उत्तर प्रदेश
सीएम सोरेन के प्रस्तावक पर विवादित बयान, सिर काटने की धमकी देने वाला आरोपी गिरफ्तार
7 Nov, 2024 11:33 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
साहिबगंज। झारखंड में जैसे-जैसे विधानसभा चुनाव की तारीखें नजदीक आ रही हैं, राजनीतिक दलों के बीच बयानबाजी भी बढ़ती जा रही है। इस बीच सीएम हेमंत सोरेन को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है।
एक युवक ने सीएम सोरेन के चुनाव में प्रस्तावक रहे मंडल मुर्मू का सिर काटने वाले को 50 लाख रुपये का इनाम देने की घोषणा की। इस माामले में पुलिस ने धमकी देने वाले युवक को गिरफ्तार कर लिया है।
चंपई सोरेन ने साझा किया स्क्रीनशॉट
मंडल मुर्मू का सिर काटने वाले को इनाम देने की घोषणा करने वाले आरोपी का नाम साहूल हांसदा है। पूर्व मुख्यमंत्री व भाजपा नेता चंपई सोरेन ने अपने एक्स हैंडल पर इसका स्क्रीनशॉट साझा करते हुए झारखंड पुलिस, साहिबगंज पुलिस, सीईओ झारखंड तथा साहिबगंज उपायुक्त को टैग करते हुए संबंधित के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की थी।
इसके साथ ही उन्होंने मंडल मुर्मू के परिवार को सुरक्षा देने की भी मांग की थी। साहिबगंज के उपायुक्त हेमंत सती ने मंडल मुर्मू को सुरक्षा उपलब्ध कराने की बात कही है। वाट्सएप के विभिन्न समूहों में यह पोस्ट साझा होने के बाद पुलिस ने इसकी जांच शुरू की फिर आरोपित को गिरफ्तार कर लिया।
सिदो कान्हू के वंशज हैं मंडल मुर्मू
मंडल मुर्मू झारखंड के वीर आंदोलनकारी और हूल विद्रोह के नायक सिदो कान्हू के वंशज हैं और तीन दिन पहले ही वह झामुमो छोड़कर भाजपा में शामिल हुए हैं।
उन्होंने केंद्रीय मंत्री और झारखंड के भाजपा के चुनाव प्रभारी शिवराज सिंह चौहान, असम के मुख्यमंत्री और झारखंड के भाजपा सह-प्रभारी हिमंत बिस्वा सरमा की मौजूदगी में भाजपा की सदस्यता ली।
बरहेट विधानसभा क्षेत्र से बनें सीएम सोरेन के प्रस्तावक
पिछले दिनों झामुमो छोड़ भाजपा में शामिल होने के लिए साहिबगंज से रांची जाने के दौरान रास्ते में पुलिस द्वारा उन्हें रोक लिए जाने को लेकर काफी हंगामा भी मचा था।
भाजपा में शामिल होने से पहले मंडल मुर्मू ने बरहेट विधानसभा क्षेत्र के झामुमो उम्मीदवार मुख्यमंत्री हेमंत के नामांकन पत्र पर प्रस्तावक के तौर पर हस्ताक्षर किया था।
'महिलाओं को हर महीने 2 हजार रुपए', लोजपा (रामविलास) का घोषणापत्र जारी
6 Nov, 2024 09:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रांची: लोजपा (रामविलास) ने झारखंड विधानसभा चुनाव के लिए अपना घोषणा पत्र जारी किया जिसमें कई महत्वपूर्ण वादे किए गए हैं। इनमें सरना धर्मकोड की वकालत 10 जिलों में फूड प्रोसेसिंग प्लांट लगाना महिलाओं को 2000 रुपये सम्मान निधि देना और धनबाद जमशेदपुर व बोकारो को घरेलू उड़ानों से जोड़ना शामिल हैं। यह घोषणा पत्र लोजपा के चुनावी अभियान का महत्वपूर्ण हिस्सा है।
केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान की पार्टी लोजपा (रामविलास) ने झारखंड विधानसभा चुनाव को लेकर अपना घोषणा पत्र जारी कर दिया है। लोजपा ने अपने घोषणा पत्र में सरना धर्मकोड की वकालत की है। इसके अलावा, 10 जिलों में फूड प्रोसेसिंग प्लांट लगाने का वादा किया है। इसके अलावा, यह भी कहा गया है कि महिलाओं को हर महीने 2000 रुपये सम्मान निधि दी जाएगी। धनबाद जमशेदपुर और बोकारो को घरेलू उड़ानों से जोड़ा जाएगा।
चुनाव से ठीक पहले बीजेपी की एक और बड़ी कार्रवाई, 30 नेता निष्कासित; 4 बड़े नेता भी चार साल के लिए निष्कासित
6 Nov, 2024 08:32 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
जमशेदपुर। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी के निर्देश पर महामंत्री और सांसद डा. प्रदीप वर्मा ने विधानसभा चुनाव में अधिकृत प्रत्याशियों के खिलाफ नामांकन करने वाले 30 बागी नेताओं को पार्टी से 6 वर्षों के लिए निष्कासित कर दिया है। इनमें जमशेदपुर के शिवशंकर सिंह, राजकुमार सिंह, विकास सिंह और विमल बैठा जैसे नेता शामिल हैं, जो भाजपा की नीतियों के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं।
शिवशंकर सिंह ने अपने निष्कासन पर प्रतिक्रिया देते हुए इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। उन्होंने कहा कि निर्दलीय चुनाव लड़ने के कारण उन्हें पार्टी से बाहर किया जाना एक अपमान है, खासकर उन कार्यकर्ताओं के लिए जो लंबे समय से भाजपा के प्रति समर्पित रहे हैं। उनका मानना है कि इस तरह की कार्रवाई पार्टी के सम्मान को प्रभावित करती है।
मंगलवार को प्रदेश भाजपा की बैठक में इस निर्णय की पुष्टि की गई। पार्टी ने स्पष्ट किया है कि अनुशासनहीनता को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और जो नेता पार्टी की नीतियों के खिलाफ जाएंगे, उन्हें सख्त सजा दी जाएगी। यह कदम भाजपा के अनुशासन को बनाए रखने के लिए उठाया गया है।
खरना पर बदल सकता है मौसम का मिजाज, पटना में सावधानी बरतने की अपील
6 Nov, 2024 04:09 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
पटना। राजधानी समेत प्रदेश का मौसम छठ के दौरान शुष्क बना रहेगा। उत्तरी भागों में सुबह के समय दक्षिणी भागों की तुलना में कोहरे का प्रभाव अधिक रहेगा। पटना सहित अधिसंख्य भागों में हल्की धुंध का प्रभाव बना रहेगा। तापमान में विशेष परिवर्तन की संभावना नहीं है।
बंगाल की खाड़ी से नमी युक्त पुरवा हवा के चलने से उत्तरी भागों के कुछ स्थानों पर बादलों की आवाजाही बनी रहेगी। जबकि पटना सहित शेष जिलों का मौसम शुष्क बना रहेगा। मंगलवार को पटना सहित 24 जिलों के अधिकतम तापमान में थोड़ी वृद्धि दर्ज की गई।
पटना का अधिकतम तापमान 30.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जबकि 33.7 डिग्री सेल्सियस के साथ सीतामढ़ी (पुपरी) में सर्वाधिक अधिकतम तापमान दर्ज किया गया। वहीं, पटना समेत नौ जिलों के न्यूनतम तापमान में वृद्धि दर्ज की गई। पटना का न्यूनतम तापमान 23.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
19.0 डिग्री सेल्सियस के साथ किशनगंज में प्रदेश का सर्वाधिक न्यूनतम तापमान दर्ज हुआ। पटना व आसपास इलाकों में पुरवा के कारण मौसम सामान्य बने होने के साथ शाम में आंशिक बादल छाए रहे।
चार दिनों तक आसमान में छाए रहेंगे हल्के बादल
केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा के मौसम वैज्ञानिक डा. ए. सत्तार ने बताया कि आगामी चार दिनों तक उत्तर बिहार के जिलों में मौसम साफ रहने का अनुमान है। हालांकि हल्के बादल छाए रह सकते हैं। मौसम शुष्क रहेगा।
पूर्वानुमान की अवधि में अधिकतम तापमान 29 से 32 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 19 से 22 डिग्री सेल्सियस के बीच रहेगा। मंगलवार को अधिकतम तापमान 31.0 डिग्री और न्यूनतम तापमान 21.3 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया, जो सामान्य से करीब 3 डिग्री अधिक है।
अगले चार दिनों में पूर्वी हवाएं 4-5 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने की संभावना है। मौसम को देखते हुए उन्होंने किसानों को कुछ सुझाव दिए। गेहूं और चना की बुआई की तैयारी के लिए खेतों के आसपास के मेड़, नालियों और रास्तों की सफाई करने को कहा गया है।
गोबर की सड़ी खाद 150-200 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की दर से खेतों में फैलाकर अच्छी तरह मिला देने की सलाह दी गई है। रबी मक्का की बुआई के लिए संकर किस्में जैसे शक्तिमान-1 सफेद, शक्तिमान-2 सफेद, शक्तिमान-3 पीला, शक्तिमान-4 पीला, शक्तिमान-5 पीला, गंगा-11 नारंगी पीला, राजेंद्र संकर मक्का-1 और राजेंद्र संकर मक्का-2 को अनुशंसित किया गया है।
खेतों की जुताई में 100-150 क्विंटल कम्पोस्ट, 60 किलोग्राम नाइट्रोजन, 75 किलोग्राम फॉस्फोरस और 50 किलोग्राम पोटाश प्रति हेक्टेयर के हिसाब से डालने की सलाह दी गई है।
सीएम हेमंत सोरेन ने किया बीजेपी पर जोरदार हमला, कहा....
6 Nov, 2024 04:02 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने 5 नवंबर, 2024 दिन मंगलवार को कहा कि यह राज्य आदिवासियों का है और वे (आदिवासी) ही इस पर शासन करेंगे. झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के कार्यकारी अध्यक्ष सोरेन ने भारतीय जनता पार्टी की आलोचना करते हुए दावा किया कि राज्य में कोई भी हिंदू खतरे में नहीं है, लेकिन विपक्षी पार्टी केवल अपने हिंदू-मुस्लिम विमर्श के जरिए यहां तनाव पैदा करने की कोशिश कर रही है.
उन्होंने पश्चिमी सिंहभूम जिले के छोटानागरा में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि हमने झारखंड को अलग राज्य बनाने के लिए लड़ाई लड़ी और हम अपने अधिकारों को सुरक्षित करने के लिए भी लड़ेंगे. झारखंड आदिवासियों का है, इसलिए यहां आदिवासी ही राज करेंगे.
साल 2011 की जनगणना के अनुसार, झारखंड की कुल जनसंख्या 32,988,134 है. इनमें से 26.21 प्रतिशत (8,645,042) आदिवासी हैं. रघुबर दास को छोड़कर, 2000 में बने राज्य के सभी मुख्यमंत्री आदिवासी समुदाय से थे. सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि उनकी सरकार ने जनता के सहयोग से अच्छा काम किया है और भविष्य में भी ऐसा ही करती रहेगी.
मुख्यमंत्री ने दावा किया कि सीबीआई और ईडी के साथ मिलकर बीजेपी मुझे डरा रही है और झूठे आरोपों के लिए मुझे जेल भी भेजा. लेकिन मैं झारखंड की धरती का बेटा हूं. मैं न तो डरता हूं और न ही कभी झुकता हूं. प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने भूमि घोटाले से जुड़े धनशोधन के मामले में 31 जनवरी को सोरेन को गिरफ्तार किया था, हालांकि हाई कोर्ट से जमानत मिलने के बाद उन्हें जेल से रिहा कर दिया गया था. झारखंड की 81 विधानसभा सीट के लिए दो चरण में 13 नवंबर और 20 नवंबर को चुनाव होंगे, जबकि परिणाम 23 नवंबर को घोषित किए जाएंगे.
पटना के इस थाने में लगी भीषण आग
6 Nov, 2024 03:59 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
राजधानी पटना के पत्रकार नगर थाना के बिल्डिंग में आग लगने से अफरा तफरी का माहौल उत्पन्न हो गया है. बुधवार की सुबह-सुबह आग लगी की घटना सामने आई. पुलिसकर्मी इस बिल्डिंग में जो रहते हैं वह फंस गए थे. दमकल को सूचना देने के बाद दमकल की पांच बड़ी गाड़ियां आग पर काबू पाने के लिए घटनास्थल पर पहुंची, दमकल की हाइड्रोलिक गाड़ी के माध्यम से ऊपरी बिल्डिंग में फंसे हुए तीन पुलिसकर्मियों को रेस्क्यू कर निकाला गया.
जानकारी के अनुसार, अगलगी की घटना का कारण शॉर्ट सर्किट बताया जा रहा है. आग काफी तेजी से बिल्डिंग में फैली और ऊपरी मंजिल में होने के कारण ज्यादातर पुलिसकर्मी नीचे से निकल गए. ऊपर की बिल्डिंग में तीन पुलिसकर्मी फस गए थे. जिसको दमकल की बड़ी हाइड्रोलिक गाड़ी से रेस्क्यू कर बाहर निकाला गया. फिलहाल काफी मशक्कत के बाद अग्निशमन विभाग की टीम ने आग पर काबू पा लिया है.
जानकारी के अनुसार, इस बिल्डिंग में 50 से ज्यादा पुलिसकर्मी मौजूद थे. आग इतनी भयंकर लगी थी कि उसमें 5 पुलिसकर्मी फंस गए. जिनमें से 4 पुलिसकर्मी को फायर ब्रिगेड की क्रेन की सहायता से बाहर निकाला गया. वहीं एक पुलिसकर्मी छत पर फंस गया था. जिसके बाद उस पुलिसकर्मी को भी क्रेन की ही सहायता से बाहर निकाला गया.
कुंभ में गैर सनातनी के प्रवेश पर ना हो रोक, मंत्री निषाद ने कहा................योगी सरकार सभी की
6 Nov, 2024 03:32 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
प्रयागराज । संगम नगरी प्रयागराज में 13 जनवरी से शुरू हो रहे महाकुंभ के लिए संत महात्माओं का औपचारिक तौर पर आगमन शुरू हो गया है। वहीं अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की अक्टूबर 2024 के पहले सप्ताह में इस बात पर फैसला लिया गया था कि कुंभ में आधार कार्ड के साथ प्रवेश हो ताकि कोई गैर सनातनी मेला क्षेत्र में प्रवेश ना कर पाए। ये मांग बाकायदा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सामने भी रखी गई थी।
बता देंइ कि मंत्री निषाद अपने एक दिवसीय दौरे पर अमेठी पहुंचे थे। तब मंत्री संजय निषाद से महाकुंभ में गैर हिंदुओं के दुकान न लगाने वाली बात पर उन्होंने कहा कि यह किसी का निजी बयान हो सकता है। मंत्री ने कहा कि संतों ने किस परिप्रेक्ष्य में बयान दिया इसका जवाब वहीं दे सकते है। हम यदि बिना भेदभाव के जब अनाज दे रहे है, मकान दे रहे है, इलाज दे रहे है सब कुछ दे है। हमारे यहां दर्जन भर मुसलमानों ने भी योजनाओं का लाभ लिया है।
सरकार श्रद्धालुओं को जारी करेगी राशन कार्ड
योगी सरकार ने साल 2025 में प्रयागराज में होने वाले महाकुंभ के आयोजन के लिए अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं। जहां कुंभ मेले में कई जगहों पर भंडारों का आयोजन होता है। वहीं इस बार योगी सरकार श्रद्धालुओं को फ्री राशन की सुविधा देगी। महाकुंभ में कई दिनों तक रहने वाले कल्पवासियों को और श्रद्धालुओं को सरकार की ओर से राशन कार्ड जारी किए जाएंगे। जिनका इस्तेमाल करने पर उन्हें राशन की सुविधा दी जाएगी। सरकार की ओर से खाद एवं रसद विभाग द्वारा पूरे मेला के क्षेत्र में 160 राशन की दुकानों की व्यवस्था की जाएगी। जहां श्रद्धालुओं को उचित कीमत पर राशन दिया जाएगा।
धीरेंद्र शास्त्री के बयान से अखाड़ा परिषद ने किया किनारा
6 Nov, 2024 01:28 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
प्रयागराज । महाकुंभ में गैर हिंदुओं के प्रवेश पर प्रतिबंध को लेकर पंडित धीरेंद्र शास्त्री का बयान तूल पकड़ने लगा है। हालांकि अखाड़ा परिषद की तरफ से इस मामले में कुछ भी कहने से इंकार किया गया है। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने कहा कि पंडित धीरेंद्र शास्त्री स्वतंत्र हैं, लेकिन परिषद अकेले नहीं है। ऐसे में कोई भी निर्णय होगा, तो अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की बैठक में तय होगा। अखाड़ों का प्रमुख दायित्व महाकुंभ को कुशलतापूर्वक आयोजित कराना है। धीरेंद्र शास्त्री के बयान के वायरल होने के बाद अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के सचिव महंत हरि गिरी महाराज ने कहा कि महाकुंभ किसी एक व्यक्ति का नहीं है। यहां पर अलग-अलग परंपराओं के लोग आते हैं। ऐसे में सबका सम्मान होना चाहिए। जहां तक बात गैर सनातनियों के प्रवेश को मेले में रोकने का है, तो वह अकेले नहीं है। यह सब अखाड़ा परिषद की बैठक में तय होगा। जहां सभी अखाड़ों के लोग शामिल होंगे। आखाड़ों की आगामी बैठक में इस बात पर भी चर्चा होगी। धीरेंद्र शास्त्री कुछ भी बोलने के लिए स्वतंत्र हैं।
यहूदी धर्म छोड़कर हिंदू बनने जा रहीं हैं ईशा बेंजामिन
6 Nov, 2024 12:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
प्रयागराज । ट्रांसजेंडर ईशा बेंजामिन यहूदी धर्म छोड़कर अब हिंदू धर्म अपनाने जा रही हैं। ईशा का जन्म यहूदी परिवार में हुआ था। महाकुंभ से पहले वह किन्नर अखाड़ा में महंत बनेंगी। अखाड़े की तरफ से उनका पट्टाभिषेक होगा। किन्नर अखाड़े के जरिए वह सनातन धर्म अपना रही हैं। किन्नर अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर के साथ वह प्रयागराज आई हैं। 3 नवंबर को नगर प्रवेश में वह भी शामिल थीं। ईशा कहती हैं, मैं जन्म से ही यहूदी धर्म को मानती रही। मां हिंदू धर्म से और पिता यहूदी थे। मेरा ज्यादातर समय मां के साथ बीता है। ईशा पोस्ट ग्रेजुएट हैं। वह अमेरिकन बैंक एफआईएस में कार्यरत हैं। वह महाराष्ट्र से आती हैं। उन्होंने कहा कि मां के हिंदू होने की वजह से सनातन धर्म की ओर शुरू से झुकाव था। सनातन धर्म के बारे में मां से बहुत कुछ सीखा और जाना है। मैं 3 साल पहले किन्नर अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी डॉ. लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी के संपर्क में आई।
ईशा ने कहा, किन्नर अखाड़े में शामिल होकर सनातन धर्म का प्रचार-प्रसार करूंगी। हिंदू धर्म में क्यों आई हैं? उन्होंने कहा, मैंने धर्मों के बारे में पढ़ा। मुझे हिंदू धर्म सबसे अच्छा लगा। इस धर्म में खुलकर जीने की आजादी है। जब मेरे पिता जी थे, तब मैं यहूदी धर्म का विरोध नहीं कर सकती थी। पिताजी के निधन के बाद हमने सनातन धर्म को अपना लिया है।
इंग्लैंड में रहकर भी नहीं भूले छठ की परंपरा, आरा में आकर किया सूर्य उपासना
6 Nov, 2024 11:27 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
छठी मईया की महिमा देश ही नहीं विदेश में रह रहे प्रवासियों के मन में भी हलचल पैदा कर देता है। जब बात बिहार की सांस्कृतिक परंपरा छठ पूजा की हो तो एक बिहारी अपने आप को कैसे रोक सकता है। ऐसा ही कुछ उदाहरण देखने को मिला उदवंतनगर प्रखंड के नवादावेन गांव में, जहां 14 साल बाद एनआरआइ परिवार छठ पर्व के लिए अपने गांव लौटा।
इंग्लैंड से एक एनआरआइ परिवार अपनी सांस्कृतिक समृद्धि व परंपराओं को देखने तथा अपने बच्चों को संस्कार से रूबरू कराने उदवंतनगर प्रखंड के नवादावेन गांव पहुंचा है। ये परिवार 14 वर्षों बाद अपने वतन लौटा है और दीपावली व छठ पूजा मनाई। नवादावेन गांव निवासी रजनीश कुमार सिंह की तरह अनेकों प्रवासी लोक आस्था का महापर्व छठ में सूर्य उपासना करने अपने गांव पहुंचे हैं।
लंदन में एक्शन टू डू संस्था के माध्यम से वंचित व कमजोर बच्चों को शिक्षा देने वाली मिताली ने बताया कि मायके में हमारी मां पूरे परिवार के साथ छठ करती थीं। पूरे घर में उत्सवी माहौल होता था। हम
लोगों ने बचपन से छठ को महसूस किया है। भारत में जैसे ही दुर्गा पूजा बीतता है, विदेश में रह रहे प्रवासियों के मन में छठ पूजा की याद सताने लगती है।
वीडियो कॉल से जुड़ देखती थी छठ पूजा
हर वर्ष आ नहीं सकती तो वीडियो कॉल के माध्यम से घर की पूजा से जुड़ती थीं। शादी के बाद मैं लंदन में पति और बच्चों के साथ रहने लगी। छठ के समय आज भी शारदा सिन्हा का छठ गीत कानों में स्वतः गूंज उठता है।
मिताली ने बताया कि कई बार प्रयास किया लेकिन भारत नहीं आ सकी। इस बार अपने ससुराल दीपावली के पहले लौटी हूं। अपने स्वजनों के साथ छठी मैया की पूजा के साथ ही इसका सुखद अनुभव करना चाहती हूं तथा बच्चों को अपनी परंपरा से अवगत कराना चाहती हूं।
छठी मइया के बुलावे पर पहुंचे देश
लंदन में फाइनेंस सेक्टर में काम करने वाले एनआरआई रजनीश कुमार सिंह ने बताया कि इस बार छठी मैया ने अपने वतन बुलाया है। अपनी महान परंपरा को देखने के लिए आंखें तरस रही थी। 14 वर्षों से हम परिवार सहित स्थाई रूप से लंदन में रहते हैं। हम लोग अब लंदन वाले हो गए हैं,लेकिन हम आज भी सभ्यता और संस्कृति से जुड़े हैं।
बच्चों के दिखाना चाहते हैं संस्कृति की झलक
हमारे दो बच्चे हैं, बड़ा बेटा विस्तृत तो बिल्कुल हिंदी और भोजपुरी नहीं बोल सकता, लेकिन छोटा बेटा विराज थोड़ी बहुत हिंदी समझता और बोलता है। लंदन में रहते-रहते बच्चे अपनी संस्कृति से दूर होते जा रहे हैं, इसलिए मैं और मिताली बच्चों को अपनी महान सांस्कृतिक परंपरा की पहचान कराने अपने पैतृक गांव नवादावेन आए हैं। बच्चों ने दीपावली देखी अब छठ पूजा में शामिल होंगे। उसके बाद लंदन चले जाएंगे। बच्चे पूजा की हर विधि में शामिल हो रहे हैं और बहुत खुश हैं।
बिहार में NRI को विश्वसनीय प्लेटफॉर्म की जरूरत
वहीं रजनीश ने बताया कि एनआरआई का बिहार में कोई कार्ड नहीं है। यहां राज्य सरकार को पता नहीं है कि कितने बिहारी दूसरे देशों में काम करते हैं। अन्य प्रदेशों की तरह कोई एनआरआइ अफेयर्स डिपार्टमेंट भी नहीं है। एनआरआइ भी बिहार प्रदेश के विकास में भूमिका निभाना चाहते हैं, लेकिन एक विश्वसनीय प्लेटफॉर्म की जरूरत है।
मल्लिकाअर्जुन खड़गे का झारखंड में सीटों पर सवाल, शिवराज सिंह ने किया तीखा हमला
6 Nov, 2024 11:04 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
पटना। झारखंड में पहले चरण का विधानसभा चुनाव 13 नवंबर को है। इसको लेकर सरगर्मी तेज है। देश भर के फायरब्रांड वक्ताओं का झारखंड आने का सिलसिला तेज हो गया है। आसमान में हेलीकॉप्टर की फटफटाहट गूंजते रहती है।
कभी यूपीए प्रत्याशी के समर्थन में तो कभी एनडीए प्रत्याशी के समर्थन में हेलीकॉप्टर पर सवार वक्ता लगातार अलग अलग जगहों पर पहुंच कर जनसभा को संबोधित कर रहे हैं।
झारखंड विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने झारखंड में एक जनसभा को संबोधित किया। इस बीच, उन्होंने कुछ ऐसा कर दिया, जिसको लेकर सियासी बवाल मच गया है।
दरअसल, संबोधन के बीच में वह अपने नेता से पूछने लगे कि झारखंड में कितनी विधानसभा सीटें हैं। अब इसपर केंद्रीय मंत्री सह झारखंड भाजपा प्रभारी शिवराज सिंह चौहान ने घेरा है।
उनकी नजरों में झारखंड का कोई सम्मान नहीं- शिवराज
शिवराज सिंह ने कहा कि ये कांग्रेस का छोटापन है, उनके नजरों में झारखंड का कोई सम्मान नहीं है। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष आते हैं और मंच पर माइक से पूछते हैं कितनी सीटें हैं? इन्हें सीटों का पता नहीं है और भाषण करने आए हैं। यह बताया रहे हैं छोटा सा चुनाव है। यह एक तरह से महान राज्य का अपमान है।
उन्होंने कहा कि ये कांग्रेस और कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष की झारखंड के बारे में जानकारी है। जिन्हें ये नहीं पता कि सीट कितनी हैं, वह झारखंड का विकास क्या करेंगे?
खड़गे का संबोधन
बता दें कि लोगों को संबोधित करते हुते खड़के ने कहा था कि जब सभी पार्टियों से आस टूट जाती है तब कांग्रेस उम्मीद की किरण बनकर सामने आती है। वर्तमान केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार में किसी को कुछ तो नहीं मिला, लेकिन जुमला और झूठे वायदे जरूर मिले।
वहीं, अमित शाह द्वारा गत दिनों दिए गए बयान पर भी उन्होंने तंज कसे और क्षेत्र की जनता से मोदी स्टाइल में ही पूछा, 15 लाख रुपये मिले क्या, दो करोड़ नौकरियां मिली क्या..?
खरगे ने कहा कि मंगलसूत्र खुलवाने वाला आपका पैसा अंबानी और अडानी की जेब में भेज रहा है। हमें सतर्क रहना होगा क्योंकि देश के 5 प्रतिशत लोगों के पास 60 प्रतिशत देश की संपत्ति है जबकि 50 प्रतिशत गरीबों के पास सिर्फ 3 प्रतिशत संपत्ति है। हमें यह देखना होगा कि यह लूट किसने मचा रखी है।
सोहराय पर्व मना रही भीड़ पर बोलेरो का कहर, चार की मौत, एक दर्जन लोग घायल
6 Nov, 2024 10:38 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
गोला-रजरप्पा मार्ग के पीपरा जारा गांव के समीप सोमवार की देर रात सोहराय पर्व मना रहे संथाली समाज के लोगों को तेज रफ्तार एक अनियंत्रित बोलेरो वाहन ने रौंद दिया। इसमें दो महिला व दो बच्चे की मौत हो गई। जबकि दर्जन भर लोग घायल हो गए। सभी घायलों को इलाज के लिए अल्पताल में भर्ती कराया गया है।
बोलेरो चोरी करके भाग रहा था आरोपी
उक्त बोलेरो(जेएच01बी जी 4500) को आरोपी रजरप्पा थाना परिसर से चोरी कर भाग रहा था। घटना में संथाली समाज के धुमा मांझी कि पत्नी मुनिया देवी 45 वर्ष, बहु बिलासी देवी, पोता निरंजन मांझी तथा संजय मांझी की 12 वर्षीय पुत्री रोशनी कुमारी की मौत हो गई.
हादसे में 4 लोगों की मौत
वहीं पंचमी कुमारी 15 वर्ष, वीणा देवी 18 वर्ष, पार्वती कुमारी, बसंती देवी, सुरजमुनि कुमारी, तालो कुमारी, हेमंती कुमारी 12 वर्ष, ठाकुरमनी देवी उम्र 50 वर्ष, उर्मिला देवी 40 वर्ष रुपाली कुमारी उम्र 12 वर्ष, लीला देवी उम्र 48 वर्ष सहित एक दर्जन लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। सभी को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गोला में प्राथमिक इलाज के बाद सदर अस्पताल रामगढ़ रेफर कर दिया गया है।
सोहराय पर्व मनाने के दौरान हुआ हादसा
बताया गया कि संथाली समाज के लोग रात में जमा होकर धुमा मांझी के घर के बाहर सोहराय पर्व मना रहे थे। इसी दौरान उक्त बोलेरो दर्जनों लोगों को रौंदते हुए शीशम के पेड़ से टकरा गया।
घटनास्थल पर ही मुनिया देवी की मौत हो गई। वहीं घायल बिलासी देवी व उसके पुत्र निरंजन कि मौत सीएचसी में इलाज के क्रम में हो गई। वहीं रोशनी कि मौत रिम्स में इलाज के दौरान हो गई।
बोलेरो चालक की ग्रामीणों ने की पिटाई
इधर आक्रोशित ग्रामीणों ने बोलेरो चालक राहुल बेदिया की जमकर पिटाई कर दी, जिसमें वह गंभीर रूप से घायल हो गया। पुलिस ने उसे सीएचसी गोला में भर्ती कराया है। जहां प्राथमिक उपचार के बाद चिकित्सकों ने उसकी गंभीर स्थिति को देखते हुए सदर अस्पताल रामगढ़ रेफर कर दिया।
पीड़ितों के लिए मुआवजे का ऐलान
घटना के बाद आक्रोशित ग्रामीणों ने गोला-रजरप्पा मार्ग को पूरी तरह से जाम कर दिया। सूचना पाकर बीडीओ, सीओ, इंस्पेक्टर, थाना प्रभारी घटनास्थल पर पहुंचे और सरकारी प्रावधान के अनुसार मुआवजा देने का आश्वासन दिया। मंगलवार की देर शाम तक शव घटनास्थल पर पड़ा था। सड़क पूरी तरह से अवरुद्ध है।
रांची के 73 नामी अस्पतालों पर होगी कार्रवाई, सरकार को चूना लगा रहे थे; भेजा गया है नोटिस
5 Nov, 2024 10:20 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
झारखंड: झारखंड की राजधानी रांची के 73 अस्पतालों पर क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट के तहत कार्रवाई की तैयारी चल रही है। इन अस्पतालों में मरीजों को आयुष्मान योजना का लाभ नहीं मिल पाएगा। इन अस्पतालों ने अपने अस्पताल के नाम के साथ रिसर्च शब्द जोड़ दिया है, जबकि आज तक किसी तरह का कोई रिसर्च नहीं हुआ है। इन अस्पतालों में छोटे नर्सिंग होम से लेकर बड़े अस्पताल शामिल हैं। सिर्फ रिम्स, सीआईपी और रिनपास में ही रिसर्च का काम हो रहा है। सिविल सर्जन डॉ. प्रभात कुमार ने इन अस्पतालों को नोटिस देकर पूछा है कि आज तक आपके द्वारा क्या रिसर्च का काम किया गया है। इन सभी अस्पताल प्रबंधकों को एक सप्ताह के अंदर अपने रिसर्च के काम की रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है।
रिपोर्ट नहीं सौंपने पर इन सभी पर कार्रवाई की जाएगी। साथ ही रिसर्च जैसे शब्द हटा दिए जाएंगे। बेहद चालाकी से जोड़ा गया रिसर्च शब्द जिला डाटा प्रबंधक संजय तिवारी का कहना है कि इन अस्पतालों ने बेहद चालाकी से अपने अस्पताल के बोर्ड में रिसर्च शब्द जोड़ दिया है। जिससे पहला फायदा यह है कि लोगों का आकर्षण बढ़ता है, जिसमें उन्हें लगता है कि इस अस्पताल में रिसर्च का काम होता है और इसे देखकर मरीजों की संख्या बढ़ जाती है।
दूसरी बात यह कि कई अस्पतालों के उपकरणों की खरीद में रिसर्च शब्द होने के कारण अस्पताल प्रबंधकों को खरीद में बड़ी छूट दी जाती है, जबकि हकीकत यह है कि यहां कोई रिसर्च नहीं होता, सिर्फ मरीजों का इलाज होता है। रिसर्च नाम हटने के बाद आयुष्मान से भी हट सकता है नाम अभी तक ये अस्पताल संचालक अपने अस्पताल के नाम के साथ रिसर्च शब्द का इस्तेमाल करते रहे हैं और इसी नाम से अपने अस्पताल का आयुष्मान भारत योजना में रजिस्ट्रेशन भी करा रखा है। अब रिसर्च शब्द हटने पर इन संचालकों को दिक्कत होगी। इसके बाद अस्पताल का नाम भी आयुष्मान योजना से स्वत: ही हट जाएगा।
ऐसे में इस योजना के तहत मरीजों का इलाज संभव नहीं हो पाएगा। लेकिन इस परेशानी को दूर करने के लिए अस्पताल प्रबंधक को एक शपथ पत्र भरकर अपने अस्पताल का नया नाम बताना होगा और इस शपथ पत्र का इस्तेमाल किसी भी योजना से जोड़ने में करना होगा। इसके लिए संबंधित उच्च स्तरीय अधिकारी से अनुमति लेना भी जरूरी होगा। इसके बाद ही अस्पताल का योजना में दोबारा रजिस्ट्रेशन या नवीनीकरण हो सकेगा।
सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, यूपी मदरसा एक्ट को मान्यता, डिग्री देने के अधिकार को यूजीसी एक्ट के खिलाफ माना
5 Nov, 2024 06:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
यूपी: मंगलवार (5 नवंबर) को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाते हुए मदरसा एक्ट में इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को पलट दिया है। मदरसा एक्ट को सुप्रीम कोर्ट ने मान्यता दी थी। आपको बता दें कि 22 मार्च को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने यूपी मदरसा बोर्ड एक्ट को लेकर बड़ा फैसला सुनाया था। दरअसल, कोर्ट ने कहा था कि यूपी मदरसा बोर्ड एक्ट संविधान के मूल ढांचे के खिलाफ है, जिसके चलते सभी छात्रों को सामान्य स्कूलों में दाखिला मिलना चाहिए। अब इस फैसले को पलटते हुए सुप्रीम कोर्ट ने इसे यूजीसी एक्ट के खिलाफ बताया है। मदरसा एक्ट को सुप्रीम कोर्ट ने मान्यता दी है। दरअसल, CJI डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की बेंच ने ये बड़ा फैसला सुनाया है।
जानिए सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?
दरअसल, जस्टिस बेंच का कहना है कि शिक्षा को रेगुलेट करने के लिए राज्य सरकार द्वारा कानून बनाया जा सकता है। जिसमें सिलेबस, छात्रों के स्वास्थ्य जैसे कई पहलुओं को शामिल किया जा सकता है। इसके साथ ही कोर्ट ने बताया कि मदरसे छात्रों को धार्मिक शिक्षा भी देते हैं। दरअसल, कोर्ट ने माना कि मदरसों का मुख्य उद्देश्य छात्रों को शिक्षा प्रदान करना है। ऐसे में छात्रों को धार्मिक शिक्षा लेने के लिए मजबूर नहीं किया जाना चाहिए।
डिग्री देने का अधिकार यूजीसी एक्ट के खिलाफ
इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला देते हुए कहा कि मदरसा एक्ट संवैधानिक है। हालांकि कोर्ट ने एक्ट को लेकर यह भी कहा है कि इस एक्ट में मदरसा बोर्ड को फाजिल, कामिल जैसी डिग्री देने का जो अधिकार दिया गया है, वह यूजीसी एक्ट के खिलाफ है। जिसके चलते इसे हटाया जाना चाहिए। कोर्ट का कहना है कि मदरसों द्वारा डिग्री देना असंवैधानिक है, लेकिन यह एक्ट संवैधानिक है। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला देते हुए कहा है कि बोर्ड सरकार की सहमति से ऐसी व्यवस्था बनाई जा सकती है, जिससे धार्मिक चरित्र प्रभावित न हो और धर्मनिरपेक्ष शिक्षा भी मिल सके।
अब यूपी में सरकार को डीजीपी चयन करने में यूपीएससी पैनल की जरुरत नहीं
5 Nov, 2024 06:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
लखनऊ। यूपी की योगी सरकार ने राज्य के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) की नियुक्ति के नियमों में बदलाव किया है। सीएम योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में कैबिनेट बैठक में नई नियुक्ति नियमावली 2024 को मंजूरी दे दी गई है जिसके मुताबिक अब यूपी सरकार को डीजीपी चयन के लिए यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन (यूपीएससी) के पैनल की जरुरत नहीं होगी। यह फैसला प्रदेश में स्थाई डीजपी की नियुक्ति की प्रक्रिया को तेज और सरल बनाएगा।
कैबिनेट बैठक में नई नियुक्ति नियमावली 2024 को मिली मंजूरी
नए नियमों के मुताबिक डीजीपी पद के लिए छह सदस्यीय समिति का गठन किया जाएगा, जिसकी अध्यक्षता एक रिटायर्ड हाईकोर्ट जज करेंगे। इस समिति में मुख्य सचिव यूपीएससी द्वारा नामित अधिकारी, उत्तरप्रदेश लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष या उनकी ओर से नामित व्यक्ति, अपर मुख्य सचिव या प्रमुख गृह सचिव और एक रिटायर्ड डीजीपी शामिल होंगे। यह समिति जीडीपी पद के योग्य अधिकारियों का चयन करेगी।नई नियमावली में यह प्रावधान भी किया गया है कि डीजीपी पद पर केवल उन अधिकारियों की नियुक्ति की जाएगी, जिनकी सेवा अवधि में कम से कम 6 महीने शेष हों। इसके अलावा डीजीपी का कार्यकाल न्यूनतम दो साल का होगा और यदि किसी अधिकारी की नियुक्ति के समय उनकी सेवा अवधि छह माह या उससे कम शेष हो तो कार्यकाल को बढ़ाया जा सकता है।
तीन सालों से स्थाई डीजपी की नियुक्ति नहीं हो सकी
यूपी में पिछले तीन सालों से स्थाई डीजपी की नियुक्ति नहीं हो सकी थी और अब इस नई नियमावली के बाद यूपी सरकार स्थाई तौर पर डीजीपी की नियुक्ति स्वतंत्र रूप से कर सकेगी। उल्लेखनीय है कि 2006 में सुप्रीम कोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए पुलिस व्यवस्था को राजनैतिक दबाव से मुक्त करने के लिए राज्यों को नई व्यवस्था लागू करने का निर्देश दिया था। इसी दिशा में यूपी सरकार ने यह कदम उठाया है, जैसे कि आंध्र प्रदेश, पंजाब और तेलंगाना ने पहले ही अपने राज्यों में डीजीपी की नियुक्ति के लिए विशेष नियमावली बनाई है। इससे पहले डीजीपी चयन के लिए यूपी सरकार यूपीएससी को 30 सालों का सेवा अनुभव रखने वाले अफसरों के नाम भेजती थी जिनका कार्यकाल कम से कम छह माह शेष हो। इसके बाद यूपीएससी तीन अधिकारियों का एक पैनल सरकार को भेजता था और राज्य सरकार उनमें से किसी एक को डीजीपी चुनती थी।