अजब-गजब (ऑर्काइव)
शव को जलाने में लगते है लगभग 2-3 घंटे
25 Oct, 2023 04:50 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । क्या आपको पता है कि मनुष्य के अंतिम संस्कार के वक्त शरीर का एक हिस्सा ऐसा भी है, जो कभी नहीं जलता। आखिर इसके पीछे वजह क्या है, आइए जानते हैं। साइंटिस्ट ने कुछ साल पहले एक रिसर्च की। दाह संस्कार के दौरान शरीर में किस तरह के बदलाव होते हैं, उसके बारे में जानने की कोशिश की। पाया कि 670 और 810 डिग्री सेल्सियस के बीच तापमान हो तो शरीर सिर्फ 10 मिनट में पिघलने लगता है। 20 मिनट के बाद ललाट की हड्डी नरम टिश्यू से मुक्त हो जाती है। टेबुला एक्सटर्ना यानी कपाल गुहा की पतली दीवार में दरारें आने लगती हैं। 30 मिनट में पूरी त्वचा जल गई और शरीर के हिस्से नजर आने लगे। दाह संस्कार शुरू होने के 40 मिनट बाद आंतरिक अंग गंभीर रूप से सिकुड़ गए और जाल जैसी या स्पंज जैसी संरचना दिखाई दी। लगभग 50 मिनट बाद हाथ-पैर कुछ हद तक नष्ट हो गए और केवल धड़ बचा जो 1-डेढ़ घंटे के बाद टूटकर अलग हो गया। मानव शरीर को पूरी तरह से जलाने में लगभग 2-3 घंटे का समय लगता है। लेकिन एक हिस्सा फिर नहीं जलता।
मरने के बाद जब किसी के शरीर को जलाया जाता है तो सिर्फ दांत ही बचते हैं। यही वह हिस्सा है, जिसे आप आसानी से पहचान सकते हैं। बाकी का हिस्सा एक तरह से राख हो जाता है। दांतों के न जलने के पीछे साइंस है। दांत कैल्शियम फॉस्फेट से बने होते हैं और इस वजह से उनमें आग नहीं लगती। आग में भी न जलने का कारण इनकी संरचना ही है। चिता की आग में दांत के सबसे नरम ऊत्तक जल जाते हैं, जबकि सबसे कठोर ऊत्तक यानी तामचीनी बच जाते हैं। कुछ हड्डियां भी कम तापमान में नहीं जल पातीं। दरअसल, शरीर की सारी हड्डियों को जलाने के लिए 1292 डिग्री फ़ारेनहाइट के अत्यंत उच्च तापमान की आवश्यकता होती है।
इस तापमान पर भी कैल्शियम फॉस्फेट पूरी तरह से राख में नहीं बदलेगा। कुछ लोगों का दवा है कि नाखून भी आग में नहीं जलते। साइंटिफटिक तौर पर इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है। मालूम हो कि मानव के शव को हिंदु रीति के अनुसार अंतिम संस्कार के वक्त जब आग लगाई जाती है तो कुछ घंटों में शरीर का एक- एक हिस्सा जलकर राख हो जाता है। ज्यादातर हड्डियां भी राख में बदल जाती हैं। कुछ बच जाती हैं, जिन्हें हम नदियों में विसर्जित करने के लिए चुनकर ले आते हैं।
सुदामा/ईएमएस 25 अक्टूबर 2023
मरने के बाद लोगों ने बताया अपना 'नियर डेथ एक्सपीरियंस', 5000 मरीजों पर रिसर्च करने वाले डॉक्टर ने खोला 'राज'
1 Sep, 2023 11:48 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
After death experience: मरने के बाद इंसान की आत्मा के साथ क्या होता है वह कहां चला जाता है इसका आज तक रहस्य बना हुआ है। लेकिन डॉक्टर जेफरी लॉन्ग ने 'मृत हुए एक शख्स ने बेहद चौंका देने वाले खुलासे किए है। लॉन्ग ने यह दावा भी किया है कि उन्होंने इस तरह के 5000 से ज्यादा केस पर रिसर्च की है। नियर डेथ एक्सपीरियंस में व्यक्ति की चेतना उसके शरीर से अलग हो जाती है। ऐसी स्थिति में व्यक्ति यह सुन और देख सकता है कि उसके आसपास क्या हो रहा है। कुछ लोगों ने यह भी कहा कि वे दूसरे लोक में चले गए थे, जहां उनका स्वागत उनके ही मृत प्रियजनों ने किया। इस दौरान काफी शांति औक प्रेम जैसी भावना महसूस होती है। उन्हें ऐसा लगता है कि जैसे मौत के बाद मिलने वाला घर ही उनका असली घर है।
'नियर डेथ एक्सपीरियंस' से जुड़े कई राज खोले
क्या मौत के बाद भी कोई जिंदगी होती है? यह सवाल कभी न कभी तो हर किसी के मन में आता है। ज्यादातर लोग यह मानते हैं कि मरने के बाद इंसान के कर्मों का हिसाब होता है, जिसके बाद यह तय होता है कि उसे स्वर्ग में जाना है या नर्क में। एक डॉक्टर जेफरी लॉन्ग ने 'नियर डेथ एक्सपीरियंस' से जुड़े कई राज खोले हैं। लॉन्ग ने यह दावा भी किया है कि उन्होंने इस तरह के 5000 से ज्यादा केस पर रिसर्च की है। अपने अनुभवों के आधार पर जेफरी लॉन्ग ने कहा कि मौत के बाद भी एक जिंदगी होती है।
45 प्रतिशत मरीज NDE के दौरान मौत के बाद भी चीजें महसूस करते रहते हैं
नियर डेथ एक्सपीरियंस से जुड़े मामलों पर रिसर्च करते हुए साल 1998 में 'नियर डेथ एक्सपीरियंस रिसर्च फाउंडेशन' की स्थापना की थी। डॉ. लॉन्ग के रिसर्च से यह संकेत मिलते हैं कि नियर डेथ एक्सपीरियंस के दौरान जब कोई व्यक्ति मौत की आगोश में जाता है, तो भी वह भावनाएं महसूस करता है और दूसरों की बातचीत को सुनता है। उन्होंने एक उदाहरण देकर बताया कि एक महिला अपना शरीर छोड़ चुकी थी, तो भी वह बहुत कुछ महसूस कर रही थी। जेफरी ने बताया कि लगभग 45 प्रतिशत मरीज NDE के दौरान मौत के बाद भी चीजें महसूस करते रहते हैं, सुनते और देखते रहते हैं।
मरने के बाद काफी शांति और सुकून महसूस होता
मौत के नजदीक जाने वाले लोगों ने महसूस किया कि उन्हें मौत के बाद एक सुरंग से ले जाया जाता है। इस दौरान उन्हें एक रोशनी भी दिखाई देती है। कई लोगों ने अपने प्रिय मृत लोगों से या पालतू जानवरों से मिलने की भी बात भी कही और यह भी बताया कि मरने के बाद काफी शांति और सुकून महसूस होता है। नियर डेथ एक्सपीरियंस से जुड़े केस में वह लोग शामिल हैं, जो या तो कोमा में है या फिर क्लिनिकली डेड घोषित कर दिए गए हैं। यानी ऐसे लोगों की दिल की धड़कन रुक जाती है। लेकिन वे फिर भी सुनते, देखते और भावनाओं को महसूस करते हैं और बाकी लोगों से बातचीत करते हैं।
मौत को लेकर किसी का एक जैसा अनुभव नहीं था
डॉक्टर जेफरी लॉन्ग ने जब 'नियर डेथ एक्सपीरियंस रिसर्च फाउंडेशन' की स्थापना की थी, तब ऐसे लोगों के अनुभव इकट्ठे करने शुरू कर दिए थे, जिन्होंने नियर डेथ एक्सपीरियंस को फील किया है। उन्होंने बताया कि हर किसी का नियर डेथ एक्सपीरियंस अलग-अलग था। मौत को लेकर किसी का एक जैसा अनुभव नहीं था।
बीमारी के कारण व्यक्ति को उग आए ब्रेस्ट
26 Jul, 2023 08:15 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
वाशिंगटन । अमेरिका के एक व्यक्ति को अजीबोगरीब बीमारी है जिसके कारण उसका सीना महिलाओं की तरह बढ़ गया है और अब उसके ब्रेस्ट, महिलाओं जैसे उग आए हैं। जानकारी के मुताबिक न्यूयॉर्क सिटी के ब्रुकलिन में रहने वाले टिमॉथी बेक वर्थ पुरुष हैं, दिखने में भी पुरुष लगते हैं पर उनका सीना, किसी महिला की तरह उभरा नजर आता है। ये मोटापे की वजह से नहीं है। मोटे मर्दों के ‘मैन-बूब्स’ निकलना आम बात है, यानी सीने का लटक जाना, पर टिमॉथी के मामले में उन्हें एक अजीबोगरीब कंडीशन हो गई है जिसकी वजह से उनका सीना, महिलाओं के ब्रेस्ट जैसा हो गया है। 12 साल की उम्र में जब लड़कियों के ब्रेस्ट का साइज बढ़ने लगता है, उस वक्त टिमॉथी के ब्रेस्ट का साइज भी बढ़ना शुरू हो गया था।
उसी वक्त से वो अपने आकार को लेकर बहुत गंभीर हो गए थे। तब डॉक्टरों ने पाया कि उन्हें गीनेकोमस्टिया नाम की कंडीशन है। ये एक ऐसी स्थिति जो अक्सर यौवनावस्था के दौरान होती है और इमसें हार्मोनल असंतुलन के कारण लड़कों के स्तन सामान्य से अधिक बड़े हो जाते हैं। 34 वर्षीय टिमॉथी ने खुलासा किया कि कोई भी व्यायाम या वजन उठाने से उनके स्तन पर कोई असर नहीं पड़ता, वो वैसे ही रहते हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार टिमॉथी ने कहा- मोटे होने पर उनके ब्रेस्ट लोगों के ध्यान में और भी ज्यादा आने लगे। उन्हें ऐसा लगता था जैसे उनका शरीर ही उनका मजाक उड़ा रहा हो। पर अकेले शरीर ही उनका मजाक नहीं बनाता था, स्कूल-कॉलेज में सहपाठियों ने उनका इतना मजाक बनाया कि उन्हें लोगों के सामने शर्ट उतारने में भी शर्म आने लगी थी।
उन्होंने बताया कि 40 सी साइज की ब्रा के बराबर उनके ब्रेस्ट का साइज हो गया था। जब वो बड़े हुए तो अपने शरीर से ही टिमॉथी को नफरत होने लगी और उन्होंने सर्जरी करवाने का मन बना लिया था।पर जीवन के एक मोड़ पर उन्हें एहसास हुआ कि वो ये सब किसको दिखाने के लिए कर रहे हैं। उनका शरीर एक गिफ्ट है और उससे नफरत करना या उसे बदलना गलत है। बस तब से उन्होंने अपने शरीर को उसी प्रकार अपना लिया जैसे वो असल में है और अब उन्हें लगता है कि उनकी लव लाइफ में या उनकी जिंदगी के किसी भी आयाम में उनके ब्रेस्ट दखल नहीं देते हैं, उन्होंने उसे भी अपना लिया है। तो यही उनका निजात भी है कि उन्होंने अपनी सोच को ही बदल लिया।
बता दें कि आजकल लोग मोटापे का ऐसा शिकार हो रहे हैं कि उनका शरीर फूलने लग रहा है और बेडॉल हो जा रहा है। पेट निकल आना, जांघ और कमर का साइज बढ़ जाना आम बात है। अक्सर मोटापे की वजह से पुरुषों का सीना लटकने लगता है जो महिलाओं के ब्रेस्ट जैसा दिखाई देने लगता है। हालांकि, एक्सरसाइज करने से उसे खत्म भी किया जा सकता है।
चीन में बिना शादी के मां बन रही हैं लड़कियां, जानें वजह
25 Jul, 2023 10:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
किसी भी लड़के या लड़की के लिए शादी एक सबसे खूबसूरत पल होता है। वर्तमान समय में लड़कियां शादी से कतरा रही हैं, जिसकी वजह से सिंगल मदर्स का ट्रेंड बढ़ता जा रहा है। दुनिया के कई देशों में लड़कियां शादी नहीं करना चाह रही हैं जिनमें चीन भी शामिल है। यहां पर महिलाएं शादी नहीं करना चाहती हैं।
इस वजह से चीन में एक करोड़ 92 लाख महिलाएं सिंगल मदर हैं। चीन में बिन ब्याही मां का ट्रेंड काफी तेजी से बढ़ रहा है। चीन की एक महिला सिंगल मां बनना चाहती थी, लेकिन वह देश के मौजूदा कानूनों की वजह से ऐसा नहीं कर सकती थी। इसलिए अमेरिका और रूस जाकर आईवीएफ की मदद से दो बेटियों को जन्म दिया। महिला ने पहली बच्ची को 2017 में जन्म दिया था, जबकि दूसरी बच्ची हाल ही में हुई है। इस चीनी महिला का नाम गोविन ये है।
गोविन ये ने 29 साल की उम्र में सिंगल मां बनने का फैसला किया था। गोविन अब 35 साल की हैं और सिंगल मदर हैं। गोविन अकेली नहीं हैं, चीन में बिन ब्याही मां बनने का चलन का कफी तेजी से बढ़ रहा है। महिलाएं अब परिवार नियोजन से जुड़ों फैसलों पर अधिक नियंत्रण और मानदंडों को दोबारा परिभाषित करने पर जोर दे रही हैं।
चीन में परंपरागत पारिवारिक व्यवस्था को आदर्श माना जाता है। इसकी वजह से लोग नए चलन को लेकर असहज महसूस कर रहे हैं, लेकिन घटती जनसंख्या की वजह से चीन कमजोर पड़ता नजर आ रहा है।चीन में घटती जनसंख्या की वजह से इस मामले को लेकर राज्य अब नरम रूख अपना रहे हैं। चीन में बिन ब्याही मां बनने पर चीन के कई राज्यों और प्रांतों में सजा का दी जाती थी। इसके साथ ही जुर्माना भी लगाया जाता था।
चीन के चार प्रातों ने बीते साल शादी के बिना पैदा होने वाले बच्चों को रजिस्टर करने की इजाजत दे दी है। इसके बाद अब बाकी राज्य भी इस पर विचार कर रहे हैं। चीन में करीब एक करोड़ 92 लाख महिलाएं बिन ब्याही मां हैं। चीन में बिना शादी के मां बनने के पीछे की वजह योग्य साथी न मिलना है। इसके साथ ही जिम्मादारियों के लिए वक्त नहीं होना भी है।
ये है देश का सबसे भूतिया रेलवे स्टेशन
12 Jun, 2023 05:39 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
इंडियन रेलवे दुनिया के सबसे बड़े रेल नेटवर्क्स में से एक है। वहीं बात की जाए रेलवे स्टेशनों की, तो हमारे देश में करीब 8,500 रेलवे स्टेशन हैं। ऐसे में आज हम आपको एक ऐसे रेलवे स्टेशन के बारे में बताने जा रहे है, जो देश का सबसे भूतिया रेलवा स्टेशन माना जाता है। इस रेलवे स्टेशन पर शाम होने के बाद लोग नजर नहीं आते हैं। इतना ही नहीं अगर रात में यहां से कोई ट्रेन गुजरती है तो यात्री खिड़कियां भी बंद कर लेते हैं। लोगों का मानना है कि इस स्टेशन को देखना भी खतरे से खाली नहीं है। यही वजह है कि इस स्टेशन को देश का सबसे भुतहा रेलवे स्टेशन माना जाता है। यहां शाम 5:30 के बजे के बाद कोई भी इंसान नजर नहीं आता है। यहां पर जाने से लोग थर-थर कांपते हैं।
ये भूतिया रेलवे स्टेशन बंगाल के पुरुलिया में है, जिसका नाम बेगुनकोदर है। यह स्टेशन करीब 42 सालों तक बंद रहा, जिसके पीछे का कारण जानकर आपको हैरानी होगी। दरअसल, स्थानीय लोगों का मानना है कि इस स्टेशन पर एक लड़की का भूत है, इसलिए शाम होते ही लोग यहां जाने से थर-थर कांपते हैं। बेगुनकोदर रेलवे स्टेशन 1960 में शुरू किया गया था, लेकिन 7 साल बाद ही इसे बंद कर दिया गया। हालांकि साल 2007 में इस स्टेशन को फिर से शुरू किया गया है, लेकिन आज भी लोगों का मानना है कि यह जगह भूतों का अड्डा है।
यह स्टेशन काफी वीरान जगह पर है, आसपास की इमारतें भी काफी डरावनी लगती हैं। इस स्टेशन पर कोई प्लेटफार्म भी नहीं है। कोलकाता से 260 किलोमीटर दूर इस भूतिया स्टेशन पर केवल 12 बाई 10 फीट का एक टिकट काउंटर बना हुआ है। कहा जाता है कि संथाल जनजाति की रानी लाखन कुमारी ने इस स्टेशन को शुरू करवाया था। लाखन कुमारी ने स्टेशन बनवाने के लिए रेलवे को काफी अधिक सब्सिडी दी थी। स्टेशन शुरू होने के बाद कुछ सालों तक यहां सब ठीक-ठाक था, लेकिन फिर यहां कुछ अजीबोगरीब घटनाएं होने लगीं।
दरअसल कुछ ऐसी अफवाह थी कि इस स्टेशन पर एक ट्रेन दुर्घटना में एक लड़की की मौत हो गई थी, जिसके बाद वर्ष 1967 में बेगुनकोदर के एक रेलवे कर्मचारी ने यहां एक महिला का भूत देखने का दावा किया। लोगों ने बताया कि इस रेलवे स्टेशन की पटरियों पर एक लड़की नजर आई, जो सफेद कपड़े पहने थी।धीरे-धीरे स्टेशन के बारे में कई कहानियां प्रचलित होने लगीं। यही कारण है कि इस स्टेशन को हॉन्टेड स्टेशन के नाम से जाना जाने लगा। स्थानीय लोगों के मुताबिक, जब स्टेशन खुला तो स्टेशन मास्टर को ट्रैक पर एक महिला नजर आई। आज भी इस जगह से जुड़ी भूतों की कहानियां काफी फेमस है।
भारत की रहस्यमयी घाटी जहां से वापस आना नामुमकिन
9 Jun, 2023 01:47 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
अटलांटिक सागर में पांच लाख स्क्वायर किलोमीटर के क्षेत्र में फैले बरमूडा ट्रायंगल के बारे में तो हम जानते हैं। ट्रायंगल आकार की इस रहस्यमयी जगह पर सैकड़ों जहाज और विमान लापता हो चुके हैं। कहा जाता है कि यहां से होकर गुजरने वाले जहाज अपने आप गिर जाते हैं और समंदर में समा जाते हैं। आज तक जो भी इसके आसपास गया है वह वापस नहीं लौट सका है। हैरान करने वाली बात ये है कि आज तक इसके पीछे के कारण के बारे में भी पता नहीं लगाया जा सका है। इसी क्रम में आज हम आपको एक ऐसी ही रहस्यमयी जगह के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसे भारत का बरमूडा ट्रायंगल भी कहा जाता है। इस जगह को दूसरे बरमूडा ट्रायंगल के नाम से भी जाना जाता है। यहां से वापस लौट कर आना नामुमकिन है।
शांगरी ला घाटी
यह खतरनाक और रहस्यमयी जगह तिब्बत और अरुणाचल प्रदेश की सीमा पर मौजूद है, जिसका नाम है 'शांगरी ला घाटी'। इस घाटी के रहस्यों के बारे में आज तक पता नहीं लगाया जा सका है। बताया जाता है कि इस खतरनाक जगह पर अगर कोई जाता है तो उसका वापस लौटना नामुमकिन होता है।इस रहस्यमयी घाटी को कई लोग दूसरी दुनिया बताते हैं। तिब्बती साधक भी इसके बारे में कुछ यही मान्यता रखते हैं।
लोक कथाओं के मुताबिक, ये जगह बेहद पवित्र है, लेकिन इस बात को जांचने के लिए कोई यहां जाने की कोशिश नहीं करता है। मान्यता है कि वहां जाने के बाद वस्तु या व्यक्ति का अस्तित्व इस दुनिया से गायब हो जाता है।साहित्यकारों ने भी अपनी किताब में तिब्बत की इस रहस्यमय घाटी का विस्तार से जिक्र किया है। किताब में लिखा गया है कि यह एक ऐसी जगह है जहां कोई गलती से भी चला जाए तो उसका वापस लौटना लगभग नामुमकिन होता है। माना जाता है कि इस घाटी पर समय रुक जाता है। यही कारण है कि इस घाटी के ऊपर से कोई हवाई जहाज भी नहीं गुजरता है।
तिब्बती विद्वान युत्सुंग की मानें तो इस घाटी का संबंध किसी और लोक से है। युत्सुंग खुद वहां जाने का दावा करते हैं। उन्होंने बताया कि वहां उन्हें ना सूर्य का प्रकाश मिला और ना चन्द्रमा की रौशनी। चारों ओर केवल एक अजीब सा दुधिया प्रकाश फैला था और एक अलग तरह की खामोशी पसरी थी।
दुनिया के इन देशों में नहीं हैं एक भी पेड़
2 Jun, 2023 11:16 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
पेड़-पौधे हमारे वातावरण में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। पेड़ पृथ्वी के लिए फेफड़ों की तरह काम करते हैं, जो इंसानों और दूसरे जानवरों द्वारा छोड़े गए कार्बन को सोखते हैं और हमें ऑक्सीजन देते हैं। इसके अलावा पेड़ धरती पर मिट्टी की परत बनाए रखने में भी मदद करते हैं। जिस जगह पर अधिक पेड़ होते हैं, वहां का वातावरण काफी शुद्ध होता है, साथ ही वहां के लोगों में सांस संबंधी बीमारियों का खतरा भी कम होता है।
ग्रीनलैंड - इसका नाम सुनकर ऐसा लगता है कि यह जगह ग्रीनरी से भरी यानी रही-भरी होगी। जहां हर तरफ पेड़ और घने जंगल होंगे, लेकिन असल में ऐसा नहीं है। ग्रीनलैंड में हजारों मील तक कोई पेड़ देखने को नहीं मिलता है। इसे दुनिया के सबसे बड़े आईलैंड के रूप में जाना जाता है, जहां चारों ओर ग्लेशियर ही ग्लेशियर नजर आते हैं।
कतर - सबसे बड़े गैस भंडार के लिए जाना जाने वाला ये देश सऊदी अरब और फारस की खाड़ी से घिरा हुआ है, जिसका पूरा इलाका रेगिस्तान है। यहां पर एक भी पौधा कहीं देखने को नहीं मिलता है। तेल के भंडार और मोतियों के उत्पादन की वजह से इस देश को अमीर देशों में गिना जाता है। हालांकि पौधे न होने की वजह से फल-फूल के लिए ये देश दूसरे देशों पर भी निर्भर है।
ओमान - अमीर मुस्लिम देशों में शामिल इस देश में भी आपको पेड़-पौधे देखने को नहीं मिलेंगे। दशकों पहले इस देश में वन क्षेत्र 0.01% मापा गया था, जो 1990 के बाद से 0.0% तक आ पहुंचा। ऐसे में कुछ कृषि संगठन अब यहां 2 हजार हेक्टेयर जमीन में कृत्रिम रूप से वन लगाने की शुरुआत कर चुके हैं। इसके साथ ही कुछ और जगहों पर भी यह प्रयास शुरू किया गया है।
अंटार्कटिका - इस लिस्ट में अंटार्कटिका का भी नाम है। अंटार्कटिका का 98 फीसदी हिस्सा बर्फ की मोटी चादर से ढका हुआ है। इसे दुनिया की सबसे ठंडी जगह माना जाता है। गर्मी के मौसम में भी यहां का औसत तापमान 20 डिग्री के आसपास रहता है। ऐसे में यहां दूर-दूर तक कोई पौधा नजर नहीं आता है।एक रिपोर्ट के मुताबिक बीते 12 हजार सालों में धरती पर करीब 6 खरब पेड़ों में से आधे से ज्यादा को काटा जा चुका है। काफी तेज रफ्तार से जंगल घटते जा रहे हैं। इसका एक बड़ा कारण आबादी है, जो कब्जा करती जा रही है।
अजब-गजब : हंसते-मुस्कुराते महिला ने मनाया तलाक का जश्न
19 May, 2023 04:20 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
अमेरिका के नॉर्थ कैरोलीना में एक बड़ा ही हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहां एक महिला अपने तलाक के बाद इतनी खुश हुई कि उसने अपनी वेडिंग ड्रेस ही जला दी। इतना ही नहीं, उसने इस घटना का हंसते-मुस्कुराते फोटोशूट भी करवाया।आमतौर पर शादी को जन्म-जन्मों का बंधन माना जाता है, लेकिन आज के समय में ये बंधन एक जन्म ही नहीं चल रहा, तो जन्म-जन्मों तक भला कैसे चलेगा। अब तो लोगों की शादियां महज कुछ महीनों या साल में ही टूट जा रही हैं। वैसे आमतौर पर लोग अपनी शादी टूटने के बाद दुख में रहने लगते हैं, भले ही उनकी शादी किसी भी परिस्थिति में टूटी हो, पर आजकल एक महिला चर्चा में है, जिसने अपनी शादी टूटने का जश्न मनाया।
उसने अपनी खुशी को पूरी दुनिया के सामने जाहिर किया।दरअसल, पति से अलग होने यानी तलाक के बाद महिला ने अपनी वेडिंग ड्रेस ही जला दी। इतना ही नहीं, उसने इस घटना का फोटोशूट भी करवाया। तस्वीरों में आप देख सकते हैं कि महिला अपनी तलाक का किस तरह जश्न मना रही है। वह रोना-धोना तो दूर, इतनी खुश नजर आ रही है जैसे कि उसे किसी पिंजरे से आजादी मिल गई हो।इस महिला का नाम लॉरेन ब्रुक है। न्यूयॉर्क पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, 31 वर्षीय लॉरेन की शादी साल 2012 में हुई थी, लेकिन इन 10 सालों में ही उनका रिश्ता टूट गया। खास बात ये है कि लॉरेन दो बच्चों की मां भी हैं।
सबसे हैरान करने वाली बात तो ये है कि तलाक के बाद फोटोशूट कराने में लॉरेन की मां ने भी मदद की और इस पल को लॉरेन के लिए खुशनुमा बना दिया। अमेरिका की रहने वाली लॉरेन कहती हैं कि फोटोशूट के दौरान वह जरा भी दुखी नहीं थीं, बल्कि दिनभर वह बिल्कुल खुश रहीं।लॉरेन का ये अनोखा यानी तलाक वाला फोटोशूट काफी चर्चा में है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म इंस्टाग्राम पर उनकी तस्वीरें खूब वायरल हो रही हैं, जिसमें वो अपने वेडिंग ड्रेस को उतारकर फेंकती और उसे जलाती नजर आ रही हैं। साथ ही वह शादी की तस्वीर को भी दो टुकड़ों में फाड़ देती हैं।
अजीबोगरीब शौक के लिए शख्स ने टैटू से ढका पूरा शरीर, अब दिखता है रियल लाइफ शैतान
18 May, 2023 04:17 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
दुनिया में कई लोग ऐसे हैं जो अपने अजीबोगरीब शौक के लिए जाने जाते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं। दुनिया में एक ऐसा शख्स की भी है जिसे बॉडी मॉडिफाई करके खुद को शैतान की तरह बदल लिया। सुनने में आपको ये अजीब लग रहा होगा लेकिन ये सच है।हम बात कर रहे हैं फर्नांडो फ्रेंको डी ओलिवेरा की जिन्होंने अपने पूरे शरीर को टैटू से इस कदर ढक लिया है कि भगवान का दिया रुप तो पूरी तरीके से खत्म हो चुका है। खुद को वैंम्पायर जैसा दिखाने की ऐसी सनक चढ़ी कि जीभ, सिर सबकुछ कटवा लिया।
फर्नांडो फ्रेंको डी ओलिवेरा का मन इतने से ही नहीं भरा, उनका कहना है कि अभी भी शरीर पर बहुत कुछ करना बाकी है। मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि मैंने साल 2000 से अपने शरीर पर टैटू बनवाना शुरू कर दिया था।फर्नांडो फ्रेंको डी खुद को वैंम्पायर जैसा दिखाने के लिए पहले अपनी आंखों में टैटू गुदवाया। इसके अलावा अपनी नाक कटवाई और वैम्पायर जैसा दिखने उनके जैसे दांत भी लगवाए।आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इनको इंस्टाग्राम पर 87 हजार से ज्यादा लोग फॉलो करते हैं। इनको पहली बार कोई देखता है तो बुरी तरीक से डर जाता है।
दुनिया की खतरनाक मुर्सी जनजाति के लोग शौक में इंसानों की करते हैं हत्या
17 May, 2023 05:04 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
दुनिया के अलग-अलग देशों में कई रहस्मयी जनजातियां रहती हैं। इनका रहन-सहन, खान-पान और इनकी परंपराएं बिल्कुल अलग होती हैं। जंगलों में रहने वाली आदिवासी प्रजातियां अभी भी हजारों साल पुरानी परंपराओं का पालन करती हैं। यह जनजातियां जिन जंगलों में रहती हैं, उन पर इनका पूरा अधिकार होता है। देश की सरकार भी इन प्रजातियों के अधिकारों में दखल नहीं देती हैं।
दुनिया में मुर्सी जनजाति की आबादी करीब 10 हजार है। इस जनजाति के लोगों ने सैकड़ों लोगों को मार दिया है। अगर कोई इनकी अनुमति के बिना इनके क्षेत्र और समुदाय की तरफ चला गया, तो उसे ये लोग मार देते हैं।इथियोपिया की सरकार ने इस जनजाति की हिंसक व्यवहार की वजह से इनसे संपर्क करने पर बैन लगा दिया है। अगर कोई विदेशी या राष्ट्रप्रमुख सरकारी मेहमान के तौर पर इथियोपिया में आता है और मुर्सी जनजाति को देखने की इच्छा जताता है, तो सरकार उसे आर्म्ड गार्ड के सुरक्षा घेरे में जनजातीय क्षेत्र का दौरा कराती है ताकि उन पर किसी तरह का हमला न किया जाए।
दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में पाई जाने वाली जनजातियों में कुछ बेहद खतरनाक होती हैं। इथियोपिया की खूंखार मुर्सी जनजाति भी इन्हीं में से एक है। इथियोपिया की खूंखार मुर्सी जनजाति में किसी की हत्या करना मर्दानगी की निशानी माना जाता है। दक्षिण इथियोपिया और सूडान सीमा की ओमान घाटी में मुर्सी जनजाति रहती है। सबसे हैरानी वाली बात यह है कि इस जनजाति के लोग अपनी शौक के लिए किसी की भी जान ले लेते हैं।
क्यों माना जाता है खतरनाक
इस खूंखार मुर्सी जनजाति के लोग ऐसे-ऐसे हथियार रखते हैं, जिससे किसी की पल भर में हत्या कर सकते हैं। इसकी वजह से इस जनजाति को बेहद खतरनाक माना जाता है। इस जनजाति के लोगों का मानना है कि किसी को मारे बिना जिंदा रहने से अच्छा मर जाना है।
अजीबोगरीब परंपरा की होती है चर्चा
इस जनजाति की अजीबोगरीब परंपराओं के लिए भी दुनियाभर में चर्चा होती है। इस जनजाति की महिलाओं को बुरी नजर से बचाने के लिए बदसूरत बनाया जाता है। इसके लिए उनके निचले होंठ में बॉडी मॉडिफिकेशन प्रक्रिया के जरिए लकड़ी या मिट्टी की डिस्क पहनाई जाती है। जनजाति के लोगों का मानना है कि इससे महिलाओं की सुंदरता कम हो जाती है और वह आकर्षक नहीं लगती हैं।
Ajab-Gajab: मंदिर में प्रवेश से पहले क्यों बजाई जाती है घंटी?..
14 Mar, 2023 10:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
Ajab-Gajab: पूजा अर्चना करने के लिए सभी लोग मंदिर जाते हैं। आपने देखा होगा कि मंदिरों के दरवाजों पर घंटियां बांधी गई होती हैं। आमतौर पर लोग मंदिर के अंदर जाने से पहले घंटियां जरूर बजाते हैं। इसके बाद ही भगवान की पूजा और दर्शन करते हैं। हिंदू धर्म में मंदिरों के बाहर घंटी बांधने की परंपरा सदियों पुरानी है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि आखिर मंदिर में जाने से पहले घंटी क्यों बजाई जाती हैं? इसके पीछे की वजह वैज्ञानिक और बेहद खास है।
जब सुबह-शाम मंदिरों में पूजा और आरती होती है तो एक विशेष लय और धुन में छोटी-बड़ी घंटियां बजाई जाती हैं। मान्यता है कि घंटी बजाने से मंदिर में स्थापित देवी-देवताओं की मूर्तियों में चेतना जागृत होती है। इसके बाद उनकी पूजा और आराधना ज्यादा फलदायक और प्रभावशाली होती है।पुराणों में बताया गया है कि मंदिर में घंटी बजाने से इंसानों के कई जन्मों के पाप नष्ट हो जाते हैं। कहा जाता है कि जब सृष्टि की शुरुआत हुई थी, तब जो नाद (आवाज) गूंजी थी, वही आवाज घंटी बजाने पर भी आती है। घंटी को उसी नाद का प्रतीक माना जाता है।
माना जाता है कि मंदिरों के बाहर लगी घंटियां व घंटे काल का प्रतीक हैं। यह भी माना जाता है कि जब धरती पर प्रलय आएगा, उस समय भी घंटी बजाने जैसा ही नाद वातावरण में सुनाई देगा। मंदिर में घंटी लगाए जाने के पीछे सिर्फ धार्मिक ही नहीं, बल्कि वैज्ञानिक वजह भी हैं।वैज्ञानिकों का कहना है कि जब घंटी बजती है तो वातावरण में कंपन पैदा होता है और यह वायुमंडल की वजह से काफी दूर तक जाता है। इस कंपन से यह फायदा होता है कि इसकी सीमा के अंदर आने वाले सभी जीवाणु, विषाणु और सूक्ष्म जीव आदि खत्म हो जाते हैं।
इससे मंदिर और उसके आसपास का वातावरण शुद्ध हो जाता है।कहा जाता है कि घंटी बजने की आवाज जिन जगहों पर नियमित आती है, उस जगह का वातावरण हमेशा शुद्ध और पवित्र रहता है। यह भी मान्यता है कि घंटी बजाने से नकारात्मक शक्तियां दूर होती हैं। इससे लोगों के समृद्धि के द्वार खुलते हैं।
गहरे समुद्र से मिला अजीबोगरीब ट्रांसपैरेंट जीव, देखा जा सकता है शरीर के आर-पार..
2 Jan, 2023 02:40 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
समुद्र की गहराई में ऐसे रहस्य हैं, जिनके बारे में जानकर अक्सर लोगों को हैरानी होती रहती है। सैकड़ों मील नीचे की गहराई में कई ऐसे जीव देखने को मिलते हैं जिसे पहले कभी नहीं देखा गया है। हाल ही में, एक ऐसा जीव देखने को मिला जो पूरी तरह से ट्रांसपैरेंट यानी कि शरीर के आर-पार देखा जा सकता है। इस जीव को देखकर लोग सोच में पड़ गए। समुद्र उन अजूबों में से एक है जिसके बारे में जितना जानेंगे, उतना ही कम लगेगा। समुद्र की गहराई में रहने वाली कई अज्ञात प्रजातियों के बारे में लोगों ने बेहद ही कम सुना है। समुद्र की गहराई में पाए जाने वाले एक जीव का वीडियो वायरल हुआ है।
ट्विटर पर @Rainmaker1973 नाम के अकाउंट वाले एक ट्विटर अकाउंट ने एक वीडियो पोस्ट किया, जिसमें आप एक ऐसे जीव को देख सकते हैं जो कि ट्रांसपैरेंट है। स्मिथसोनियन वेबसाइट के अनुसार, यह एक झींगा मछली की प्रजाति हो सकती है। यूजर द्वारा पोस्ट किए गए वीडियो में आप इस जीव को इसके नारंगी रंग के अंडों के साथ देख सकते हैं। इस वीडियो को पहली बार 2017 में समुद्र के रिसर्चर अलेजांद्रो डेमियन-सेरानो ने शूट किया था।
शख्स ने अपने कैप्शन में लिखा, "सिस्टिसोमा एक क्रस्टेशियन है जो समुद्र में 600-1000 मीटर गहरे के बीच रहता है। इसका शरीर पूरी तरह से पारदर्शी है केवल इसकी आंखें दिखाई दे रही हैं। इसके भीतरी हिस्से में नारंगी रंग के अंडे भी देखे जा सकते हैं।" कहने की जरूरत नहीं कि यह वीडियो ट्विटर पर वायरल हो गया। अब तक, वीडियो को हजारों लाइक्स और कमेंट्स के साथ 12 मिलियन से अधिक बार देखा जा चुका है। कई लोगों ने ट्विटर यूजर को इसे वापस समुद्र में डालने के लिए कहा।
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