विदेश (ऑर्काइव)
नॉर्थ कोरियाई सेना ने साउथ कोरिया में परमाणु युद्धाभ्यास किया
1 Sep, 2023 10:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
प्योंगयांग । नॉर्थ कोरिया ने साउथ कोरिया के क्षेत्र में परमाणु हमले का अभ्यास किया। इसके लिए उन्होंने समुद्री इलाके में 2 कम दूरी वाली बैलिस्टिक मिसाइलों की भी टेस्टिंग की। ये ड्रिल साउथ कोरिया के कमांड सेंटर्स और एयरफील्ड्स में की गई। युद्धाभ्यास अमेरिका और साउथ कोरिया के युद्धाभ्यास को देखते हुए किया गया।
नॉर्थ कोरिया ने आरोप लगाया कि अमेरिका इन एक्सरसाइज के जरिए उन पर परमाणु हमले की तैयारी कर रहा है। नॉर्थ कोरिया जंग की स्थिति में किसी भी हमले का जवाब देने के लिए तैयार है। अगर साउथ कोरिया की तरफ से अटैक किया गया तो तानाशाह परमाणु हथियारों के जरिए इसका जवाब देंगे और जरूरत पडऩे पर उनके देश पर भी कब्जा कर लेंगे।
टैक्टिकल न्यूक्लियर हथियारों से युद्धाभ्यास
नॉर्थ कोरिया की सेना कोरियन पीपुल्स आर्मी ने टैक्टिकल न्यूक्लियर हथियारों से हमले का अभ्यास किया। नॉर्थ कोरिया की मिलिट्री ड्रिल के बाद साउथ कोरिया के राष्ट्रपति कार्यालय ने देर रात एक सिक्योरिटी मीटिंग बुलाई। ड्रिल को लेकर जापान के पीएम किशिदा ने कहा- इस तरह की एक्सरसाइज न केवल जापान बल्कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय और पूरे क्षेत्र के लिए खतरा है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। नॉर्थ कोरिया ने ये ड्रिल ऐसे समय में की गई जब हाल ही में अमेरिका और साउथ कोरिया ने 11 दिन की जॉइंट मिलिट्री एक्सरसाइज की।
हमले से रक्षा के लिए तैयार रहे सेना
इससे पहले 29 अगस्त को नॉर्थ कोरिया ने अपना नेवी डे मनाया था। इस दौरान तानाशाह किम जोंग ने अपनी सेना को हमले की स्थिति में देश की रक्षा करने के लिए तैयार रहने को कहा था। किम ने अमेरिका पर कोरियन पेनिनसुला के जलक्षेत्र में अस्थिरता बढ़ाने का आरोप लगाया था। साथ ही तानाशाह ने परमाणु हमले का भी खतरा बताया था। नॉर्थ कोरिया में नेवी डे के मौके पर भाषण देते हुए किम जोंग ने कहा था- अमेरिका, जापान और साउथ कोरिया के गैंग ने रेगुलर जॉइंट मिलिट्री एक्सरसाइज की घोषणा की है।
जल्द पाकिस्तान छोड़ सकते हैं इमरान
1 Sep, 2023 09:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
इस्लामाबाद। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान इस वक्त जेल में हैं। द डेली पाकिस्तान की रिपोर्ट के मुताबिक खान और फौज के बीच एक डील के लिए बातचीत चल रही है। इसके तहत खान जेल से रिहा हो सकते हैं और इसके बाद पाकिस्तान और पॉलिटिक्स दोनों छोड़ सकते हैं।
कहा जा रहा है कि पिछले दिनों इमरान की दोनों बहनों और पत्नी बुशरा ने अटक जेल में इमरान से मुलाकात के दौरान उन्हें एक मैसेज दिया। यह मैसेज एक दोस्त का था। ये दोस्त ब्रिटेन की एक ताकतवर शख्सियत है। इमरान को सरकारी खजाने (तोशाखाना) के तोहफे बेचने का दोषी पाया गया था। 5 अगस्त से वो जेल में हैं। इस केस में उन्हें जमानत मिली तो सीक्रेट लेटर चोरी केस (साइफर गेट मामला) में रिमांड पर भेज दिया गया।
अमेरिका में चक्रवात का कहर
1 Sep, 2023 08:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
फ्लोरिडा। अमेरिका के 4 राज्यों में इडालिया चक्रवात कहर बरपा रहा है। बुधवार को फ्लोरिडा के बिग बेंड में लैंडफॉल के बाद इस तूफान की वजह से अब तक 2 लोगों की मौत हो गई है। ये तूफान फ्लोरिडा के बाद जॉर्जिया, नॉर्थ कैरोलिना और साउथ कैरोलिना की तरफ बढ़ चुका है। इसकी वजह से जॉर्जिया और फ्लोरिडा में करीब साढ़े 4 लाख लोगों के घरों में बिजली नहीं है। इडालिया तूफान की वजह से करीब 900 फ्लाइट्स कैंसिल हो चुकी हैं। लैंडफॉल के वक्त चक्रवात कैटेगरी 4 से कैटेगरी 3 में आ चुका था। इसकी वजह से हवा की रफ्तार 200 किमी/घंटा रिकॉर्ड की गई। मौसम विभाग से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक, इडालिया फ्लोरिडा के 100 साल के इतिहास का सबसे भयानक तूफान है। तूफान को देखते हुए चारों राज्यों में इमरजेंसी लगा दी गई है।
भारत की मदद से फ्रांस ने लिया अल्जीरिया से बदला, ब्रिक्स से किया बाहर
31 Aug, 2023 12:36 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
पेरिस । भारत ने अपने वीटो पॉवर का उपयोग करके अल्जीरिया को ब्रिक्स में शामिल होने से रोक दिया। इससे चीन का दांव फेल हो गया वहीं फ्रांस को भारत का साथ मिल गया। भारत और फ्रांस, अब दोनों देश एक मजबूत गठबंधन के तौर पर उभर रहे हैं। दोनों देशों की दोस्ती दिन पर दिन और गहरी होती जा रही है। इस दोस्ती का नमूना ब्रिक्स सम्मेलन में भी देखने को मिला। फ्रांस यूं तो इस संगठन का सदस्य नहीं है लेकिन इसका असर दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में भी महसूस किया गया। यहां पर भारत ने अपनी दोस्ती की मिसाल पेश की और अल्जीरिया की एंट्री को ब्लॉक कर दिया। एशिया की राजनीति पर नजर रखने वाले मीडिया की एक रिपोर्ट पर अगर यकीन करें तो फ्रांस के अनुरोध पर भारत ने उत्तरी अफ्रीकी देश अल्जीरिया के खिलाफ अपनी वीटो पावर का प्रयोग किया। ऐसे में अल्जीरिया को संगठन में शामिल नहीं किया जा सका। अल्जीरिया पिछले काफी समय से ब्रिक्स में शामिल होने का इंतजार कर रहा था।
मिली जानकारी के अनुसार फ्रांस की इंटेलीजेंस एजेंसी ने ब्रिक्स सम्मेलन से पहले अपने भारतीय समकक्षों से संपर्क किया था। फ्रांस ने भारत से अल्जीरिया के संगठन में प्रवेश को रोकने की रिक्वेस्ट की थी। उसका मदद इस कदम का मकसद सहेल क्षेत्र में अल्जीरिया के बढ़ते प्रभाव को रोकना था। साथ ही चीन और अल्जीरिया के बीच भी संबंध मजबूत हो रहे हैं। फ्रांस नहीं चाहता था कि उसकी कीमत पर अल्जीरिया, अपने क्षेत्र में चीन को मजबूत करे। इस कदम को फ्रांस का अल्जीरिया से लिया हुआ एक तरह का बदला करार दिया जा रहा है। पेरिस और अल्जीरिया के बीच नाइजर में तख्तापलट के बाद से तनाव बढ़ गया है। नाइजर में हुआ तख्तापलट सहेल क्षेत्र में पश्चिम विरोधी आंदोलन का ताजा उदाहरण है। तब से, अल्जीरिया ने नाइजर में इकोवास के सैन्य अभियान का विरोध किया है।
उसने संकट के शांतिपूर्ण समाधान में बातचीत की भूमिका पर जोर दिया है। इसके अलावा उसने फ्रांस के सैन्य विमानों को अल्जीरियाई हवाई क्षेत्र में उड़ने की अनुमति नहीं दी है। फ्रांस की इस साजिश का खुलासा दक्षिण अफ्रीका में शिखर सम्मेलन में हुआ। एम रिपोर्ट के अनुसार भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैंक्रो के अनुरोध में एक मौका देखा। बताया जा रहा है कि अधिकारियों को पश्चिमी मदद की पेशकश की गई थी ताकि फ्रांस के पूर्व उपनिवेशों के तौर पर छोड़ी गई इन जगहों में भारत अपने प्रभाव को बढ़ा सकें। फ्रांस ने दशकों से भारत की सरकारों के साथ संबंध मजबूत रखे हैं।
अरेस्ट वारंट जारी होने के बाद इस देश में कदम रखने को तैयार हुए पुतिन
31 Aug, 2023 11:35 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मॉस्को । यूक्रेन के खिलाफ जंग छेड़ने के बाद रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी हुआ हैं। अरेस्ट वारंट जारी होने के बाद वह पहली बार रूस से बाहर कदम रखने वाले हैं। हालांकि पुतिन जी20 शिखर सम्मेलन में शिरकत करने भारत नहीं आ रहे हैं। अरेस्ट वारंट जारी के बाद पुतिन अक्टूबर में चीन की अपनी पहली विदेश यात्रा करने पर सहमत हो गए हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि पुतिन इस साल के अंत में बेल्ट एंड रोड फोरम के लिए चीन में कदम रखने के लिए तैयार हैं। एक सूत्र के हवाले से कहा गया हैं कि रूसी राष्ट्रपति द्वारा सम्मेलन में भाग लेने के लिए चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के निमंत्रण को स्वीकार करने के बाद क्रेमलिन पुतिन की चीन यात्रा की तैयारी कर रहा है।
बता दें कि हेग की अंतरराष्ट्रीय अदालत द्वारा वारंट की घोषणा के बाद से पुतिन ने रूसी अंतरराष्ट्रीय सीमाओं को पार नहीं किया है। पिछले दिनों, पुतिन दक्षिण अफ्रीका में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भी शामिल नहीं हुए थे, क्योंकि कोपेनहेगन में स्थानीय सरकार ने कहा था कि वह अंतरराष्ट्रीय अदालत में हस्ताक्षरकर्ता के रूप में उन्हें गिरफ्तार करने के आईसीसी के आदेश का पालन करेगी।
वहीं पुतिन ने सितंबर में नई दिल्ली में होने वाले आगामी जी20 शिखर सम्मेलन से भी खुद को अलग कर लिया है, हालांकि भारत आईसीसी पर हस्ताक्षरकर्ता नहीं है। फरवरी 2022 में युद्ध शुरू होने के बाद से पुतिन ने केवल पड़ोसी पूर्व सोवियत संघ देशों और ईरान की यात्रा की है। सूत्र ने बताया कि पुतिन केवल उन देशों का दौरा करने के इच्छुक हैं, जहां उनकी सुरक्षा की पूरी गारंटी है और चीन उन स्थानों में से एक है।
इजराइल और लीबिया के विदेश मंत्रियों के बीच गुप्त बैठक, लीबिया में बवाल
31 Aug, 2023 10:31 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
तेलअवीव । इजराइल के लीबिया सरकार के साथ पर्दे के पीछे हो रही बातचीतके सार्वजनिक होने के बाद विवाद खड़ा हो गया है। बातचीत को सार्वजनिक करने के बाद लीबियाई सरकार संकट में है। दुश्मन देश इजरायल की विदेश मंत्री की लीबिया के विदेश मंत्री के बीच गुप्त बैठक के बाद इजरायली विदेश मंत्री एली कोहेन ने कह दिया कि उन्होंने बीते हफ्ते अपने लीबियाई समकक्ष नजला अल-मंगौश से गुप्त रूप से मुलाकात की है। इसके बाद लीबिया में इजरायल के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए। विरोध इतना बढ़ा कि लीबिया की सरकार ने अपनी विदेश मंत्री को बर्खास्त कर दिया।
इजराइल के विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा कि लीबिया के साथ ‘ऐतिहासिक’ मुलाकात की जानकारी देकर इजराइल और लीबिया के बीच ‘संबंधों को स्थापित करने की दिशा में पहला क़दम’ बताया था। विदेश मंत्री कोहेन ने बताया था कि इजराइल और लीबिया के विदेश मंत्रियों के बीच रोम में मुलाकात हुई है। इसके बाद बवाल मचना शुरू हो गया।
अमेरिका ने मामले को लेकर इजरायली सरकार से अपना विरोध जताया है। अमेरिकी अधिकारियों ने कहा कि बैठक के सार्वजनिक होने के बाद जो हालात बने हैं, उससे न केवल लीबिया और इजरायल के संबंध और अधिक बिगड़ने वाले हैं, बल्कि अरब देशों में शांति के प्रयासों को झटका लगेगा और अमेरिका के राष्ट्रीय हितों को भी नुकसान होगा।
गुप्त बैठक के सार्वजनिक होने के बाद से ही लीबिया में प्रदर्शन हो रहे हैं, जिसने देश की संयुक्त राष्ट्र मान्यता प्राप्त सरकार को अस्थिर कर दिया है। प्रदर्शनकारियों ने राजधानी त्रिपोली की सड़कों पर जबरदस्त प्रदर्शन किया और कुछ लोगों ने विदेश मंत्रालय पर भी धावा बोल दिया।
अमेरिकी राजनीतिक उम्मीदवारों व दलों को एक्स पर मिलेगी विज्ञापन की अनुमति
31 Aug, 2023 09:29 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
सैन फ्रांसिस्को । एलन मस्क द्वारा संचालित एक्स जो कि पूर्व में ट्विटर होता था, ने कहा है कि वह 2024 के राष्ट्रपति चुनाव से पहले अमेरिकी राजनीतिक उम्मीदवारों और पार्टियों को अपने मंच पर विज्ञापन की अनुमति देगा। एक्स ने एक ब्लॉगपोस्ट में कहा कि स्वतंत्र अभिव्यक्ति के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को आगे बढ़ाते हुए, हम राजनीतिक विज्ञापन की भी अनुमति देने जा रहे हैं। अमेरिका से शुरू करके, हम भुगतान के लिए प्रचारित राजनीतिक पोस्टों पर विशिष्ट नीतियों को लागू करना जारी रखेंगे। नीतियों में स्वतंत्र और खुले राजनीतिक भाषण को संरक्षित करने की मांग करते हुए, चुनाव में जनता के विश्वास को कमजोर करने के उद्देश्य से झूठी या भ्रामक जानकारी सहित झूठी या भ्रामक सामग्री के प्रचार पर रोक लगाना शामिल होगा। गौरतलब है कि राजनीतिक विज्ञापनों को पहली बार 2019 में ट्विटर पर प्रतिबंधित किया गया था, जब तत्कालीन सीईओ जैक डोर्सी ने तर्क दिया था कि राजनीतिक संदेश पहुंच अर्जित की जानी चाहिए, खरीदी नहीं जानी चाहिए।
साल की शुरुआत में, कंपनी ने महत्वपूर्ण मुद्दों पर सार्वजनिक बातचीत को प्रोत्साहित करने के महत्व का हवाला देते हुए कारण-आधारित विज्ञापनों पर प्रतिबंधों में ढील दी। इसके अलावा, कंपनी ने कहा कि वह एक वैश्विक विज्ञापन पारदर्शिता केंद्र भी प्रदान करेगी, ताकि हर कोई एक्स पर प्रचारित किए जा रहे राजनीतिक पोस्ट की समीक्षा कर सके, इसके अलावा मजबूत स्क्रीनिंग प्रक्रियाओं के अलावा यह सुनिश्चित किया जा सके कि केवल योग्य समूह और अभियान ही विज्ञापन कर सकें। इसके अलावा, एक्स ने उल्लेख किया कि वह अपनी सुरक्षा और चुनाव टीमों का विस्तार कर रहा है, ताकि हेरफेर से निपटने, अप्रामाणिक खातों को सामने लाने पर ध्यान केंद्रित किया जा सके।
चंद्रयान-3 की सफलता के बाद भारत के मुरीद हुए पुतिन
31 Aug, 2023 08:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मॉस्को । चंद्रयान-3 की चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास सफल लैंडिंग के बाद रूस, भारत का मुरीद हो गया है। रूसी अंतरिक्ष एजेंसी रोस्कोस्मोस भारत के इसरो के साथ अंतरिक्ष के क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग को और ज्यादा बढ़ाने को तैयार है। इसकी पुष्टि सोमवार को हुई जब रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फोन पर चंद्रयान-3 की सफल सॉफ्ट लैंडिंग पर फिर से बधाई दी। रूसी राष्ट्रपति कार्यालय ने बताया कि बातचीत के दौरान दोनों देशों के बीच अंतरिक्ष सहयोग को मजबूत करने पर भी सहमति बनी। रूस वर्तमान में अपने अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए चीन पर काफी हद तक निर्भर है। लेकिन, लूना-25 की असफलता के बाद चीन की रवैये को देखकर रूस ने भारत के साथ हाथ मिलाने का फैसला किया है।
क्रेमलिन ने कहा कि पुतिन ने भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन चंद्रयान-3 की चंद्रमा पर सफल लैंडिंग के लिए एक बार फिर भारतीय प्रधानमंत्री मोदी को हार्दिक बधाई दी। इस दौरान अंतरिक्ष क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग को और विकसित करने की तत्परता की पुष्टि की गई। तमिलनाडु में कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा संयंत्र के माध्यम से नागरिक परमाणु सहयोग और गगनयान कार्यक्रम के माध्यम से अंतरिक्ष अन्वेषण भारत-रूस विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी के महत्वपूर्ण घटक बने हुए हैं।
रूस अंतरिक्ष में भारत के पहले मानव मिशन गगनयान में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। इस 2024 के चौथी तिमाही में लॉन्च करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके बाद पिछले कुछ वर्षों में रूस की अंतरिक्ष एजेंसी रोस्कोस्मोस और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के बीच सहयोग में भारी वृ्द्धि देखी गई है। इसमें मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम और उपग्रह नेविगेशन भी शामिल हैं।
इसरो और रोस्कोस्मोस ने अंतरिक्ष में सहयोग पर एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। इसका लक्ष्य लांच व्हीकल्स के विकास, विभिन्न कार्यों के लिए अंतरिक्ष यान का निर्माण और उपयोग, जमीन आधारित अंतरिक्ष बुनियादी ढांचे के साथ-साथ ग्रहों की खोज सहित शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए भारत और रूस की पूरी क्षमता का दोहन करने के लिए एक साझेदारी को विकसित करना है।
रूस (तत्कालीन सोवियत संघ) ने 1962 में थुम्बा इक्वेटोरियल रॉकेट लॉन्चिंग स्टेशन (टीईआरएलएस) स्थापित करने में भारत की मदद की थी। रूस उन तीन देशों में से एक था, जिसने भारत को अंतरिक्ष शक्ति के रूप में उदय में बड़े पैमाने पर योगदान दिया।
86 साल की उम्र में अपराध की दुनिया में एंट्री
30 Aug, 2023 12:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
वाशिंगटन । एक शख्स ने अजीबोगरीब अपराध किया और उसकी पूरी ज़िंदगी इस पर पर्दा डालते-डालते गुजर गई। नेपोलिंयन गोंजालेज नाम के इस शख्स के अपराध की कहानी इस वक्त अमेरिका समेत पूरी दुनिया के अखबारों की सुर्खियों में है। एक रिपोर्ट के मुताबिक शख्स की उम्र अब 86 साल है और उसने अपनी ज़िंदगी के अधेड़ मोड़ पर अपराध की दुनिया में एंट्री ली।उसने अपने भाई को ही ज़रिया बनाकर न सिर्फ सरकार फायदा उठाया बल्कि उसे कागज़ों पर सालों तक जिंदा भी रखा।नेपोलियन ने अपनी भाई की मौत के बाद उसकी पहचान चोरी कर ली।इस फ्रॉड से उसे तमाम तरह के सोशल सिक्योरिटी बेनिफिट्स मिलते रहे।इतना ही नहीं उसने भाई की पहचान का इस्तेमाल कर उसके नाम पर फर्जी पासपोर्ट और स्टेट आइडेंटिफिकेशन कार्ड भी बनवा लिए और इसका फायदा वो कई दशकों तक लेता रहा।
भाई की मौत बचपन में ही 1939 में हो गई थी, लेकिन कागज़ों पर भाई के भूत को उसने ज़िंदा रखा।भाई की भूतिया पहचान के तहत मिलने वाले सरकारी लाभों के ज़रिये ही इस शख्स ने पूरी ज़िंदगी काट दी।पहली बार साल 2010 में इस बात का खुलासा हुआ और सरकार की ओर से उसे पैसे देने पर रोक लगा दी गई।इसके बाद साल 2020 में आइडेंटिफिकेशन सॉफ्टवेयर से पता चला कि नेपोलियन गोंजालेज का चेहरा दो स्टेट आइडेंटिफिकेशन कार्ड्स में दर्ज है।इसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया और उस पर केस चल रहा है।
चार महीने के भीतर माली से करीब 13,000 शांतिरक्षकों की वापसी तय
30 Aug, 2023 11:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
जिनेवा । आतंकवाद से जूझ रहे माली से लगभग 13000 शांतिरक्षकों को वापस उनके देश भेजने के लिए चार माह का समय तय हुआ है। हालांकि संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने माली के सैन्य जुंटा के आदेश पर देश से शांतिरक्षकों की चार महीने में वापसी सुनिश्चित करने की प्रक्रिया को चुनौतीपूर्ण करार देते हुए कहा है कि इसकी समय सीमा, दायरा और जटिलता अप्रत्याशित है। पश्चिम अफ्रीकी देश माली के सैन्य जुंटा ने इस्लामी आतंकवाद से निपटने के लिए अब रूस के वैगनर समूह के भाड़े के सैनिकों की मदद लेने का फैसला किया है। माली के लिए संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूत एल-घासिम वेन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को इस अभियान के पैमाने से अवगत कराया। इस निकासी अभियान के तहत 31 दिसंबर की समय सीमा तक 1,786 असैन्य कर्मियों की सेवाएं समाप्त की जानी है, सभी 12,947 संयुक्त राष्ट्र शांतिरक्षकों और पुलिसकर्मियों को उनके देश भेजा जाना है, उनके 12 शिविर एवं एक स्थायी अड्डे को सरकार को सौंपा जाना है। संयुक्त राष्ट्र में माली के राजदूत इस्सा कोनफौरौ ने कहा कि सरकार संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन के साथ सहयोग कर रही है, लेकिन वह समय सीमा नहीं बढ़ाएगी।
बता दें कि माली में संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन को ‘एमआईएनयूएसएमए’ के नाम से जाना जाता है। वेन ने बताया कि संयुक्त राष्ट्र को उपकरणों के लगभग 5,500 समुद्री कंटेनर और 4,000 वाहनों को भी हटाना होगा। ये उपकरण एवं वाहन संयुक्त राष्ट्र और उन देशों के हैं, जिन्होंने ‘एमआईएनयूएसएसए’ के लिए कर्मी मुहैया कराए हैं। माली में शांतिरक्षा मिशन संयुक्त राज्य के एक दर्जन अभियानों में से चौथा सबसे बड़ा मिशन है। संयुक्त राष्ट्र ने 2013 में यहां शांतिरक्षकों को तैनात किया था और यह उसका दुनिया में सबसे खतरनाक मिशन बन गया है, जिसमें 300 कर्मियों ने जान गंवाई है। इस मिशन को आधिकारिक तौर पर 30 जून, 2023 को समाप्त कर दिया गया था और 31 दिसंबर, 2023 तक सभी संयुक्त राष्ट्र बलों को माली से वापस बुलाया जाना है।
गुतारेस ने 13 पन्नों के पत्र में कहा कि इस मिशन की वापसी की समयसीमा, दायरा और जटिलता अभूतपूर्व है। उन्होंने कहा कि चारों ओर से भू सीमाओं से घिरे देश का विशाल इलाका, कुछ क्षेत्रों में प्रतिकूल वातावरण और इसकी जलवायु छह महीने की समय सीमा के भीतर मिशन की वापसी को बेहद चुनौतीपूर्ण बनाती है। गुतारेस ने कहा कि आतंकवादी सशस्त्र समूहों की उपस्थिति और प्रमुख पारगमन देश नाइजर पर हाल में सेना के कब्जे के कारण सैनिकों और उपकरणों को ले जाने में और बाधा पैदा हुई है।
नासा ने माना मंगल ग्रह पर जाना अभी दूर की कौड़ी
30 Aug, 2023 10:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
वाशिंगटन । चंद्रयान-3 की सफलता ने अंतरिक्ष अन्वेषण और पृथ्वी से परे क्या है में एक नए सिरे से रुचि पैदा कर दी है। चंद्रमा और सूर्य का अध्ययन करने के साथ-साथ, मंगल ग्रह को लेकर भी रुचि जाग्रत हुई है। सवाल यह है कि क्या इस ग्रह पर जीवन संभव हो सकता है। पृथ्वी पर बढ़ते जलवायु संकट के बीच मानवता का अस्तित्व सुनिश्चित करने के लिए अब ग्रह पर भी जीवन की तलाश की जा रही है।
रिपोर्ट के अनुसार नासा के वैज्ञानिक डॉक्टर मिशेल थेलर का कहना है कि मौजूदा तकनीक से मंगल ग्रह पर इंसान भेजना अभी संभव नहीं है। जबकि स्पेस एक्स के संस्थापक और अरबपति एलन मस्क 2050 तक दस लाख लोगों को मंगल ग्रह पर ले जाने की इच्छा को लेकर आशान्वित हैं। जैसा कि हाल के इंटरव्यू में उन्होंने संकेत दिया है।
लेकिन वास्तविक मिशन को सफल होने के लिए अत्याधुनिक तकनीक की जरुरत है। हालांकि नासा ने कहा, हमारी टीम ने अभी तक इसके बारे में सोचा भी नहीं है। मंगल ग्रह तक पहुंचने की प्रमुख चुनौतियों में से एक है इसकी दूरी। जो 34 मिलियन मील की यात्रा के बराबर है। दूरी चालक दल के अस्तित्व और उनकी सुरक्षित वापसी के लिए एक बड़ी चुनौती है। वर्तमान में नासा का रोवर ग्रह के पतले वायुमंडल से कार्बन डाइऑक्साइड एकत्र कर ऑक्सीजन में परिवर्तित कर रहा है। ताकि अंतरिक्ष यात्री इसका उपयोग कर सकें, लेकिन अस्तित्व के लिए अन्य खतरे भी हैं।
नासा ने कहा, भले ही हम इतनी लंबी अवधि के लिए अंतरिक्ष यात्रियों के लिए एक सुरक्षित, कार्यात्मक जीवन समर्थन प्रणाली सुनिश्चित करते हुए दूरी तय कर लें। लेकिन मंगल ग्रह पर पहुंचने पर रेडिएशन हमें मार देगा। मौजूदा तकनीक के साथ, मंगल ग्रह पर जाने वाले अंतरिक्ष यात्रियों की सुरक्षा करना मुश्किल होगा। क्योंकि सौर ज्वालाओं और कोरोनल मास इजेक्शन से रेडिएशन के कारण मनुष्य वहां पहुंचने से बहुत पहले ही मर जाएंगे।
नासा के अनुसार मंगल की सतह अत्यंत प्रतिकूल है। पृथ्वी के विपरीत,मंगल पर बहुत पतला वातावरण है और ऊर्जावान कणों को विक्षेपित करने के लिए कोई चुंबकीय क्षेत्र नहीं है, इसकारण हमें अंतरिक्ष यात्रियों को विकिरण के दो स्रोतों से बचाने के लिए टेक्नोलॉजी की आवश्यकता होगी। स्पेस एजेंसी ने कहा, इसमे से कुछ ऊर्जावान कण जिस सामग्री से टकराते हैं, उसमें मौजूद परमाणुओं को तोड़ सकते हैं, जैसे अंतरिक्ष यात्री, अंतरिक्ष यान की धातु की दीवारें, निवास स्थान… आदि।
नासा ने कहा कि मंगल ग्रह पर खोज और चंद्रमा की यात्राएं आपस में जुड़ी हुई हैं। चंद्रमा नए उपकरणों और यंत्रों के परीक्षण करने का अवसर प्रदान करता है जिनका उपयोग मंगल ग्रह पर किया जा सकता है, जिसमें मानव आवास, जीवन समर्थन प्रणाली और प्रौद्योगिकियां शामिल हैं।
गैस स्टेशन में धमाका, 2 की मौत
30 Aug, 2023 09:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रोमानिया । रोमानिया की राजधानी बुखारेस्ट के पास एक एलपीजी स्टेशन पर दो विस्फोटों में दो लोगों की मौत हो गई और 56 लोग घायल हो गए हैं। अंतरराष्ट्रीय मीडिया ने अधिकारियों के हवाले से यह जानकारी दी है। सरकार के मुताबिक, बुखारेस्ट के उत्तर में क्रेवेडिया कम्यून में आग बुझाने में मदद कर रहे 39 से ज्यादा दमकलकर्मी दूसरे विस्फोट में घायल हुए। इसके अलावा लगभग 10 से ज्यादा की हालत गंभीर है। मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक घटनास्थल पर आग लगने के बाद लगभग 25 दमकल गाडिय़ां आग पर काबू पाने के लिए मौके पर पहुंचीं। हालांकि, प्रधानमंत्री मार्सेल सिओलाकू ने कहा कि घायलों को इलाज के लिए विदेश भेजा जा सकता है।
हेलमेट के लिए रोको टोको अभियान
30 Aug, 2023 09:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
इन्दौर, जिस तरह हम सब सुबह - सुबह एक दूसरे को गुड मार्निंग एवं अन्य संदेश साझा करते हैं , इस तरह हेलमेट पहनने व यातायात नियमों का पालन करने के संदेश भी साझा करें यह कहना है वार्ड 72 के पार्षद योगेश गेंदर का जिनके वार्ड में लोगों को हेलमेट लगाने के लिए जागरूक करने के लिए अभियान चलाया गया । यातायात प्रबंधन पुलिस ने वैशाली नगर से अभियान की शुरुआत करके बंगाली चौराहा , आनंद बाजार कालानी भंवरकुआं , महालक्ष्मी नगर नगर , मंगलमूर्ति शिवमूर्ति नगर , गुमाश्ता नगर सिंधी कालोनी , चंदननगर सत्यसाई , एमआईजी कालोनी वल्लभ नगर के बाद वार्ड 72 के मधुबन कालोनी अन्नपूर्णा क्षेत्र में अभियान चलाया गया । इस दौरान कालोनी से आने - जाने वाले चिन्हित पाइंट पर यातायात पुलिस तैनात रही । टीम द्वारा स्टापर्स बेरिकेट्स लगाकर बैनर , माइक से एनाउंस के माध्यम से दो पहिया वाहन चालकों से हेलमेट लगाकर ही वाहन चलाने के लिए अपील की गयी । जो दो पहिया वाहन चालक हेलमेट धारण कर वाहन चला रहे थे उन्हें चाकलेट , फूल देकर सम्मानित व प्रोत्साहित किया । कुछ वाहन चालक बिना हेलमेट के घर से तो निकले मगर टीम ने उन्हें घर से हेलमेट पहनकर वाहन चलाने की हिदायत देते हुए वापस भेज दिया ।
इराक में 3 आतंकियों को फांसी
30 Aug, 2023 08:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
बगदाद । इराक ने 2016 के बम विस्फोट के लिए दोषी ठहराए गए तीन लोगों को फांसी दे दी है। इस विस्फोट में बगदाद शॉपिंग मार्केट में करीब 323 लोग मारे गए थे। हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन आईएसआईएस ने ली थी। सोमवार को प्रधानमंत्री कार्यालय ने इस बात की जानकारी दी। प्रधानमंत्री कार्यालय ने एक बयान में कहा- पीएम मोहम्मद शिया अल-सुदानी ने पीडि़तों के परिवारों के साथ एक बैठक की। उन्होंने परिवार वालों को बताया कि घटना में शामिल तीन प्रमुख आरोपियों को फांसी की सजा दी गई है। ये विस्फोट अमेरिका में हुए 9/11 हमले के बाद दुनिया का सबसे बड़े आतंकी हमलों में से एक था।
फ्रांस के स्कूलों में फुल बुर्के पर बैन लगेगा
29 Aug, 2023 10:15 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
पेरिस । फ्रांस ने सरकारी स्कूलों में लड़कियों के अबाया पहनने पर बैन लगाने का फैसला किया है। फ्रांस के शिक्षा मंत्री गैब्रियल एटॉल ने टीवी चैनल टीएफ1 को दिए एक इंटरव्यू के दौरान कहा कि हमने यह तय किया है कि सरकारी स्कूलों में अबाया नहीं पहना जाएगा। अबाया एक तरह का फुल बुर्का होता है। उन्होंने कहा कि जब आप क्लासरूम में जाएं तो आपके धार्मिक पहचान कपड़े देखकर तय नहीं होनी चाहिए। यह कदम फ्रांसीसी स्कूलों में अबाया पहनने पर महीनों की बहस के बाद आया है, जहां महिलाओं के हिजाब पहनने पर लंबे समय से प्रतिबंध लगा हुआ है।फ्रांस ने 2004 में स्कूलों में हेडस्कार्फ पहनने पर और 2010 में सार्वजनिक रूप से पूरे चेहरे के नकाब पर प्रतिबंध लगा दिया था। इससे फ्रांस में रहने वाली 50 लाख मुस्लिम लोगों में अब तक नाराजगी है। फ्रांस के सरकारी स्कूलों में बड़े क्रॉस, यहूदी किप्पा और इस्लामी हेडस्कार्फ पहनने की अनुमति भी नहीं हैं।