विदेश
इजरायल में आतंकी हमला: मोरक्को के नागरिक ने किया हमला, चार लोग घायल
22 Jan, 2025 05:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
इजरायल: इजरायल के तेल अवीव में आतंकी हमला हुआ है। एक आतंकी ने चाकू से ताबड़तोड़ हमले कर चार लोगों को घायल कर दिया है। पुलिस ने शुरुआती जांच के बाद इसे आतंकी हमला बताया है। पुलिस ने बताया कि हमलावर ने नाहलात बिन्यामिन स्ट्रीट पर तीन लोगों को चाकू घोंपा, उसके बाद पास के ग्रुजेनबर्ग स्ट्रीट पर चौथे व्यक्ति पर भी चाकू से हमला किया।
टूरिस्ट वीजा पर आया था इजरायल
इजरायली पुलिस के मुताबिक हमले को अंजाम देने वाला आतंकी अब्देल अजीज कद्दी मोरक्को का नागरिक है। उसके पास से अमेरिकी ग्रीन कार्ड भी मिला है। इजरायली पुलिस ने आतंकी को ढेर कर दिया है। हमलावर के पास से एक ID भी बरामद हुई है। वह 18 जनवरी को पर्यटक वीजा पर इजरायल आया था।
इजरायल में एंट्री करते समय हुई थी चेकिंग
रिपोर्ट के मुताबिक सुरक्षा एजेंसी शिन बेट के अधिकारियों ने बताया कि आतंकी अब्देल अजीज को इजरायल में एंट्री करते समय सुरक्षाकर्मियों ने रोका था, लेकिन बाद में उसे प्रवेश दे दिया गया। तीन दिनों के भीतर इजरायल में यह दूसरा आतंकी हमला है। चाकूबाजी में घायल हुए 4 लोगों की उम्र 24 से 59 साल के बीच है।
भागते हुए लोगों पर किया हमला
हमलावर ने पहले तीन लोगों को चाकू मारा। घटना के बाद अफरातफरी मच गई और लोग भागने लगे। आतंकी ने भाग रहे लोगों पर हमला किया और एक शख्स को चाकू मार दिया। इस तरह इस घटना में चार लोग घायल हुए हैं। इजरायल की पुलिस ने आतंकी को मार गिराया है।
इटली के रोम से ढाका जा रहे विमान को मिली बम से उड़ाने की धमकी
22 Jan, 2025 04:49 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
ढाका (बांग्लादेश)। इटली के रोम से ढाका जा रहे बिमान बांग्लादेश एयरलाइंस के विमान में बम की धमकी दी गई है। ढाका के हजरत शाहजलाल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को एक अज्ञात नंबर से कॉल करके इस धमकी के बारे में सूचित किया गया।
एयरपोर्ट के कार्यकारी निदेशक ग्रुप कैप्टन कमरुल इस्लाम ने पत्रकारों से मामले की पुष्टि की। उन्होंने कहा कि रोम से ढाका जा रहे विमान BG-356 को बम से उड़ाने की धमकी दी गई थी।
हजरत शाहजलाल हवाई अड्डे पर सुबह 9:20 बजे विमान की आपातकालीन लैंडिंग कराई गई। विमान में सवार 250 यात्रियों और 13 क्रू सदस्यों को विमान से निकालकर टर्मिनल पर लाया गया।
गवर्नर कैथी होचुल का प्रस्ताव: कक्षाओं में मोबाइल फोन पर प्रतिबंध
22 Jan, 2025 12:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
न्यूयॉर्क की गवर्नर कैथी होचुल ने मंगलवार को राज्य भर के स्कूलों में छात्रों के मोबाइल फोन इस्तमाल पर रोक लगाने को लेकर प्रस्ताव रखा। इसके तहत अगले शैक्षणिक वर्ष से न्यूयॉर्क राज्य के सभी स्कूलों में छात्रों को अपने सेलफोन छोड़ने होंगे। बता दें कि गवर्नर होचुल की इस योजना के लिए विधायकों की स्वीकृति की आवश्यकता होगी और यह योजना स्कूलों में छात्रों को कक्षा, दोपहर के भोजन, और हॉलवे में अपने फोन और अन्य उपकरणों को इस्तेमाल करने से रोकने के लिए है।
प्रस्ताव को लेकर गवर्नर होचुल का तर्क
गवर्नर होचुल ने प्रस्ताव को लेकर जानकारी देते हुए कहा कि इस कदम से छात्रों को कक्षा में ध्यान केंद्रित करने में मदद मिलेगी और उनके मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होगा। उन्होंने कहा कि बच्चे अपने फोन से बहुत अधिक व्यस्त होते हैं, जिससे वे पढ़ाई पर ध्यान नहीं दे पाते। साथ ही होचुल का यह भी मानना हैं कि जब बच्चे अपने दोस्तों के साथ वायरल डांस और संदेशों पर ध्यान दे रहे होते हैं तो उन्हें पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करने में मुश्किल होती है।
कुछ छात्रों को छूट भी
गवर्नर द्वारा दिए गए प्रस्ताव में आगे की बात करें तो इस प्रस्ताव के तहत, कुछ छात्रों को छूट भी दी जाने की बात कही जा रही है, जैसे कि जिनके पास मेडिकल कारण हैं या जिन्हें शिक्षा में मदद की आवश्यकता है। साथ ही न्यूयॉर्क राज्य ने स्कूलों को इस प्रतिबंध को लागू करने में मदद के लिए 13.5 मिलियन डॉलर देने का भी प्रस्ताव रखा है।
प्रस्ताव का मिला टीचर्स यूनियन का समर्थन
गवर्नर होचुल के इस प्रस्ताव का न्यूयॉर्क स्टेट यूनाइटेड टीचर्स ने समर्थन किया है। इसको लेकर उनका कहना है कि इससे छात्रों को बिना किसी व्यवधान के पढ़ाई करने में मदद मिलेगी। हालांकि, यह प्रस्ताव अभिभावकों के विरोध का सामना कर सकता है, क्योंकि वे आपातकाल में अपने बच्चों से संपर्क करना चाहते हैं। गौरतलब है कि अमेरिका के कुछ अन्य राज्यों में भी स्कूलों में फोन पर प्रतिबंध लगाया गया है और कई अन्य राज्यों ने भी इसे लागू करने के लिए कदम उठाए हैं।
डोनाल्ड ट्रंप का शपथ ग्रहण समारोह 2.4 करोड़ लोगों ने टीवी पर देखा
22 Jan, 2025 12:34 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
न्यूयॉर्क। 20 जनवरी 2025 को डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका ने नए राष्ट्रपति के पद की शपथ ली। इस कार्यक्रम में कई हस्तियां शामिल हुईं। वहीं, अनुमान है कि 24.6 मिलियन (2.4 करोड़) टेलीविजन दर्शकों ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दूसरे शपथ ग्रहण समारोह को देखा, यह संख्या 2013 में राष्ट्रपति बराक ओबामा के दूसरे शपथ ग्रहण समारोह के बाद सबसे कम रही।
मंगलवार को रिपोर्ट में कहा कि दर्शकों की संख्या जो बाइडन के 2021 के उद्घाटन से कम थी, जो 33.8 मिलियन तक पहुंच गई थी, और ट्रंप के व्हाइट हाउस में पहले कदम को 2017 में 30.6 मिलियन दर्शकों ने देखा था।
पिछले अर्ध शताब्दी में शपथ ग्रहण समारोह के दर्शकों की संख्या में व्यापक अंतर रहा है; 1981 में जब रोनाल्ड रीगन ने पदभार संभाला था, तब यह संख्या 41.8 मिलियन थी, तथा 2004 में जॉर्ज डब्ल्यू बुश के दूसरे कार्यकाल के आरंभ में यह संख्या 15.5 मिलियन थी।
24.6 मिलियन का आंकड़ा 10:30 पूर्वाह्न से 7:30 अपराह्न ईएसटी के बीच 15 नेटवर्क में से किसी एक पर कवरेज देखने वाले लोगों की औसत संख्या को दर्शाता है।
पिछले वर्षों में, कवरेज इतने लंबे समय तक नहीं चलता था, जिसका मतलब था कि औसत अधिक होने की संभावना थी क्योंकि दिन बीतने के साथ लोग इससे दूर हो जाते थे।
उदाहरण के लिए, नीलसन के पास इस बात का कोई अनुमान नहीं था कि कितने लोगों ने शाम 4 बजे ईएसटी तक ट्रंप को देखा, जो अतीत में अधिकांश उद्घाटन कवरेज के लिए कटऑफ बिंदु था।
इसमें कोई संदेह नहीं है कि सोमवार को सबसे ज़्यादा दर्शक कहाँ थे: फ़ॉक्स न्यूज चैनल के पास सुबह 11:30 बजे से दोपहर 1 बजे के बीच 10.3 मिलियन दर्शक थे, जब ट्रंप ने शपथ ली और अपना उद्घाटन भाषण दिया।
रिपोर्ट में कहा कि उसी अवधि में, ABC के पास 4.7 मिलियन दर्शक थे, NBC के पास 4.4 मिलियन, CBS के पास 4.1 मिलियन, CNN के पास 1.7 मिलियन और MSNBC के पास 8,48,000 दर्शक थे।
चार साल पहले, सीएनएन और एमएसएनबीसी पर 13.4 मिलियन लोगों ने बाइडन के शपथ ग्रहण समारोह को देखा था, जबकि फॉक्स न्यूज पर केवल 2.4 मिलियन लोगों ने देखा था।
अलबामा के मुर्दाघर की पूर्व कर्मचारी को शव के अंग बेचने पर 15 साल की सजा
22 Jan, 2025 12:22 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
अमेरिका के राज्य अलबामा से एक हैरान करने वाली खबर सामने आई है। अलबामा के मुर्दाघर के एक पूर्व कर्मचारी को हाल ही में शव के अंग को बेचने के लिए 15 साल जेल की सजा सुनाई गई है। बताया जा रहा है, कर्मचारी ने फेटल टिश्यू तक बेच दिया था।
37 साल के कैंडेस चैपमैन स्कॉट ने मेडिकल साइंसेज एनाटोमिकल गिफ्ट प्रोग्राम के लिए अर्कांसस विश्वविद्यालय के मानव अवशेषों को पेंसिल्वेनिया के जेरेमी ली पॉली को बेच दिया, जिनसे उनकी मुलाकात एक फेसबुक ग्रुप के जरिए हुई थी।
'अब तक के सबसे बुरे अपराध में से एक'
इस ग्रुप में चर्चा के दौरान शरीर के अंगों की बिक्री पर चर्चा की गई थी। गुरुवार को उसकी सजा के दौरान, न्यायाधीश ब्रायन एस.मिलर ने उसके अपराधों को 'मैंने अब तक देखे गए कुछ सबसे बुरे अपराधों में से कुछ के रूप में वर्णित किया और लिटिल रॉक के रॉस को चोरी के मानव शरीर के अंगों को राज्य की सीमाओं के पार ले जाने और मेल धोखाधड़ी की साजिश रचने के लिए सजा सुनाई।
पिछले अप्रैल में आरोपों को स्वीकार करने के लिए उसे सजा सुनाई गई। स्कॉट ने खोपड़ी, दिमाग, हाथ, कान, कई फेफड़े, दिल, स्तन, एक नाभि, अंडकोष और शरीर के अन्य अंगों को पिछले साल अक्टूबर 2021 और 15 जुलाई, 2022 के बीच बेचा।
लाखों में मिले पैसे?
42 साल के पॉली ने शरीर के अंगों के 24 बक्सों के लिए 10,625 डॉलर का भुगतान किया, जो हार्वर्ड मेडिकल स्कूल और अरकंसास मुर्दाघर से जुड़े शरीर छीनने के एक परेशान करने वाले भूमिगत नेटवर्क का हिस्सा थे।
जब जांचकर्ताओं ने स्कॉट के घर की तलाशी ली, तो उन्हें शरीर के कई अंग मिले। उसने स्वीकार किया कि उसने अपनी नौकरी के दौरान उन्हें इकट्ठा किया था। अभियोजकों ने बताया कि निर्दयी मुर्दाघर कर्मचारी ने पॉली को यहां तक कहा कि अंतिम संस्कार किए गए शव की गलत राख मृत भ्रूण के माता-पिता को भेज दी जाएगी।
पढ़ें आगे का मामला
'बेबी लक्स' के परिवार, रॉस ने इसको लेकर एक प्रेस रिलीज की। उन्होंने कहा, 'कल्पना कीजिए कि आपको पता चले कि आपके बच्चे की मृत्यु के बाद जो अंतिम संस्कार आपको दिया गया था, वह आपके बच्चे का नहीं था, क्योंकि इसके बजाय एफबीआई ने उस बच्चे का शव दूसरे राज्य में बरामद किया था। इस मामले में यह चौंकाने वाला सच है।
ताइवान में भूकंप का कहर: 6.4 तीव्रता से धरती कांपी, 27 घायल, सुनामी का अलर्ट
21 Jan, 2025 08:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
ताइपे। ताइवान में मंगलवार देर रात आए 6.4 तीव्रता के भूकंप ने बड़े पैमाने पर दहशत फैला दी। भूकंप के कारण 27 लोग घायल हो गए हैं, और एक इमारत के जमींदोज होने से कई लोग मलबे में फंस गए।
भूकंप आने के बाद कहा गया है कि ताइवान की 2.34 करोड़ की आबादी पर बड़ा खतरा मंडरा रहा है। दरअसल अधिकारियों ने सुनामी का अलर्ट जारी कर समुद्र किनारे रहने वाले लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है।
ताइवान में भूकंप मंगलवार रात 12:17 बजे आया, जबकि अधिकांश लोग गहरी नींद में थे। भूकंप का केंद्र ताइवान के युजिंग से 12 किलोमीटर उत्तर में बताया गया है। ताइनान के नानक्सी जिले में एक इमारत पूरी तरह जमीदोज हो गई, जिसमें कई लोग फंस गए। ताइवान के स्टेट हाईवे पर बना झूवेई पुल भी क्षतिग्रस्त हो गया। राजधानी ताइपे समेत देश के अन्य हिस्सों में भी झटके महसूस किए गए।
राहत और बचाव कार्य
ताइवान के फायर डिपार्टमेंट ने तेजी से राहत कार्य शुरू कर दिया है। भूकंप के कारण 27 घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वहीं जमीदोज इमारत में फंसे लोगों को बाहर निकालने के प्रयास जारी हैं। मलवा हटाने का काम युद्ध स्तर पर किया जा रहा है।
लेह और तिब्बत में महसूस किए गए झटके
ताइवान में भूकंप के समय भारत के लेह क्षेत्र में भी 4.5 तीव्रता के झटके महसूस किए गए। हालांकि, यहां कोई जान-माल का नुकसान नहीं हुआ। वहीं तिब्बत में रात 12 बजे से सुबह 11 बजे तक पांच बार भूकंप के झटके आए, जिनकी तीव्रता 5 तक मापी गई है।
सुनामी की चेतावनी और सतर्कता
ताइवान में सुनामी की आशंका को देखते हुए सरकार ने समुद्र किनारे रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी है। साथ ही भूकंप के दोबारा आने की आशंका लेकर सतर्क रहने का आग्रह किया गया है। यह भूकंप ताइवान के लिए एक बड़ी चेतावनी है। भूकंप के झटकों ने न केवल भौतिक क्षति पहुंचाई है, बल्कि लोगों में भय का माहौल भी पैदा किया है।
ट्रंप ने फिर किया अब्राहम अकॉर्ड का ज्रिक, भारत के लिए गेंमचेजर साबित होगा
21 Jan, 2025 07:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
वाशिंगटन। अमेरिका में राष्ट्रपति पद पर डोनाल्ड ट्रंप की वापसी के बाद मध्य पूर्व में भू-राजनीतिक समीकरणों में बड़ा बदलाव होने के संकेत मिल रहे है। गाजा में सीजफायर और तीन बंधकों की रिहाई के बाद ट्रंप ने घोषणा की है कि वे सऊदी अरब को अब्राहम अकॉर्ड में शामिल करने के प्रयासों को फिर से गति दूंगा। यह वही समझौता है, जिसके तहत इजरायल और अरब देशों के बीच राजनयिक संबंध सामान्य हुए थे। राजनैतिक विश्लेषकों का मानना है कि अगर सऊदी अरब अब्राहम अकॉर्ड का हिस्सा बनता है, तब यह मध्य पूर्व की राजनीति में एक ऐतिहासिक मोड़ होगा। सऊदी अरब ने अभी तक इजरायल को मान्यता नहीं दी है और इस पर हमेशा यह शर्त लगाई है कि इजरायल को अलग फलस्तीन देश को मान्यता देनी होगी। ट्रंप का मानना है कि अब्राहम अकॉर्ड को विस्तार देकर वे इस क्षेत्र में स्थायी शांति और सुरक्षा सुनिश्चित कर सकते हैं।
गाजा युद्ध के बाद बने नए हालात में इजरायल और सऊदी अरब के बीच समझौता भारत के लिए भी बेहद महत्वपूर्ण साबित हो सकता है। दरअसल, भारत, अमेरिका और मध्य पूर्व के देशों के सहयोग से एक महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट, इंडिया-मिडिल ईस्ट-यूरोप कॉरिडोर (आईएमईसी), पर काम कर रहा है। यह कॉरिडोर चीन के बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआई) को टक्कर देने के लिए बनाया जा रहा है।
आईएमईसी के तहत, अमेरिका आर्थिक निवेश करेगा, जबकि भारत तकनीकी विशेषज्ञता और रेल परिवहन पर काम करेगा। इस परियोजना के द्वारा भारत को यूरोप से जोड़ने के लिए इजरायल के हाइफा बंदरगाह का अहम रोल निभाएगा। हाइफा पोर्ट का प्रबंधन गौतम अडानी के समूह के पास है, और उन्होंने हाल ही में इजरायल के राजदूत के साथ कॉरिडोर पर सकारात्मक बातचीत की है।
गाजा में युद्ध के कारण आईएमईसी की योजना पर संकट के बादल मंडराने लगे थे, लेकिन अब सीजफायर और ट्रंप के प्रयासों के बाद उम्मीदें फिर से बढ़ गई हैं। अगर सऊदी अरब अब्राहम अकॉर्ड का हिस्सा बनता है, तब इससे भारत को यूरोप के लिए एक सीधा और सुलभ मार्ग मिल सकेगा। ट्रंप की रणनीति केवल मध्य पूर्व में शांति स्थापित करना नहीं है, बल्कि इस क्षेत्र में अमेरिका की प्रभावी भूमिका को मजबूत करना है। विश्लेषकों का कहना है कि यह कदम ट्रंप की विदेश नीति की सफलता को चिह्नित कर सकता है, जिससे भारत समेत कई देशों को रणनीतिक लाभ मिलेगा।
ट्रंप की शपथ में सबसे आगे बैठे दिखे भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे विदेश मंत्री जयशंकर
21 Jan, 2025 05:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
वाशिंगटन। डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली। चार साल बाद दूसरी बार सत्ता में उनकी वापसी हुई। अमेरिका में बहुत अधिक ठंड की वजह से शपथ ग्रहण समारोह कैपिटल रोटुंडा (संसद भवन के केंद्रीय कक्ष) में आयोजित किया गया। भारत की ओर से विदेश मंत्री एस जयशंकर शपथ ग्रहण समारोह के मेहमान थे। वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विशेष दूत के रूप में शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए। जब उनकी अमेरिका से तस्वीर सामने आई, तो बहुत से लोगों को हैरानी हुई। तस्वीर देख लोगों को यकीन ही नहीं हो रहा था। दरअसल, वह तस्वीर कोई आम तस्वीर नहीं। यह बदलते भारत की तस्वीर है। यह नए इंडिया की तस्वीर है। जयशंकर जिस पहली पंक्ति में बैठे थे, उसी पंक्ति में इक्वाडोर के राष्ट्रपति भी थे। भारत की अहमियत इसी बात से समझी जा सकती है। जयशंकर ने ने ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह की तस्वीरों को अपने एक्स हैंडल पर शेयर किया। उन्होंने लिखा समारोह में शामिल होना उनके लिए सम्मान की बात है।उन्होंने एक्स पर लिखा, ‘आज वाशिंगटन डीसी में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उपराष्ट्रपति जेडी वेंस के शपथ ग्रहण समारोह में भारत का प्रतिनिधित्व करना एक बड़े सम्मान की बात है।’ सूत्रों का कहना है कि जयशंकर डोनाल्ड ट्रंप की खातिर पीएम मोदी का संदेश वाला एक लेटर भी लेकर गए थे। अमेरिका के लिए भारत कितना अहम है, यह इन तस्वीरों से समझा जा सकता है। शपथ ग्रहण समारोह में भारत के विदेश मंत्री को पहली पंक्ति में ट्रंप के ठीक सामने बिठाना। फिर ट्रंप का मंच से जयशंकर की ओर देखकर सीधे मुखातिब होना। यह दिखाता है कि अब अमेरिका ही नहीं, दुनिया का नजरिया भारत के प्रति बदला है।
तुर्की के स्की रिसॉर्ट होटल में भीषण आग, 6 लोगों की मौत
21 Jan, 2025 01:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
तुर्की: तुर्किए के उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र में एक स्की रिसॉर्ट होटल में आग लगने से 6 लोगों की मौत हो गई और 31 अन्य घायल हो गए. ये जानकारी सरकारी प्रसारक TRT ने मंगलवार को जानकारी दी. बोलू के गवर्नर अब्दुलअजीज आयडिन ने बताया कि आग मंगलवार को सुबह करीब 3:30 बजे बोलू के कार्तलकाया स्की रिसॉर्ट में 11 मंजिला होटल की चौथी मंजिल पर लगी और अग्निशमन कर्मी अभी भी इसे बुझाने के लिए काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि आग लगने का कारण तुरंत स्पष्ट नहीं हो पाया है. लेकिन अधिकारी इसकी जांच कर रहे हैं. गवर्नर ने बताया कि होटल में 234 लोग मौजूद थे.
30 दमकल और 28 एंबुलेंस मौके पर
टेलीविजन पर दिखाई गई तस्वीरों में होटल की छत और ऊपरी मंजिलों में आग लगी देखी गई है. आग लगने का कारण अभी तक पता नहीं चल पाया है. बताया गया है कि 30 दमकल गाड़ियां को मौके पर भेजा गया है, जोकि लगातार आग बुझाने की कोशिश में जुटी हुई हैं. साथ ही साथ 28 एंबुलेंस मौके पर भेजी गईं हैं, जिसके जरिए घायल लोगों को अस्पताल पहुंचाया गया है.
अभी तक नहीं हो सकी मृतकों की पहचान
वहीं होटल में फंसे लोगों निकालने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. आग लगने की वजह से आस-पास के क्षेत्र में हड़कंप मचा हुआ है. बताया जा रहा है कि प्रशासन कई लोगों को अस्पताल से बाहर निकाल लिया है. हालांकि कुछ लोग अभी भी फंसे हुए हैं. अधिकारियों ने अभी तक पीड़ितों की पहचान उजागर नहीं की है.
लॉस एंजिलिस में तेज हवाओं से हालात हुए और भी भयावह, अब तक 27 लोगों की मौत
21 Jan, 2025 12:27 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
लॉस एंजिलिस: लॉस एंजिलिस में जंगलों से लेकर शहरों तक फैली आग विनाशकारी साबित हुई है। आग पर अभी तक पूरी तरह से काबू नहीं पाया जा सका है। जहां भी आग लगी थी वो जगह पूरी तरह से राख में तब्दील हो गई है। आग ने बड़े पैमाने पर नुकसान किया है। आग की चपेट में आने से अब तक कुल 27 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि बहुत से लापता है। लापता लोगों का सुराग नहीं मिल पाया है। आग की चपेट में आने से 22 हजार से ज्यादा घर भी जल चुके हैं।
तेज हवाओं ने बढ़ाई परेशानी
आग से मची तबाही के बीच एक बार फिर मौसम ने लोगों की चिंता बढ़ा दी है। आग को फैलाने के लिए जिम्मेदार तेज हवाओं की वापसी ने खतरे को और बढ़ा दिया है। कुछ स्थानों पर 142 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल रही हैं। जिससे एक बार फिर आग भड़कने का खतरा पैदा हो गया है।
बढ़ सकती है आग
नेशनल वेदर सर्विस के एरियल कोहेन ने AFP को बताया, "आग विस्फोटक रूप से बढ़ सकती है। इसलिए यह एक विशेष रूप से खतरनाक स्थिति है।" अधिकारियों ने कहा कि उन्होंने जोखिम वाले क्षेत्रों में पहले से ही इंजन और अग्निशमन दल तैनात कर दिए हैं।
लॉस एंजिलिस की मेयर ने क्या कहा
लॉस एंजिलिस की मेयर कैरन बास ने पत्रकारो से कहा, "मुझे विश्वास है कि हम अगले कुछ दिनों में सबसे खराब संभावित स्थिति के लिए तैयार रहेंगे।" सबसे बड़ी आग, पैलिसेड्स फायर, सोमवार तक 59 प्रतिशत नियंत्रित कर ली गई थी। ईटन फायर, जिसने अल्ताडेना क्षेत्र के एक बड़े हिस्से को तबाह कर दिया था, 87 प्रतिशत नियंत्रित कर ली गई है।
डोनाल्ड ट्रंप करेंगे दौरा
सोमवार को अमेरिकी राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेने वाले डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि वो सप्ताह के अंत में आग से तबाह हुए क्षेत्रों का दौरा करेंगे। 47वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेने के बाद ट्रंप ने कैलिफोर्निया के डेमोक्रेटिक नेतृत्व पर फिर से कटाक्ष किया था। उन्होंने कहा था कि हम देख रहे हैं कि कई दिनों पहले की आग अभी भी दुखद रूप से जल रही है, और बचाव का कोई उपाय नहीं है। उन्होंने कहा, "हम ऐसा नहीं होने दे सकते।"
डोनाल्ड ट्रंप ने शपथ ग्रहण के बाद कार्यकारी आदेशों पर किए साइन, बाइडेन के फैसलों को पलटा
21 Jan, 2025 11:13 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
Donald Trump: अमेरिका को डोनाल्ड ट्रंप के रूप में आज नया राष्ट्रपति मिल गया है. चुनाव में बंपर जीत हासिल करने वाले डोनाल्ड ट्रंप ने वॉशिंगटन डीसी के कैपिटल हिल में राष्ट्रपति पद की शपथ ली. अमेरिका की सरकार में ट्रंप ने दूसरी बार वापसी की है. शपथ लेने के कुछ देर बाद राष्ट्रपति ट्रंप ने कई आदेशों पर साइन किए हैं. इसके अलावा उन्होंने कई सख्त फैसले लिए, जिसकी आशंका पहले से ही जताई जा रही थी. ठीक वैसे ही ट्रंप ने आते ही अपना काम शुरू कर दिया है. उन्होंने लोगों के सामने बाइडेन के फैसलों को पलटने समेत कई कार्यकारी आदेशों पर साइन किए हैं.
क्या होता है कार्यकारी आदेश?
कार्यकारी आदेश व्हाइट हाउस की तरफ से जारी किए जाते हैं और अमेरिकी सरकार की कार्यकारी शाखा को निर्देश देने के लिए उपयोग किए जाते हैं. इन आदेशों के जरिए संघीय एजेंसियों के लिए निर्देश या रिपोर्ट के लिए अनुरोध किया जा सकता है. कार्यकारी आदेशों को प्रभावी बनाने के लिए कांग्रेस या राज्य विधायिका की अनुमति की ज़रूरत नहीं होती है. इसके अलावा कई आदेश आपत्तिजनक भी हो सकते हैं. राष्ट्रपति कार्यकाल उनके की तरफ से जारी किए इन आदेशों को एक विशेष नंबर दिया जाता है. इन्हीं के जरिए इनकी पहचान की जाती है. इसके साथ ही इस आदेश के बाहर ही उसको जारी करने की तारीख और किसने इसे जारी किया है, इस बारे में जानकारी दी जाती है.
अब तक 13 हजार से ज्यादा आदेश हो चुके जारी
कार्यकारी आदेश का चलन अमेरिका में साल 1789 से शुरु हुआ है. यहां हर राष्ट्रपति अपने कार्यकाल में कम से कम एक कार्यकारी आदेश जरूर जारी करता है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अब तक कुल 13,731 से ज्यादा कार्यकारी आदेश जारी हो चुके हैं.
अब तक किसने कितने कार्यकारी आदेशों पर साइन किए?
कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी अब तक प्रेसीडेंसी प्रोजेक्ट के तहत कार्यकारी के आंकड़ों को एकत्रित करती है. इसके अनुसार अब तक अमेरिकी इतिहास में, कई हजार कार्यकारी आदेश हुए हैं. अमेरिका के पहले राष्ट्रपति जॉर्ज वाशिंगटन ने अपने कार्यकाल के समय 8 कार्यकारी आदेशों पर साइन किए थे, जबकि 32वें राष्ट्रपति फ्रैंकलिन डेलानो रूजवेल्ट ने 3,721 कार्यकारी आदेशों पर साइन किए थे. वहीं अपने पहले कार्यकाल के दौरान ट्रंप ने 220 कार्यकारी आदेशों पर साइन किए थे. अगर बाइडेन की बात की जाए तो उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान केवल 160 आदेशों पर साइन किए थे. कार्यकारी आदेश अक्सर राजनीतिक संदेश देने के बारे में होते हैं.
इन आदेशों पर किए ट्रंप ने साइन
ट्रंप ने शपथ लेने के बाद देश को संबोधित किया, इसके बाद वे ओवल ऑफिस पहुंचे. उन्होंने यहां कई कार्यकारी आदेशों पर साइन किए. इस दौरान उन्होंने बड़ी संख्या में बाइडेन सरकार के 78 फैसलों को रद्द कर दिया है. इसमें विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की सदस्यता से अमेरिका के बाहर निकलने का आदेश भी शामिल हैं. उन्होंने इसके पीछे कोविड-19 को फैलने से रोकने में WHO की विफलता को वजह बताया है. ट्रंप ने दवाओं की कीमतों के कम करने वाले आदेश को भी पलट दिया है. इसके अलावा ट्रम्प ने गल्फ ऑफ मेक्सिको का नाम बदलकर गल्फ ऑफ अमेरिका करने वाले आदेश पर भी साइन किए. 6 जनवरी 2021 को कैपिटल हिल पर हुए हमले के दोषी 1500 लोगों को माफी दी है, जिसकी बात उन्होंने चुनाव के दौरान भी की थी. ट्रंप ने तत्काल प्रभाव से सभी सरकारी कर्मचारियों के वर्क फ्रॉम होम को रद्द कर दिया. इस आदेश में रिमोट वर्क पूरी तरह से खत्म करने के प्रावधान को मंजूरी दी गई है.
शपथ से पहले ट्रंप ने निकाली विक्ट्री रैली, बोले रूस-यूक्रेन जंग भी कराऊंगा खत्म
20 Jan, 2025 09:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
वाशिंगटन। अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में पदभार ग्रहण करने से पहले डोनाल्ड ट्रंप ने विक्ट्री रैली की। शपथ ग्रहण की पूर्व संध्या पर ट्रंप ने समर्थकों से कहा कि वह यूक्रेन में युद्ध भी खत्म करा देंगे और पश्चिम एशिया में अराजकता को बढ़ने से रोकेंगे। दावा किया कि अवैध प्रवासियों को बाहर निकालने के लिए भी सबसे आक्रामक अभियान चलाने का आदेश देंगे। नवनिर्वाचित राष्ट्रपति ट्रंप ने अपने उद्घाटन भाषण और कार्यकारी आदेशों की झड़ी को लेकर एक खाका खींच दिया। आत्मविश्वास के साथ कहा कि वे पदभार संभालते ही इन आदेशों को जारी करने की योजना बना रहे हैं।
रविवार को वाशिंगटन डीसी में आयोजित विक्ट्री रैली में उन्होंने दावा किया, मैं यूक्रेन में युद्ध समाप्त करूंगा।मैं मध्य पूर्व (जैसा कि पश्चिम में पश्चिम एशिया के रूप में जाना जाता है) में अराजकता को रोकूंगा, और मैं तीसरे विश्व युद्ध को होने से रोकूंगा और आपको पता नहीं है कि हम कितने करीब हैं। दरअसल, यूक्रेन रूस के सामने 2023 से ही डटा हुआ है। ऐसा इसलिए भी क्योंकि उसे मुख्य रूप से अमेरिकी नेतृत्व वाले पश्चिमी देशों के गठबंधन का पूरा समर्थन प्राप्त है। जो बाइडेन प्रशासन ने उनकी पूरी मदद की है। ट्रंप लगातार युद्ध समाप्त कराने का संकेत देते रहे हैं।
ट्रंप ने अमेरिका में सभी अवैध प्रवेश को समाप्त करने के लिए तेजी से आगे बढ़ने की अपनी इच्छा दोहराई है। उन्होंने कहा कि वह सोमवार को अपने उद्घाटन भाषण में ऐसी घोषणाएं करेंगे जो हमारी सीमाओं को बहाल करने के लिए दुनिया में अब तक का सबसे आक्रामक, व्यापक प्रयास होगा। उन्होंने कहा कि वह तेल की खोज और ड्रिलिंग को मुक्त करने के लिए जलवायु नियमों में कटौती करेंगे, जिसे वे लिक्विड गोल्ड कहते हैं, वह कंपनियों को वापस लाएंगे और अमेरिकी खरीदने और अमेरिका की नीतियों को बढ़ावा देंगे, करों और सरकारी नौकरशाही को कम करेंगे, और सरकारी मामलों में पारदर्शिता को बढ़ावा देंगे।
पॉप सिंगर आमिर तातालू को ईशनिंदा के आरोप में मिली सजा-ए-मौत
20 Jan, 2025 08:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
तेहरान,। ईरान की कोर्ट ने मशहूर पॉप सिंगर आमिर तातालू नाम से मशहूर अमीर हुसैन मघसूदलू को सजा-ए-मौत की सजा सुनाई है। कोर्ट ने उसे ईशनिंदा के आरोप में दोषी ठहराया है। सुप्रीम कोर्ट ने ईशनिंदा समेत अन्य अपराधों के लिए पूर्व में दी गई पांच साल की जेल की सजा पर अभियोजक की आपत्ति स्वीकार कर ली है। इसलिए उन्हें अब सजा-ए-मौत की सजा सुनाई गई है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस मामले को फिर से खोला गया। जब जांच की गई तो सरकार की ओर से कही बात सही पाई गई। पॉप सिंगर आमिर तातालू पर पैगंबर साहब का अपमान करने का दोषी पाया गया है। इसलिए उसे मौत की सजा सुनाई गई है। यह फैसला अंतिम नहीं है और इसके खिलाफ अभी भी अपील की जा सकती है। 37 साल के आमिर तातालू 2018 से तुर्की के इस्तांबुल में छिपकर रह रहे थे, लेकिन तुर्की पुलिस ने दिसंबर 2023 में उन्हें गिरफ्तार कर ईरान को सौंपा था। तब से वह ईरान में हिरासत में हैं। आमिर तातालू को “वेश्यावृत्ति” को बढ़ावा देने के लिए भी 10 साल की सजा सुनाई थी। उन पर इस्लामी गणराज्य के खिलाफ “दुष्प्रचार” करने और “अश्लील सामग्री” शेयर करने का आरोप था।
रैप, पॉप और आर एंड बी के कंपोजीशन के लिए मशहूर टैटू गायक को पहले भी कई आरोप लगाए गए थे। आमिर तातालू ने 2017 में ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी के साथ एक अजीबोगरीब टेलीविजन चर्चा की थी। बाद में रईसी की एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी। 2015 में तातालू ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम के समर्थन में एक गाना भी बनाया था जो बाद में 2018 में डोनाल्ड ट्रम्प के पहले अमेरिकी राष्ट्रपतित्व काल के दौरान सामने आया।
कर्नाटक में रुसी रेडार : चीन-पाकिस्तान की मिसाइलों पर रखेगा नजर
20 Jan, 2025 08:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मास्को। भारत के पड़ोसी देश चीन-पाकिस्तान बड़े पैमाने पर परमाणु मिसाइलों का निर्माण कर रहे हैं। अब भारत ने भी इन दोनों पड़ोसी देशों को मात देने कमर कस ली है। भारत कर्नाटक में चालकेरे में बने डीआरडीओ के कैंपस में रूस का महाशक्तिशाली रेडार वोरोनेझ लगा रहा है। इस रूसी रेडार वोरोनेझ की रेंज 8000 किमी है और इसे 10000 किमी तक बढ़ाया जा सकता है। यह रूसी रेडार कर्नाटक में लगाए जाने के बाद भी पाकिस्तान और चीन की निगरानी कर सकता है। यह रूसी रेडार बलिस्टिक मिसाइल, स्टील्थ एयरक्राफ्ट और कई तरह के हवाई खतरों का पता लगाने और उसका जवाब देने में भी माहिर है।
कर्नाटक से चीन के बीच दूरी 1800 किमी है लेकिन यह रेडार अपनी 8 हजार किमी तक की क्षमता की वजह से वहां तक निगरानी करने में सक्षम है। यह रूसी रेडार कई वेबबैंड पर काम कर सकता है। इससे यह कई भूमिका में काम करने में सक्षम है। यह रेडॉर एक के बाद एक सैकड़ों लक्ष्यों को ट्रैक कर सकता है। भारत इसकी मदद से दुश्मन की आने वाली मिसाइलों का पता लगा सकेगा और उसे तबाह कर सकेगा। भारत इससे देश के लिए एक व्यापक सुरक्षा कवच तैयार कर सकेगा।
भारत को इस डील की मदद से रूस के बेजोड़ रेडार को बनाने की तकनीक के बारे में भी अहम जानकारी मिल सकेगी। इस रेडार का करीब 60 फीसदी हिस्सा भारत में ही बनाने का प्लान है। रूस का भारत को यह रेडार देना दोनों देशों के बीच बढ़ती दोस्ती को दर्शाता है। वह भी तब जब अमेरिका और पश्चिमी देशों ने यूक्रेन युद्ध को देखते हुए रूस के खिलाफ कई तरह के कठोर प्रतिबंध लगा रखे हैं। इसके बाद भी भारत और रूस के बीच दशकों पुरानी दोस्ती मजबूत बनी हुई है।
विश्लेषकों का कहना है कि यह रेडार लगाना भारत का एक रणनीतिक कदम है। इससे भारत सीमा पर चौतरफा निगरानी कर सकेगा। भारत और रूस के बीच इस रेडार को लेकर 4 अरब डॉलर की डील हुई है। रूसी रेडार को अलमाज एंटे कंपनी ने बनाया है जो दुनिया के बेहतरीन एयर डिफेंस सिस्टम और रेडार प्रणाली को बनाने के लिए जानी जाती है। रूसी कंपनी का एक दल पिछले दिनों भारत के दौरे पर आया था। अभी तक दुनिया में केवल रूस, चीन और अमेरिका के पास ही इतना शक्तिशाली रेडार सिस्टम है।
इजरायली महिला बंधकों को गिफ्ट बैग दे रहा हमास, क्यों बना चर्चा का केंद्र
20 Jan, 2025 08:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
तेल अवीव। गाजा में युद्धविराम होने के बाद सबसे पहले हमास ने तीन इजरायली महिला बंधकों को रिहा किया। इस दौरान जिस एक खास बात ने सभी का ध्यान खींचा, वे ये थी कि गाजा पट्टी से रिहा की गई तीनों बंधकों को हमास ने रेड क्रॉस को सौंपे जाने से पहले गिफ्ट बैग दिए। वीडियो और तस्वीरों में गाजा की कैद से छूटी बंधकों रोमी गोनेन, एमिली डमारी और डोरोन स्टीनब्रेचर को इन गिफ्ट बैग को पकड़े हुए और इन्हें खोलकर दिखाते भी देखा जा सकता है।
रिपोर्टों के अनुसार, हमास की ओर से दिए गए बैग में हमास की कैद के दौरान की उनकी कुछ तस्वीरें और एक मोमेंटो शामिल है। हमास ने कथित तौर पर तीनों महिलाओं को गाजा में बिताए उनके वक्त की यादगार के तौर पर ये गिफ्ट दिया है। हमास लड़ाकों ने तीनों को पश्चिमी गाजा शहर के अल-रिमल पड़ोस में अल-सरया स्क्वायर में रेड क्रॉस को सौंपा।
इजरायल लौटने के बाद तीनों महिलाओं ने अपने परिवार के सदस्यों को गले लगाया। हमास की कैद से इजरायल लौटी तीनों महिलाओं ने राहत की सांस ली है। एमिली की मां ने कहा कि 471 दिनों बाद बेटी के घर आने से वे खुश हैं। डोरोन और रोमी के परिवार ने भी युद्ध विराम समझौते में शामिल सभी पक्षों को धन्यवाद दिया है। बात दें कि युद्धविराम समझौते की शर्तो के हिसाब से चरण में हमास अगले छह सप्ताह में 33 इजरायली बंधकों को रिहा करेगा। इसके बदले में इजरायल की ओर से फिलिस्तीन के 2,000 कैदियों और बंदियों को अपनी जेलों से रिहा करेगा। समझौते के तहत एक इजरायल बंधक के बदले में इजरायली सरकार और सेना 30 फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा किया जाएगा। रविवार को इजरायल ने 90 फिलिस्तीनियों को रिहा किया है।