उत्तर प्रदेश
ऑस्ट्रेलिया की लिव और बिहार के आलोक की शादी, पटना में हुआ खास आयोजन
13 Mar, 2025 05:59 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
बिहार: प्यार न जात देखता है और न ही धर्म. प्यार जब होता है तो बस हो जाता है. कुछ ऐसी ही कहानी है ऑस्ट्रेलिया की लिव और बिहार के आलोक की है. ऑस्ट्रेलिया की रहने वाली लिव की शादी बिहार के आलोक से राजधानी में हुई है. इस अनोखी शादी में लिव के तो रिश्तेदार थे ही साथ ही साथ स्थानीय लोग भी बड़े अनोखे मौके पर एकत्रित हुए थे. इस शादी के लिए लिव के रिश्तेदार ऑस्ट्रेलिया से भारत आए हुए थे.
पटना के एक होटल में इस शादी का आयोजन हुआ. शादी का सेहरा बांधे आलोक मूल रूप से मुजफ्फरपुर के निवासी है. आलोक बचपन से पढ़ने में काफी तेज थे. सैनिक स्कूल से उन्होंने अपनी प्रारंभिक पढ़ाई पूरी की और हायर एजुकेशन के लिए ऑस्ट्रेलिया चले गए. ऑस्ट्रेलिया में ही स्टडी करने के दौरान आलोक की मुलाकात लिव से हुई. यह मुलाकात धीरे-धीरे प्यार में बदल गई. हालांकि इन दोनों ने एक दूसरे को करीब पांच साल डेट भी किया.
ऑस्ट्रेलिया से आईं छह महिलाएं
दो अलग-अलग धर्म और दो अलग-अलग संस्कृतियों की इस अनोखी शादी में शामिल होने के लिए आलोक के पैतृक गांव से 100 से भी ज्यादा पुरुष व महिलाएं बाराती बनकर शामिल हुई. वही लिव के घर से भी ऑस्ट्रेलिया से छह महिलाएं आई और वह भी अनोखी शादी में शामिल हुई. इस दौरान हिंदू रीति रिवाज की सभी रस्मों का पूरे तरीके से पालन किया गया. शादी को लेकर के जितना ही खुश आलोक दिख रहे थे उतने ही खुशी लिव के चेहरे पर भी दिखाई दे रही थी.
भारतीय रीति रिवाज हुई शादी
इस दौरान लिव ने एकदम पारम्परिक भारतीय दुल्हन की वेशभूषा को अपनाया हुआ था, वही आलोक भी सेहरा बांधे हुए थे. शादी में भारतीय रीति रिवाज के अनुसार शुरू से लेकर अंत तक विधिवत रस्मों का पालन किया गया. दोनों नव दंपति ने इन रस्मों को निभाने का वचन भी दिया. इस दौरान लिव के चेहरे पर गजब की खुशी दिखाई दे रही थी. लिव के परिवार से ऑस्ट्रेलिया से आई छह महिलाएं भी इन रस्मों को देखकर के आश्चर्यचकित थी.उन्होंने भी इस शादी का बखूबी आनंद उठाया. बताया जा रहा है कि लिव और आलोक दोनों ही ऑस्ट्रेलिया में सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं. शादी के बाद दोनों ही नव दंपति ऑस्ट्रेलिया के लिए रवाना भी हो गए.
300 सालों से इस गांव में नहीं खेली गई होली, बाबा बड़राव की वजह से रंगों से दूर लोग
13 Mar, 2025 05:44 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
झारखंड के बोकारो जिले के एक गांव के लोग होली के रंग का नाम सुनकर ही डर उठते हैं. इस गांव में पिछले लगभग 300 वर्षों से होली नहीं खेली जाती है. खास बात यह है कि 5 हजार से अधिक आबादी वाले इस गांव में कोई भी होली खेलने की हिम्मत नहीं जुटा पाता. कुछ बातों का ध्यान रखते हुए गांव के बाहर बसे अपने परिजनों के घरों में लोग होली खेल सकते हैं, लेकिन गांव में नहीं. खास बात यह कि इस गांव में ब्याह कर आई महिलाएं भी यहां की परंपरा में ढल जाती हैं. बता दें कि बोकारो जिले के कसमार प्रखंड स्थित दुर्गापुर होली नहीं खेलने की वजह को लेकर दिलचस्प कहानी जुड़ी हुई है.
दरअसल, इलाके के राजा दुर्गा प्रसाद की हत्या होली के दिन रामगढ़ राजा के द्वारा किए जाने को लेकर है. हालांकि, गांव के लोगों को पूर्वजों ने यह जरूर बताया है कि हत्या के बाद बाद करीब 100 वर्ष गांव में कुछ खानाबदोश मल्हार जाति के लोग 8 दिनों से आकर ठहरे हुए थे इन लोगों ने होली के दिन रंग और गुलाल की होली खेली, पर उसी दिन दो लोगों की मौत हो गई. गांव में महामारी फैल गई. जब गांव के लोगों ने गांव के पाहन से संपर्क किया तो उन्होंने बताया कि यह होली खेलने की वजह से हुई है. उसके बाद दुर्गा पहाड़ के पास स्थित बाबा बड़राव के पास जाकर पूजा अर्चना की गई गलती के लिए क्षमा मांगी गई तब फिर गांव में शांति स्थापित हुई.
गांव के लोगों का कहना है कि पूर्वजों ने बताया है कि बाबा बड़राव को रंग पसंद नहीं है. गांव के लोगों का कहना है कि होली के दिन यह लोग कहीं होली खेलने नहीं जाते हैं अगर कोई ससुराल और मामा घर जाता है तो वहां होली खेल सकता है. लेकिन, होली के दिन अगर इस गांव के लोग कहीं दूसरे गांव जाते हैं तो लोग भी उन्हें रंग देने से डरते हैं. दुर्गापुर गांव में 11 टोला है जिसकी कुल आबादी लगभग 5 हजार से अधिक है. लोगों का कहना है कि जो महिलाएं यहां ब्याह करती है वह भी गांव की परंपरा से ढल जाती हैं.गांव के लोगों ने बताया कि यह कथा बड़े-बुजुर्गों के द्वारा बताई गई है, जो आज तक चली आ रही है.
कोई भी व्यक्ति यहां होली खेलने की हिम्मत नहीं जुटाता है. गांववालों का कहना है कि रामगढ़ के राजा पद्म की पत्नी रानी अपने मायके बंगाल से होकर होली के दो दिन पूर्व किस रास्ते से गुजर रही थी. इसी दौरान यहां के राजा दुर्गा प्रसाद के द्वारा उन्हें रोक कर उनके द्वारा ले जाए जा रहे सामानों की जांच की गई. बस के बीच भर कर ले जाए जा रहे नई साड़ी को भी निकाल कर देखा गया. इस बात की जानकारी रानी ने जाकर राजा को दी और राजा होली के दिन अपने दल बल के साथ वहां पहुंचे और दुर्गा प्रसाद को हमला कर मौत के घाट उतार दिया. लोगों का कहना है की होली के दिन हम लोग रंग गुलाल नहीं खेलते हैं लेकिन पूरा पकवान जरूर हम लोग बनाते हैं और खाते भी हैं.
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद और कन्हैया कुमार के बीच बढ़ी खींचतान
13 Mar, 2025 05:27 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
बिहार की सियासत में अपने दम पर खड़े होने के लिए बेताब कांग्रेस विधानसभा चुनाव से पहले दो धड़ों में बंटी नजर आ रही है. बिहार की सियासी पिच पर कन्हैया कुमार के एक्टिव होने से आरजेडी से ज्यादा कांग्रेस के नेता ही बेचैन माने जा रहे हैं. कन्हैया कुमार के बिहार सक्रिय होने से कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद खुश नहीं हैं. इसके चलते ही राहुल गांधी के साथ बुधवार को बिहार कांग्रेस नेताओं के साथ होने वाली बैठक टल गई है. कन्हैया बनाम अखिलेश की लड़ाई में बिगड़ न जाए कांग्रेस का 2025 गेम?
कांग्रेस साढ़े तीन दशक से बिहार की सत्ता से बाहर है, जिसके चलते उसका जनाधार पूरी तरह से खिसक गया है. कांग्रेस के तमाम नेता पार्टी छोड़कर चले गए हैं तो कार्यकर्ता भी जमीनी स्तर पर सक्रिय नहीं है. ऐसे में कांग्रेस बिहार में आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव की बैसाखी के सहारे राजनीति करती रही. दिल्ली चुनाव के बाद कांग्रेस अब आत्मनिर्भर बनने की जुगत में है, जिसके चलते ही सियासी माहौल गर्मा गया है. कांग्रेस की नजर बिहार की सियासत पर ही अपने दम पर खड़े होने की है, जिसके चलते ही सियासी उठा पटक शुरू हो गई है.
कांग्रेस के दो भूमिहार नेता में शह-मात
कांग्रेस कन्हैया कुमार के जरिए बिहार में अपने लिए सियासी उम्मीदें देख रही है, जिसके चलते ही उन्हें उतारा है. ऐसे में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह का मानना है कि कांग्रेस पार्टी जिस तरह कन्हैया कुमार को बिहार में प्रमोट कर रही है, उससे कांग्रेस और आरजेडी के संबंध बिगड़ सकते हैं. इसका पॉलिटिक्ल इम्पैक्ट सिर्फ गठबंधन की राजनीति पर ही नहीं, बल्कि कांग्रेस पार्टी की अंदरूनी सियासत पर भी पड़ता दिख रहा, जिसमें दो भूमिहार नेता आमने-सामने खड़े हुए नजर आ रहे हैं.
बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह और कन्हैया कुमार एक ही पार्टी से हैं और एक ही समाज से आते हैं. दोनों नेता भूमिहार समाज से आते हैं और दोनों ही गांधी परिवार के करीबी माने जाते हैं.अखिलेश प्रसाद को सोनिया गांधी की लॉबी का माना जाता है तो कन्हैया कुमार राहुल गांधी के करीबी माने जाते हैं. राहुल के साथ भारत जोड़ो यात्रा में कन्हैया कुमार कंधे से कंधा मिलकर पदयात्रा करते नजर आए थे. अब बिहार कांग्रेस के दोनों ही दिग्गज नेताओं के बीच शह-मात का खेल शुरू हो गया है.
कन्हैया बनाम अखिलेश प्रसाद
बिहार की राजनीति में अचानक कन्हैया कुमार का सक्रिय होना अखिलेश सिंह समर्थकों को नागवार गुजर रहा है. ऐसे में दोनों अब बिहार में अपना दम दिखाना चाह रहे हैं. अखिलेश प्रसाद सिंह बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष हैं. इनका ओरिजनल रूट कांग्रेस नहीं है, लालू यादव की पार्टी आरजेडी से होते हुए कांग्रेस सियासी ठिकाना बना है. लालू यादव और अखिलेश सिंह की गोटी बिल्कुल सेट है. लालू यादव की वजह से ही वह राज्यसभा भी पहुंचे हैं. कांग्रेस और आरजेडी को राज्य में गठबंधन की डोर में बांधे रखने में अखिलेश सिंह की अहम भूमिका मानी जाती.
वहीं कन्हैया कुमार वामपंथी राजनीति से कांग्रेस में आए हैं. राहुल गांधी के करीबी हैं और युवा नेता है. कन्हैया की युवाओं में मजबूत पकड़ मानी जाती है. बेबाकी तरीके से कन्हैया अपनी बात रखने की ताकत रखते हैं और सामने वाली की बोलती बंद करने की क्षमता है. राहुल गांधी अब कन्हैया कुमार को बिहार में आगे बढ़ा रहे हैं तो अखिलेश प्रसाद सिंह को रास नहीं आ रहा है. इस तरह कन्हैया कुमार और अखिलेश सिंह को लेकर बिहार कांग्रेस अब दो खेमे में बंट गई है. ऐसे में एक गुट प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह के साथ है जबकि दूसरा गुट कन्हैया कुमार के साथ. फीडबैक लेने वाले थे.
कांग्रेस का बिगड़ न जाए सियासी गेम
कांग्रेस पार्टी के भीतर एक ऐसा वर्ग है जो लालू की छाया से निकलना चाह रही है. शायद यही वजह है नए कांग्रेस प्रभारी और कन्हैया कुमार की सक्रियता वैसे लोगों को खटक रही है. कांग्रेस पार्टी अपना जनाधार बढ़ाने के लिए कन्हैया कुमार की भूमिका को और बड़ा करना चाहती है. कन्हैया कुमार के नेतृत्व में यूथ कांग्रेस और एनएसयूआई की टीम रोजगार और पलायन के मुद्दे पर 16 मार्च से पश्चिम चंपारण से पदयात्रा शुरू कर रही. कन्हैया इस पदयात्रा में मुख्य आकर्षण होंगे. कन्हैया कांग्रेस में रहते हुए बिहार में अपना भविष्य देख रहे हैं और ठीक वैसे ही कांग्रेस भी कन्हैया कुमार से वैसी ही उम्मीद बिहार में पाल रखी है, जिसके चलते बिहार की सियासी पिच पर उतारने का दांव चला है.
वहीं, बिहार की सियासत में हमेंशा इस बात की चर्चा रहती है कि लालू यादव हमेशा बिहार कांग्रेस को अपनी मुट्ठी में रखना चाहते हैं. कांग्रेस जैसे ही ताकतवर होगी, लालू यादव को दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है. इसलिए, बिहार में जो भी कांग्रेस का अध्यक्ष रहा लालू यादव का कृपा पात्र रहा. मदन मोहन झा और भक्त चरण दास की जोड़ी ने लालू यादव के नाक में दम जरूर कर दिया था. इसके बाद लालू यादव ने अपनी केमिस्ट्री के नेता अखिलेश प्रसाद को प्रदेश की कमान दिलाई, लेकिन कन्हैया कुमार अचानक सक्रिय होने से बिहार की सियासत में तूफान खड़ा हो गया है.
बिहार कांग्रेस में विवाद इतना बढ़ गया है कि पार्टी को 12 मार्च को राहुल गांधी के साथ बिहार के नेताओं की बैठक स्थगित करनी पड़ी है. इस बैठक में राहुल गांधी प्रदेश के नेताओं से विधानसभा चुनाव पर फीडबैक लेने वाले थे. बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह बहुत नाराज चल रहे हैं. बिहार के नए प्रभारी कृष्णा अल्लावारु जिस स्टाइल में काम कर रहे हैं, उससे प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह तालमेल नहीं बैठा पा रहे हैं. हालांकि वह इसका विरोध भी नहीं कर पा रहे हैं, क्योंकि प्रभारी को सीधा केंद्रीय नेतृत्व का आशीर्वाद मिला हुआ है. इसी बीच कन्हैया कुमार की बिहार वापसी ने आग में घी डालने का काम किया है. ऐसे में कांग्रेस का मिशन-2025 कहीं गड़बड़ा न जाए?
रांची एसएसपी ने दी उपद्रवियों को कड़ी चेतावनी, कहा- शांति भंग करने वालों को 10 फीट नीचे गाड़ देंगे
13 Mar, 2025 05:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रांची: पूरे देश में होली का उत्सव शुरू हो गया है. रंग और गुलाल वाली होली 14 मार्च यानी शुक्रवार की खेली जाएगी. त्योहार को शांति से मनाने के लिए झारखंड की राजधानी रांची में पुलिस सख्त हो गई है. अराजकतत्वों पर नजर रखी जा रही है. एसएसपी रांची भी एक्शन मोड़ में हैं. उन्होंने उपद्रवियों पर सख्ती से निपटने को कहा है. उन्होंने चेतावनी भरे अंदाज में कहा है कि कोई भी व्यक्ति अगर होली के दौरान जान बूझकर बदमाशी करता है, शांति भंग करने की कोशिश करेगा तो उसे 10 फीट नीचे जमीन में गाड़ देंगे.
रांची एसएसपी चंदन कुमार सिंहा अपने तेज तर्रार तेवरों के रूप में जाने जाते हैं. इस बार उपद्रवियों की दी गई उनकी चेतावनी चर्चा में बनी हुई है. होली के उपलक्ष्य में आयोजित हुई शांति समिति की बैठक में उन्होंने अराजकतत्वों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की बात कही है. हाल ही में उनका प्रमोशन हुआ है. एसएसपी की उपद्रवियों को चेतावनी देने वाले बयान की वीडियो तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है.
अराजकता फैलाने वालों पर रखें नजर
होली को लेकर रांची के समाहरणालय परिसर में शांति समिति की बैठक आयोजित हुई, जिसमें एसएसपी चंदन कुमार सिंहा मौजूद रहे. बैठक में उन्होंने उपद्रवी और शरारती तत्व पर कढ़ाई से निपटने की बात कही. इस बीच उन्होंने शांति समिति के लोगों से अपील की. उन्होंने कहा कि सभी को अराजकतत्वों पर नजर रखने की जरूरत है. ऐसे लोग समाज में अराजकता फैलाते हैं. उन्होंने कहा कि इन लोगों को रोकना हम सब का दायित्व है.
जमीन के 10 फीट नीचे गाड़ देंगे-एसएसपी
एसएसपी ने कहा किजो लोग जानबूझकर हुड़दंग कर होली में अशांति फैलाने की कोशिश करेंगे, ऐसे लोगों की जानकारी पुलिस प्रशासन को दें. उन्होंने चेतावनी लहजे में कहा कि प्रशासन ऐसे उपद्रवी और शरारती तत्वों को जमीन के 10 फीट नीचे गाड़ देगा. उन्होंने कहां की फोर्सज की डेप्लॉयमें ट राजधानी के सभी जगह पर रहेगी. लगातार पुलिस की टीम गस्ती करेगी. किसी भी प्रकार की कोई अप्रिय घटना होती है तो तुरंत पुलिस को इन्फॉर्म करें, पुलिस हाजिर हो जाएगी. उन्होंने लोगों से भी आपसी विवाद को बढ़ावा ना देते हुए सौहार्द पूर्ण वातावरण में त्योहार मनाने की अपील की है.
संभल के कार्तिकेय महादेव मंदिर में 46 साल बाद रंगों की होली, मुख्यमंत्री योगी का धन्यवाद
13 Mar, 2025 11:54 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
संभल के खग्गूसराय स्थित कार्तिकेय महादेव मंदिर में 46 साल के बाद सोमवार को होली खेली गईइस दौरान वहां सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे. लोगों ने पुलिस अधिकारीयों को भी गुलाल लगाया और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को धन्यवाद दिया. बता दें कि कार्तिकेय मंदिर पर 46 साल पहले हुए दंगे के बाद बंद कर कब्ज़ा कर लिया गया था. पिछले साल ही संभल जिला प्रशासन ने इस मंदिर को खुलवाया और पूजा पाठ शुरू की गई.
46 साल बाद मंदिर खुलने पर विश्व हिंदू परिषद ने इस बाद होली को लेकर विशेष प्रबंध किया है. विहिप की तरफ से इस बार घर – घर जाकर भगवा गुलाल बांटे गए. रंगभरी एकादशी के मौके पर लोगों ने मंदिर में जमकर रंग और गुलाल उड़ाए. इस दौरान भारी संख्या में पुलिस फोर्स भी मौजूद रही. डरने से भी मंदिर के आस पास निगरानी रखी जा रही है. बता दें कि यह मंदिर जामा मस्जिद से महज 200 मीटर की दूरी पर है. लिहाजा पुलिस प्रशासन पूरी तरह से सतर्क है.
1978 दंगे के बाद से बंद था मंदिर
गौरतलब है कि 1978 के दंगे के बाद इस इलाके से हिंदू आबादी पलायन कर गई थी. तभी से यहां स्थित कार्तिकेय महादेव मंदिर में पूजब पाठ बंद था और लोगों ने इस पर कब्ज़ा कर लिया था. पिछले साल 24 नवंबर को जामा मस्जिद सुर्वे के दौरान भड़की हिंसा के बाद संभल जिला प्रशासन ने इस मंदिर को खोज निकाला और उसकी साफ़-सफाई करवाकर पूजा पाठ शुरू करवाया है. बता दें कि 46 साल बाद मंदिर के खुलने पर लोगों में होली को लेकर गजब का उत्साह है और वे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ औय जिला प्रशासन को धन्यवाद कह रहे हैं.
केतकी सिंह के विवादित बयान पर सियासत गरमाई, मुस्लिमों की एंट्री बैन की मांग
13 Mar, 2025 11:35 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार की फायर ब्रांड महिला विधायक केतकी सिंह के एक बयान के चलते वो सुर्खियों में आ गई हैं और अब सहयोगी दलों ने उनके ऊपर हमला करना शुरू कर दिया है. केतकी सिंह ने मांग की है कि बलिया के मेडिकल कॉलेज में मुस्लिमों की एंट्री बैन कर दी जाए. इसी को लेकर अब केंद्र की मोदी और प्रदेश की योगी सरकार में सहयोगी राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष जयंत चौधरी ने केतकी सिंह पर निशाना साधते हुए लिखा, मोहतरमा इलाज की जरूरत तो है.
दरअसल, उत्तर प्रदेश के बजट में बलिया के लिए मेडिकल कॉलेज की सौगात मिली है, जिसे लेकर बलिया से बीजेपी की विधायक केतकी सिंह ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सामने एक मांग रखी. केतकी सिंह ने इस मेडिकल कॉलेज में मुस्लिमों की एंट्री बैन करने की मांग की है. उन्होंने कहा कि मुसलमानों के लिए मेडिकल कॉलेज में अलग से बिल्डिंग, अलग से विंग बना दिया जाए ताकि हिन्दू सुरक्षित रह सके. अब उनके इस बयान को लेकर दलों की प्रतिक्रिया सामने आ रही हैं.
सहयोगी दल ने साधा निशाना
न सिर्फ जयंत चौधरी बल्कि रालोद के राष्ट्रीय प्रवक्ता रोहित अग्रवाल ने भी बीजेपी विधायक पर निशाना साधा है. रोहित ने जयंत चौधरी की ही पोस्ट को रीपोस्ट करते हुए लिखा कि मोहतरमा, अपनी विधानसभा में व्यवस्थाओं पर ध्यान दें, वरना जनता भी कई बार इलाज कर देती है. जयंत चौधरी पिछले विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के साथ मैदान में उतरी थी, उनकी पार्टी को मुसलमानों का भी बड़े स्तर पर समर्थन मिलता है. यही कारण है कि सहयोगी दल की विधायक को लेकर भी उन्होंने बयान जारी कर दिया है.
विधायक ने क्या बयान दिया?
योगी कैबिनेट ने सोमवार को ही बलिया में मेडिकल कॉलेज को मंजूरी दी थी. इसी को लेकर मीडिया से बात करते हुए केतकी सिंह ने कहा कि जब यहां पर मेडिकल कॉलेज बन रहा है तो मुसलमानों के लिए अलग से वार्ड या विंग बन जाए. विधायक ने अपनी बात के पीछे तर्क देते हुए कहा, होली, दिवाली, रामनवमी, दुर्गापूजा हर त्योहार पर उन्हें दिक्कत होती है. ऐसे में मैं मांग करती हूं कि महाराज जी उनके लिए एक अलग से विंग बनवा दें, ताकि वह भी सुरक्षित हो जाएं और हम भी सुरक्षित रहें. बीजेपी विधायक ने आगे कहा, हमारा इलाज तो होना ही है और अच्छा होना है, उनके लिए अलग वार्ड बन जाएगा तो हम भी खुद को सुरक्षित महसूस करेंगे. क्या पता किस चीज पर थूककर हमें मिल जाए. उससे भी बच सकेंगे.
गाजियाबाद सुसाइड केस: संजय सिंह के चचेरे भाई ने मेडिकल रिपोर्ट से खारिज किया डिप्रेशन का दावा
13 Mar, 2025 11:07 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में जीएसटी विभाग के डिप्टी कमिश्नर संजय सिंह सुसाइड केस में संजय के कैंसर ट्रीटमेंट की वो रिपोर्ट जो इन दावों को सिरे से खारिज करती है कि वो इस गंभीर बीमारी के कारण डिप्रेशन में थे. संजय के चचेरे भाई धनंजय सिंह ने यह मेडिकल रिपोर्ट दिखाई है, जो कि नवंबर 2024 की है. इसके मुताबिक, संजय पूरी तरह से ठीक हो चुके थे. धनंजय ने दावा किया कि ये मेडिकल रिपोर्ट साफ कहती है कि संजय कैंसर की वजह से डिप्रेशन में नहीं थे. बल्कि, वो विभाग से मिल रही प्रताड़नाओं से परेशान थे. संजय सिंह ने सोमवार सुबह, नोएडा के सेक्टर-75 स्थित एपेक्स सोसायटी की 15वीं मंजिल से कूदकर जान दे दी थी. तभी से यह केस सुर्खियों में बना हुआ है. उनकी मौत को लेकर तमाम बातें सामने आ रही हैं.संजय के परिवार से बात की. कई अहम जानकारियों परिवार ने संजय को लेकर दीं. साथ ही ये भी साफ किया कि वो विभाग की प्रातड़ना से ही तंग थे.
धनंजय सिंह ने बताया- एक साल बाद संजय की रिटायरमेंट थी. संजय को एक साल से डिप्रेशन जरूर था. लेकिन वो विभाग में उच्च स्तर पर जो काम का अतिरिक्त भार सौंपा जा रहा था, उस वजह से डिप्रेशन में थे. हमारा मानना है कि विभाग में प्रताड़ना का स्तर इतना बढ़ा दिया गया है कि कोई भी स्वतंत्र विवेक से इस विभाग में काम कर ही नहीं पा रहा है. रोज काम में इतना हस्तक्षेप किया जाता है कि यहां कर्मचारी स्वतंत्र तरीके से काम कर ही नहीं सकते. सिर्फ संजय ही नहीं, विभाग के अन्य कर्मचारी भी प्रताड़ना से जूझ रहे हैं.
उन्होंने बताया- कैंसर से डिप्रेशन की बात बिल्कल गलत है. हमारे पास उनकी मेडिकल रिपोर्ट है, जो कि 14 नवंबर 2024 की है. वो इस बीमारी से बाहर निकल चुके थे. रिपोर्ट में भी साफ है कि वो ठीक हो चुके थे. तो फिर संजय कैसे कैंसर की वजह से डिप्रेशन में जा सकता है? ऐसी बातें करके बस विभाग के उन अधिकारियों को बचाने की एक कोशिश है, जिनसे संजय परेशान था. मेरा भाई ऐसा इंसान नहीं था कि इतनी सी बात के लिए अपनी जान दे दे. वो तो बेहद शांत स्वभाव का था. उसे इस हद तक विभाग में प्रताड़ित किया गया कि उसने अपनी जान ही दे दी. हम चाहते हैं कि इस केस की उच्च स्तर पर जांच हो. तभी सच सबके सामने आएगा.
‘2018 में था संजय को कैंसर’
आगे धनंजय सिंह ने बताया- मुझसे तो संजय की बराबर बात होती रहती थी. संजय अपनी बातें हमें बताता था कि मैं परेशान हूं. अपनी बीवी अपर्णा को भी वो बताता था कि मैं बहुत परेशान हूं. हम तो उसे समझाते थे कि परेशान होने की जरूरत नहीं है. अच्छा समय हो या बुरा समय, एक न एक दिन कटता जरूर है. अभी बेशक तुम बुरे दौर से गुजर रहे हो, लेकिन जल्द ही अच्छा वक्त भी जरूर आएगा.
‘हम मानते हैं कि स्वास्थ्य को लेकर पहले जरूर वो परेशान था. लेकिन बाद में वो ठीक हो गया था. इससे पहले भी जहां उसने काम किया, वहां भी छोटी-मोटी दिक्कतें जरूर आती थीं. लेकिन इतने ज्यादा स्तर पर नहीं. 2018 में संजय को कैंसर था, लेकिन उसके बाद भी वो रेगुलर बेसिस पर चेकअप करवाता था. दो महीने पहले की रिपोर्ट में वो बिल्कुल स्वस्थ पाया गया था. तो ये बात बिल्कुल गलत है कि वो कैंसर के कारण डिप्रेशन में था.’
संजय को कौन अधिकारी प्रताड़ित करता था, इसका कभी उसने जिक्र नहीं किया. लेकिन अंतिम दिन में भी जो हमसे बात हुई थी, उसमें बताया था कि मैं अतिरिक्त चार्ज नहीं चाहता हूं. बस उसे हटा दिया जाए. लेकिन अधिकारियों ने उसे हटाया नहीं. हमने अभी कोई FIR दर्ज नहीं करवाई है. लेकिन विधिक सलाह लेकर हम आगे देखेंगे कि इस मामले में हमें क्या करना है.
‘एक शख्स से पूरा विभाग परेशान’
संजय के पुराने साथी और GST के रिटायर्ड एडिशनल कमिश्नर एसके गौतम ने बताया- संजय को मैं काफी अर्से से जानता था. वो काफी हंसमुख और कर्मठ व्यक्ति थे. उनकी मौत से कई अधिकारी भी दुखी हैं. मेरा कहना ये है कि जहां तक मुझे पता चला है कि विभाग में प्रिंसिपल सेक्रेटरी की कार्यप्रणाली की वजह से पूरे विभाग में असंतोष छाया हुआ है. उसका परिणाम ये हुआ कि संजय के घर में क्षति हुई, जिसकी भरपाई कोई नहीं कर सकता. परेशान तो सभी लोग थे, लेकिन संजय ने तंग आकर अपनी जान ही दे दी.
‘मेरा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से निवेदन है कि वो इस मामले की गोपनीय रूप से जांच करवाएं. मेरा दावा है कि यहां सिर्फ एक व्यक्ति के कारण सभी कर्मचारी दुखी हैं. एक क्षति तो हो गई है, लेकिन हम नहीं चाहते कि आगे किसी और के साथ भी ऐसा कुछ हो. इसलिए इसके लिए जांच कमेटी जरूर बैठाई जानी चाहिए.’
संजय की गिनती हमेशा अच्छे अधिकारियों में रही है. हमें भी कुछ सलाह चाहिए होती थी तो हम संजय से ही सलाह लेते थे. जबकि, उन्हें कोई भी काम सौंपा जाए तो वो उसे हमेशा पूरा करते थे. हमें बहुत ही ज्यादा सदमा लगा जब पता चला कि संजय ने सुसाइड कर लिया है. हम बस इस केस में निष्पक्ष जांच चाहते हैं.
सपा सांसद प्रिया सरोज ने बीजेपी सांसद को रंग लगाकर मनाई संसद में होली
13 Mar, 2025 10:49 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
सपा सांसद प्रिया सरोज ने संसद में जमकर होली खेलीं. उन्होंने बीजेपी सांसद जगदंबिका पाल सहित कई अन्य सांसदों को रंग लगाया. अन्य सांसदों ने भी प्रिया के साथ होली खेली. प्रिया ने एक्स पर संसद में होली सेलिब्रेशन का एक वीडिया शेयर किया है, जिसमें वो गुलाल खेलती नजर आ रही हैं. वीडियो में उनके साथ सपा सासंद आनंद भदौरिया सहित और भी कई सांसद हैं.संसद में गुलाल खेलने के बाद सपा सांसद प्रिया सरोज ने ‘रंग बरसे’ गाया. उन्होंने सभी को होली की शुभकामनाएं दीं. प्रिया ने कहा, हमारे परिवार की तरफ से आप सभी को शुभकामनाएं. पानी का वेस्ट न करें और आप सब जमकर होली खेंले. प्रिया सरोज उत्तर प्रदेश की मछलीशहर लोकसभा सीट से सपा की सांसद हैं. संसद की कार्यवाही 17 मार्च तक स्थगित कर दी गई है.
इस बार होली 14 मार्च यानी शुक्रवार को है और इस दिन जुमे की नमाज भी है. सांप्रदायिक सौहार्द बनी रहे, इसके लिए यूपी-बिहार सहित के कई राज्यों में सुरक्षा के चौकस इंतजाम किए गए हैं. उत्तर प्रदेश, बिहार में इसको लेकर काफी सख्ती है. होली और मनाज को लेकर कई जगहों पर अलग-अलग टाइमिंग रखी गई है ताकि किसी को किसी से कोई नुकसान न हो.
होली पर स्वाद के साथ शाही स्वाद, गोंडा में 50 हजार रुपये किलो गोल्डन गुजिया
13 Mar, 2025 10:38 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
होली जितना रंगों का त्योहार है, उतना ही गुजिया का भी त्योहार है. इस त्योहार को देश और दुनिया के कई हिस्सों में बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता है. एक-दुसरे को रंगे लगाने के साथ-साथ लोग इस मौके पर एक दूसरे को गुजिया भी खिलाते हैं. आज हम ऐसी ही एक गुजिया का बात कर रहे है, जो आपको हैरानी में डाल देगी. अभी तक आपने 200 से 300 और 800 रुपये किलो तक वाली गुजिया खाई होगी, लेकिन क्या आपने कभी ऐसी गुजिया खाई है जिसके एक पीस की कीमत 1300 रुपये हो.
उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले की गोरी स्वीट नाम की मिठाई की दुकान अपनी गोल्डन गुजिया के लिए चर्चा का विषय बनी हुई है. गोल्डन गुजिया की कीमत प्रति पीस 1300 रुपये है. एक किलो की बात करें तो इसकी कीमत 50 हजार रुपये है. इतनी महंगी गुजिया देखने के लोग दुकान पर बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं. गोल्डन गुजिया में 24 कैरेट सोने का इस्तेमाल किया गया है. जिस कारण यह इतनी महंगी है. आईये जानते हैं क्या है गोल्डन गुजिया की खास बात.
एक पीस की कीमत 1300 रुपये
दुकान के मैनेजर शिवकांत चतुर्वेदी ने बताया कि हमारी गुजिया में खास तरह के सूखे मेवे की स्टफिंग की गई है. गुजिया में 24 कैरेट सोने की परत चढ़ी हुई है. गोल्डन गुजिया के एक पीस की कीमत 1300 रुपये है. जिसे बहुत ही शानदार तरीके से पैक करके दिया जा रहा है. गोल्डन गुजिया के एक पीस को भी ऐसे पैक किया जा रहा है, जैसै सुनार की दुकान पर एक सोने की अंगूठी को पैक किया जाता है.
क्या है खास बात?
गुजिया में सोने की वर्क लगाई गई है, जो इसे अपने आप में बेहद खास और किमती बनाती है. इसमें वेस्ट क्वालिटी के सूखे मेवे की फ्लिंग की गई है. गोरी स्वीट के मैनेजर चतुर्वेदी ने बताया कि गोल्डन गुजिया में पिस्ता और कश्मीरी केसर का भी इस्तेमाल किया गया है.
प्यार भरे शब्दों में छुपी साजिश, पति का अजीब बयान, पुलिस ने तफ्तीश शुरू की
13 Mar, 2025 10:33 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मुंगेर. मुंगेर में होली के मात्र तीन दिन पहले ससुराल में पति ने पत्नी की हत्या कर दी. आक्रोशित परिजनों ने भी आरोपी दामाद को पीट अधमरा कर दिया. आरोपी पति को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. पिछले दस दिन से आरोपी पति अपने पत्नी के साथ उसके मायके में ही रह रहा था. पुलिस मामले की जांच में जुटी है. मामला मुंगेर जिला अंतर्गत शामपुर थाना क्षेत्र के रघुनाथपुर बनारसी बासा गांव का है. नरेश मांझी ने अपनी बेटी विंदा देवी की शादी चार साल पहले जिला के ही धरहरा थाना क्षेत्र के बंगलवा निवासी मुकेश मांझी के साथ की थी. दोनों की दो साल की एक बेटी है.
दस दिन पहले खेतों में मसूर की कटाई करने को लेकर विंदा देवी अपने पति और बच्ची के साथ अपने मायका रघुनाथपुर बनारसीवास गांव आई थी. दोनों मिलकर खेतों में मसूरी की कटाई किया करते थे. बुधवार सुबह तड़के जब दोनों पति-पत्नी उठकर खेत पर जाने के लिए तैयारी कर रहे थे, तभी दोनों के बीच किसी बात को लेकर विवाद हो गया.
विवाद इस कदर बढ़ गया कि मुकेश ने अपनी पत्नी विंदा देवी की हत्या कर दी. उसके पिता ने बचाने का प्रयास भी किया लेकिन बेटी को बचा नहीं पाया. मौके पर ही विंदा देवी की मौत हो गई. विंदा को खून में लथपथ देख आक्रोशित पिता और अन्य परिवार वालों ने मुकेश को पीटकर अधमरा कर दिया.
उसे बांधकर सूचना पुलिस को दी गई.पुलिस के त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी पति को गिरफ्तार कर लिया. उसे घायल देख उसे प्राथमिक स्वास्थ केंद्र में भरती कराया जहां से उसे सदर अस्पताल बेहतर इलाज के लिय भेज दिया. पुलिस मामले की जांच में जुट गई है. मृतिका के पिता नरेश मांझी ने बताया कि दोनों पति-पत्नी के बीच किसी प्रकार का कोई विवाद नहीं था. आज सुबह दोनों के बीच क्या हुआ पता नहीं.
ब्रज क्षेत्र में होली के दिन हो सकती है तेज हवाएं और बिजली गिरने की संभावना
13 Mar, 2025 10:29 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
होली… रंगों और खुशियों का त्योहार है. इस दिन लोग एक दूसरे को रंग लगाते हैं और मस्ती में डूबे रहते हैं. होली का यह पर्व पूरे देश में मनाया जाता है, लेकिन उत्तर प्रदेश में इस त्योहार को अलग ही अंदाज में सेलिब्रेट किया जाता है. इस बार यूपी में होली पर मौसम का मिजाज बेहद बदला-बदला रहेगा. मौसम विभाग ने प्रदेश के कई जिलों में बारिश, आंधी और बिजली गिरने की संभावना जताई है. इनमें ब्रज क्षेत्र भी शामिल है.
मौसम विभाग ने होली के दिन मथुरा, आगरा, बरेली, नोएडा, अलीगढ़, गाजियाबाद, मेरठ में येलो अलर्ट जारी किया है.मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मुताबिक, ब्रज में होली के दिन आसमान में आमतौर पर बादल छाए रहेंगे, तेज हवाएं आंधी का रूप ले सकती हैं, गरज या बिजली गिरने की संभावना है. इसका असर मथुरा, वृंदावन, बरसाना, गोकुल समेत आसपास के जिलों में भी देखने को मिल सकता है.
उत्तर प्रदेश में कब कैसा रहेगा मौसम
मौसम विभाग के मुताबिक, पश्चिमी उत्तर प्रदेश में 24 घंटों में अधिकतम तापमान में 1-3 डिग्री सेल्सियस की गिरावट देखी गई है. मौसम विभाग का कहना है कि14 मार्च यानी होली पर उत्तर-पश्चिम भारत के मैदानी इलाकों में छिटपुट हल्की बारिश की संभावना के साथ आमतौर पर बादल छाए रहेंगे. पश्चिमी विक्षोभ निचले क्षोभमंडलीय स्तरों पर पश्चिमी अफगानिस्तान पर चक्रवाती परिसंचरण के रूप में देखा जा रहा है. इसके प्रभाव में 14 से 16 मार्च के दौरान पश्चिमी उत्तर प्रदेश और 15 से 16 मार्च को पूर्वी उत्तर प्रदेश में बारिश-आंधी की संभावना है.
मथुरा, आगरा, नोएडा और अलीगढ़ में बिगड़ेगा मौसम
मौसम विभाग के मुताबिक, मथुरा, आगरा, बरेली, नोएडा, अलीगढ़, बदायूं, गाजियाबाद, मेरठ में होली के दिन मौसम खराब रहने की आशंका है. इस दिन बादलों का डेरा रहेगा, बारिश-आंधी और बिजली गिरने की संभावना है. इसे लेकर मौसम विभाग ने इन जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी किया है. मौसम विभाग के मुताबिक, होली वाले दिन मथुरा का न्यूनतम तापमान 17 और अधिकतम 28 डिग्री सेल्सियस रह सकता है.
आगरा में न्यूनतम 17 और अधिकतम 34, नोएडा न्यूनतम 18 और अधिकतम 28, बरेली न्यूनतम 18 और अधिकतम 27, अलीगढ में न्यूनतम 18 और अधिकतम 28, मेरठ में न्यूनतम 17 और अधिकतम 27, गाजियाबाद में न्यूनतम 18 और अधिकतम तापमान 27 डिग्री सेल्सियस रह सकता है.
अयोध्या-वाराणसी में खिलेगी धूप
होली पर राम नगरी अयोध्या और भगवान शिव की नगरी वाराणसी में मौसम साफ रहेगा. मौसम विभाग के मुताबिक, दोनों धार्मिक नगरी में आसमान साफ रहेगा और धूप खिलेगी. बात करें यहां के तापमान की तो अयोध्या में न्यूनतम तापमान 16 और अधिकतक 33 डिग्री सेल्सियस रह सकता है. वाराणसी में न्यूनतम तापमान 20 और अधिकतक तापमान 36 डिग्री सेल्सियस रह सकता है.
इनके अलावा प्रदेश की राजधानी लखनऊ में आंशिक रूप से बादल छाए रहेंगे. यहां का न्यूनतम तापमान 20 डिग्री और अधिकतक 35 डिग्री सेल्सियस रह सकता है. कानपुर में भी मौसम साफ रहेगा. यहां का न्यूनतम तापमान 18 और अधिकतक 35 डिग्री सेल्सियस रहने की संभावना है.
आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ें: कोडरमा में फ्री स्किल ट्रेनिंग का अवसर
12 Mar, 2025 06:31 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
कोडरमा. अगर आप नौकरी की तलाश छोड़कर स्वरोजगार शुरू करने की सोच रहे हैं, तो अच्छा मौका है. कोडरमा के चेचाई में ग्रामीण विकास मंत्रालय के संरक्षण में संचालित बैंक ऑफ इंडिया के उपक्रम ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान (आरसेटी) में फ्री आवासीय प्रशिक्षण का हिस्सा बनकर आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ सकते हैं. यहां निःशुल्क आवासीय प्रशिक्षण के साथ सभी सुविधाएं मिलेंगी।
ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान के निदेशक मनोहर निराला ने बताया कि 17 मार्च से मशरूम उत्पादन, पोल्ट्री फार्म संचालन और वेजिटेबल नर्सरी के बेहतर प्रबंधन का नया बैच शुरू होगा. इस 10 दिवसीय प्रशिक्षण में हिस्सा लेने के लिए न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता आठवीं पास रखी गई है. साथ में पहचान पत्र के रूप में आधार कार्ड, राशन कार्ड, मनरेगा कार्ड की छाया प्रति और यात्रा भत्ता प्राप्त करने के लिए बैंक अकाउंट की जानकारी रजिस्ट्रेशन फॉर्म में भरना होगा.
उन्होंने बताया कि आरसेटी सिर्फ प्रशिक्षण देने का काम नहीं करती है, बल्कि प्रशिक्षण के बाद प्रशिक्षुओं को स्वरोजगार के लिए बैंकों से ऋण दिलाने में भी मदद करती है. यही कारण है कि आरसेटी स्वरोजगार के क्षेत्र में एक सशक्त माध्यम बनता जा रहा है.
राज्य स्तर के अनुभवी प्रशिक्षक देते हैं प्रशिक्षण
उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण के दौरान महिलाओं को मशरूम की विभिन्न प्रजातियों की देखभाल और मार्केटिंग के बारे में भी मार्गदर्शन दिया जाता है, ताकि उत्पादन के बाद जानकारी के अभाव में नुकसान न हो और बाजार की बेहतर जानकारी से अच्छा मुनाफा कमाया जा सके. उन्होंने बताया कि कोर्स के दौरान राज्य स्तर के अनुभवी प्रशिक्षकों द्वारा प्रशिक्षण दिया जाता है. उन्होंने बताया कि कम पूंजी में लोग पोल्ट्री फार्म और मशरूम उत्पादन का व्यवसाय शुरू कर बेहतर आय के स्रोत विकसित कर सकते हैं.
कोयले से कमाते थे हीरे की कीमत: पुलिस ने उजागर की 2 युवकों की काली करतूत
12 Mar, 2025 06:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
बोकारोः झारखंड के बोकारो से हैरान करने वाली खबर सामने आई है. यहां गरीबों की तरह रहने वाले दो युवक रईसों वाली जिंदगी जी रहे थे. वह हर दिन बाइक बदलते थे. कोयला ढ़ोने का काम करके हीरे वाली कीमत कमा रहे थे, अचानक पुलिस ने उनकी कर्म कुंडली खोल डाली. जब दोनों को पकड़कर पूछताछ की गई, तो पुलिस का शक बढ़ा गया. इसके बाद उनके ठिकाने पर जाकर तलाशी ली गई, तो वहां का नजारा देख सब हैरान रह गए. जिसके बाद पुलिस उनके सारे ठिकानों पर पहुंची तो सिपाहियों के पैरों तले जमीन खिसक गई.
बोकारो पुलिस को मंगलवार को बड़ी उपलब्धि मिली. बोकारो शहरी और अन्य थाना इलाकों से लगातार बाइक चोरी की घटना को अंजाम दे रहे दो बाइक चोर को गिरफ्तार किया गया है. इनकी निशानदेही पर 45 बाइक और स्कूटी को भी अलग-अलग थाना इलाकों से बरामद किया गया. चोरी किए बाइक का इस्तेमाल इलीगल कोयले की तस्करी के लिए किया जाता था. इसकी जानकारी बोकारो एसपी मनोज स्वर्गियारी ने दी है. एसपी ने बताया कि मोटरसाईकिल चोरी की बढ़ती घटना को देखते हुए पुलिस अधीक्षक बोकारो पुलिस उपाधीक्षक नगर आलोक रंजन के नेतृत्व में एक छापामारी दल का गठन किया गया.
छापामारी करने वाली पुलिस टीम लगातार चोरों के खिलाफ छानबीन में जुटी थी. धीरे-धीरे कर चोरों के खिलाफ सबूत इकट्ठे किए गए और सीसीटीवी फुटेज के आधार पर उनकी पहचान कर ली गई. जिसके बाद उनके ठिकानों का पता लगाया गया और जाल बिछाकर आरोपियों को पुलिस ने धरदबोचा. गिरफ्तार किए गए आरोपियों ने पुलिस पूछताछ में बताया कि- बोकारो शहरी और आस-पास के इलाकों में मोटरसाईकिल चोरी की घटना को स्वीकार किया है. इनके कब्जे से कथारा, तेनुघाट, गोमिया और पेटरवार थाना इलाकों में बेचने की नीयत से छिपाई गई कुल 45 बाइक बरामद की गई हैं.
आरोपियों ने बताया कि वह चोरी की बाइक का इस्तेमाल कोयला तस्करी के लिए करते थे. वह आए दिन बाइक चोरी करके अलग-अलग ठिकानों में छिपा दिया करते थे. जिसके बाद समय-समय पर चोरी की बाइक का इस्तेमाल किया करते थे. पुलिस के लंबे समय से बाइक चोरी की सैकड़ों शिकायतें मिल रही थीं, जिसके बाद टीम ने दोनों चोरों की शिनाख्त कर उन्हें धरदबोचा. आगे की कार्रवाई की जा रही है. उनसे पूछताछ में और भी कई खुलासे हो सकते हैं.
मईया सम्मान के पैसे की डिमांड पर पति बना हैवान… की पत्नी की हत्या
12 Mar, 2025 05:59 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
हेमंत सोरेन सरकार की मास्टर स्ट्रोक कहे जाने वाली महत्वाकांक्षी ‘मईया समान योजना’ के तहत जहां एक तरफ झारखंड की लाखों महिलाएं आर्थिक रूप से सशक्त हो रही हैं, आत्मनिर्भर हो रही हैं. वहीं, दूसरी तरफ झारखंड के गढ़वा जिला की एक महिला के लिए यही योजना काल बन गई. मईया सम्मान योजना के तहत झरखंड सरकार द्वारा 7500 रुपए की किस्त भेजी गई थी. इसी पैसे के लिए उसकी बेरहमी से हत्या कर दी गई. पति समेत ससुराल के अन्य लोगों ने उसकी हत्या की. दर्दनाक घटना की सूचना मिलने के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और आरोपी पति को गिरफ्तार कर लिया. ससुराल के अन्य लोग फरार हैं. उनकी धर-पकड़ के लिए पुलिस छापामारी कर रही है.
मामला झारखंड के गढ़वा जिला के रंका थाना क्षेत्र के तहत आने वाले मानपुर गांव की है. खुर्शीद अंसारी की पत्नी शकीना बीबी की हत्या हुई है. आरोपी पति और उसके घर वाले हैं. मृतका सकीना बीबी के बैंक खाते में झारखंड सरकार से मईया सम्मान योजना की तीन किस्तें आईं थीं. इसी पैसे को सकीना बीबी ने अपने खाते से निकाला था. आरोप है कि पैसे निकालने के बाद ससुराल में उसके पति खुर्शीद अंसारी, उसकी सास रोजनी बीबी, उसकी ननद समेत परिवार के अन्य लोग उससे पैसे की मांग करने लगे. इनकार करने पर उसके साथ मारपीट शुरू कर दी और उसकी हत्या कर दी.
पेड़ पर लटकाया शव
सकीना बीबी का शव उसके घर के पास पेड़ से लटका हुआ मिला. बताया जा रहा है कि 7500 नहीं देने पर पति, सास और ससुराल के अन्य लोगों ने उसकी गला घोट कर हत्या कर दी और उसके शव को घर के बाहर पेड़ से लटका दिया ताकि इसे आत्महत्या का रूप दिया जा सके. बेटी सकीना बीबी की मौत की सूचना मिलते ही उसके पिता रोज मोहम्मद अंसारी वहां पहुंचे. उन्होंने रंका थाना में अपनी बेटी की हत्या के आरोप में अपने दामाद खुर्शीद अंसारी, उसकी सास समेत ससुराल पक्ष के अन्य लोगों पर प्राथमिकी दर्ज करवा दी.
दर्ज प्राथमिकी के आधार पर गढ़वा जिले के रंका थाना की पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए महिला सकीना बीवी के हत्या के आरोप में उसके पति खुर्शीद अंसारी को गिरफ्तार कर लिया, जबकि ससुराल पक्ष के अन्य फरार लोगों की तलाश के लिए छापेमारी कर रही है.
हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार ने झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 से पहले ही मईया सम्मान योजना की शुरुआत की थी. इस योजना के तहत पहले 18 वर्ष से 50 वर्ष की महिलाओं को ₹1000 प्रति महीने लाभ देते हुए उनके खाते में पैसे डीबीटी के माध्यम से भेजी जाती थी. विधानसभा चुनाव के दौरान सरकार ने घोषणा करते हुए मईया सम्मान योजना की राशि को बढ़ाते हुए 1000 से 2500 कर दिया था.
लाजर मसीह की आतंकवादी साजिश नाकाम, कुंभ मेले में धमाके की योजना थी
12 Mar, 2025 03:18 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
कौशांबी: यूपी के कौशांबी जिले से गिरफ्तार आतंकी लाजर मसीह से जुड़ी बड़ी खबर सामने आई है. खुफिया एजेंसी की जांच में बड़ा खुलासा हुआ है. सूत्रों के अनुसार, आतंकी लाजर मसीह बसंत पंचमी पर लखनऊ से कौशांबी पहुंचा था. वह कुंभ में जाने की हर मुमकिन कोशिश कर रहा था, लेकिन भारी सुरक्षा के चलते वह कुंभ में नहीं जा पाया.
उसने माघी पूर्णिमा पर कुंभ में बम धमाका करने की पूरी तैयारी कर रखी थी. फिर उसने संदीपन घाट से गंगा के रास्ते नाव से कुंभ में प्रवेश करने की कोशिश की, लेकिन उसके पास नाविकों को किराया देने के लिए पैसा नहीं था. अब उसे हवाले के पैसों का इंतजार था. लेकिन उससे पहले यूपी एसटीएफ और पंजाब पुलिस ने ज्वाइंट ऑपरेशन के दौरान उसे कोखराज थाना क्षेत्र के सकाढा मोड़ से गुरुवार तड़के धर दबोचा. उसके पास से गोला-बारूद और एक बिना सिमकार्ड का मोबाइल फोन बरामद हुआ था.
पुलिस नाविकों से कर रही पूछताछ
संदीपन घाट के पुजारी ने बताय कि पुलिस लगातार यहां आ रही है और नाविकों से पूछताछ भी कर रही है. पुलिस ने उनसे भी पूछताछ की है. बता दें कि पुलिस अब इस बात की जानकारी जुटाने में लगी है कि उसने किस नाविक से महाकुंभ जाने के लिए संपर्क किया था या फिर वह कोई नई थ्योरी बता रहा है.
शक के दायरे में यह मिशनरी
भारी मात्रा में गोला-बारूद बरामद होने के बाद जब सुरक्षा एजेंसियों ने अपनी जांच का दायरा बढ़ाया तो पता चला कि ईसाई धर्म अपनाने के बाद से वर्ल्ड विजन इंटरनेशनल संस्था द्वारा उसे आर्थिक मदद पहुंचाई जा रही थी. आपको बता दें कि वर्ल्ड विजन इंटरनेशनल कई देशों में ईसाई धर्म का प्रचार-प्रसार करती है. वर्ल्ड विजन संस्था का कनेक्शन सामने आने के बाद अब यूपी एटीएस एजेंट की तलाश में कौशांबी से लेकर लखनऊ और पीलीभीत तक छापेमारी कर रही है. माना जा रहा है कि आतंकी को पुलिस कस्टडी रिमांड में लेने की तैयारी चल रही है, ताकि उसके मददगारों और पनाहगारों तक पुलिस के हाथ पहुंच सकें.