लाइफ स्टाइल
"सही करियर चुनने के लिए बच्चों को इन टिप्स से मिलेगा सही दिशा"
22 Feb, 2025 05:10 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
एक कपल बच्चे के जन्म के बाद माता-पिता बन जाते हैं और उसके साथ ही उनकी जिम्मेदारियां भी बढ़ जाती हैं। बच्चे के जन्म के बाद से ही उसके उज्जवल भविष्य का सपना पैरेंट्स अपनी आंखों में संजोने लगते हैं। हो सकता है कि आपने भी कुछ पैरेंट्स के मुंह से सुना होगा कि मेरा बच्चा बड़ा होकर डॉक्टर या इंजीनियर बनेगा। यकीनन ये शानदार करियर विकल्प हैं और इन करियर की राह पर बच्चे के उज्जवल भविष्य की कामना की जा सकती है। लेकिन जरूरी नहीं है कि बच्चा बड़ा होकर हमेशा वही बनना चाहे, जो आपने उसके लिए सोचकर रखा हो। ऐसा भी हो सकता है कि वह अपने भविष्य को लेकर कंफ्यूज हों और उसके लिए यह समझ पाना मुश्किल हो कि वह खुद के लिए क्या चाहता है। इस स्थिति में अभिभावक की भूमिका काफी अहम् हो जाती है। यह एक बेहद कठिन समय होता है और अगर उस समय सही करियर विकल्प का चयन किया जाए तो इससे बच्चे ना सिर्फ अपने जीवन में सफल होते हैं, बल्कि वह एक खुशहाल जीवन भी बिताते हैं। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको बता रहे हैं कि पैरेंट्स बच्चे की सही करियर राह चुनने में किस प्रकार मदद कर सकते हैं।
अपने सपनों को बच्चे पर न थोपें
अगर आप सच में चाहती हैं कि आपका बच्चा अपने जीवन में खुशहाल व सफल जीवन बिताए, तो यह जरूरी है कि आप कभी भी अपने सपनों को बच्चों पर ना थोपें। याद रखें कि आपका बच्चा एक विशिष्ट व्यक्ति है, इसलिए उसे अपनी इच्छा के अनुसार रास्ता चुनने दें। कभी भी बच्चे पर किसी विशिष्ट करियर को चुनने के लिए दबाव ना बनाएं। बेहतर होगा कि इसके बजाय, उन्हें निर्णय लेने में मदद करने के लिए विकल्प दें, ताकि वह खुद को एक्सप्लोर कर सके।
पैशन को करें डिस्कवर
सही करियर को चुनने के लिए जरूरी है कि आप सबसे पहले उन्हें अपने पैशन को खुद को खोजने का मौका दें। अगर आपको लगता है कि उन्होंने अपने करियर की राह को अपनी शारीरिक या मानसिक मजबूती के साथ नहीं चुना है, तो उन्हें पूरी तरह से मना ना करें। उन्हें अलग-अलग चीजों से परिचित कराकर अपनी स्ट्रेंथ का पता लगाने दें। एक अभिभावक के रूप में, आपको उन कौशलों को ब्रश करने में मदद करनी चाहिए जिन्हें उन्होंने अपने लिए चुना है। एक बार जब वे अपने पैशन को समझ पाएंगे, तो उनके लिए सही करियर को चुनने में भी मदद मिलेगी।
कैरियर काउंसलर की लें मदद
जब आप खुद कुछ तय नहीं कर पा रही हैं तो दूसरों की राय लेना हमेशा अच्छा होता है। चूंकि करियर काउंसिलपेशेवर होते हैं जो आपको सही रास्ता अपनाने के लिए मार्गदर्शन करने के लिए प्रशिक्षित होते हैं, उनसे बात करके आपके बच्चे के कैरियर की आकांक्षाओं को पूरा करने में मदद मिल सकती है। जब आप और बच्चा यह तय नहीं कर पा रहे हैं कि उसकी करियर की सही राह क्या है तो ऐसे में करियर काउंसलर यकीनन एक लाइफ सेवर बनकर सामने आते हैं।
12वीं साइंस पास छात्रों के लिए ये हैं टॉप करियर ऑप्शन, सही रास्ता चुनें
18 Feb, 2025 05:20 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
करियर| 12वीं क्लास के बाद एक सही कोर्स का चुनाव करना बहुत जरूरी है। क्योंकि शुरुआत से ही सही डायरेक्शन में पढाई करके करियर में बूस्ट मिलता है। लेकिन कई बार अपने लिए एक सही कोर्स का पता लगाना थोड़ा कठिन होता है। इसी उलझन को दूर करने के लिए, हम लाये हैं आपके लिए कुछ बेस्ट ऑप्शंस।
NDA
NDA एक एंट्रेंस एग्जाम है जो इंडियन आर्मी, नेवी और एयरफोर्स में ऑफिसर्स के सिलेक्शन के लिए आयोजित किया जाता है। यह एग्जाम एक साल में दो बार होता है। NDA का एग्जाम पास करने के बाद कैडेट्स को ट्रेनिंग दी जाती है, जो ट्रेनिंग को पूरा करने के बाद में आर्मी, एयरफोर्स और नेवी में ऑफिसर्स बनते हैं।
B.Arch
B.Arch में छात्रों को विभिन्न आर्किटेक्चरल डिज़ाइन तकनीकों, ग्राफिक्स, और आर्किटेक्चरल डिजाइन की स्किल सीखाई जाती है। B.Arch के बाद, आप एक प्रोफेशनल आर्किटेक्ट बन सकते हैं। आप इंटीरियर डिजाइनिंग में भी करियर बना सकते हैं।
बैचलर ऑफ प्लानिंग एंड डिजाइन
बैचलर ऑफ प्लानिंग एंड डिजाइन कोर्स में योजना, और विकास के क्षेत्र में स्पेशलाइजेशन प्रदान की जाती है। इस कोर्स में छात्रों को शहरों से जुड़े कई क्षेत्रों में ट्रेनिंग दी जाती है, जैसे कि डिजाइन, इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट, और प्रॉब्लम मैनेजमेंट। आप अर्बन प्लैनिंग, रियल एस्टेट डेवलपमेंट, एनवायरमेंटल कंसलटिंग और सरकारी एजेंसियों में जॉब कर सकते हैं।
इंडियन आर्मी में टेक्निकल एंट्री
इंडियन आर्म्ड फोर्सज में टेक्निकल फील्ड में ऑफिसर्स की भर्ती के लिए टेक्निकल एंट्री स्कीम होती है। इसमें जाने के लिए कैंडिडेट को 12वीं पास करना और उसमें विज्ञान विषयों में 70% या उससे अधिक अंक प्राप्त करना आवश्यक है। इसमें भर्ती होने के लिए SSB पास करना होता है और उसके बाद मेडिकल टेस्ट देना होता है। इन दोनों को क्वालीफाई करने वाले कैडेट को 5 साल की प्री कमेंसमेंट और पोस्ट कमेंसमेंट ट्रेनिंग पूरी करनी होती है, जिसके बाद वे इंडियन आर्म्ड फोर्सज में लेफ्टिनेंट के पद पर नियुक्त होते हैं।
BE/B.Tech
BE/B.Tech टेक्निकल एजुकेशन में ग्रेजुएशन प्रोग्राम है। इसमें सिविल इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग, मैकेनिकल इंजीनियरिंग, कम्प्यूटर साइंस और इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रॉनिक्स और कम्यूनिकेशन इंजीनियरिंग आदि होते हैं। इसमें ग्रेजुएशन करके आप इनमें से किसी भी प्रकार के इंजीनियर बन सकते हैं और उसमें अपने करियर की शुरुआत कर सकते हैं।
B.Sc/BCS/BCA
तीनों ही ग्रेजुएशन लेवल के कोर्स हैं जिनमें साइंस और कंप्यूटर से संबंधित विषयों पर ध्यान केंद्रित है। BCA और BCS के ग्रेजुएट्स को सॉफ़्टवेयर डेवेलपमेंट क्षेत्र में जॉब मिल सकती है। आप वेब डिज़ाइनर और डेवेलपर, डेटा एनालिस्ट, नेटवर्क इंजीनियर बन सकते हैं।
युवाओं के लिए करियर की पहली पसंद बनी ये फील्ड, 75% से ज्यादा ने किया चयन
17 Feb, 2025 06:03 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भारत में टेक्नोलॉजी इंडस्ट्री नई पीढ़ी के छात्रों का पसंदीदा क्षेत्र बनकर उभर रहा है और करीब 77 प्रतिशत युवा इस क्षेत्र के प्रति रुचि दिखा रहे हैं. सोमवार को एक सर्वेक्षण रिपोर्ट में यह आकलन पेश किया गया. सॉफ्टवेयर कंपनियों के संगठन नैसकॉम ने इनडीड के साथ संयुक्त रूप से तैयार इस रिपोर्ट में कहा है कि भारत में तकनीकी कार्यबल में ‘मिलेनियल्स’ और ‘जेन जेड’ वाली पीढ़ी का योगदान लगभग 90 प्रतिशत है. यह उच्च पीढ़ीगत विविधता को सक्षम बनाता है और प्राथमिकताओं को भी बदलता है.
‘जेन जेड’ का संबोधन 1990 के दशक के अंतिम और 2000 के दशक के अंतिम वर्षों में जन्म लेने वाली पीढ़ी के लिए इस्तेमाल किया जाता है. वहीं ‘मिलेनियल्स’ की श्रेणी में 1980 के दशक के शुरुआती और 1990 के दशक के मध्य तक पैदा होने वाले युवा रखे जाते हैं|
रत में प्रौद्योगिकी उद्योग जेन जेड छात्रों के लिए पसंदीदा उद्योग बना हुआ है और 77 प्रतिशत छात्र इस उद्योग को लेकर अपनी दिलचस्पी दिखा रहे हैं.’ नैसकॉम और इनडीड के इस संयुक्त सर्वेक्षण में 185 नियोक्ताओं के साथ वर्तमान और भावी कार्यबल के 2,500 से अधिक सदस्य शामिल थे. इस रिपोर्ट के मुताबिक, लगभग 84 प्रतिशत नियोक्ता ‘गिग मॉडल’ की तलाश में हैं या उसके लिए तैयार हैं. इसमें स्टार्टअप और व्यवसाय प्रक्रिया प्रबंधन (बीपीएम) क्षेत्र इस खंड में नियुक्ति में आगे हैं.
इन फील्ड की बढ़ रही है मांग
ज्यादा संगठनों के नई प्रौद्योगिकियां अपनाने से कृत्रिम मेधा (एआई) एवं मशीन लर्निंग (एमएल) वैज्ञानिक, क्वांटम कंप्यूटिंग शोधकर्ता, क्वांटम एआई डेवलपर और ब्लॉकचेन विशेषज्ञ जैसी विशेषज्ञ भूमिकाओं की मांग बढ़ रही है. सबसे अधिक मांग वाली नौकरियों में डेटा और एनालिटिक्स में भूमिकाएं अग्रणी हैं. इसके बाद ग्राहक अनुभव, स्वचालन और दक्षता को बढ़ाने वाले काम आते हैं. नैसकॉम की वरिष्ठ उपाध्यक्ष एवं मुख्य रणनीति अधिकारी संगीता गुप्ता ने कहा, ‘स्वचालन से दक्षता में सुधार और निरंतर नवाचार से उत्पन्न रचनात्मकता की व्यापक क्षमता के बीच संतुलन से काम के भविष्य को परिभाषित किया जाएगा.’
युवा विकास और कैरियर
15 Feb, 2025 05:05 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
परिचय
युवा विकास और करियर की तैयारी की प्रक्रिया अगली पीढ़ी को कार्यबल के लिए तैयार करने और उन्हें आधुनिक जीवन की जटिलताओं से निपटने के लिए तैयार करने में अत्यंत महत्वपूर्ण है। तेजी से हो रही तकनीकी प्रगति और बदलते आर्थिक परिदृश्य के युग में, युवा व्यक्तियों के पास बुनियादी जीवन कौशल और विशिष्ट करियर दक्षताएँ होनी चाहिए। यह तैयारी जल्दी शुरू होती है, जिसमें अच्छी तरह से विकसित, सक्षम और लचीले व्यक्तियों के विकास को बढ़ावा देने के लिए अनुभवों और शैक्षिक अवसरों की एक विस्तृत श्रृंखला शामिल होती है।
युवा विकास प्रक्रिया में न केवल शैक्षणिक उपलब्धियाँ शामिल हैं, बल्कि सामाजिक, भावनात्मक और नैतिक आयामों का विकास भी शामिल है। इन क्षेत्रों को बढ़ावा देकर, हम युवाओं को मजबूत आत्म-जागरूकता, भावनात्मक बुद्धिमत्ता और पारस्परिक कौशल विकसित करने में मदद करते हैं, जो व्यक्तिगत और व्यावसायिक सफलता के लिए आवश्यक हैं। दूसरी ओर, करियर की तैयारी में युवाओं को नौकरी के बाजार में प्रवेश करने और उसमें सफल होने के लिए आवश्यक ज्ञान और कौशल से लैस करने के लिए एक केंद्रित दृष्टिकोण शामिल है। इसमें तकनीकी प्रशिक्षण, विभिन्न उद्योगों के संपर्क में आना और संचार, समस्या-समाधान और टीम वर्क जैसे महत्वपूर्ण सॉफ्ट स्किल्स का विकास शामिल है।
साथ में, ये दोनों तत्व एक व्यापक रूपरेखा बनाते हैं जो किशोरावस्था से वयस्कता में संक्रमण का समर्थन करता है, जिससे युवा व्यक्ति अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने और समाज में सार्थक योगदान करने में सक्षम होते हैं। यह लेख युवा विकास और कैरियर की तत्परता को बढ़ावा देने में प्रभावी रणनीतियों और प्रथाओं पर प्रकाश डालने वाले दस प्रमुख बिंदुओं का पता लगाता है। इन रणनीतियों को समझने और लागू करने से, शिक्षक, नीति निर्माता और समुदाय युवाओं को आगे आने वाली चुनौतियों और अवसरों के लिए बेहतर ढंग से तैयार कर सकते हैं।
1. समग्र शिक्षा
पारंपरिक शिक्षा से परे एक व्यापक शिक्षा प्रणाली युवा विकास और कैरियर की तत्परता की आधारशिला है। समग्र शिक्षा छात्रों के बौद्धिक, भावनात्मक, सामाजिक, शारीरिक और नैतिक विकास को शामिल करती है। पाठ्यक्रम में सामाजिक और भावनात्मक शिक्षा (SEL) को एकीकृत करके, छात्र सहानुभूति, लचीलापन और प्रभावी संचार जैसे महत्वपूर्ण जीवन कौशल प्राप्त करते हैं। SEL छात्रों को उनकी भावनाओं को प्रबंधित करने, सकारात्मक संबंध बनाने और जिम्मेदार निर्णय लेने में सहायता करता है। इसके अलावा, शारीरिक शिक्षा, कला और पाठ्येतर गतिविधियाँ रचनात्मकता, टीमवर्क और नेतृत्व को बढ़ावा देती हैं। नैतिक शिक्षा ईमानदारी, सम्मान और सामाजिक जिम्मेदारी जैसे मूल्यों को जन्म देती है। एक समग्र दृष्टिकोण यह सुनिश्चित करता है कि छात्र न केवल अकादमिक रूप से कुशल हों, बल्कि आधुनिक जीवन की जटिलताओं को नेविगेट करने में सक्षम अच्छी तरह से विकसित व्यक्ति भी हों। छात्रों की विविध आवश्यकताओं को पूरा करके, समग्र शिक्षा उन्हें व्यक्तिगत और पेशेवर रूप से विकसित होने के लिए तैयार करती है, जो लगातार विकसित हो रही दुनिया में भविष्य की सफलता के लिए एक मजबूत नींव रखती है।
2. कैरियर अन्वेषण कार्यक्रम
करियर एक्सप्लोरेशन प्रोग्राम छात्रों को करियर के असंख्य विकल्पों को समझने और उनमें से होकर गुज़रने में मदद करने के लिए महत्वपूर्ण हैं। ये प्रोग्राम छात्रों में रुचि जगाते हैं और इंटर्नशिप, जॉब शैडोइंग, करियर फेयर और इंडस्ट्री विजिट के ज़रिए छात्रों को विभिन्न करियर पथों से परिचित कराकर विभिन्न व्यवसायों में मूल्यवान अंतर्दृष्टि प्रदान करते हैं। शुरुआती संपर्क छात्रों को अपने हितों और शक्तियों को संभावित करियर के साथ संरेखित करने की अनुमति देता है, जिससे उन्हें अपने भविष्य के बारे में सूचित निर्णय लेने में मदद मिलती है। ऐसे कार्यक्रम छात्रों को विभिन्न भूमिकाओं के लिए शैक्षिक और कौशल आवश्यकताओं को समझने में भी मदद करते हैं, जिससे उन्हें अपने करियर लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए आवश्यक कदमों की स्पष्ट तस्वीर मिलती है। इसके अलावा, करियर एक्सप्लोरेशन उभरते क्षेत्रों और अवसरों को उजागर कर सकता है, जिससे छात्रों को ऐसे करियर पर विचार करने के लिए प्रोत्साहित किया जा सकता है जिनके बारे में वे पहले नहीं जानते होंगे। व्यावहारिक अनुभव और वास्तविक दुनिया के संदर्भ प्रदान करके, करियर एक्सप्लोरेशन प्रोग्राम छात्रों को कार्यबल के लिए तैयार करने, उनके चुने हुए रास्तों पर चलने में उनकी तत्परता और आत्मविश्वास को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
3. मेंटरशिप के अवसर
युवाओं के विकास और करियर की तैयारी में मेंटरशिप के अवसर महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। युवा व्यक्तियों को अनुभवी मेंटरों से जोड़कर, छात्रों को मूल्यवान मार्गदर्शन, सहायता और वास्तविक दुनिया की अंतर्दृष्टि तक पहुँच मिलती है। मेंटर व्यक्तिगत सलाह देते हैं, जिससे मेंटी को अपने शैक्षिक और करियर पथ पर आगे बढ़ने, चुनौतियों पर काबू पाने और यथार्थवादी लक्ष्य निर्धारित करने में मदद मिलती है। यह संबंध व्यक्तिगत विकास और पेशेवर विकास को बढ़ावा देता है, जिससे छात्रों को सवाल पूछने और सलाह लेने के लिए एक सुरक्षित स्थान मिलता है। मेंटर रोल मॉडल के रूप में भी काम करते हैं, छात्रों को अधिक महत्वपूर्ण उपलब्धियों की आकांक्षा करने और उनकी क्षमताओं में आत्मविश्वास पैदा करने के लिए प्रेरित करते हैं। इसके अतिरिक्त, मेंटरशिप कार्यक्रम छात्रों के नेटवर्क का विस्तार कर सकते हैं, उन्हें उद्योग के पेशेवरों और संभावित नियोक्ताओं से मिलवा सकते हैं। ये कनेक्शन इंटर्नशिप, नौकरी के अवसर और उनके चुने हुए क्षेत्रों की गहरी समझ की ओर ले जा सकते हैं। कुल मिलाकर, मेंटरशिप के अवसर सीखने के अनुभव को समृद्ध करते हैं, अकादमिक ज्ञान और व्यावहारिक अनुप्रयोग के बीच की खाई को पाटते हैं और छात्रों को सफल, संतुष्टिदायक करियर के लिए तैयार करते हैं।
4. कौशल प्रशिक्षण और प्रमाणन
कौशल प्रशिक्षण और प्रमाणन कार्यक्रम कैरियर की तत्परता के लिए आवश्यक हैं, जो छात्रों को व्यावहारिक, नौकरी-विशिष्ट कौशल प्रदान करते हैं जो उनकी रोजगार क्षमता को बढ़ाते हैं। ये कार्यक्रम प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य सेवा, व्यापार और अन्य उच्च-मांग वाले क्षेत्रों में प्रशिक्षण प्रदान करते हैं, छात्रों को आज के नौकरी बाजार में सफल होने के लिए आवश्यक तकनीकी जानकारी से लैस करते हैं। प्रमाणन प्राप्त करके, छात्र संभावित नियोक्ताओं के लिए अपनी दक्षता और प्रतिबद्धता प्रदर्शित कर सकते हैं, जिससे उन्हें प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त मिलती है। कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रमों में अक्सर व्यावहारिक शिक्षण अनुभव शामिल होते हैं, जिससे छात्रों को वास्तविक दुनिया की सेटिंग में अपने ज्ञान को लागू करने और अपनी क्षमताओं में आत्मविश्वास हासिल करने की अनुमति मिलती है। इसके अलावा, इन कार्यक्रमों को उद्योग मानकों और उभरती हुई बाजार जरूरतों को पूरा करने के लिए तैयार किया जा सकता है, जिससे छात्रों को प्रासंगिक और अप-टू-डेट कौशल सीखने में मदद मिलती है। कौशल प्रशिक्षण और प्रमाणन कार्यक्रमों में भाग लेने से, छात्र कार्यबल में अधिक आसानी से संक्रमण कर सकते हैं, उच्च-भुगतान वाली नौकरियों का पीछा कर सकते हैं, और अधिक कैरियर स्थिरता और उन्नति के अवसरों का आनंद ले सकते हैं।
5. सॉफ्ट स्किल्स विकास
करियर की तैयारी के लिए सॉफ्ट स्किल्स का विकास करना आवश्यक है क्योंकि वे तकनीकी विशेषज्ञता के पूरक हैं और नियोक्ताओं द्वारा अत्यधिक मूल्यवान हैं। संचार, टीमवर्क, समस्या-समाधान और अनुकूलनशीलता सहित सॉफ्ट स्किल्स किसी भी कार्यस्थल में सफलता के लिए महत्वपूर्ण हैं। पाठ्यक्रम में सॉफ्ट स्किल्स प्रशिक्षण को एकीकृत करना सुनिश्चित करता है कि छात्र अच्छी तरह से तैयार हैं और आधुनिक कार्य वातावरण की सहयोगी और गतिशील प्रकृति के लिए तैयार हैं। समूह परियोजनाएँ, सार्वजनिक बोलने के अभ्यास और संघर्ष समाधान कार्यशालाएँ जैसी गतिविधियाँ छात्रों को इन कौशलों का अभ्यास करने और उन्हें निखारने में मदद करती हैं। भावनात्मक बुद्धिमत्ता और सांस्कृतिक क्षमता पर जोर देने से छात्र विविध, समावेशी कार्यस्थलों को प्रभावी ढंग से नेविगेट करने में सक्षम होते हैं। इन कौशलों को बढ़ावा देकर, शैक्षिक कार्यक्रम छात्रों को मजबूत पेशेवर संबंध बनाने, उनकी नेतृत्व क्षमता को बढ़ाने और उनकी रोजगार क्षमता में सुधार करने में मदद करते हैं। सॉफ्ट स्किल्स विकास छात्रों को उनकी विशिष्ट नौकरी भूमिकाओं में उत्कृष्टता प्राप्त करने, अपने कार्य समुदायों में सकारात्मक योगदान देने और विभिन्न करियर चुनौतियों के अनुकूल होने के लिए तैयार करता है।
सोशल मीडिया पर बैन: भारत में बच्चों के लिए नए नियम लागू, ऑस्ट्रेलिया का अनुसरण
12 Feb, 2025 05:19 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भारत: सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म (Social Media Plateform) पर 18 साल से कम आयु के बच्चों की गतिविधियों पर लगाम लगाने की योजना बनाई जा रही है। 18 साल से कम आयु के बच्चों की एक्टिविटी को सोशल मीडिया पर रोकने के लिए सरकार जल्द ही नया कानून ला सकती है। दरअसल, इस कानून के तहत अब 18 साल से कम आयु के बच्चों को सोशल मीडिया पर अकाउंट खोलने के लिए अपने पेरेंट्स की इजाजत लेना जरूरी होगा। इसके लिए केंद्र सरकार ने डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन एक्ट (डीपीडीपी), 2023 के तहत नियमों का ड्राफ्ट तैयार किया है। इसमें कहा गया है कि डेटा कलेक्शन एंटिटी (Data Collection Entity) को भी ध्यान रखना होगा कि जो भी व्यक्ति खुद को बच्चे का मां या बाप बता रहा है, उसके पास कोई कानूनी आधार है या नहीं। इस संबंध में सरकार ने लोगों से सुझाव भी मांगा है। मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी ने शुक्रवार को जारी एक अधिसूचना में कहा कि लोग माय गवर्नमेंट डॉट इन पर जाकर इस ड्राफ्ट को लेकर अपनी आपत्तियां दर्ज करा सकते हैं और इसके संबंध में सुझाव भी दे सकते हैं।
हालांकि, इस ड्राफ्ट से संबंधित लोगों की आपत्तियों और सुझावों पर 18 फरवरी से ही विचार किया जाएगा। हाल ही में ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने भी 16 साल से कम उम्र के बच्चों पर सोशल मीडिया का इस्तेमाल करने पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया था। 18 साल से कम उम्र के बच्चों की ऑनलाइन सुरक्षा के लिए केंद्र सरकार के इस कदम को काफी अहम माना जा रहा है। ऑस्ट्रेलियाई पीएम ने एक बयान में कहा था- सरकार सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर न्यूनतम आयु सीमा लागू करने के लिए कानून बनाएगी। यही नहीं, बाद में एक बयान में कहा गया कि ऑस्ट्रेलियाई सरकार उन सोशल मीडिया कंपनियों पर करोड़ों डॉलर का जुर्माना लगाएगी, जो 16 वर्ष से कम उम्र के नागरिकों को अपनी सर्विस का इस्तेमाल करने से रोकने में नाकाम रहेंगी।
2025 में महिलाओं के लिए सर्वश्रेष्ठ करियर विकल्प
10 Feb, 2025 06:06 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
इन दिनों महिलाओं के लिए कई बेहतरीन करियर विकल्प उपलब्ध हैं। पिछले कुछ दशकों में महिलाओं ने सामाजिक सीमाओं को पार किया है और व्यक्तिगत और व्यावसायिक विकास हासिल करने के लिए संघर्ष किया है। चंद्रयान-3 लैंडर पर काम कर रही 'रॉकेट महिलाओं' के बारे में सोचिए। उन्होंने कई युवा महिलाओं को विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित (STEM) में करियर बनाने के लिए प्रोत्साहित किया है।
महिलाओं ने कई करियर में सफल नौकरियाँ हासिल की हैं। फिर भी, कुछ नौकरियाँ दूसरों की तुलना में बेहतर हो सकती हैं। कुछ नौकरियाँ प्रवेश की कम बाधाएँ प्रदान करती हैं और अधिक लचीलापन प्रदान करती हैं। परंपरागत रूप से, कुछ उद्योग भी महिला उम्मीदवारों को काम पर रखने को प्राथमिकता देते हैं। यदि आप एक युवा महिला हैं और सर्वोत्तम कैरियर विकल्पों या सर्वोत्तम वेतन वाली नौकरियों के बारे में सोच रही हैं, तो यहां कुछ जानकारी दी गई है जो उपयोगी हो सकती है।
हमने भारत में महिलाओं के लिए सबसे अच्छे करियर विकल्पों की सूची बनाई है और बताया है कि वे क्यों लोकप्रिय हैं। साथ ही अच्छे करियर विकल्पों और उनकी योग्यताओं की एक तालिका भी दी गई है। अंततः, आप अपनी रुचियों, जुनून और कौशल के आधार पर करियर चुन सकते हैं। लेकिन अंतिम निर्णय लेने से पहले अपने सभी विकल्पों का मूल्यांकन करना याद रखें।
शिक्षक/शिक्षा
मानव संसाधन प्रबंधन
पत्रकारिता
पोषण विशेषज्ञ/आहार विशेषज्ञ
काउंसलर
फैशन और डिजाइन
प्रसूतिशास्री
नर्सिंग
सौंदर्य और कल्याण
मेहमाननवाज़ी
केबिन क्रू/एयर होस्टेस
बैंकिंग
व्यवसाय प्रबंधन
कानून
सामाजिक कार्यकर्ता
मोबाइल, सोशल मीडिया और करियर प्रेशर से बढ़ता हुआ यूथ का मानसिक दबाव
8 Feb, 2025 05:50 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
आज का युवा पीढ़ी मोबाइल और सोशल मीडिया के जाल में फंसी हुई है. करियर के प्रति बढ़ते दबाव के साथ ये युवा मानसिक तनाव से जूझ रहे हैं. इस बढ़ते तनाव से निपटने के लिए माता-पिता को अपने बच्चों का सहारा बनना होगा| मोबाइल और सोशल मीडिया ने युवाओं के जीवन को बहुत प्रभावित किया है. सोशल मीडिया पर हमेशा एकदम परफेक्ट जीवन जी रहे लोगों को देखकर युवाओं में असुरक्षा और अकेलेपन की भावना पैदा होती है| साथ ही, करियर के प्रति बढ़ते दबाव के कारण युवाओं में तनाव और चिंता का स्तर बढ़ रहा है|
सोशल मीडिया एडिक्शन: इंस्टाग्राम, फेसबुक और स्नैपचैट जैसे प्लेटफॉर्म्स पर लगातार एक्टिव रहने की आदत से युवा अपनी असल जिंदगी से कट रहे हैं. वे दूसरों की लाइफ से तुलना कर खुद को कमतर महसूस करने लगते हैं|
करियर का दबाव: स्कूल-कॉलेज में बेहतर परफॉर्म करने और एक सफल करियर बनाने का दबाव युवाओं को मानसिक रूप से थका देता है| माता-पिता और समाज की उम्मीदें भी इस प्रेशर को और बढ़ाती हैं|
डिजिटल डिटॉक्स की कमी: मोबाइल, लैपटॉप और वीडियो गेम्स की लत के कारण युवाओं की नींद कम होती जा रही है, जिससे उनका दिमाग सही तरीके से काम नहीं कर पाता और तनाव बढ़ जाता है|
सोशल इंटरेक्शन की कमी: ऑनलाइन वर्ल्ड में ज्यादा समय बिताने की वजह से युवा असल जिंदगी में सामाजिक मेलजोल से दूर होते जा रहे हैं, जिससे वे अकेलापन महसूस करने लगते हैं|
पेरेंट्स इन 5 तरीकों से कर सकते हैं मदद
1. खुलकर करें बातचीत
बच्चों के साथ दोस्ताना माहौल बनाएं और उनसे उनकी परेशानियों पर खुलकर बात करें. बिना जज किए उनकी बातें सुनें और उन्हें भरोसा दिलाएं कि वे आपसे कुछ भी शेयर कर सकते हैं|
2. मोबाइल स्क्रीन टाइम करें लिमिट
बच्चों के मोबाइल और सोशल मीडिया इस्तेमाल के लिए सीमाएं तय करें. उन्हें प्रोडक्टिव एक्टिविटीज,जैसे कि स्पोर्ट्स, किताबें पढ़ने और परिवार के साथ समय बिताने के लिए प्रोत्साहित करें|
3. करियर प्रेशर न बढ़ाएं, उन्हें सपोर्ट करें
करियर को लेकर बच्चों पर अनावश्यक दबाव डालने की बजाय, उनकी रुचियों और क्षमताओं को समझें और उन्हें अपने तरीके से आगे बढ़ने की आज़ादी दें|
4. मेंटल हेल्थ को दें प्रायोरिटी
अगर बच्चा ज्यादा तनाव में दिखे, तो उसकी मेंटल हेल्थ पर ध्यान दें. जरूरत पड़ने पर काउंसलर या साइकोलॉजिस्ट की मदद लेने से हिचकिचाएं नहीं|
5. परिवार के साथ समय बिताएं
परिवार के साथ क्वालिटी टाइम बिताना बच्चों की मेंटल हेल्थ के लिए बेहद फायदेमंद होता है. साथ में डिनर करना, वीकेंड पर ट्रिप प्लान करना और रोजमर्रा की छोटी-छोटी बातें शेयर करना उनके तनाव को कम कर सकता है|
Spinach Health Benefits: ₹10 में मिलने वाला पालक है गुणों का खान, खाने से ये गंभीर बीमारियां रहती है दूर
31 Jan, 2025 05:27 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
Spinach Health Benefits : रोजाना हरी पत्तेदार सब्जियां खाने से आपके शरीर में जमा गंदगी काफी हद तक दूर हो जाती है। पालक को बहुत ही स्वास्थ्यवर्धक माना जाता है। पालक का सेवन करने से शरीर हमेशा फिट रहता है और कोई भी बीमारी आसपास नहीं भटकती। रोज सुबह खाली पेट पालक का जूस पीने से आपको आश्चर्यजनक फायदे मिलते हैं। यह शरीर में जमा चर्बी को भी बाहर निकालने का काम करता है।
जानें इसके फायदे ( Spinach Health Benefits )
रोज सुबह पालक का जूस पीने से शरीर हमेशा फिट रहता है। यह कई गंभीर बीमारियों की रोकथाम के लिए भी सर्वोत्तम माना जाता है। अगर आप रोजाना पालक के जूस का सेवन करते हैं तो आपको पालक में विटामिन सी मिलता है।
खून की कमी को करता है दूर
शरीर को डिटॉक्सिफाई करना भी बहुत जरूरी है। साथ ही खून की कमी को भी दूर करता है। यह शरीर से गंदगी को बाहर निकालने का काम भी बहुत तेजी से करता है। पाचन तंत्र को मजबूत करने के लिए आपको रोजाना सुबह इसके जूस का सेवन करना चाहिए।
दाग-धब्बे की समस्या दूर
चेहरे पर दाग-धब्बे की समस्या को दूर करने के लिए भी आपको इसका सेवन करना चाहिए। ये त्वचा की खूबसूरती बढ़ाने और उसे अंदर से चमकदार बनाने में काफी मददगार साबित होते हैं। पालक का जूस पीने से त्वचा हमेशा जवान बनी रहती है। बढ़ती उम्र में भी अपनी उम्र का पता लगाना बहुत मुश्किल हो जाता है। अगर आप अपने चेहरे पर प्राकृतिक चमक लाना चाहते हैं तो आपको रोजाना इसका जूस पीना चाहिए।
अगर आपके चेहरे पर पिंपल्स और अन्य प्रकार की समस्याएं हैं तो उसे भी पलक का जूस दूर कर देगा इसके साथ ही इसका सेवन से शरीर को काफी ज्यादा पोषक तत्व मिलते हैं। पोषक तत्वों से भरपूर पलक आपके लिए फायदेमंद होता है।
सुप्रीम कोर्ट में लॉ क्लर्क भर्ती की शुरुआत, स्नातक अभ्यर्थी करें आवेदन
14 Jan, 2025 01:35 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया की ओर से लॉ क्लर्क कम रिसर्च एसोसिएट के रिक्त पदों पर भर्ती निकाली गई है जिसके लिए आवेदन प्रक्रिया आज यानी 14 जनवरी 2025 से शुरू कर दी गई है। जो भी अभ्यर्थी लॉ में स्नातक उत्तीर्ण हैं और सरकारी नौकरी की तलाश में हैं उनके पास इसमें शामिल होने का सुनहरा मौका है। इस भर्ती में शामिल होने के लिए अभ्यर्थियों को ऑनलाइन माध्यम से की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाकर आवेदन करना होगा। ऑनलाइन फॉर्म भरने की लास्ट डेट 7 फरवरी 2025 तय की गई है।
शैक्षिक योग्यता एवं आयु सीमा
इस भर्ती में शामिल होने के लिए उम्मीदवार का किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय/ संस्थान से लॉ में ग्रेजुएट होना अनिवार्य है। इसके साथ ही अभ्यर्थी की न्यूनतम आयु 20 वर्ष एवं अधिकतम आयु 32 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए। आरक्षित श्रेणी से आने वाले उम्मीदवारों को ऊपरी आयु में छूट प्रदान की जाएगी। आयु की गणना 7 फरवरी 2025 साइट के होम पेज पर आपको नोटिस में जाकर रिक्रूटमेंट पर क्लिक कर
नोटिफिकेशन में आवेदन लिंक पर क्लिक करने के बाद नए पेज पर के आगे क्लिक हियर पर टैप करें।
इसके बाद मांगी गई डिटेल भरकर रजिस्ट्रेशन कर लें।
अब में जाकर अन्य डिटेल भरकर आवेदन पत्र को पूरा कर लें।
अंत में आवेदन शुल्क जमा करके फॉर्म को सबमिट कर दें और उसका एक प्रिंटआउट निकालकर सुरक्षित रख लें।
इस भर्ती में शामिल होने के लिए आवेदन के साथ ही उम्मीदवारों को निर्धारित शुल्क 500 रुपये (+ बैंक चार्जेज) का भुगतान अनिवार्य रूप से करना होगा। बिना शुल्क के भरे गए फॉर्म स्वीकार नहीं किये जाएंगे। भर्ती से जुड़ी विस्तृत डिटेल के लिए अभ्यर्थी एक बार ऑफिशियल नोटिफिकेशन का अवलोकन अवश्य कर लें।
तारीख और स्थान के अनुसार करें ड्रेस का चयन
21 Sep, 2024 06:38 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
फैशन की बात हो तो हर कोई ट्रेंड के हिसाब से चलना चाहता है और एक्टर-एक्ट्रेसेस की तरह आउटफिट को कॉपी करने का भी काफी क्रेज देखने को मिलता है. ऐसे में बात अगर डेट पर जाने की हो तो हर कोई एक्साइटेड रहता है और लड़कियां अपनी ड्रेस के डिजाइन को चुनने में काफी परेशान हो जाती हैं, क्योंकि परफेक्ट लुक पाने की बात करें तो मार्केट में आउटफिट्स डिजाइन की भरमार है. स्टाइलिश कैसे दिखा जा सकता है. इसके लिए सजेशनंस की भी कोई कमी नहीं है और इसलिए काफी कन्फ्यूजन भी हो जाती है. एक्साइटमेंट में या किसी के सजेशन पर आंखमूंदकर भरोसा करके ड्रेस खरीद लेना या फिर कॉपी कर लेना सही नहीं होता है. दरअसल सही लुक न होने पर आप अनकंफर्टेबल हो जाते हैं और डेट का मजा किरकिरा हो सकता है.
अपनी बॉडी और स्किन टोन का ध्यान रखें
एक सही ड्रेस चुनने के लिए जरूरी है कि आप अपने बॉडी टाइप को जानें. इसके लिए वेस्ट, चेस्ट, हिप आदि की माप लें ताकि आप जान पाएं कि आपकी बॉडी पियर शेप है, एप्पल शेप, ऑवरग्लास. इस तरह से आप एक ड्रेस ले पाएंगी. वैसे तो फैशन में एक्सपेरिमेंट करने से नहीं डरना चाहिए, लेकिन बात अगर डेट जैसे मौके पर परफेक्ट लुक पाने की हो तो बॉडी टाइप के साथ ही स्किन टोन को ध्यान में रखते हुए कलर्स का चुनाव करना चाहिए.
मौसम का ध्यान रखें
डेट के लिए ड्रेस चुनते वक्त सिर्फ स्टाइल देखना काफी नहीं है, बल्कि यह भी देखें कि मौसम का मिजाज कैसा है. आप दिन में डेट पर जा रहे हैं या फिर रात का मौसम है. इससे आप एक स्टाइलिश और कंफर्टेबल आउटफिट का चुनाव कर पाएंगी. अमूमन दिन के मुकाबले रात के समय मौसम थोड़ा ठंडा हो सकता है.
आरामदायक और स्टाइलिश आउटफिट का चुनाव
ड्रेस का चुनाव करते वक्त यह भी ध्यान में रखने की जरूरत है कि वेन्यू क्या है. इससे आप अंदाजा लगा पाएंगी कि आपको उस प्लेस के हिसाब से कैसी ड्रेस पहननी होगी. जैसे अगर कैजुअल डेट है तो फॉर्मल ड्रेस चुनी जा सकती है.
वेन्यू के अनुसार एक्सेसरीज
परफेक्ट लुक तभी मिलता है जब आप ड्रेस के साथ सही एक्सेसरीज चुनती हैं. इसलिए ईयररिंग से लेकर नोजपिन, एंक्लेट और सैंडल तक हर चीज का चुनाव अपनी ड्रेस और वेन्यू के हिसाब से करें, नहीं तो आपको काफी ज्यादा उलझन हो सकती है.
इस सबसे जरूरी बात का रखें ध्यान
डेट है तो एक्साइटमेंट होना लाजिमी है और यही कोशिश की जाती है कि पार्टनर की पसंद का कुछ पहना जाए, लेकिन सबसे जरूरी है कि आप अपना कंफर्ट देखें. आपको क्या पसंद है आप किस तरह की ड्रेस, फुटवियर और एक्सेसरीज में कंफर्टेबल महसूस करती हैं यह सबसे जरूरी है. तभी आप पूरी तरह से कॉन्फिडेंट रह पाएंगी जो स्टाइलिश दिखने के लिए सबसे ज्यादा इंपोर्टेंट होता है.
मिमिक्री: सिर्फ नकल नहीं, एक कला की पहचान, कैसे और कब हुई इसकी शुरुआत?
20 Sep, 2024 07:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मिमिक्री को आम तौर पर मनोरंजन का एक रूप माना जाता है, जिसका मकसद किसी को नीचा दिखाना या फिर शर्मिंदा करना नहीं, बल्कि लोगों को बेहतर तरीके से हंसाने का होता है। कलाकार इसका गलत इस्तेमाल करता है या फिर उसमें सूझबूझ की कमी है, तो अक्सर विवाद भी खड़े हो जाते हैं। बावजूद इसके आज यह कला तेजी से एक करियर ऑप्शन बनकर उभर रही है। जिससे युवा पीढ़ी बड़े पैमाने पर प्रभावित भी हो रही है। क्या आप जानते हैं कि बॉडी लैंग्वेज से जुड़ी यह अनोखी कला कितनी पुरानी है और पहली बार कब इस शब्द का इस्तेमाल किया गया था?
क्या है होती है मिमिक्री?
मिमिक्री में न सिर्फ किसी की आवाज, हाव-भाव या स्टाइल की नकल की जाती है बल्कि इसे एक हास्यपूर्ण अंदाज में पेश भी किया जाता है जिससे श्रोता हंसी के ठहाके लगाने पर मजबूर हो जाता है।
कहां से आया मिमिक्री शब्द?
मिमिक्री शब्द ग्रीक भाषा से लिया गया है और इसे पहली बार साल 1667 में रिकॉर्ड किया गया था। इसका शाब्दिक अर्थ है 'नकल करना'।
क्या है मिमिक्री का सही तरीका?
मिमिक्री करने वाला व्यक्ति किसी प्रसिद्ध हस्ती, राजनेता या किसी अन्य व्यक्ति की विशेषताओं को इस तरह से उभारता है कि दर्शक उस व्यक्ति की पहचान आसानी से कर सकें। मिमिक्री में न सिर्फ आवाज की नकल की जाती है बल्कि बॉडी लैंग्वेज, चेहरे के हाव-भाव और यहां तक कि उस व्यक्ति के उठने-बैठने या चलने-फिरने के तरीके को भी हूबहू दोहराया जाता है। इस बीच कुछ अतिरिक्त हास्यपूर्ण तत्वों को भी जोड़ा जाता है जैसा कि आप भी अक्सर अपने दोस्तों के बीच हंसी का माहौल बनाने के लिए किसी तीसरे दोस्त की खिंचाई के लिए करते होंगे। हालांकि, मिमिक्री इससे काफी बढ़कर है। इसमें एक बाउंड्री का होना भी बेहद जरूरी होता है, जिससे सामने बैठा शख्स शर्मिंदा भी न हो और बिना उसकी भावनाओं को ठेस पहुंचाए दर्शकों का भी मनोरंजन हो जाए।
मिमिक्री का इतिहास
मिमिक्री शब्द सुनते ही आपके मन में किसी की नकल करने का ख्याल आता होगा। क्या आप जानते हैं कि इसकी शुरुआत प्राचीन काल से ही हो चुकी थी। प्राचीन ग्रीस और रोम में लोग एक-दूसरे की नकल करके मनोरंजन करते थे। मध्य युग में भी मिमिक्री का चलन था, लेकिन इसे अक्सर राजाओं और धर्मगुरुओं का मजाक उड़ाने के लिए इस्तेमाल किया जाता था। देखा जाए, तो इंसान ने हमेशा से अपने आसपास के लोगों, जानवरों और वस्तुओं की नकल करने की कोशिश की है। गुफाओं की दीवारों पर बने चित्र, शिकार करने के तरीके, भाषा का विकास, ये सभी मिमिक्री के प्रारंभिक उदाहरण हैं।
क्या आप बार-बार ‘Sorry’ कहते हैं? जानिए इस आदत से छुटकारा पाने के उपाय
19 Sep, 2024 05:28 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
How To Stop Over-Apologising: गलती होने पर माफी मांग लेना एक अच्छी आदत है, लेकिन अगर आप बात-बात पर माफी मांगना शुरू कर देते हैं, तो ये आपकी मेंटल हेल्थ के लिए नुकसानदेह हो सकता है। इससे आपकी पर्सनालिटी पर भी काफी असर पड़ता है। इसलिए ज्यादा माफी मांगने की आदत, जिसे Over-Apologising भी कहते हैं, आपके लिए काफी नुकसानदायक हो सकता है।
ऐसा दूसरों को खुश करने, खुद पर कम विश्वास होने या बाहरी वैलिडेशन लेने की इच्छा के कारण लोग करते हैं। यह एक ऐसी आदत है, जो न केवल आपके आत्मविश्वास को कम करती है, बल्कि दूसरों को भी असहज महसूस करा सकती है। इसलिए अगर आपको भी Over-Apologise करने की आदत है, तो इससे छुटकारा पाने के लिए आप कुछ टिप्स (How to avoid Over Apologising) अपना सकते हैं। आइए जानें क्या हैं वो टिप्स।
अपने विचारों को समझें
ज्यादा माफी मांगने का एक कारण ये हो सकता है कि आप अपने विचारों या काम के बारे में असुरक्षित महसूस करते हैं। अपने विचारों और काम के बारे में गहराई से सोचें और यह समझें कि कोशिश करें। आपके काम आपके लिए जरूरी हैं। इसलिए आपके पास उन्हें करने या उसके बारे में बात करने का पूरा अधिकार है। अपने आप को बताएं कि आपकी राय जरूरी है और ऐसा करना कोई गलती नहीं है।
अपने मूल्यों पर भरोसा करें
अपने मूल्यों और विचारों पर भरोसा करें। यदि आपने कुछ ऐसा किया है, जो आपके मूल्यों के खिलाफ है, तो माफी मांगना ठीक है। लेकिन यदि आपने कुछ ऐसा किया है जो आपके मूल्यों को सपोर्ट करते हैं, तो आपको माफी मांगने की जरूरत नहीं है।
अपने आप को माफ करें
यदि आपने कोई गलती की है, तो अपने आप को माफ करें। गलतियां जीवन का एक हिस्सा हैं और उनसे सीखना जरूरी है। अपने आप को दोषी महसूस कराने के बजाय, भविष्य में बेहतर करने के लिए खुद को मांफ करके आगे बढ़ें।
दूसरों के रिएक्शन को समझें
जब आप माफी मांगते हैं, तो दूसरों के रिएक्शन पर ध्यान दें। यदि वे आपकी माफी को स्वीकार करते हैं, तो आगे बढ़ें, लेकिन अगर वो आपको दोषी महसूस कराते हैं, तो समझें कि वे अपनी परेशानियों को आपके जरिए बाहर निकालने की कोशिश कर रहे हैं और इसमें उनकी कोई गलती नहीं है।
अपने आत्मविश्वास को बढ़ाएं
अपने आत्मविश्वास को बढ़ाने से आप Over-Apologising की आदत को रोक सकते हैं। अपने पॉजिटिव गुणों पर फोकस करें और अपनी तारीफ करें।
प्रैक्टिस करें
ज्यादा माफी मांगने की आदत को खत्म करने के लिए प्रैक्टिस की जरूरत होती है। जब आपको लगता है कि आप माफी मांगने वाले हैं, तो रुकें और अपने आप से पूछें कि क्या ये सचमुच में जरूरी है। यदि नहीं, तो आगे बढ़ें।
मदद लें
यदि आप ज्यादा माफी मांगने की आदत से छुटकारा पाने की कोशिश कर रहे हैं, तो एक थेरेपिस्ट या काउंसलर की सहायता लें। वे आपको अपनी आदतों को समझने और उन्हें बदलने के लिए जरूरी मदद दे सकते हैं।
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूट्रिशन में कई पदों पर हो रही भर्ती
28 May, 2024 03:18 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली। आईसीएमआर नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूट्रिशन (ICMR-NIN) की ओर से टेक्निकल असिस्टेंट, टेक्नीशियन, लेबोरेटरी अटेंडेंट समेत अन्य पदों पर भर्ती निकाली गई है। इस भर्ती के लिए ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। जो भी अभ्यर्थी इस भर्ती के लिए पात्रता रखते हैं वे इसमें शामिल होने के लिए ऑनलाइन माध्यम से फॉर्म भर सकते हैं। एप्लीकेशन फॉर्म एनआईएन की ऑफिशियल वेबसाइट www.nin.res.in पर जाकर फॉर्म भर सकते हैं। आवेदन से पहले अभ्यर्थी पदानुसार पात्रता एवं मापदंड की जांच अवश्य कर लें उसके बाद ही फॉर्म भरें।
10वीं से लेकर ग्रेजुएट अभ्यर्थी तक कर सकते हैं अप्लाई
इस भर्ती में शामिल होने के लिए उम्मीदवारों ने पदानुसार किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड/ यूनिवर्सिटी से संबंधित क्षेत्र में बैचलर डिग्री (Nutrition/Food Science/
Dietetics)/ केमिस्ट्री में बैचलर डिग्री/ बीई/ बीटेक/ 12th/ 10th पास किया हो। इसके साथ ही अभ्यर्थी की आयु न्यूनतम आयु 18 वर्ष एवं अधिकतम आयु पदानुसार 25/ 28/ 30 वर्ष से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। आरक्षित श्रेणी से आने वाले उम्मीदवारों को ऊपरी आयु सीमा में नियमानुसार छूट प्रदान की जाएगी।
ICMR NIN Recruitment 2024 Application Form- डायरेक्ट लिंक
नोटिफिकेशन डाउनलोड करने के लिए यहां क्लिक करें।
आवेदन कैसे करें
इस भर्ती में आवेदन करने के लिए आपको सबसे पहले आधिकारिक वेबसाइट www.nin.res.in पर जाना है।
वेबसाइट के होम पेज पर आपको करियर लिंक पर क्लिक करना है।
अब आपको यहां Application Link पर क्लिक करके आगे बढ़ना है।
अब आपको स्टेप 1 में रजिस्ट्रेशन करना होगा।
स्टेप्स 2 में आवेदन पत्र भरकर पूरा करें।
अब आपको स्टेप 3 में फीस पेमेंट करना है।
इसके बाद अंत में स्टेप 4 में आवेदन पत्र का प्रिंट निकलना है।
कितना लगेगा शुल्क
इस भर्ती में आवेदन के साथ अन्य सभी श्रेणियों के उम्मीदवारों को 1200 रुपये के साथ ट्रांजैक्शन फीस एवं एससी/ एसटी/ एक्स सर्विसमैन और महिला उम्मीदवारों को 1000 रुपये एवं ट्रांजैक्शन फीस जमा करनी होगी। पीडब्ल्यूबीडी श्रेणी से आने वाले अभ्यर्थी इस भर्ती में शामिल होने के लिए निशुल्क आवेदन कर सकते हैं।
राम मनोहर लोहिया अस्पताल में जूनियर रेजिडेंट पदों पर आवेदन शुरू
25 May, 2024 04:23 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली। मेडिकल क्षेत्र में सरकारी नौकरी की तलाश कर रहे उम्मीदवारों के लिए बड़ी खबर है। राम मनोहर लोहिया अस्पताल (RMLH) में जूनियर रेजिडेंट के रिक्त पदों पर भर्ती निकाली गई है। इस भर्ती के लिए ऑनलाइन एप्लीकेशन प्रॉसेस शुरू हो चुकी है जो निर्धारित अंतिम तिथि 5 जून 2024 तक जारी रहेगी। इस भर्ती के लिए एप्लीकेशन फॉर्म ऑफलाइन माध्यम से निर्धारित पते पर जमा किया जा सकता है। आवेदन से पहले अभ्यर्थी इस भर्ती लिए पात्रता एवं मापदंड की जानकारी अवश्य चेक कर लें।
कहां जमा करना होगा होगा
उम्मीदवारों को इस भर्ती में आवेदन पत्र ऑफलाइन माध्यम से 5 जून दोपहर 3 बजे तक जमा करना होगा। फॉर्म "सेंट्रल डायरी और डिस्पैच सेक्शन, गेट नंबर 3 के पास, एबीवीआईएमएस और डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल, नई दिल्ली-110001" के पते पर जमा करना होगा। आवेदन के साथ ही अभ्यर्थियों को NEFT/ RTGS के माध्यम से शुल्क भी जमा करना होगा। आवेदन शुल्क अनरिजर्व एवं ओबीसी वर्ग के लिए 800 रुपये जमा करना होगा। ईडब्ल्यूएस, एससी, एसटी एवं पीडब्ल्यूडी वर्ग से आने वाले अभ्यर्थी इस भर्ती में शामिल होने के लिए निशुल्क आवेदन कर सकते हैं।
पात्रता एवं मापदंड
इस भर्ती में आवेदन के लिए अभ्यर्थी का संबंधित डिसिप्लिन में एमीबीएस उत्तीर्ण होना आवश्यक है। इसके साथ ही अभ्यर्थी की अधिकतम आयु 30 साल से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। आरक्षित वर्ग से आने वाले उम्मीदवारों को ऊपरी आयु सीमा में नियमानुसार छूट प्रदान की जाएगी। आयु की गणना 5 जून 2024 के अनुसार की जाएगी।
7 जुलाई को आयोजित होगी परीक्षा
इस भर्ती के लिए आवेदन करने वाले उम्मीदवारों के एडमिट कार्ड 28 जून को जारी कर दिए जाएंगे। परीक्षा का आयोजन 7 जुलाई 2024 को निर्धारित परीक्षा केंद्र पर करवाया जाएगा। एग्जाम सपन्न होने के 3 दिनों के अंदर अभ्यर्थियों का रिजल्ट जारी कर दिया जाएगा।
Career Option after 12th Arts: आर्ट्स से 12वीं हैं उत्तीर्ण तो ऑप्शन की भरमार, इन क्षेत्रों में कर सकते हैं भविष्य का निर्माण
16 May, 2024 03:11 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली। देशभर में रिजल्ट जारी होने का सिलसिला शुरू हो चुका है। 12th उत्तीर्ण करने के साथ ही स्टूडेंट्स और उनके माता-पिता के मन में सबसे बड़ा सवाल यही रहता है कि किस क्षेत्र में करियर को दिशा दी जाए। उसमें भी अगर स्टूडेंट्स आर्ट्स स्ट्रीम से 12वीं उत्तीर्ण करने जा रहा है तो बेहतर करियर के लिए स्टूडेंट्स और भी परेशान होते हैं। लेकिन हम आपको बता दें कि आर्ट्स स्ट्रीम से 12th उत्तीर्ण करने वाले स्टूडेंट्स के पास अन्य क्षेत्रों के मुकाबले बेहतर भविष्य निर्माण के लिए अधिक अवसर मौजूद हैं। ऐसे छात्र टीचिंग, लॉ, मेडिकल, मैनेजमेंट, पत्रकारिता सहित अन्य क्षेत्रों में करियर बना सकते हैं।
12th के बाद टीचिंग के लिए करें ये कोर्स
अगर आपका रुझान टीचिंग क्षेत्र में हैं तो आप 12th के बाद 4 वर्षीय बीए बीएड, बीएससी बीएड, बीएलएड, डीएलएड पाठ्यक्रमों में प्रवेश लेकर आगे बढ़ सकते हैं। इसके अलावा आप आर्ट्स से बीए करने के बाद उच्च शिक्षा प्राप्त करके असिस्टेंट प्रोफेसर पद के लिए भी ट्राई कर सकते हैं।
लॉ या बिजनेस मैनेजमेंट में भी बना सकते हैं भविष्य
अगर आप आर्ट्स स्ट्रीम से बारहवीं उत्तीर्ण करने जा रहे हैं तो आपके लिए लॉ क्षेत्र में भी करियर बनाने का मौका है। इसके लिए अब 12th के तुरंत बाद 5 वर्षीय इंटीग्रेटेड पाठ्यक्रम बीए-एलएलबी में एडमिशन ले सकते हैं। इसके आलावा आप लॉ में करियर बनाने के लिए पहले बीए कर सकते हैं और उसके एलएलबी पाठ्यक्रम में प्रवेश ले सकते हैं। लॉ के अलावा आप मैनेजमेंट क्षेत्र में बीबीए (बैचलर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन), बीएमएस (बैचलर ऑफ बिजनेस स्टडीज), बीएचएम (बैचलर ऑफ होटल मैनेजमेंट), रिटेल मैनेजमेंट (डिप्लोमा) जैसे पाठ्यक्रमों में भी प्रवेश ले सकते हैं।
पत्रकारिता के क्षेत्र में भी बना सकते हैं भविष्य
अगर आपका रुचि न्यूज लेखन, रिपोर्टिंग, एंकरिंग, कंटेंट राइटिंग में है तो आप पत्रकारिता का कोर्स कर सकते हैं। इसमें डिग्री एवं डिप्लोमा दोनों ही तरीके के कोर्स उपलब्ध हैं। 12th के बाद आप बीजेएमसी (बैचलर ऑफ जर्नलिज्म एन्ड मास कम्युनिकेशन) कर सकते हैं। बीजेएमसी के बाद आप उच्च शिक्षा के लिए एमजेएमसी (मास्टर ऑफ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन) की डिग्री भी प्राप्त कर सकते हैं। इसके अलावा आप इस क्षेत्र में डिप्लोमा कोर्स भी कर सकते हैं।