विदेश
20 साल की मेहनत का फल: माइक्रोसॉफ्ट का मैजोराना 1, टेक सेक्टर में मचा रहा है धूम
24 Feb, 2025 01:08 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
माइक्रोसॉफ्ट ने दुनिया का पहला क्वांटम चिप ' मैजोराना' जारी किया है। यह पारंपरिक क्वांटम चिप से अलग है। माइक्रोसॉफ्ट कंपनी ने इसको लेकर एक बड़ा दावा किया है। उन्होंने कहा, यह चिप लाखों क्यूबिट्स तक स्केलेबल है और टेक सेक्टर में क्रांतिकारी बदलाव ला सकती है। अब आगे आपकोइसके बारे में विस्तार से जानते हैं और देखते हैं इससे कैसे बदलाव देखने को मिलेंगे।
यह एक खास तरह की चीज है, जो Majorana पार्टिकल को कंट्रोल कर सकता है। इसमें क्वांटम कंप्यूटर्स के लिए ज्यादा भरोसेमंद और स्केलेबल 'qubits' तैयार होते हैं।
मैजोराना-1 में ऐसा क्या है जो इसे खास बनाता है?
मैजोराना-1 माइक्रोसॉफ्ट का पहला क्वांटम प्रोसेसर है जो टॉपोकंडक्टर जैसी नई सामग्री पर आधारित है। इससे क्वांटम कंप्यूटर काफी तेज हो सकता है। पारंपरिक क्वांटम चिप्स इलेक्ट्रॉन्स पर निर्भर होती हैं, लेकिन मैजोराना 1 नई प्रकार के मेटिरियल और पार्टिक्लस का इस्तेमाल करता है। यह गलतियों की संभावना को कम कर देता है।
आईबीएम गूगल के क्वांटम चिप्स की खासियत?
आईबीएम, गूगल और इंटेल जैसी कंपनियों की क्वांटम चिप्स इलेक्ट्रॉन्स पर आधारित हैं। इन्हें तेज और सही तरीके से काम करने के लिए जटिल त्रुटि सुधार प्रणाली की जरूरत होती है। इनकी स्केलेबिलिटी (बड़े स्तर पर काम करने की क्षमता) मैजोराना-1 के मुकाबले कम है।
क्या आम लोग इसे इस्तेमाल कर पाएंगे?
अभी नहीं। यह तकनीक अभी भी अनुसंधान और विकास के चरण में है। माइक्रोसॉफ्ट ने इसे बनाने में 17 साल का समय लगाया है। माइक्रोसॉफ्ट का कहना है कि मैजोराना- 1 कुछ सालों में उपयोगी क्वांटम कंप्यूटर बना सकता है। हालांकि, एनवीडिया के सीईओ के अनुसार, इसे आम लोगों तक पहुंचने में दशकों लगेंगे। गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई ने कहा कि 'वह अगली क्रांतिकारी तकनीक हैं।
आम लोगों को मैजोराना-1 से क्या मिलेगा लाभ?
पूरी तरह विकसित होने पर असर कई क्षेत्रों में दिखेगा- दवाः नई दवाओं उपचारों की खोज सुपरफास्ट होगी। सोलर पैनलः बैटरियों, सोलर पैनलों और कार्बन कैप्चर टेक्नोलॉजी को अधिक कुशल बनाया जा सकेगा। एआई यह एआई को और ज्यादा प्रभावशाली बनाएगा।
सुरक्षाः यह साइबर सुरक्षा को और मजबूती देगा। विज्ञान और गणितः परमाणु रिसर्च और गणितीय समस्याओं को हल करने में माइक्रोसॉफ्ट की मैजोराना- 1 चिप क्रांतिकारी परिवर्तन ला सकती है।
सुरक्षा कारणों पर हुई फ्लाइट डायवर्ट, रोम में फंसे यात्रियों ने जताई चिंता
24 Feb, 2025 12:57 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
अमेरिका से दिल्ली जा रही अमेरिकन एयरलाइंस की फ्लाइट रविवार को अचानक रोम पहुंच गई, जिससे एयरपोर्ट से लेकर विमान में बैठे यात्रियों में हड़कंप मच गया। इस बीच भारतीय मूल के एक व्यक्ति ने दर्दभरा मैसेज लिखा है।
भारतीय मूल के एक व्यक्ति ने दावा किया है कि सुरक्षा संबंधी समस्या के कारण उसकी फ्लाइट का रास्ता बदल दिए जाने के कारण वह रोम में फंस गया।
रोम में फंसे यात्री ने कहा,
संघीय उड्डयन प्रशासन (एफएए) के अनुसार, कथित 'सुरक्षा समस्या' के कारण रविवार को न्यूयॉर्क से नई दिल्ली जाने वाली उड़ान को अचानक रोम की ओर मोड़ दिया गया। 'मैं बहुत तनाव में हूं।'
एक्स यूजर लकी चावला ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर कर अमेरिकन एयरलाइंस से मदद मांगी, क्योंकि उनकी फ्लाइट का रास्ता बदल दिया गया था और उनका बैग गायब हो गया था।
फ्लाइट में बम की धमकी
यात्री ने लिखा, बम की धमकी के कारण AA292 का मार्ग बदल दिए जाने से मैं रोम के एक होटल में फंस गया हूं, मेरे चेक किए गए बैग एयरपोर्ट पर हैं। क्रू और ग्राउंड स्टाफ कमाल के थे, लेकिन मैं बहुत तनाव में हूं - मुझे अपनी ट्रिप को फिर से बुक करने के लिए अपने बैग की तत्काल आवश्यकता है। कोई मदद नहीं मिल पा रही है। कृपया मदद करें।
अमेरिकन एयरलाइंस का जवाब
अमेरिकन एयरलाइंस ने उनके पोस्ट का जवाब दिया और माफी मांगते हुए उन्हें मदद का आश्वासन दिया। जवाब में लिखा था, 'हमें यह सुनकर दुख हुआ कि आप अपना बैग नहीं ले पाए। हमने FCO में अपनी टीम से संपर्क किया है, ताकि हम आपको अतिरिक्त जानकारी दे सकें।'
फ्लाइट में सवार थे 199 लोग
अमेरिकन एयरलाइंस ने बताया कि फ्लाइट 292, में199 लोग सवार थे। ऐसे में सुरक्षा को देखते हुए रोम के लियोनार्डो दा विंची अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरने के बाद फ्लाइट का निरीक्षण किया गया और उसे फिर से टेकऑफ करने की अनुमति दे दी गई। एयरलाइन ने जानकारी दी कि विमान रोम में रात भर रुकेगा ताकि पायलट दल को आवश्यक आराम मिल सके और फिर कल दिल्ली के लिए रवाना हो सके।
ओलाफ स्कोल्ज ने स्वीकार की हार, फ्रेडरिक मर्ज को मिली चांसलर बनने की बधाई
24 Feb, 2025 12:47 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
जर्मनी के आम चुनाव में रविवार को जर्मन विपक्षी नेता फ्रेडरिक मर्ज की कंजर्वेटिव पार्टी ने जीत दर्ज की। इसके साथ ही फ्रेडरिक मर्ज का जर्मनी के नए चांसलर बनने का रास्ता साफ हो गया।
जर्मनी के रूढ़िवादी नेता फ्रेडरिक मर्ज देश का नेतृत्व करने के लिए तैयार हैं, क्योंकि उनकी पार्टी क्रिश्चियन डेमोक्रेटिक यूनियन ने देश के आम चुनावों में सबसे बड़ा वोट शेयर हासिल किया है, जिसमें जर्मनी की ओलाफ स्कोल्ज की केंद्र-वाम सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी (एसपीडी) को हराया है।
किस पार्टी को मिले कितने वोट?
फ्रेडरिक मर्ज के नेतृत्व वाले ब्लॉक, जिसमें उनकी पार्टी क्रिश्चियन डेमोक्रेटिक यूनियन (सीडीयू) और क्रिश्चियन सोशल यूनियन (सीएसयू) शामिल हैं, ने 28.5 प्रतिशत वोट जीते, उसके बाद जर्मनी की दूर-दराज पार्टी अल्टरनेटिव फॉर जर्मनी (एएफडी) रही, जिसके नाम 20.7 प्रतिशत वोट हैं।
रविवार शाम को, जब उनकी पार्टी बड़ी जीत की ओर बढ़ रही थी, मर्ज ने अपने समर्थकों से कहा, 'जर्मनी एक बार फिर मजबूती से शासित होगी।'
फ्रेडरिक मर्ज कौन हैं?
11 नवंबर, 1955 को जर्मनी के ब्रिलोन शहर में जन्मे मर्ज एक ऐसे परिवार से आते हैं, उनका परिवार कानून के क्षेत्र से जुड़ा रहा है। उन्होंने 1976 में कानून की पढ़ाई शुरू की और 1972 में ही सीडीयू पार्टी से जुड़ गए थे।
उन्होंने 1981 में चार्लोट मर्ज से शादी की, जो एक साथी वकील थीं और अब एक जज हैं। साथ ही उनके तीन बच्चे हैं।
1989 में, मर्ज यूरोपीय संसद के लिए चुने गए और 1994 में, उन्होंने होचसॉएरलैंडक्रेइस निर्वाचन क्षेत्र में पूर्ण बहुमत जीतने के बाद जर्मन संघीय संसद बुंडेस्टाग में अपना रास्ता बनाया फ्रेडरिक ने सीडीयू में महत्वपूर्ण पदों पर काम किया और 2000 में पार्टी के संसदीय नेता बन गए। हालांकि, उन्होंने 2002 में यह पद एंजेला मर्केल को सौंप दिया।
2005 में एक राजनीतिक झटके के बाद, जब सीडीयू/सीएसयू ब्लॉक ने एसपीडी के साथ जर्मनी में सरकार बनाई, तो मर्ज ने खुद को दरकिनार पाया और 2009 में सक्रिय राजनीति छोड़ने का फैसला किया। इसके बाद उन्होंने कानून और वित्त में शानदार करियर बनाया।
लगभग 10 साल बाद, 2018 में मर्केल द्वारा अपनी रिटायर्ड की घोषणा के बाद उन्होंने राजनीति में वापसी की।
हालांकि, वे एनेग्रेट क्रैम्प-कर्रेनबाउर से मामूली अंतर से हार गए। 2020 में, उन्हें टॉप पद पर एक और मौका दिया गया जब क्रैम्प-कर्रेनबाउर ने कहा कि वह पार्टी पद से हट जाएंगी। हालांकि, उन्हें फिर से उत्तराधिकार के लिए नहीं माना गया क्योंकि पार्टी ने आर्मिन लाशेट पर अपना दांव खेला।
ब्रिटेन ने यूक्रेन का समर्थन कर रूस समर्थकों को यूके में प्रवेश से रोका
24 Feb, 2025 12:38 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
ब्रिटेन। रूस द्वारा यूक्रेन पर आक्रमण करने के ठीक तीन साल बाद, सोमवार को घोषित किए जाने वाले नए प्रतिबंधों के तहत, ब्रिटेन उन व्यक्तियों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाएगा जो रूस को महत्वपूर्ण सहायता प्रदान करते हैं या रूस के लिए अपनी संपत्ति का ऋणी हैं।
ब्रिटेन सरकार ने कहा कि प्रतिबंध में रूसी सरकार के उच्चतम स्तर तक पहुंच रखने वाले व्यक्तियों को भी शामिल किया जाएगा। उनमें कुछ वरिष्ठ राजनेता, सरकारी अधिकारी और व्यवसायी लोग शामिल हो सकते हैं।
व्लादिमीर पुतिन का समर्थन करने वालों की यूके में 'नो एंट्री'
इसमें कहा गया है कि नए उपाय रूसी "कुलीनों" के खिलाफ ब्रिटेन के मौजूदा प्रतिबंधों के पूरक होंगे जो रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के युद्ध प्रयासों का समर्थन कर रहे थे। ब्रिटिश सुरक्षा मंत्री डैन जार्विस ने कहा कि मॉस्को में पुतिन के दोस्तों को उनका संदेश सरल था, "यूके में आपका स्वागत नहीं है।"
उन्होंने एक बयान में कहा, "आज घोषित किए गए उपायों ने उन कुलीन वर्गों के लिए दरवाजे बंद कर दिए हैं, जिन्होंने इस अवैध और अनुचित युद्ध को बढ़ावा देते हुए रूसी लोगों की कीमत पर खुद को समृद्ध किया है।"
ब्रिटिश पीएम और ट्रंप की होगी मुलाकात
ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ यूक्रेन में युद्ध पर चर्चा करने के लिए गुरुवार को वाशिंगटन जाएंगे। वह फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन के नक्शेकदम पर चलेंगे, जो सोमवार को व्हाइट हाउस का दौरा करेंगे।
उम्मीद है कि दोनों यूरोपीय नेता ट्रंप को किसी भी कीमत पर पुतिन के साथ युद्धविराम समझौते में जल्दबाजी न करने के लिए मनाने की कोशिश करेंगे। संभावना है कि वे उनसे यूरोप को इस प्रक्रिया में शामिल रखने के लिए कहेंगे और यूक्रेन को सैन्य गारंटी पर चर्चा करेंगे।
क्या साजिश का शिकार हुए अंतरिक्ष में फंसे विलियम्स और विल्मोर !
23 Feb, 2025 11:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
वॉशिंगटन। स्पेसएक्स के सीईओ एलन मस्क, जिन्हें ट्रंप ने सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर को अंतरिक्ष से वापस लाने का काम सौंपा है। इस मामले को लेकर डेनिश अंतरिक्ष यात्री एंड्रियास ‘एंडी’ मोगेन्सन के साथ ‘एक्स’ पर बहस हो गई। मोगेन्सन जो अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के पूर्व कमांडर हैं उन्होंने मस्क को यह दावा करने के लिए आड़े हाथों लिया कि विलियम्स और विल्मोर को पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने अंतरिक्ष में छोड़ दिया था।
मोगेन्सन ने मस्क और ट्रंप द्वारा दिए गए बयान के क्लिप ‘एक्स’ पर शेयर किए, जिसमें स्पेसएक्स के सीईओ मस्क ने आरोप लगाया कि विलियम्स और विल्मोर करीब 300 दिनों से आईएसएस पर हैं को जो बाइडन ने राजनीतिक कारणों से छोड़ दिया। मस्क ने पूर्व आईएसएस कमांडर को “बेवकूफ” कहकर जवाब दिया। उन्होंने कहा कि आप पूरी तरह से मूर्ख हैं। स्पेसएक्स उन्हें कई महीने पहले वापस ला सकता था। मैंने सीधे बाइडन प्रशासन को यह प्रस्ताव दिया था लेकिन उन्होंने मना कर दिया।
मोगेन्सन ने 2023 के मिशन के दौरान स्पेसएक्स क्रू ड्रैगन कैप्सूल में सवार होकर दो बार आईएसएस की यात्रा की थी। मोगेन्सन ने एक्स पर लिखा एलन, मैं लंबे समय से आपकी और आपके द्वारा की गई उपलब्धियों की प्रशंसा करता रहा हूं। खासकर स्पेसएक्स और टेस्ला में। आप भी मेरी तरह जानते हैं कि बुच और सुनी क्रू-9 के साथ वापस आ रहे हैं, जैसा कि पिछले सितंबर से योजना बनाई गई थी। अब भी, आप उन्हें घर वापस लाने के लिए बचाव जहाज नहीं भेज रहे हैं। वे ड्रैगन कैप्सूल पर वापस आ रहे हैं जो पिछले सितंबर से आईएसएस पर है। एक साक्षात्कार में ट्रंप ने मस्क से पूछा था कि टेक अरबपति अंतरिक्ष यात्रियों को कब वापस लाएंगे। इस पर स्पेसएक्स के सीईओ ने जवाब दिया था मुझे लगता है कि उन्हें वापस लाने में करीब चार सप्ताह लगेंगे। ट्रंप ने जो बाइडन पर भी निशाना साधा और आरोप लगाया कि उनके पूर्ववर्ती उन्हें अंतरिक्ष में छोड़ने जा रहे थे क्योंकि वह “प्रचार नहीं चाहते थे।
यह पहली बार नहीं है जब ट्रंप ने बाइडन पर दो अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में छोड़ने का आरोप लगाया है। पिछले महीने इसी तरह का दावा करने के बाद ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर कहा कि उन्होंने स्पेसएक्स को उन्हें जितनी जल्दी हो सके घर वापस लाने का काम सौंपा है। उन्होंने लिखा था कि यह भयानक है कि बाइडन प्रशासन ने उन्हें इतने लंबे समय तक वहां छोड़ दिया।
पाकिस्तान ने जेल में बंद 22 मछुआरों को किया रिहा, जल्द भारत आएंगे
23 Feb, 2025 10:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
करांची। पाकिस्तानी ने करांची की जेल में बंद 22 भारतीय मछुआरों को रिहा कर दिया है और उन्हें शनिवार को भारत को सौंपे सकता है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक मलीर जेल के अधीक्षक के हवाले से बताया कि मछुआरों को उनकी सजा पूरी होने के बाद शुक्रवार को जेल से रिहा कर दिया गया था। मछुआरों के लिए लाहौर तक परिवहन की व्यवस्था की गई, जहां से वे भारत जा सकेंगे। उन्होंने लंबी अवधि तक जेल में रहने के दौरान मछुआरों के परिवारों की पीड़ा को उजागर किया और सजा पूरी होने के बाद उनकी तत्काल रिहाई और भारत वापसी का आह्वान किया।
पाकिस्तानी अधिकारी भारतीय मछुआरों को वाघा सीमा पर पहुंचाते हैं, जहां भारतीय अधिकारी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद उनकी वापसी की व्यवस्था करते हैं। दोनों देशों के मछुआरे मछली पकड़ते हुए समुद्री सीमाओं को पार कर एक-दूसरे के जलक्षेत्र में चले जाते हैं जहां से उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाता है। दोनों देशों के बीच एक जनवरी को आदान-प्रदान की गई कैदियों की सूची के मुताबिक पाकिस्तान में 266 भारतीय कैदी हैं जिनमें 217 मछुआरे हैं। भारत द्वारा साझा की गई सूची में भारतीय जेलों में कुल 462 पाकिस्तानी कैदी हैं जिनमें 81 मछुआरे हैं।
ट्रंप के दूत ने की जेलेंस्की की तारीफ, कहा- वह युद्ध के बीच हैं साहसी नेता
23 Feb, 2025 09:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
कीव। यूक्रेन और रूस के बीच जारी युद्ध को लेकर अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दूत ने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की की सराहना की है। उन्होंने कहा कि जेलेंस्की युद्ध के बीच एक साहसी नेता के रूप में उभरकर सामने आए हैं।
ट्रंप के दूत जनरल कीथ केलॉग हाल ही में कीव पहुंचे, जहां उन्होंने जेलेंस्की के साथ रूस के साथ तीन वर्षों से जारी युद्ध पर व्यापक चर्चा की। इसके बाद, उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा, यूक्रेन के शीर्ष नेतृत्व के साथ लंबी बातचीत हुई। युद्ध के बीच जेलेंस्की एक साहसी नेता के रूप में उभरकर आए हैं।
जनरल केलॉग की यह टिप्पणी हाल ही में डोनाल्ड ट्रंप और अन्य वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारियों द्वारा जेलेंस्की की आलोचना के विपरीत मानी जा रही है। ट्रंप ने हाल ही में जेलेंस्की को तानाशाह कहकर संबोधित किया था और जोर दिया था कि उन्हें युद्ध को समाप्त करने के लिए वार्ता की दिशा में बढ़ना चाहिए।
इस बीच, अमेरिका द्वारा यूक्रेन को दी जाने वाली सैन्य सहायता को लेकर अनिश्चितता बढ़ने के कारण कीव में तनाव बना हुआ है। वरिष्ठ अमेरिकी और रूसी अधिकारियों के बीच वार्ता में यूक्रेन को दरकिनार किए जाने से यूरोपीय सरकारें असहज महसूस कर रही हैं। इस स्थिति में वे जेलेंस्की को समर्थन देने के लिए आगे आ रही हैं और साथ ही ट्रांसअटलांटिक संबंधों में किसी भी संभावित दरार को रोकने का प्रयास कर रही हैं।
यूक्रेन-रूस युद्ध के इस जटिल माहौल में अंतरराष्ट्रीय समुदाय की निगाहें अब इस पर टिकी हैं कि आगे की रणनीति क्या होगी और वैश्विक शक्ति संतुलन पर इसका क्या प्रभाव पड़ेगा।
इजराइली फोर्स का दावा 2 बंधक बच्चों को हमास ने गला दबाकर बेरहमी से हत्या की
23 Feb, 2025 08:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
गाजा । इजराइली फोर्स ने दावा किया कि हमास ने 2 बंधक बच्चों एरियल और केफिर बिबास की गला दबाकर बेरहमी से हत्या की। इसके बाद हमास ने अपनी क्रूरता छिपाने के लिए कहा कि ये बच्चे हवाई हमले में मारे गए। इजराली डिफेंस फोर्स (आईडीएफ) ने फोरेंसिक रिपोर्ट के हवाले से इसका दावा किया। केफिर 9 महीने और एरियल बिबास 4 साल का था, जब उन्हें बंधक बनाया गया। आईडीएफ ने आरोप लगाया कि हमास ने इन दोनों भाइयों की हत्या छिपाने की कोशिश की।
हमास ने 7 अक्टूबर को यार्डेन बिबास, पत्नी शिरी और उनके दोनों बेटों को किडनैप किया था। 20 फरवरी को मां शिरी बिबास और उनके दोनों बच्चों के शव इजराइल को सौंपे थे। बच्चों के पिता इसी महीने 1 फरवरी को हमास की कैद से आजाद हुए थे।
हमास ने नवंबर 2023 में दावा किया था कि शिरी और उनके दोनों बच्चों की इजराइली बमबारी में मौत हो चुकी है। हालांकि, इजराइल ने कभी भी हमास के इस दावे को नहीं माना। इजराइल ने यही कहा कि हमास ने ही बिबास का परिवार को बंधक बना रखा है।
वुहान लैब में फिर मिला खतरनाक वायरस, बढ़ा महामारी का डर
22 Feb, 2025 05:10 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
दुनिया में एक बार फिर तबाही मच सकती है. चीन में कोरोना की तरह एक और नया वायरस मिला है. इसके जानवर से इंसान में फैलने का खतरा है. यह नया वायरस चीन के वुहान लैब में मिला है. कोरोना ने जो तबाही मचाई थी, उसे भला कौन भूल सकता है. इस वायरस के मिलने से वहां एक बार फिर से हड़कंप मच गया है और लोगों को फिर वही डर सताने लगा है. रिपोर्ट के मुताबिक, चीन के वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी के रिसर्चर्स ने इस नए वायरस की खोज की है. यह वायरस मानव स्वास्थ्य के लिए एक नए खतरे का संकेत है.
रिपोर्ट के मुताबिक, यह वायरस उन्हीं रिसेप्टर के जरिए सेल यानी कोशिकाओं में एंट्री करता है, जैसे कोरोना वायरस करता है. यह वायरस मनुष्यों और अन्य स्तनधारियों के शरीर में पाए जाने वाले प्रोटीन से जुड़कर कोशिकाओं को संक्रमित करता है. इस नए वायरस को मिडिल ईस्ट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम यानी MERS नाम से भी जाना जाता है.
2600 लोगों में MERS वायरस की पुष्टि
रिपोर्ट के मुताबिक, 2012 से मई 2024 तक लगभग 2600 लोगों में MERS वायरस की पुष्टि की गई है. इस वायरस ने जिन लोगों को संक्रमित किया, उन में से 36 फीसदी लोगों की मौत हो गई. विश्व स्वास्थ्य संगठन की वेबसाइट के मुताबिक, इसके अधिकतर मामले सऊदी अरब में पाए गए हैं. वुहान वायरस रिसर्च सेंटर चमगादड़ों में पाए जाने वाले कोरोना वायरस पर अपने काम के लिए जाना जाता है.
कोरोना ने पूरी दुनिया में बरपाया था कहर
ऐसा कहा जाता है कि कोरोना वायरस भी चीन के वुहान लैब से ही लीक हुआ था. इसके बाद इसने पूरी दुनिया में तबाही मचाई. कोरोना की वजह से लाखों लोगों की जान चली गई. चीन के वुहान लैब में बने कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया में कहर बरपाया था.
दुनियाभर में 1.5 करोड़ से ज्यादा लोगों की मौत
कोरोना वायरस से दुनियाभर में 1.5 करोड़ से ज्यादा लोगों की मौत हुई. ज्यादातर मौतें दक्षिण पूर्व एशिया, यूरोप और अमेरिका में हुईं. डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के अनुसार भारत में कोविड से 47 लाख मौतें हुईं. मगर भारत ने WHO के इस आंकड़े पर एतराज जताया था. भारत सरकार का कहना है कि जनवरी 2020 से दिसंबर 2021 तक देश में सिर्फ 4 लाख 80 हजार मौतें ही हुई हैं.
बड़ी खबर: इजरायल और हमास के बीच 6 बंधकों और 600 फिलिस्तीनी कैदियों की रिहाई पर समझौता
22 Feb, 2025 04:26 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
Israel-Hamas Ceasefire: हमास शनिवार (22 फरवरी) को इजरायल के छह और बंधकों को रिहा करेगा. इसके बदले में इजरायल 600 फिलिस्तीनी कैदियों की रिहाई करेगा. इजरायल यह कदम एक गलत पहचान वाले शव की वापसी से उत्पन्न विवाद के बावजूद उठा रहा है, जिसने संघर्ष विराम को पटरी से उतारने की धमकी दी थी.
हमास के अधिकारियों के अनुसार, सीजफायर समझौते के पहले चरण में 33 बंधकों की रिहाई की योजना बनाई गई थी, जिनमें से अंतिम छह बंधक शनिवार को सौंपे जाने की उम्मीद है. इन बंधकों में एलिया कोहेन, ताल शोहम, ओमर शेम तोव, ओमर वेनकर्ट शामिल हैं, जिन्हें 7 अक्टूबर, 2023 के हमले के दौरान हमास के बंदूकधारियों ने पकड़ा था. अन्य दो बंधक हिशाम अल-सईद और अवेरा मेंगिस्टु, जिन्हें एक दशक पहले गाजा में अज्ञात परिस्थितियों में पकड़ लिया गया था.
फिलिस्तीनी कैदियों की रिहाई
इसके बदले, इजरायल की ओर से 602 फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा करने की उम्मीद है. यह लेन-देन की प्रक्रिया कई जटिलताओं के बावजूद जारी है. गुरुवार को इजरायल ने हमास पर संघर्ष विराम का उल्लंघन करने का आरोप लगाया, जब एक अज्ञात शव सौंपा गया, जिसे बंधक शिरी बिबास के अवशेषों के रूप में लौटाया जाना था.
शवों की गलत पहचान का विवाद
हमास ने यह दावा किया कि शिरी बिबास के अवशेष इजरायली हवाई हमले के मलबे में मिले अन्य मानव अवशेषों के साथ मिल गए थे. हमास ने शुक्रवार को एक और शव सौंपा, जिसकी पहचान की पुष्टि के लिए इजरायली फोरेंसिक अधिकारी जांच करने की तैयारी कर रहे थे. बिबास परिवार 7 अक्टूबर के हमले के बाद अपहरण कर लिया गया था और उनके अवशेषों की गलत पहचान ने इजरायली जनता में आक्रोश उत्पन्न किया है.
हमास और इजरायल के आरोप
इजरायली प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने हमास पर शव लौटाने में विफल रहने के लिए पूरी कीमत चुकाने की धमकी दी थी, लेकिन वह संघर्ष विराम से पीछे हटने से बच गए. वहीं, हमास ने भी इजरायल पर गाजा में आवश्यक सहायता आपूर्ति को अवरुद्ध करने का आरोप लगाया, जिससे संघर्ष विराम का उल्लंघन हुआ.
गाजा में भविष्य की अनिश्चितता
हमास ने संघर्ष के दौरान इजरायल पर हमला कर 1,200 से अधिक लोगों की हत्या की और 251 बंधकों को ले लिया. इज़रायली अभियान के दौरान, फिलिस्तीनी स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, 48,000 से अधिक लोग मारे गए और अधिकांश क्षेत्र मलबे में तब्दील हो गया, जिससे सैकड़ों हज़ार लोग अस्थायी आश्रयों में रहने को मजबूर हो गए.
गाजा का भविष्य और ट्रंप का प्रस्ताव
गाजा के भविष्य को लेकर असहमति और भी बढ़ गई है, खासकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस प्रस्ताव के बाद जिसमें उन्होंने गाजा को अमेरिकी नियंत्रण में एक रिसॉर्ट में बदलने की योजना पेश की थी. इस प्रस्ताव ने पूरे क्षेत्र में आक्रोश और असहमति को जन्म दिया है, जिससे संघर्ष विराम के दीर्घकालिक स्थायित्व पर संदेह बना हुआ है.
ब्राजील के सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, 'रंबल' पर राष्ट्रव्यापी रोक
22 Feb, 2025 03:39 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
ब्राजील के सर्वोच्च न्यायालय ने माइक्रो-ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म 'एक्स' (पुराना नाम ट्विटर) के बाद अब वीडियो-शेयरिंग प्लेटफॉर्म 'रंबल' पर कार्रवाई की है। 'रंबल' पर राष्ट्रव्यापी रोक लगा दी गई है। सुप्रीम कोर्ट के जज ने शुक्रवार को दक्षिण अमेरिकी राष्ट्र में वीडियो-शेयरिंग प्लेटफॉर्म रंबल को निलंबित करने का आदेश दिया। फैसला अदालत के आदेशों का पालन नहीं करने को लेकर सुनाया गया।
'रंबल ने बार-बार और जानबूझकर आदेश का पालन नहीं किया'
जस्टिस एलेक्जेंडर डी मोरेस ने गुरुवार को रंबल को ब्राजील में एक कानूनी प्रतिनिधि का नाम बताने के लिए 48 घंटे का समय दिया था, लेकिन उन्हें कोई जवाब नहीं मिला है। जज ने कहा कि रंबल ने बार-बार और जानबूझकर आदेश का पालन नहीं किया है। उसने ब्राजील के कानूनी आदेश और न्यायपालिका के अधीन नहीं होने की कोशिश की है।
कोर्ट ने रंबल पर उठाए सवाल
उन्होंने कहा कि रंबल ने जिन फैसलों को नजरअंदाज किया है, उनमें से एक है ब्राजील के कानून के भगोड़े एलन डॉस सैंटोस का अकाउंट हटाना। वह 2020 से संयुक्त राज्य अमेरिका में रह रहा है और पूर्व राष्ट्रपति जेयर बोल्सोनारो का कट्टर समर्थक है। डी मोरेस ने अपने फैसले में कहा कि ब्राजील के क्षेत्र में रंबल इंक के प्रतिनिधित्व की नियमितता का कोई सबूत नहीं है।
रंबल ने भी बयान जारी किया
इस बीच रंबल ने एक बयान में कहा कि उसे ब्राजील में अभूतपूर्व सेंसरशिप का सामना करना पड़ रहा है। डी मोरेस की ओर से सुनाया गया निलंबन का फैसला संयुक्त राष्ट्र अमेरिका में रहने वाले राजनीतिक असंतुष्टों को सेंसर करने से हमारे इनकार के जवाब में आई है। कंपनी ने कहा कि वह कार्रवाई से लड़ने के लिए सभी कानूनी रास्ते तलाश रही है।
'एक्स' पर भी की थी कार्रवाई
डी मोरेस वही न्यायाधीश हैं, जिन्होंने बीते अगस्त में दुनिया के सबसे अमीर शख्सों में शामिल एलन मस्क के 'एक्स' प्लेटफॉर्म पर इसी तरह के कारणों से प्रतिबंध लगाया था। न्यायाधीश ने यह भी फैसला सुनाया कि 'एक्स' तब तक निलंबित रहेगा] जब तक कि वह उनके आदेशों का पालन नहीं करता। उन्होंने वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क या VPN का उपयोग करके इसे एक्सेस करने वाले लोगों या कंपनियों के लिए प्रतिदिन 50,000 रीसिस ($8,900) का जुर्माना भी निर्धारित किया था।
मस्क के बेटे की शरारत से ट्रंप असहज, बदला गया ऑफिस का डेस्क
22 Feb, 2025 02:55 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड के पदभार ग्रहण करने के बाद दुनिया के सबसे अमीर लोगों में से एक और टेस्ला के मालिक एलन मस्क, अपने बेटे के साथ ट्रंप से मिलने के लिए उनके ऑफिस पहुंचे थे। इस दौरान एलन मस्क के बेटे की कुछ तस्वीरें सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुई थी।
इस मुलाकात के दौरान जब डोनाल्ड ट्रंप अपनी चेयर पर बैठे थे, तो वहां पास में खड़ा एलन मस्क का बेटा खुद में ही मग्न था। ट्रंप और एलन मस्क की मुलाकात में सबसे ज्यादा चर्चा एलन मस्क का बेटा X Æ A-Xii ही रहा। मस्क के बेटे का नाम काफी दिलचस्प है।
मस्क के बेटे ने डेस्क से पोंछी नाक
ट्रंप के साथ इस मुलाकात का जो वीडियो सामने आया है, उसमें एलन मस्क का बेटा अजीब आवाजें निकालता और नाक खुजलााते हुए नजर आ रहा है। वीडियो में एक जगह देखा जा सकता है कि, मस्क का बेटा नाक में उंगली कर रहा है और 145 साल पुरानी रेजोल्यूट डेस्क के पास में ही खड़ा है।
अब ट्रंप ने इस डेस्क को C&O डेस्क से बदल दिया है। हालांकि ट्रंप ने इसे अस्थायी बदलाव कहा है। अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म ट्रुथ सोशल पर नए डेस्क के साथ ओवल ऑफिस की एक तस्वीर भी उन्होंने साझा की है। हालांकि अभी ये साफ नहीं है कि, एलन मस्क के बेटे की वजह से डेस्क गया है या नहीं।
सोशल मीडिया पर दी गई जानकारी
सोशल मीडिया पर फोटो पोस्ट कर कैप्शन में लिखा है, "चुनाव के बाद राष्ट्रपति को 7 डेस्क में से एक को चुनने का विकल्फ दिया जाता है। यह डेस्क C&O काफी मशहूर भी है और इसका इस्तेमाल राष्ट्रपति जॉर्ज एच. डब्ल्यू. बुश और अन्य लोगों के लिए व्हाइट हाउस में अस्थायी रूप से रखा गया है। रेजोल्यूट डेस्क को मरम्मत की जरूरत है और वो बेहद जरूरी काम है। इसलिए इसे एक सुंदर टेबल से रिप्लेस किया गया है"।
हालांकि, जब से इस बदली हुई डेस्क की खबर सामने आई है, तब से ये कहा जा रहा है कि मस्क के बेटे ने नाक में उंगली डालने के बाद डेस्क से पोंछी थी। शायद इसलिए इसे बदला गया है।
काश पटेल बने FBI के नौवें डायरेक्टर, शपथ ग्रहण में बगल में खड़ी थी उनकी गर्लफ्रेंड
22 Feb, 2025 01:05 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
डोनाल्ड ट्रंप के भारतवंशी दोस्त कश्यप प्रमोद विनोद, काश पटेल ने शुक्रवार को अमेरिका की सबसे बड़ी जांच एजेंसी फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (FBI) के डायरेक्टर की शपथ ले ली हैं. काश पटेल ने भगवत गीता पर हाथ रख कर शपथ ली. वह एजेंसी को लीड करने वाले नौवें व्यक्ति बने हैं. शपथ ग्रहण समारोह के मौके पर काश पटेल के बगल में खड़ी एक महिला भी नजर आईं, जिनको देखने के बाद सब के जहन में आया होगा कि यह कौन हैं? दरअसल, यह काश पटेल की गर्लफ्रेंड एलेक्सिस विल्किंस हैं. काश पटेल का जन्म 1980 में न्यूयॉर्क में एक गुजराती परिवार में हुआ था. शपथ ग्रहण समारोह के दौरान FBI के नए डायरेक्टर, काश पटेल ने कहा, मैं अमेरिकी सपने को जी रहा हूं और जो कोई भी सोचता है कि अमेरिका का सपना मर गया है, वो यहां देखे. शपथ ग्रहण के मौके पर काश पटेल की गर्लफ्रेंड और उनका परिवार भी मौजूद रहा.
बगल में खड़ी रहीं विल्किंस
जिस दिन काश पटेल के नाम पर FBI का डायरेक्टर बनने के लिए मुहर लगी उस दिन भी उनकी गर्लफ्रेंड उनके साथ मौजूद थीं. वहीं शपथग्रहण समारोह में भी गर्लफ्रेंड एलेक्सिस विल्किंस दिखाई दीं. शपथग्रहण समारोह पर विल्किंस सफेद ड्रेस में दिखाई दीं और शपथ लेने के समय वो काश पटेल के साइड में खड़ी थीं. साथ ही उनके चेहरे पर काश पटेल के लिए गर्व साफ दिखाई दे रहा था. उन्होंने अपने एक्स अकाउंट पर भी इस लम्हे की वीडियो शेयर की.
कौन हैं गर्लफ्रेंड एलेक्सिस विल्किंस?
एलेक्सिस विल्किंस एक फेमस कंट्री सिंगर, लेखक और कमेंटेटर हैं. साथ ही वो रिपब्लिकन प्रतिनिधि अब्राहम हमादे के लिए प्रेस सचिव के रूप में भी काम करती हैं. वो ‘प्रेगेरू’ जोकि अमेरिकी मूल्यों को बढ़ावा देने वाला एक प्लेटफॉर्म है. वो उस में भी अहम रोल निभाती हैं. विल्किंस अमेरिका के अरकंसास में पली बढ़ी. उन्होंने अपनी जिंदगी का शुरुआती समय इंग्लैंड और स्विट्जरलैंड में बिताया. अपने सिंगिग करियर में, विल्किंस को सारा इवांस और गॉड ब्लेस द यूएसए के ली ग्रीनवुड के लिए अपने शुरुआती एक्ट के लिए भी जाना जाता है. कैपिटल हिल पर रिपब्लिकन प्रतिनिधि और कंजरवेटिव पॉलिटीकल सर्किट में योगदान के लिए भी जानी जाती हैं. एलेक्सिस विल्किंस सोशल मीडिया प्लेटफार्म रंबल पर ‘बिटवीन द हेडलाइंस’ नाम का एक पॉडकास्ट भी होस्ट करती हैं.
काश पटेल और विल्किंस की लव स्टोरी
जिस कपल को इस समय हम एक साथ एक दूसरी की कामयाबी में गर्व करते देख रहे हैं. उनके रिश्ते की शुरुआत 2023 से हुई. रिपोर्ट के मुताबिक, काश पटेल और विल्किंस की मुलाकात साल 2022 में पहली बार हुई थी. इस मुलाकात के बाद दोनों के ऊपर ही धीरे-धीरे प्यार का रंग चढ़ता चला गया. कथित तौर पर पहली बार दोनों अक्टूबर 2022 में एक कंजरवेटिव रीअवेक अमेरिकन इवेंट में मिले थे. इसी के बाद दोनों ने साल 2023 में एक दूसरे को डेट करना शुरू कर दिया था. पटेल और विल्किंस के रिश्ते को अब दो साल से ज्यादा समय हो गया है.
अफगानिस्तान में 15 मिनट के अंतराल पर महसूस हुए दो भूकंप के झटके, लोग घर छोड़कर भागे
22 Feb, 2025 12:27 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
Earthquakes: अफगानिस्तान में शनिवार तड़के 15 मिनट के अंतराल पर 4.2 और 4.5 तीव्रता के दो भूकंप झटके महसूस किए गए। भूकंप के झटकों से घबराकर लोग घर छोड़कर भाग निकले। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (NCS) के अनुसार, पहला भूकंप भारतीय मानक समय (IST) सुबह 4:20 बजे आया। यह अक्षांश 36.21 N और देशांतर 71.22 E पर दर्ज किया गया। भूकंप 100 किलोमीटर की गहराई पर आया। 'X' पर एक पोस्ट में, NCS ने कहा, "एम का ईक्यू: 4.5, पर: 22/02/2025 04:20:01 IST, अक्षांश: 36.21 एन, लंबाई: 71.22 ई, गहराई: 100 किमी, स्थान: अफगानिस्तान।”
रिक्टर स्केल पर 4.2 तीव्रता
वहीं ठीक 15 मिनट पर दूसरा भूकंप आया। NCS के मुताबिक, भूकंप रिक्टर पैमाने पर 4.2 तीव्रता पर दर्ज किया गया। यह सुबह शनिवार की सुबह 4:33 बजे (IST) आया और 150 किलोमीटर की गहराई पर 36.44 उत्तर और 70.90 ई अक्षांश पर दर्ज किया गया। NCS ने 'X' पर अपना विवरण भी साझा किया। जिसमें लिखा गया, "एम का ईक्यू: 4.2, दिनांक: 22/02/2025 04:33:34 IST, अक्षांश: 36.44 उत्तर, लंबाई: 70.90 पूर्व, गहराई: 150 किमी, स्थान: अफगानिस्तान।"
मंगलवार को भी आया था भूकंप
इससे पहले मंगलवार तड़के अफगानिस्तान में रिक्टर स्केल पर 4.3 तीव्रता का भूकंप आया था। संयुक्त राष्ट्र कार्यालय के अनुसार, अफगानिस्तान मौसमी बाढ़, भूस्खलन और भूकंप सहित प्राकृतिक आपदाओं के प्रति अत्यधिक संवेदनशील बना हुआ है। यूएनओसीएचए ने कहा कि अफगानिस्तान में बार-बार आने वाले भूकंप से कमजोर समुदायों को नुकसान होता है। जो पहले से ही दशकों के संघर्ष और अल्प-विकास से जूझ रहे हैं और एक साथ कई झटकों से निपटने के लिए उनकी ताकत अब कम रह गया है। अफगानिस्तान में शक्तिशाली भूकंपों का इतिहास रहा है और हिंदू कुश पर्वत श्रृंखला एक भूगर्भिक रूप से सक्रिय क्षेत्र है जहां हर साल भूकंप आते हैं। अफगानिस्तान भारतीय और यूरेशियन टेक्टोनिक प्लेटों के बीच कई फ़ॉल्ट लाइनों पर स्थित है, जिनमें से एक फ़ॉल्ट लाइन सीधे हेरात से भी होकर गुजरती है।
ब्राजील के शीर्ष न्यायालय का फैसला, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर 1.4 मिलियन डॉलर का जुर्माना
21 Feb, 2025 05:11 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
ब्राजील के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश, एलेक्जेंडर डी मोरेस ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पहले ट्विटर) के लिए बुधवार को एक अहम आदेश जारी किया। इसके तहत उन्होंने एक्स को 8.1 मिलियन ब्राज़ीलियाई रीसिस (करीब 1.4 मिलियन अमेरिकी डॉलर) का जुर्माना भरने का आदेश दिया। यह जुर्माना तब लगाया गया जब एक्स ने अदालत के आदेश के बावजूद एलन डॉस सैंटोस के प्रोफ़ाइल से संबंधित पंजीकरण डेटा देने से इनकार कर दिया।
एक्स ने डाटा से किया था इनकार
बता दें कि डी मोरेस ने जुलाई 2024 में आदेश दिया था कि एक्स और मेटा को सैंटोस के एकाउंट को ब्लॉक करने, उसे प्रतिबंधित करने और उसका डेटा प्रदान करने के लिए कार्रवाई करनी चाहिए। एक्स ने इस आदेश का पालन करते हुए एकाउंट तो ब्लॉक किया, लेकिन यह दावा किया कि उसके पास डेटा नहीं है क्योंकि यह डेटा एकत्र नहीं किया गया था और उपयोगकर्ता का ब्राजील से कोई तकनीकी संबंध नहीं था।
हालांकि, न्यायाधीश ने इस तर्क को खारिज कर दिया। इसके बाद, एक्स को डेटा देने में नाकाम रहने पर अगस्त 2024 में 100,000 ब्राज़ीलियन रीसिस (करीब 17,500 अमेरिकी डॉलर) का दैनिक जुर्माना लगाया गया। अक्टूबर तक यह जुर्माना बढ़कर 8.1 मिलियन रीसिस हो गया।
एक्स ने जुर्माने के खिलाफ की थी अपील
एक्स ने इस जुर्माने के खिलाफ अपील की थी, लेकिन बाद में उसने अदालत को सूचित किया कि वह जुर्माना भरने को तैयार है। अदालत ने बुधवार के फैसले में कंपनी को तुरंत पूरी राशि का भुगतान करने का आदेश दिया। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि एक्स ने न्यायालय के अनुरोध के अनुसार पंजीकरण डेटा प्रदान किया या नहीं।
वहीं पिछले वर्ष, डी मोरेस ने एक्स के खिलाफ एक और कदम उठाया था जब कंपनी ने ब्राज़ील में अपने सारे कर्मचारियों को निकालने की योजना बनाई थी। तब उन्होंने देश में एक्स के कानूनी प्रतिनिधि को गिरफ़्तारी की धमकी दी थी। ब्राज़ील के कानून के अनुसार, विदेशी कंपनियों को देश में एक स्थानीय कानूनी प्रतिनिधि नियुक्त करना पड़ता है, ताकि वे अदालत के फैसले प्राप्त कर सकें और त्वरित कार्रवाई कर सकें, जैसे कि खाते हटाना।
मस्क और न्यायाधीश डी मोरेस के बीच विवाद
गौरतलब है कि सोशल मीडिया के मालिक एलन मस्क और पूर्व राष्ट्रपति बोल्सोनारो के आलोचक, न्यायाधीश डी मोरेस के बीच अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, दक्षिणपंथी विचारधारा वाले खातों और गलत सूचना को लेकर काफी विवाद हो चुका है। मस्क ने डी मोरेस को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का दुश्मन और अपराधी कहा था। बावजूद इसके, डी मोरेस के फैसलों को उनके साथियों ने बार-बार बरकरार रखा है, जिनमें एक्स के राष्ट्रव्यापी बंद और जुर्माने के आदेश भी शामिल हैं।