विदेश
अमेरिकी जंगलों लगी आग से लोगों में सांस और दिल की बीमारी का खतरा
14 Jan, 2025 03:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
न्यूयॉर्क,। अमेरिका के जंगलों में लगी आग से जानमाल का भारी नुकसान हुआ है। एक नया अध्ययन सामने आया है जिन लोगों के पास एयर कंडीशनिंग तक सीमित पहुंच है, वे जंगल की आग के धुएं के संपर्क में आने के बाद गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का सामना कर सकते हैं। अमेरिका में जलवायु परिवर्तन के कारण जंगल की आग की घटनाओं में बढ़ोतरी हुई है, जिससे हवा में विषैले प्रदूषक तत्व फैल रहे हैं। यह अध्ययन बताता है कि जिन लोगों के पास एयर कंडीशनिंग की सुविधा नहीं हैं, उन लोगों में जंगल की आग से निकलने वाले धुएं के संपर्क में आने से श्वसन समस्याएं, हृदय रोग और अन्य गंभीर बीमारियां हो सकती है।
अध्यान में कहा गया है एयर कंडीशनिंग और फिल्टर के प्रकार के आधार पर धुएं के संपर्क से स्वास्थ्य पर प्रभाव बदल सकते हैं। कैलिफोर्निया में जंगल की आग के प्रभाव को समझने के लिए यह एक उदाहरण है, क्योंकि यहां लंबे समय तक आग लगी रहती है। अध्ययन में सुझाव दिया गया है कि अमेरिकी नीतियों को समानता और शिक्षा को प्राथमिकता देनी चाहिए, ताकि लोग जंगल की आग से उत्पन्न होने वाले हानिकारक प्रदूषकों से अपनी सुरक्षा के उपायों को समझ सकें।
अध्ययन में भी बताया गया है कि यह जरुरी है कि हर नागरिक के पास एयर कंडीशनिंग जैसी सुविधाओं हो, ताकि वे आग के धुएं से अपनी रक्षा कर सकें। यह अध्ययन उस समय आया जब दक्षिणी कैलिफोर्निया में दमकलकर्मी लॉस एंजिल्स काउंटी और उसके आस-पास के क्षेत्रों में जल रही आग को बुझाने में जुटे हैं। आग का असर और उसका स्वास्थ्य पर प्रभाव न केवल स्थानीय लोगों के लिए चिंता का विषय है, बल्कि पूरे देश के लिए एक चुनौती बन चुका है।
जवानी की दहलीज पर ही ये पीढी दिखने लगी बूढ़ी
14 Jan, 2025 03:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
लंदन। साल 1995 से 2010 के बीच पैदा हुए अधिकांश लोग अब नौकरी-पेशा हो गए हैं और जवानी की दहलीज पर हैं, लेकिन यह पीढ़ी देखने में बूढ़ी लगने लगी है। इनमें से अधिकांश की बायलॉजिकल उम्र वास्तविक उम्र से ज्यादा हो गई है।
हाल ही में आई एक रिपोर्ट के अनुसार, जेन जेड, यानी 1997 से 2012 के बीच पैदा हुए लोगों में बायलॉजिकल उम्र का बढ़ना एक आम समस्या बन गई है। उनके चेहरे पर झुर्रियां, त्वचा की समस्याएं और अन्य स्वास्थ्य मुद्दे देखने को मिल रहे हैं। इसका कारण मुख्य रूप से तनाव है। जानकारी के अनुसार, कोविड-19 महामारी ने जेन जेड पीढ़ी को पूरी तरह से बदलकर रख दिया। महामारी के दौरान उनके रिश्ते, हेल्थकेयर और राजनीतिक माहौल में बड़े बदलाव आए, जिससे उनका मानसिक स्वास्थ्य प्रभावित हुआ। जेन जेड एक ऐसी पीढ़ी है जो सोशल मीडिया से गहरे तौर पर जुड़ी हुई है और इस प्लेटफॉर्म पर वे खुद को परिपक्व दिखाने की कोशिश करते हैं। सोशल मीडिया पर जेन जेड के अधिकांश सदस्य शिकायत करते हैं कि उन्हें लोग अपनी उम्र से ज्यादा बूढ़ा समझते हैं।
हैल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि इस पीढ़ी के जल्दी बूढ़े होने का मुख्य कारण स्ट्रेस हार्मोन, यानी कॉर्टिसोल है। जेन जेड के लोगों के जीवन में तनाव एक अभिन्न हिस्सा बन चुका है। सबसे पहले उन्हें अकादमिक तनाव का सामना करना पड़ता है क्योंकि वे हमेशा दूसरों से आगे रहना चाहते हैं। इसके बाद कैरियर की चिंता होती है और नौकरी में अस्थिरता भी उनकी चिंता का कारण बनती है। साथ ही, सोशल मीडिया पर फॉलोअर्स की संख्या और इस प्लेटफॉर्म पर अपनी पहचान बनाने की चिंता भी उन्हें मानसिक दबाव में डालती है।
लॉस एंजिल्स की भीषण आग में भी इस हवेली को नहीं हुआ कोई नुकसान
14 Jan, 2025 02:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
लॉस एंजिल्स । कैलिफोर्निया के लॉस एंजिल्स के जंगलों में लगी आग में भीषण तबाही मचा दी है। हजारों परिवारों को जान बचाने के लिए पलायन करना पड़ा है। आग ने सैकड़ों घरों को राख में बदल दिया है। इसके बाद बीमा कंपनियों के लिए भी मुश्किल हो गई है। क्योंकि उन्हें अरबों डॉलर का क्लेम देना होगा। आग के कारण फिल्म स्टार, सेलिब्रेटी के घर भी जले हैं। लेकिन इस दौरान एक घर सबसे ज्यादा चर्चा में है। 90 लाख डॉलर (77.8 करोड़) रूपए की एक हवेली इस भयावक तबाही में बच गई है। जबकि हवेली के चारों ओर सबकुछ जलकर राख हो चुका है।
रिपोर्ट के मुताबिक इस घर के मालिक 64 साल के रिटायर्ड वेस्ट मैनेजमेंट एक्जीक्यूटिव डेविड स्टीनर हैं। यह घर मालिबू में है। जब उन्हें पता चला कि उनका घर इस आग में बच गया है, तब उन्हें अपनी आंखों पर विश्वास नहीं हुआ। स्टीनर ने स्वीकार किया कि वे यह देखकर दंग रह गए धुएं के हटने के बाद उनका तीन मंजिला घर अभी भी अपनी जगह पर खड़ा था।
आग के कारण सिंगर दुआ लीपा ने छोडा अपना घर
14 Jan, 2025 02:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
कैलिफोर्निया । अमेरिका में लगी आग के कारण ब्रिटिश-अल्बानियन सिंगर दुआ लीपा सहित कई हस्तियों को शहर छोड़ना पड गया। इंस्टाग्राम पर दुआ लीपा ने अपनी चिंता व्यक्त की। इस आग को हैरान करने वाला और डरावना बताया।
उन्होंने आग से हुए विनाश का एक वीडियो शेयर करते हुए बताया कि वह सुरक्षित रूप से शहर से बाहर निकल आई हैं और सभी से सुरक्षित रहने की अपील की। अपने पोस्ट में दुआ लीपा ने लिखा, लॉस एंजिलिस में पिछले कुछ दिन बेहद भयावह और परेशान करने वाले रहे। मैं अपने दोस्तों और शहर के उन लोगों के बारे में सोच रही हूं जिन्हें अपने घर छोड़ने पड़े। उन्होंने यह भी कहा कि वह शरणार्थियों के लिए दान करने के इच्छुक लोगों के लिए लिंक शेयर करेंगी। उन्होंने अपने नोट का समापन करते हुए कहा, मैं सुरक्षित हूं और शहर से बाहर निकल आई हूं। इस मुश्किल समय में सभी को मेरी शुभकामनाएं। सुरक्षित रहिए और एक-दूसरे का ख्याल रखें। 2020 में दुआ लीपा ने बेवर्ली हिल्स में अपना शानदार घर खरीदा था।
जैसे-जैसे आग का कहर जारी रहा, दुआ लीपा उन कई हस्तियों में शामिल हो गईं जिन्हें सुरक्षा कारणों से निकासी का आदेश दिया गया था। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस जंगल की आग में 10 लोग मारे गए हैं और हजारों लोग अपने घर छोड़ने के लिए मजबूर हो गए हैं। पेसिफिक पालीसाडेस को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है और मालिबू से लेकर सैंटा मोनिका तक का तटीय क्षेत्र पूरी तरह से नष्ट हो गया है, जिससे यह आग शहर के इतिहास की सबसे विनाशकारी आग बन गई है।
ट्रंप का पनामा नहर पर नियंत्रण का दावा
13 Jan, 2025 07:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
वॉशिंगटन। अमेरिका के नव निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पनामा नहर को लेकर एक विवादित दावा किया है। ट्रंप ने कहा है कि अटलांटिक और प्रशांत महासागरों को जोड़ने वाली यह महत्वपूर्ण नहर चीनी सैनिकों के नियंत्रण में है। इसके साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि अमेरिकी जहाजों से ज्यादा किराया वसूला जा रहा है। ट्रंप ने चेतावनी दी कि अगर उनकी मांग पूरी नहीं की गई तो वह पनामा नहर पर नियंत्रण लेने के लिए सैन्य शक्ति का उपयोग करने से भी पीछे नहीं हटेंगे। हालांकि, ट्रंप के इन दावों को पनामा नहर प्रशासन ने पूरी तरह खारिज कर दिया है। नहर के प्रशासक रिकोर्टे वास्क्यूज ने स्पष्ट किया है कि पनामा नहर पूरी तरह पनामा के नियंत्रण में है और चीनी सैनिकों द्वारा इसे संचालित करने का दावा पूरी तरह निराधार है। वास्क्यूज ने बताया कि नहर के दोनों छोर पर काम करने वाली चीनी कंपनियां हांगकांग कंसोर्टियम का हिस्सा थीं, जिन्होंने 1997 में बिडिंग प्रक्रिया के तहत यह ठेका जीता था। इसके बावजूद, नहर का संचालन और नियंत्रण पूरी तरह पनामा सरकार के अधीन है।
तालिबान की कैद में तीन बंधकों के परिवार से की जो बाइडन ने बात, रिहाई पर चल रही बात
13 Jan, 2025 06:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
वाशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने तीन अमेरिकी नागरिकों के रिश्तेदारों से बात की, जिन्हें अफगानिस्तान में तालिबान ने बंधक बनाकर रखा है। परिवार के सदस्यों ने कहा कि उन्हें वापस लाने के लिए कोई समझौता नहीं हो पाया है। तालिबान ने जिनको बंधक बनाया है उनमें रेयान कॉर्बेट, जॉर्ज ग्लेजमैन और महमूद हबीबी के परिवार के सदस्यों के साथ बाइडन की बातचीत हुई है। अमेरिकी अधिकारी बंधकों की रिहाई को लेकर समझौते पर बातचीत की कोशिश कर रहे हैं। अमेरिका के ग्वांतानामो बे में बंद अफगानिस्तान के शेष बंदियों में से एक मोहम्मद रहीम के बदले में इन अमेरिकियों को स्वदेश वापस लाया जा सकता है।
कॉर्बेट 2021 में अमेरिका समर्थित अफगानिस्तान सरकार के पतन के समय अपने परिवार के साथ अफगानिस्तान में रह रहे थे। अगस्त 2022 में एक व्यापारिक यात्रा के दौरान तालिबान ने उनका अपहरण कर लिया था। अधिकारियों का मानना है कि तालिबान ने अब भी दोनों के साथ-साथ हबीबी को भी बंधक बना रखा है। हबीबी एक अफगान अमेरिकी व्यवसायी है जो काबुल स्थित एक दूरसंचार कंपनी के लिए ठेकेदार के रूप में काम करते थे और 2022 में लापता हो गए थे।
अमेरिका की एफबीआई ने कहा कि हबीबी और उनके चालक को कंपनी के 29 अन्य कर्मचारियों के साथ ले जाया गया था, लेकिन हबीबी और एक अन्य व्यक्ति को छोड़कर सभी को रिहा कर दिया गया। तालिबान ने हबीबी के उनके पास होने से इनकार किया है, जिससे अमेरिकी सरकार के साथ बातचीत और समझौते को अंतिम रूप देने की संभावना जटिल हो गई है। हबीबी के भाई अहमद हबीबी के मुताबिक फोन पर जो बाइडन ने बंधक बनाए गए लोगों के परिवारों से कहा कि उनका प्रशासन रहीम को तब तक नहीं छोड़ेगा, जब तक तालिबान हबीबी को रिहा नहीं कर देता।
अंगोला में हैजा का फैला प्रकोप, लगाना पड़ा आपातकाल
13 Jan, 2025 04:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
लुआंडा। अंगोला में हैजा का प्रकोप बढ़ता जा रहा है, जिससे लोग भयभीत हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार अब तक हैजा के 170 मामले दर्ज किए जा चुके हैं। पिछले 24 घंटों में इस बीमारी से तीन नागरिकों की मौत हो चुकी है, जबकि 51 नए मामले सामने आए हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कैकुआको के जनरल अस्पताल में हैजा नियंत्रण को लेकर एक विशेष बैठक आयोजित की। इस बैठक में गंदे पानी के स्रोतों पर रोक लगाने और समुदायों में साफ पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करने के उपायों पर चर्चा हुई। पब्लिक वाटर कंपनी के डायरेक्टर अडाओ सिल्वा ने कहा कि पहले इस्तेमाल की जाने वाली 17 सामुदायिक पानी की टंकियों को साफ किया जा चुका है, ताकि लोगों को स्वच्छ पानी मिल सके।
हैजा का प्रकोप अब राजधानी लुआंडा के अलावा आसपास के दो नगर पालिकाओं में भी फैल चुका है। रिपोर्ट के मुताबिक, इस सप्ताह मंगलवार को पहला मामला दर्ज किया गया था, जिसके बाद संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए देश में आपातकालीन प्रक्रिया लागू कर दी गई है।अंगोला की स्वास्थ्य मंत्री सिल्विया लुटुकुटा ने बताया कि हैजा से निपटने के लिए विशेष आपातकालीन योजनाएं सक्रिय की गई हैं। खासतौर पर लुआंडा प्रांत के कैकुआको नगरपालिका में संसाधन जुटाने और महामारी नियंत्रण के प्रयास तेज कर दिए गए हैं। स्वास्थ्य अधिकारियों ने महामारी निगरानी और लैब परीक्षण में सुधार किया है। इसके साथ ही लोगों तक सुरक्षित पेयजल पहुंचाने की दिशा में भी काम हो रहा है।स्वास्थ्य मंत्रालय ने अपने नेशनल कोलेरा रिस्पॉन्स प्लान को सक्रिय किया है, जिसके तहत चिकित्सा संसाधन जुटाने और सार्वजनिक स्वास्थ्य जागरूकता बढ़ाने पर ध्यान दिया जा रहा है। मंत्रालय ने बताया कि गंदे पानी और खराब स्वच्छता हैजा के प्रमुख कारण हैं, और इन पर नियंत्रण पाने के लिए लगातार प्रयास जारी हैं। सरकार ने नागरिकों से स्वच्छता बनाए रखने और गंदे पानी से बचने की अपील की है।
क्या तालिबान को सबक सिखाने पाकिस्तान ने वखान कॉरिडोर पर कर लिया कब्जा?
13 Jan, 2025 03:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
इस्लामाबाद। तालिबान और पाकिस्तान में तनाव के बीच अफगानिस्तान का वखान कॉरिडोर चर्चा में हैं। एक रिपोर्ट से पता चलता है कि पाकिस्तान ने चीन सीमा से लगे अफगानिस्तान के वखान कॉरिडोर पर कब्जा कर लिया है या फिर कब्जे की तैयारी कर रहा है। ये रिपोर्ट ऐसे समय आईं हैं, जब पाकिस्तान और तालिबान के बीच तनाव बना हुआ है। खबरों पर अभी तक पाकिस्तान की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन सवाल पूछा उठने लगे हैं कि क्या पाकिस्तान ऐसा कर सकता है। वखान कॉरिडोर करीब 350 किलोमीटर का एक तंग रास्ता है, जो अफगानिस्तान के बदख्शां प्रांत में आता है। इसके पूर्वी सिरे पर चीन की सीमा है, जबकि उत्तर में ताजिकिस्तान और दक्षिण में पाकिस्तान की सीमा है। इसके चलते यह एक महत्वपूर्ण रणनीतिक स्थान के रूप में उभरता है। कहा जा रहा है कि तालिबान को सबक सिखाने पाकिस्तान ने इस कॉरिडोर पर कब्जा करने का फैसला किया है, लेकिन सवाल है कि क्या पाकिस्तान की सेना इस इलाके पर कब्जा कर सकती है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तानी विश्लेषक इम्तियाज गुल का कहना है कि वखान की सीमा चीन से लगती है और बीजिंग अभी तक पाकिस्तान का सबसे पुराना और भरोसेमंद दोस्त है। वे कहते हैं कि बुनियादी सवाल यह है कि क्या चीन की सीमा पर फौजी कार्रवाई करके पाकिस्तान चीन को नाराज करना चाहेगा? वे आगे कहते हैं कि चीन ने वखान सीमा पर अपनी सीमा के अंदर एक बड़ी सैन्य पोस्ट बना रखी है, जिसका काम चरमपंथियों की आवाजाही पर नजर रखना है।
इम्तियाज ने कहा एक बात साफ है कि वखान कॉरिडोर पर चीन की सैन्य मौजूदगी है। इन हालात में पाकिस्तान ऐसा काम कर सकता है जिससे पहले से नाराज अफगान और नाराज हो जाएं और चीन को भी अपना दुश्मन बना ले। जनवरी 2023 में चीन की पेट्रोलियम कंपनी ने अफगान तालिबान के साथ आमू नदी के इलाके में तेल और गैस निकालने का करार किया था। अप्रैल 2023 में चीन ने अफगानिस्तान के कुछ इलाकों से बेशकीमती लिथियम धातु को निकालने के लिए करार हुआ, जिसका इस्तेमाल इलेक्ट्रिक वाहनों की बैटरी में होता है।
एक्सपर्ट का कहना है कि पाकिस्तान पहले से ही सीमावर्ती इलाकों में मुश्किलों में घिरा है। टीटीपी समेत कई चरमपंथी संगठन पाकिस्तान-अफगानिस्तान सीमा पर सक्रिय हैं, जिनमें बलूच अलगाववादी समूह भी शामिल हैं। पिछले महीने आखिर में तालिबान की सेना ने पाकिस्तान के अंदर घुसकर 19 सैनिकों को मार डाला था। ऐसे में यह पाकिस्तान की गलती होगी कि वह उसे इलाके में जाकर कब्जा करे, जहां उसका दोस्त चीन भी नाराज हो जाए।
यूक्रेनी सेना ने पकड़े दो उत्तर कोरियाई सैनिक, रुस खामोश, कीव में होगी पूछताछ
13 Jan, 2025 02:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
कीव,। यूक्रेनी सेना ने रूस के कुर्स्क इलाके के युद्ध वाले इलाके से दो उत्तर कोरियाई सैनिकों को पकड़ा है। ये सैनिक यूक्रेन के खिलाफ लड़ रहे थे। इससे पहले भी यूक्रेन ने कई बार कुर्स्क में उत्तर कोरियाई सैनिकों की तैनाती का दावा किया था लेकिन रूस ने इस मसले पर कोई बयान नहीं दिया था।
कुर्स्क पर यूक्रेन ने करीब पांच महीने पहले कब्जा कर पूरी दुनिया को चौंका दिया था। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने कहा है कि रूस की ओर से दस हजार से ज्यादा उत्तर कोरियाई सैनिक युद्ध क्षेत्र में तैनात किए गए हैं। उन्होंने कहा है कि पकड़े दोनों सैनिक कीव लाए जा रहे हैं, जहां पर उनसे पूछताछ की जाएगी। पत्रकार भी उनसे सवाल पूछ सकेंगे। रूस ने अभी इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
यूक्रेन ने रूस के कब्जे वाले डोनेत्स्क में एक सुपरमार्केट को मिसाइल से निशाना बनाया है। इस हमले में दो नागरिकों की मौत हुई है, जबकि अन्य दो घायल हो गए। रूस के इस आरोप को लेकर यूक्रेन ने कोई टिप्पणी नहीं की है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक प्रसारित हो रही तस्वीर में क्षतिग्रस्त इमारत के सामने मलबे का ढेर दिख रहा है और एक कार जलती नजर आ रही है।
आईएमडी मना रहा स्थापना दिवस, भारत ने बांग्लादेश-पाकिस्तान को भेजा निमंत्रण
12 Jan, 2025 11:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
ढाका। भारत मौसम विभाग (आईएमडी) के 150वें स्थापना दिवस समारोह में बांग्लादेश शामिल नहीं होगा। बांग्लादेशी अधिकारियों ने सरकारी खर्च पर गैर-जरूरी विदेश यात्राओं पर प्रतिबंधों का हवाला देते यह जानकारी दी। यह समारोह 15 जनवरी, 2025 को होगा। आईएमडी ने कई पड़ोसी देशों को इस कार्यक्रम कें आमंत्रित किया है, जिनमें पाकिस्तान भी शामिल है।
बांग्लादेश मौसम विभाग के कार्यवाहक निदेशक मोमिनुल इस्लाम ने इसकी पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि भारत मौसम विभाग ने उन्हें अपनी 150वीं वर्षगांठ समारोह में आमंत्रित किया था। हमारे उनके साथ अच्छे संबंध हैं और हम उनके साथ सहयोग जारी रखेंगे। इस्लाम ने बताया कि हम इस कार्यक्रम में नहीं जा रहे हैं क्योंकि सरकार की ओर से वित्त पोषित गैर-जरूरी विदेश यात्राओं को सीमित करने का दायित्व है।
इस्लाम ने दोनों देशों की मौसम विभाग एजेंसियों के बीच नियमित संपर्क पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि वे 20 दिसंबर, 2024 को भारतीय मौसम विज्ञानियों के साथ एक बैठक के लिए भारत गए थे। यह दर्शाता है कि दोनों देशों के बीच मौसम विज्ञान के क्षेत्र में सहयोग जारी है, भले ही बांग्लादेश इस विशेष समारोह में शामिल नहीं हो रहा है।
भारत में आईएमडी की स्थापना 1875 में ब्रिटिश शासन के दौरान हुई थी। यह विनाशकारी मौसम की घटनाओं, जैसे 1864 में कोलकाता में आए चक्रवात और 1866 और 1871 में आई मानसून संबंधी आपदाओं के बाद की गई थी। आईएमडी का मुख्यालय शुरू में कोलकाता में था। बाद में इसे 1905 में शिमला, 1928 में पुणे और 1944 में दिल्ली स्थानांतरित किया गया। आईएमडी अब 15 जनवरी, 2025 को अपनी 150वीं वर्षगांठ मनाने जा रहा है।
सीरिया में दरगाह पर किए गए हमले को किया नाकाम, हमलावर टुकड़ी गिरफ्तार
12 Jan, 2025 10:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
दमिश्क। सीरिया की खुफिया एजेंसी ने दावा किया है कि उसने इस्लामिक स्टेट (आईएस) के हमले को नाकाम कर दिया है। यह हमला दमिश्क के पास स्थित सैयदा जैनब दरगाह पर होने वाला था, जिसे समय रहते नाकाम कर दिया और हमलावरों को गिरफ्तार कर लिया है। यह दरगाह शिया मुसलमानों का पवित्र स्थल है। यह घटना पिछले महीने बशर अल-असद के सत्ता से हटने के बाद आईएस के फिर से सक्रिय होने की आशंका को बढ़ाती है।
सीरिया में कट्टर सुन्नी विचारधारा वाले एचटीएस के सत्ता पर काबिज होने के बाद से शियाओं और दूसरे धार्मिक अल्पसंख्यकों का भविष्य पर खतरा मंडराने लगा है। हालांकि एचटीएस ने सबको साथ लेकर चलने की बात कही है। इस गुट का नेता अलकायदा और आईएसएस से जुड़ा रहा अबू मोहम्मद जुलानी है। दमिश्क से 10 किलोमीटर दक्षिण में ये दरगाह स्थित है। ये जगह पूरी दुनिया के शिया तीर्थयात्रियों के लिए आस्था का केंद्र है। सीरिया में 13 साल के गृह युद्ध के दौरान भी इस दरगाह की रक्षा एक अहम मुद्दा थी।
इराक-ईरान समेत कई देशों से शिया लड़ाके इस दरगाह की हिफाजत के लिए सीरिया पहुंचे थे। इस्लामिक स्टेट किसी की भी दरगाह को गलत कहता है और ऐसी जगहों पर हमलों को अंजाम देता है। आतंकी समूह आईएस ने पहले भी इस दरगाह के अंदर और आसपास हमले किए हैं। ये पश्चिम एशिया के सबसे प्रमुख शिया धार्मिक स्थलों में है। पैगंबर मोहम्मद साहब के परिवार से होने के साथ ही पैगंबर की शिक्षाओं और विरासत को संरक्षित करने में भूमिका निभाने और विपरीत परिस्थितियों में अटूट धैर्य रखने के लिए सैयदा जैनब का मुसलमानों के बीच बहुत सम्मान है।
सीरिया में सुन्नी बहुसंख्यक हैं, जबकि शिया अल्पसंख्यक हैं। सैयदा जैनब दरगाह पर हमले की कोशिश क्षेत्र में शिया और सुन्नी गुटों के बीच तनाव को दर्शाती है। यह घटना सीरिया के जटिल राजनीतिक और धार्मिक परिदृश्य को भी उजागर करती है। नई सरकार के लिए विभिन्न धार्मिक समूहों के बीच शांति और सुरक्षा बनाए रखना एक बड़ी चुनौती होगी। एक्सपर्ट का मानना है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को सीरिया में स्थिरता लाने और अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सक्रिय भूमिका निभानी होगी।
एआई रोबोट की 1.5 करोड रुपए कीमत
12 Jan, 2025 05:25 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
वाशिंगटन। अमेरिका की टेक कंपनी ने रियल बोटिक्स मादा रोबोट तैयार किया है। इसका नाम आरिया रखा गया है। भारतीय मुद्रा में इसकी कीमत कंपनी ने 1.5 करोड रुपए रखी है।
इस रोबोट की खासियत है, यह बिल्कुल इंसानों की तरह दिखती है। इंसानी शरीर का एहसास कराती है। इंसानों जैसी भावनाएं भी इसमें हैं। यह रोबोट लोगों के अकेलेपन को दूर करने में सक्षम है। यह इंसानों की तरह ही हर तरह से प्रतिक्रिया दे सकती है। इसके चेहरे से हर समय संवेदनशीलता के साथ हाव -भाव बदलते रहते हैं। इस रोबोट को एलन मस्क की कंपनी टेस्ला ने बनाया है। मानवीय संवेदनाओं के साथ यह रोबोट इंसानी जरूरत को पूरा करने में हर तरह से सक्षम है। इस तरह का दावा कंपनी करती है। एक तरह से वर्तमान युग में यह एक मशीनी वफादार साथी के रूप में 24 घंटे आपकी जरूरत को बिना थके पूरा करेगी।
लॉस एंजिल्स में आग का तांडब: 11 की मौत 10 हजार घर हुए खाक
12 Jan, 2025 01:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
लॉस एंजिल्स। यहां के जंगलों में पिछले चार दिनों से भयावह आग लगी हुई है, जिसने कई घरों को अपनी चपेट में ले लिया है। सड़के बाधित हैं। इस त्रासदी में अब तक 11 लोगों की मौत हो चुकी है,और 10 हजार घर जलकर खाक हो गए हैं।हालांकि फायर फाइटर्स का कहना है कि आग पर काबू पाने में कुछ प्रगति हुई है, हालांकि उन्होंने चेतावनी दी है कि तेज हवाओं के कारण आग की लपटें फिर से भड़क सकती हैं, जिससे स्थिति और खराब हो सकती है। भीषण आग ने लॉस एंजिल्स के पॉश इलाकों में हजारों घरों को तबाह कर दिया है और हॉलीवुड हिल्स तक फैल गई है।
केनेथ में, जंगल की आग ने लॉस एंजिल्स और वेंचुरा काउंटी में लगभग 960 एकड़ जमीन को प्रभावित किया है। फायर फाइटर्स ने 35 प्रतिशत क्षेत्र में आग पर काबू पा लिया है। हर्स्ट और लिडिया में अग्निशमन अधिकारियों ने संयुक्त रूप से 1200 एकड़ में लगी आग पर काबू पाने में प्रगति की सूचना दी। हर्स्ट में जहां 37 फीसदी आग पर काबू पा लिया गया है, वहीं लिडिया में यह आंकड़ा 75 फीसदी है। लॉस एंजिल्स में 160 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलीं हवाओं ने स्थिति को और बेकाबू बना दिया। हवा की रफ्तार थोड़ी धीमी होने पर रेस्क्यू टीम को आग बुझाने के लिए हेलीकॉप्टरों से पानी गिराने में सहूलियत हुई। हालांकि रात के वक्त हवाएं फिर से तेज हो गईं, जिसके बाद अधिकारियों ने लॉस एंजिल्स और साउथ कैलिफोर्निया के कुछ हिस्सों में शुक्रवार दोपहर तक (भारतीय समयानुसार शनिवार) आग के फैलने और स्थिति और गंभीर होने की होने की आशंका जताई है। लॉस एंजिल्स फायर डिपार्टमेंट के प्रमुख क्रिस्टिन क्रॉली ने कहा कि तेज हवाओं के कारण जंगल की आग पर काबू पाना और मुश्किल हो जाएगा। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा, हम अभी खतरे से बाहर नहीं हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने दो दिन पहले लॉस एंजिल्स के जंगलों में लगीआग को एक बड़ी आपदा घोषित किया था।
परमाणु बम जैसे हालात
लॉस एंजिल्स काउंटी के शेरिफ (पुलिस अधिकारी) रॉबर्ट लूना ने इस भीषण आपदा का वर्णन करते हुए मीडिया से कहा, लगभग 10,000 घर और अन्य संरचनाएं क्षतिग्रस्त हो गई हैं, ऐसी स्थिति है जैसे किसी ने उन क्षेत्रों में परमाणु बम गिरा दिया हो। उन्होंने मौतों की संख्या बढ़ने की आशंका जताई और कहा कि फिलहाल अच्छी खबर की उम्मीद नहीं है। कैलिफोर्निया के वन एवं अग्नि सुरक्षा विभाग के मुताबिक पैलिसेड्स इलाके में 6 प्रतिशत क्षेत्र में आग पर काबू पा लिया गया है, हालांकि ईटन में आग अब भी नियंत्रण से बाहर है।
राहत एवं बचाव में कसर नहीं छोड़ेंगे
व्हाइट हाउस में वरिष्ठ सलाहकारों के साथ बैठक के बाद बाइडेन ने कहा, मैंने गवर्नर, स्थानीय अधिकारियों से कहा कि उन्हें जो करने की जरूरत है करें। आग पर काबू पाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़नी चाहिए। लॉस एंजिल्स में लगभग एक लाख घरों और व्यवसायिक प्रतिष्ठानों की बिजली गुल हो गई है। इस आग में 135 बिलियन अमेरिकी डॉलर से 150 बिलियन अमरीकी डॉलर की क्षति और आर्थिक हानि का अनुमान है। जंगलों में लगी आग के कारण धुआं होने से लॉस एंजिल्स की हवा बुरी तरह प्रदूषित हो गई है, जिस कारण यहां के स्कूलों को बंद कर दिया गया है।
डेढ लाख से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थान पर जाने को कहा
जंगल की आग ने पेरिस हिल्टन और मेल गिब्सन सहित कई फिल्म सितारों और मशहूर हस्तियों के घरों को नष्ट कर दिया है। लॉस एंजिल्स काउंटी शेरिफ रॉबर्ट लूना ने कहा कि लगभग 153,000 लोगों को प्रभावित क्षेत्रों से सुरक्षित स्थानों की ओर जाने के लिए कहा गया है. अन्य 166,800 लोगों को जरूरत पड़ने पर अपने घरों को छोड़कर सुरक्षित स्थान पर जाने के लिए तैयार रहने को कहा गया है। सभी निकासी क्षेत्रों में कर्फ्यू लगा हुआ है। इस बीच केनेथ वाइल्डफायर के संबंध में आगजनी के संदेह में एक व्यक्ति को हिरासत में लिया गया है। हालांकि एक अग्निशमन अधिकारी ने बताया कि इस बात का कोई प्रमाणिक और निर्णायक सबूत नहीं है कि आग जानबूझकर लगाई गई थी।
लूटपाट करने वाले 20 गिरफ्तार
लॉस एंजिल्स पुलिस ने बताया कि इस आपातकालीन स्थिति के दौरान लूटपाट करने के आरोप में कम से कम 20 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। निकासी आदेशों से प्रभावित क्षेत्रों में कर्फ्यू लागू करने के लिए लॉस एंजिल्स पुलिस, कैलिफोर्निया नेशनल गार्ड के साथ मिलकर काम कर रही है। अमेरिका के दूसरे राज्यों और कनाडा से फायर फाइटर्स को जरूरी उपकरणों के साथ कैलिफोर्निया भेजा गया है।
परमाणु ऊर्जा अधिकारियों पर बढ़ी रार: तालिबान से पंगा लेकर मुसीबतों से घिरा पाकिस्तान
12 Jan, 2025 12:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
इस्लामाबाद। अफगानिस्तान में तालिबान के खिलाफ कार्रवाई करके पाकिस्तान ने खुद को बड़ी मुश्किल में डाल लिया है। तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) ने अब पाकिस्तान परमाणु ऊर्जा आयोग के अगवा अधिकारियों की रिहाई के बदले तीन बड़ी शर्तें रखी हैं। इन शर्तों को लेकर पाकिस्तान के प्रशासन और सेना में मतभेद उभर आए हैं। टीटीपी पर भी रिहाई के लिए दबाव बढ़ता जा रहा है क्योंकि इस मामले में अब स्थानीय जिरगा (प्रभावशाली लोगों के समूह) भी शामिल हो गए हैं। जिरगा की कोशिश है कि बातचीत से समाधान निकाला जाए। पाकिस्तान सरकार और फौज के सामने यह स्थिति गंभीर संकट बनकर खड़ी है। यदि समय रहते सही फैसला नहीं लिया गया तो इससे देश की सुरक्षा और स्थिरता पर गंभीर असर पड़ सकता है।
टीटीपी की पहली मांग है कि उनके परिवार के सदस्य, जिनमें महिलाएं, बच्चे और रिश्तेदार शामिल हैं, जिन्हें पाकिस्तान सरकार ने हिरासत में लिया है या जो लापता हैं, उन्हें तुरंत रिहा किया जाए। दूसरी मांग है कि लक्की मरवत से गिरफ्तार किए गए आतंकवादियों को रिहा किया जाए। तीसरी मांग में टीटीपी ने उन आतंकवादियों के परिवारों को मुआवजा देने और भविष्य में उनके घरों को नुकसान न पहुंचाने की गारंटी मांगी है, जिनके घर सैन्य अभियानों के दौरान तोड़े गए थे। इसके अलावा, मुठभेड़ों में मारे गए आतंकवादियों के शव भी उनके परिवारों को लौटाने की मांग की गई है। पाकिस्तान प्रशासन और सेना इन मांगों पर दो धड़ों में बंट गए हैं। एक धड़ा मानता है कि टीटीपी की कुछ मांगें स्वीकार कर ली जाएं ताकि परमाणु ऊर्जा अधिकारियों को सुरक्षित रिहा कराया जा सके। उनका कहना है कि अगर देरी हुई तो अगवा किए गए अधिकारी तालिबान को संवेदनशील जानकारी दे सकते हैं, जिससे देश की सुरक्षा को गंभीर खतरा हो सकता है। वहीं, दूसरा धड़ा मानता है कि टीटीपी के खिलाफ सैन्य अभियान को और तेज किया जाए ताकि दबाव में आकर वे अधिकारियों को छोड़ने को मजबूर हो जाएं। इस बीच, अधिकारियों के परिजन सरकार पर दबाव बना रहे हैं, जबकि खुफिया एजेंसियों को चिंता है कि कहीं ये अधिकारी अति संवेदनशील जानकारियां टीटीपी तक न पहुंचा दें।
आखिरकार ट्रंप को मिल ही गई राहत, कोर्ट ने दोषी बताया पर सजा नहीं सुनाई
12 Jan, 2025 11:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
वॉशिंगटन। अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप 20 जनवरी को राष्ट्रपति पद की शपथ लेने जा रहे हैं। इससे पहले हश मनी के मामले में न्यूयॉर्क की अदालत ने उन्हें दोषी ठहराने के बावजूद कोई सजा नहीं सुनाई। जज जुआन एम. मर्चन ने यह फैसला सुनाया, जिससे ट्रंप के राजनीतिक करियर पर सवाल खड़े हो गए हैं। इस मामले में ट्रंप पर आरोप है कि उन्होंने स्टॉर्मी डेनियल्स को पैसे देकर उनके साथ यौन संबंधों की कथित घटना को सार्वजनिक करने से रोकने का प्रयास किया।
यह मामला 2016 के राष्ट्रपति चुनाव के दौरान पॉर्न स्टार स्टॉर्मी डेनियल्स को कथित तौर पर चुप्पी बनाए रखने के लिए किए गए 130,000 डॉलर के भुगतान से संबंधित है। हालांकि, अदालत ने अभियोजन पक्ष का कहना है कि ट्रंप ने यह भुगतान अपने राष्ट्रपति अभियान को नुकसान से बचाने के लिए किया था। इसके अलावा, इस भुगतान को व्यापार रिकॉर्ड में गलत तरीके से दर्ज करने के आरोप भी उन पर लगे हैं। ट्रंप ने इन सभी आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए इसे उनके खिलाफ राजनीतिक साजिश करार दिया है। ट्रंप 20 जनवरी को राष्ट्रपति पद की शपथ लेने की तैयारी कर रहे हैं। इस फैसले के बाद यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि उनका राजनीतिक भविष्य किस दिशा में जाता है। ट्रंप के समर्थकों ने अदालत के इस फैसले को पक्षपाती और राजनीतिक हमला बताया है। वहीं, उनके आलोचकों का कहना है कि कानून के सामने सभी बराबर हैं और यह फैसला न्याय की जीत है। डोनाल्ड ट्रंप का यह कानूनी संकट 2024 के राष्ट्रपति चुनावों के मद्देनजर उनकी संभावनाओं को प्रभावित कर सकता है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि इस फैसले का अमेरिकी राजनीति और ट्रंप की चुनावी रणनीति पर क्या असर पड़ता है।
ट्रंप की कानूनी टीम ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट तक अपील की थी। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस जॉन रॉबर्ट समेत पांच जजों की पीठ ने उनकी याचिका को खारिज कर दिया। ट्रंप के वकीलों ने सजा सुनाए जाने पर रोक लगाने की मांग करते हुए तर्क दिया था कि यह फैसला उनके राष्ट्रपति पद की शपथ ग्रहण की तैयारियों को प्रभावित करेगा। हालांकि, न्यूयॉर्क की अदालत ने सजा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। जज मर्चन ने अपने फैसले में संकेत दिए कि ट्रंप को जेल की सजा या जुर्माना नहीं लगाया जाएगा। बावजूद इसके, दोषी करार दिए जाने से ट्रंप की छवि को भारी नुकसान हुआ है। उनके वकीलों ने इसे उनके राजनीतिक करियर और आगामी चुनावों के लिए एक गंभीर झटका बताया।