विदेश (ऑर्काइव)
200 साल पुराने साइकामोर गैप पेड़ गिरने के कारणों की जांच में जुटी एजेंसियां
30 Sep, 2023 12:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
लंदन । नॉर्थंबरलैंड नेशनल पार्क में 200 साल पुराने एक पेड़ गिरने की जांच में एजेंसियां जुट गई है। दरअसल इसे जानबूझकर गिराया जाना बताया जा रहा है। जानकारी के अनुसार 200 साल से अधिक वर्षों से खड़ा साइकामोर गैप पेड़, एक तूफान के बाद गिरा हुआ पाया गया। उस दौरान माना जा रहा था कि यह प्राकृतिक कारण से गिरा है, लेकिन अब सामने आ रहा है कि इस पेड़ को जानबूझकर काटा गया है। इस बात का खुलासा स्थानीय राष्ट्रीय उद्यान के प्राधिकरण ने किया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार नॉर्थंबरलैंड नेशनल पार्क अथॉरिटी इस बात की पुष्टि कर सकती है कि साइकामोर गैप पेड़ का प्रसिद्ध पेड़ रातों-रात गिर गया। लेकिन इसके सबूत है कि इसे जानबूझकर गिराया गया है। साथ ही बयान में कहा गया, हम इस प्रतिष्ठित उत्तर पूर्व ऐतिहासिक स्थल में रुचि रखने वाली संबंधित एजेंसियों और भागीदारों के साथ काम कर रहे हैं और इसकी गहन जांच कर रहे हैं, जिसके बाद हमें जानकारी मिलते ही हम इसे साझा करेंगे।
गौरतलब हो कि यह पेड़ पूर्वोत्तर इंग्लैंड में रोमन-युग हैड्रियन वॉल के बगल में स्थित है, जिसके कारण इसे प्रसिद्धि मिली थी। लेकिन इसके साथ ही यह अपनी सिनेमाई सेटिंग के लिए भी जाना जाता था। इसे 1991 की ब्लॉकबस्टर फिल्म रॉबिन हुड: प्रिंस ऑफ थीव्स में भी दिखाया गया है। सोशल मीडिया पर पोस्ट की गई तस्वीरों में दिखाया गया है कि गूलर का एक छोटा हिस्सा नजर आ रहा है और बाकी हिस्सा दीवार पर फेंक दिया गया है। मालूम हो कि इसे 2016 में वुडलैंड ट्रस्ट के ट्री ऑफ द ईयर का खिताब भी मिला है। नॉर्थंब्रिया पुलिस ने कहा कि उन्होंने जांच शुरू कर दी है और वह इस बात की जांच कर रहे हैं कि क्या यहां कोई अपराध हुआ था।
आईएचआईटी ने जांच पूरी होने तक विशिष्ट सबूतों पर टिप्पणी से किया परहेज
30 Sep, 2023 11:32 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
ओटावा । खालिस्तान समर्थक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या की जांच के बारे में रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस (आरसीएमपी) ने अद्यतन जानकारी दी। प्रतिबंधित खालिस्तान टाइगर फोर्स (केटीएफ) के प्रमुख निज्जर की 18 जून को ब्रिटिश कोलंबिया के सरे में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। उसकी हत्या की जांच आरसीएमपी की ‘एकीकृत मानव हत्या जांच दल (आईएचआईटी) कर रहा है। आईएचआईटी के प्रवक्ता सर्जेंट टिमोथी पिएरोटी ने कहा कि वे निज्जर की हत्या से संबंधित खबरों से अवगत हैं। चूंकि, मामले की सक्रिय रूप से जांच जारी है, इसलिए मैं आईएचआईटी की ओर से इकट्ठा किए गए विशिष्ट सबूतों पर टिप्पणी करने में असमर्थ हूं। इस बीच, ब्रिटिश कोलंबिया के सरे स्थित गुरु नानक सिख गुरुद्वारा साहिब ने इस बात की जांच शुरू कर दी है कि अमेरिकी सूत्रों को निज्जर की हत्या से जुड़े सुरक्षा कैमरे के फुटेज कैसे हासिल हुए। निज्जर की जून में इसी गुरुद्वारे के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
गुरुद्वारे के प्रवक्ता गुरकीरत सिंह ने कहा कि हमें मंदिर द्वारा बताया गया है कि वीडियो मीडिया या जनता के लिए नहीं है, क्योंकि मामले की जांच जारी है। हालांकि, उन्होंने कई बार वीडियो देखने की बात कही है। उन्होंने बताया कि यह अचानक से की गई कोई वारदात नहीं थी। वे लोग कुछ समय से हरदीप सिंह निज्जर की हरकत पर नजर रख रहे थे और वे जानते थे कि वह गुरुद्वारे में कहां से प्रवेश और कहां से निकलता है। पिएरोटी ने बताया कि पुलिस ने सबूतों के आधार पर ‘इलाके की व्यापक जांच पूरी कर ली है और सभी प्रासंगिक वीडियो फुटेज इकट्ठे कर रही है।
निज्जर के बेटे बलराज ने बताया कि उसके पिता की कनाडा के सुरक्षा खुफिया सेवा के अधिकारियों के साथ ‘सप्ताह में एक या दो बार बैठक होती थी, जिसमें 18 जून को हत्या से एक-दो दिन पहले हुई बैठक भी शामिल थी और दो दिन बाद उनके बीच एक और बैठक होनी थी। गौरतलब है कि भारत ने 45 वर्षीय निज्जर को साल 2020 में आतंकवादी घोषित किया था। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने आरोप लगाया है कि 18 जून को निज्जर की हत्या के पीछे भारत सरकार के एजेंट का हाथ था हालांकि, भारत ने इन आरोपों को ‘बेतुका और ‘राजनीति से प्रेरित बताते हुए खारिज कर दिया है।
दुनिया को अब मिला 375 वर्षों से गायब 8वां महाद्वीप
30 Sep, 2023 10:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
लंदन । दुनिया को अब आठवां महाद्वीप भी मिल गया है। लंबी खोज के बाद इसे वैज्ञानिकों ने जीलैंडिया नाम दिया है। गौरतलब है कि अब तक हम दुनिया के 7 महाद्वीपों के बारे में जानते थे, लेकिन वैज्ञानिकों ने अब 8वां महाद्वीप भी खोज निकाला है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, यह 375 वर्षों से लुप्त था। इस महाद्वीप का नाम जीलैंडिया रखा गया है। यहां इंसानों का जाना मुश्किल है, क्योंकि नया महाद्वीप 94 प्रतिशत पानी के भीतर है। इसमें न्यूजीलैंड के समान ही कुछ मुट्ठी भर द्वीप हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जीलैंडिया 1.89 मिलियन वर्ग मील (4.9 मिलियन वर्ग किमी) का एक विशाल महाद्वीप है, यह मेडागास्कर से लगभग छह गुना बड़ा है। वैज्ञानिकों की टीम ने बताया कि वास्तव में 8 महाद्वीप हैं। वैज्ञानिकों का कहना है कि जीलैंडिया का अध्ययन करना हमेशा से कठिन रहा है। वैज्ञानिक अब समुद्र तल से लाए गए चट्टानों और तलछट के नमूनों के संग्रह का अध्ययन कर रहे हैं, जिनमें से अधिकांश ड्रिलिंग स्थलों से आए हैं।
यहां की सैटेलाइट इमेज से पता चलता है कि जीलैंडिया ऑस्ट्रेलिया के आकार का है। लगभग 23 मिलियन साल पहले, जीलैंडिया का भूभाग पूरी तरह से जलमग्न हो गया होगा। आज, अधिकांश भूभाग (94 प्रतिशत) प्रशांत महासागर के नीचे डूबा हुआ है। रिपोर्ट के अनुसार चट्टान के नमूनों के अध्ययन से पश्चिम अंटार्कटिका में भूगर्भीय पैटर्न का पता चला है। न्यूजीलैंड, जीलैंडिया का सबसे बड़ा हिस्सा है जो समुद्र तल से ऊपर है, इसके बाद न्यू कैलेडोनिया है। कहा जाता है कि इसकी खोज सबसे पहले 1642 में डच व्यापारी और नाविक एबेल तस्मान ने की थी। हालांकि 2017 में वैज्ञानिकों ने इसके अस्तित्व की पुष्टि कर दी थी।
मनुष्य की खोपड़ी से बनाई जाती थी मिर्गी की दवा
30 Sep, 2023 09:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
लंदन । आज हम आपको इलाज के ऐसे पारंपरिक तरीके बताने जा रहे हैं, जिनमें इंसानी लाशों से गंभीर बीमारियां ठीक कर दी जाती थीं। इतना ही नहीं, मनुष्य की खोपड़ी से मिर्गी की दवा बनाई जाती थी। आप जानकर हैरान होंगे कि ब्रिटेन के राजा का भी इन्हीं तरीकों से इलाज किया गया था। एक रिपोर्ट के मुताबिक, फ्रांसिस बेकन, जॉन डन, महारानी एलिज़ाबेथ के सर्जन जॉन बेनिस्टर समेत कई दर्शनिकों और वैज्ञानिकों ने इनका जिक्र किया है। वे न केवल इन तरीकों को स्वीकार करते हैं बल्कि ऐसा करने का सुझाव भी देते हैं। आप सोच रहे होंगे कि आखिर ऐसा होता कब था? तो बता दें कि साल 1685 में इंसानी खोपड़ी से बनाई गई बूंदों का उपयोग ब्रिटेन के राजा चार्ल्स द्वितीय के इलाज के लिए भी किया गया था। इसका कई जगह जिक्र मिलता है।मिस्र में इंसानों लाशों से पारंपरिक चिकित्सा सबसे ज्यादा लोकप्रिय थी।
लाशों से सूखे मांस को निकाल उसका पाउडर बनाया जाता था और फिर इलाज के लिए इस्तेमाल किया जाता था। कुछ डॉक्टरों ने इस बात का भी जिक्र किया है कि ताजा चर्बी, खून और यहां तक कि पुट्ठों का मांस भी इलाज में प्रयोग में लाया जाता था। सबसे दिलचस्प बात, सबसे अच्छा इलाज उस लाश से होता था, जिसकी उम्र 25 साल से कम हो और उसकी मौत दर्दनाक तरीके से हुई हो। यूरोप में 15वीं सदी के अंत तक इंसानी शवों का उपयोग ब्रेन हेमरेज के इलाज के लिए किया जाता था। मनुष्य के खून और खोपड़ी से मिर्गी का इलाज होता था। कुछ विशेषज्ञ तो खोपड़ी में लगी फफूंद से दवा बना लेते थे। इसे पाउडर के रूप में प्रयोग करते थे।
जब डिमांड इतनी ज्यादा हो तो लूटमार मचेगी ही। बकायदा व्यापार होने लगा। व्यापारी न केवल मिस्र की क़ब्रों को लूटते थे, बल्कि अक्सर धोखे से लोगों को गरीबों या कोढ़ी, या ऊंट का मांस तक भी बेच दिया करते थे। मिस्र के क़ाहिरा के एक पिरामिड के बारे में कहा जाता है कि वहां से लोगों की लाशें रोजाना निकाली जाती थीं। वे सड़ी हुई नहीं, बल्कि सही स्थिति में होती थीं। जर्मनी में तो इस तरह का इलाज अब से 100 साल पहले तक होता था।
ऑस्ट्रेलिया में ब्रिटिश मूल के शख्स ने 40 कुत्तों से किया दुष्कर्म, सभी कुत्तों को मार डाला
30 Sep, 2023 08:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
सिडनी । ऑस्ट्रेलिया से कुत्तों के साथ जघन्य अपराध की खबर सामने आई है। रिपोर्ट के अनुसार, ब्रिटिश मूल के एक मगरमच्छ जानकार ने कुत्तों के साथ दुष्कर्म कर उन्हें मारने की बात कबूली है। खुलासा हुआ कि इस शख्स ने अपने कुकृत्य का वीडियो बनाकर उन्हें सोशाल मीडिया पोस्ट भी किया है। बीबीसी और नेशनल ज्योग्राफिक के साथ काम कर चुके जीव विज्ञानी एडम ब्रिटन ने ऑस्ट्रेलियाई अदालत को बताया, ‘उसने दर्जनों (40 से अधिक) कुत्तों को तब तक प्रताड़ित किया जब तक वे मर नहीं गए। आरोपी ने सारी घटना कैमरे में रिकार्ड भी किया है। ब्रिटन पर 60 आरोप लगाए गए हैं। इन आरोपों में एडम ने ऑनलाइन वेबसाइट से बाल शोषण सामग्री को एक्सेस करने की बात भी कबूल की है। स्थानीय मीडिया से मिली जानकारी के आधार पर, उत्तरी क्षेत्र के सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश ने लोगों को अदालत कक्ष को छोड़ने की चेतावनी दी। क्योंकि आरोपी ब्रिटन के अपराधों का वीडियो डिटेल्स बहुत परेशान कर देने वाला था, लोगों को देखकर शॉक भी लग सकता था।
अभियोजक पक्ष ने कोर्ट से कहा कि ब्रिटन को 2014 से जानवरों में परपीड़क यौन रुचि थी। आरोपी ने अपने पालतू जानवरों के साथ-साथ अन्य मालिकों द्वारा छोड़े गए कुत्तों का भी यौन-शोषण किया। अभियोजक पक्ष ने बताया जब कुत्तों के पुराने मालिक अपने जानवरों की हालचाल लेने के लिए फोन करते थे तब वह झूठी कहानियां बनाता था और कुत्तों की पुरानी तस्वीरें भेजता था। आरोपी ने शिपिंग कंटेनर को रिकॉर्डिंग करने वाले सामानों से सुसज्जित किया था जहां वह जानवरों के साथ दुष्कर्म करता था। ब्रिटन ने जीवविज्ञान से पीएचडी की है। फिलहाल चार्ल्स डार्विन विश्वविद्यालय में अकादमिक पोस्ट पर कार्यरत है। उस साल 2022 में उत्तरी क्षेत्र की पुलिस ने एक वीडियो वायरल होने के बाद गिरफ्तार किया था।
डिब्बा खोलते ही हांफने लगे नासा के वैज्ञानिक, सैंपल्स की होगी जांच
29 Sep, 2023 12:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
वाशिंगटन । अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा के ओसिरिस-एक्स, यानिकी ओरिजिन्स, स्पैक्ट्रल इंटरप्रटेशन, रिसोर्स आइडेंटिफिकेशन एंड सिक्यूरिटी- रेगोलिथ एक्सप्लोरर ने बेन्नू एस्टेरॉयड अर्थात क्षुद्रग्रह से जमा किए गए पत्थरों और धूल के नमूनों को पृथ्वी पर पहुंचा दिया है। नासा द्वारा एक डिब्बानुमा कैप्सूल का ढक्कन हटा दिया गया है। जैसे ही इसे हटाया गया, वैज्ञानिक हांफने लगे। यहां गौरतलब है कि यह एक दिन पहले यूटा रेगिस्तान में उतरने के बाद, हाल ही में 25 सितंबर को ह्यूस्टन में नासा के जॉनसन स्पेस सेंटर में पहुंचाया गया था। नासा एस्ट्रोमटेरियल्स ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि एक वैज्ञानिक खजाना बॉक्स। नासा ने कहा, ढक्कन के अंदर डार्क पाउडर और रेत के आकार के कण पाए गए। एजेंसी के मुताबिक अब वैज्ञानिक पाए गए इन सैंपल्स की स्टडी करेंगे।
ओसिरिस-एक्स एक रोबोटिक अंतरिक्ष यान है, जिसे 2016 में लॉन्च किया गया था और इसका नमूना 3 साल पहले 1999 में खोजे गए एक छोटे, कार्बन युक्त बेन्नू एस्टेरॉयड से एकत्र किया गया था। एस्टेरॉयड पर उतरते हुए, ओसिरिस-रेक्स ने इसकी चट्टानी सतह से लगभग 250 ग्राम (9 औंस) धूल इकट्ठा की। वैज्ञानिकों का मानना है कि एस्टेरॉयड से ली गई सामग्री के विश्लेषण से शोधकर्ताओं को सौर मंडल के गठन और पृथ्वी कैसे रहने योग्य बनी, इसे बेहतर ढंग से समझने में मदद मिलेगी। नासा ने कहा कि नमूना हमें उन एस्टेरॉयड्स के प्रकारों को बेहतर ढंग से समझने में मदद करेगा जो पृथ्वी को खतरे में डाल सकते हैं।” हालांकि बेन्नू के पृथ्वी से टकराने की आशंका बहुत कम मानी जाती है।
कनाडा और भारत के बीच तनाव, जयशंकर की एंटनी ब्लिंकन से मुलाकात
29 Sep, 2023 11:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
वाशिंगटन । खालिस्तानी अलगाववादी की हत्या से भारत और कनाडा के बीच कूटनीतिक खींचतान के बीच विदेश मंत्री एस जयशंकर अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन से मुलाकात करने वाले हैं। हालाँकि दोनों पक्षों के अधिकारी बैठक के एजेंडे के बारे में चुप्पी साधे हुए हैं, लेकिन अमेरिका के दो दोस्तों, उसके पारंपरिक सहयोगी कनाडा और भारत के बीच नवीनतम राजनयिक संकट वार्ता के दौरान प्रमुखता से उठने की उम्मीद है।
विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा कि मैं उस बैठक (जयशंकर के साथ) में उनकी (ब्लिंकन) हुई बातचीत का पूर्वावलोकन नहीं करना चाहता, लेकिन जैसा कि हमने स्पष्ट कर दिया है, हमने इस बात को उठाया है। हमने इस पर अपने भारतीय समकक्षों के साथ बातचीत की है और उन्हें कनाडाई जांच में सहयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया है और हम उन्हें सहयोग करने के लिए प्रोत्साहित करना जारी रखेगा। यहां विदेश विभाग के फॉगी बॉटम मुख्यालय में जयशंकर और ब्लिंकेन के बीच बैठक के बारे में सवालों का जवाब दे रहे थे।
उम्मीद है कि दोनों नेता बैठक से पहले तस्वीरें खिंचवाएंगे और मीडिया से किसी भी सवाल का जवाब देने की उम्मीद नहीं है। जबकि दोनों शीर्ष राजनयिकों के बीच बैठक कनाडाई संकट शुरू होने से काफी पहले निर्धारित की गई थी, अमेरिका भारत से इस साल की शुरुआत में ब्रिटिश कोलंबिया में सिख अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या की कनाडाई जांच में सहयोग करने का आग्रह कर रहा है।
एंथनी ब्लिंकन से अमेरिका में होगी विदेश मंत्री एस जयशंकर की मुलाकात
29 Sep, 2023 10:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
वाशिंगटन । विदेश मंत्री एस जयशंकर अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन से मुलाकात करने जा रहे हैं। हालांकि दोनों देशों के अधिकारियों ने दोनों नेताओं के बीच मुलाकात के एजेंडे के संबंध में कोई जानकारी साझा नहीं की है। लेकिन माना जा रहा है कि अमेरिका के दो मित्र देशों भारत और कनाडा के बीच जारी राजनयिक संकट के बारे में बातचीत जरुर होगी। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने संवाददाताओं को बताया कि मैं इस बारे में कोई पूर्वानुमान नहीं व्यक्त करना चाहता कि ब्लिंकन बैठक में जयशंकर के साथ क्या बातचीत करेंगे, लेकिन जैसा कि हमने स्पष्ट किया है, हमने इसे उठाया है, हमने उन्हें कनाडा की जांच में सहयोग करने को कहा है और हम उन्हें इसके लिए प्रोत्साहित करना जारी रखेंगे। मैथ्यू जयशंकर और ब्लिंकन के बीच दोपहर यहां विदेश विभाग के फॉगी बॉटम मुख्यालय में होने वाली बैठक के बारे में संवाददाताओं के सवालों का जवाब दे रहे थे।
माना जा रहा है कि जयशंकर और ब्लिंकन बैठक से पहले तस्वीरें खिंचवाएंगे लेकिन मीडिया से दूरी बनाएगें।
दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के बीच बैठक की यह योजना कनाडा संकट से काफी पहले तैयार हो गई थी। अमेरिका इस साल की शुरुआत में ब्रिटिश कोलंबिया में सिख अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के मामले में कनाडा की जांच में भारत से सहयोग करने की अपील कर रहा है। कनाडा ने भारत पर ब्रिटिश कोलंबिया में सिख अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में शामिल होने का आरोप लगाया है।
इराक में शादी समारोह में दूषित भोजन खाने से 50 लोग बीमार
29 Sep, 2023 09:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
बगदाद । इराक के उत्तरी प्रांत किरकुक में शादी समारोह में दूषित भोजन खाने से 50 से अधिक लोग बीमार हैं। रिपोर्ट के अनुसार, प्रांतीय स्वास्थ्य प्रमुख जियाद खलाफ के हवाले से कहा कि यह घटना किरकुक के हविजा शहर में हुई, जो कि कॉग्नोमिनल प्रांत की राजधानी है। खलाफ ने कहा कि मामले हल्के से लेकर मध्यम श्रेणी के थे और सभी रोगियों को अस्पताल में आवश्यक चिकित्सा उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई। यह घटना इराक के उत्तरी प्रांत निनेवेह के एक ईसाई बहुल शहर में एक विवाह हॉल में घातक आग लगने के एक दिन बाद हुई। आग लगने की घटना में 114 लोगों की मौत हो गई और 200 से अधिक घायल हो गए।
नाजी सैनिक सम्मान पर बिक्षुब्ध पीएम ट्रूडो ने की क्षमायाचना
29 Sep, 2023 08:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
ओटावा । संसद में एक पूर्व नाजी सैनिक को वॉर हीरो संबोधन से विभूषित करने से बिक्षुब्ध एथंनी रोट के त्यागपत्र पश्चात बुधवार को प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने माफी मांगी। उन्होंने खेद प्रकट करते हुए कहा कि इस गलती से संसद और कनाडा की बदनामी हुई है। यारोस्लाव हुंका (98) नाम का यह सैनिक द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान हिटलर की नाजी सेना की उस यूनिट में शामिल था जिसने यहूदियों और रूसी जनता पर अत्याचार किए थे। रूस ने कनाडा की संसद से नाजीवाद की निंदा करने की मांग की है।
बता दें प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कहा था कि द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान नाजियों के लिए लड़ने वाले यूक्रेन के एक पूर्व सैनिक का कीव के नेता की यात्रा के दौरान खड़े होकर अभिवादन करना शर्मनाक है जिसे स्वीकार्य नहीं किया जा सकता।
कंजर्वेटिव नेता पियरे पोइलिवरे ने बुधवार को कहा कि नाजी इकाई के साथ लड़ने वाले एक यूक्रेनी सैनिक को संसदीय समारोह में भाग लेने के लिए निमंत्रण देना देश के इतिहास में सबसे बड़ी राजनयिक शर्मिंदगी है, इस घटना के लिए वे प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो को दोषी मानते हैं।
पार्लियामेंट हिल पर कंजर्वेटिव कॉकस की बैठक से पहले मीडिया से बात करते हुए पोइलिवरे ने कहा कि ट्रूडो यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की की कनाडा यात्रा को सफल बनाने के लिए जिम्मेदार थे और इस कार्यक्रम में यारोस्लाव हुंका के शामिल होने से वैश्विक मंच पर कनाडा की प्रतिष्ठा खराब हुई है।
इससे पहले कनाडा में हाउस ऑफ कॉमन्स के स्पीकर एंथनी रोट ने खेद प्रकट करते हुए मंगलवार को कहा था कि मुझे नहीं पता था कि वो बुजुर्ग नाजी सैनिक है। मैं कनाडा में रह रहे यहूदी समुदाय के लोगों से माफी मांगता हूं। इस घटना के बाद से ही कनाडा की विपक्षी पार्टी स्पीकर के इस्तीफे की मांग कर रही थीं। दअरसल, नाजियों (एडोल्फ हिटलर की सेना) ने सेकेंड वर्ल्ड वॉर के दौरान 11 लाख से ज्यादा लोगों को मौत के घाट उतार दिया था, जिसमें ज्यादातर यहूदी थे।
इंसान 150 साल की उम्र तक रह पाएगा जीवित
28 Sep, 2023 08:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
लंदन । यहां के प्रसिदध डॉ अर्न्स्ट वॉन श्वार्ज़ का मानना है कि स्टेम सेल रिसर्च की बदौलत इस सदी के अंत तक इंसान 150 साल की उम्र तक जीवित रहे पाएगा। डॉ. अर्न्स्ट सीडर्स सिनाई मेडिकल सेंटर, यूसीएलए में डेविड गेफेन स्कूल ऑफ मेडिसिन और दक्षिणी कैलिफोर्निया अस्पताल के हार्ट इंस्टीट्यूट में ट्रिपल बोर्ड-प्रमाणित इंटर्निस्ट, हृदय रोग विशेषज्ञ और हृदय प्रत्यारोपण विशेषज्ञ हैं।
उन्होंने “सीक्रेट्स ऑफ इम्मोर्टैलिटी” और “द सीक्रेट वर्ल्ड ऑफ स्टेम सेल थेरेपी” जैसी किताबें लिखी हैं। उनका मानना है कि जीवन को लंबा खींचा जा सकता है औऱ हो सकता है कुछ सालों के भीतर लोग 120 या 150 सालों तक जीवित रह सकें।हालाँकि, डॉ. अर्न्स्ट इस बात पर जोर देते हैं कि स्वस्थ भोजन करने और नियमित रूप से व्यायाम करने के बिना यह संभव नहीं होगा। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि 30 वर्ष की आयु वह समय है जब किसी को लंबे जीवन के लिए अपनी जीवनशैली में बदलाव की जरूरत होती है।
स्टेम सेल शोध के बारे में बात करते हुए, डॉ. अर्न्स्ट ने कहा, “पिछले कुछ वर्षों में, हम जिसे हम प्रतिक्रियाशील दवा कहते हैं, उससे हटकर अब हम मुख्य रूप से रीजनरेटिव दवाओं जिन्हें स्टेम सेल थेरेपी कहा जाता है उसके उपयोग की ओर मुड़े हैं। “भले ही स्टेम कोशिकाएं एफडीए-अनुमोदित नहीं हैं, फिर भी यही चिकित्सा का भविष्य है जहां हम क्षति की मरम्मत करने में सक्षम हैं। और क्षति की मरम्मत करके हम जीवन को लम्बा खींच सकते हैं, या उम्र बढ़ने की कुछ प्रक्रियाओं को भी कम कर सकते हैं।हालांकि आधिकारिक रिकॉर्ड के अनुसार, मानव जाति के इतिहास में केवल एक ही व्यक्ति 120 वर्ष की आयु तक जीवित रहा है। फ्रांस के जीन कैलमेंट, जिनकी 1997 में 122 वर्ष और 164 दिन की आयु में मृत्यु हो गई थी, यह उपलब्धि हासिल करने वाले वह एकमात्र व्यक्ति हैं।
यहां तक कि कैलमेंट की लंबी उम्र पर भी उन सिद्धांतों के साथ सवाल उठाए गए, जिनमें कहा गया था कि कैलमेंट की बेटी वास्तव में उनके जैसा होने का दिखावा कर रही थी। बता दें कि 1900 की शुरूआत से, इंसानों की उम्र में दुनियाभर इज़ाफा देखने को मिला है, इसका श्रेय विज्ञान और स्वास्थ्य सेवाओं को जाता है, जिनकी बदौलत वैक्सीन का विकास हो सका और उचित इलाज से हम उन बीमारियों पर भी जीत हासिल कर पाए जो कभी लाइलाज और जानलेवा मानी जाती थी।
दुनिया में पहली बार मिली नीले रंग की टैरेंटुला मकड़ी
28 Sep, 2023 07:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
बैंकॉक । हम आपकों बता रहे हैं कि दुनिया में पहली बार मिली नीले रंग की टैरेंटुला मकड़ी। इस मकड़ी को थाईलैंड के मैन्ग्रूव जंगलों में खोजा गया है। इस आमलोग थाईलैंड में इलेक्ट्रिक ब्लू टैरेंटुला कहते हैं। इसके पहले इस प्रजाति की टैरेंटुला को देखा नहीं गया था। थाईलैंड में पिछले साल पहली टैरेंटुला मकड़ी मिली थी। वह बांस के जंगलों में मिली थी। इसके बाद मकड़ियों के जानकार नरिन चोंफूफुआंग और उनकी टीम और मकड़ियों की तलाश में निकल गए। सालभर की खोज के बाद उन्हें थाईलैंड के मैन्ग्रूव जंगलों में नीले टैरेंटुला की ये नई प्रजाति मिली। जो एकदम हैरान कर देती है।
ये मकड़ियां खोखले पेड़ों या पेड़ों पर बने खोखले गड्ढों या बिलों में रहती हैं। इन्हें आसानी से देखा नहीं जा सकता। खासतौर से ह्यूमिड और फिसलने वाली जगहों पर रहती हैं। सबसे ज्यादा हैरान करता है इन मकड़ियों का रंग। क्योंकि नीला रंग दुर्लभ होता है। नीले रंग के फूल भी कम दिखते हैं। पक्षियों, मछलियों और कीड़ों में नीला रंग दिखता है। मकड़ी पहली बार नीले रंग की दिखाई दी है। कुछ टैरेंटुला मकड़ियों में हल्का नीला रंग दिखता है लेकिन इस मकड़ी की तरह पूरा नीला नहीं। असल में इस मकड़ी के शरीर पर नैनोस्कोपिक ढांचे होते हैं, जिन पर रोशनी पड़ते ही वे नीले या वायलेट रंग के दिखने लगते हैं। लेकिन ये अब तक पता नहीं चल पाया है कि ये नीला रंग आता कहां है।
नीले रंग के आने की केमिस्ट्री या बायोलॉजी पता नहीं चल रही है। लेकिन एक बात हैरान करती है। जब नर मकड़ी को मादा के साथ संबंध बनाना होता है, तब ये अपने नीले पैर उठाकर इशारे करता है। साथ ही दुश्मन मकड़ी के साथ भी इसी हरकत से उसकी सक्रियता का पता चलता है। यानी यह रंगों के जरिए एक दूसरे से बातचीत करते हैं।
नए शोध में एलियन की मौजूदगी का समर्थन किया गया
28 Sep, 2023 12:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
लंदन । नए अध्ययन में इसका खुलासा हुआ है कि धरती पर मौजूद लोगों से एलियन की जिंदगी बहुत अलग है। शोध में एलियन की मौजूदगी का समर्थन किया गया है। साथ ही कहा गया कि पृथ्वी का जीवन कार्बन के अलावा फॉस्फोरस, सल्फर, नाइट्रोजन, ऑक्सीजन और हाइड्रोजन जैसे तत्व पर आधारित है। वैज्ञानिकों का मानना है कि वैकल्पिक रासायनिक ढांचे में एलियन का अस्तित्व संभव है। लंबे समय से, वैज्ञानिक आश्चर्य करते रहे हैं कि क्या एलियन का जीवन महत्वपूर्ण रूप से एक रसायन विज्ञान के आधार पर विकसित हो सकता है। सालों तक रिसर्चर्स ने यह अनुमान लगाया है कि क्या सिलिकॉन जीव विज्ञान के लिए रीढ़ की हड्डी के रूप में काम कर सकता है।
इस बारे में विस्कॉन्सिन-मैडिसन विश्वविद्यालय के एक खगोलविज्ञानी बेतुल काकर ने कहा, ‘इन संभावनाओं का पता लगाना महत्वपूर्ण है, ताकि हमें यह पता चल सके कि केवल पृथ्वी पर जीवन ही नहीं, बल्कि सभी प्रकार के जीवन कैसे दिख सकते हैं। काकर ने कहा, ‘जीवन की उत्पत्ति से जुड़े रिसर्चर्स द्वारा ऑटोकैटलिसिस पर ध्यान देने का एक प्रमुख कारण यह है कि प्रजनन जीवन की एक प्रमुख विशेषता। जीवन अधिक जीवन के निर्माण को उत्प्रेरित करता है। एक कोशिका दो कोशिकाओं का निर्माण करती है, जो चार और इसी तरह बन सकती हैं। जैसे-जैसे कोशिकाओं की संख्या बढ़ती है, संभावित अंतःक्रियाओं की संख्या और विविधता बढ़ जाती है।
नए अध्ययन में, शोधकर्ता एक ऑटोकैटलिसिस की खोज में थे, जो कार्बनिक यौगिकों से परे है। उन्होंने कहा कि ऐसी प्रतिक्रिया मौजूद हो सकती है, क्योंकि ऑटोकैटलिसिस एबियोजेनेसिस को चलाने में मदद कर सकता है, जो निर्जीवता से जीवन की उत्पत्ति है। वैज्ञानिकों ने इस बात पर जोर दिया कि अनुपातिक चक्र के रूप में जाना जाता है जो एक अणु की कई प्रतियां बना सकता है।
कंगाल पाकिस्तान में निवेश नहीं करेगा चीन, सीपीईसी के विस्तार पर रोक
28 Sep, 2023 11:15 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
इस्लामाबाद । कंगाल हो चुके पाकिस्तान को चीन से बड़ा झटका लगा है। दरअसल चीन ने अपनी खराब आर्थिक स्थिति के बीच चाइना-पाकिस्तान आर्थिक कॉरिडोर या सीपीईसी के और ज्यादा विस्तार को मंजूरी नहीं दी है। पाकिस्तान चाहता था कि चीन ऊर्जा, जल प्रबंधन और जलवायु परिवर्तन के क्षेत्र में सीपीईसी के जरिए निवेश करे लेकिन बीजिंग ने ऐसा नहीं किया है। पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक चीन और पाकिस्तान दोनों ही इस समय आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं। इसकारण सीपीईसी के और ज्यादा विस्तार पर चीन ने रोक लगा दी है।
वहीं पाकिस्तान ने चीन के आगे घुटने टेककर ग्वादर में कोयला आधारित बिजली संयंत्र लगाने की चीन की योजना का विरोध छोड़ दिया है। यही नहीं चीन की विभिन्न मांगों को भी पाकिस्तान ने अब पूरा करने का वादा किया है। सीपीईसी पर संयुक्त समिति की बैठक में चीन और पाकिस्तान के बीच मतभेद साफ दिखाई दिए। इसकी वजह से आम सहमति बनने में एक साल की देरी हो गई। रिपोर्ट के मुताबिक चीन ने पाकिस्तान के ऊर्जा, जल प्रबंधन, जलवायु परिवर्तन और टूरिज्म के क्षेत्र में पीओके में सीपीईसी का विस्तार करने पर अपनी मंजूरी नहीं दी है।
चीन ने पीओके में सीमापार टूरिज्म के प्रस्ताव को खारिज कर दिया। चीन ने जलवायु परिवर्तन पर भी पाकिस्तान प्रस्ताव को नकार दिया। चीन की बिजली कंपनियों का काफी पैसा पाकिस्तान पर बकाया है जो कंगाली की वजह से चुका नहीं पा रहा है। चीन के दबाव के बाद अब पाकिस्तान ने ग्वादर में 300 मेगावाट के पॉवर प्लांट पर चीन को बड़ी रियायत दे दी है। पाकिस्तान चाहता था कि इस प्रॉजेक्ट को या तब रदद कर दिया जाए या फिर बिजली घर को थार ले जाया जाए ताकि स्थानीय कोयले का इस्तेमाल किया जा सके।
चीन इसके लिए तैयार नहीं हुआ और अब ग्वादर प्लांट को विदेश से कोयला मंगाकर चलाया जाएगा। पाकिस्तान को डर है कि दुनिया में कोयले की कीमतें बढ़ रही हैं जिससे यहां से पैदा होने वाली बिजली भविष्य में मंहगी होगी। इसके बाद पाकिस्तान के विदेशी मुद्राभंडार पर दबाव बनेगा। यही नहीं पाकिस्तान के ग्वादर में पर्यावरण पर भी इस प्लांट का असर पड़ेगा। चीन के तैयार नहीं होने की वजह से पाकिस्तान के पास इस मानने के अलावा और कोई चारा नहीं बचा था। पाकिस्तान चाहता था कि चीन उसे मिनरल्स के उत्खनन, विकास और मार्केटिंग में मदद करे लेकिन ड्रैगन ने इस पर चुप्पी साध ली है।
सोशल मीडिया में दावा, आंतकी हाफिज सईद के बेटे कमालुद्दीन का हुआ अपहरण
28 Sep, 2023 10:15 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
पेशावर । भारत के मोस्ट वांटेड आतंकवादी हाफिज सईद के बेटे कमालुद्दीन सईद के अपहरण होने की खबरें आ रही हैं। दावा किया जा रहा है कि कमालुद्दीन को कार सवारों ने अगवा किया। यह सनसनीखेज खबर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है।
हालांकि खबर को लेकर कोई अधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है लेकिन सोशल मीडिया पर कुछ विदेशी मीडिया संस्थानों के ट्विटर हैंडल से दावा किया गया है, कि हाफिज सईद का बेटा कमालुद्दीन मंगलवार शाम से लापता है। कुछ और ट्विटर हैंडल से दावा है, कि हाफिज के बेटे के गायब होने के बाद आतंकी संगठनों और पाक खुफिया एजेंसी आईएसआई में हड़कंप मच गया है और कमालुद्दीन सईद की तलाशी के लिए जमीन आसमान एक किए जा रहे हैं।
रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है, कि कमालुद्दीन सईद कल शाम से लापता है और इसका कोई सुराग नहीं मिल रहा है। एक ट्विटर हैंडल से दावा किया गया है, कि कमालुद्दीन सईद लापता हो गया है और उसे अज्ञात लोग अपने साथ ले गए हैं। जिसमें दावा किया गया है, कि आतंकवादी हाफिज सईद का एक बेटा कमालुद्दीन लापता है।
दावा किया गया है, कि कमालुद्दीन सईद को पेशावर से कुछ अज्ञात कार सवार ले गए हैं। आईएसआई अभी भी उसका पता लगाने में सफल नहीं हुई है और उसका कोई सुराग नहीं है। इस घटना के बाद आईएसआई और अन्य पाकिस्तानी आतंकवादी संगठन सदमे में हैं।