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इस यूरोपीय देश में बढ़ सकती हैं मुस्लिम महिलाओं की मुश्किलें, नए साल पर लागू हुआ बुर्का बैन
1 Jan, 2025 07:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
स्विट्जरलैंड: स्विट्जरलैंड में बुधवार यानी 1 जनवरी 2025 से बुर्का बैन लागू हो गया है। इस नए कानून के तहत सार्वजनिक जगहों पर चेहरा ढकना प्रतिबंधित होगा, वहीं इस नियम का उल्लंघन करने पर एक हजार स्विस फ्रैंक (करीब 96 हजार रुपये) तक का जुर्माना लग सकता है। स्विट्जरलैंड में 2021 में हुए जनमत संग्रह में पारित इस प्रतिबंध की मुस्लिम संगठनों ने आलोचना की थी। खास बात यह है कि बुर्का पर प्रतिबंध का प्रावधान उसी समूह ने पेश किया था जिसने 2009 में देश में नई मीनारों के निर्माण पर रोक लगाई थी।
बुर्का बैन को लेकर हुआ था जनमत संग्रह
2021 में हुए जनमत संग्रह के दौरान स्विट्जरलैंड की 51.21 फीसदी जनता ने इस प्रतिबंध के समर्थन में वोट दिया था। दक्षिणपंथी स्विस पीपुल्स पार्टी ने देश में बुर्का बैन का प्रस्ताव रखते हुए तर्क दिया था कि इससे देश के सांस्कृतिक मूल्यों और सार्वजनिक सुरक्षा की रक्षा होगी। इसके बाद साल 2022 में देश की नेशनल काउंसिल ने इस कानून को मंजूरी दे दी। जिसके अनुसार, सार्वजनिक स्थानों, कार्यालयों, दुकानों और रेस्तरां में महिलाओं के चेहरे को पूरी तरह से ढकने पर प्रतिबंध रहेगा।
बुर्का बैन को लेकर जनमत संग्रह हुआ था
2021 में हुए जनमत संग्रह के दौरान स्विट्जरलैंड के 51.21 प्रतिशत लोगों ने इस प्रतिबंध के समर्थन में मतदान किया था। दक्षिणपंथी स्विस पीपुल्स पार्टी ने देश में बुर्का प्रतिबंध का प्रस्ताव रखा था, जिसमें तर्क दिया गया था कि इससे देश के सांस्कृतिक मूल्यों और सार्वजनिक सुरक्षा की रक्षा होगी। इसके बाद साल 2022 में देश की राष्ट्रीय परिषद ने इस कानून को मंजूरी दे दी। जिसके अनुसार, सार्वजनिक स्थानों, कार्यालयों, दुकानों और रेस्तरां में महिलाओं के चेहरे को पूरी तरह से ढकने पर प्रतिबंध रहेगा।
किस-किस जगह बुर्का बैन में छूट है?
रॉयटर्स के अनुसार, स्विस सरकार ने बुर्का प्रतिबंध को लेकर स्पष्ट किया है कि चेहरा ढकने पर प्रतिबंध हवाई जहाज या राजनयिक और वाणिज्य दूतावास परिसर में लागू नहीं होगा। इसके अलावा धार्मिक स्थलों और अन्य पवित्र स्थानों पर भी व्यक्ति को चेहरा ढकने की अनुमति होगी।
सरकार ने यह भी कहा है कि स्वास्थ्य और सुरक्षा कारणों, पारंपरिक रीति-रिवाजों या मौसम की स्थिति के कारण चेहरा ढंकने की अनुमति दी जाएगी। उन्हें कलात्मक या मनोरंजन के साथ-साथ विज्ञापन उद्देश्यों के लिए भी यह मंजूरी दी जाएगी। बेल्जियम और फ्रांस में भी बुर्का प्रतिबंध लागू: सितंबर 2022 में स्विट्जरलैंड की संसद के निचले सदन ने कुछ मुस्लिम महिलाओं द्वारा पहने जाने वाले बुर्का जैसे चेहरा ढंकने वाले कपड़ों पर प्रतिबंध लगाने के लिए मतदान किया था। राष्ट्रीय परिषद ने 29 मतों के मुकाबले 151 मतों से इस कानून को मंजूरी दी थी।
कई मुस्लिम संगठनों की आपत्तियों के बावजूद दक्षिणपंथी स्विस पीपुल्स पार्टी ने इस कानून को आगे बढ़ाया था। स्विट्जरलैंड ऐसा करने वाला पहला देश नहीं है, बल्कि यूरोप के बेल्जियम, डेनमार्क और फ्रांस जैसे देशों ने भी इसी तरह के प्रतिबंध लागू किए हैं। हालांकि, इन यूरोपीय देशों में धार्मिक स्वतंत्रता को लेकर कई बार सवाल उठ चुके हैं। आलोचकों का कहना है कि सार्वजनिक सुरक्षा के नाम पर बनाए गए इन कानूनों के जरिए मुस्लिम महिलाओं को निशाना बनाया जा रहा है।
पाकिस्तान में आतंकी हमला, नए साल के पहले दिन दहला, 3 की मौत; 11 घायल
1 Jan, 2025 06:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
पेशावर। पाकिस्तान के अशांत उत्तर-पश्चिम में बुधवार को तीन अलग-अलग आतंकी घटनाओं में एक बच्चे समेत कम से कम तीन लोगों की मौत हो गई और 11 अन्य घायल हो गए। पुलिस ने बताया कि रात करीब एक बजे खैबर पख्तूनख्वा के डेरा इस्माइल खान जिले के दरबन इलाके में आतंकियों ने एक पुलिस चौकी पर हमला किया, जिसमें एक पुलिस कांस्टेबल और एक मजदूर की मौत हो गई और दो अन्य घायल हो गए।
यहां भी हुए आतंकी हमले
पुलिस ने बताया कि दूसरी घटना दक्षिण वजीरिस्तान जिले के आजम वारसाक इलाके में हुई, जहां मोटरसाइकिल में रखे बम के फटने से एक बच्चे की मौत हो गई और चार अन्य घायल हो गए। पुलिस के मुताबिक एक और घटना बन्नू जिले के मामाखेल इलाके में हुई, जहां सड़क किनारे बम फटने से कम से कम पांच पुलिसकर्मी घायल हो गए।
क्या कहते हैं आंकड़े
इससे पहले सोमवार को जारी एक आधिकारिक रिपोर्ट के मुताबिक खैबर पख्तूनख्वा में सुरक्षा बलों ने 2024 में 270 आतंकियों को मार गिराया, जिनमें इनाम वाले बड़े आतंकी भी शामिल हैं। प्रांतीय सूचना निदेशालय द्वारा जारी पुलिस विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, प्रांतीय पुलिस ने ऑपरेशन के दौरान 802 संदिग्धों को गिरफ्तार किया। रिपोर्ट में कहा गया है कि इस साल ड्यूटी के दौरान 149 पुलिस अधिकारी मारे गए और 232 घायल हुए।
अमेरिका: नए साल का जश्न मना रहे थे लोग, एक शख्स ने उन पर ट्रक चढ़ा दिया और अंधाधुंध फायरिंग की, 10 की मौत
1 Jan, 2025 06:38 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
न्यू ऑरलियन्स: दक्षिणी अमेरिकी शहर न्यू ऑरलियन्स में एक भीषण हादसा हुआ है। नए साल के पहले दिन एक तेज रफ्तार पिकअप ट्रक ने भीड़ को टक्कर मार दी। इस हादसे में 10 लोगों की मौत हो गई है। बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक लुइसियाना शहर के मशहूर पर्यटन स्थल फ्रेंच क्वार्टर के बॉर्बन स्ट्रीट पर भारी भीड़ जमा थी। इसी दौरान वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो गया। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि चालक भीड़ में ट्रक से उतरा और फायरिंग शुरू कर दी। यह घटना सुबह करीब 3.15 बजे हुई।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अधिकारियों का कहना है कि जब पिकअप ने बॉर्बन स्ट्रीट के चौराहे पर भीड़ को टक्कर मारी, तब लोग नए साल का जश्न मना रहे थे। न्यू ऑरलियन्स के पुलिस प्रवक्ता ने सीबीएस न्यूज को बताया कि शुरुआती रिपोर्ट से पता चला है कि कार ने लोगों के एक समूह को टक्कर मारी होगी। घायलों की संख्या का पता नहीं चल पाया है लेकिन कुछ लोगों के मारे जाने की खबर है। लोगों को कैनाल और बॉर्बन स्ट्रीट के इलाके से दूर रहने को कहा गया है, जहां यह घटना हुई।
पुलिस ने लोगों से की अपील
प्रत्यक्षदर्शियों के बयान और कई सोशल मीडिया पोस्ट से पता चला है कि हादसा बेहद भयानक था। हादसे के बाद कई वीडियो फुटेज और तस्वीरें भी सामने आई हैं। इनमें चौराहे के आसपास पुलिस की गाड़ियां और एंबुलेंस खड़ी नजर आईं। अधिकारी मामले की जांच कर रहे हैं। पुलिस ने लोगों से फिलहाल इस इलाके में यात्रा करने से बचने को कहा है।
इलाके में सुरक्षा बढ़ाई गई
ऑरलियन्स में हादसे के बाद हुई फायरिंग की घटना के बाद इलाके में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। अधिकारी जांच कर रहे हैं। ट्रक ड्राइवर को पकड़ने के लिए ऑपरेशन चलाया जा रहा है। फिलहाल ऑर्लियन्स में आपातकाल जैसे हालात बन गए हैं।
क्या शेख हसीना की पार्टी बांग्लादेश में चुनाव लड़ेगी? जानिए मुख्य चुनाव आयुक्त ने क्या कहा
1 Jan, 2025 06:29 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
ढाका: बांग्लादेश के मुख्य चुनाव आयुक्त एएमएम नसीरुद्दीन ने बड़ी बात कही है। मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा है कि अगर सरकार या न्यायपालिका अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग पर प्रतिबंध नहीं लगाती है, तो पार्टी चुनाव लड़ सकती है। समाचार पत्र 'ढाका ट्रिब्यून' की एक रिपोर्ट के अनुसार, मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) ने चटगांव सर्किट हाउस में चुनाव अधिकारियों के साथ बैठक के दौरान यह बात कही।
'चुनाव आयोग स्वतंत्र है'
नसीरुद्दीन ने यह भी कहा कि चुनाव आयोग पूरी तरह स्वतंत्र है और उस पर कोई बाहरी दबाव नहीं है। उन्होंने कहा, "हम निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।" बांग्लादेश में हुए पिछले कुछ चुनावों में मतदान में भारी गिरावट आई है। पिछले चुनावों में मुख्य विपक्षी दलों ने धांधली का आरोप लगाते हुए चुनाव का बहिष्कार किया था।
वोटर लिस्ट अपडेट की जाएगी
सीईसी ने पिछले चुनावों में फर्जी मतदाताओं के मुद्दे को भी स्वीकार किया और मतदाता पंजीकरण में गिरावट के लिए मतदान प्रक्रिया में अविश्वास को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा है कि मतदाता सूची को जल्द ही अपडेट किया जाएगा। उन्होंने कहा, "मतदाता सूची को अगले छह महीनों में अपडेट किया जाएगा। इस बार चुनाव पिछली बार की तरह नहीं होंगे। 5 अगस्त के बाद से चुनावी मामलों पर राष्ट्रीय सहमति बनाने में महत्वपूर्ण प्रगति हुई है।"
रूस की गैस अब यूक्रेन के रास्ते यूरोप तक नहीं पहुंच सकेगी, क्या होगा यूरोप का?
1 Jan, 2025 06:21 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
यूरोप में 1 जनवरी 2025 से एक ऐतिहासिक बदलाव आने वाला है। दरअसल, यूक्रेन के रास्ते गैस की आपूर्ति पूरी तरह से बंद हो गई है। यह घटना रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध के बीच हुई है, जो 2025 में तीन साल का हो जाएगा। इस एक बदलाव से यूरोप के ऊर्जा संकट पर गहरा असर पड़ सकता है। दशकों तक रूस से यूक्रेन के रास्ते यूरोप तक गैस पहुंचाने वाली इस पाइपलाइन को ऊर्जा के क्षेत्र में परस्पर निर्भरता का प्रतीक माना जाता था। लेकिन अब इस पाइपलाइन के बंद होने से रूस, यूक्रेन और यूरोपीय संघ के बीच संबंधों में बड़े बदलाव का संकेत मिलता है, जिसका असर ऊर्जा नीतियों, राजनीतिक खींचतान और भविष्य की रणनीतियों पर पड़ेगा। आइए जानते हैं इसका इतिहास और इससे निपटने के लिए यूरोप कितना तैयार है?
समझौते का खत्म होना और पाइपलाइन का बंद होना
कई दशकों तक यूरोप रूसी गैस पर निर्भर था, जो यूक्रेन के रास्ते यूरोपीय देशों तक पहुंचती थी। इस रास्ते से यूरोप की करीब 35% गैस की जरूरतें पूरी होती थीं, जिससे रूस को अरबों डॉलर की कमाई होती थी और यूक्रेन को ट्रांजिट फीस के रूप में आर्थिक लाभ मिलता था। लेकिन फिर 2014 में रूस द्वारा क्रीमिया पर कब्ज़ा करने के बाद संबंधों में तनाव शुरू हो गया। फिर फरवरी 2022 में रूस द्वारा यूक्रेन पर आक्रमण करने के बाद, यूरोप को रूस की आपूर्ति कम हो गई, जिससे यूरोपीय संघ को रूसी गैस पर अपनी निर्भरता कम करनी पड़ी। मॉस्को ने अपनी यूरोपीय गैस बाजार हिस्सेदारी बनाने में आधी सदी बिताई, जो अपने चरम पर लगभग 35% थी, लेकिन गिरकर लगभग 8% हो गई है।
रूस और यूक्रेन के बीच पांच साल का गैस ट्रांजिट समझौता 2019 में समाप्त हो गया, और यूक्रेन ने इसे बढ़ाने से इनकार कर दिया। 31 दिसंबर 2024 को, यूक्रेनी गैस ट्रांजिट ऑपरेटर ने घोषणा की कि 1 जनवरी 2025 तक कोई गैस प्रवाह का अनुरोध नहीं किया गया था। इसका मतलब है कि यूक्रेन के माध्यम से गैस की आपूर्ति पूरी तरह से बंद हो गई है।
यूरोप की बैकअप योजना क्या है?
जब 2 साल पहले रूस-यूक्रेन की शुरुआत हुई थी, तब यूरोप रूस से गैस खरीदना जारी रखता था, जिसके लिए उसे आलोचना का भी सामना करना पड़ा था। इसके बाद, यूरोपीय संघ ने अपनी ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए कई वैकल्पिक उपाय अपनाए। यूरोपीय आयोग ने ऊर्जा क्षेत्र में सुधार, विस्तार और गैस बुनियादी ढांचे को लचीला बनाने की दिशा में कदम उठाए।
यूरोपीय आयोग ने कहा है कि अगर रूस गैस की आपूर्ति बंद कर देता है, तो कोई तनाव नहीं है। रूस से आने वाली गैस की कमी को दूसरे देशों से तरलीकृत प्राकृतिक गैस (एलएनजी) और पाइपलाइन के ज़रिए गैस आयात करके पूरी तरह से पूरा किया जा सकता है। कतर और अमेरिका से तरलीकृत प्राकृतिक गैस (एलएनजी) के आयात में वृद्धि की गई, साथ ही नॉर्वे से पाइप के ज़रिए गैस की आपूर्ति भी बढ़ाई गई।
यूरोपीय देशों ने गैस भंडारण को भरने की प्रक्रिया भी तेज़ कर दी, ताकि आपूर्ति सुनिश्चित की जा सके। यूरोपीय आयोग का कहना है कि यूरोप का गैस इंफ्रास्ट्रक्चर इतना मज़बूत है कि वह मध्य और पूर्वी यूरोप को गैर-रूसी गैस की आपूर्ति कर सकता है।
इस फ़ैसले पर कैसी प्रतिक्रिया रही?
पाइपलाइन बंद होने का बाज़ार पर तुरंत कोई बड़ा असर नहीं पड़ा। विशेषज्ञों के अनुसार, यूक्रेन के ज़रिए आपूर्ति की जा रही गैस की मात्रा बहुत कम थी- 2023 में सिर्फ़ 15 बिलियन क्यूबिक मीटर गैस का आयात किया गया। इससे यूरोपीय गैस की कीमतों में ज़्यादा उछाल नहीं आया और 31 दिसंबर को गैस की कीमतें मामूली वृद्धि के साथ 48.50 यूरो प्रति मेगावाट घंटे पर बंद हुईं।
हालांकि, बाद में इसका असर गंभीर हो सकता है। भले ही यूरोप ने इस बदलाव के लिए खुद को तैयार कर लिया है, लेकिन आर्थिक दबाव अभी भी बना हुआ है। उच्च ऊर्जा लागत ने यूरोपीय उद्योगों को मुश्किल में डाल दिया है, खासकर उन देशों की तुलना में जो अमेरिका और चीन जैसे प्रतिस्पर्धी बाजारों में हैं। रूसी गैस आपूर्ति में कमी के कारण जर्मनी को 60 बिलियन यूरो का नुकसान हुआ है।
TikTok पर इस देश ने लगाया 1 करोड़ डॉलर का जुर्माना, बढ़ी मुश्किलें
31 Dec, 2024 04:37 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
वीडियो शेयरिंग ऐप TikTok की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. इस ऐप को भारत समेत दुनिया के कई देशों में पहले से बैन किया जा चुका है. अब इस ऐप पर वेनेजुएला ने भी सख्त कार्रवाई की है. वेनेजुएला की सर्वोच्च अदालत ने सोमवार को टिकटॉक पर 1 करोड़ अमेरिकी डॉलर का जुर्माना लगाया. टिकटॉक के खिलाफ यह कार्रवाई एक ऑनलाइन चैलेंज को पूरा करने में तीन किशोरों की मौत के बाद हुई है.
अदालत का कहना है कि टिकटॉक पर ऐसे वीडियो वायरल हुए जिनमें रासायनिक पदार्थों के सेवन को बढ़ावा दिया गया था. इनके कारण तीन किशोरों की मौत हो गई. न्यायाधीश तानिया डेमेलियो ने कहा कि वीडियो शेयरिंग ऐप टिकटॉक ने खतरनाक कंटेंट को रोकने के लिए आवश्यक और पर्याप्त उपाय लागू नहीं किए और लापरवाही बरती.
अदालत ने दिया आदेश
टिकटॉक की पेरेंट कंपनी चीन की ByteDance है. वेनेजुएला की अदालत ने बाइटडांस को देश में कार्यालय खोलने का आदेश दिया गया है और जुर्माना भरने के लिए आठ दिन का समय दिया गया है. अगर ऐसा नहीं किया गया तो उचित कार्रवाई की जाएगी. डेमेलियो ने आगे कहा कि "इस पैसे से टिकटॉक विक्टिम फंड बनाया जाएगा, जिससे यूजर्स को होने वाले साइकोलॉजिकल, इमोशनल और फिजिकल डैमैज की भरपाई की जाएगी."
कंपनी ने अदालत को बताया कि वह "मामले की गंभीरता को समझती है." वेनेजुएला के अधिकारियों के मुताबिक सोशल मीडिया चैलेंज के बाद रासायनिक पदार्थों का सेवन करने से देश भर के स्कूलों में तीन किशोरों की मौत हो गई और 200 नशा में पाए गए.
ऐप पर ऑनलाइन चैलेंज
टिकटॉक बहुत ही पॉपुलप वीडियो शेयरिंग प्लेटफॉर्म है. खासकर यंगस्टर्स इसे काफी पसंद करते हैं. इसकी पॉपुलैरिटी का बड़ा कारण इसके ऑनलाइन चैलेंज हैं, जिसमें यूजर्स को डांस, हंसी-मजाक या गेम दिखाने वाले वीडियो बनाने के लिए प्रेरित किया जाता हैं. कभी-कभी यह वीडियो वायरल हो जाते हैं. ऐप पर खतरनाक चैलेंज वाले वीडियो प्रसारित करने और यूजर्स को खतरे में डालने का आरोप लगाया गया है. हालांकि, टिकटॉक की ऑफिशियल पॉलिसी खुद को नुकसान पहुंचाने और सुसाइड वाले वीडियो को प्रमोट करने से रोकती है.
चीन के हैकरों ने अमेरिका पर किया साइबर हमला, ट्रेजरी डिपार्टमेंट को बनाया निशाना
31 Dec, 2024 02:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
वॉशिंगटन। चीनी साइबर हैकरों ने यूएस के ट्रेजरी डिपार्टमेंट को निशाना बनाया है। इस साइबर अटैक में हैकरों को ट्रेजरी के कुछ वर्कस्टेशनों का एक्सेस मिल गया था। डिपार्टमेंट ने इस संबंध में अमेरिकी संसद को जानकारी दी है।
ट्रेजरी के प्रवक्ता ने कहा कि यह घटना इसी महीने की शुरुआत में हुई। चीनी सरकार द्वारा प्रायोजित साइबर हैकरों ने थर्ड पार्टी साइबर सिक्योरिटी प्रोवाइडर की सुरक्षा को भेद दिया और ट्रेजरी वर्कस्टेशन व कुछ अनक्लासिफाइड डाक्यूमेंट्स का रिमोट एक्सेस हासिल कर लिया।
एजेंसी कर रही जांच
थर्ड पार्टी सर्विस प्रोवाइडर बेयॉन्ड ट्र्स्ट ने जब इस संबंध में जानकारी दी, तब ट्रेजरी ने यूएस साइबर सिक्योरिटी एंड इंफ्रास्ट्रक्चर सिक्योरिटी एजेंसी से संपर्क किया। फिलहाल डिपार्टमेंट, लॉ इंफोर्समेंट एजेंसियों के साथ मिलकर नुकसान का अध्ययन कर रहा है और मामले की जांच की रही है।
थर्ड पार्टी सर्विस प्रोवाइडर की सेवाएं ऑफलाइन कर दी गई हैं और इस बात के कोई सबूत नहीं है कि हैकरों के पास ट्रेजरी के सिस्टम या इंफॉर्मेशन का एक्सेस हो।
चीन प्रायोजित था अटैक
सीनेट बैंकिग कमेटी को लिखे पत्र में ट्रेजरी ने कहा, 'उपलब्ध संकेतों के आधार पर यह पता चलता है कि इस साइबर हमले के तार चीनी सरकार द्वारा प्रायोजित एडवांस पर्सिस्टेंट थ्रेट से जुड़े हैं।'
चीन पर लगे हैं कई आरोप
एडवांस पर्सिस्टेंट थ्रेट उन साइबर हमलों को कहा जाता है, जिसमें कोई हैकर किसी सिस्टम का अनधिकृत रूप से प्रवेश पा जाता है, लेकिन लंबे वक्त तक इसकी भनक नहीं लग पाती।
जारी होगी सप्लीमेंट्री रिपोर्ट
हालांकि डिपार्टमेंट ने इस बारे में अधिक जानकारी नहीं दी कि सुरक्षा में सेंध के क्या प्रभाव पड़ा है। उनकी तरफ से कहा गया है कि इस संबंध में अधिक जानकारी के साथ एक सप्लीमेंट्री रिपोर्ट जारी की जाएगी।
अधिकारियों ने कहा कि डिपार्टमेंट यूएस के फाइनेंशियल सिस्टम को खतरों से बचाने के लिए काम करता रहेगा। ट्रेजरी ने प्रवक्ता ने एक बयान में कहा कि 'डिपार्टमेंट अपने डाटा और सिस्टम के खिलाफ पैदा हुए किसी भी खतरे को काफी गंभीरता से लेता है।'
चीन पर लगातार लग रहे आरोप
अमेरिका समेत दूसरे कई देशों ने बीते कुछ समय में कई बार चीन की सरकार पर हैकरों की मदद से उनके सरकारी, सैन्य और व्यवसायिक विभागों पर साइबर टारगेट करने का आरोप लगाया है।
हालांकि चीन ने इन सभी आरोपों को खारिज करते हुए कहा था कि वह किसी भी तरह के साइबर हमले के खिलाफ है। सितंबर में यूएस जस्टिस डिपार्टमेंट ने 2 लाख डिवाइस को निशाना बनाने वाले साइबर अटैक नेटवर्क को खत्म करने का दावा किया था। इसके भी तार चीन से जुड़े थे।
इसके पहले टी-मोबाइल सहित कई अमेरिकी दूरसंचार कंपनियों को भी चीनी हैकरों ने निशाना बनाया था।
पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति जिमी कार्टर का नौ जनवरी को होगा अंतिम संस्कार, शोक दिवस का एलान
31 Dec, 2024 12:39 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति जिमी कार्टर का 100 साल की आयु में निधन हो गया। उनका अंतिम संस्कार नौ जनवरी को वॉशिंगटन डीसी में होगा। राष्ट्रपति जो बाइडन ने नौ जनवरी को राष्ट्रीय शोक दिवस का एलान किया है। उन्होंने कहा है कि नौ जनवरी को पूर्व राष्ट्रपति कार्टर के सम्मान में संघीय कार्यालय बंद रहेंगे। वहीं अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने भी नौ जनवरी को न्यायालय बंद रखने के लिए कहा है।
जिमी कार्टर का रविवार देर रात 100 साल की उम्र में निधन हो गया। जिमी कार्टर अमेरिकी इतिहास के सबसे लंबे समय तक जीवित रहने वाले राष्ट्रपति थे। राष्ट्रपति जो बाइडन ने जिमी कार्टर के निधन पर शोक जताते हुए कहा कि आज अमेरिका और दुनिया ने एक असाधारण नेता, राजनेता और मानवतावादी खो दिया है। पूर्व राष्ट्रपति कार्टर को श्रद्धांजलि देने के लिए समारोह चार जनवरी से शुरू होंगे। इस दौरान उनके पार्थिव शरीर को दर्शन के लिए जॉर्जिया स्थित आवास और जॉर्जिया राज्य कैपिटल में रखा जाएगा।
इसके बाद सात जनवरी तक पूर्व राष्ट्रपति के पार्थिव शरीर को अटलांटा स्थित कार्टर प्रेसिडेंशियल सेंटर में अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा। यहां से पार्थिव शरीर को अमेरिकी नौसेना स्मारक और अंतिम यात्रा के साथ वॉशिंगटन डीसी ले जाया जाएगा। सात जनवरी को अमेरिकी सांसद दिवंगत राष्ट्रपति को श्रद्धांजलि देंगे। नौ जनवरी तक पूर्व राष्ट्रपति का पार्थिव शरीर वॉशिंगटन डीसी में रहेगा। यहां सुबह 10 बजे राष्ट्रीय कैथेड्रल में उनका राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार होगा। सोमवार को अमेरिकी कांग्रेस के नेताओं ने पूर्व राष्ट्रपति कार्टर के बेटे जेम्स कार्टर तृतीय और कार्टर सेंटर को पत्र लिखकर कहा था कि दिवंगत राष्ट्रपति का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार वॉशिगंटन डीसी में किया जाए।
बाइडन-ट्रंप ने दी श्रद्धांजलि
राष्ट्रपति जो बाइडन ने रविवार को एक बयान में कार्टर को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने अपने बयान में कार्टर को "प्रिय मित्र" और "असाधारण नेता" के रूप में याद किया। वहीं, नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि अमेरिकियों पर पूर्व राष्ट्रपति की "कृतज्ञता का ऋण" है।
पीएम मोदी ने भी जताया था शोक
पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति जिमी कार्टर के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शोक जताया। पीएम नरेंद्र मोदी ने उनको महान दूरदर्शी राजनेता बताया। पीएम ने कहा कि उन्होंने वैश्विक शांति और सद्भाव के लिए अथक प्रयास किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक्स पर लिखा कि पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति जिमी कार्टर के निधन से बहुत दुख हुआ। वह एक महान दूरदर्शी राजनेता थे। उन्होंने वैश्विक शांति और सद्भाव के लिए अथक प्रयास किया। भारत-अमेरिका संबंधों को मजबूत बनाने में उनका योगदान एक स्थायी विरासत छोड़ गया है। उनके परिवार, दोस्तों और अमेरिका के लोगों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदनाएं।
मानवता की सेवा के लिए नोबेल शांति पुरस्कार से नवाजे गए
जिमी कार्टर का रविवार देर रात जॉर्जिया में उनके घर पर निधन हुआ। 1 अक्तूबर 1924 को जन्मे जिमी कार्टर साल 1977 से लेकर 1981 तक अमेरिका के 39वें राष्ट्रपति रहे। कार्टर मेलानोमा नामक बीमारी से पीड़ित थे। यह एक तरह का स्किन कैंसर होता है और यह कार्टर के लिवर और दिमाग तक फैल गया था। कार्टर का इलाज उनके घर पर ही चल रहा था। राष्ट्रपति पद छोड़ने के बाद कार्टर ने 'कार्टर सेंटर' नामक संस्था के जरिए मानवता के लिए काम किया। इसके लिए उन्हें साल 2002 में नोबेल शांति पुरस्कार से नवाजा गया था।
एयरपोर्ट पर दो विमानों की टक्कर से बाल-बाल बचे, एफएए ने दिए जांच के आदेश
31 Dec, 2024 12:31 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
हाल ही में अजरबैजान और दक्षिण कोरिया में हुए दो बड़े विमान हादसों से लोग उबरे भी नहीं है कि अमेरिका के लॉस एंजेलिस हवाई अड्डे पर एक और बड़ा विमान हादसा होने से बाल-बाल बच गया। दरअसल हवाई अड्डे पर दो विमान आपस में टकराने से बच गए और एटीसी की सतर्कता से बड़ा हादसा टल गया। घटना का वीडियो भी सामने आया है, जिसमें दिख रहा है कि कुछ सेकेंड की देरी सैंकड़ों जिंदगियों पर भारी पड़ सकती थी।
एफएए ने दिए जांच के आदेश
गौरतलब है कि एक विमान में वॉशिंगटन के गोंजागा विश्वविद्यालय की बास्केटबॉल टीम भी सफर कर रही थी। अमेरिका के फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (एफएए) ने घटना की जांच के आदेश दे दिए हैं। एफएए ने बयान में कहा कि लाइम एयर फ्लाइट 563 लॉस एंजेलिस हवाई अड्डे पर उतरी थी और जैसे ही वह रनवे को पार करने वाली थी, तभी बास्केटबॉल टीम को ले जा रहा निजी विमान भी टेकऑफ कर रहा था। स्थिति ऐसी बनी कि दोनों विमान बेहद करीब आ गए। हालात को देखते हुए एटीसी ने तुरंत की लाइम एयरलाइंस के विमान को तुरंत रुकने को कहा। इससे विमानों की टक्कर बच गई। जब निजी विमान ने उड़ान भर ली, उसके बाद दूसरे विमान को रनवे पर जाने की इजाजत दी गई।
यह घटना प्लेन-स्पॉटिंग लाइवस्ट्रीम पर कैद की गई, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है। वीडियो में एयर ट्रैफिक कंट्रोलर टीम द्वारा की लाइम एयर फ्लाइट को 'रुको, रुको, रुको' कहने का ऑडियो भी रिकॉर्ड है। वहीं गोंजागा विश्वविद्यालय ने बयान में कहा, 'विमान में सवार हमारी टीम के सदस्य स्थिति से अनभिज्ञ थे और हम आभारी हैं कि यह घटना बिना किसी को नुकसान पहुंचाए खत्म हो गई।'
दक्षिण कोरिया के निलंबित राष्ट्रपति यून सुक योल की बढ़ी मुश्किलें, अरेस्ट वारंट जारी
31 Dec, 2024 12:06 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
दक्षिण कोरिया की अदालत ने निलंबित राष्ट्रपति यून सुक योल के लिए गिरफ्तारी वारंट को मंजूरी दे दी है। राष्ट्रपति यून सुक योल पर 3 दिसंबर को मार्शल लॉ लागू करने के फैसले पर महाभियोग लगाया गया था और सत्ता से निलंबित कर दिया गया। संयुक्त जांच मुख्यालय ने एक बयान में कहा, 'संयुक्त जांच मुख्यालय की तरफ से निलंबित किए गए राष्ट्रपति यून सुक योल के लिए गिरफ्तारी वारंट और तलाशी वारंट सुबह जारी किया गया है।'
मीडिया के अनुसार, दक्षिण कोरिया में किसी मौजूदा राष्ट्रपति के लिए जारी किया गया यह पहला गिरफ्तारी वारंट है। सीआईओ ने गिरफ्तारी वारंट देने के अदालत के तर्क पर कोई टिप्पणी नहीं की। कोर्ट ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। यह स्पष्ट नहीं था कि यून के लिए गिरफ्तारी वारंट कब और कैसे लागू किया जाएगा।
क्या है अदालत का फैसला?
दक्षिण कोरिया की राष्ट्रपति सुरक्षा सेवा ने एक बयान में कहा था कि वह सही प्रोसेस के अनुसार गिरफ्तारी वारंट पर विचार करेगी। सीआईओ ने कहा, अदालत ने यून के आवास की तलाशी के वारंट को भी मंजूरी दे दी। इससे पहले, राष्ट्रपति सुरक्षा सेवा द्वारा पहुंच को अवरुद्ध करने के कारण, पुलिस ने जांच के हिस्से के रूप में राष्ट्रपति कार्यालय पर सफलतापूर्वक छापा मारने की कोशिश की थी, लेकिन असफल रही थी।
यून संभावित विद्रोह के आरोपों में आपराधिक जांच का सामना कर रहा है। विद्रोह उन कुछ आरोपों में से एक है जिसके लिए दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति को छूट नहीं है। वहीं बता दें कि दक्षिण कोरिया में मार्शल लॉ आपातकाल के समय लगाया गया, इसका मतलब देश में अस्थायी शासन होता है, इसका मतबल ये है कि देश की कमान सेना के हाथ में चली जाती है।
क्यों लगा था मार्शल लॉ?
इसकी वजह ये भी बताई जाती है कि चुनी हुई सरकार अपना कामकाज करने में असमर्थ है। दक्षिण कोरिया में इसका एलान आखिरी बार साल 1979 में किया गया था, तब दक्षिण कोरिया के तत्कालीन सैन्य तानाशाह पार्क चुंग-ही की तख्तापलट के दौरान हत्या कर दी गई थी।
इजरायल ने अब किसे दी खुली चुनौती?
31 Dec, 2024 11:59 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
संयुक्त राष्ट्र में इजरायल के राजदूत ने सोमवार को यमन के हाउती आतंकवादियों को इजरायल पर मिसाइल हमला बंद करने की अंतिम चेतावनी देते हुए कहा कि यदि वे ऐसा नहीं करते हैं तो उनका भी वही हश्र होगा जो हमास, हिजबुल्ला और सीरिया के बशर अल-असद का हुआ है।
हाउती आतंकवादियों को ईरान का समर्थन हासिल है। इजरायली राजदूत ने तेहरान को यह भी चेतावनी दी कि इजरायल के पास ईरान सहित मध्य पूर्व में किसी भी लक्ष्य पर हमला करने की क्षमता है। इजरायल ईरान समर्थित संगठन द्वारा किए गए हमलों को बर्दाश्त नहीं करेगा। हाउती आतंकियों ने बार-बार इजरायल की ओर ड्रोन और मिसाइलें दागी हैं।
हाउती ने क्या कहा है?
उनका कहना है कि गाजा में इजरायली हमले का विरोध करने और फलस्तीनियों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए वे इस तरह का कदम उठा रहे हैं। एएनआइ के अनुसार, इजरायली रक्षा बल ने सोमवार को बताया कि हमास के आतंकवादियों ने गाजा के उत्तर-पूर्वी इलाके में स्थित जबालिया में इंडोनेशियाई अस्पताल से लगभग 45 मीटर की दूरी पर विस्फोटक लगाए थे।
बताते चलें, पिछले सप्ताह किए गए एक आपरेशन में इजरायली रक्षा बल ने इस क्षेत्र में आतंकियों के खिलाफ अपना मिशन पूरा किया।
उन्होंने अस्पताल से भागने की कोशिश करने वाले दर्जनों आतंकवादियों को खत्म कर दिया, कई अन्य आतंकवादियों को गिरफ्तार किया और अस्पताल के पास छिपाकर रखे गए विस्फोटकों को बेअसर कर दिया।
स्कॉटलैंड में लापता भारतीय छात्रा का शव नदी से बरामद, हत्या की आशंका
30 Dec, 2024 03:23 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
लंदन। स्कॉटलैंड में इस महीने की शुरुआत से लापता 22 वर्षीय भारतीय छात्रा का शव एक नदी में मिला है। शव मिलने के बाद छात्रा के परिवार को सूचित कर दिया गया है। हालांकि, छात्रा के औपचारिक पहचान की प्रक्रिया अभी जारी है।
शव मिलने के बाद ये सवाल उठने लगा है कि क्या छात्रा की हत्या की गई या ये कई हादसा है।
एडिनबर्ग की यूनिवर्सिटी में पढ़ती थीं छात्रा
केरल की संत्रा साजू स्कॉटलैंड की राजधानी एडिनबर्ग में हेरियट-वाट विश्वविद्यालय में पढ़ती थीं। स्कॉटलैंड की पुलिस ने बताया कि एडिनबर्ग के पास एक गांव न्यूब्रिज के पास एक नदी में छात्रा का शव मिला है। पुलिस ने कहा, "27 दिसंबर को सुबह करीब 11.55 बजे न्यूब्रिज के पास पानी में एक शव मिलने की जानकारी मिली।"
परिवार को किया गया सूचित
पुलिस ने आगे बताया कि औपचारिक पहचान अभी भी होनी है, हालांकि 22 वर्षीय संत्रा साजू के परिवार को सूचित कर दिया गया है। मौत को संदिग्ध नहीं माना जा रहा है। बयान में कहा गया है कि स्कॉटलैंड की अभियोजन सेवा और मृत्यु जांच निकाय प्रोक्यूरेटर फिस्कल को एक रिपोर्ट भेजी जाएगी।
6 दिसंबर को CCTV में आखिरी बार देखा गया
साजू को आखिरी बार 6 दिसंबर की शाम को लिविंगस्टन के अल्मंडवेल में एक असदा सुपरमार्केट स्टोर में सीसीटीवी में देखा गया था। पुलिस ने एक तत्काल गुमशुदा व्यक्ति की अपील जारी की, जिसमें साजू को लगभग 5 फीट 6 इंच लंबा, भारतीय जातीयता, दुबला शरीर, छोटे काले बालों वाला बताया गया।
न्यूयॉर्क के मेयर एरिक एडम्स ने की अक्षरधाम मंदिर की यात्रा, प्रमुख स्वामी महाराज से की मुलाकात
30 Dec, 2024 03:18 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
न्यूयॉर्क के मेयर एरिक एडम्स ने आज न्यूजर्सी के रॉबिंसविले में बने अक्षरधाम मंदिर में दर्शन किए। एडम्स ने मंदिर परिसर में लगभग 2 घंटे बिताए, महामंदिर का दौरा किया और मंदिर के स्वयंसेवकों के साथ बातचीत की। अपने दौरे के बाद, उन्होंने पूज्य संतो और कार्यकर्ताओं के साथ भी समय बिताया। इस दौरान उन्होंने बीएपीएस स्वामीनारायण के इतिहास के बारे में भी बातचीत की।
चर्चा के बाद एरिक एडम्स फिर सभा में आए और उन्होंने रामायण और महात्मा गांधी के बारे में बात की। वह हिंदू धर्म और बौद्ध धर्म के बहुत अच्छे जानकार हैं और उन्होंने अपनी युवावस्था में बौद्ध भिक्षुओं के साथ श्रीलंका, भूटान और नेपाल की यात्रा की थी।
तुलसी गबार्ड ने भी किए थे दर्शन
राष्ट्रीय खुफिया निदेशक नामित तुलसी गबार्ड के बाद, यह अक्षरधाम में किसी गेस्ट की दूसरी हाई-प्रोफाइल यात्रा है। संयुक्त राज्य अमेरिका के सबसे बड़े शहर और दुनिया के 10वें सबसे बड़े शहर के मेयर के रूप में एडम्स 9 मिलियन की आबादी का नेतृत्व करते हैं, जो लगभग न्यू जर्सी की पूरी आबादी के बराबर है।
अक्षरधाम मंदिर में अपने दौरा को लेकर तुलसी गबार्ड ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट भी शेयर किया है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट शेयर करते हुए तुलसी गबार्ड ने लिखा, ‘बीती रात अक्षरधाम मंदिर पहुंचकर मुझे बहुत अच्छा लगा।
क्या है यात्रा का उद्देश्य?
उनकी यात्रा, प्रमुख स्वामी महाराज, 12,500 स्वयंसेवकों और उनके प्रेरक महंत स्वामी महाराज के दृष्टिकोण की मान्यता के साथ, अक्षरधाम के संदेश को व्यापक दर्शकों तक पहुंचाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। वहीं एरिक एडम्स ने मंदिर के अंदर बच्चों के साथ बास्केटबॉल भी खेला।
कब शुरू हुआ था मंदिर का निर्माण?
भगवान स्वामीनारायण को समर्पित मंदिर का निर्माण 2011 में शुरू हुआ
पिछले साल 2023 में खत्म हुआ।
इसे दुनिया भर के 12,500 स्वयंसेवकों द्वारा बनाया गया था।
मंदिर की कई प्रमुख अनूठी विशेषताओं में सबसे बड़ा गुंबद है।
पिछले साल 30 सितंबर को शुरू हुए नौ दिवसीय उत्सव के बाद रॉबिन्सविले, न्यू जर्सी में अक्षरधाम का भव्य समर्पण समारोह महंत स्वामी महाराज की उपस्थिति में आयोजित किया गया था।
थियोपिया में बड़ा सड़क हादसा, शादी समारोह में जा रहे 60 लोगों की मौत
30 Dec, 2024 03:05 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
अफ्रीकी देश इथियोपिया में बड़ा हादसा हुआ है। यहां यात्रियों से भरा एक ट्रक नदी में जा गिरा। हादसे में 60 लोगों की जान गई है। दक्षिणी सिदामा क्षेत्र के अधिकारियों के मुताबिक यह भीषण हादसा बोना जिले में हुआ है। क्षेत्रीय संचार ब्यूरो ने रविवार देर रात जारी एक बयान में कहा कि हादसे में घायल लोगों का बोना जनरल अस्पताल में इलाज चल रहा है।
शादी समारोह में जा रहे थे सभी
सरकारी इथियोपियन ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन (EBC) ने मुताबिक सभी लोग एक शादी समारोह में शामिल होने जा रहे थे। बता दें कि इथियोपिया में भीषण सड़क दुर्घटनाएं आम हैं। खराब ड्राइविंग मानक और खस्ताहाल वाहन यहां सुरक्षित यातायात के मार्ग पर सबसे बड़े बाधक हैं।
नदी में लोगों की तलाश जारी
रिपोर्ट के मुताबिक सभी लोग इसुजु ट्रक पर सवार थे। मगर अचानक ट्रक अपना रास्ता भटक गया और नदी में जा गिरा। उधर, नदी में अब भी लोगों की तलाश जारी है। राहत एवं बचाव कार्य में स्थानीय लोग और सरकारी विभाग जुटे हैं। पुलिस मामले की जांच में जुट गई है।
दर्दनाक हादसों का गवाह बना 2024
साल 2024 जाते-जाते बड़े हादसों का गवाह बनता जा रहा है। पहले कजाखस्तान में अजरबैजान का एक विमान हादसे का शिकार हुआ। इसके बाद दक्षिण कोरिया में विमान हादसे ने लोगों को हैरत में डाल दिया। दोनों हादसों में कुल 221 लोगों की जान गई है। इसके बाद इथियोपिया में ट्रक हादसे में 60 लोगों की मौत से कोहराम मचा है।
अमेरिका के सबसे उम्रदराज राष्ट्रपति जिमी कार्टर का हुआ निधन
30 Dec, 2024 02:56 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
वाशिंगटन। अमेरिका के सबसे उम्रदराज राष्ट्रपति जिमी कार्टर का रविवार रात निधन हो गया। वो अमेरिका के 39वें राष्ट्रपति और भारत की यात्रा करने वाले तीसरे अमेरिकी नेता थे। 100 साल की उम्र वाले कार्टर 1977 में आर फोर्ड को हराकर राष्ट्रपति बने थे।
जिमी जॉर्जिया के प्लेन्स में अपने घर पर परिवार के साथ रहते थे, जहां उनका निधन हुआ।
बाइडन बोले- दुनिया ने असाधारण नेता खो दिया
वह अमेरिकी इतिहास में सबसे लंबे समय तक जीवित रहने वाले राष्ट्रपति थे। राष्ट्रपति जो बाइडन ने उनके निधन पर शोक व्यक्त करते हुए एक बयान में कहा, "आज अमेरिका और दुनिया ने एक असाधारण नेता, राजनेता और मानवतावादी को खो दिया है।"
जिमी के थे 25 पोते-परपोते
बता दें कि कार्टर के परिवार में उनके बच्चे जैक, चिप, जेफ और एमी के साथ 11 पोते-पोतियां और 14 परपोते-परपोतियां हैं। उनकी पत्नी रोजलिन और एक पोते का निधन उनसे पहले हो चुका है।
कल्याणकारी काम करने से जाने जाते थे कार्टर
राष्ट्रपति का पद छोड़ने के एक साल बाद उन्होंने 'कार्टर सेंटर' नाम के एक चैरिटी की स्थापना की थी। इस चैरिटी ने चुनावों में पारदर्शिता लाने, मानवाधिकारों का समर्थन करने, स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने जैसी महत्व भूमिका निभाई।
भारत में जिमी के नाम पर है गांव
कार्टर सेंटर के अनुसार, 3 जनवरी 1978 को कार्टर और तत्कालीन प्रथम महिला रोजलिन कार्टर नई दिल्ली से एक घंटे दक्षिण-पश्चिम में स्थित दौलतपुर नसीराबाद गांव गए थे।
वे भारत आने वाले तीसरे अमेरिकी राष्ट्रपति थे और देश से व्यक्तिगत रूप से जुड़े एकमात्र राष्ट्रपति थे। उनकी मां लिलियन ने 1960 के दशक के अंत में पीस कॉर्प्स के साथ एक स्वास्थ्य स्वयंसेवक के रूप में यहां काम किया था।
यह यात्रा इतनी सफल रही कि कुछ ही समय बाद गांव के निवासियों ने इस क्षेत्र का नाम उनके नाम पर 'कार्टरपुरी' रख दिया था।
जब कार्टर ने 2002 में नोबेल शांति पुरस्कार जीता तो गांव में जश्न मनाया गया और 3 जनवरी को छुट्टी घोषित की गई।
बेटे चिप कार्टर ने क्या कहा?
जिमी के बेटे चिप कार्टर ने कहा कि मेरे पिता एक नायक थे, न केवल मेरे लिए बल्कि उन सभी के लिए जो शांति, मानवाधिकारों और निःस्वार्थ प्रेम में विश्वास करते हैं। जिस तरह से उन्होंने लोगों को एक साथ लाया, उसके कारण दुनिया हमारा परिवार है और हम इन साझा मान्यताओं को जारी रखते हुए उनकी स्मृति का सम्मान करने के लिए आपका धन्यवाद करते हैं।