तोते का MRI, डॉक्टरों को लगा झटका! रिपोर्ट में सामने आई ऐसी बीमारी कि देखकर सब रह गए दंग

महाराष्ट्र के मुंबई में एक तोते का MRI (Magnetic Resonance Imaging)टेस्ट किया गया. इस टेस्ट के जरिए डॉक्टरों ने तोते को न्यूरोलॉजिकल बीमारी होने का पता लगाया. उसका एक्यूपंक्चर से इलाज किया जा रहा है. ये मामला मुंबई के चेंबूर से सामने आया है, जहां एक बीमार तोता कार वॉशर के नीचे गिर गया. कार के ड्राइवर ने जब इसे देखा तो वह तुरंत तोते को इलाज के लिए पशु चिकित्सक के पास ले गया.
जब तोते को अस्पताल ले जाया गया और इलाज शुरू किया गया तो चिकित्सकों ने पुष्टि की कि उसे अटैक्सिया है और यह एक न्यूरोलॉजिकल समस्या है. दरअसल, कार वॉशर के नीचे गिरा तोता पूरी तरह हिलता-डुलता नजर आ रहा था. कार ड्राइवर ने बताया कि गर्दन टेढ़ी होने की वजह से वह पानी भी नहीं पी पा रहा था और खाना भी नहीं खा पा रहा था. इसलिए उसे तुरंत पशु चिकित्सकों को दिखाया गया, जहां डॉक्टर दीपा कत्याल ने तोते का इलाज किया.
इंसानों की मशीन से तोते का MRI
तोते के ईकेजी समेत तमाम तरह के टेस्ट किए गए. इन टेस्ट के आधार पर पता लगा कि तोते के शरीर में कंपन अटैक्सिया की ओर इशारा कर रहा है,जो न्यूरोलॉजिकल समस्या हो सकती है. इसके बाद तोते की बीमारी के बारे में और ज्यादा गहराई से पता लगाने के लिए उसका एमआरआई टेस्ट किया गया. तोते के दिमाग और रीढ़ की हड्डी को स्कैन किया गया. तोते का टेस्ट भी उसी मशीन से किया गया, जिसका इस्तेमाल इंसानों का टेस्ट करने के लिए किया जाता है. तोते को एमआरआई मशीन में ले जाने से पहले उसे बेहोश कर दिया गया था.
तोते को हर दिन दी जा रही ‘फोटोथेरेपी’
स्कैन में घायल तोते की मांसपेशियों और नसों के बीच समन्वय की कमी पाई गई, तोते की टेलबोन भी चोटिल थी. यह भी पाया गया कि रीढ़ की हड्डी में जहां नसें चोटिल थीं, वहां सूजन थी. तोते का तुरंत इलाज शुरू किया गया. दर्द कम करने के लिए उसे दवाई दी गईं और फोटोथेरेपी और एक्यूपंक्चर दिया गया. डॉक्टर कत्याल ने कहा कि एक्यूपंक्चर नसों को मजबूत करने में मदद करता है. तोते को हर दिन ‘फोटोथेरेपी’ भी दी जा रही है. यह दर्द को कम करने का एक मॉडर्न मेथड है. यह ब्लड फ्लो को बेहतर बनाता है. सूजन को कम करता है. डॉक्टरों ने बताया कि यह घाव को जल्दी कम करने और नई सेल्स को बनाने में मदद करता है.