विदेश
पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में दो बहनों ने पिता को जलाकर उतारा मौत के घाट
9 Jan, 2025 01:03 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
लाहौर। पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में मंगलवार को दो नाबालिग लड़कियों ने अपने पिता को जलाकर मार डाला। लड़कियों ने आरोप लगाया कि उनका पिता दोनों बहनों के साथ यौन उत्पीड़न करता था इसलिए उन्होंने पिता की हत्या कर दी। वहीं, पुलिस ने अब दोनों बहनों को गिरफ्तार कर लिया है। मृतक की दो पत्नियों के बयान दर्ज किए गए हैं। पुलिस ने बुधवार को यह जानकारी दी।
पिता से बदला लेने के लिए उठाया कदम
शहर के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी रिजवान तारिक ने एएफपी को बताया कि यौन उत्पीड़न का बदला लेने के लिए उन्होंने यह कदम उठाया। यह घटना सोमवार को लाहौर से करीब 80 किलोमीटर दूर गुजरांवाला के मुगल चौक में हुई।
पुलिस ने बताया कि 48 साल के अली अकबर ने तीन शादियां की थीं और उनसे उसके 10 बच्चे हैं, जबकि अकबर की पहली पत्नी का निधन हो गया था, बाकी दो पत्नियाँ और बच्चे किराए के घर में रह रहे थे।
दोनों लड़कियों को हिरासत में ले लिया गया
पुलिस के मुताबिक सोमवार को जब अकबर सो रहा था तो उसकी 12 और 15 साल की बेटियों ने उस पर पेट्रोल छिड़ककर आग लगा दी। वह गंभीर रूप से जल गया और उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां उसने दम तोड़ दिया। दोनों लड़कियों को हिरासत में ले लिया गया और उन्होंने पुलिस को दिए अपने बयान में कहा कि उनके पिता उनका यौन उत्पीड़न करते थे।
सोते समय पेट्रोल छिड़ककर लगा दी आग
उन्होंने कहा कि हम दोनों ने हमारे साथ यौन उत्पीड़न का बदला लेने के लिए अपने पिता को मारने की योजना बनाई। हमने उनकी (बाइक) से पेट्रोल लिया और उन्हें आग लगाने से पहले उन पर छिड़क दिया। पुलिस ने यह भी कहा कि हत्या का मामला दर्ज करने से पहले वे मृतक की दो पत्नियों के बयान दर्ज कर लिए गए हैं।
एक साल से बड़ी बहन के साथ कर रहे थे दुष्कर्म
पुलिस को दोनों सौतेली बहनों ने बताया कि उनके पिता एक साल से सबसे बड़ी लड़की के साथ दुष्कर्म कर रहे थे, और दो बार छोटी लड़की के साथ दुष्कर्म करने का प्रयास किया था। बड़ी बात यह है कि उनकी माताएं ये सबकुछ जानती थीं। एक पत्नी को भी गिरफ्तार कर लिया गया है जबकि दूसरी से पूछताछ की जा रही है। पुलिस ने कहा कि उन्हें कुछ दिनों में अदालत के सामने पेश करेंगे।
रूस ने यूक्रेन के दक्षिण-पूर्वी शहर जापोरिज्जिया पर किए हवाई हमले, 13 लोगों की हुई मौत; 63 घायल
9 Jan, 2025 12:33 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
कीव। रूस ने बुधवार को यूक्रेन के दक्षिण-पूर्वी शहर जापोरिज्जिया पर हवाई हमले किए। इस हमले में कम से कम 13 लोग मारे गए और 63 घायल हो गए। विस्फोट से घायल निवासियों के साथ-साथ सड़क पर शव बिखरे पड़े थे। अधिकारियों ने कहा कि हमले वाली जगह पर बचाव कार्य पूरा हो चुका है।
एक ट्रॉम और एक बस को को बनाया निशाना
यूक्रेन के अभियोजक जनरल कार्यालय ने टेलीग्राम पर कहा कि एक औद्योगिक सुविधा और अन्य बुनियादी ढांचे के साथ ऊंचे अपार्टमेंट ब्लॉक क्षतिग्रस्त हो गए। इसमें बताया गया कि मलबे ने एक ट्रॉम और एक बस को चपेट में ले लिया जिसमें यात्री सवार थे। जैसे ही आपातकालीन कर्मचारियों ने एक व्यक्ति को पुनर्जीवित करने की कोशिश की, पृष्ठभूमि में आग की तेज लपटें, धुआं और जली हुई कारें देखी जा सकती थीं।
यूक्रेन का दावा, स्वदेशी हथियार से रूस के 600 किमी अंदर मौजूद तेल डिपो किया तबाह
यूक्रेन ने रूस के अंदर एंगेल्स शहर में एक तेल डिपो पर हमला बोला। यह रूसी परमाणु बमवर्षक विमानों के लिए ईंधन की आपूर्ति करता था। हमले के बाद डिपो में भीषण आग लग गई। यह हमला इस मामले में महत्वपूर्ण माना जा रहा है कि यूक्रेन का दावा है कि इसके लिए स्वदेशी हथियार का इस्तेमाल किया गया है। रूसी अधिकारियों ने क्षेत्र में बड़े ड्रोन हमले को स्वीकार किया है।
यूक्रेन के जनरल स्टाफ ने कहा कि सीमा से लगभग 600 किलोमीटर पूर्व में रूस के सेराटोव क्षेत्र में एंगेल्स के पास तेल डिपो स्थित है। यूक्रेनी सेना ने क्रिस्टल तेल डिपो में कई विस्फोटों की सूचना दी। एंगेल्स वोल्गा नदी के बाएं किनारे पर स्थित है। यूक्रेनी राष्ट्रपति के सलाहकार आलेक्जेंडर कामिशिन ने यह संकेत देने के लिए हैशटैग मेड इन यूक्रेन का इस्तेमाल किया कि हमले में इस्तेमाल हथियार पश्चिम द्वारा आपूर्ति नहीं किए गए थे।
यूक्रेन युद्ध में 12,300 से अधिक नागरिक मारे गए
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने पिछले साल कहा था कि उनके देश ने ऐसा हथियार विकसित किया है, जो 700 किलोमीटर दूर लक्ष्य पर हमला कर सकता है। कुछ यूक्रेनी ड्रोन हमलों ने 1,000 किलोमीटर से अधिक दूर के लक्ष्यों को निशाना बनाया है।इस बीच, संयुक्त राष्ट्र के एक अधिकारी ने बुधवार को कहा कि रूस के आक्रमण के बाद से यूक्रेन युद्ध में 12,300 से अधिक नागरिक मारे गए हैं। इसमें कहा गया है कि ड्रोन, मिसाइलों और ग्लाइड बमों के उपयोग के कारण हाल के महीनों में अधिक मौतें हुई हैं।
विकलांग व्यक्ति ने इंश्योरेंस के पैसे के लिए फोड़ ली अपनी आंख
8 Jan, 2025 07:21 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
पेनांग। दुनिया में कई लोग होते हैं जो पैसे की लालच में कुछ भी कर गुजरने को तैयार रहते हैं कई तो हद तक पार कर जाते हैं इसमें दूसरों को नुकसान पहुंचाना हो या फिर खुद को। वहीं कई लोग ऐसे भी होते हैं जो बीमे का पैसा हासिल करने फर्जीवाड़ा करते हैं। तो कुछ परिजनों के इंश्योरेंस का पैसा ही हड़प जाते हैं। वहीं एक ऐसा ही मामला सामने आया है।
मलेशिया के रहने वाले एक शख्स ने इंश्योरेंस के 1 करोड़ 91 लाख रुपए हासिल करने के लिए खुद की आंख फोड़ ली। तीन बच्चों के इस विकलांग पिता को पता नहीं था कि इस मामले में वह खुद ही फंस जाएगा। रिपोर्ट के मुताबिक 52 साल के विकलांग टैन कोक गुआन बेरोजगार हैं। ऐसे में गुआन ने आरएम1 मिलियन यानी लगभग 1 करोड़ 91 लाख रुपए के बीमा को हासिल करने के लिए खुद की बायीं आंख फोड़ ली। बताया जाता है कि यह घटना 8 जून 2023 को मलेशिया के पेनांग के बटरवर्थ में कम्पुंग पाया में घटित हुई थी। इसके बाद टैन ने इंश्योरेंस कंपनी पर क्लेम किया, ताकि पैसे को हासिल कर सकें, लेकिन कंपनी ने उल्टे टैन पर 420 का मुकदमा दर्ज करा दिया। इसके अलावा अन्य धाराएं भी लगाई गई हैं। इस मामले की सुनवाई बीते 30 दिसंबर 2024 को कोर्ट में हुई थी जहां टैन ने कंपनी द्वारा लगाए आरोपों से इनकार कर दिया था।
कोर्ट में टैन के वकील ने कहा कि वह बेरोजगार हैं और हृदय रोग सहित कई पुरानी स्वास्थ्य समस्याओं से ग्रस्त हैं। अब उनकी बायीं आंख भी नहीं रही, जिससे उनकी चुनौतियां और बढ़ गई हैं। टैन के वकील ने बताया कि परिवार का सारा खर्च उनकी पत्नी उठा रही हैं, क्योंकि टैन विकलांगता के कारण काम करने में सक्षम नहीं हैं।
वकील ने कोर्ट से सअनुरोध किया कि टैन को उनकी व्यक्तिगत परिस्थितियों के कारण न्यूनतम जमानत राशि पर रिहा किया जाए। वकील ने इस बात पर जोर दिया कि उनके मुवक्कील ने जांच में भी पूरा सहयोग किया। हालांकि, कोर्ट ने उन्हें जमानत नहीं दी और अब इस मामले की अगली सुनवाई फरवरी 2025 में होगी। दूसरी ओर टैन पर लगे आरोपों की जांच चल रही है।
शपथ ग्रहण से पहले हमास बंधकों को करे रिहा, नहीं तो “सब बर्बाद हो जाएगा”
8 Jan, 2025 06:19 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
वाशिंगटन। मिडिल ईस्ट में इस समय जंग जारी है। इजराइल-हमास युद्ध में के बीच गाजा हमलों में आम नागरिक अपनी जान गवां रहे हैं। जहां इजराइल लगातार हमले कर कर रहा है तो वहीं हमास बंधकों को रिहा नहीं कर रहा है। अमेरिका के नए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से लोगों को उम्मीद है कि वह इस युद्ध में हस्तक्षेप करेंगे। उन्होंने मिडिल ईस्ट में संभावित सैन्य हस्तक्षेप के साथ-साथ अपनी विदेश नीति के एजेंडे पर भी संकेत दिया है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक डोनाल्ड ट्रंप के 20 जनवरी को अपने दूसरे कार्यकाल के लिए शपथ लेने से ठीक पहले हुआ है। ट्रंप ने चेतावनी दी है कि अगर उनके शपथ ग्रहण तक हमास बंधक बनाए गए लोगों को रिहा नहीं करता है तो “सब कुछ बर्बाद हो जाएगा”। बंधक परिवार फोरम ने भी अपने प्रियजनों की रिहाई के लिए ट्रंप की अटूट प्रतिबद्धता का स्वागत किया। परिवारों ने सभी पक्षों से शपथ ग्रहण से पहले एक समझौता करने का आग्रह किया।
ट्रंप ने मिडिल ईस्ट के लिए अपने नामित राजदूत स्टीव विटकॉफ को वार्ता पर लेटेस्ट जानकारी देने के लिए मंच पर बुलाया। विदेश नीति का कोई अनुभव न रखने वाले रियल एस्टेट निवेशक विटकॉफ हाल ही में मिडिल ईस्ट में संघर्ष विराम वार्ता का हिस्सा रहे थे। विटकॉफ ने कहा कि मुझे लगता है कि हमने कुछ बहुत अच्छी प्रगति की है, और मुझे वास्तव में उम्मीद है कि शपथ तक हमारे पास राष्ट्रपति की ओर से घोषणा करने के लिए कुछ अच्छी चीजें होंगी।
सीरिया में अमेरिकी सैनिकों के भविष्य के बारे में पूछे जाने पर ट्रंप ने एक विशिष्ट रूप से रहस्यमय उत्तर दिया। पेंटागन का कहना है कि सशस्त्र समूह आईएसआईएल (आईएसआईएस) पर अंकुश लगाने के मिशन के तहत करीब दो हजार अमेरिकी कर्मी देश में बने हुए हैं, लेकिन दिसंबर की शुरुआत में पूर्व राष्ट्रपति बशर अल-असद को अपदस्थ किए जाने के बाद सीरिया में लंबे समय के लिए अमेरिकी भागीदारी के बारे में सवाल उठने लगे हैं।
अमेरिकी सैनिकों ने 2014 से पूर्वोत्तर सीरिया में कुर्द नेतृत्व वाली सीरियन डेमोक्रेटिक फोर्सेस का समर्थन किया है। क्योंकि देश में एक बहुआयामी गृहयुद्ध छिड़ा हुआ है, लेकिन राष्ट्रपति-चुनाव ने 8 अक्टूबर, 2023 को दक्षिणी इजराइल में हमले के बाद हमास द्वारा पकड़े गए शेष बंदियों की रिहाई पर ध्यान केंद्रित करते हुए एक कठोर रुख अपनाया। इजराइल का अनुमान है कि हमास की हिरासत में करीब 100 लोग बचे हैं।
तालिबान को अमेरिका दे रहा अरबों रुपए की मदद, पाकिस्तान की बढ़ी टेंशन
8 Jan, 2025 05:17 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
करांची। पाकिस्तान दूसरों को टेंशन देना चाहता है लेकिन अब वह खुद ही टेंशन में है। अमेरिकी कांग्रेस की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि बाइडन प्रशासन तालिबान को अरबों रुपए की मदद दे रहा है, ताकि वह खुद को मजबूत कर दुश्मनों से मुकाबला कर सके। डोनाल्ड ट्रंप के दोस्त टेस्ला के मालिक एलन मस्क ने भी इस रिपोर्ट पर ट्वीट कर पूछा कि क्या हम सचमुच अमेरिकी टैक्सपेयर्स का पैसा तालिबान को भेज रहे हैं? इसे लेकर सोशल मीडिया में हंगामा मचा गया है, लेकिन इससे पाकिस्तानी आर्मी की सांसें अटक गई हैं।
रिपोर्ट में लिखा है कि आप कल्पना कर सकते हैं कि इन तालिबानियों को हर हफ्ते हमारे टैक्स के पैसे से 40 मिलियन डॉलर दिया जा रहा है? एक यूजर ने लिखा- अमेरिकी होने के नाते हम इससे कैसे सहमत हो सकते हैं? तालिबान हमारा मजाक उड़ा रहा है। हमारे ही हथियारों का इस्तेमाल कर रहा है। ये वह लोग हैं जिन्होंने हजारों लोगों की हत्या की और हम उन्हें लाखों रुपए बांट रहे हैं।
एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि जब अमेरिका ने अफगानिस्तान छोड़ा था तो 7 बिलियन डॉलर के हथियार वहीं छोड़ दिए थे। इतना ही नहीं, 57.6 मिलियन डॉलर का खजाना भी अमेरिका ने तालिबान को दे दिय था। तब से अब तक अमेरिकी सरकार तालिबान को पैसा भेज रही है। रिपोर्ट के मुताबिक अगस्त 2021 से अमेरिका एनजीओ के जरिए 2.6 बिलियन डॉलर तालिबान को दे चुका है। अब अमेरिकी कांग्रेस की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि बाइडन प्रशासन तालिबान को हर हफ्ते 40 मिलियन डॉलर यानी करीब 3.5 अरब रुपए भेज रहा है। तालिबान पाकिस्तान को सीधे चुनौती दे रहा है। अमेरिकी हथियारों के दम पर ही पाकिस्तान में हमले कर रहा है। तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) को मदद कर रहा है। टीटीपी इन्हीं के दम पर पाकिस्तानी सेना और आईएसआई की नाक में दम कर रखा है। इन्हीं पैसों की बदौलत अफगानिस्तान की मुद्रा काफी मजबूत हो गई है।
लॉस एंजेलिस के जंगल में लगी आग, 30 हजार लोगों को सुरक्षित निकाला
8 Jan, 2025 04:16 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
वाशिंगटन। लॉस एंजेलिस में जंगल में लगी आग से आसपास के इलाके में दहशत पैदा हो गई है। यह आग तेजी से फैल रही है जिससे लोग और प्रशासन दोनों की परेशानी बढ़ गई है। प्रशासन और पुलिस ने सुरक्षित रहने के लिए करीब 30 हजार लोगों को घरों से निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है क्योंकि उनके घर आग की चपेट में आ सकते हैं।
वहीं अमेरिका की बाइडेन सरकार ने आग पर जल्द से काबू पाने के आदेश दिए हैं। राहत और बचाव कार्य चलाए जा रहे हैं ताकि ज्यादा जान-माल का नुकसान न हो। आग की चपेट में आने वाले इलाकों के आसपास के लोगों को आग से बचने के लिए हर संभव मदद दी जा रही है। अभी तक आग की वजह से कितनी संपत्ति और जानी नुकसान हुआ है इसका पता नहीं चल पाया है लेकिन प्रशासन आग पर काबू पाने की पूरी कोशिश कर रहा है।
डरो मत, सभी आदेश जल्द ही समाप्त होंगे, ताकत वाला राष्ट्र बनाएंगे
8 Jan, 2025 03:14 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
वाशिंगटन। डोनाल्ड ट्रंप 20 जनवरी को अमेरिका के नए राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगे। वहीं वर्तमान राष्ट्रपति जो बाइडेन के खिलाफ ट्रंप सख्त रवैया अपनाए हुए हैं। अब ट्रंप ने राष्ट्रपति बाइडेन पर सत्ता हस्तांतरण को कठिन बनाने का आरोप लगाया है। उन्होंने हाल के दिनों में जलवायु और अन्य प्रशासनिक मुद्दों पर बाइडेन प्रशासन के कार्यकारी आदेशों का उदाहरण देते हुए यह आरोप लगाया है।
ट्रंप ने पोस्ट में कहा कि बाइडेन इस बदलाव को जितना संभव हो सके उतना मुश्किल बनाने के लिए हर मुमकिन कोशिश कर रहे हैं। इसमें कानूनी कार्रवाई से लेकर ग्रीन न्यू स्कैम और अन्य पैसे बर्बाद करने वाले महंगे और हास्यास्पद कार्यकारी आदेश शामिल हैं। नवनिर्वाचित राष्ट्रपति ने कहा कि डरो मत, ये सभी आदेश जल्द ही समाप्त हो जाएंगे और हम सामान्य समझ और ताकत वाला राष्ट्र बन जाएंगे। बाइडेन के साथ ही ट्रंप कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो पर भी हमलावर हैं। कनाडाई पीएम ट्रूडो जब अपने इस्तीफे की घोषणा की तो उन्होंने तंज कसते हुए एक बार फिर कनाडा को अमेरिका का राज्य बनाने का ऑफर दिया।
बता दें कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो ने लिबरल पार्टी के नेता पद और पीएम पद से इस्तीफा दे दिया है। वह लिबरल पार्टी के नए नेता चुने जाने तक पीएम पद पर रहेंगे। ट्रंप ने ट्रूडो की घोषणा के कुछ ही घंटों बाद अपने प्रस्ताव को फिर दोहराया। ट्रुथ सोशल पर उन्होंने कहा कि कनाडा में बहुत से लोग 51वें राज्य का हिस्सा बनना पसंद करेंगे।
संयुक्त राज्य अमेरिका अब उस बड़े व्यापार घाटे और सब्सिडी को सहन नहीं कर सकता है जिनकी कनाडा को बने रहने के लिए जरूरत है। ट्रूडो को यह पता था और उन्होंने इस्तीफा दे दिया। ट्रंप ने कहा कि अगर कनाडा अमेरिका के साथ मिलता है तो कोई टैरिफ नहीं होगा। टैक्स बहुत कम हो जाएंगे, वह रूसी और चीनी जहाजों के खतरे से भी पूरी तरह सुरक्षित रहेगा जो लगातार उन्हें घेर रहे हैं। साथ मिलकर यह कितना महान राष्ट्र होगा।
ट्रंप अपनी चुनावी जीत के बाद से ट्रूडो पर आक्रामक रहे हैं। वह पहले भी उन्हें कनाडा के महान राज्य का गर्वनर कहकर मजाक उड़ा चुके हैं। ट्रंप घोषणा कर चुके हैं कि वह जनवरी में अपने पदभार ग्रहण करने के पहले दिन ही ऐसे आदेशों पर हस्ताक्षर करेंगे, जिसके तहत मेक्सिको और कनाडा से आने वाले सभी सामानों पर 25 फीसदी टैरिफ लगाया जाएगा। यह तब तक लागू रहेगा जब तक कि वे अपने देशों से अमेरिका में अवैध अप्रवासियों और ड्रग्स, खास तौर से फेंटानाइल के प्रवाह को न रोकें।
तनाव के बीच पाकिस्तान में 800 अफगान प्रवासियों को हिरासत में लिया
8 Jan, 2025 02:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
इस्लामाबाद। पाकिस्तान और अफगानिस्तान तनावपूर्ण दौर से गुजर रहे हैं। ऐसे में पाकिस्तान ने सैंकड़ों अफगानों को गिरफ्तार किया है। तालिबान ने यह दावा किया है। एक रिपोर्ट के मुताबिक इस्लामाबाद स्थित तालिबान के नेतृत्व वाले अफगान दूतावास ने बताया कि पाकिस्तानी अधिकारियों ने 800 अफगान प्रवासियों को हिरासत में लिया है।
एक्स पर बयान में अफगान दूतावास ने दावा किया कि हिरासत में लिए गए प्रवासियों में वे लोग शामिल हैं जिनके पास वीजा, पंजीकरण प्रमाण (पीओआर) या अफगान नागरिक कार्ड (एसीसी) दस्तावेज हैं, जो पाकिस्तान में उनके रहने को अधिकृत करने के लिए हैं। दूतावास ने अफ़गान प्रवासियों को अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) प्राप्त करने में हो रही कठिनाइयों पर प्रकाश डाला, जो हिरासत से बचने के लिए एक शर्त बन गई है।
रिपोर्ट के मुताबिक तालिबान का आरोप है कि पाकिस्तान इस्लामाबाद में उन प्रवासियों को निशाना बना रहे हैं जिनके पास एनओसी नहीं है, भले ही उनके पास अन्य वैध दस्तावेज़ हों। तालिबान ने कहा कि अफगानिस्तान वापस भेजे गए लोगों में से 137 के पास वैध वीजा था, लेकिन वे एक्सटेंशन का इंतजार कर रहे थे। तालिबान ने स्थिति को खराब बताया और इस बात पर जोर दिया कि गिरफ्तारियों के दौरान महिलाओं और बच्चों को उनके परिवारों से अलग कर दिया गया है।
तालिबान ने पाकिस्तान से अपनी सीमाओं के भीतर रहने वाले अफ़गान नागरिकों के अधिकारों और सुरक्षा को बनाए रखने का आग्रह किया। संयुक्त राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों से हस्तक्षेप करने और अफ़गान प्रवासियों के प्रति पाकिस्तान की नीतियों को संबोधित करने का भी अपील की है। संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक वर्तमान में करीब तीन मिलियन अफगान प्रवासी पाकिस्तान में रहते हैं। अंतर्राष्ट्रीय प्रवासन संगठन (आईओएम) ने बताया कि 2024 में 1.2 मिलियन से ज्यादा प्रवासी अफगानिस्तान लौट आए हैं।
बात दें अफगानिस्तान और पाकिस्तान तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के मुद्दे पर आमने-सामने हैं। टीटीपी का उद्देश्य पाकिस्तानी सशस्त्र बलों और राज्य के खिलाफ आतंकवादी अभियान चलाकर पाकिस्तान सरकार को उखाड़ फेंकना है। मीडिया रिपोट्स् के मुताबिक यह पाकिस्तान की निर्वाचित सरकार को हटाकर इस्लामी कानून की अपनी व्याख्या के आधार पर एक कट्टरवादी शासन की नींव रखना चाहता है। पाकिस्तान का आरोप है कि तालिबान टीटीपी विद्रोहियों को सुरक्षित पनाहगाह उपलब्ध कराने और उनकी आतंकवादी गतिविधियों का समर्थन करता है लेकिन काबुल इन आरोपों का खंडन करता रहा है।
जस्टिन ट्रूडो को 9 साल पीएम रहने के बाद किस बात का पछतावा?
7 Jan, 2025 05:11 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
कनाडा के 23वें प्रधान मंत्री और एक दशक से अधिक समय तक लिबरल पार्टी के नेता रहे जस्टिन ट्रूडो ने अपने इस्तीफे का एलान किया है। लगभग 9 साल तक अपने कार्यकाल में रहने के बाद ओटावा में एक खचाखच भरी प्रेस कॉन्फ्रेंस में, 53 साल के नेता ने अपनी उपलब्धियों, चुनौतियों और एक अनोखे अफसोस पर भी बात की।
जस्टिन ट्रूडो ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा, इस साल देश में होने वाले आम चुनाव से पहले उन्हें पद छोड़ना पड़ा है। इस वजह से उन्हें एक बात का पछतावा रह गया।
देश को अगले चुनाव में एक सही विकल्प मिलना ही चाहिए
ट्रूडो ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान अपना बयान दिया।
अगर मुझे किसी बात का पछतावा है, खासकर जब हम इस चुनाव के करीब पहुंच रहे हैं। तो मैं चाहता हूं कि हम इस देश में अपनी सरकारों को चुनने के तरीके को बदल सकें ताकि लोग एक ही बैलेट पेपर पर अपना दूसरा या तीसरा विकल्प चुन सकें। उन्होंने कहा वो चुनाव की प्रक्रिया में बदलाव चाहते हैं। ट्रूडो ने आगे कहा, देश को अगले चुनाव में एक सही विकल्प मिलना ही चाहिए।
क्यों पीछे हटे ट्रूडो?
जब उन्होंने 2015 में लिबरल्स को पहली बार जीत दिलाई, तो ट्रूडो को एक प्रगतिशील की मशाल लेकर चलने वाला बताया गया।
ट्रूडो ने कई वादे किए जलवायु कार्रवाई और लैंगिक समानता जैसे मुद्दों की वकालत की।
बढ़ती लीविंग कॉस्ट और अपनी ही पार्टी के अंदर पनपे असंतोष के अलावा कई मुद्दों पर आलोचना का सामना करते हुए, ट्रूडो ने एक कठिन चुनाव अभियान का सामना करने के बजाय पीछे हटने का विकल्प चुना।
कैसा वोटिंग सिस्टम चाहते थे ट्रूडो?
ट्रूडो चाहते थे, देश में रैकिंग सिस्टम के हिसाब से वोटिंग हो। उनके प्लान के मुताबिक, वोटों की गिनती के बाद अगर किसी उम्मीदवार को बहुमत नहीं मिला तो इसके बाद उस उम्मीदवार को चुनाव की दौड़ से हटा दिया जाता, जिन्हें वोटर्स ने सबसे कम ऑप्शन के तौर पर चुना है, और उनके बैलट दूसरे स्थान पर रहने वाले उम्मीदवार के मुताबिक ट्रांसफर कर दिए जाते हैं। ये प्रोसेस तब तक चलता जब तक कि किसी एक उम्मीदवार 50 फीसदी प्लस वन वोटों के साथ जीत नहीं जाता।
तिब्बत में 6.8 तीव्रता का भूकंप, 53 लोगों की मौत और 62 घायल
7 Jan, 2025 12:14 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
बीजिंग। मंगलवार को तिब्बत में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 6.8 मापी गई है। चीन की सरकारी मीडिया के मुताबिक, अब तक 53न लोगों ने अपनी जान गंवा दी है, वहीं करीब 62 लोग घायल हैं।
मंगलवार सुबह करीब 9:05 बजे तिब्बत के डिंगरी काउंटी इलाके में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। भूकंप का केंद्र 28.5 डिग्री उत्तरी अक्षांश और 87.45 डिग्री पूर्वी देशांतर पर पाया गया। यह जमीन से 10 किलोमीटर की गहराई में था।
नेपाल में भी महसूस हुए झटके
भूकंप के झटके नेपाल में भी महसूस किए गए। लोग अपने घरों को छोड़कर बाहर की तरफ भागे। नेपाल के कई जिलों में लोगों को भूकंप के झटके महसूस हुए। काठमांडू के लोग काफी दहशत में आ गए। सड़क पर बिजली के खंभे और पेड़ हिलते हुए देखे गए।
यूएस जियोलॉजिकल सर्वे के मुताबिक, सुबह 7 बजे के लगभग 4 से 5 तीव्रता के 6 से अधिक झटके आए। इन भूकंप के झटकों ने 2015 में नेपाल में आए भूकंप की याद ताजा कर दी, जिसमें करीब 9000 लोगों की मौत हुई थी।
भारत में भी दिखा असर
भूकंप का असर भारत में भी देखा गया। बिहार, असम, बंगाल और सिक्किम में भी धरती डोली। बिहार के पटना, मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर, मोतिहारी, बेगूसराय, मुंगेर, शिवहर और सारण में भूकंप के झटके महसूस किए गए।
बंगाल के मालदा और कुछ और इलाकों में भी झटके महसूस किए गए। तिब्बत में रुक-रुककर भूकंप के झटके आ रहे हैं। न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए एक व्यक्ति ने कहा कि मैं शौचालय में था, मैंने देखा कि दरवाजा हिल रहा था। भूकंप महसूस होते ही मैं जल्दी से नीचे खुली जगह पर आ गया। मेरी मां भी डर गई थी।
नए Mpox वैरिएंट ने दी दस्तक: फ्रांस में पहला केस, स्वास्थ्य अधिकारी सतर्क
7 Jan, 2025 12:07 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
पेरिस। फ्रांस में नए एमपॉक्स वैरिएंट का पहला मामला सामने आया है। इसकी जानकारी समाचार एजेंसी एएफपी ने सोमवार को देश के स्वास्थ्य मंत्रालय के एक बयान का हवाला देते हुए दी।
एएफपी ने मंत्रालय के हवाले से बताया कि मरीज ने मध्य अफ्रीका की यात्रा नहीं की थी, जहां वायरस का नया रूप उत्पन्न हुआ था, लेकिन वह उस क्षेत्र से लौटे दो लोगों के संपर्क में था।
एएफपी के अनुसार, स्वास्थ्य अधिकारी संक्रमण के स्रोत की जांच कर रहे हैं और सभी संभावित संपर्कों का पता लगाने का काम कर रहे हैं।
फ्रांसीसी क्षेत्रीय रिपोर्ट के अनुसार, मरीज एक महिला है और उसका निदान ब्रिटनी के उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र में रेनेस के एक अस्पताल में किया गया था।
एमपॉक्स का नया रूप, जिसे क्लेड 1बी वैरिएंट कहा जाता है, अगस्त में विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा घोषित वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल से जुड़ा हुआ है। जर्मनी ने अक्टूबर में अपना पहला मामला दर्ज किया और ब्रिटेन में भी पहला केस दर्ज हुआ।
क्या है एमपॉक्स
मंकीपॉक्स, स्मॉल पॉक्स की तरह एक वायरल बीमारी है। इसका नाम भले मंकीपॉक्स है, लेकिन इसका मंकी से कोई संबंध नहीं है। यह स्मॉल पॉक्स परिवार से जुड़ी समस्या है। रिपोर्ट्स के मुताबिक मंकीपॉक्स वायरस की पहचान पहली बार 1958 में हुई थी जब रिसर्च के लिए रखे गए बंदरों में चेचक जैसी बीमारी के लक्षण मिले थे। इस बीमारी का पहला मामला 1970 में मिला था जिसके बाद 2022 में एमपॉक्स दुनियाभर में फैल गया।
क्या है मंकीपॉक्स के लक्षण?
मंकीपॉक्स के सामान्य लक्षणों में दाने शामिल हैं जो 2-4 सप्ताह तक रह सकते हैं। यह बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, पीठ दर्द, थकान और सूजी हुई ग्रंथियों (लिम्फ नोड्स) से शुरू हो सकता है। इसके दाने फफोले या घावों की तरह दिखते हैं और चेहरे, हाथों की हथेलियों, पैरों के तलवों, कमर, जननांग और/या गुदा क्षेत्रों पर दिखाई दे सकते हैं। कुछ लोगों को मलाशय (प्रोक्टाइटिस) के अंदर सूजन हो जाती है जिससे तेज दर्द हो सकता है, साथ ही जननांगों में सूजन आ सकती है जिससे पेशाब करने में कठिनाई हो सकती है।
मंकीपॉक्स से बचाव के उपाय क्या हैं?
मंकीपॉक्स से बचाव के लिए अच्छी स्वच्छता का अभ्यास करें और संक्रमित व्यक्तियों या जानवरों के सीधे संपर्क से बचें।
साबुन और पानी से बार-बार हाथ धोएं, और जरूरत पड़ने पर हैंड सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें। जंगली जानवरों, खास तौर पर कृन्तकों और प्राइमेट्स को न छुएं और बीमार जानवरों से सावधान रहें।
जिन क्षेत्रों में मंकीपॉक्स का प्रकोप है, वहां व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीई) का उपयोग करें और अच्छी पर्यावरणीय स्वच्छता बनाए रखें।
सुनिश्चित करें कि कोई भी कट या घाव ढका हुआ है और अगर आपको बुखार, दाने या सूजी हुई लिम्फ नोड्स जैसे लक्षण दिखाई देते हैं तो डॉक्टर से सलाह लें।
जस्टिन ट्रूडो के इस्तीफे पर ट्रंप की टिप्पणी, कहा- कनाडा के लोग चाहते हैं विलय....
7 Jan, 2025 11:57 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने सोमवार को अपने इस्तीफे की घोषणा की। उन्होंने कहा कि आंतरिक मतभेद का मतलब है कि वह अगले चुनाव के लिए सबसे योग्य विकल्प नहीं होंगे। ट्रूडो के इस्तीफे पर अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने प्रितक्रिया दी है।
अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि कनाडा के बहुत सारे लोग चाहते हैं कि यह अमेरिका 51वां राज्य बन जाए। अमेरिका अब भारी व्यापार घाटे के साथ सब्सिडी को सहन नहीं कर सकता है, जिसकी कनाडा को बने रहने के लिए जरूरत थी।
उन्होंने आगे कहा कि जस्टिन ट्रूडो यह जानते थे और इस्तीफा दे दिया। अगर कनाडा, अमेरिका में विलय कर लेता, तो कोई टैरिफ नहीं होता, कर बहुत कम हो जाते और रूसी-चीनी जहाजों के के खतरे से पूरी तरह सुरक्षित होता। साथ मिलने से यह कितना महाराष्ट्र होता।
न्यू डेमोक्रैटिक पार्टी नेता जगमीत सिंह ने भी घेरा
कनाडा में विपक्षी दल न्यू डेमोक्रैटिक पार्टी के नेता जगमीत सिंह ने कहा, "समस्या सिर्फ जस्टिन ट्रूडो की नहीं है बल्कि फैसले लेने वाले हर मंत्री की है। हर लिबरल सांसद उन सभी कनाडाई लोगों को नीची नजरों से देखता है जो ऊंची कीमतों या ढहती स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर चिंतित हैं। लिबरल को दूसरा मौका नहीं मिलना चाहिए, फिर चाहे नेता कोई भी हो।"
भारत विरोधी एजेंडा चलाने में जुटे कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की उल्टी गिनती तभी शुरू हो गई थी, जब बीते वर्ष कनाडाई संसद में ट्रूडो ने आरोप लगाया था कि उनके पास खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत का हाथ होने के विश्वसनीय अभियोग हैं। इसके बाद से ही दोनों देशों के बीच संबंध सबसे खराब स्थिति में पहुंच गए थे। हालांकि, अब इस्तीफे की घोषणा के बाद दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों के बेहतर होने की उम्मीद जग गई है।
बीते वर्ष कनाडा द्वारा भारत के उच्चायुक्त और अन्य राजनयिकों को निज्जर की हत्या से जुड़े व्यक्ति के रूप में बताए जाने के बाद काफी बड़ा कूटनीतिक विवाद शुरू हो गया था। भारत ने कनाडा के सभी आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए इन्हें बेतुका और प्रेरित बताते हुए ओटावा पर आरोप लगाया था कि वो देश में चरमपंथी और भारत विरोधी तत्वों को जगह दे रहा है।
भारत-कनाडा के खराब संबंध के लिए ट्रूडो जिम्मेदार
निज्जर की हत्या के संबंध में अक्टूबर 2024 में ट्रूडो ने कनाडाई विदेशी हस्तक्षेप जांच के समक्ष स्वीकार किया था कि भारत इस इन आरोपों से जुड़े सबूत मांग रहा है जबकि उनकी सरकार ने केवल खुफिया जानकारी दी थी और कोई ठोस सबूत नहीं दिया।
इस संबंध में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि इस लापरवाह व्यवहार ने भारत-कनाडा संबंधों को जो नुकसान पहुंचाया है, उसकी जिम्मेदारी अकेले ट्रूडो की है। इस दौरान खालिस्तानी चरमपंथियों द्वारा कनाडा में हिंदुओं के साथ मंदिरों को भी निशाना बनाया है।
इसके बाद नवंबर में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कड़े शब्दों में एक्स पोस्ट पर लिखा था कि हिंदू मंदिर पर जानबूझकर किए गए हमले की कड़ी निंदा करता हूं। हमारे राजनयिकों को डराने-धमकाने के कायराना प्रयास भी उतने ही भयावह है। ऐसे हिंसक कृत्य भारत के संकल्प को कभी कमजोर नहीं करेंगे।
हम कनाडा सरकार से न्याय सुनिश्चित करने और कानून के शासन को बरकरार रखने की उम्मीद करते हैं। विशेषज्ञों द्वारा पीएम मोदी की इस पोस्ट को ना केवल खालिस्तानी आतंकियों बल्कि कनाडा सरकार के लिए भी एक चेतावनी बताया गया
अमेरिकी संसद ने किया ट्रंप की जीत का एलान, उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने की बैठक की अध्यक्षता
7 Jan, 2025 11:51 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
वॉशिंगटन। अमेरिकी संसद ने औपचारिक रूप से राष्ट्रपति चुनाव में रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप की जीत पर मुहर लगा दी है। पिछले साल नवंबर महीने में हुए चुनाव में ट्रंप ने डेमोक्रेटिक उम्मीदवार उपराष्ट्रपति कमला हैरिस को हराया था। सोमवार को संसद ने ट्रंप की जीत की पुष्टि कर दी। इससे 20 जनवरी को उनके शपथ ग्रहण का रास्ता साफ हो गया है। यह उनका दूसरा कार्यकाल होगा।
प्रतिनिधि सभा और सीनेट की संक्षिप्त और औपचारिक बैठक के दौरान 50 राज्यों और डिस्टि्रक्ट आफ कोलंबिया में हुए चुनाव के परिणाम की पुष्टि की गई।
बैठक की अध्यक्षता उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने की, जो सीनेट अध्यक्ष के रूप में अपनी भूमिका निभा रही थीं। यह बैठक चार साल पहले की रस्म से पूरी तरह अलग थी, जब ट्रंप समर्थकों की भीड़ ने जो बाइडन के हाथों उनकी हार का प्रमाणीकरण रोकने के असफल प्रयास में कैपिटल पर धावा बोल दिया था।
उपद्रव करने वालों को माफ करेंगे ट्रंप
यह कार्यक्रम इस असाधारण तथ्य का गवाह बना कि जिस उम्मीदवार ने पिछले चुनाव को पलटने की कोशिश की थी, वह इस बार जीत गया और वैध रूप से सत्ता में लौट रहा है। एएनआइ के अनुसार, डोनाल्ड ट्रंप छह जनवरी, 2021 को कैपिटल हिल यानी संसद परिसर में उपद्रव करने वाले लोगों को माफ कर सकते हैं। ट्रंप समर्थकों ने संसद पर उस समय धावा बोला था, जब सदन में जो बाइडन की जीत पर मुहर लगाने की औपचारिकता पूरी की जा रही थी।
1500 से ज्यादा लोगों को किया जाएगा माफ
2020 के राष्ट्रपति चुनाव में ट्रंप को बाइडन के हाथों हार का सामना पड़ा था। एनबीसी न्यूज की खबर के अनुसार, ट्रंप संसद पर हमले के संबंध में आरोपित किए गए 1500 से ज्यादा लोगों को माफी देने के लिए आदेश जारी कर सकते हैं। उन्होंने एक इंटरव्यू में अपने कार्यकाल के पहले दिन अपने समर्थकों को राहत देने का वादा किया है। इस बीच, निवर्तमान राष्ट्रपति बाइडन ने कहा कि अमेरिकियों को कैपिटल हमले को भूलना नहीं चाहिए।
उन्होंने वॉशिंगटन पोस्ट में रविवार को प्रकाशित एक लेख में कहा, 'हमें इस बात पर गर्व करना चाहिए कि हमारा लोकतंत्र इस हमले का सामना कर सका और इस बात पर गर्व करना चाहिए कि हम इस तरह का शर्मनाक हमला इस वर्ष फिर नहीं देखेंगे।'बता दें कि 2020 के चुनाव नतीजों को ट्रंप ने इनकार कर दिया था और नतीजों का पलटने का आह्वान किया था।
अमेरिका को दहलाने वाली इस घटना के संबंध में देशभर में 1500 ज्यादा लोगों को आरोपित किया गया था। एक हजार से ज्यादा उपद्रवियों को सजा भी मिल चुकी है, जबकि दर्जनों मामले कोर्ट में चल रहे हैं।
पूर्व पीएम शेख हसीना की बढ़ीं मुश्किलें
6 Jan, 2025 07:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
बांग्लादेश के अंतरराष्ट्रीय अपराध अधिकरण (आईसीटी) ने सोमवार को पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना और 11 अन्य लोगों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया। इनमें पूर्व पुलिस प्रमुख और सेना के जनरल भी शामिल हैं। इन सभी पर कथित जबरन गुमशुदगी के मामलों में भूमिका निभाने का आरोप है। यह दूसरी बार है, जब आईसीटी ने हसीना के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। पिछले साल अगस्त में अवामी लीग सरकार के बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए। इसके बाद हसीना को प्रधानमंत्री के पद से इस्तीफा देने के लिए मजबूर होना पड़ा। फिर वह भागकर भारत आ गईं। आईसीटी तबसे उनके खिलाफ अब तक तीन मामले दर्ज कर चुका है।
आईसीटी के एक अधिकारी के मुताबिक, 'जज एम.डी. गुलाम मुर्तजा मजूमदार ने अभियोजन पक्ष की याचिका पर सुनवाई करने के बाद गिरफ्तारी वारंट जारी किया। पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) को शेख हसीना सहित 12 लोगों को गिरफ्तार करने और 12 फरवरी को उन्हें अधिकरण में पेश करने आदेश दिया गया है। यह मामला सैकड़ों लोगों की जबरन गुमशुदगी की शिकायतों से जुड़ा है। इस मामले में हसीना के पूर्व रक्षा सलाहकार मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) तारिक अहमद सिद्धिक और पूर्व आईजीपी बेनजीर अहमद सहित अन्य का नाम शामिल है। सिद्धिक अभी हिरासत में हैं, वहीं अहमद को फरार माना जा रहा है।'
आईसीटी के मुख्य अभियोजक मोहम्मद ताजुल इस्लाम ने आरोपियों के नामों का खुलासा नहीं, ताकि जांच और गिरफ्तारी में कोई बाधा न आए। ताजुल इस्लाम ने मीडिया से बातचीत में कहा, 'इस मामले की अगली सुनवाई 12 फरवरी को होगी। अगर जांच रिपोर्ट तैयार हो जाती है, तो उसे उस दिन पेश किया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि अगर तब तक जांच रिपोर्ट तैयार नहीं हो पाई, तो कानून प्रवर्तन एजेंसियों को गिरफ्तारी की प्रगति रिपोर्ट सौंपनी होगी।'
मुख्य अभियोजक इस्लाम ने आईसीटी से कहा कि हसीना की सरकार के दौरान बांग्लादेश में राज्य की मदद से जबरन गुमशुदगी की संस्कृति शुरू हुई। उन्होंने आरोप लगाया कि जिन लोगों ने इन जबरन गुमशुदगियों को अंजाम दिया, उन्हें इनाम दिया गया। इसके लिए खासतौर पर रैपिड एक्शन बटालियन (आरएबी), पुलिस की डिटेक्टिव ब्रांच (डीबी), काउंटर टेररिज्म और ट्रांसनेशनल क्राइम (सीटीटीसी) यूनिट और फॉर्सेज इंटेलिजेंस डायरेक्टरेट (डीजीएफआई) का सबसे अधिक इस्तेमाल किया गया।
ताजुल इस्लाम ने पत्रकारों से कहा, 'पिछले पंद्रह वर्षों में बांग्लादेश में डर का माहौल बनाने के लिए जबरन गुमशुदगी और दो पक्षों में गोलीबारी (क्रॉसफायर) जैसी घटनाओं का सहारा लिया गया। विभिन्न बलों ने हजारों लोगों का अपहरण किया। इनमें से ज्यादातर कभी लौटकर नहीं आए।'
पिछले महीने ढाका ने आधिकारिक रूप से भारत से शेख हसीना को प्रत्यर्पित करने का अनुरोध किया था। भारत ने भी आधिकारिक अनुरोध मिलने की पुष्टि की। लेकिन इस पर कोई टिप्पणी नहीं की। आईसीटी ने पहली बार 17 अक्तूबर को शेख हसीना के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। उन पर जुलाई और अगस्त के दौरान हुए विरोध प्रदर्शनों के दौरान नरसंहार और मानवता के खिलाफ अपराधों क आरोप हैं। अवामी लीग सरकार के पतन के बाद आईसीटी में हसीना और उनकी पार्टी के नेताओं व विभिन्न कानून प्रवर्तन एजेंसियों के अधिकारियों के खिलाफ जबरन गुमशुदगी, हत्याएं, नरसंहार और मानवता के खिलाफ अपराधों की कम से कम 60 शिकायतें दर्ज की गई थीं।
टेकऑफ के बाद फ्लाइट के इंजन में आग, इमरजेंसी लैंडिंग कराई गई
6 Jan, 2025 05:34 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नेपाल में एक विमान ने आज यानी 6 जनवरी को इमरजेंसी लैंडिंग की. उड़ान के कुछ ही देर बाद नेपाल की बुद्धा एयरलाइन के बाएं इंजन में आग लग गई थी, अचानक लगी आग के बाद फ्लाइट को एक बार फिर काठमांडू की तरफ डाइवर्ट किया गया और फौरन फ्लाइट की इमरजेंसी लैंडिंग कराई गई. फ्लाइट में 76 लोग सवार थे.
बाएं इंजन में आग लगने के बाद विमान की काठमांडू के त्रिभुवन इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर इमरजेंसी लैंडिंग कराई गई. इस फ्लाइट ने BHA953 सुबह स्थानीय समयानुसार 10:37 बजे त्रिभुवन इंटरनेशनल एयरपोर्ट से चंद्रगाड़ी के लिए उड़ान भरी थी. इसी के बाद विमान के बाएं इंजन में आग लगने के बाद फ्लाइट ने वीओआर लैंडिंग की और सुरक्षित त्रिभुवन इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर लौट आया. फ्लाइट ने सुबह 11:15 बजे इमरजेंसी लैंडिंग की.
सभी यात्री सुरक्षित
फ्लाइट में 72 यात्री और 4 क्रू मेंबर सवार थे. इमरजेंसी लैंडिंग होने के बाद अभी तक सामने आई जानकारी के मुताबिक किसी के भी घायल होने की सूचना नहीं है. सभी सुरक्षित हैं.
बुद्धा एयरलाइन ने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर कहा, फ्लाइट नंबर 953 जोकि काठमांडू से बदरपुर जा रही थी, कॉल साइन 9N-AJS के साथ उसको बाएं इंजन में तकनीकी खराबी के चलते काठमांडू एयरपोर्ट की तरफ फिर से डाइवर्ट किया गया. साथ ही जानकारी दी गई कि एयरक्राफ्ट ने सुरक्षित त्रिभुवन इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर सुबह 11 बज कर 15 मिनट पर सुरक्षित लैंडिंग की. हालांकि, सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए त्रिभुवन इंटरनेशनल ने बुद्धा एयर फ्लाइट की लैंडिंग के दौरान बाकी फ्लाइट के ऑपरेशन को अस्थायी रूप से रोक दिया था.
पहले भी हुआ भयानक हादसा
इससे पहले 24 जुलाई 2024 को नेपाल में खतरनाक विमान हादसा हुआ. नेपाल की राजधानी काठमांडू में एयरपोर्ट से उड़ान भरने की कोशिश के दौरान 19 लोगों को ले जा रहा एक डोमेस्टिक विमान रनवे से फिसलकर दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिसमें एक यमनी नागरिक और एक बच्चे सहित कम से कम 18 यात्रियों की मौत हो गई. इस हादसे में पायलट भी गंभीर रूप से घायल हो गया था.