने प्रमुख सचिव को विभागीय कार्रवाई के आदेश दिए हैं. इन डॉक्टरों पर रोगियों की चिकित्सा में लापरवाही, अनाधिकृत रूप से अनुपस्थिति, अनुशासनहीनता शामिल है.
मुजफ्फरनगर में उबाल, पाक नेताओं के खिलाफ भड़का जनाक्रोश
1 May, 2025 10:52 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले को लेकर पूरे देश में गुस्सा देखने को मिल रहा है, जिसके चलते बुधवार को मुजफ्फरनगर में विजय हिंदुस्तानी नाम के एक युवक ने पाकिस्तानी राजनेताओं की शव यात्रा निकालते हुए ये घोषणा की कि जो भी व्यक्ति पाकिस्तान राजनेताओं की गर्दन काट कर लाएगा, उसको 10 करोड़ रुपए का वह इनाम देगा. विजय हिंदुस्तानी ने शव यात्रा पर पाकिस्तानी झंडा, पाकिस्तान के सेना अध्यक्ष असीम मुनीर, हनिफ अब्बासी, बिलावल भुट्टो और ख्वाजा आसिफ के फोटो लगा रखे थे. इस शव यात्रा को लेकर विजय हिंदुस्तानी नगर के मुख्य मार्ग से होता हुआ मुजफ्फरनगर जिला कलेक्ट्रेट पहुंचा.
मुजफ्फरनगर जिला कलेक्ट्रेट में मीडिया से बात करते हुए विजय हिंदुस्तानी ने ऐलान किया कि जो कोई भी पाकिस्तान के इन सभी नेताओं की गर्दन काटकर लाएगा, उसे इनाम में वह 10 करोड़ रुपए की राशि देगा. विजय हिंदुस्तानी ने कहा कि 12 करोड़ की उसके पास संपत्ति है. वह अपनी सारी संपत्ति बेचकर 10 करोड़ की राशि उस व्यक्ति को देगा, जो इन सबकी गर्दन कलम करेगा. बता दें कि विजय हिंदुस्तानी नाम का ये युवक शामली जिले के वारसी गांव का रहने वाला है. देशभक्ति के चलते विजय ने अपने शरीर पर 267 शहीदों के नाम भी गुदवा रखे हैं.
विजय हिंदुस्तानी ने कहा कि पहलगाम में बेगुनाह को मारा गया. इससे पहले जवान शहीद होते थे, लेकिन अबकी बार सारी हदें पार कर दी पाकिस्तान ने. पाकिस्तान हमारे नागरिक और जवानों के ऊपर हमला करके परमाणु बम की धमकी दे रहा है. वहां का रक्षा मंत्री हो, रेल मंत्री हो या फिर सेना अध्यक्ष हो सब आंख दिख रहा है. विजय हिंदुस्तानी ने कहा कि मैं तो पाकिस्तान से कहना चाहता हूं कि अगर दम है तो आमने-सामने की लड़ाई लड़े.
विजय हिंदुस्तानी ने ये भी कहा कि जो इन चारों की गर्दन काटकर लाएगा, उसको 10 करोड़ का इनाम दिया जाएगा. मेरी 12 करोड़ की प्रॉपर्टी है. सब बेचकर दे दूंगा. इस तरह की गीदड़भभकी हमें बर्दाश्त नहीं होगी, क्योंकि हम कब तक सहेंगे. अबकी बार सारी हदें पार कर दीं इन लोगों ने. कश्मीर का सारा व्यापार ठप हो चुका है. कश्मीर में लाखों सैलानी हर हफ्ते घूमने जाते थे. कश्मीरी से पूछकर देखो इतने दिनों में अमन चैन आया था, लेकिन दोबारा फिर वही आतंकवाद नजर आ रहा है.
विकास कार्यों में तेजी लाने के लिए बिहार सरकार ने 185 पद किए स्वीकृत
30 Apr, 2025 12:57 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
पटना: राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने आधारभूत संरचना के निर्माण के लिए होने वाली जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए 185 पदों का सृजन करने का फैसला लिया है। ये सभी पद राजस्व सेवा के होंगे। विभागीय अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने महालेखाकार को पत्र लिखकर नए पदों के सृजन की जानकारी दी है।
उन्होंने लिखा है कि केंद्रीय बजट 2025 एवं राज्य मंत्रिपरिषद के निर्णयों को कार्यान्वित करने के लिए आधारभूत संरचना के निर्माण के क्षेत्र में बड़े पैमाने पर भूमि अधिग्रहण की जरूरत है।
भूमि अधिग्रहण की यह प्रक्रिया एनएच, एनएचएआइ, बड़े पुल, रेलवे और अस्पताल के अलावा अन्य आधारभूत संरचनाओं के निर्माण के लिए चल रही है। इनके अलावा नदियों को जोड़ने और नए तटबंध बनाने के लिए भी भूमि अधिग्रहण की जरूरत है।
सबसे अधिक 104 पद अपर जिला भू अर्जन पदाधिकारियों के सृजित होंगे
केंद्र और राज्य सरकार यहां कई नए हवाई अड्डे के निर्माण और विस्तार के लिए भी प्रयत्नशील है। इन परियोजनाओं के लिए भी अतिरिक्त जमीन की मांग की जा रही है। अपर मुख्य सचिव के पत्र के अनुसार सबसे अधिक 104 पद अपर जिला भू अर्जन पदाधिकारियों के सृजित होंगे।
राजस्व अधिकारी सह कानूनगो (भू अर्जन) के नव सृजित पदों की संख्या 81 है। इन नियुक्तियों के बाद प्रत्येक जिला में अपर जिला भू अर्जन पदाधिकारी और राजस्व सह कानूनगो के तीन-तीन पद हो जाएंगे।
इन पदों के सृजन पर राज्य सरकार हर साल करीब 13 करोड़ रुपये अतिरिक्त खर्च करेगी। इस समय अधिकारियों की कमी के कारण समय पर परियोजनाओं के लिए जमीन का अधिग्रहण नहीं हो पाता है। इससे परियोजना की लागत राशि भी बढ़ जाती है।
पटना: ईडी ने जेल में बंद आईएएस संजीव हंस पर लगाए नए भ्रष्टाचार के आरोप
30 Apr, 2025 12:48 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
पटना: भ्रष्टाचार और मनी लांड्रिंग के मामले में जेल में बंद आईएएस अधिकारी संजीव हंस की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने संजीव हंस के खिलाफ पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के कार्यकाल में उनके निजी सचिव के रूप में उपभोक्ता निवारण आयोग से अनुकूल फैसला दिलाने के एवज में मुंबई की एक फर्म से एक करोड़ की रिश्वत लेने के आरोप लगाए हैं।
आरोप संजीव हंस के दोस्त विपुल बंसल के स्वीकारनामे के आधार पर लगाया गया
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अपने अभियोजन शिकायत में यह आरोप लगाया है। आरोप संजीव हंस के मित्र विपुल बंसल के स्वीकारनामे के आधार पर लगाया गया है। बंसल उस वक्त संबंधित फर्म में कार्यरत थे।
रिश्वत की रकम संजीव हंस के एक परिचित शादाद खान के माध्यम से भुगतान की गई थी। बता दें कि एनसीडीआरसी उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग के तहत काम करता है। रामविलास पासवान 2014 से 2019 के बीच इस विभाग को संभाल रहे थे। हंस पासवान के निजी सचिव थे। हालांकि, ईडी इस मामले में आधिकारिक तौर पर कुछ भी बोलने से बच रही है।
बिहार में भूमि अधिग्रहण होगा आसान, सरकार ने 185 नए पदों का किया सृजन
30 Apr, 2025 12:38 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने आधारभूत संरचना के निर्माण के लिए होने वाली जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए 185 पदों का सृजन करने का फैसला लिया है। ये सभी पद राजस्व सेवा के होंगे। विभागीय अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने महालेखाकार को पत्र लिखकर नए पदों के सृजन की जानकारी दी है।
उन्होंने लिखा है कि केंद्रीय बजट 2025 एवं राज्य मंत्रिपरिषद के निर्णयों को कार्यान्वित करने के लिए आधारभूत संरचना के निर्माण के क्षेत्र में बड़े पैमाने पर भूमि अधिग्रहण की जरूरत है।
भूमि अधिग्रहण की यह प्रक्रिया एनएच, एनएचएआइ, बड़े पुल, रेलवे और अस्पताल के अलावा अन्य आधारभूत संरचनाओं के निर्माण के लिए चल रही है। इनके अलावा नदियों को जोड़ने और नए तटबंध बनाने के लिए भी भूमि अधिग्रहण की जरूरत है।
सबसे अधिक 104 पद अपर जिला भू अर्जन पदाधिकारियों के सृजित होंगे
केंद्र और राज्य सरकार यहां कई नए हवाई अड्डे के निर्माण और विस्तार के लिए भी प्रयत्नशील है। इन परियोजनाओं के लिए भी अतिरिक्त जमीन की मांग की जा रही है। अपर मुख्य सचिव के पत्र के अनुसार सबसे अधिक 104 पद अपर जिला भू अर्जन पदाधिकारियों के सृजित होंगे।
राजस्व अधिकारी सह कानूनगो (भू अर्जन) के नव सृजित पदों की संख्या 81 है। इन नियुक्तियों के बाद प्रत्येक जिला में अपर जिला भू अर्जन पदाधिकारी और राजस्व सह कानूनगो के तीन-तीन पद हो जाएंगे।
इन पदों के सृजन पर राज्य सरकार हर साल करीब 13 करोड़ रुपये अतिरिक्त खर्च करेगी। इस समय अधिकारियों की कमी के कारण समय पर परियोजनाओं के लिए जमीन का अधिग्रहण नहीं हो पाता है। इससे परियोजना की लागत राशि भी बढ़ जाती है।
पहलगाम आतंकी हमले से आक्रोशित दरभंगा में उग्र प्रदर्शन, कार्रवाई की मांग
30 Apr, 2025 12:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद देश में गम और गुस्सा है. इसे लेकर देश भर में लोग विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. इस आतंकी घटना से गुस्साए बिहार के दरभंगा में लोग पाकिस्तान को नेस्तनाबूद करने की मांग कर रहे हैं. यहां बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद के साथ कई हिन्दू संगठन ने पहलगाम आतंकी हमला के खिलाफ सोमवार देर शाम एक मशाल जुलूस निकाला.
जुलूस दरभंगा के शिवाजी नगर से निकल कर दरभंगा टावर चौक पहुंचा, जहां एक सभा मे तब्दील हो गया. प्रदर्शनकारियों ने अपने हाथों में मशाल लेकर पूरे जोश उत्साह के साथ पाकिस्तान के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. उन्होंने देश की सेना और भारत सरकार पर अपनी पूरी आस्था जताते हुए, पाकिस्तान से सूद समेत बदला लेने की मांग की.
पाकिस्तान ने किया पीठ पर वार
प्रदर्शन में महिला पुरुष के अलावा पूर्व सैनिक भी शामिल हुए. प्रदर्शन को देखते दरभंगा पुलिस भी पूरी तरह मुस्तैद दिखाई दी, जुलूस को पूरी सुरक्षा व्यवस्था के बीच निकाला गया.जुलूस में विश्व हिन्दू परिषद सह दरभंगा जिला मंत्री राजीव प्रकाश मधुकर ने कहा कि पाकिस्तान के पीठ पीछे से वार करने को लेकर देश गुस्से में है, लड़ना है तो सामने से लड़े. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को उसके किए की सजा मिलेगी. प्रधानमंत्री के नेतृत्व में जो फैसले लिए गए हैं वो बहुत सही हैं. उन्होंने कहा कि अभी तो पानी बंद हुआ है, आने वाले समय में पाकिस्तान बर्बाद हो जाएगा.
दोहरी नागरिकता देश के लिए खतरनाक
उन्होंने सरकार से मांग करते हुए कहा कि जिस तरह से दोहरी नागरिकता की जानकारी आ रही है, वो भारत के लिए बहुत खतरनाक है. पति पाकिस्तान में और पत्नी और बच्चें भारत में. सरकार इस पर त्वरित कारवाई करे. पूर्व सैनिक महेंद्र साह ने मीडिया से कहा कि जिस तरह से प्रधानमंत्री ने भारतीय सेना को पूरी शक्ति प्रदान कर दिया है, भारत की सेना बहुत प्राक्रमी है अगर चाह लेगी तो 3 दिन में पाकिस्तान नेस्तनाबूद हो जाएगा.