मध्य प्रदेश (ऑर्काइव)
लाल बस के अचानक रुकने से पीछे चल रहे बाइक सवार को आई चोंटे, ट्रक ने बाइक को मारी टक्कर
26 Nov, 2023 09:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल। होशंगाबाद रोड पर जहॉ आगे चल रही लालबस के अचानक ब्रैक लगाने से उसके पीछे चल रहा बाइक सवार उससे भिड़कर गंभीर रुप से घायल हो गया वहीं छोला मंदिर इलाके में ट्रक ने बाइक सवार युवक को पीछे से टक्कर मारकर घायल कर दिया। पुलिस के अनुसार ग्राम दीवानगंज थाना सलामतपुर जिला रायसेन के रहने वाले 25 वर्षीय अंशुल मालवीय ने अपनी शिकायत में बताया कि उसके पिता अशोक कुमार (52) गुरुवार सुबह करीब 9 नौ बजे बाइक से भोपाल से घर लौट रहे थे। होशंगाबाद रोड स्थित निरामय अस्पताल के पास उनकी बाइक के आगे चल रही लालबस के चालक ने एकदम ब्रैक मारकर बस को रोक दिया। अचानक बस के रुकने से पीछे चल रहे उनके पिता की बाइक बस से टकरा गई। मौके पर मौजूद लोगों ने अशोक को इलाज के लिए नजदीक के निजी अस्पताल में भर्ती कराते हुए परिवार वालो को खबर दी थी। अंशुल की शिकायत पर पुलिस ने बस चालक के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर लिया है। वहीं मूलत राहतगढ़ जिला सागर का रहने वाला 23 वर्षीय देवेंद्र लोधी इन दिनो कल्याण नगर छोला मंदिर में रहते हुए निजी काम करता है। शाम करीब 7 बजे वह अपनी बाइक से कल्याण नगर से डीमार्ट अयोध्या नगर जा रहा था। भानपुर ब्रिज के पास पीछे से आ रहे तेज रफ्तार ट्रक चालक ने लापरवाही पूर्वक वाहन चलाते हुए उसकी बाइक को अपनी चपेट में ले लिया। घटना में चलती बाइक सहित सड़क पर गिरकर घायल हो गया। बाद में उसकी शिकायत पर पुलिस ने ट्रक चालक के खिलाफ मामला दर्ज कर आगे की कार्यवाही शुरु कर दी है।
पार्टी से लौट रहे दोस्त सड़क किनारे कर रहे थे लघुशंका, कार ने मारी टक्कर एक की मौत
26 Nov, 2023 08:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल। राजधानी के एमपी नगर थाना इलाके में बाइक खड़ी कर सड़क किनारे लघुशंका कर रहे दो दोस्तों को तेज रफ्तार कार ने जोरदार टक्कर मार दी। घटना में एक युवक की मौत हो गई वहीं उसके दोस्त को प्राथमिक उपचार के बाद डिस्चार्ज कर दिया गया। हादसा गुरुवार की देर रात मैंदामिल के पास का है, दोनो दोस्त पार्टी कर बाइक से लौट रहे थे।
मिली जानकारी के अनुसार मैदामील रोड राजीव नगर में रहने वाले 50 वर्षीय बल्ली शाक्य ड्राइवरी करते थे। उनके परिवार में पत्नि सहित 16 साल की भारती और 18 वर्ष की सौम्या नामक दो बेटियॉ है। गुरुवार देर रात बल्ली अपने दोस्त दिंकू के साथ पार्टी कर घर लौट रहे थे। घर के करीब ही मैदा मिल के पास स्टेट आईटी सेंटर पहुंचने पर उन्होनें लघुशंका के लिये बाइक रोकी। दोनों सड़क किनारे पेशाब कर रहे थे, उसी समय तेज स्पीड से आई एक अज्ञात कार ने बल्ली और दिंकू को जोरदार टक्कर मारते हुए भाग गया। घटना में बल्ली के सिर सहित शरीर के अन्य हिस्सो में घातक चोंटे आई थी, जबिक दिंकू मामूली रुप से घायल हुआ था। मौके पर मौजूद लोगो ने उन्हें पहचानते हुए इसकी सूचना परिवार वालो को दी। परिजन तत्काल ही घटनास्थल पर पहुचें और दोनो को इलाज के लिये जेपी अस्पताल पहुंचाया। वहां दिंकू को प्राथमिक इलाज के बाद छुट्टी दे दी गई, जबकि बल्ली की नाजूक हालत को देखते हुए उसे इलाज के लिये हमीदिया अस्पताल भेजा गया। हमीदिया में इलाज के दौरान उनकी हालत लगातार नाजूक होती गई, आखिरकार एक दिन चले इलाज के बाद बीती अलसुबह उनकी मौत हो गई। सूचना मिलने पर पहुंची पुलिस ने मर्ग कायम कर शव को पीएम के बाद परिवार वालो को सौंप दिया। पुलिस टक्कर मारकर फरार कार चालक की तलाश कर रही है।
कांग्रेस उम्मीदवारों और उनके एजेंटों को समझाए जाएंगे मतगणना के नियम
25 Nov, 2023 08:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल। विधानसभा चुनाव की 3 दिसंबर को होने वाली मतगणना के दिन कांग्रेस उम्मीदवार और उनके एजेंट पूरी तरह से मुस्तैद रहेंगे। कहीं भी गड़बड़ी की आशंका होने पर तुरंत इसकी शिकायत संबंधित अधिकारियों को की जाएगी। साथ ही कांग्रेस के बड़े पदाधिकारियों को भी सूचित किया जाएगा। मतगणना संबंधी नियम-प्रक्रियाओं की जानकारी देने के लिए रविवार को पार्टी प्रदेश कार्यालय में प्रशिक्षण सत्र आयोजित किया गया है। इसमें कांग्रेस के सारे उम्मीदवार और पोलिंग एजेंट उपस्थित रहेंगे। चुनाव संबंधी कार्यों के प्रभारी जेपी धनोपिया और पूर्व महाधिवक्ता शशांक शेखर मतगणना से जुड़ी प्रक्रियाओं और कानूनी पहलुओं की जानकारी देंगे। इसमें प्रत्येक मतगणना चक्र के बाद सत्यापित प्रतिलिपि लेने, मतदान और मतगणना के मतों की संख्या का मिलान करने और वीवीपैट की पर्ची का ईवीएम में दर्ज मतों में मिलान करने, डाक मतपत्रों की गिनती पर ध्यान देने और थोड़ी भी शंका होने पर तत्काल उसकी लिखित में शिकायत करने सहित अन्य विषयों की जानकारी दी जाएगी। प्रशिक्षण संभागवार होगा। कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष जेपी धनोपिया ने बताया कि वर्ष 2018 के चुनाव में भी उम्मीदवार और एजेंटों को प्रशिक्षण दिया गया था। इस बार प्रशिक्षण में कुछ और बातें शामिल की गई हैं, जिससे छोटी गड़बड़ी भी पकड़ी जा सके और उसका निपटारा किया जा सके।
बसपा और जीजीपी ने डराया भाजपा-कांग्रेस को
25 Nov, 2023 06:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव 2018 के चुनाव परिणामों पर नजर डालें तो 10 हजार से कम वोट के अंतर वाली ऐसी करीब 90 सीटें हैं, जहां बहुजन समाजवादी पार्टी और गोणवाना गणतंत्र पार्टी के उम्मीदवारों ने बीजेपी कांग्रेस का गणित बिगाड़ दिया था। बीएसपी और जीजीपी उम्मीदवार एक बड़ा वोट बैंक लेकर भले ही तीसरे नंबर रहे थे, लेकिन इसका सीधा असर बीजेपी कांग्रेस की जीत पर पड़ा था। इतना ही नहीं कुछ सीटों पर बीएसपी और जीजीपी उम्मीदवारों का पावर इतना था कि ये सेकंड पोजिशन पर रहे थे। इसके साथ ही कुछ सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवारों का असर भी देखने को मिला था। इक्का दुक्का सीटों पर एसपी और आप ने बड़ा वोट बैंक हासिल किया था।
यहां दिखा बीएसपी का असर
ग्वालियर चंबल से लेकर विंध्य तक बीएसपी का असर दिखाई दिया था। बुंदेलखंड की कुछ सीटों पर भी बीएसपी ने अच्छा प्रदर्शन किया था। ग्वालियर बेल्ट पर सबलगढ़, अटेर, लहरा, ग्वालियर ग्रामीण, पोहरी, पिछोर, कोलारस, चंदेरी, मुंगावली ऐसी सीटें जहां बीएसपी ने तीसरे और दूसरे नंबर पर रह कर हार के अंतर से वोट हासिल किया था। इसके साथ ही बुंदेलखंड के टीकमगढ़, चंदला, राजनगर, छतरपुर विंध्य के अमरपाटन, त्यौंथर, गुन्नौर, माहूगंज, देवतालाब, चुरहट सीट पर भी बीएसपी ने अपना दम दिखाया था। इनके साथ ही सिहोरा, सांवेर और भोपाल दक्षिण पर भी इनका प्रभाव दिखाई दिया था।
इन सीटों पर जीजीपी का असर
गोंडवाना गणतंत्र पार्टी की बात करें तो विंध्य और महाकौशल में इस पार्टी ने बेहतर प्रदर्शन करके बीजेपी कांग्रेस के प्रत्याशियों को परेशानी में डाल दिया था। जीजीपी ने मैहर, देवरी, जैतपुर, कोतमा, बांधवगढ़, बरघाट, केवलारी, टिमरनी, खातेगांव, मांधाता, में जबरदस्त प्रदर्शन किया था। जीजीपी यहां तीसरे नंबर रही थी।
एसपी और आप
विंध्य के गुढ़ और सिंगरोली में समाजवादी पार्टी और आप का अच्छा प्रभाव देखने को मिला था। गुढ़ में समाजवादी पार्टी सेकंड पोजिशन पर रही थी। वहीं सिंगरोली में आप की उम्मीदवार रानी अग्रवाल ने तीसरे पायदान पर रहते हुए भी बड़ा वोट हासिल किया था। रानी को कांग्रेस लगभग बराबर ही वोट मिला था।
निर्दलीय उम्मीदवार
निर्दलीय उम्मीदवारों की बात करें तो ग्वालियर दक्षिण में समीक्षा गुप्ता ने 30 हजार वोट हासिल किए थे। जो जीत के अंतर से बहुत ज्यादा थे। कांग्रेस और बीजेपी में हार जीत का फैसला मात्र 24 वोटों से हुआ था, ऐसे में गुप्ता ने 30 हजार वोट प्राप्त किए थे। ऐसे ही नागोद में निर्दलीय ने 25 हजार, पथरिया में 27 हजार, जबेरा में 21 हजार अंबाहा में 29 हजार वोट प्राप्त किए थे।
बीजेपी-कांग्रेस के निशाने पर 15 कलेक्टर-एसपी
25 Nov, 2023 05:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव संपन्न होने के बाद राजनीतिक पार्टियों के पक्ष में काम करने कलेक्टर और एसपी सत्ताधारी बीजेपी और विपक्षी कांग्रेस के निशाने पर है। इनमें प्रदेश के 15 कलेक्टर और एसपी शामिल हैं जो पार्टियों के हिट लिस्ट में है। विधानसभा चुनाव में पक्षपात पूर्ण कार्रवाई करने के आरोप है। इनके खिलाफ चुनाव आयोग से शिकायत की गई है। अब तक 10 कलेक्टरों और 5 एसपी की शिकायत की जा चुकी है।
6 कलेक्टर और चार एसपी के खिलाफ वोटिंग से पहले ही दोनों पार्टी चुनाव आयोग पहुंची थी। 7 अधिकारियों के खिलाफ वोटिंग के दिन या बाद में शिकायत की गई है। बीजेपी ने ज्यादातर मामलों में अधिकारियों पर पक्षपातपूर्ण कार्रवाई और धीमे मतदान कराने का आरोप लगाया है। वहीं कांग्रेस भी वोटिंग से पहले कई जिलों के कलेक्टर एसपी पर भाजपा के पक्ष में काम करने का आरोप लगा चुकी है। प्रदेश के नरसिंहपुर, भिंड, रतलाम, छतरपुर कलेक्टर के खिलाफ भाजपा इलेक्शन कमीशन पहुंची है। कांग्रेस सागर, सीधी, सतना, दतिया, भिंड, अशोकनगर, पन्ना कलेक्टर की शिकायत लेकर पहुंची है। भिंड और नरसिंहपुर कलेक्टर से दोनों पार्टी नाराज है। निवाड़ी, छतरपुर एसपी पर भाजपा ने गलत कार्रवाई के आरोप लगाया है। कांग्रेस ने मुरैना, दतिया, जबलपुर एसपी के खिलाफ शिकायत की है।
दुनिया से दुबई के बड़े व्यवसाई डॉक्टर अबू अब्दुल्ला श्रद्धालु बाबा के दरबार में पहुंचे बागेश्वर धाम
25 Nov, 2023 01:44 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
ग्वालियर । छतरपुर जिले के बागेश्वर धाम की ख्याति अब देश दुनिया तक जा पहुंची है। बागेश्वर धाम के दर्शन के लिए देश दुनिया से श्रद्धालु बाबा के दरबार में आते रहे हैं। अब दुबई के बड़े व्यवसाई और दर्जनों कंपनियों के मालिक डॉक्टर अबू अब्दुल्ला बागेश्वर धाम पहुंचे। जहां उन्होंने बाबा के दर्शन कर पंडित धीरेंद्र शास्त्री जी से मुलाकात की। डॉक्टर अब्दुल्ला दिल्ली होते हुए खजुराहो के गड़ा गांव पहुंचे थे। इसे लेकर उन्होंने इंटरनेट मीडिया पर धीरेंद्र शास्त्री जी के साथ का फोटो भी प्रसारित की है जिसमें वह बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्री के साथ नजर आ रहे हैं। इस संबंध में बागेश्वर धाम से जुड़े प्रतिनिधियों ने बताया की डॉक्टर अबू अब्दुल्ला शुक्रवार को बागेश्वर धाम पहुंचे थे जहां उन्होंने बाबा के दर्शन किए और धीरेंद्र शास्त्री जी से मुलाकात की। डॉक्टर अब्दुल्ला धीरेंद्र शास्त्री जी के लंबे समय से मुरीद हो गए हैं जिनकी कथाएं वह इंटरनेट मीडिया पर सुनते रहे हैं। अब आशीर्वाद पाने के लिए दुबई से गड़ा गांव तक आ पहुंचे। जहां उन्होंने उनके दर्शन किए।
नरेंद्र सिंह व ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ अजब संयोग,तोमर दो बार और सिंधिया कभी खुद को नहीं दे पाए वोट
25 Nov, 2023 12:50 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
ग्वालियर । यह संयोग मात्र है कि केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को दो बार और एक केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को स्वयं के लिए एक भी बार वोट डालने का मौका नहीं मिला है। इस मूल कारण है कि सिंधिया ने अभी तक एक भी बार ग्वालियर संसदीय क्षेत्र से कोई चुनाव नहीं लड़ा है। नरेंद्र सिंह तोमर ग्वालियर विधानसभा के साथ-साथ ग्वालियर संसदीय क्षेत्र व मुरार-श्योपुर संसदीय क्षेत्र लोकसभा चुनाव लड़ चुके हैं। किंतु उनका वोट मुरार में हैं। हालांकि मतदान किस के पक्ष में किया यह गोपनीय व निजी मामला होता है। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का स्थायी पता जयविलास पैलेस है, जो ग्वालियर पूर्व विधानसभा क्षेत्र में हैं।उनका मतदान केंद्र अमूमन एएमआइ शिशु मंदिर रहता है। अभी तक केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया केवल गुना-शिवपुरी संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़े हैं, जबकि उनका नाम गुना-शिवपुरी संसदीय क्षेत्र की मतदाता की सूची में नहीं है। हालांकि उनकी पैतृक संपत्ति शिवपुरी व गुना में भी हैं। यही कारण है कि वे स्वयं के लिए अब तक मतदान नहीं कर पाए हैं।
नरेंद्र सिंह को दो बार मौका मिला
केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को स्वयं के लिए मतदान करने का दो बार मौका मिला है। पहला अवसर पार्षदी के चुनाव के समय मिला था और दूसरा अवसर पर ग्वालियर संसदीय क्षेत्र से लोकसभा का चुनाव लड़ने पर मिला था। नरेंद्र सिंह तोमर का स्थायी पता मुरार में हैं, जो कि ग्वालियर पूर्व विधानसभा क्षेत्र में स्थित है। उनका बारादरी पर स्थित सरकारी स्कूल के मतदान केंद्र की मतदाता सूची में उनका नाम हैं। नरेंद्र सिंह तोमर तीन बार विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं और तीनों विधानसभा क्षेत्र ग्वालियर विधानसभा क्षेत्र से लड़े हैं।
मालिनी गौड़ ने अपने पुत्र एकलव्य गौड़ के साथ पिछले दिनों भोपाल में मुख्यमंत्री शिवराज से उनके निवास पर मुलाकात की
25 Nov, 2023 12:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । मतदान समाप्त होने के बाद प्रत्याशियों का समाजजनों से लेकर जनप्रतिनिधियों से मुलाकात का सिलसिला जारी है। कुछ प्रत्याशी तीर्थयात्रा पर भी निकल गए है। प्रचार की थकान मिटने के बाद नेताओं की आपसी मुलाकातें होना आम बात है, पर इन दिनों इंदौर के राजनीतिक गलियारों में एक मुलाकात की खास चर्चा हो रही है। चार नंबर विधानसभा क्षेत्र से उम्मीदवार मालिनी गौड़ ने अपने पुत्र एकलव्य गौड़ के साथ पिछले दिनों भोपाल में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से उनके निवास पर मुलाकात की थी। अचानक हुई इस मुलाकात के कई मतलब निकाले जा रहे हैं। गौड़ परिवार भले ही इसे सामान्य शिष्टाचार मुलाकात बता रहा है, पर राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि सीएम ने गौड़ परिवार को मतदान वाले दिन हुए विवाद पर सफाई देने के लिए बुलाया था।
अभी से होने लगी बागियों की मान-मनौव्वल
प्रदेश में जैसे-जैसे मतगणना की तारीख नजदीक आती जा रही है, भाजपा और कांग्रेस के साथ ही आम आदमी भी जीत-हार का गणित लगा रहा है। इस बार प्रदेश में भाजपा और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर बताई जा रही है। ऐसे में सरकार बनाने के लिए अभी से दोनों पार्टियों ने जमावट करनी शुरू कर दी है। कांग्रेस-भाजपा की नजर ऐसे प्रत्याशियों पर है, जिन्होंने बागी होकर चुनाव लड़ा था और जिनकी जीतने की संभावना प्रबल बताई जा रही है। इस बार भाजपा और कांग्रेस से बगावत कर बसपा, निर्दलीय या अन्य दलों से करीब एक दर्जन से ज्यादा ऐसे प्रत्याशी मैदान में थे। इनमें से कई मजबूत मजबूत स्थिति में है, भाजपा-कांग्रेस के रणनीतिकारों ने अभी से इन नेताओं से संपर्क बनाना शुरू कर दिया है। वे उन्हें मंत्री पद से लेकर निगम-मंडलों में एडजस्ट करने तक के प्रलोभन दे रहे हैं।
क्या गुल खिलाएगी टिकट से वंचित विधायकों की मुलाकातें?
विधानसभा चुनाव में मतदान के बाद प्रत्याशियों का भाग्य ईवीएम में बंद हो चुका है। मतदान खत्म होते ही वे नेता सक्रिय हो गए है, जो इस चुनाव में टिकट से वंचित रह गए थे। विधानसभा चुनाव में बेटिकट हुए नेताओं ने एक-दूसरे से सामूहिक मुलाकातें शुरू कर दी है। मिशन का नेतृत्व खंडवा के विधायक देवेंद्र वर्मा कर रहे हैं। वर्मा ने पहले नेपानगर विधायक सुमित्रा कास्डेकर से उनके घर पहुंचकर मुलाकात की। इसके बाद बड़वाह जाकर पूर्व विधायक हितेंद्रसिंह सोलंकी से मुलाकात की। नेपानगर में कास्डेकर की जगह इस बार मंजू दादू को भाजपा ने उम्मीदवार बनाया है। बड़वाह में भी कांग्रेस छोड़कर आए सचिन बिरला को मैदान में उतारा गया है। चर्चा है कि वर्मा ने लोकसभा टिकट के लिए अभी से टीम बनाना शुरू कर दी है। जल्द ही ऐसी मुलाकातें मालवा के नेताओं के साथ भी होने जा रही है। इन मुलाकातों में उन्हें भाजपा से नाराज चल रहे नेताओं का भी साथ मिल रहा है।
राजगढ़ की पांचों विधानसभा सीटों में से सबसे पहले सारंगपुर विधानसभा का चुनाव परिणाम घोषित होगा
25 Nov, 2023 11:58 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
राजगढ़ । मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव संपन्न होने के बाद अब हर किसी की नजरें 3 दिसंबर को होने वाली मतगणना पर टिकी हुई है। ऐसे में मतगणना के दौरान जिले की पांचों विधानसभा सीटों में से सबसे पहले सारंगपुर विधानसभा का चुनाव परिणाम घोषित होगा, तो सबसे बाद में खिलचीपुर का चुनाव परिणाम घोषित हो सकेगा। बीच में शेष तीन विधानसभा क्षेत्रों के परिणाम घोषित होंगे। तीन दिसंबर को जिला मुख्यालय पर स्थित स्टेडियम के समीप नवीन कालेज भवन में पांचों विधानसभा क्षेत्रों के वोटों की गिनती की जाना है। इसके लिए सभी विधानसभा क्षेत्र के वोटों को 14-14 टेबलों पर राउंडवार गिना जाएगा। अलग-अलग विधानसभा क्षेत्र के लिए अलग-अलग राउंड रहेंगे। ऐसे में सबसे पहले सारंगपुर विधानसभा क्षेत्र की तस्वीर साफ होगी। सारंगपुर में राउंड सबसे कम 18 राउंड रहेंगे। 18 वें राउंड में भी 7 ईवीएम बचेंगी, जबकि सबसे अधिक राउंड खिलचीपुर व ब्यावरा विधानसभा क्षेत्र के लिए 21-21 रहेंगे। लेकिन 21 वें राउंड में ब्यावरा की सिर्फ 5 टेबलों पर गिनती बचेगी, तो खिलचीपुर की 11 टेबलों पर गणना बचेगी। ऐसे में सबसे अंत में खिलचीपुर का चुनाव परिणाम ही घोषित होना तय है।
राजगढ़ विधानसभा: 20 वे राउंड तक चलेगी गिनती
राजगढ़ विधानसभा क्षेत्र में कुल 278 मतदान केंद्र हैं। ऐसे में प्रत्येक राउंड में 14-14 मतदान केंद्र के वोटों को उन केंद्रों की ईवीएम मशीनों को लाकर गिना जाएगा। यह गिनती क्रमश: चलेगी। ऐसे में 19 राउंड में राजगढ़ विधानसभा क्षेत्र के 266 मतदान केंद्रों की गिनती हो सकेगी, जबकि 20 वें राउंड में शेष बचने वाले 12 मतदान केंद्रों की गिनती होगी। अंतिम राउंड में 13 व 14 नंबर की टेबलों को हटाकर 12 टेबलों पर 12 मशीनों के वोटों को गिना जाएगा।
ब्यावरा विधानसभा: 21 वे राउंड में होगी तस्वीर साफ
ब्यावरा विधानसभा क्षेत्र में कुल 285 मतदान केंद्र हैं। ऐसे में ब्यावरा के वोटों की गिनती के लिए भी 14 टेबलें लगाई जाएंगी। उन्हीं टेबलों पर मतदान केंद्र के हिसाब से क्रमश: मशीनों को लाकर वोटों की गणना की जाएगी। 20 वे राउंड तक 280 मतदान केंद्रों के वोटों की गिनती हो जाएगी। इसके बाद 5 ईवीएम शेष बचेंगी। अंतिम व 21 वें राउंड में सिर्फ 5 टेबलों को रखा जाएगा व 9 टेबलों को हटा दिया जाएगा। अंत में 5 मतदान केंद्रों की गिनती के साथ 21 वें राउंड में तस्वीर साफ हो सकेगी।
नरसिंहगढ़ विधानसभा: 20 वें राउंड तक चलेगी गिनती
नरसिंहगढ़ विधानसभा क्षेत्र में कुल 279 मतदान केंद्र हैं। यहां भी मतगणना के लिए 14 टेबलों को हाल में लगाया जाएगा। उन्हीं टेबलों पर मतदान केंद्रों के हिसाब से वोटों को गिना जाएगा। नरसिंहगढ़ में 19 वें राउंड तक सभी 14-14 टेबलों पर वोटों की गणना होगी। ऐसे में 19 राउंड तक 266 केंद्रों के वोट गिने जा सकेंगे। अंतिम 20 वे राउंड में 13 टेबलों पर शेष 13 केंद्रों की गिनती की जाएगी।
खिलचीपुर विधानसभा: 21 वें राउंड में 11 टेबलों पर होगी निगती
खिलचीपुर विधानसभा क्षेत्र में सबसे अधिक 291 मतदान केंद्र हैं। ऐसे में 20 वे राउंड तक 280 मतदान केंद्रों के वोटों की गणना हो सकेगी। इसके बाद इस क्षेत्र के 11 मतदान केंद्र बचेंगे। इन 11 केंद्रों के वोटों की गिनती अंतिम 21 वें राउंड में 11 टेबलों पर की जाएगी। अंतिम राउंड में 14 में से तीन टेबलों को हटाने के बाद 11 टेबलों पर वोट गिने जाएंगे।
सारंगपुर विधानसभा: 18 वे राउंड में आ जाएगा अंतिम परिणाम
सारंगपुर विधानसभा क्षेत्र में सबसे कम 245 मतदान केंद्र हैं। ऐसे में इस विधानसभा क्षेत्र के वोटों की गणना भी 14 टेबलों पर ही की जाएगी। यहां17 वें राउंड तक 238 मतदान केंद्रों के वोटों की गिनती कर ली जाएगी। अंतिम 18 वें राउंड में शेष 7 मतदान केंद्रों के वोटों को सात टेबलों पर गिना जाएगा। इसी के साथ जिले में सबसे पहले सारंगपुर विधानसभा क्षेत्र की हार-जीत का परिणाम सामने आ जाएगा।
जीतने वाले उम्मीदवारों की घेराबंदी शुरू, महाकौशल के एक पूर्व मंत्री और विधायक चर्चाओं में
25 Nov, 2023 11:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । 3 दिसंबर को मध्य प्रदेश में मतगणना शुरू होगी। 3 दिसंबर को परिणाम आएंगे। इसके पहले ही दोनों ही राजनीतिक दलों द्वारा स्पष्ट बहुमत नहीं मिलने की दशा में, उन विधायकों के ऊपर अपनी नज़रें गड़ा दी हैं। जो चुनाव परिणाम आने के बाद उन्हें समर्थन दे सकते हैं। इसके लिए निर्दलीय सपा बसपा उम्मीदवारों के साथ प्रलोभन और बातचीत का सिलसिला शुरू हो गया है।
आमतौर पर कहा जा रहा है, कि मध्य प्रदेश के चुनाव परिणामों को लेकर भारी कसम-कस कांग्रेस और भाजपा के बीच में है।शायद स्पष्ट बहुमत किसी को ना मिले।इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए महाकौशल क्षेत्र के एक विधायक जो अभी चुनाव लड़ रहे हैं। नई सरकार में वह मंत्री बनना चाहते हैं।वह अपने पाले में एक दर्जन से ज्यादा विधायकों को एकत्रित करने की कोशिश में लगे हुए हैं। इसके लिए वह लगातार उन उम्मीदवारों के संपर्क में है। जिनके चुनाव जीतने की संभावना बताई जा रही है। सपा, बसपा निर्दलीय तथा बागी उम्मीदवारों के साथ-साथ कांग्रेस पार्टी के भी कुछ विधायक उनके निशाने पर हैं। सभी राजनीतिक दलों के बीच लगातार ऐसे उम्मीदवार के बीच में संपर्क बना रहे हैं।जो समय पड़ने पर सरकार बनाने के लिए उनके साथ आकर खड़े हो जाएं। यह विधायक तोल मोल में बड़े माहिर माने जाते हैं।
माइनिंग से जुड़े कारोबारी विधायक की यह सक्रियता बड़ी चर्चाओं में है। माना जा रहा है कि सत्तारुण दल की ओर से उन्हें इस मामले में हरी झंडी मिली हुई है। इस बार स्पष्ट बहुमत को लेकर दोनों ही राजनीतिक दलों में उहापौह की स्थिति बनी हुई है। जो विधायक लगातार उम्मीदवारों से संपर्क में हैं। उनके भारतीय जनता पार्टी के साथ-साथ कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं से भी बहुत अच्छे संबंध हैं। ऊंट किसी भी करवट बैठे,वह इसमें अपना फायदा देख रहे हैं। यदि स्पष्ट बहुमत नहीं आया, तो उनको मंत्री पद पाने के लिए कोई संकट ना हो। इसके लिए वह पहले से ही अपने इंतजाम करके चल रहे हैं। विधायक जी की दूर दृष्टि और महत्वाकांक्षा को भी सभी जानते हैं। मां लक्ष्मी की उनके ऊपर कृपा भी है। देवउठनी ग्यारस के बाद अब भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी भी जागृत अवस्था में आ जाने से उनका आत्मविश्वास भी मंत्री पद के लिए बना हुआ है।
भाजपा बना रही भितरघातियों की कुंडली
25 Nov, 2023 10:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव की 3 दिसंबर को मतगणना के बाद यह स्पष्ट हो जाएगा कि आखिर प्रदेश में भाजपा-कांग्रेस में किस पार्टी की सरकार बन रही है। लेकिन इसके पहले भाजपा-कांग्रेस दोनों पार्टियां जीत और सरकार बनाने को लेकर सियासी माथापच्ची लगी हुई हंै। भाजपा ने जहां पांचवीं बार सत्ता में आने के लिए पूरा जोर लगाया है, तो कांग्रेस ने भाजपा को सत्ता से बाहर का रास्ता दिखाने में कोई कसर बाकी नहीं रखी है। हालांकि अभी चुनाव के नतीजे नहीं आए हैं, लेकिन भाजपा-कांग्रेस दोनों पार्टियों ने चुनाव के दौरान पार्टी को नुकसान पहुंचाने वालों की कुंडलियां तैयार करना शुरू कर दिया है।
हम बता दें कि भाजपा-कांग्रेस दोनों पार्टियां और उनके उम्मीदवार चुनाव के दौरान पूरे समय अपने-अपने नाराज नेताओं-कार्यकर्ताओं और भितरघातियों से जूझते नजर आए। चुनाव में कई पार्टी नेताओं-कार्यकर्ताओं ने खुलकर पार्टी विरोधी कार्य किया, तो कई पार्टी उम्मीदवारों को भीतर-भीतर ही कमजोर करने में जुटे रहे। हालांकि भाजपा संगठन और वरिष्ठ नेताओं ने नाराज नेताओं-कार्यकर्ताओं को साधने की हर संभव कोशिश की। लेकिन इसके बावजूद कई बगावती तेवर दिखाते हुए खुलकर मैदान में आ गए, तो कई नेता पार्टी में रहकर पार्टी के अधिकृत उम्मीदवार के साथ भितरघात करते रहे। हालांकि भाजपा ने चुनाव के दौरान संगठन विरोधी कामों में संलग्र रहे, ऐसे कई नेताओं-कार्यकर्ताओं को बाहर का रास्ता दिखा दिया है। तथा अब भितरघातियों की पड़ताल कर विधानसभावार सूची तैयार कराई जा रही है। भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता मिलन भार्गव कहते हैं कि पार्टी के अधिकृत उम्मीदवार चुनाव के दौरान भितरघात करने वाले नेता-कार्यकर्ताओं की जानकारी देंगे, तो उन पर कार्रवाई की जाएगी। इसी तरह से कांग्रेस में भी चुनाव के दौरान पार्टी विरोधियों में संलग्र नेताओं-कार्यकर्ताओं की सूची बनाई जा रही है। इसके साथ कांग्रेस में खुलकर सामने आए विरोधियों की जानकारी कांग्रेस हाईकमान को पहुंचा दी गई है। अब पार्टी में भितरघातियों का पता लगाया जा रहा है। कांग्रेस सूत्रों के अनुसार 3 दिसंबर की मतगणना के बाद पार्टी इन भितरघातियों के खिलाफ एक्शन ले सकती है।
कांग्रेस को ईवीएम की सरकारी सुरक्षा पर भरोसा नहीं
25 Nov, 2023 09:36 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
स्ट्रॉन्ग रूम के बाहर 24 घंटे पहरा दे रहे कांग्रेस उम्मीदवार के एजेंट
भोपाल । राजधानी सहित पूरे प्रदेश में 17 नवंबर को मतदान के बाद ईवीएम स्ट्रॉन्ग रूम में थ्री लेयर सिक्योरिटी में रखी गई हैं। इसके बाद भी भाजपा-कांग्रेस को गड़बड़ी की आशंका है। यही वजह है कि दोनों ने निगरानी के लिए अपने एजेंट तैनात कर रखे हैं। ज्यादातर स्ट्रॉन्ग रूम के बाहर कांग्रेस के कार्यकर्ता पहरा दे रहे हैं। खंडवा में एक कांग्रेस प्रत्याशी ने सिक्योरिटी गार्ड हायर कर तैनात किए हैं।
भोपाल, ग्वालियर के स्ट्रॉन्ग रूम के बाहर कांग्रेस के साथ भाजपा के एजेंट्स भी हैं। इधर, मुरैना में कांग्रेस और बसपा के कार्यकर्ता चौकीदारी कर रहे हैं। भाजपा ने यहां कोई एजेंट तैनात नहीं किया है। प्रदेश के 52 जिलों में बनाए गए स्ट्रॉन्ग रूम के बाहर होम गार्ड, एमपी पुलिस और चारों तरफ पैरामिलिट्री फोर्स यानी सीआईएसएफ (सेंट्रल इंडस्ट्रियल सिक्योरिटी फोर्स) तैनात हैं।
भोपाल की पुरानी जेल में जिस जगह स्ट्रॉन्ग रूम है, ठीक उसके बाहर सभी उम्मीदवार के एजेंट बारी-बारी से मोर्चा संभाले हुए हैं। कांग्रेस के साथ भाजपा ने भी अपने एजेंट तैनात कर रखे हैं। वे सीसीटीवी कैमरों की लाइव फीड ले रहे हैं। इसके लिए स्ट्रॉन्ग रूम के बाहर 16 एलईडी लगाई गई हैं। कुछ एलईडी में पूरे जेल की लाइव फीड मिल रही है।
पूर्व मंत्री पीसी शर्मा का विवादित बयान- ईडी के डर से वर्ल्ड कप में हारी इंडिया टीम
25 Nov, 2023 08:34 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल। भारतीय क्रिकेट टीम के वर्ल्ड कप में हारने पर सामने आए राहुल गांधी के पनौती वाले बयान पर प्रदेश में सियासत गर्माती जा रही है। पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने इस पर एक विवादित बयान दिया है। उनका कहना है कि भारतीय टीम के खिलाड़ियों को ईडी के छापे का डर था, जिसके के कारण वे मानसिक दवाब में थे। इसीलिए वे फाइनल मैच हार गए। बता दें ऑस्ट्रेलिया के साथ हुए वर्ल्ड कप के फाइनल मुकाबले में इंडियन टीम को हार का सामना करना पड़ा था इसके बाद से राहुल गांधी का पनौती वाला बयान सोशल मीडिया पर ट्रेंड का रहा था।
पीसी शर्मा ने कहा कि बयान में राहुल गांधी ने किसी का नाम नहीं लिया। मैच हारने के पीछे कहीं ना कहीं देश के बड़े नेता जिम्मेदार हैं। उन्होंने कहा कि जब देश के पीएम, गृहमंत्री आपके सामने रहते हैं,तो खिलाड़ियों पर मानसिक दबाव रहता है। गुरुवार को टी 20 मैच था उसमें कोई बड़ा नेता नहीं था इसलिए हम जीत गए क्योंकि कोई दबाव नहीं था। शर्मा ने कहा कि चुनाव आयोग ने नोटिस सरकार के दबाव में दिया है।
हम बता दें कि पीसी शर्मा कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं में से हैं। मध्यप्रदेश की कमलनाथ सरकार में वे जनसंपर्क मंत्री भी रहे हैं। विधानसभा चुनाव 2023 में कांग्रेस ने उन्हें भोपाल की दक्षिण पश्चिम विधान सभा सीट से मैदान में उतारा है। शर्मा पूर्व में भी अपने बयानों के कारण चर्चा में रहे हैं।
अरब सागर से आ रही नमी से बदलेगा मौसम का मिजाज, रविवार को भोपाल, इंदौर, नर्मदापुरम संभाग में बारिश की संभावना
24 Nov, 2023 11:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । उत्तर भारत में सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ कमजोर पड़कर आगे बढ़ गया है। इसके साथ ही अरब सागर में हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात बन गया है। अब इसी मौसम प्रणाली के असर से शनिवार से प्रदेश में कहीं-कहीं बादल छाने लगेंगे। साथ ही इंदौर संभाग के जिलों में गरज-चमक के साथ बौछारें पड़ सकती हैं। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक, रविवार को भोपाल, इंदौर, नर्मदापुरम संभाग के जिलों में वर्षा होने की संभावना है। इस दौरान इंदौर संभाग के जिलों में कहीं-कहीं ओले भी गिर सकते हैं।
ग्वालियर में सबसे कम तापमान
उधर, शुक्रवार को प्रदेश में सबसे कम 10.5 डिग्री सेल्सियस तापमान ग्वालियर में दर्ज किया गया। दतिया में रात का तापमान 11 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड हुआ। हिल स्टेशन पचमढ़ी में न्यूनतम तापमान 11.2 डिग्री सेल्सियस पर रहा। प्रदेश के 21 शहरों में तापमान 15 डिग्री सेल्सियस से कम रहा।
मौसम विज्ञान केंद्र के विज्ञानी प्रकाश ढवले ने बताया कि अरब सागर से नमी मिलने के कारण शनिवार शाम से ही दक्षिण-पश्चिम मध्य प्रदेश में बादल छाने लगेंगे। खंडवा, खरगोन में कहीं-कहीं हल्की वर्षा भी हो सकती है। बादलों के कारण दिन के तापमान में गिरावट होगी, जबकि रात के तापमान में कुछ बढ़ोतरी होने लगेगी।
रविवार को हो सकती बारिश
पूर्व वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि अरब सागर में हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात बन गया है। इस चक्रवात से लेकर उत्तर महाराष्ट्र तक एक द्रोणिका बन गई है। इन दो मौसम प्रणालियों के असर से शनिवार से प्रदेश में मौसम का मिजाज बदलने लगेगा। रविवार को भोपाल, इंदौर, नर्मदापुरम संभाग के जिलों में झमाझम बारिश हो सकती है। मौसम साफ होने के बाद 29 नवंबर से रात के तापमान में फिर गिरावट शुरू होने की संभावना है।
सरसों पर कीटों का कहर
24 Nov, 2023 10:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । करीब तीन दशक पहले डकैतों के लिए मशहूर चंबल घाटी में सरसों की फसल के पीले फूलों ने इन दिनों रौनक बिखेर दी है। सरसों के पीले फूलों से चारों ओर खड़ी फसल को देख ऐसा लगता है कि मानो इन दिनों चंबल ने पीली चादर ओढ़ ली हो। लेकिन सरसों पर ‘कटा’ कीट कहर बनकर टूटने लग हैं। इससे किसानों की चिंता बढ़ गई है। कृषि विभाग के अनुसार रबी सीजन में सरसों के गढ़ ग्वालियर-चंबल से लेकर मध्य क्षेत्र, निमाड़, महाकोशल के आंशिक रकबे वाले जिलों तक कहर बनकर टूटे कीड़ों ‘कटा’ ने अन्नदाता की कमर तोड़ दी है। हालात इतने गंभीर हैं कि कई एकड़ में पहली बुवाई की सरसों फसल नष्ट हो चुकी। यह सरसों जाति की फसलों का सबसे बड़ा शत्रु है। प्रकोप नवंबर के आखिरी सप्ताह में शुरू होता है। फसल पर फूल बनने शुरू होते हैं मार्च तक बना रहता है।
गौरतलब है कि रबी की कई फसलेें ऐसी होती हैं जिन पर कीटों का सबसे अधिक खतरा रहता है। सरसों की फसल में ‘कटा’ का आक्रमण होने की संभावना ज्यादा रहती है। इस कीट की इल्लियां पत्तियों की नसों को छोडक़र शेष सारी पत्ती को खा जाती हैं, जिसके कारण भोजन निर्माण प्रक्रिया प्रभावित होती है और पौधा सूखने लगता है। इस बार प्रदेश में सरसों पर इस कीट का आक्रमण ऐसा हुआ है कि किसान परेशान हो गए हैं। कईयों की पूरी खेती बर्बाद हो गई है। ऐसे में किसानों को दूसरी बार बोवनी के लिए बीज, जुताई और पलेवा की व्यवस्था करनी पड़ रही है। सरसों की बुवाई लेट हो चली है तो रही-सही कसर खाद की किल्लत ने पूरी कर दी है।
दोबारा बुवाई ने बढ़ाया आर्थिक बोझ
कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि मिट्टी में नमी कम है। बुवाई के साथ सिंचाई पर ध्यान न दिया जाए तो इस तरह के कीट पत्तियां खाकर पौधे को नष्ट कर देते हैं। ग्वालियर-चंबल में मालवा, महाकोशल और मध्य क्षेत्र की तरह बड़े-बड़े रकबे वाले किसान नहीं हैं। यहां औसतन किसानों के पास 5 से 25 बीघा से ज्यादा भूमि नहीं है। किसानों को पहली सरसों की फसल नष्ट होने और दोबारा बुवाई करने के कारण बड़ा आर्थिक बोझ उठाना पड़ा है। मप्र में कभी ग्वालियर संभाग के ग्वालियर, दतिया, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर तो चंबल के श्योपुर, मुरैना और भिण्ड तक सरसों की खेती का साम्राज्य माना जाता था। पिछले दो दशकों के दरमियान सरसों की खेती का रकबा दूसरे जिलों तक फैल गया है। नर्मदापुरम संभाग के नर्मदपुरम, हरदा, महाकोशल के नरसिंहपुर, बीना तो निमाड़ के खण्डवा में इसकी खेती होने लगी है। ग्वालियर जिले में मुरार और घांटीगांव मुख्य रूप से सरसों का क्षेत्र है, वहां भिण्ड जैसे ही हालात हैं। इस क्षेत्र के डबरा, भितरवार और घाटीगांव में धान होती है, जिसकी देर से कटाई होने से अब गेहूं की बुवाई वहां होगी। इसके लिए डीएपी, एनपीके और यूरिया भी नहीं मिल रही है। श्योपुर जिले में नहर से पानी मिल गया था तो उसके कारण सरसों की फसल ‘कटा’ के प्रकोप से बच गई। शिवपुरी और दतिया जिले में रबी के सीजन में गेहूं और गन्ने की फसल ली जाती है, इसलिए वे इलाके भी कीट के प्रकोप से बच गए। भिण्ड में बारिश होने के कारण जल्दी बुवाई कर दी थी, इसका नुकसान ये हुआ कि पूरे बेल्ट में कीड़े (कटा) ने सरसों बर्बाद कर दी। अब दोबारा पलेवा करके बुवाई करनी पड़ रही है। मुरैना के अंतर्गत आने वाले सबलगढ़, जौरा, कैलारस, अम्बाह, पोरसा में कीड़े लगे थे, इनमें से जिन किसानों ने पलेवा करके पानी दे दिया, जिससे कुछ हद तक फसल बच गई। वहीं मुरैना के कुछ हिस्सों में बारिश हो गई तो भी राहत रही। चंबल की नहर के किनारे के सिकरवारी पट्टी वाले ग्रामीण क्षेत्रों में नहर का पानी लेट हो जाने से अभी तक बुवाई नहीं हो पाई है।
किसानों को लाखों का नुकसान
‘कटा’ के कारण सरसों की फसल बर्बाद होने से किसानों को लाखों रूपए की चपत लगी है। 1 एकड़ में सरसों का डेढ़ किग्रा बीज लगता है, जिसकी कीमत 1000 से 1200 रुपए है। इस हिसाब से 25 एकड़ के लिए औसतन 50 हजार रुपए के बीज का नुकसान हुआ। फिर हर किसान के पास ट्रैक्टर नहीं है। किराए पर लिए गए ट्रैक्टर के लिए 300 रुपए प्रति बीघा की दर (एक एकड़ में 600 रुपए) बैठते हैं। इस तरह कुल 7 हजार 200 रुपए जुताई में लगते हैं। डीएपी हर दो बीघा पर एक कट्टा 50 किलो का डलता है, जिसकी सरकारी कीमत 1350 रुपए है। चूंकि अभी सरकारी में आपूर्ति न के बराबर है, अत: प्राइवेट में इसे 1500 रुपए तक पर खरीदना पड़ रहा है। 10 कट्टे भी अगर 25 बीघा में लगे तो 13 हजार 500 रुपए हुए, हालांकि राहत की बात ये कि एक बार छिडक़ाव के बाद दूसरी बार की बुवाई में इसको नहीं डालेंगे तो काम चल जाएगा। किसानों का कहना है कि कीट ने उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। जिन फसलों पर कीट का प्रकोप है, उसे बचाने के लिए हर सात से आठ दिन पर कीटनाशक का छिडक़ाव करना पड़ रहा है। परेशानी यह कि नियमित अंतराल पर कम से कम एक माह तक दवा का छिडक़ाव करना पड़ेगा। तभी, सरसों की उपज मिलने की उम्मीद है।