विदेश
दो प्रमुख सार्वजनिक कार्यक्रमों से दूर रही मिशेल.....
19 Jan, 2025 01:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
वाशिंगटन । क्या बराक और मिशेल ओबामा तलाक लेने जा रहे हैं? दरअसल पिछले कुछ दिनों से अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति और उनकी पत्नी के बीच संभावित अलगाव की अफवाहें सोशल मीडिया पर चर्चा का केंद्र बनी हैं। इन अटकलों के बीच, ओबामा के एक पोस्ट और उस पर मिशेल की प्रतिक्रिया लोगों का ध्यान खींच रही है।
ओबामा ने अपनी पत्नी के जन्मदिन के मौके पर यह पोस्ट लिखी है। उन्होंने कहा, मेरे जिंदगी के प्यार मिशेल ओबामा को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं। आप हर जगह को गर्मजोशी, ज्ञान, हास्य और शालीनता से भर देती हैं। मैं बहुत भाग्यशाली हूं कि मुझे आपके साथ जीवन के रोमांच को अनुभव करने का मौका मिला। आपसे प्यार करता हूं!
ओबामा की पोस्ट मिशेल ने लिखा, लव यू हनी। 17 जनवरी, 1964 को जन्मी मिशेल ओबामा ने अपना 61वां जन्मदिन मनाया। रिपोर्ट्स के मुताबिक ओबामा दंपत्ति की तलाक की खबरों को बल तब मिला जब सोमवार (20 जनवरी) को नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह में मिशेल के न आने की खबरें सामने आईं।
बयान में यह स्पष्टीकरण नहीं दिया गया कि वे शपथ ग्रहण समारोह में क्यों शामिल नहीं होंगी, जिसमें परंपरागत रूप से पूर्व राष्ट्रपति और उनके जीवनसाथी शामिल होते हैं। हाल के हफ्तों में यह दूसरा हाई-प्रोफाइल कार्यक्रम है जिसमें मिशेल ओबामा ने शामिल होने से मना किया है। पिछले हफ्ते, मिशेल अपने पति बराक के साथ पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति जिमी कार्टर के अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हुई थीं। मिशेल ओबामा की दो प्रमुख सार्वजनिक कार्यक्रमों से अनुपस्थिति ने सोशल मीडिया पर तलाक की अफवाहों को हवा दे दी है।
राष्ट्रपति बनने के बाद सबसे पहले भारत आएंगे डोनाल्ड ट्रंप, अप्रैल में हो सकती है यात्रा
19 Jan, 2025 01:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
वॉशिंगटन। अमेरिका के नव निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कल यानी 20 जनवरी को शपथ लेंगे। इसके बाद जैसे ही ट्रंप राष्ट्रपति बन जाएंगे वो सबसे पहले भारत की यात्रा पर निकलेंगे। उम्मीद की जा रही है कि अप्रैल में भारत आने की योजना बन सकती है।
मीडिया रिपोर्ट में इसका दावा किया गया है। हालांकि इसके लिए तारीख तय नहीं हुई है। डोनाल्ड ट्रंप स्पेशल विमान से वॉशिंगटन पहुंच चुके हैं, जहां उन्हें नए राष्ट्रपति का पदभार ग्रहण करना है। उनके साथ पत्नी मेलानिया और बेटे बैरन भी मौजूद थे। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि डोनाल्ड ट्रंप चीन की यात्रा पर भी जा सकते हैं। रिपोर्ट के मुताबिक ट्रंप भारत यात्रा को लेकर भी इच्छुक हैं। इसको लेकर वह अपने सलाहकर्ताओं से बातचीत कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि ट्रंप की यह यात्रा या तो अप्रैल में या फिर साल के अंत में हो सकती है।
इस दौरान वह अमेरिका और चीन के रिश्तों को बेहतर करने पर बातचीत कर सकते हैं। बता दें कि अपने चुनावी अभियान के दौरान ट्रंप ने चीन पर अतिरिक्त टैक्स लगाने की धमकी दी थी। इससे भी दोनों देशों के रिश्तों पर असर पड़ा है। अपनी यात्रा के दौरान ट्रंप चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ बातचीत कर संबंधों को बेहतर कर सकते हैं। एक दिन पहले ही ट्रंप ने चीनी राष्ट्रपति से बातचीत की है। चीन के उपराष्ट्रपति हैन झेंग ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह में मौजूद रहेंगे। यह पहली बार होगा, जब कोई वरिष्ठ चीनी अधिकारी अमेरिकी राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण का गवाह बनेगा। न्यौता चीनी राष्ट्रपति को भी दिया गया था, लेकिन शी जिनपिंग किसी भी विदेशी राष्ट्रप्रमुख के शपथ ग्रहण में शामिल नहीं होते।
पीएम मोदी को भेजेंगे आमंत्रण!
अमेरिकी मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक इसके अलावा नरेंद्र मोदी को व्हाइट हाउस में मीटिंग के लिए निमंत्रण भेजने पर भी विचार चल रहा है। इसमें सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि प्रारंभिक स्तर की बातचीत तब हुई जब विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पिछले महीने क्रिसमस के दौरान वॉशिंगटन का दौरा किया। एस जयशंकर ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह में भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। भारत ऑस्ट्रेलिया, जापान और संयुक्त राज्य अमेरिका के नेताओं से बना क्वाड शिखर सम्मेलन की मेजबानी करने के लिए तैयार है।
इजराइल-हमास युद्ध विराम पर लगी मुहर, रविवार से होंगी बंधकों की रिहाई
18 Jan, 2025 06:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
गाजा। इजराइल-हमास युद्ध में सबसे ज्यादा नुकसान गाजा को हुआ है। अब युद्धविराम को लेकर इजराइल और हमास में समझौता हो गया है। इजराइली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू के ऑफिस ने इस समझौते पर मुहर लगा दी है। मीडिया रिपोर्ट में मुताबिक नेतन्याहू के बयान के मुताबिक इजराइल सरकार ने युद्धविराम और हॉस्टेज समझौते को मंजूरी दे दी है। सरकार ने बंधकों की वापसी के लिए रूपरेखा को मंजूरी दे दी है। बंधकों की रुपरेखा रिहाई रविवार 19 जनवरी को लागू होगी।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक शुक्रवार को छोटे सुरक्षा मंत्रिमंडल द्वारा की गई संस्तुति के बाद 33 सदस्यीय मंत्रिसमूह ने समझौते को मंजूरी दी। हालांकि इजराइल का सर्वोच्च न्यायालय अभी भी किसी भी इजराइली द्वारा फिलिस्तीनी कैदियों की रिहाई का विरोध करने की अपील पर सुनवाई करेगा, लेकिन यह प्रक्रिया रविवार को लागू होने वाले युद्धविराम के रास्ते में बाधा नहीं बनेगी।
दोनों के बीच मध्यस्थता कर रहे कतर और अमेरिका ने बुधवार को युद्ध विराम की घोषणा की थी। यह समझौता एक दिन से ज्यादा समय तक अधर में लटका रहा। क्योंकि पीएम नेतन्याहू ने कहा कि अंतिम समय में कुछ जटिलताएं थीं। इसके लिए उन्होंने हमास को जिम्मेदार ठहराया। नेतन्याहू के इस तरह की प्रतिक्रिया से साफ होता है कि गाजा में तो युद्धविराम तो हो गया है लेकिन हमास और इजराइल के बीच तकरार बनी हुई है और आगे भी बनी रहेगी। नेतन्याहू ने गाजा से लौटने वाले बंधकों को लेने के लिए एक विशेष कार्य बल तैयार करने का निर्देश दिया और कहा कि उनके परिवारों को सूचित किया गया है। इजराइल सैकड़ों फिलिस्तीनी बंदियों को भी रिहा करेगा और बड़े पैमाने पर तबाह हुए गाजा में मानवीय सहायता में वृद्धि देखी जानी चाहिए।
इजराइल के न्याय मंत्रालय ने समझौते के पहले चरण में रिहा किए जाने वाले 95 फिलिस्तीनी कैदियों की सूची जारी की और कहा कि रिहाई रविवार को होगी। सूची में सभी लोग युवा या महिला हैं। वहीं इजराइल की जेल सेवाओं ने कहा कि वह खुशी के सार्वजनिक भाव से बचने के लिए रेड क्रॉस की अंतर्राष्ट्रीय समिति के बजाय कैदियों को ले जाएगी, जिसने पहले युद्धविराम के दौरान परिवहन का काम संभाला था।
भारतीय मूल के युवक साईं को अमेरिका में 8 साल की सजा
18 Jan, 2025 05:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
वाशिंगटन । अमेरिका के राष्ट्रपति के निवास व्हाइट हाउस में हमला करने वाले भारतीय मूल के 19 वर्षीय युवा साईं वर्षीत कुंडला को न्यायालय ने 8 साल की सजा सुनाई है।
आरोपी का परिवार तेलंगाना के चंदन नगर का रहने वाला है। अमेरिकी न्यायालय के जज डेबनी फ्रेडरिक ने कहा भारतीय मूल का युवा नाजी विचारधारा से जुड़ा हुआ है। लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकार को उखाड़ फेंकना चाहता था। अदालत की कार्रवाई में आरोपी ने स्वीकार किया है। वह राष्ट्रपति को मारने साजिश पिछले 6 माह से रच रहा था।
उल्लेखनीय है सांईं वर्षित ने 22 में 2023 की शाम मिसौरी से डीसी वाशिंगटन पहुंचा था। उसने एक ट्रक किराए पर लिया था। रात 9:35 पर वह व्हाइट हाउस पहुंचा। उसने व्हाइट हाउस के उत्तरी हिस्से में ट्रैफिक बैरियर को ट्रक से टक्कर मार कर घुसने की कोशिश की। जिसमे ट्रक दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस घटना के बाद अमेरिका में दहशत फैल गई थी। इस पूरे मामले की सुनवाई करने के बाद अमेरिका की अदालत ने उसे 8 साल की सजा सुनाई है।
रेस्तरां में शख्स को मारी गोली, मौत
18 Jan, 2025 05:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
वाशिंगटन। अमेरिका के उत्तरी कैरोलिना स्थित रैलीघ शहर के एक रेस्तरां में शुक्रवार सुबह एक शख्स को गोली मार दी गई, जिससे उसकी मौत हो गई। पुलिस ने उक्त घटना की जानकारी देते हुए बताया कि बंदूकधारी ने खुद को भी गोली मार ली थी। रैलीघ पुलिस प्रमुख एस्टेला पैटरसन ने प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि बंदूकधारी नॉर्थ हिल्स स्थित फ्रांसीसी रेस्तरां कोक्वेट ब्रैसरी में अचानक घुसा था और वहां मौजूद एक शख्स की गोली मारकर हत्या कर दी। इसके फौरन बाद ही उसने खुद को भी गोली मार ली। रैलीघ पुलिस प्रमुख एस्टेला पैटरसन के मुताबिक हमलावर की हालत नाजुक बनी हुई है। इस गोलीबारी की घटना में जहां एक शख्स की मौत हो गई है तो वहीं एक अन्य व्यक्ति जो वहां करीब में ही खड़ा था, वह भी घायल हो गया है, लेकिन उसकी हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है।
युद्ध विराम को लेकर मिस्र, ईरान और इटली के विदेश मंत्रियों ने की चर्चा
18 Jan, 2025 05:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
काहिरा। मिस्र के विदेश मंत्री ने हमास और इजराइल के बीच हाल ही में हुए युद्ध विराम समझौते पर बातचीत कराने के लिए अपने ईरानी और इतावली विदेश मंत्रियों से फोन पर बातचीत की। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक ईरानी विदेश मंत्री सईद अब्बास अराघची से मिस्र के विदेश मंत्री अब्देलती ने कहा कि मिस्र चाहता है कि यह समझौता बिना किसी देरी के लागू हो।
उन्होंने इस बातचीत में गाजा पट्टी के लिए राहत और चिकित्सा सहायता की तत्काल और स्थायी पहुंच के महत्व पर जोर दिया। अराघची ने भी मिस्र के प्रयासों की सराहना की ओर कहा कि गाजा में स्थिरता लाने में मिस्र की अहम भूमिका है। इसके अलावा अब्देलती ने गाजा के पुनर्निर्माण, बुनियादी ढांचे के पुनर्वास और गाजा के लोगों के लिए सुरक्षा बहाल करने में अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के महत्व को भी दोहराया। दोनों नेताओं ने क्षेत्रीय घटनाक्रमों पर भी चर्चा की। यह चर्चा लाल सागर में बढ़ते तनाव पर केंद्रित थी।
मिस्र के विदेश मंत्री अब्देलती ने उम्मीद जताई कि युद्ध विराम समझौते से न केवल गाजा में शांति बहाल होगी, बल्कि लाल सागर क्षेत्र में भी तनाव कम होगा, जिससे अंतर्राष्ट्रीय यातायात की स्वतंत्रता सुनिश्चित होगी।
वहीं इतालवी विदेश मंत्री एंटोनियो तजानी के साथ हुई बातचीत में अब्देलती ने कहा कि मिस्र ने कतर और अमेरिका के साथ मिलकर इस समझौते को हासिल करने के लिए मध्यस्थता की थी। तजानी ने इस समझौते का स्वागत किया और मिस्र के प्रयासों की सराहना की, जिससे युद्ध विराम समझौता सफल हुआ। कतर के पीएम शेख मोहम्मद बिन अब्दुल रहमान अल थानी ने बुधवार को पुष्टि की थी कि दोहा में हमास और इजराइल के बीच लंबे समय से प्रतीक्षित युद्ध विराम समझौता हो गया है।
इसके अलावा संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान और मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल-फतह अल-सीसी के बीच गुरुवार को द्विपक्षीय बैठक हुई थी। इस बैठक में दोनों नेताओं ने गाजा में युद्ध विराम की घोषणा का स्वागत किया और मानवीय सहायता के महत्व पर चर्चा की। साथ ही उन्होंने दोनों देशों के बीच आर्थिक और निवेश सहयोग को बढ़ाने पर भी बातचीत की।
पूर्व एयर होस्टेस ने माना, हर 30 मिनट में यात्रियों की ताका-झांकी करने का आदेश
17 Jan, 2025 03:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
न्यूयार्क। एक पूर्व एयर होस्टेस ने बताया कि फ्लाइट के दौरान यात्रियों पर नजर रखना उनके काम का हिस्सा होता था। पूर्व एयर होस्टेस एक अरब एयरलाइन में काम करती थीं। उसने बताया कि एयरलाइन की अपनी कुछ नीतियों के कारण उन्हें फ्लाइट के दौरान पैसेंजर खासकर फर्स्ट क्लास के यात्रियों पर विशेष नजर रखनी पड़ती थी। पूर्व एयर होस्टेस मारिका मिकुसोवा ने बताया कि पांच साल तक उन्होंने अरब एयरलाइन में काम किया। तभी उन्हें और उनके सहकर्मियों को हर 30 मिनट में यात्रियों की ताका-झांकी के लिए बोला जाता था, ताकि यह सुनिश्चित कर सके कि वे सुरक्षित हैं। इस वजह से किसी न किसी बहाने से केबिन में जाकर हर आधे घंटे पर हमें यात्रियों से बात करनी होती है।
उन्होंने स्पष्ट किया कि ताक-झांक का ये काम केवल प्रथम श्रेणी के सुइट्स पर लागू होता है, क्योंकि वहां के क्यूबिकल्स करीब पूरी तरह निजी होते हैं। बिजनेस क्लास की सीटें खुली होती हैं, इसलिए वहां ऐसी प्राइवेसी में बाधा डालने वाले काम की जरूरत नहीं होती। एयर होस्टेस ने बताया कि क्रू को यह निर्देश होता है कि वे पूरे समय सतर्क रहें और यह सुनिश्चित करें कि केबिन में क्या हो रहा है। उड़ान के दौरान यात्रियों पर तब से नजर रखी जानी शुरू होती है, जब वे विमान में सवार होते हैं। ये सबकुछ तब तक चलता है, जब तक वे विमान से उतर नहीं जाते। मारिका ने इस दौरान बताया कि एक बार एक फ्लाइट के फर्स्ट क्लास में एक कपल गैलरी के पास अनुचित व्यवहार कर रहा था। हम उन पर दूर से नजर रखे हुए थे और यह सुनिश्चित कर रहे थे कि स्थिति नियंत्रण से बाहर न जाए। जब उनका व्यवहार और अधिक असहज हो गया, तब हमें जाकर हस्तक्षेप करना पड़ा। पूर्व एयर होस्टोस ने कहा कि फ्लाइट में अनुचित व्यवहार पर खासतौर पर अरब एयरलाइनों में सख्त नजर रखी जाती है, और पकड़े जाने पर यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
शराब में सोडा मिलाने का होता है स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर
17 Jan, 2025 03:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि शराब में सोडा मिलाने से स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर पड़ सकता है, और यह आदत लंबे समय में गंभीर समस्याएं उत्पन्न कर सकती है। शराब पीने के बाद जल्दी नशा होना आम बात है क्योंकि अल्कोहल खून में मिलकर नशा करता है। जब शराब में सोडा मिलाया जाता है, तो सोडा के कार्बोनेशन के कारण अल्कोहल खून में तेजी से मिल जाता है, जिससे नशा जल्दी चढ़ता है। इससे यह महसूस नहीं होता कि हम ज्यादा शराब पी रहे हैं, और अंततः हम अपनी सीमा से अधिक शराब का सेवन कर सकते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। इस कारण, शराब पीने का प्रभाव तुरंत महसूस होने लगता है, और व्यक्ति को इसका सही अहसास नहीं हो पाता। इसके अलावा, शराब और सोडा दोनों का मिश्रण किडनी पर अतिरिक्त दबाव डालता है।
सोडा में मौजूद कार्बोनेशन किडनी की कार्यप्रणाली पर असर डाल सकता है और इससे किडनी की समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। लंबे समय तक ऐसी आदतें किडनी के लिए गंभीर हो सकती हैं। इसके साथ ही सोडा पाचन तंत्र पर भी बुरा असर डालता है। इससे पेट में गैस, अपच, और अल्सर जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। शराब से पहले ही दिल की समस्याएं हो सकती हैं, और सोडा में अधिक सोडियम की मात्रा होती है, जो रक्तचाप को बढ़ा सकती है। इसका सीधा असर दिल की सेहत पर पड़ता है। शराब के साथ सोडा का मिश्रण दिल की बीमारियों और हाई ब्लड प्रेशर का कारण बन सकता है। इसके अलावा, सोडा में फॉस्फोरिक एसिड होता है, जो हड्डियों की सेहत को नुकसान पहुंचाता है, जिससे हड्डियां कमजोर हो सकती हैं।
इस प्रकार, व्हिस्की में सोडा मिलाकर पीने की आदत सेहत के लिए खतरनाक हो सकती है। इसका सेवन सीमित मात्रा में करना और अधिक से अधिक सावधानी बरतना जरूरी है। व्हिस्की में सोडा मिलाकर पीने की आदत कुछ लोगों के लिए सामान्य हो गई है, लेकिन यह स्वास्थ्य के लिए कई प्रकार से हानिकारक हो सकती है। कई लोग यह मानते हैं कि सोडा मिलाने से शराब का असर कम हो जाता है और इससे सेहत पर कोई बुरा प्रभाव नहीं पड़ता, लेकिन विशेषज्ञों के अनुसार यह धारणा गलत है।
अमेरिका में होनी वाली हैं टीचर्स की भारी कमी, सरकार पर नए टीचर्स की भर्ती करने का दबाव
17 Jan, 2025 03:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
वाशिंगटन। अमेरिका में आने वाले समय में टीचर्स की भारी कमी होने वाली है। पिछले दो दशक में टीचर्स के द्वारा अपना पेशा छोड़ने का सिलसिला सबसे ज्यादा है। हर साल 11 प्रतिशत टीचर्स अमेरिका में स्कूल छोड़ रहे हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक, 2021-22 में ये आंकड़ा बहुत तेजी से बढ़ गया। इसके बाद से ही स्कूलों में टीचर्स की कमी एक बड़ी चुनौती बनी है। इसके बाद अब अधिकारियों पर दबाव है कि वे नए टीचर्स को भर्ती करने के साथ-साथ मौजूदा टीचर्स को रोकने का काम करें।एक रिपोर्ट में 40 राज्यों में 2016 से 2021 तक स्कूल छोड़ने वाले टीचर्स के आंकड़े का विश्लेषण हुआ है। स्टडी में सामने आया है कि कोविड के पहले साल में टीचर्स की नौकरी छोड़ने की दर में थोड़ी कमी देखने को मिली, लेकिन अब ये दर 1999 के बाद सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गई है। ये अंतर अलग-अलग स्कूल जिलों में भी अलग-अलग है।
मौजूदा वक्त में टीचर्स के नौकरी छोड़ने की कई सारी वजहें हैं, इसमें मुख्य वजह सैलरी में असमानता, काम करने की खराब स्थिति और कॉन्ट्रैक्ट पर टीचर्स रखने का बढ़ता चलन शामिल हैं। एक स्टडी के अनुसार, एक टीचर्स की शुरुआती सैलरी का उसके करियर पर लंबे समय तक असर डालती है। रिसर्च में 6,200 से अधिक टीचर्स पर नजर रखी गई। इसमें पाया गया कि सबसे ज्यादा वेतन पाने वाले टीचर्स की सालाना कमाई सबसे कम वेतन पाने वालों से 40,000 डॉलर ज्यादा थी। ये अंतर अगले पांच सालों तक ऐसा ही रहता है। रिपोर्ट में बताया गया है, कम शुरुआती वेतन वाले टीचर्स के पेशा छोड़ने की संभावना भी ज्यादा रहती है। खासकर अगर उनके जीवनसाथी की कमाई ज्यादा हो। सिर्फ इतना ही नहीं, बल्कि टीचर्स को काम करने के लिए अच्छा माहौल भी नहीं मिल पा रहा है, जिस वजह से उन पर तनाव और दबाव बढ़ रहा है।
पाकिस्तान में शरिया कानून लागू कराने टीटीपी ने किया हक्कानी से समझौता
17 Jan, 2025 03:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
इस्लामाबाद। अफगानिस्तान में साल 2021 में सत्ता में आने के बाद से ही तालिबानी सरकार और पाकिस्तान के बीच रिश्ते बिगड़ते दिखे हैं। पाकिस्तान ने पिछले करीब एक साल में दो बार अफगानिस्तान पर हवाई हमले किए। वहीं तालिबानी ने भी पाकिस्तान पर भारी हथियारों से हमला करके कई पाकिस्तानी सैनिकों को मारने का दावा किया है। तालिबान के सहयोगी आतंकी संगठन तहरीक-ए-तालिबान ने न केवल पाकिस्तान के सैकड़ों सैनिकों को मारा है, बल्कि कई सैन्य ठिकानों को भी विस्फोटकों से उड़ा दिया है।
पाकिस्तान की शहबाज सरकार ने खुद ही माना है कि अफगानिस्तान में तालिबान की सरकार आने के बाद टीटीपी के हमलों में भारी तेजी आई है। पाकिस्तान ने तालिबान को सत्ता में लाने के लिए मदद की थी लेकिन अब वही उसके लिए भस्मासुर बन गए हैं। इस बीच मीर अली समझौते के खुलासे ने पाकिस्तानियों के होश उड़ा दिए हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक अफगानिस्तान में सत्ता में वापसी से पहले तालिबान ने टीटीपी आतंकियों और अलकायदा के साथ एक डील की थी। इसे मीर अली समझौता नाम दिया गया था।
इस समझौते के तहत तालिबान ने शपथ ली थी कि अगर उनकी अफगानिस्तान में जीत हो जाती है तो वह टीटीपी और अन्य विदेशी लड़ाकुओं को पाकिस्तान में कब्जा करके वहां शरिया कानून लागू कराने के उनके जिहाद में मदद करेगा। रिपोर्ट के मुताबिक टीटीपी ने यह डील तालिबानी गृहमंत्री सिराजुद्दीन हक्कानी के साथ की है। यह वही हक्कानी है जो पाकिस्तानी आईएसआई का साथ देते रहा है।
रिपोर्ट के मुताबिक मीर अली समझौते पर टीटीपी, अलकायदा के कमांडर, हाफिज गुल बहादुर जैसे लोगों और संगठनों ने हस्ताक्षर किए हैं। इस मुलाकात के दौरान हाफिज गुल बहादुर गुट ने मुल्ला याकूब को मीर अली समझौते का दस्तावेज दिखा दिया। पाकिस्तान की सरकार पिछले तीन साल से आरोप लगा रही है कि तालिबान से पाकिस्तान में सक्रिय टीटीपी आतंकियों को मदद मिल रही है। तालिबान ने इन आरोपों को खारिज किया है। तालिबान ने यह भी कहा है कि उसकी जमीन का इस्तेमाल किसी तीसरे देश के खिलाफ नहीं होने दिया जाएगा। वहीं मीर अली समझौता यह दिखाता है कि तालिबान सक्रिय रूप से टीटीपी को सपोर्ट कर रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक इस समझौते पर इसलिए हस्ताक्षर हुआ था क्योंकि टीटीपी के आतंकियों ने अन्य विदेशी आतंकियों के साथ मिलकर तालिबान के लिए अफगानिस्तान की अशरफ गनी सरकार, अमेरिका और नाटो सेना से जंग लड़ी थी।
न्यू ओर्लियन्स की तरह और हो सकते हैं हमले, एफबीआई ने की चेतावनी जारी
15 Jan, 2025 11:33 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
वाशिंगटन। नए साल के मौके पर न्यू ओर्लियन्स में हुए हमले में 14 लोगों की मौत हो गई थी। अब एफबीआई ने अमेरिका में ऐसे ही और हमलों को लेकर चेतावनी जारी की है। एजेंसी ने लोगों को सतर्क रहने और किसी भी संदिग्ध गतिविधि के बारे में सूचना देने की अपील की है। न्यू ओर्लियन्स घटना में हमलावर के तार आतंकवादी संगठन आईएसआईएस से जोड़े जा रहे थे।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक एफबीआई ने चेतावनी दी है कि अमेरिका में न्यू ओर्लियन्स जैसे और इसके जवाबी हमले हो सकते हैं। एफबीआई और होमलैंड सिक्योरिटी विभाग चरमपंथियों के वाहन का इस्तेमाल कर हमला करने वाली गतिविधियों को लेकर चिंतित है। उनका मानना है कि आमतौर पर हमलावर विदेशी आतंकवादी संगठनों से प्रेरित होते हैं और ऐसी ही गतिविधियों को दोहराने की कोशिश करते हैं।
अधिकारियों ने इस संबंध में घोषणा जारी की है। इसमें खासतौर से चरमपंथी हमलावरों का जिक्र है, जो किराए के वाहनों का इस्तेमाल हथियार के तौर पर करते हैं। इनके निशाने पर पैदल चलने वाले, कानून से जुड़े अधिकारी और भीड़ वाले इलाके होते हैं। जब्बार ने भी किराए के ट्रक के सड़क के किनारे मौजूद लोगों पर चढ़ा दिया था। एफबीआई ने इस हमले को आतंकवादी कृत्य बताया था और कहा था कि जब्बार आतंकवादी संगठन ‘इस्लामिक स्टेट’ (आईएस) से प्रभावित था। उसके वाहन के पीछे से समूह का कुख्यात काला झंडा बरामद किया था। उसने आईएस के प्रति अपने समर्थन की घोषणा करते हुए ऑनलाइन वीडियो पोस्ट किए थे।
पुतिन से जल्द करुंगा मुलाकात, ट्रंप ने कर दिया ऐलान
15 Jan, 2025 10:32 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
वॉशिंगटन । अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस के साथ संबंधों को लेकर बड़ा ऐलान किया है। डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि वह अगले सप्ताह पद संभालने के बाद जल्द ही रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात करुंगा। उन्होंने मीटिंग को लेकर कोई निश्चित समय सीमा नहीं जाहिर की है। दोनों देशों के नेताओं के बीच फरवरी 2022 में युद्ध शुरू होने के बाद यह पहली मीटिंग होगी। ट्रंप अपने चुनावी अभियान के दौरान कहते रहे हैं कि वह यूक्रेन का युद्ध एक फोन कॉल में खत्म कर सकते हैं।
ट्रंप से जब युद्ध खत्म करने की उनकी रणनीति के बारे में पूछा तब उन्होंने कहा, ‘केवल एक ही रणनीति है और यह पुतिन पर निर्भर है। क्योंकि पुतिन ने जैसा चाहा था चीजें उस तरह से नहीं हुई हैं। मैं जानता हूं कि वह मुझसे मिलना चाहते हैं और मैं जल्द ही पुतिन से मिलूंगा। मैंने पहले ही ऐसा कर लिया होता, लेकिन उसके लिए पहले राष्ट्रपति बनना होता। कुछ काम करने के लिए आपको ऑफिस में रहना जरूरी होता है। अमेरिका के सांसद माइक वॉल्ट्ज और ट्रंप प्रशासन के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने कहा कि उन्हें आने वाले दिनों और हफ्तों में ट्रंप और पुतिन के बीच बातचीत की उम्मीद है।
ट्रंप के बयान पर रूस ने अपनी प्रतिक्रिया दी। रूसी राष्ट्रपति कार्यालय क्रेमलिन ने कहा कि ऐसी बैठक की कोई तैयारी नहीं हो रही है, लेकिन इस लेकर समझ और राजनीतिक इच्छाशक्ति मौजूद है। क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने कहा, कई देश अपनी सेवाएं देना चाहते हैं, जहां पुतिन और ट्रंप के बीच संभावित मुलाकात हो सकती है। उन्होंने कहा, ‘इस बैठक की कोई ठोस तैयारी नहीं हो रही है, लेकिन यह समझ और राजनीतिक इच्छाशक्ति घोषित की गई है कि इसतरह संपर्क बहुत जरूरी हैं।
साउथ अफ्रीका की खदान में 100 मजदूरों की मौत
15 Jan, 2025 09:31 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
जोहान्सबर्ग। साउथ अफ्रीका में सोने की खदान में फंसे 100 से ज्यादा मजदूरों की मौत हो गई है। अल जजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक, खदान में दो महीने से 400 से ज्यादा मजदूर मौजूद थे। ये सभी खदान में अवैध रूप से सोने की खुदाई करने के लिए उतरे थे।मौके पर राहत बचाव के लिए स्पेशल माइनिंग रेस्क्यू टीम को भेजा गया है। रिपोर्ट के मुताबिक भूख और प्यास की वजह से मजदूरों को अपनी जान गंवानी पड़ी। अब तक 13 शव बरामद हो चुके हैं। कई लोगों को बाहर निकाल लिया गया है। रेस्क्यू किए गए मजदूरों के पास से एक सेलफोन मिला, जिसमें 2 वीडियो थे। इन वीडियो में दर्जनों शव पॉलीथीन में लिपटे हुए दिखाई दे रहे हैं।खदानों में काम करने वालों मजदूरों से जुड़ी सामाजिक संस्था माइनिंग अफेक्टेड कम्युनिटीज यूनाइटेड इन एक्शन के मुताबिक पिछले साल नवंबर में पुलिस ने अवैध खनन के खिलाफ कार्रवाई शुरू की थी। पुलिस ने इस खदान को सील करने की कोशिश की थी। इसके लिए मजदूरों से बाहर निकलने के लिए कहा था। गिरफ्तारी के डर के मजदूरों ने खदान से बाहर निकलने से मना कर दिया था। इसके बाद से ये मजदूर खदान में फंसे थे।
कैलिफोर्निया के नए जंगलों में आग लगने का खतरा
15 Jan, 2025 08:29 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
लॉस एंजिल्स । अमेरिका में कैलिफोर्निया राज्य के लॉस एंजिलिस के नए जंगलों में आग लगने की चेतावनी जारी की गई। लॉस एंजिलिस के आसपास दक्षिण-पश्चिम कैलिफोर्निया के एक बड़े हिस्से में बुधवार तक भीषण आग के खतरे की आशंका है।
यूएस नेशनल वेदर सर्विस के मुताबिक सोमवार रात को लॉस एंजिलिस में 45 से 50 किलोमीटर की रफ्तार से हवाएं चल रही हैं, जो मंगलवार को 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार कर पहुंच गई हंै। इस आग में अब तक 24 लोगों की जान जा चुकी है। 7 जनवरी को लगी इस आग पर आज एक हफ्ते बाद भी पूरी तरह काबू नहीं पाया जा सका है।
मीडिया रिपोट्र्स के मुताबिक डोनाल्ड ट्रम्प 20 जनवरी को शपथ ग्रहण के बाद प्रभावित इलाकों का दौरा कर सकते हैं। वहीं अमेरिकी संसद के निचले सदन के स्पीकर माइक जॉनसन का कहना है कि कैलिफोर्निया में वाटर मिसमैनेजमेंट हुआ है। वहां के लोकल लीडर्स लापरवाह थे।
वीरान द्वीप पर 30 साल अकेले रहने वाले शख्स की मौत, जबरन लाए थे घर
14 Jan, 2025 03:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रोम । 30 से ज्यादा वर्षों तक इटली के एक वीरान द्वीप पर अकेले रहने वाले शख्स का निधन हो गया। उनकी उम्र 85 साल थी। इटली का रहने वाला इस शख्स का नाम माउरो मोरांदी है, जिन्हें मीडिया ने ‘रॉबिन्सन क्रूसो’ नाम दिया था।
द्वितीय विश्वयुद्ध के पुराने शेल्टर, सार्डिनिया के पास बुडेली द्वीप पर अकेले रहते थे। 1989 में उपभोक्तावाद और समाज से बचने के लिए वह पोलिनेशिया जा रहे थे। इस प्रयास के दौरान वह एक द्वीप पर पहुंच गए। संयोगवश, बुडेली द्वीप के पहले एकांतवास केयरटेकर रिटायर होने के करीब थे, इसलिए माउरो ने केयरटेकर का काम संभाल लिया। तीन दशकों तक उन्होंने प्रवाल, ग्रेनाइट और सीपियों से बने घर में अकेले रहते हुए इस खूबसूरत द्वीप पर जीवन बिताया। केयरटेकर के रूप में उनकी नौकरी के कारण उन तक खाने-पीने का सामान पहुंचाया जाता था। वह एक अस्थाई सौर ऊर्जा प्रणाली से घर को बिजली देते और एक साधारण चिमनी से घर को गर्म रखते थे।
जब उन्हें द्वीप से निकलने का आदेश दिया गया तो उनके पास कोई घर नहीं था। बाद में सरकार ने उन्हें सार्डिनिया के एक द्वीपसमूह ला मदालेना में स्थानांतरित कर दिया गया। उसे एक राष्ट्रीय उद्यान के रूप में नामित किया गया था। यहां वह अपने एक बेडरूम वाले अपार्टमेंट में रहते थे। एक रिपोर्ट के मुताबिक साल 2021 में उन्होंने द्वीप छोड़ने के बाद कहा, ‘यह कभी खत्म नहीं हुआ। मैं इस बात का जीता-जागता उदाहरण हूं कि नया जीवन संभव है। आप हमेशा सब कुछ फिर से शुरू कर सकते हैं, भले ही आपकी उम्र 80 से ज्यादा हो। क्योंकि ऐसी और भी चीजें हैं, जिनका आप अनुभव कर सकते हैं।’ जब 32 साल बाद वह द्वीप से निकले तो सबकुछ बदल गया था।
आधुनिकता वाले जीवन से वह काफी खुश थे। उन्होंने कहा था, ‘मैं खुश हूं और जीवन जीने और रोजमर्रा की सुख-सुविधाओं का आनंद फिर से पा लिया है।’ बता दें कि मोरांदी ने 32 साल तक द्वीप को साफ-सुथरा रखा और पर्यटकों को इसके पर्यावरण के बारे में जागरूक किया। साल 2021 में द्वीप को नेचर पार्क घोषित करने के बाद उन्हें इटैलियन अधिकारियों ने वहां से हटा दिया। बाद में उन्होंने सार्डिनिया के ला मदालेना में एक छोटे से अपार्टमेंट में नई शुरुआत की। तीन साल पहले ही वह आम लोगों के बीच लौटे थे।