अडानी ग्रुप का मेगा प्लान: एयरपोर्ट विस्तार के लिए विदेशी बैंकों से ₹6400 करोड़ का लोन लेने की तैयारी!

देश के सबसे बड़े कारोबारी घरानों में से एक, गौतम अडानी के नेतृत्व वाला अडानी ग्रुप, अपने एयरपोर्ट व्यवसाय के विस्तार के लिए एक महत्वपूर्ण वित्तीय कदम उठाने जा रहा है। सूत्रों के अनुसार, अडानी एयरपोर्ट होल्डिंग्स लिमिटेड (AAHL) अंतरराष्ट्रीय बैंकों से लगभग 750 मिलियन डॉलर (भारतीय मुद्रा में लगभग ₹6,250 करोड़ से ₹6,400 करोड़) का ऑफशोर लोन लेने की बातचीत कर रहा है। यह रकम भारत में किसी एयरपोर्ट ग्रुप द्वारा लिया जाने वाला अब तक का सबसे बड़ा कर्ज हो सकता है, जो समूह की महत्वाकांक्षी विकास योजनाओं को दर्शाता है।
लोन का उद्देश्य और विस्तार योजनाएं
इस बड़े कर्ज का प्राथमिक उद्देश्य अडानी के एयरपोर्ट कारोबार के लिए पूंजीगत व्यय (Capital Expenditure) को पूरा करना और सितंबर में परिपक्व होने वाले डॉलर-आधारित ऋणों का पुनर्वित्त (Refinance) करना है। अडानी एयरपोर्ट होल्डिंग्स लिमिटेड वर्तमान में भारत के सात प्रमुख हवाई अड्डों का प्रबंधन करती है, जिसमें मुंबई, अहमदाबाद, लखनऊ, मंगलुरु, जयपुर, गुवाहाटी और तिरुवनंतपुरम शामिल हैं। इसके अलावा, समूह मुंबई के बाहरी इलाके में एक नया 2 बिलियन डॉलर का अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा (नवी मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट) लॉन्च करने की कगार पर है, जो जल्द ही परिचालन शुरू करेगा।
अडानी ग्रुप की योजना इन हवाई अड्डों की क्षमता को अगले 5-10 वर्षों में लगभग तीन गुना बढ़ाने की है, जिसके लिए कुल ₹60,000 करोड़ का पूंजीगत व्यय अनुमानित है। इसमें से ₹30,000 करोड़ 'एयरसाइड' (रनवे, टैक्सीवे, टर्मिनल) और बाकी 'सिटीसाइड' (एयरपोर्ट के आसपास वाणिज्यिक और खुदरा विकास) पर खर्च किए जाएंगे।
अंतर्राष्ट्रीय बैंकों का बढ़ता विश्वास
इस बड़े लोन के लिए बार्कलेज पीएलसी (Barclays Plc), फर्स्ट अबू धाबी बैंक पीजेएससी (First Abu Dhabi Bank PJSC), और स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक पीएलसी (Standard Chartered Bank Plc) जैसे प्रमुख अंतरराष्ट्रीय बैंक बातचीत में शामिल हैं। यह हालिया घटनाक्रम, खासकर अमेरिकी न्याय विभाग द्वारा समूह के खिलाफ लगाए गए कुछ आरोपों के बाद, वैश्विक वित्तीय संस्थानों का अडानी ग्रुप में बढ़ते विश्वास का संकेत देता है।
हालिया फंडरेजिंग और वित्तीय स्थिति
यह अकेला फंडरेजिंग प्रयास नहीं है। अडानी ग्रुप ने हाल ही में मार्च में एक कंस्ट्रक्शन फर्म के अधिग्रहण के लिए लगभग 750 मिलियन डॉलर का एक ऑफशोर प्राइवेट प्लेसमेंट बॉन्ड भी जारी किया था, जिसमें ब्लैकरॉक इंक. (BlackRock Inc.) ने एक तिहाई हिस्सा लिया था। इसके अतिरिक्त, मार्च में ही, राज्य के स्वामित्व वाली पावर फाइनेंस कॉर्पोरेशन लिमिटेड (Power Finance Corporation Ltd.) ने अडानी ग्रीन के एक निर्माण-लिंक्ड लोन के लिए 1 बिलियन डॉलर का पुनर्वित्त किया था।
अडानी ग्रुप की नवीनतम वित्तीय रिपोर्टों के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2025 में उनका EBITDA (ब्याज, कर, मूल्यह्रास और परिशोधन से पहले की कमाई) रिकॉर्ड ₹89,806 करोड़ रहा, जो पिछले वर्ष की तुलना में 8.2% अधिक है। समूह ने ₹1.26 लाख करोड़ का रिकॉर्ड पूंजीगत व्यय भी दर्ज किया है और अगले छह वर्षों में $100 बिलियन के निवेश की योजना है। यह मजबूत वित्तीय प्रदर्शन और महत्वाकांक्षी विस्तार योजनाएं अडानी ग्रुप को अंतरराष्ट्रीय पूंजी बाजारों में लगातार आकर्षक बना रही हैं।