विदेश
अमेरिका के सबसे उम्रदराज राष्ट्रपति जिमी कार्टर का हुआ निधन
30 Dec, 2024 02:56 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
वाशिंगटन। अमेरिका के सबसे उम्रदराज राष्ट्रपति जिमी कार्टर का रविवार रात निधन हो गया। वो अमेरिका के 39वें राष्ट्रपति और भारत की यात्रा करने वाले तीसरे अमेरिकी नेता थे। 100 साल की उम्र वाले कार्टर 1977 में आर फोर्ड को हराकर राष्ट्रपति बने थे।
जिमी जॉर्जिया के प्लेन्स में अपने घर पर परिवार के साथ रहते थे, जहां उनका निधन हुआ।
बाइडन बोले- दुनिया ने असाधारण नेता खो दिया
वह अमेरिकी इतिहास में सबसे लंबे समय तक जीवित रहने वाले राष्ट्रपति थे। राष्ट्रपति जो बाइडन ने उनके निधन पर शोक व्यक्त करते हुए एक बयान में कहा, "आज अमेरिका और दुनिया ने एक असाधारण नेता, राजनेता और मानवतावादी को खो दिया है।"
जिमी के थे 25 पोते-परपोते
बता दें कि कार्टर के परिवार में उनके बच्चे जैक, चिप, जेफ और एमी के साथ 11 पोते-पोतियां और 14 परपोते-परपोतियां हैं। उनकी पत्नी रोजलिन और एक पोते का निधन उनसे पहले हो चुका है।
कल्याणकारी काम करने से जाने जाते थे कार्टर
राष्ट्रपति का पद छोड़ने के एक साल बाद उन्होंने 'कार्टर सेंटर' नाम के एक चैरिटी की स्थापना की थी। इस चैरिटी ने चुनावों में पारदर्शिता लाने, मानवाधिकारों का समर्थन करने, स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने जैसी महत्व भूमिका निभाई।
भारत में जिमी के नाम पर है गांव
कार्टर सेंटर के अनुसार, 3 जनवरी 1978 को कार्टर और तत्कालीन प्रथम महिला रोजलिन कार्टर नई दिल्ली से एक घंटे दक्षिण-पश्चिम में स्थित दौलतपुर नसीराबाद गांव गए थे।
वे भारत आने वाले तीसरे अमेरिकी राष्ट्रपति थे और देश से व्यक्तिगत रूप से जुड़े एकमात्र राष्ट्रपति थे। उनकी मां लिलियन ने 1960 के दशक के अंत में पीस कॉर्प्स के साथ एक स्वास्थ्य स्वयंसेवक के रूप में यहां काम किया था।
यह यात्रा इतनी सफल रही कि कुछ ही समय बाद गांव के निवासियों ने इस क्षेत्र का नाम उनके नाम पर 'कार्टरपुरी' रख दिया था।
जब कार्टर ने 2002 में नोबेल शांति पुरस्कार जीता तो गांव में जश्न मनाया गया और 3 जनवरी को छुट्टी घोषित की गई।
बेटे चिप कार्टर ने क्या कहा?
जिमी के बेटे चिप कार्टर ने कहा कि मेरे पिता एक नायक थे, न केवल मेरे लिए बल्कि उन सभी के लिए जो शांति, मानवाधिकारों और निःस्वार्थ प्रेम में विश्वास करते हैं। जिस तरह से उन्होंने लोगों को एक साथ लाया, उसके कारण दुनिया हमारा परिवार है और हम इन साझा मान्यताओं को जारी रखते हुए उनकी स्मृति का सम्मान करने के लिए आपका धन्यवाद करते हैं।
एलन मस्क का बड़ा बयान: एच-1 बी वीजा कार्यक्रम को लेकर किया बड़ा ऐलान
30 Dec, 2024 02:48 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
अमेरिका में एलन मस्क ने एच-1 बी वीजा को लेकर बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि अमेरिका में कुशल विदेशी श्रमिकों को लाने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली प्रणाली टूट गई है और इसमें बड़े सुधार की जरूरत है। उनका कहना है कि वह एच-1बी वीजा कार्यक्रम को बचाने के लिए युद्ध तक कर सकते हैं।
मस्क और भारतीय-अमेरिकी तकनीकी उद्यमी विवेक रामास्वामी हाल ही में आप्रवासन के ध्रुवीकरण मुद्दे पर अमेरिकी राष्ट्रपति-चुनाव डोनाल्ड ट्रंप के समर्थकों के साथ भिड़ गए हैं। एलन मस्क जो खुद एच-1बी पर दक्षिण अफ्रीका से आए थे। उन्होंने सोशल मीडिया साइट एक्स पर एक पोस्ट किया, उन्होंने कहा कि एच-1बी कार्यक्रम टूट गया है और बड़े सुधार की आवश्यकता है।
क्या बोले एलन मस्क?
दरअसल ट्रंप एक यूजर को जवाब दे रहे थे जिसने कहा था कि अमेरिका को दुनिया की सबसे विशिष्ट प्रतिभा के लिए एक गंतव्य बनने की आवश्यकता है, लेकिन एच-1बी कार्यक्रम ऐसा करने का तरीका नहीं है। मस्क ने कहा कि न्यूनतम वेतन में बढ़ोतरी करके और एच-1बी को बनाए रखने के लिए वार्षिक लागत जोड़कर इसे आसानी से तय किया जा सकता है, जिससे घरेलू की तुलना में विदेशों से किराया लेना वास्तव में अधिक महंगा हो जाएगा। पिछले हफ्ते मस्क ने कहा था कि विदेशों से विशिष्ट इंजीनियरिंग प्रतिभाओं को लाना अमेरिका को जीतते रहने के लिए आवश्यक है।
वहीं रामास्वामी ने भी मस्क की बातों को दोहराया। उन्होंने तर्क दिया कि अमेरिकी संस्कृति लंबे समय से औसत दर्जे का जश्न मनाती रही है।
उन्होंने एक्स पर पोस्ट किया, 'एक संस्कृति जो गणित ओलंपियाड चैंपियन के बजाय प्रोम क्वीन का जश्न मनाती है, सर्वश्रेष्ठ इंजीनियर पैदा नहीं करेगी।'
ट्रंप ने किया एलन मस्क का समर्थन
वहीं ट्रंप ने भी एलन मस्क का समर्थन किया है, उन्होंने कहा कि वह इस प्रोग्राम में विश्वास करते हैं। उन्होंने कहा, 'मुझे हमेशा से वीजा पसंद रहा है, मैं हमेशा से वीजा के पक्ष में रहा हूं। इसलिए हमारे पास ये है।' डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, 'मेरी प्रॉपर्टी पर कई H-1B वीजा वाले लोग हैं। मैं H-1B में विश्वास करता हूं। मैंने कई बार इसका इस्तेमाल किया है और यह एक बेहतरीन प्रोग्राम हैं।'
तालिबान का नया फरमान: आवासीय भवनों में खिड़कियों के निर्माण पर लगी रोक
30 Dec, 2024 02:43 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
काबुल। तालिबान महिलाओं को लेकर अपने अजीबो-गरीब फरमान के लिए हमेशा चर्चा में रहता है। वहीं, एक बार फिर से तालिबान द्वारा महिलाओं के लिए एक फरमान जारी किया गया है। तालिबान के सर्वोच्च नेता ने एक आदेश जारी किया है जिसमें उसने आवासीय भवनों में खिड़कियों के निर्माण पर रोक लगा दी है।
तालिबान सरकार के प्रवक्ता द्वारा शनिवार देर रात जारी एक बयान के अनुसार, नई इमारतों में ऐसी खिड़कियां नहीं होनी चाहिए जिनसे “आंगन, रसोईघर, पड़ोसी का कुआं और आमतौर पर महिलाओं द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले अन्य स्थानों” को देखा जा सके।
अश्लील हरकतों को मिल सकता है बढ़ावा
सरकारी प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद द्वारा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किए गए फरमान के अनुसार, रसोई, आंगन या कुओं से पानी भरते हुए महिलाओं को देखना अश्लील हरकतों को बढ़ावा दे सकता है। नगर निगम अधिकारियों और अन्य संबंधित विभागों को निर्माण स्थलों की निगरानी करनी होगी ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि पड़ोसियों के घरों में झांकना संभव न हो।
डिक्री में कहा गया है कि अगर घरों में ऐसी खिड़कियाँ मौजूद हैं, तो मालिकों को दीवार बनाने या दृश्य को बाधित करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा, ताकि पड़ोसियों को होने वाली परेशानियों से बचाया जा सके।
संयुक्त राष्ट्र ने उठाए थे सवाल
अगस्त 2021 में तालिबान के सत्ता में लौटने के बाद से, महिलाओं को सार्वजनिक स्थानों से धीरे-धीरे हटा दिया गया है, जिसके कारण संयुक्त राष्ट्र ने प्रशासन द्वारा स्थापित “लैंगिक रंगभेद” की निंदा की है।
तालिबान अधिकारियों ने लड़कियों और महिलाओं के लिए प्राथमिक शिक्षा के बाद की शिक्षा पर प्रतिबंध लगा दिया है, रोजगार को प्रतिबंधित कर दिया है तथा पार्कों और अन्य सार्वजनिक स्थानों तक पहुंच को अवरुद्ध कर दिया है।
महिलाओं के गाना गाने पर भी रोक
हाल ही में एक कानून ने तालिबान सरकार के इस्लामी कानून के सख्त क्रियान्वयन के तहत महिलाओं को सार्वजनिक रूप से गाने या कविता पाठ करने से भी रोक दिया है। यह उन्हें घर के बाहर अपनी आवाज और शरीर को “ढकने” के लिए भी प्रोत्साहित करता है।
कुछ स्थानीय रेडियो और टेलीविजन स्टेशनों ने भी महिलाओं की आवाज का प्रसारण बंद कर दिया है।
तालिबान प्रशासन का दावा है कि इस्लामी कानून अफगान पुरुषों और महिलाओं के अधिकारों की “गारंटी” देता है।
शपथ के पहले ट्रंप को मिला अरबों का नजराना
29 Dec, 2024 07:55 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
न्यूयॉर्क। अमेरिका के बहुचर्चित डोनाल्ड ट्रंप जनवरी माह में राष्ट्रपति पद की शपथ लेने जा रहे हैं। शपथ के पहले ही अमेरिका के इतिहास में पहली बार डोनाल्ड ट्रंप को नजराने के रूप में चंदा दिया जा रहा है।
डोनाल्ड ट्रंप ने 1700 करोड रुपए का चंदा एकत्रित करने का लक्ष्य तैयार किया है। अमेरिका में इसके पहले कभी भी राष्ट्रपति का चुनाव हो जाने के बाद शपथ के लिए चंदा नहीं लिया जाता था।
शपथ ग्रहण के पहले जो लोग चंदा दे रहे हैं। उनमें अमेरिका के बड़े-बड़े कारोबारी शामिल हैं। इन लोगों ने राष्ट्रपति चुनाव के लिए अपने आप को या तो चुनाव से दूर रखा था, या कमला हैरिस के पक्ष में चुनाव मैं काम कर रहे थे। उन सभी कंपनियों द्वारा अब बड़े पैमाने पर डोनाल्ड ट्रंप को चंदा दिया जा रहा है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार 1275 करोड रुपए का चंदा ट्रंप इनॉग्रेशन के लिए जमा हो चुका है। अमेरिका की राजनीति में वित्तीय पारदर्शिका के समर्थक ब्रेडन ग्लेविन का कहना है। कंपनियों की ओर से दिया जा रहा है। यह चंदा एक तरह से शपथ के पहले दिया जा रहा नजराना है।
ट्रंप के साथ डिनर 42 करोड़ में
शपथ ग्रहण समारोह के लिए विभिन्न कार्यक्रम आयोजित दिए जा रहे हैं। 17 जनवरी से यह कार्यक्रम शुरू हो जाएंगे। ट्रंप -मिलेनिया और उपराष्ट्रपति जेडी वेंस और उनकी पत्नी उषा के साथ डिनर के लिए 42 करोड़ चंदे में लिए जा रहे हैं। इस तरह के आठ कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं।
ट्रंप विरोधी भी दे रहे हैं चंदा
अमेरिका में चंदे का धंधा अब खुलकर सामने आ गया है। ट्रंप के विरोधी भी बड़ी मात्रा में चंदा दे रहे हैं। मेटा के सीईओ मार्क जकरबर्ग, अमेजॉन के सीईओ जैस बेजोस ने भी शपथ ग्रहण समारोह के लिए 85-85 करोड रुपए का चंदा, ट्रंप की पार्टी को दिया है। अन्य विरोधी कंपनियों के मालिक भी भर भर कर ट्रंप को शपथ ग्रहण समारोह के लिए चंदा दे रहे हैं. चंदे का धंधा अब अमेरिका में भी चर्चाओं में आ गया है।
कनाडा में लैंडिंग करते ही विमान में लगी आग, 200 से ज्यादा यात्री थे सवार
29 Dec, 2024 05:53 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
कनाडा। कनाडा में हैलिफैक्स के स्टैन्जफील्ड इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर एयर कनाडा के एक विमान जो मोन्ट्रियल से हैलिफैक्स आ रहा था लैंडिंग से समय उसमें आग लग गई। यह हादसा रविवार को उस समय हुआ जब विमान रनवे पर उतरने की कोशिश कर रहा था। जैसे ही विमान ने रनवे को छुआ उसमें से धुंआ निकलने लगा और फिर विमान में आग लग गई। लैंडिंग गियर में लगी आग विमान के पंखों तक फैल गई। घटना के बाद तत्काल एयरपोर्ट पर आपातकालीन सेवाएं सक्रिय हो गईं और मौके पर पहुंचकर आग पर काबू पाया।
विमान में मौजूद यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए इमरजेंसी शेड्स का इस्तेमाल किया गया। विमान में 200 से ज्यादा यात्री और क्रू मेंबर थे, सभी को सुरक्षित बाहर निकाला गया। अभी तक किसी भी यात्री या चालक के घायल होने की सूचना नहीं है। घटना में कोई भी हताहत नहीं हुआ और सभी यात्री पूरी तरह सुरक्षित रहे।
हादसे के कारण हैलिफैक्स हवाई अड्डे को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया, जिससे सभी उड़ानें कुछ समय के लिए रद्द कर दी गईं। हवाई अड्डे पर फ्लाइट्स की आवाजाही फिर से शुरू करने से पहले, विमान और रनवे की स्थिति की जांच की गई। कई उड़ानें देर से आईं और जाने वाली उड़ानें भी प्रभावित हुईं।
शुरुआती रिपोर्टों के मुताबिक विमान के लैंडिंग गियर में कोई तकनीकी खराबी हो सकती है, जिससे विमान में आग लगी। अधिकारियों ने अभी तक इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है और घटना की पूरी जांच की जा रही है। विमान की स्थिति और आग लगने के कारण का पता लगाने एजेंसियां जांच कर रही हैं। एयर कनाडा और संबंधित अधिकारियों ने हादसे की पूरी जांच का आश्वासन दिया है और इसके परिणामस्वरूप भविष्य में सुरक्षा मानकों को और सख्त किया जा सकता है।
अमेरिकी की थार्ड का पहला शिकार, इजराइल पर दागी हूती मिसाइल को टारगेट से पहले गिराया
29 Dec, 2024 11:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
तेल अवीव। अमेरिकी टर्मिनल हाई-एल्टीट्यूड एरिया डिफेंस (थार्ड) ने इजराइली की जमीन पर पहला शिकार किया। थार्ड ने इजराइल पर दागी गई हूतियों की मिसाइल को टारगेट पर लगने से पहले ही मार गिराया। इस हमले को नाकाम करने में इजराइली एरो सिस्टम का योगदान रहा। थार्ड सिस्टम को अक्टूबर में अपने 100 सदस्यीय चालक दल के साथ इजराइल में तैनात किया गया था। अमेरिका ने इसे ईरान के हमले को रोकने और इजराइल को सुरक्षा प्रदान करने के लिए भेजा था।
मीडिया रिपोर्ट में सोशल मीडिया पर प्रकाशित एक वीडियो में अमेरिकी सैनिकों में से एक को यह कहते हुए सुना गया है कि मैंने इसके लिए 18 साल इंतजार किया है। अमेरिकी कंपनी लॉकहीड मार्टिन ने थार्ड एयर डिफेंस सिस्टम को विकसित किया है। इसका प्राथमिक उद्देश्य उड़ान के अंतिम चरण में छोटी और मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलों को रोकना है। यह इजराइल की एरो-3 डिफेंस सिस्टम के बराबर है।
थार्ड बिना किसी वारहेड के हिट-टू-किल तकनीक का इस्तेमाल करता है। ऐसे में यह सिस्टम खतरनाक मिसाइल से टकराव से उत्पन्न तेज ऊर्जा पर निर्भर करता है। सिस्टम का रडार दो हजार किलोमीटर से ज्यादा की दूरी पर मिसाइलों और विमानों का पता लगा सकता है और उन्हें ट्रैक कर सकता है, जिससे 200 किलोमीटर तक की रेंज में और 150 किलोमीटर तक की ऊंचाई पर मिसाइलों को रोकना संभव है। शुक्रवार सुबह तड़के दागी गई हूतियों की मिसाइल को इजराइली क्षेत्र को पार करने से पहले ही रोक दिया गया।
अमेरिका ने इजराइल के साथ अरबों डॉलर के हथियार सौदे पर हस्ताक्षर किए हैं और देश में सैन्य बुनियादी ढांचे को उन्नत करने की योजना बना रहा है, जिसमें दक्षिणी इजराइल में एक बेस और एयरक्राफ्ट फैसिलिटी शामिल हैं। पेंटागन ने इजराइल में थार्ड सिस्टम तैनात करने की घोषणा में कहा कि यह कार्रवाई इजराइल की रक्षा और में अमेरिकियों को ईरान द्वारा किए जाने वाले किसी भी बैलिस्टिक मिसाइल हमले से बचाने के लिए अमेरिका की दृढ़ प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है।
रूस ने यूक्रेन के एक एफ-16 लड़ाकू विमान को मार गिराया
29 Dec, 2024 10:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मॉस्को । रूस ने जापोरिजिया क्षेत्र में यूक्रेन के एक एफ-16 लड़ाकू विमान को मार गिराया है। स्थानीय मीडिया ने बताया कि यह विमान रूसी ठिकानों पर मिसाइल हमला करने की तैयारी कर रहा था। रूसी संघ के सार्वजनिक चैंबर के संप्रभुता, देशभक्ति परियोजनाओं और दिग्गजों के लिए समर्थन आयोग के अध्यक्ष व्लादिमीर रोगोव ने बताया, एफ-16 विमान क्षेत्र पर मिसाइल हमला करने की स्थिति में था, और तभी विमान को मार गिराया गया। कहा जा रहा हैं कि अगर यह सच है, यह यूक्रेन के लिए एफ-16 फाइटिंग फाल्कन का दूसरा नुकसान होगा।
इस साल अगस्त में रूसी मिसाइल हमले में यूक्रेन का पहला एफ-16 फाइटिंग फाल्कन क्रैश हो गया था, जिसमें पायलट ओलेक्सी मेस की मौत हुई थी। यूक्रेनी सेना का दावा है कि दुर्घटना का कारण दुश्मन के मिसाइल हमले का सीधा परिणाम नहीं था। सेना कहा कि यूक्रेनी पायलट ने रूस के बड़े हमले में तीन क्रूज मिसाइलों और एक ड्रोन को नष्ट कर दिया। हालांकि, रूस ने दावा किया था कि उसके हमलों के कारण यूक्रेन का पहला एफ-16 क्रैश हुआ था।
खबरों के अनुसार यूक्रेन को वादा किए गए बेल्जियम के एफ-16 लड़ाकू विमानों के लिए उम्मीद से ज्यादा इंतजार करना पड़ेगा, जिन्हें शुरू में इस साल के अंत तक आने की योजना थी। नई रिपोर्ट से पता चलता है कि डिलीवरी की समयसीमा में देरी हो गई है, क्योंकि अमेरिका निर्मित लड़ाकू विमानों की पहली यूनिट अब 2025 तक आने की संभावना नहीं है। मई में, यूक्रेन और बेल्जियम ने एक सुरक्षा समझौते पर हस्ताक्षर किए, जिसमें 30 अमेरिकी निर्मित एफ-16 लड़ाकू विमानों का प्रावधान शामिल था। उस समय, यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने उम्मीद जाहिर की थी कि पहला बैच 2024 के अंत तक आ जाएगा। हालांकि, यह समयसीमा अब संभव नहीं है।
बेल्जियम के रक्षा मंत्री लुडिविन डेडॉन्डर ने 2025 के लिए बेल्जियम सेना के संचालन की समीक्षा करने के लिए पिछले सप्ताह पोलैंड का दौरा किया, जिसके दौरान यह स्पष्ट हो गया कि यूक्रेन को एफ-16 की डिलीवरी इस साल नहीं होगी। बेल्जियम के रक्षा मंत्रालय के अनुसार, देरी कई कारकों से हुई है, मुख्य रूप से पर्याप्त रूप से प्रशिक्षित यूक्रेनी पायलटों की कमी और स्पेयर पार्ट्स की कमी।
चीन ने अपने सबसे विशाल युद्धपोत का नाम सिचुआन को लांच किया
29 Dec, 2024 09:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
बीजिंग । चीन ने अब तक के अपने सबसे विशाल टाइप 076 एम्फीबियस अटैक शिप को लांच किया है। इस युद्धपोत का नाम सिचुआन है। यह लॉन्चिंग चीन के छठी पीढ़ी के लड़ाकू विमान की पहली उड़ान के बाद की गई है। 27 दिसंबर को लांच जहाज को वैश्विक स्तर पर अपनी तरह का सबसे बड़ा जहाज बताया जा रहा है। आकार में यह भारतीय नौसेना के एयरक्राफ्ट कैरियर के जैसा है। हालांकि, यह युद्धपोत इलेक्ट्रोमैग्नेटिक एयरक्राफ्ट लांच सिस्टम (ईएमएएलएस) से लैस है, जिनका इस्तेमाल एयरक्राफ्ट कैरियरों में भारी विमानों को लांच करने के लिए होता है।
चीन के दक्षिण-पश्चिमी प्रांत सिचुआन के नाम पर बने जहाज को शंघाई के चांगक्सिंग द्वीप पर स्थित हुडोंग-झोंगहुआ शिपयार्ड में औपचारिक रूप से लांच किया गया। लांच समारोह में चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी नेवी (पीएलए नेवी) के उच्च पदस्थ अधिकारी, सिचुआन प्रांतीय सरकार के प्रतिनिधि, चाइना स्टेट शिपबिल्डिंग कॉरपोरेशन (सीएसएससी) के अधिकारी और परियोजना पर काम करने वाले डिजाइनर और निर्माण कर्मी शामिल हुए।
पीएलए नेवी के बयान के अनुसार, सिचुआन में 40,000 टन से अधिक का पूर्ण विस्थापन है। वहीं भारत का नया एयरक्राफ्ट कैरियर आईएनएस विक्रांत का पूर्ण विस्थापन 45000 टन है। इसमें अत्याधुनिक तकनीक है, जिसमें ट्विन आइलैंड सुपरस्ट्रक्चर और अरेस्टिंग गियर के साथ उन्नत इलेक्ट्रोमैग्नेटिक कैटापल्ट शामिल हैं, जो फिक्स्ड-विंग एयरक्राफ्ट को लांच और रिकवरी करने में सक्षम बनाता है। यह जहाज फिक्स्ड-विंग एयरक्राफ्ट, हेलीकॉप्टर और एम्फीबियस उपकरणों के संयोजन को ले जाने के लिए डिजाइन किया गया है और उम्मीद है कि यह चीन की समुद्री रक्षा रणनीति में एक प्रमुख युद्धपोत के रूप में काम करेगा।
सिचुआन युद्धपोत पर तैनात एयर विंग में मानव रहित हवाई वाहन (यूएवी) जैसे स्टील्थी अनक्रूड कॉम्बैट एयर व्हीकल्स (यूसीएवी) शामिल होने की उम्मीद है। जून 2024 में, जीजे-11 शार्प स्वॉर्ड यूसीएवी या इसके वेरिएंट के मॉकअप को चांगक्सिंग द्वीप पर एक नजदीकी परीक्षण स्थल पर देखा गया था, जो दर्शाता है कि ड्रोन जहाज के संचालन में भूमिका निभा सकते हैं।
साल 2024 यादें : ऐसी घटनाएं जो रही चर्चाओं में, दुनिया का खींचा ध्यान
29 Dec, 2024 08:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली। साल 2024 ने कई ऐतिहासिक घटनाओं और दृश्य दिखाएं, जिनमें से कुछ तस्वीरों ने पूरी दुनिया को अपनी और आकर्षित किया है। ये तस्वीरें न सिर्फ घटनाओं की गवाही देती हैं, बल्कि उन अनकही कहानियों को भी सामने लाती हैं, जो समय के साथ इतिहास का हिस्सा भी बन जाती हैं। तो देखिए जनवरी से दिसंबर 2024 तक की सबसे बड़ी घटनाओं का लेखा-जोखा।
जनवरी: यूक्रेन के खारकीव में रूसी मिसाइल हमले के बाद डॉक्टर्स ने सीमित संसाधनों के बीच घायलों का इलाज किया, जो जंग के दो सालों में वहां की त्रासदी का प्रतीक बना।
फरवरी: अबूधाबी में 700 करोड़ की लागत से बने पहले हिंदू मंदिर का उद्घाटन हुआ इसमें भारत के पीएम नरेंद्र मोदी भी शामिल हुए। दूसरी ओर गाजा पट्टी में इजराइली हमलों के बाद मुस्कुराती महिला सैनिकों की सेल्फी ने विवाद खड़ा कर दिया।
मार्च: रूस में विपक्ष के नेता एलेक्सी नवलनी की संदिग्ध हालत में मौत के बाद उनकी पत्नी यूलिया नवलनया का विरोध रूस की राजनीति का केंद्र बना।
अप्रैल: ताइवान में 7.4 तीव्रता वाले भूकंप से झुकी इमारत और इजराइल के दिव्यांग फुटबॉलर बेन ममन की संघर्ष की कहानी ने प्रेरित किया।
मई: एवरेस्ट पर जाम और आइसलैंड में जमी बर्फ पर बहते लावा ने प्रकृति के विविध और भयावह रुप देख लोग हुए परेशान।
जुलाई: गाजा पट्टी में गर्भवती महिला की मौत के बाद जिंदा नवजात का जन्म और ट्रंप पर गोली चलने की घटना ने खूब सुर्खियां बटोरीं।
सितंबर: पेरिस पैरालिंपिक में तुर्किये के उमुत उनलू ने गोल्ड जीतकर साहस की नई मिसाल पेश की।
अक्टूबर: स्पेन में भयावह बाढ़ से तैरती कारों का दृश्य और तेहरान में छात्रा द्वारा बुर्के के खिलाफ किया गया प्रदर्शन भी खूब चर्चा में रहा।
नवंबर: न्यूजीलैंड में 22 साल की सांसद ने पारंपरिक हाका डांस के जरिए संसद में अपनी आवाज उठाई।
दिसंबर: कतर में मिसाइल हमलों और रूस-ईरान के बीच तनाव से विश्व युद्ध का खतरा मंडराया।
फ्लोरिडा में पिज्जा डिलीवरी गर्ल ने गर्भवती महिला पर 14 बार चाकू से किया हमला
28 Dec, 2024 05:50 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
अमेरिका के फ्लोरिडा से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। पिज्जा डिलीवरी कर्मचारी ने गर्भवती महिला पर 14 बार चाकू से हमला किया। डिलीवरी गर्ल ब्रियाना अल्वेलो ने कथित तौर पर 2 डॉलर (लगभग 170 रुपये) की टिप मिलने से नाराज होने के बाद गर्भवती महिला पर 14 बार चाकू से हमला किया। हालांकि डिलीवरी गर्ल को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। लेकिन उसका साथी अभी भी फरार है।
एल्वेलो पर हत्या के प्रयास, बंदूक से घर पर हमला, हमला और अपहरण का आरोप है। ओस्सिओला काउंटी शेरिफ कार्यालय ने इस घटना की जानकारी दी है। उन्होंने कहा, अल्वेलो एक साथी के साथ होटल में लौटा और हमले को अंजाम दिया।
बता दें कि फ्लोरिडा में यह घटना कुछ दिन पहले एक होटल में घटी, जब 22 साल की ब्रायना अल्वेलो ने जन्मदिन मना रहे एक परिवार को एक ऑर्डर दिया था।
अल्वेलो के हाथ में चाकू था, उन्होंने पीड़ितों में से एक पर हमला करना शुरू कर दिया। पीड़ित को कई बार चाकू मारा गया इसके बाद कमरे के अंदर से सामान ले लिया गया। अल्वेलो बाद में एक अज्ञात पुरुष संदिग्ध के साथ पीड़ित के होटल के कमरे में लौट आई और कमरे में जबरन घुस गई।
अधिकारी ने बताया कि अल्वेलो ने परिवार को पिज्जा दिया, जिसकी कीमत करीब 2800 रुपये थी। मगर परिवार के पास खुले रुपये नहीं थे। उनके पास करीब 43 हजार रुपये थे। बाद में परिवार ने बहुत ढूंढने पर पैसे लौटाए और केवल 170 रुपये टिप में दिए। इससे डिलीवरी गर्ल भड़क गई। वह 90 मिनट बाद लाल टोयोटा में एक नकाबपोश साथी के साथ मौके पर पहुंचा। बंदूक से लैस युवक पीड़िता के कमरे में जबरन घुस गए और परिवार पर हमला करना शुरू कर दिया।
रिपोर्ट के अनुसार, हमले के समय पीड़िता उसका प्रेमी और उसकी 5 साल की बेटी होटल के कमरे में थे। बता दें कि मार्को पिज्जा जहां अल्वेलो काम करता था ने एक बयान जारी कर इस घटना पर दुख और खेद व्यक्त किया। उन्होंने कहा,
हम उस दुखद घटना से बहुत दुखी हैं। स्थानीय मालिक और उनकी टीम स्थानीय अधिकारियों के साथ पूरा सहयोग कर रहे हैं, जिन्होंने मामले की जांच शुरू कर दी है। ग्राहकों और टीम के सदस्यों की सुरक्षा और भलाई हमेशा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।
2024 में जलवायु परिवर्तन से दुनिया में औसतन 41 दिन की बढ़ोतरी, 3,700 से अधिक मौतें
28 Dec, 2024 01:19 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
दुनिया में 2024 में जलवायु परिवर्तन की वजह से भीषण गर्मी के दिनों में औसतन 41 दिन की वृद्धि हुई है। इसकी वजह मानव-जनित जलवायु परिवर्तन रहा। यही नहीं, 2024 में जलवायु परिवर्तन के चलते चरम मौसम की घटनाओं ने विश्वभर में 3,700 से अधिक लोगों की जान ली और लाखों लोगों को विस्थापित किया है। यह खुलासा वर्ल्ड वेदर एट्रिब्यूशन (डब्ल्यूडब्ल्यूए) और क्लाइमेट सेंट्रल के वैज्ञानिकों ने किया है।
वैज्ञानिकों ने पाया कि जलवायु परिवर्तन ने इस साल के अधिकांश वक्त चरम मौसम की घटनाओं को और अधिक गंभीर बना दिया। बढ़ते तापमान के साथ 2024 अब तक के सबसे गर्म साल में से एक के रूप में चिह्नित किया गया है। डब्ल्यूडब्ल्यूए चीफ जलवायु वैज्ञानिक ने कहा कि जलवायु परिवर्तन ने हीटवेव, सूखे, उष्णकटिबंधीय तूफानों और भारी बारिश की तीव्रता और आवृत्ति को बढ़ा दिया है। इसके कारण लाखों लोगों की जान और आजीविका पर असर पड़ा है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर जीवाश्म ईंधन का इस्तेमाल नहीं घटाया गया, तो यह परेशानी और भी गंभीर हो जाएगी।
कुछ देशों ने 150 दिनों से अधिक की खतरनाक गर्मी देखी
वैज्ञानिकों के मुताबिक, 2024 में जलवायु परिवर्तन ने 29 में से 26 अत्यधिक मौसम की घटनाओं जैसे बाढ़, तूफान और सूखे को अधिक गंभीर बना दिया। गर्म समुद्री जल और गर्म हवा ने अधिक शक्तिशाली तूफानों और रिकॉर्ड तोड़ बारिश को जन्म दिया। इस साल पृथ्वी ने अब तक के सबसे गर्म दिन और लगातार 13 महीनों तक गर्म मौसम दर्ज किया। कुछ क्षेत्रों में 150 दिनों से अधिक की अत्यधिक गर्मी देखी गई, खासकर सबसे गरीब और कम विकसित देशों में।
डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की, टिकटॉक पर प्रतिबंध रोकने की अपील
28 Dec, 2024 01:07 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
अमेरिका ने नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डॉनाल्ड ट्रंप ने टिकटॉक पर बैन लगाने वाले कानून को रोकने के लिए अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। इस याचिका में ट्रंप ने कोर्ट से आग्रह किया कि वह उस कानून को रोक दे जो 20 जनवरी को उनके शपथ ग्रहण से एक दिन पहले टिकटॉक पर प्रतिबंध लगाएगा, यदि इसको इसके चीनी मालिक बाइटडांस द्वारा नहीं बेचा जाता है।
डोनाल्ड ट्रंप की कानूनी टीम ने याचिका में कहा कि इस मामले की जटिलता और नवीनता को देखते हुए, अदालत को इन मुद्दों को संबोधित करने के लिए अधिक समय देने के लिए वैधानिक समय सीमा पर रोक लगाने पर विचार करना चाहिए, ताकि उन्हें राजनीतिक समाधान का प्रयास करने का अवसर मिल सके।
गौरतलब है कि डोनाल्ड ट्रंप अपने पहले कार्यकाल (2017-2021) के दौरान टिकटॉक के कट्टर विरोधी थे। उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा के आधार पर इस ऐप पर प्रतिबंध लगाने की भी कोशिश की थी। इसके लिए रिपब्लिकन नेताओं ने यह चिंता व्यक्त की थी कि चीनी सरकार अमेरिकी टिकटॉक उपयोगकर्ताओं के डेटा का दुरुपयोग कर सकती है या प्लेटफ़ॉर्म पर जो कुछ भी देखा जाता है, उसमें हेरफेर कर सकती है।
बता दें कि ट्रंप ने टिकटॉक को एक अमेरिकी कंपनी को बेचने की बात की थी, जिसमें सरकार बिक्री मूल्य का हिस्सा लेगी। इसके साथ ही जो बाइडन ने भी टिकटॉक पर प्रतिबंध लगाने के लिए कानून पर हस्ताक्षर किए थे, लेकिन अब ट्रंप ने अपना रुख बदल लिया है। उन्होंने हाल ही में कहा अब जब मैं इसके बारे में सोच रहा हूं तो मैं टिकटॉक के पक्ष में हूं क्योंकि आपको प्रतिस्पर्धा की जरूरत है।
इसके साथ ही ट्रंप ने Facebook और Instagram जैसी सोशल मीडिया कंपनियों का जिक्र करते हुए ट्रंप ने कहा कि बिना TikTok के फेसबुक और इंस्टाग्राम के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं होगा।
अधिकारियों ने युवाओं के लिए जताई थी चिंता
वहीं इस ऐप को लेकर अमेरिकी अधिकारियों ने युवा पीढ़ी में बढ़ती लोकप्रियता पर भी चिंता जताई थी। इसके साथ ही यह आरोप लगाया था कि ऐप का उपयोग दुष्प्रचार फैलाने के लिए किया जा सकता है, हालांकि कंपनी और चीनी सरकार ने इन आरोपों का खंडन किया।
दुनियाभर में मनमोहन सिंह के निधन पर शोक, मलेशियाई पीएम ने जेल अनुभव किया साझा
28 Dec, 2024 01:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर सिर्फ भारत ही नहीं, पूरी दुनिया में शोक की लहर है। मनमोहन सिंह के निधन पर रूस, फ्रांस, मालदीव समेत कई देशों के राष्ट्राध्यक्षों ने दुख प्रकट किया है। वहीं दुनियाभर के मीडिया संस्थानों ने भी शोक जताया है।
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने भी उन्हें श्रद्धांजलि दी। व्हाइट हाउस की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि भारत और अमेरिका के बीच आज जैसा रिश्ता है, वह मनमोहन सिंह के विजन के बिना संभव नहीं था। बाइडेन ने मनमोहन सिंह को सच्चा देशभक्त और समर्पित लोकसेवक बताया है।
ब्रिटिश अखबार ने डॉ. मनमोहन के बारे में लिखा- उनका पहला कार्यकाल कर्ज माफी, मनरेगा और आरटीआई के लिए जाना जाता है। 2008 में मनमोहन सिंह ने परमाणु डील के लिए सरकार को दांव पर लगा दिया था।
अमेरिकी अखबार ने लिखा- उनकी कहानी लोगों में आत्मविश्वास भर देती हैष उन्होंने साबित किया कि शिक्षा, कड़ी मेहनत से हमारी जिंदगी हमारे माता-पिता की जिंदगी से बेहतर हो सकती है।
एक और अमेरिकी अखबार ने लिखा- वे सिख समुदाय से आते थे। पहली बार कोई सिख भारत का प्रधानमंत्री बना था। वह उस समय पहली बार पीएम बने थे, जब भारत की धर्मनिरपेक्षता खतरे में थी। मनमोहन सिंह ने यह साबित किया था कि किसी को डरने की जरूरत नहीं है।
मलेशिया के पीएम ने सुनाया किस्सा
डॉ. मनमोहन सिंह के मलेशियाई पीएम अनवर इब्राहिम से काफी घनिष्ठ रिश्ते थे। इब्राहिम 1999 से 2004 तक जेल में बंद थे। उस वक्त मनमोहन सिंह राज्यसभा में विपक्ष के नेता थे। उनके निधन पर अनवर इब्राहिम ने भी दुख जताया है।
उन्होंने कहा, 'जब मैं जेल में बंद था, तो मनमोहन सिंह ने बड़ी दया दिखाई थी। मेरे बच्चों, खास तौर पर मेरे बेटे इहसाल के लिए उन्होंने छात्रवृत्ति की पेशकश की थीष हालांकि मैंने इंकार कर दिया था, क्योंकि इससे मलेशियाई सरकार नाराद हो सकती थी।'
पुतिन ने भी जताया शोक
मनमोहन सिंह के निधन पर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने भी शोक जताया। उन्होंने कहा, 'मनमोहन सिंह एक महान राजनेता थे। पीएम और दूसरे पदों पर रहते हुए वह भारत के आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए वैश्विक मंचों पर काफी मुखर रहे हैं।'
भारत ने एक महान व्यक्ति और फ्रांस ने अपना सच्चा मित्र खो दिया है। मनमोहन सिंह ने अपना जीवन भारत के लिए समर्पित कर दिया था। हमारी संवेदनाएं उनके परिवार के साथ हैं।
अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने भी मनमोहन सिंह के निधन पर दुख जताया है। उन्होंने कहा- 'डॉ. मनमोहन सिंह अमेरिका-भारत साझेदारी के सबसे बड़े सर्मथकों में से एक थे। वह भारत-अमेरिका संबंधों के शिल्पकार रहे।'
मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद ने कहा, 'मनमोहन सिंह एक दयालु पिता की तरह थे। वह मालदीव के अच्छे मित्र थे।' वहीं अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई ने कहा कि भारत ने सबसे शानदार पुत्रों में से एक खो दिया है।
पाकिस्तान से बांग्लादेश पहुंचाए गए 250 किलो RDX और 100 AK47 हथियार, भारत के लिए चुनौती.......
27 Dec, 2024 05:26 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद एक के बाद भारत विरोधी हरकतें तेज होती जा रही हैं. खास बात यह है कि कभी बांग्लादेश में नरसंहार करने वाला पाकिस्तान आज उसका करीबी दोस्त बन गया है. अंदेशा है कि दोनों देश भारत के खिलाफ साजिश रचने में जुट गए हैं. हाल की एक घटना ने इस अंदेशे को बढ़ा दिया है. सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तान से राजधानी ढाका के लिए निकले जहाज के जरिए भारी मात्रा में RDX और AK47 हथियार बांग्लादेश पहुंचाए गए.
250 किलो RDX और 100 AK47
कराची बंदरगाह से शुरू होकर पाकिस्तानी मालवाहक जहाज एमवी अल बखेरा (जिसमें करीब 250 किलो RDX और 100 से अधिक एके47 तथा गोला-बारूद छिपाकर रखा गया था) चांदपुर चटगांव बंदरगाह पहुंचाया जाता है. अप्रत्याशित घटनाक्रम में जहाज ढाका डॉक पर पहुंचने की जगह चांदपुर पोर्ट गया. भारतीय खुफिया विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, जहाज में 720 टन मवेशी का खाना और सब्जी का माल रखा हुआ था. लेकिन भारी मात्रा में RDX और हथियार गोला-बारूद चटगांव पोर्ट के सुरक्षित घर में पहले से ही उतार दिया गया.
7 लोगों की हत्या
इस बीच, जहाज में सात लोगों की हत्या का सनसनीखेज मामला भी सामने आया है। एमवी अल बखेरा नामक जहाज पर काम करने वाले एक कर्मी ने, जो लंबे समय से वेतन न मिलने से गुस्से में था, सात लोगों की हत्या कर दी। मामले की जांच जारी है, लेकिन यह घटना भी भारत विरोधी साजिशों के बीच एक और कड़ी के रूप में देखी रही है।
पाकिस्तानी एक्सपर्ट ने किया था दावा
पाकिस्तानी एक्सपर्ट साजिद तरार हाल ही में एक चौंकाने वाला बयान देते हुए कहा कि भारत को अपनी सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता करनी चाहिए। उनके अनुसार, भारत के दोनों बॉर्डर के पास अल-जिहाद और युद्ध के नारे गूंज रहे हैं, जो किसी बड़ी साजिश का संकेत हो सकते हैं। तरार ने कहा था कि बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार डॉ मोहम्मद यूनुस ने पाकिस्तान से न केवल 25,000 टन चीनी का ऑर्डर दिया है, बल्कि खतरनाक असलहे का भी ऑर्डर किया है। उन्होंने कहा, "यह असलहा पाकिस्तान के लिए नहीं भेजा जा रहा, बल्कि यह भारत के लिए बड़ा खतरा हो सकता है। बांग्लादेश ने पाकिस्तान से 40 टन RDX, 28,000 हाई-इंटेंसिटी प्रोजेक्टाइल, 2,000 टैंक गोले और 40,000 आर्टिलरी राउंड का ऑर्डर दिया है।"
पुलिस स्टेशन को उड़ाने की साजिश नाकाम, सुरक्षाबलों ने मार गिराए आतंकी
27 Dec, 2024 05:21 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रूस में सुरक्षाबलों ने बड़े आतंकी साजिश को नाकाम कर दिया है. आईएसआईएस के आतंकियों ने मॉस्को में बड़ी आतंकी साजिश रची थी. आतंकवादियों ने एक पुलिस स्टेशन को उड़ाने की योजना बनाई थी. इसके लिए एक कार और गैस सिलेंडर खरीदा. इसके बाद आतंकियों ने बम तैयार करना शुरू किया. आतंकियों की साजिश की भनक लगते ही सुरक्षाबलों ने घेराबंदी की. इस दौरान आतंकवादियों ने फायरिंग शुरू कर दी. जवाबी फायरिंग में हमले को अंजाम देने जा रहे आतंकी मारे गए.
इससे पहले एक अन्य मामले में सुरक्षाबलों ने चार संदिग्धों को गिरफ्तार किया था. रूस की शीर्ष सुरक्षा एजेंसी ने गुरुवार को बताया था कि उसने सेना के वरिष्ठ अधिकारियों की हत्या की यूक्रेनी साजिश में शामिल होने के आरोप में 4 संदिग्धों को अरेस्ट किया है. पिछले हफ्ते रूस में एक जनरल की हत्या कर दी गई थी.
एफएसबी ने गुरुवार को एक बयान में कहा था कि उसने रक्षा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों की हत्या की साजिश रचने के आरोप में 4 रूसी नागरिकों को गिरफ्तार किया है. हमलों के संदिग्ध आरोपी रिमोट कंट्रोल कार बम से वरिष्ठ अधिकारियों में से एक को मारने की साजिश रच रहे थे. इसके साथ ही एक अन्य शीर्ष सैन्य अधिकारी भी इनके निशाने पर था.
अधिकारियों के नाम सार्वजनिक नहीं किए हैं. एक वीडियो भी जारी किया. इसमें संदिग्धों की गिरफ्तारी और पूछताछ को दिखाया गया है. हालांकि इनके नाम नहीं बताए गए हैं. बता दें कि 17 दिसंबर को लेफ्टिनेंट जनरल इगोर किरिलोव की उनके अपार्टमेंट के बाहर खड़ी इलेक्ट्रिक स्कूटर पर रखे बम में विस्फोट से हत्या कर दी गई थी.