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सरकार ने तय किया 320 लाख टन गेहूं खरीदी का लक्ष्य
1 Mar, 2024 10:15 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली, केन्द्र सरकार, खाद्य मंत्रालय ने इस साल 320 लाख टन गेहूं खरीदी का लक्ष्य निर्धारित किया है। इसके साथ ही बाजरा के लिए भी छह लाख टन की खरीदी निर्धारित की है। खाद्य मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि केंद्र ने राज्यों के साथ परामर्श के बाद आगामी रबी विपणन सीजन 2024-25 के दौरान 300-320 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीद का पूर्वानुमान तय किया है। इसी तरह, खरीफ विपणन सीजन 2023-24 (रबी फसल) के दौरान धान की खरीद का अनुमान 90-100 लाख मीट्रिक टन तय किया गया है। खरीफ विपणन सीजन 2023-24 (रबी फसल) के दौरान राज्यों द्वारा खरीद के लिए लगभग छह लाख मीट्रिक टन मोटे अनाज/बाजरा की मात्रा का भी अनुमान लगाया गया है। राज्यों/ केंद्रशासित प्रदेशों को फसलों के विविधीकरण और आहार पैटर्न में पोषण बढ़ाने के लिए बाजरा की खरीद पर ध्यान केंद्रित करने की सलाह भी दी गई थी। केंद्र के खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग द्वारा रबी और खरीफ फसलों की खरीद व्यवस्था पर चर्चा के लिए राज्य के खाद्य सचिवों के साथ यहां आयोजित एक बैठक के बाद यह अनुमान जारी किया गया है।
इस दौरान खरीद को प्रभावित करने वाले विभिन्न कारकों जैसे मौसम की स्थिति का पूर्वानुमान, उत्पादन अनुमान और राज्यों की तैयारी की समीक्षा की गई। इसके अलावा, तेलंगाना सरकार ने आपूर्ति श्रृंखला अनुकूलन के संबंध में अपनाई गई अच्छी प्रथाओं को साझा किया और केंद्र सरकार की इस पर्यावरण अनुकूल पहल के माध्यम से सालाना 16 करोड़ रुपये की बचत का संकेत दिया। यूपी सरकार ने ई-पीओएस को इलेक्ट्रॉनिक वजन पैमाने के साथ जोड़ने के संबंध में सफल पहल साझा की, जिसने लाभार्थियों को उनकी हक की मात्रा के अनुसार खाद्यान्न की आपूर्ति प्रभावी ढंग से सुनिश्चित की है। कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के तत्तवावधान में आयोजित बैठक के दौरान, नामित डिपो से उचित मूल्य की दुकानों तक खाद्यान्न के परिवहन के मुद्दों पर भी चर्चा की गई।
बैठक में एफसीआई के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, राज्यों के प्रधान सचिव/सचिव (खाद्य), भारतीय मौसम विभाग, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग, भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन महासंघ लिमिटेड के अधिकारी शामिल हुए। साथ ही भारतीय राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता महासंघ लिमिटेड के अधिकारियों ने भी बैठक में हिस्सा लिया।
ईडी ने 123 करोड़ रुपये की बैंक जमा राशि जब्त की, मुंबई, चेन्नई और कोच्चि में तलाशी
1 Mar, 2024 09:15 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
चीनी नियंत्रण वाले सट्टेबाजी एवं कर्ज वितरण एप से जुड़ा मामला
नई दिल्ली । प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कहा कि विभाग ने चीनी नियंत्रण वाले सट्टेबाजी एवं कर्ज वितरण एप के खिलाफ जांच के सिलसिले में मुंबई, चेन्नई और कोच्चि में तलाशी के दौरान लगभग 123 करोड़ रुपये की बैंक जमा राशि जब्त की है।
वित्तीय जांच एजेंसी ने कहा कि 23-24 फरवरी को एनआईयूएम इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और उसके मुंबई स्थित निदेशकों, जोडज सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड, विक्रह ट्रेडिंग एंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड, टाइरेनस टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड, फ्यूचर विजन मीडिया सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड, एप्रिकिवी सॉल्यूशन और राफेल जेम्स के परिसरों की तलाशी ली गई। इस तलाशी अभियान में इन कंपनियों के मुंबई, चेन्नई और कोच्चि स्थित 10 परिसरों को शामिल किया गया था। ईडी ने कहा कि धनशोधन का मामला केरल और हरियाणा पुलिस द्वारा विभिन्न शिकायतों पर दर्ज की गई प्राथमिकी से जुड़ा है।
ईडी ने कहा कि इन मोबाइल एप और इसतरह के मंचों से उत्पन्न अपराध की आय को भुगतान ‘एग्रीगेटर का उपयोग करके केरल के विभिन्न बैंकों में खोले गए खातों के द्वारा इकट्ठा कर भेजा गया था। ईडी के मुताबिक, इस धनराशि को चेन्नई, बेंगलुरु, दिल्ली, मुंबई में कई फर्जी कंपनियों के माध्यम से एकत्र किया गया और सिंगापुर से सॉफ्टवेयर के नकली आयात के भुगतान के एवज में उस देश के बाहर भेजा जा रहा था। जांच एजेंसी ने कहा कि आरोपियों ने भारत में कई फर्जी कंपनियां खोली थीं और उनका इस्तेमाल सिंगापुर में बनी फर्जी कंपनियों को कथित अवैध धन भेजने के लिए किया जा रहा था।
डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम को झटका
1 Mar, 2024 08:15 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
चंडीगढ़। डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को बार-बार पैरोल दिए जाने के खिलाफ शिरोमणि गुरुदवारा प्रबंधक कमेटी ने पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में चुनोती दी थी। शिरोमणि गुरुदवारा प्रबंधक कमेटी का कहना था कि डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम के खिलाफ कई संगीन मामले दर्ज हैं। इनमे उसे दोषी करार दिए जाने के बाद सजा भी सुनाई जा चुकी है। इसके बावजूद हरियाणा सरकार उसे बार-बार पैरोल दे रही है. ये पूरी तरह से गलत है। लिहाजा राम रहीम को दी गई पैरोल को रद्द किया जाए।
हाईकोर्ट ने इस मामले में हरियाणा सरकार को फटकार लगाई है। कोर्ट ने गुरुवार को कहा है कि भविष्य में बिना अदालत की इजाजत के राम रहीम को पैरोल न दी जाए। राम रहीम की पैरोल 10 मार्च को समाप्त हो रही है। हाईकोर्ट ने इसी दिन ही राम रहीम को सरेंडर करने को कहा है। मामले में अगली सुनवाई 13 मार्च को होगी।
हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान बेंच ने हरियाणा सरकार से पूछा कि राज्य सरकार बताए कि डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम की तरह और कितने कैदियों को इसी तरह से पैरोल दी गई। हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार से जानकारी मांगी है।
हाईकोर्ट इस मामले में हरियाणा सरकार को पहले भी फटकार लगा चुकी है! कार्यवाहक चीफ जस्टिस रितु बाहरी की बेंच ने हरियाणा सरकार से पूछा था कि जिस तरह समय-समय पर डेरा मुखी को पैरोल का लाभ दिया जा रहा है। उसी तरह दूसरे कैदियों को भी यह लाभ दिया जा रहा है या नहीं? सरकार इस मामले में जवाब देने से क्यों बच रही है।
गुरमीत राम रहीम को अपनी दो शिष्याओं के साथ रेप का दोषी पाया गया है. उसे 20 साल की जेल की सजा हुई है। 2021 में डेरा प्रमुख को चार अन्य लोगों के साथ डेरा प्रबंधक रणजीत सिंह की हत्या की साजिश रचने के लिए भी दोषी ठहराया गया था. डेरा प्रमुख और तीन अन्य को इस केस में 16 साल की जेल हुई है।
इस बारे में हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर भी कह चुके हैं, कि राम रहीम को जेल नियमों के अनुसार पैरोल या फरलो मिलती है। राम रहीम को पैरोल के दौरान सिरसा स्थित डेरा सच्चा सौदा के मुख्यालय में जाने की अनुमति नहीं थी। वह जब भी जेल से बाहर आया, तो बागपत जिले में बरनावा आश्रम में ही रुका।
सावधान........बिहार में कोरोना ने दी दस्तक, 22 मरीज सामने आए
29 Feb, 2024 10:27 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
पटना । बिहार में फिर से कोरोना ने दस्तक दे दी हैं। खासकर राजधानी पटना में मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। पिछले दो दिनों में पटना में 22 कोरोना संक्रमित मरीज सामने आए हैं। लेकिन ये सिर्फ सरकारी आंकड़े हैं। क्योंकि इससे भी अधिक पटना में लोग कोरोना संक्रमित हैं। लेकिन वे जांच नहीं करा रहे हैं, इसकारण उनके आंकड़े सामने नहीं आ पा रहे हैं। इस बार शहरों के मुकाबले ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना संक्रमित मरीज अधिक आ रहे हैं।
कारण ये है कि शहरी लोग कोरोना की जांच नहीं कर रहे हैं। इसकारण वे संक्रमित हैं, लेकिन उनकी पहचान नहीं हो रही है। इस बार कोरोना के 95 प्रतिशत मरीज ग्रामीण क्षेत्रों के हैं और बाकी पटना सिटी क्षेत्र के संक्रमित मरीज चिन्हित किए गए हैं। पटना में कोरोना संक्रमित 13 मरीज चिन्हित किए गए हैं, जिसमें सबसे अधिक पांच मरीज पालीगंज के हैं। डॉक्टर के अनुसार इस बार खांसी, पसलियों में दर्द की शिकायत वाले मरीज ज्यादा आशंकित लग रहे हैं।
अधिकतर लोग खाँसी और पसलियों में दर्द से परेशान हैं। कुछ जांच करवा रहे हैं,वहीं कुछ जांच नहीं करवा रहे हैं। ऐसा नहीं है कि सभी खांसी और पसलियों में दर्द की शिकायत वाले कोरोना संक्रमित हैं। अभी मौसम बदलने के कारण भी लोगों में ख़ासी और दर्द की शिकायत है लेकिन उसमें से ही कई लोग हैं जो कोरोना से संक्रमित हैं। बिहार में कोरोना के कारण मौत का सिलसिला भी अब शुरू हो गया है। रोहतास ज़िले के करगहर प्रखंड के तोड़नी गांव में एक चार साल के बच्चे की कोरोना के कारण मौत हो गई।
एक करोड़ परिवारों को 3 सौ यूनिट बिजली मुफ्त
29 Feb, 2024 10:25 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
डॉ.गायत्री ✍🏻.....
नई दिल्ली । केंद्र की मोदी सरकार ने रूफटॉप सोलर स्कीम के लिए 75 हजार करोड़ रुपये की राशि मंजूर कर दी है। इस योजना से देश के एक करोड़ परिवारों को फायदा पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कैबिनेट मीटिंग में हुए फैसले की जानकारी दी। उन्होंने कहा, पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना को मंजूरी मिल गई है। इससे एक करोड़ परिवारों को 300 यूनिट बिजली मुफ्त में हर महीने मिल सकेगी। इस स्कीम के तहत प्रति एक किलोवॉट सिस्टम पर हर परिवार को 30 हजार रुपये की सब्सिडी मिलेगी। इसके अलावा 2 किलोवॉट सिस्टम के तहत 60 हजार रुपये की सब्सिडी देने की बात योजना में की गई है।
इस स्कीम के तहत कोई भी परिवार नेशनल पोर्टल पर जाकर सब्सिडी के लिए आवदेन कर सकता है। इतना ही नहीं किसी भी वेंडर को रूफटॉप सोलर स्कीम के लिए चुन सकता है। इसके अलावा कम ब्याज पर उन्हें लोन भी मिल सकता है। मोदी सरकार ने स्कीम के तहत हर जिले में एक मॉडल सोलर स्कीम बनाने का भी फैसला लिया है। इन गांवों को रोल मॉडल के तौर पर तैयार किया जाएगा ताकि ग्रामीण इलाकों में लोग इसके लिए जागरूक हो सकें। इस स्कीम का बजट में भी ऐलान किया गया था। इस स्कीम के तहत एक करोड़ परिवारों को महीने में 300 यूनिट मुफ्त बिजली मिलेगी। इससे बिजली का बिल बचेगा और कई हजार रुपये महीने की बचत होगी। सोलर प्लांटों से जो अतिरिक्त बिजली बचेगी, उस लोग बिजली कंपनियों को बेच सकेंगी और उन्हें कमाई भी होगी। रिहायशी इलाकों में सोलर प्लांट लगाए जाने से 30 गीगावॉट बिजली भी तैयार होगी। इससे कार्बन उत्सर्जन में भी अगले 25 सालों में 720 मिलियन टन तक की कमी आएगी। इस स्कीम से 17 लाख रोजगार मैन्युफैक्चरिंग, लॉजिस्टिक्स, सप्लाई चेन, सेल्स और अन्य सेवाओं में मिलने वाले है।
ऑनलाइन आधार अपडेट के नाम पर लगा दिया 50 हजार का चूना
29 Feb, 2024 11:41 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । गूगल सर्च करके ऑनलाइन आधार अपडेट के नाम पर एक शख्स को 50 हजार का चूना लगा दिया। इससे उन लोगों को सबक लेना चाहिए जो अपना आधार कार्ड ऑनलाइन अपडेट कराने की सोच रहे हैं। क्योंकि इसमें जरा सी लापरवाही सारा अकांउट खाली कर सकती है। इस तरह के साइबर क्राइम के मामले लगातार आ रहे हैं। मिली जानकारी के अनुसार हाल ही में दिल्ली के करीब नोएडा में साइबर फ्राड का मामला आया है। मामले में अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है लेकिन पुलिस लोगों से अपील कर रही है कि ऑनलाइन आवेदन करते समय सतर्क रहें। नोएडा के थाना सेक्टर-113 के प्रभारी निरीक्षक सर्वेश कुमार सिंह ने बताया कि मुनमुन भट्टाचार्य निवासी महागुन मॉडर्न सोसायटी सेक्टर-78 ने थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है कि उन्हें अपना आधार कार्ड अपडेट करवाना था। ऑनलाइन नंबर सर्च करके एक व्यक्ति से बात की। उसने आधार कार्ड का एजेंट बताकर उनसे बात की।
इसके बाद आधार अपडेशन के नाम पर आरोपी ने एक ऐप डाउनलोड करवाया। जैसे ही उन्होंने ऐप डाउनलोड किया, उनके खाते से 50000 रुपये निकल गए। आरोपी ने दो ट्रांजेक्शन और करने का प्रयास किया लेकिन वह नहीं हुआ। पुलिस मामले की जांच कर रही है। यूनिक आइडेंटीफिकेशन अथारिटी ऑफ इंडिया, यूआईडीएआई ग्रेटर नोएडा वेस्ट के प्रभारी अनुज त्यागी ने बताया कि आधार संबंधी सभी ऑनलाइन विभाग की आधिकारिक साइट पर ही होते हैं। अन्य किसी भी साइट पर क्लिक न करें। अगर आपको आधार में अपडेट कराना है और लाइन लगने से बचना चाह रहे हैं तो आप वैध साइट पर जाकर अप्वाइंटमेंट ले सकते हैं।
यहां वेबसाइट पर चार विकल्प आएंगे। जिसमें आधार अपडेट, न्यू आधार, अप्वाइंटमेंट और आधार स्पेशल सर्विस होंगे। अप्वाइंटमेंट में क्लिक करने पर आपको अपना मोबाइल नंबर डालना होगा और कैप्चा भरना होगा। इसके बाद आपके मोबाइल पर ओटीपी आएगा। जिसको डालने के बाद अप्वाइंटमेंट के लिए यूआईडीएआई का केन्द्र प्रदेश, जिले और इलाके के अनुसार सेलेक्टर कर सकते हैं। इस तरह अप्वाइंटमेंट लेकर आधार केन्द्र जाने पर कम से कम समय में ही काम हो जाएगा।
गुजरात तट पर इंडियन नेवी को विदेशी नाव में मिली करोड़ों की ड्रग्स
29 Feb, 2024 10:40 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
कच्छ । गुजरात के समुद्री तट पर भारतीय नौसेना ने करोड़ों की ड्रग्स ले जा रही ईरानी नाव को सीज किया है। सेना ने नाव में सवार चार लोगों को गिरफ्तार भी किया है। मिली जानकारी के अनुसार आतंकवादी रोधी दस्ते ने भारतीय नौसेना और स्वापक नियंत्रण ब्यूरो (एनसीबी) के साथ संयुक्त अभियान चलाकर मंगलवार को राज्य के तटीय क्षेत्र में एक ईरानी नौका को रोक कर उसकी तलाशी ली। नौका में करोड़ों की ड्रग्स भरी होने का खुलासा करने के बाद सेना ने उसके चालक दल के चार ईरानी सदस्यों को हिरासत में लिया, जो कथित तौर पर एक हजार करोड़ रुपये से अधिक की चरस और अन्य मादक पदार्थ ले जा रहे थे। हालांकि गुजरात एटीएस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मादक पदार्थ की वास्तविक मात्रा नहीं बताई। उन्होंने कहा कि समुद्र में संचालित अभियान के दौरान नौका से चरस समेत अनेक तरह के मादक पदार्थ की बड़ी खेप जब्त की गई है। नौका को तट की तरफ लाया जा रहा है और उसके बुधवार को पोरबंदर पहुंचने की उम्मीद है। बताया गया कि ईरानी नौका से 3 हजार किलो से ज्यादा ड्रग्स जब्त किया गया।
मिली जानकारी के अनुसार अरब सागर से गुजरात एटीएस और एनसीबी समेत सुरक्षा एजेंसियों के संयुक्त ऑपरेशन को यह बड़ी सफलता मिली है। बताया गया कि एटीएस और एनसीबी ने गुप्त सूचना के आधार पर एक ऑपरेशन चलाया और अरब सागर से एक विदेशी नाव के साथ करीबन 3000 किलोग्राम ड्रग्स के साथ चार क्रू मेम्बर को गिरफ्तार किया। नेवी ने नाव को भी कब्जे में ले लिया है। आरोपियों को ड्रग्स के साथ पोरबंदर लाया गया है। हालांकि, इस केस में नेवी द्वारा अभी और जानकारी आने की उम्मीद जताई गई है।
ऑनलाइन कर्ज बांट रहीं चीनी कंपनियों का होगा सफाया
29 Feb, 2024 09:38 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली। ऐसे कई चीनी एप पड़े हुए हैं जो इंसटेंट लोन देते हैं और भोले भाले लोगों को जाल में फंसाते हैं। इसके बाद भारी भरकम रकम वसूली जाती है और विरोध करने पर धमकाया जाता है। ऐसी ही धमकियों के कारण अब तक कई लोग आत्महत्या करने को मजबूर हो गए। अब सरकार ने इन पर लगाम कसना शुरु किया और ऑनलाइन कर्ज वितरण से जुड़ी कंपनियों समेत कई चीनी फर्मों के खिलाफ कॉरपोरेट मामलों का मंत्रालय जांच शुरु की। इनमें से कुछ जांच अग्रिम चरण में पहुंच चुकी हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
हालांकि, कुछ कंपनियों के वित्तपोषण स्रोतों का पता लगाना कभी-कभी मुश्किल होता है लेकिन कंपनियों के लाभकारी स्वामित्व का पता लगाने के प्रयास किए जाते हैं। जनवरी में दिल्ली और हरियाणा क्षेत्र के कंपनी पंजीयक ने एक भारतीय कंपनी और उससे संबंधित व्यक्तियों और संस्थाओं पर कुल 21 लाख रुपए से अधिक का जुर्माना लगाया था। यह कदम एक चीनी समूह के लाभकारी स्वामित्व संबंधों को छिपाने के लिए कड़ी कार्रवाई का हिस्सा था। वित्त मंत्रालय ने संसद के बजट सत्र में जानकारी दी कि गूगल ने सितंबर, 2022 और अगस्त, 2023 के बीच अपने प्ले स्टोर से 2,200 से अधिक धोखाधड़ी वाले ऋण ऐप को निलंबित कर दिया है या हटा दिया है।
वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि मंत्रालय विभिन्न चीनी कंपनियों, खासकर कर्ज ऐप से जुड़ी कंपनियों के खिलाफ पड़ताल कर रहा है और इनमें से कुछ जांच अंतिम चरण में हैं। उन्होंने कहा कि कंपनी कानून लागू करने के लिए जिम्मेदार मंत्रालय यह देख रहा है कि क्या इन कंपनियों में कोई धोखाधड़ी हुई है। कुछ मामलों की जांच गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय (एसएफआईओ) कर रहा है। अधिकारी के मुताबिक, रिजर्व बैंक और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय समेत अन्य इकाइयों से मिली शिकायतों के आधार पर भी संबंधित कंपनियों के खिलाफ जांच शुरू की जाती है।
चेन्नई में अवैध मस्जिद और मदरसे पर चलेगा बुलडोजर
29 Feb, 2024 08:35 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
सुप्रीम कोर्ट ने मामले में दखल देने से किया इंकार
नई दिल्ली । चेन्नई के कोयमबेडु में स्थित मशहूर मस्जिद और मदरसे को बहुत जल्द बुलडोजर से ध्वस्त किया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा कर चेन्नई में बनाई गई मस्जिद और मदरसे को गिराने के हाईकोर्ट के आदेश में किसी भी तरीके से दखल देने से मना कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने माना है कि कोयमबेजु स्थित मस्जिद अवैध संरचना है। सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में मद्रास हाईकोर्ट के उस आदेश पर मुहर लगा दी, जिसमें चेन्नई के कोयमबेडु में स्थित मस्जिद और मदरसे को ध्वस्त करने का निर्देश दिया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट तौर पर कहा कि यह संरचना पूरी तरह से अवैध रूप से निर्मित है।
सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस केवी विश्वनाथन की पीठ ने निर्दिष्ट भूमि पर संरचनाओं यानी मस्जिद और मदरसे को हटाने के लिए 31 मई तक का समय दिया। दरअसल, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस केवी विश्वनाथन की पीठ मद्रास हाईकोर्ट के उस आदेश के खिलाफ दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें यह माना गया था कि मस्जिद का निर्माण बिना किसी भवन स्वीकृति योजना के अवैध रूप से किया गया था।
सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान सार्वजनिक स्थानों या सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा कर बनाए गए धार्मिक स्थलों को हटाने के अपने पुराने आदेश का हवाला देकर कहा कि अथॉरिटीज की जिम्मेदारी है कि वह इसतरह के अवैध निर्माण हटाएं। सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि अवैध रूप से बनाई गई इमारत धर्म की शिक्षा का स्थान नहीं हो सकती।
दरअसल, मस्जिद जिस जमीन पर बनी है, वह चेन्नई मैट्रोपोलिटन डेवलेपमेंट अथॉरिटी की है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता संस्था अवैध कब्जेदार है। कभी भी इमारत का प्लान मंजूर कराने के लिए आवेदन नहीं किया। निर्माण पूरी तरह अवैध है। अथॉरिटीज की तरफ से नौ दिसंबर, 2020 को नोटिस देने के बावजूद भी निर्माण जारी रहा।
हालंकि, मामले की सुनवाई के दौरान वकील ने दलील दी कि वह जमीन बहुत लंबे समय से खाली पड़ी थी, जिसका मतलब है कि सरकार को जनहित में उस जमीन की जरूरत नहीं थी। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि क्या इसका मतलब है कि आप जमीन पर अवैध कब्जा कर ले।
चुने गए चार अंतरिक्ष यात्रियों में दो या तीन ही जाएंगे गगनयान मिशन पर
28 Feb, 2024 05:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली। जिन चार अंतरिक्ष यात्रियों को मिशन पर भेजने के लिए चुना गया है, उनमें से दो या तीन ही स्पेस पर जा पाएंगे। इसरो ने खुलासा किया है कि इनमें से एक को नासा से हुई डील के मुताबिक आईएसएस मिशन के लिए भेजा जाएगा। गौरतलब है कि पीएम मोदी ने मंगलवार को उन चार अंतरिक्ष यात्रियों के नामों की घोषणा की, जो देश के पहले मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन गगनयान के लिए ट्रेनिंग ले रहे हैं। मोदी ने तिरुवनंतपुरम के पास थुंबा में विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र का दौरा किया। यहां उन्होंने बताया कि ग्रुप कैप्टन प्रशांत बालकृष्णन नायर, ग्रुप कैप्टन अंगद प्रताप, ग्रुप कैप्टन अजीत कृष्णन और विंग कमांडर शुभांशु शुक्ला गगनयान मिशन के लिए अंतरिक्ष यात्री हैं। उन्होंने इन चारों को अंतरिक्ष यात्री पंख भी दिए। इस बीच गगनयान को लेकर एक नया खुलासा किया है। जिन चार गगनवीरों को चुना गया है उनमें से केवल दो या तीन ही अंतरिक्ष यात्री गगनयान मिशन पर स्पेस में जाएंगे। जबकि एक एस्ट्रोनॉट अमेरिका के स्पेस मिशन का हिस्सा बनेगा। इस मिशन के लिए पीएम मोदी के अमेरिका दौरे के दौरान सहमति बन गई थी।
जानकारी के अनुसार पीएम मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान इसरो और नासा के बीच डील हुई थी। इस डील के अनुसार, इंटरनेशनल स्पेस सेंटर (आईएसएस) मिशन के लिए इन चारों में से एक पायलट को चुना जाएगा। इस मिशन की योजना भारत के पहले मानव अंतरिक्ष मिशन गगनयान से पहले बनाई जाएगी ताकि अंतरिक्ष यात्रियों को गगनयान के लिए अच्छी योजना बनाने के लिए आईएसएस मिशन से जरूरी जानकारी और ट्रेनिंग मिल सके।
चारों में प्रशांत केरल के पलक्कड जिले में नेनमारा के रहने वाले हैं। उन्होंने रूस में स्पेस फ्लाइट मिशन की ट्रेनिंग ली है। वह एनडीए से ग्रैजुएट हैं और एयरफोर्स अकैडमी में स्वोर्ड ऑफ ऑनर से सम्मानित हुए। वह 19 दिसंबर 1998 में एयरफोर्स में बतौर कमिशंड अफसर शामिल हुए। वह केट ए कैटिगरी के फ्लाइंग इंस्ट्रक्टर और टेस्ट पायलट हैं। उन्हें 3 हज़ार घंटों से ज्यादा उड़ान का अनुभव है।
ग्रुप कैप्टन अजित कृष्णन का तमिलनाडु के चेन्नै में 19 अप्रैल 1982 को जन्म हुआ। वह भी एनडीए के छात्र रह चुके हैं और एयरफोर्स अकैडमी में राष्ट्रपति के स्वर्ण पदक और स्वोर्ड ऑफ ऑनर से सम्मानित हो चुके हैं। वह वायुसेना की फाइटर स्ट्रीम में 21 जून 2003 को शामिल हुए। ग्रुप कैप्टन अजित कृष्णन को 2900 घंटों का उड़ान अनुभव है।
वहीं ग्रुप कैप्टन अंगद प्रताप का जन्म 17 जुलाई 1982 को प्रयागराज में हुआ था। वह एनडीए के पूर्व छात्र हैं और 18 दिसंबर 2004 को भारतीय वायुसेना की फाइटर स्ट्रीम में कमिशन हुए थे। अन्य गगनवीरों की तरह ग्रुप कैप्टन अंगद भी फ्लाइंग इंस्ट्रक्टर और टेस्ट पायलट हैं। उन्हें करीब 2000 घंटों का उड़ान अनुभव है। ग्रुप कैप्टन अंगद प्रताप ने कई प्रकार के विमान जैसे- सुखोई-30 MKI, मिग-21, मिग-29, जगुआर, हॉक, डॉर्नियर, एएन-32 उड़ाए हैं।
चौथे अंतरिक्ष यात्री विंग कमांडर शुभांशु शुक्ला हैं। शुक्ला का जन्म यूपी के लखनऊ में 10 अक्टूबर 1985 को हुआ था। वह भी गगनयान मिशन में शॉर्टलिस्ट हुए अन्य प्रतिभागियों की तरह एनडीए के पूर्व छात्र हैं। विंग कमांडर शुक्ला 17 जून 2006 को वायु सेना की फाइटर स्ट्रीम में कमिशन हुए। वह फाइटर कॉम्बैट लीडर और टेस्ट पायलट हैं। उन्हें करीब 2000 घंटों का उड़ान अनुभव है।
इलाज की आड़ में डॉक्टर की हैवानियत आई सामने, 7 बार किया रेप
28 Feb, 2024 04:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
जालोर । राजस्थान के जालोर में इलाज की आड़ में एक डॉक्टर की हैवानियत सामने आई है। मिली जानकारी के अनुसार यहां दाढ़ के दर्द का इलाज कराने गई महिला को डेंटिस्ट ने बेहोशी का इंजेक्शन लगाकर उसका अश्लील वीडियो बनाया। फिर वीडियो वायरल करने की धमकी देकर महिला के साथ 7 बार रेप किया। बाद में महिला की शिकायत पर पुलिस ने आरोपी डॉक्टर के खिलाफ केस दर्ज करते हुए उसे गिरफ्तार कर लिया है। मामला राजस्थान के जालोर जिले के भीनमाल शहर का है। मिली जानकारी के अनुसार डेंटल डॉक्टर ने इलाज के लिए पहुंची महिला को अर्ध बेहोशी का इंजेक्शन लगाने के बाद उसके अश्लील फोटो और वीडियो बना लिए। महिला दाढ़ के रोग के लिए रूट कैनाल के लिए डॉक्टर के पास इलाज के लिए पहुंची थी। इस दौरान डॉक्टर ने दर्द निवारक इंजेक्शन देकर अश्लील हरकतें की और इसकी फोटो खींची और वीडियो बनाकर वायरल करने की धमकी दी। डॉक्टर ने महिला को ब्लैकमेल कर एक साल में उसके साथ-साथ बार रेप की वारदात को अंजाम दिया। पीड़ित ने आरोपी निजी क्लिनिक के डेंटल चिकित्सक के डॉ. सुरेश सुंदेशा के खिलाफ भीनमाल पुलिस थाने में मामला दर्ज कराया है। पीड़ित महिला की ओर से दी गई रिपोर्ट में बताया गया है कि वह इलाज के लिए शहर के डेंटल चिकित्सक के निजी क्लीनिक में गई थी। इस दौरान चिकित्सक ने दर्द से राहत के नाम पर बेहोशी का इंजेक्शन लगाकर इलाज की आड़ में घिनौनी हरकत की। पीड़ित महिला का आरोप है कि अश्लील वीडियो और फोटो वायरल करने की धमकी देकर डॉक्टर बार-बार कॉल और मैसेज करता था। इसके अलावा आरोपी चिकित्सक वीडियो कॉल कर धमकता भी रहता था।
महिला ने बताया कि आरोपी फोन पर उसके पति के घर पर होने और नहीं होने की जानकारी लेता था। इसके बाद घर जाकर महिला के साथ कई बार रेप किया। पीड़ित महिला ने कई बार आरोपी से अश्लील फोटो और वीडियो डिलीट करने के लिए कहा। मगर, आरोपी अश्लील वीडियो फोटो वायरल करने की धमकी देकर ब्लैकमेल करता रहा और करीब 6-7 बार महिला का रेप किया। रिपोर्ट में पीड़िता ने कहा कि आरोपी अश्लील वीडियो बनाने के बाद अस्पताल में चेकअप करवाने के लिए अकेले में और फुर्सत में आने का कहता था। रूट कैनाल के लिए समय लगने का हवाला देकर बोलता था कि जब भीड़ नहीं होगी, तब बुलाऊंगा। पुलिस उप अधीक्षक हिम्मत चारण ने बताया कि पुलिस ने दी गई महिला की रिपोर्ट के आधार पर डॉक्टर के खिलाफ रेप और आईटी एक्ट सहित विभिन्न धाराओं में केस दर्ज गिरफ्तार कर लिया गया है।
मालदीव ने भारतीय पायलट को हेलीकॉप्टर ऑपरेट करने की अनुमति
28 Feb, 2024 11:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली। मालदीव से जारी राजनयिक तनाव के बीच भारत को एक बड़ी कूटनीतिक जीत मिली है। मालदीव ने भारतीय पायलट को मालदीव में हेलीकॉप्टर ऑपरेट करने की अनुमति दे दी है। मालदीव ने भारतीय पायलट को भारतीय नागरिक बताया है.मालदीव के रक्षा मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि स्वास्थ्य सुविधाओं के उद्देश्यों से भारत द्वारा मालदीव को दिए गए हेलीकॉप्टर को ऑपरेट करने के लिए भारतीय नागरिकों का एक समूह मालदीव आ रहा है।मालदीव में भारतीय नागरिकों की मौजूदगी इसलिए अहम है क्योंकि हिंद महासागर में स्थित मालदीव रणनीतिक रूप से भारत के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है. कूटनीतिक और राजनीतिक शब्दावली में हिंद महासागर भारत का बैकयार्ड कहलाता है। इसके अलावा मालदीव में मोहम्मद मुइज्जू की सरकार बनने के बाद से ही दोनों देशों के बीच राजनयिक तनाव चरम पर है। राष्ट्रपति मुइज्जू और उनकी पार्टी को चीन समर्थक बताया जाता है। राष्ट्रपति मुइज्जू की ओर से भारतीय सैनिकों को देश छोड़ने की मांग के बाद से दोनों देशों के बीच रिश्तों में खटास आई है।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2023- 24 यानी मार्च में समाप्त होने वाले वित्तीय वर्ष के दौरान भारत ने मालदीव में विकास परियोजनाओं पर लगभग 7.71 अरब रुपये खर्च किया है। यह खर्च निर्धारित बजट से लगभग दोगुना है.इसके अलावा वित्तीय वर्ष 2024-25 के बजट में भी बढ़ोतरी की गई है। एक फरवरी को संसद में पेश हुए बजट में मालदीव के लिए छह अरब रुपये की राशि आवंटित की गई थी। लेकिन बाद में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया था कि मालदीव के लिए आवंटित बजट को संशोधित करते हुए बढ़ा दी गई है। विदेश मंत्रालय के मुताबिक, वर्तमान वित्तीय बजट में मालदीव के लिए लगभग 7.8 अरब रुपये आवंटित है।
एयरपोर्ट्स पर हजारो लोग हुए परेशान, डीजीसीए तक पहुंची सिर्फ 732 शिकायतें
28 Feb, 2024 10:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । हवाई यात्रियों की परेशानियों को बीच में ही दबा दिया गया , इसे लेकर कहीं कोई सुनवाई नहीं हुई। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि अकेले जनवरी के महीने में हजारों यात्रियों ने अपनी परेशानी बताई। इस दौरान दिल्ली, मुंबई सहित न जाने कितने ही एयरपोर्ट पर यात्रियों को अपनी परेशानी बयां करने के लिए जो भी माध्यम मिला, वहां पर उन्होंने अपना दर्द बयां किया। एयरपोर्ट और एयरलाइंस के सोशल मीडिया एकाउंट्स यात्रियों की शिकायतों से भरे पड़े हैं। इन सब के बावजूद डायरेक्टर जनरल ऑफ सिविल एविएशन (डीजीसीए) के पास जनवरी माह में सिर्फ 732 यात्रियों की शिकायत पहुंची, जिसमें से 727 यानी 99 फीसदी शिकायतों का निपटारा एयरलाइंस की तरफ से कर दिया गया है। अब यहां पर सवाल उठता है कि शिकायतें सही जगह तक पहुंची नहीं, या फिर एयरपोर्ट पर ही यात्रियों की आवाज को घोंट दिया गया। डीजीसीए के अनुसार, जनवरी माह में विभिन्न एयरलाइंस को कुल 732 शिकायतें मिलीं थी, जिनमें स्पाइस जेट की 372, एयर इंडिया की 118, एलायंस एयर की 65, इंडिगो की 62 शिकायतें शामिल हैं। इसके अलावा, इंडियावन एयर की 49, अकासा एयर की 26, एआईएक्स कनेक्ट की 17, स्टार एयर की 17, विस्तारा की 4 और फ्लाई बिग की की 2 शिकायतें मिली थीं।
इन शिकायतों में सबसे अधिक 54.8 प्रतिशत शिकायतें फ्लाइट प्रॉब्लम को लेकर थीं। वहीं, रिफंड को लेकर 17.8प्रतिशत और बैगेज को लेकर 10.4 प्रतिशत यात्रियों ने शिकायत की थी। इसके अलावा, कस्टमर सर्विस को लेकर 5.2प्रतिशत, स्टाफ बिहेवियर को लेकर 4.6प्रतिशत, केटरिंग को लेकर 0.1प्रतिशत, डिसेबिलिटी को लेकर 0.4प्रतिशत, किराए को लेकर 0.8प्रतिशत यात्रियों ने शिकायत की थी। डीजीसीए का दावा है कि इसमें 5 शिकायतों को छोड़कर बाकी बची 727 शिकायतों का निपटारा एयरलाइंस द्वारा किया जा सकता है। इसमें एलायंस एयर की दो और विस्तारा की 3 शिकायतों का निपटारा ही अभी बाकी है।
वहीं, विभिन्न एयरलाइंस के सोशल मीडिया हैंडल पर नजर डालें, तो मामला इससे ठीक उलट नजर आता है। एयरलाइंस के सोशल मीडिया एकाउंट्स का आलम यह है कि फेयर रिफंड और बैगेज की समस्या को लेकर उनकी वॉल भरी पड़ी हैं। यात्री अपनी तमाम शिकायतों को लेकर पहुंच रहे हैं और एयरलाइन के कस्टमर केयर एजेंट उस पर अपना रटा रटाया जवाब दे रहे हैं। सोशल मीडिया पर आंकड़े कुछ भी कहें पर हकीकत कुछ अलग ही है। ऐसे में परेशान यात्रियों की आवाज को दबाया जा रहा है।
पकड़ी गई 3700 करोड़ की ड्रग्स, 1800 करोड़ की ड्रग्स का आर्डर लंदन से
28 Feb, 2024 09:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मुंबई । पुणे इंटरनेशनल ड्रग्स रैकेट में अब तक का सबसे बड़ा खुलासा हुआ है। पुणे पुलिस ने बताया कि 3700 करोड़ की जो ड्रग्स बरामद की गई है और उसमें से 1800 करोड़ की ड्रग्स का आर्डर लंदन से दिया गया था। इतना ही नहीं ड्रग्स को लंदन सप्लाई करने के लिए भी एक प्लान तैयार था। करोड़ों की ड्रग्स को बनाने के लिए रसायन वीरेंद्र सिंह बरोरिया नामक शख्स ने सप्लाई किया था। पुणे पुलिस ने पुणे, सांगली और दिल्ली से करोड़ों की ड्रग्स की जो खेप पकड़ी है, उसमें पूरा रसायन बरोरिया ने ही सप्लाई किया था। बरोरिया पुणे ड्रग्स रैकेट के मास्टमाइंड संदीप धुनिया का बेहद करीबी साथी है। पुणे पुलिस ने आरोपी बरोरिया के खिलाफ लुक आउट नोटिस जारी किया है। लुक आउट नोटिस जारी कर बरोरिया की तलाश में पुणे पुलिस जुटी है।
3700 करोड़ की ड्रग्स में से 1800 करोड़ की ड्रग्स पुणे से दिल्ली और फिर दिल्ली से एक कुरियर कंपनी के द्वारा फूड पैकेट में लंदन भेजी जानी थी। इसकी जिम्मेदारी आरोपी अयूब मकंदर को सौंपी गई थी। सांगली से अयूब मकंदर की गिरफ्तारी के बाद ही लंदन कनेक्शन का खुलासा हुआ था।
पुणे पुलिस की जांच में सामने आया है कि संदीप धुनिया और बरोरिया एक दूसरे को काफी सालों से जानते हैं। पुणे में ड्रग्स फैक्ट्री को स्थापित करने के लिए बरोरिया ने संदीप धुनिया की काफी मदद की थी। संदीप ने ड्रग्स फैक्ट्री लगाने के लिए पैसे खर्च किया था, तब वीरेंद्र सिंह ने केमिकल एक्सपर्ट युवराज भुजबल के साथ मिलकर कुरकुम्भ इलाके में फैक्ट्री लगाने के लिए जगह देखी थी। इसमें सांगली के रहने वाले अयूब नाम के एक शख्स की भी मदद ली गई थी, जो संदीप से 2016 में येरवडा जेल में रहने के दौरान मिला था।
सड़क हादसे के शिकार व्यक्ति के परिजनों को 1.35 करोड़ का मुआवजा दे
28 Feb, 2024 08:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
ठाणे । मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण (एमएसीटी) ने 2018 में एक सड़क दुर्घटना में मारे गए 48 वर्षीय व्यक्ति के परिवार को 1.35 करोड़ रुपये का मुआवजा देना का आदेश दिया है। एमएसीटी के अध्यक्ष एसबी अग्रवाल ने आदेश में कहा कि दोषी बस का मालिक और उसकी बीमा कंपनी संयुक्त रूप से मुआवजे की राशि का भुगतान याचिका दायर करने की तारीख से वसूली तक 7.5 प्रतिशत ब्याज के साथ करें।
दरअसल ग्यारह नवंबर 2018 को महाराष्ट्र के सिन्नर-शिरडी रोड पर एक बस की पीड़ित के वाहन से टक्कर हो जाने से पीड़ित, एग्नेल इयपुन्नी चक्रमाकिल और कार में सवार चार अन्य लोगों की मौत हो गई थी।
याचिकाकर्ता एग्नेल की 52 वर्षीय पत्नी और 31 साल के बेटे ने तर्क दिया कि बस चालक वाहन को लापरवाही से चला रहा था जिससे भीषण टक्कर हुई। उन्होंने एग्नेल की मौत के लिए 2.70 करोड़ रुपये मुआवजे की मांग की थी। बस का मालिक न्यायाधिकरण के सामने पेश नहीं हुआ, इसलिए मामले में उसके खिलाफ एकपक्षीय फैसला सुनाया गया। न्यायाधिकरण ने एग्नेल की एक लाख रुपये की मासिक आय और भविष्य की आय की संभावनाओं के लिए 30 प्रतिशत अतिरिक्त रकम को ध्यान में रखते हुए दावे की गणना की।
एमएसीटी ने मृतक की उम्र के आधार पर मुआवजे की गणना की जिससे मुआवजे का आंकड़ा 1,35,90,052 रुपये पर पहुंच गया, जिसमें आय, संपत्ति, सहायता संघ और अंतिम संस्कार का खर्च शामिल हैं।