राजनीति
दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजे 8 फरवरी को आएंगे
7 Feb, 2025 11:27 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजे 8 फरवरी को आएंगे। ऐसे में चुनावी नतीजों के पहले तमाम एग्जिट पोल में बीजेपी को बहुमत मिलता दिखाई दे रहा है। ऐसे में अगर आम आदमी पार्टी चुनाव जीतती है तो ये उसकी लगातार चौथी बार जीत होगी, वहीं अगर बीजेपी जीतती है तो उसका दिल्ली में सालों का वनवास खत्म हो जाएगा। दिल्ली विधानसभा चुनाव के फाइनल नतीजे आठ फरवरी को आएंगे। सूबे की 70 सीट पर बुधवार को 60.44 फीसदी वोटिंग हुई है और 699 प्रत्याशियों की किस्मत ईवीएम मशीन में कैद हो चुकी है। दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर आए ज्यादतर एग्जिट पोल में बीजेपी को बहुमत को बहुमत मिलता दिखाया गया है तो कुछ सर्वे आम आदमी पार्टी सरकार बनाती दिख रहे हैं। ऐसे में दिल्ली के सत्ता की असल तस्वीर शनिवार को नतीजे से साफ होगी। दिल्ली में वोटिंग खत्म होने के बाद से अब सभी की निगाहें इस बात पर लगी हैं कि दिल्ली में अबकि बार किसकी सरकार बनेगी। क्या दिल्ली की सत्ता में आम आदमी पार्टी का वर्चस्व बरकार रहेगा या फिर बीजेपी 27 साल के बाद सत्ता में वापसी करेगी। दिल्ली का चुनाव सिर्फ प्रदेश की सत्ता को नहीं तय करेगा बल्कि उसके सियासी इम्पैक्ट भी पढ़ेगा। बीजेपी और आम आदमी पार्टी के जीत और हार के अपने-अपने सियासी मायने हैं। दिल्ली में आम आदमी पार्टी इस बार भी विधानसभा चुनाव जीतने में कामयाब रहती है तो दिल्ली में लगातार चौथी बार सरकार बनाने का इतिहास रच देगी। इस जीत का असर दिल्ली की सियासत पर ही नहीं बल्कि देश की राजनीति पर भी पड़ेगा। अरविंद केजरीवाल के सियासी कद में जबरदस्त इजाफा होगा और विपक्ष के सबसे बड़े नेता के तौर पर बन जाएगा, जो लगातार तीसरी बार विधानसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी के चेहरे पर दिल्ली में बीजेपी को हराने वाले नेता की। इस बात का प्रचार अरविंद केजरीवाल देशभर में करेंगे। दिल्ली में आम आदमी पार्टी जीत का चौका लगाते ही अरविंद केजरीवाल को अपनी पार्टी को राष्ट्रीय स्तर पर विस्तार करने के मकसद को मजबूती मिलेगी। गुजरात, पंजाब, दिल्ली के बाद केजरीवाल दूसरे राज्यों में अपने सियासी पैर पसारते नजर आ रहे हैं। इंडिया ब्लॉक के भीतर गैर कांग्रेसी दल फिर केजरीवाल के पक्ष में और मजबूती से जुड़ेंगे, जिसके चलते कांग्रेस के लिए अपनी सियासी जमीन बचाए रखना और भी मुश्किल हो जाएगा। दिल्ली में अगर आम आदमी पार्टी चुनाव जीतने में सफल नहीं रहती तो सिर्फ सत्ता ही बेदखल नहीं होगी बल्कि, केजरीवाल के लिए अपनी सियासत को बचाए रखना मुश्किल हो जाएगा। इसका असर यह है कि दिल्ली के विकास म़ॉडल को पूरे देश में केजरीवाल सर्वश्रेष्ठ बताते रहे हैं, उसी दिल्ली में अगर आम आदमी पार्टी की हार जाती है तो उनके विकास मॉडल पर भी सवाल खड़े होने लगेंगे। इस तरह केजरीवाल की राजनीति जिस विकास मॉडल पर खड़ी हुई है, वो विपक्ष के सवालिया निशाने पर आ जाएगी। दिल्ली की हार मिलती है तो केजरीवाल के लिए एक बड़ा व्यक्तिगत झटका होगा, जिससे राजनीति में उनके भविष्य को लेकर सवाल उठ सकते हैं। दिल्ली का असर पंजाब की सियासत पर भी पड़ेगा। इसके अलावा राष्ट्रीय स्तर पर पार्टी के विस्तार को लेकर अरविंद केजरीवाल की योजना को झटका लगेगा। इंडिया गठबंधन के जो दल कांग्रेस के बजाय आम आदमी पार्टी के साथ खड़े थे, वो फिर से दूरी बनाते नजर आएंगे।
राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर हुई चर्चा का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जोरदार जवाब दिया
7 Feb, 2025 10:18 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । राज्यसभा में गुरुवार को राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जोरदार जवाब दिया। इस मौके पर पीएम मोदी ने हाल ही में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश बजट का जिक्र किया। पीएम मोदी ने राज्यसभा को संबोधित कर कहा कि यह बजट हमारे समाज के गरीब लोगों के हित में है। इसके अलावा, उन्होंने कहा कि हमने अपने देश की सीमाओं पर बसे गांवों के प्रति अपना नजरिया बदला। पीएम मोदी ने कहा कि इस वर्ष के बजट में हमारी सरकार ने समाज के कई छोटे-छोटे क्षेत्रों को छुआ है, जैसे चमड़ा और फुटवियर कारोबार इसमें शामिल है। इससे हमारे समाज के गरीब लोगों को लाभ होगा। उदाहरण के लिए, खिलौना उद्योग में ज्यादातर गरीबों को रोजगार मिलता है। इससे बहुत बड़ा बदलाव आया है। पहले हम खिलौने आयात करते थे, लेकिन आज हम तीन गुना खिलौने निर्यात करने की स्थिति में हैं।
उन्होंने कहा कि देश भर में कई क्षेत्रों में पहले बहुत ज्यादा विकास नहीं हुआ था। दशकों तक हमारी सीमाओं पर बसे गांवों की अनदेखी हुई। हमारी सरकार ने उनके प्रति अपना नजरिया बदला। पीएम मोदी ने कहा कि हमारी सरकार ने उन्हें पहले गांव के रूप में पहचाना और उनके विकास पर विशेष ध्यान दिया। हमारे पिछले कार्यकाल के दौरान कैबिनेट मंत्रियों को इन गांवों में भेजा गया और वे वहां कई दिनों तक रुकें और उनकी समस्याओं को समझें और उनका समाधान किया।
यूसीसी का जिक्र कर पीएम मोदी ने कहा कि हम अपने संविधान निर्माताओं से प्रेरणा लेकर आगे बढ़ रहे हैं। जो लोग समान नागरिक संहिता पर सवाल उठा रहे हैं, उन्हें समझना चाहिए कि हम सिर्फ अपने संविधान निर्माताओं के बताए रास्ते पर चल रहे हैं। कांग्रेस ने हमारे संविधान के काम और भावनाओं को नष्ट किया है।
इस मौके पर लता मंगेशकर, बलराज साहनी को याद कर पीएम मोदी ने कहा कि साहनी जैसे प्रसिद्ध अभिनेता और कवियों को सिर्फ इसलिए जेल में डाल दिया गया क्योंकि उन्होंने कांग्रेस सरकारों का विरोध किया था। उन्होंने कहा कि लता के भाई हृदयनाथ मंगेशकर ने वीर सावरकर पर एक कविता लिखी थी और उस कविता को आकाशवाणी पर गाना चाहते थे। उन्हें आकाशवाणी से आजीवन प्रतिबंधित किया गया। जवाहरलाल नेहरू प्रधानमंत्री थे और मुंबई में मजदूरों की एक हड़ताल हुई थी। उसमें मशहूर गीतकार मजरूह सुल्तानपुरी ने एक गीत गाया था। इस पर नेहरू जी ने सुल्तानपुरी को जेल में ठूंस दिया था।
उन्होंने कहा कि देश ने इमरजेंसी का भी दौर देखा है। अभिनेता देवानंद से आग्रह किया गया कि वे इमरजेंसी का समर्थन करें, लेकिन उन्होंने साफ-साफ इंकार कर दिया। इसलिए दूरदर्शन पर देवानंद की सभी फिल्मों को प्रतिबंधित किया गया। ये संविधान की बातें करने वाले लोगों ने सालों से उस संविधान को अपनी जेब में रखा है। किशोर कुमार ने कांग्रेस के लिए गाना गाने से मना किया, इस एक गुनाह के लिए आकाशवाणी पर उनके गानों को बैन किया गया। आपातकाल में जॉर्ज फर्नांडीस सहित देश के महानुभावों को हथकड़ियां पहनाई गई थी, जंजीरें पहनाई गई थीं। देश के गणमान्य लोगों को जंजीरों से बांधा गया था। उनके मुंह से संविधान शब्द शोभा नहीं देता है। शाही परिवार के अहंकार के लिए देश को जेलखाना बना दिया गया। जिसने निकलने के लिए बहुत लंबा संघर्ष चला।
कांग्रेस रंग बदलने में माहिर
7 Feb, 2025 09:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राज्यसभा में धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब दे रहे हैं। उन्होंने कहा, राष्ट्रपति ने विस्तार से चर्चा की है, देश को आगे की दिशा भी दिखाई है। राष्ट्रपति जी का अभिभाषण प्रेरक भी था, प्रभावी भी था और हम सबके लिए भविष्य के काम पर मार्गदर्शक भी था। इसे जिसने जैसा समझा, वैसे समझाया। उन्होंने कहा कि सबका साथ, सबका विकास पर यहां बहुत कुछ कहा गया। इसमें कठिनाई क्या है। ये तो हम सबका दायित्व है। जहां तक कांग्रेस का सवाल है, उनसे इसके लिए कोई अपेक्षा करना बहुत बड़ी गलती हो जाएगी। ये उनकी सोच, समझ के बाहर है और रोडमैप में भी सूट नहीं करता। इतना बड़ा दल एक परिवार के लिए समर्पित हो गया है। उसके लिए ये संभव ही नहीं है।
मोदी ने कहा कि कांग्रेस के मॉडल में फैमिली फस्र्ट सर्वोपरि रहा है। देश की जनता ने हमें तीसरी बार लगातार सेवा का मौका दिया। ये बताता है कि देश की जनता ने हमारे विकास के मॉडल को परखा है, समझा है और समर्थन दिया है। हमारा ये मॉडल एक शब्द में कहना हो तो कहूंगा- नेशन फस्र्ट। इसी उम्दा भावना के साथ वाणी-वर्तन, नीतियों में इसी एक बात को मानदंड मानकर सेवा करने का प्रयास किया है।
आदिवासी समाज के लिए पीएम जनमन योजना बनाई
कुछ समूह ऐसे हैं, जिनकी संख्या कम है। जो बिखरे हुए हैं। राष्ट्रपति से उनको विकास का गाइडेंस मिला। आदिवासी समाज में वंचित लोगों के लिए पीएम जनमन योजना बनाई, जिससे उनका विकास हो।
जिसको किसी ने नहीं पूछा, उसको मोदी पूजता है
गरीब, वंचित का कल्याण यह हमारी प्राथमिकता है। इस बार के बजट में हमने लैदर फुटवियर इंडस्ट्री को लाभ दिया है। इसका लाभ गरीब और वंचित समाज को मिलेगा। समाज के इस वर्ग के लोग ही टॉयज बनाते हैं, हमने उनको मदद की। आज हमारे टॉयज एक्सपोर्ट हो रहे हैं। इसका लाभ वंचितों को मिल रहा है। मछुआरा समुदाय के लिए अलग मिनिस्ट्री बनाई। साथ ही उनके लिए किसान क्रेडिट कार्ड के फायदे दिए। 40 हजार करोड़ रुपए से फिशरीज सेक्टर को बल दिया है। इससे हमारा मछली उत्पादन और एक्सपोर्ट दो गुना हुआ है। इसका लाभ मछुआरा समाज को हुआ है।
हमने बाबा साहेब की सोच को आगे बढ़ाया
एससी-एसटी समुदाय की आर्थिक लाचारी बाबा साहेब समाप्त करना चाहते थे। कांग्रेस ने उसे गहरा संकट बना दिया। 2014 में हमारी सरकार ने इस सोच को बदला। हमने स्किल डेवलपमेंट, इंडस्ट्रियल ग्रोथ पर जोर दिया। विश्वकर्मा योजना बनाकर पारंपरिक काम करने वालों की पहली बार चिंता की। हमने उन्हें ट्रेनिंग दिया, औजार दिया, डिजाइनिंग में मदद, आर्थिक सहायता और बाजार उपलब्ध कराया। हमने मुद्रा योजना से जिन लोगों को पहली बार उद्यम में आना था। उन्हें हमने बिना गारंटी का लोन दिया। स्टैंडअप योजना में 1 करोड़ रूपए का बिना गांरटी का लोन दिया। इसे बजट में डबल किया। इससे वंचित समाज को लाभ मिला।
कांग्रेस को मजबूरन जय भीम बोलना पड़ता है
इतिहास की ओर थोड़ी नजर डालें तो बाबा साहेब अंबेडकर के साथ कांग्रेस को कितनी नफरत रही थी, उनके प्रति कितना गुस्सा था, इसके सारे दस्तावेज मौजूद हैं। इस गुस्से को बाबा साहब को दो-दो बार चुनाव में पराजित करने के लिए क्या-क्या नहीं किया गया। कभी भी बाबा सहेब को भारत रत्न के योग्य नहीं समझा गया। इतना ही नहीं, इस देश के लोगों ने बाबा साहब की भावना का आदर किया। तब आज मजबूरन कांग्रेस को जय भीम बोलना पड़ रहा है, उनका मुंह सूख जाता है। कांग्रेस रंग बदलने में बड़ी माहिर है। इतनी तेजी से अपना नकाब बदल देते हैं। ये इसमें साफ-साफ नजर आ रहा है।
निर्वासितों के साथ किसी भी तरह का दुर्व्यवहार ना हो
7 Feb, 2025 08:25 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । अमेरिका से अवैध प्रवासियों के मुद्दे पर भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने संसद में जवाब दिया। जयशंकर ने राज्यसभा में कहा कि यदि कोई नागरिक विदेश में अवैध रूप से रह रहा मिलाता है, तब उस नागरिक को वापस बुलाना सभी देशों का दायित्व है। उन्होंने कहा कि हम इस बात को सुनिश्चित करने के लिए अमेरिकी सरकार से संपर्क कर रहे हैं कि निर्वासितों के साथ किसी भी तरह का दुर्व्यवहार न किया जाए। लोगों को हथकड़ी लगाने के मुद्दे पर विदेश मंत्री ने कहा कि अवैध लोगों को हथकड़ी लगाना अमेरिकी नीति में है।
विदेश मंत्री ने कहा, हम जानते हैं कि बुधवार को 104 लोग वापस आए। हमारे पास इन लोगों की सूचना थी, हम ही हैं जिन्होंने उन लोगों के राष्ट्रीयता की पुष्टि की। जयशंकर ने कहा, हमें ऐसा नहीं सोचना चाहिए कि यह कोई नया मामला है। उन्होंने कहा कि यह एक ऐसा मामला है जो पहले भी होता रहा है। उन्होंने बताया कि मोदी सरकार ने अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे वापस लौटने वाले प्रत्येक व्यक्ति (अमेरिका से निर्वासित भारतीय) के साथ बैठें और पता लगाएं कि वे अमेरिका कैसे गए, एजेंट कौन था, और हम कैसे सावधानी बरतें ताकि यह फिर से न हो। उन्होंने कहा कि साथ ही, सदन इसकी सराहना करेगा कि हमारा ध्यान अवैध आव्रजन उद्योग के खिलाफ कड़ी कार्रवाई पर होना चाहिए। उन्होंने कहा कि निर्वासितों द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर, कानून प्रवर्तन एजेंसियां एजेंटों और ऐसी एजेंसियों के खिलाफ आवश्यक, निवारक और अनुकरणीय कार्रवाई करेंगी।
जयशंकर ने बताया कि अमेरिका की ओर से निर्वासन का आयोजन और क्रियान्वयन आव्रजन और सीमा शुल्क प्रवर्तन (आईसीआई) प्राधिकरण द्वारा किया जाता है।
इसके पहले कांग्रेस सदस्य शशि थरूर ने कहा वह (पीएम मोदी) अगले हफ्ते अमेरिका की यात्रा पर जाने वाले हैं, हम निश्चित रूप से उम्मीद करते हैं कि वे अमेरिकियों को दृढ़ता से बताएंगे कि वे लोगों को वापस भेज सकते हैं, उनके पास हर कानूनी अधिकार है, लेकिन वे इसतरह का अभ्रद्र व्यवहार नहीं कर सकते। इसके पहले अमेरिका से अवैध भारतीय प्रवासियों को वापस भेजे जाने के मुद्दे पर विपक्षी दलों के सदस्यों ने लोकसभा में जोरदार नारेबाजी की।
ज्यादातर एग्जिट पोल्स में बीजेपी को स्पष्ट बहुमत मिलता दिख रहा
6 Feb, 2025 08:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । दिल्ली विधानसभा चुनाव की वोटिंग संपन्न हो चुकी है। वोटिंग के बाद कई एजेंसियों ने अपने एग्जिट पोल्स जारी किए हैं। इसमें ज्यादातर एग्जिट पोल्स में बीजेपी को स्पष्ट बहुमत मिलता दिख रहा है। आम आदमी पार्टी पहले ही इन एग्जिट पोल्स को नकार चुकी है। अब कांग्रेस का भी मानना हैं कि आप को एग्जिट पोल्स में कम आंका जा रहा है। नई दिल्ली सीट से कांग्रेस उम्मीदवार संदीप दीक्षित ने कहा कि मुझे नहीं लगता कि एग्जिट पोल्स ठीक हैं, एग्जिट पोल आप को कम आंक रहे हैं।
कांग्रेस नेता दीक्षित ने कहा, अगर एग्जिट पोल पर यकीन किया जाए, तब ठीक है कि उनकी सरकार बन रही है, लेकिन मुझे लगाता की पोल आप को कम आंक रहे हैं, मुझे नहीं लगता कि अगर रुझान वैसा ही रहा जैसा दिखाया जा रहा है, तब उनकी स्थिति इतनी खराब होगी।
बता दें कि दिल्ली चुनाव के लिए कई एजेंसियों के एग्जिट पोल के भाजपा को पूर्ण बहुमत मिलता दिख रहा है।
करीब 15 दिनों तक बंगाल में रहने का कार्यक्रम
6 Feb, 2025 07:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
कोलकाता । राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक मोहन भागवत गुरुवार से पश्चिम बंगाल के दौरे पर आ रहे है। यहां वे संगठनात्मक मुद्दों और संगठन के भविष्य पर पदाधिकारियों संग विचार मंथन करने वाले है। नेताओं ने बताया कि कोलकाता में पहले पांच दिनों के दौरान भागवत आरएसएस नेताओं और स्थानीय लोगों संग बैठक करने वाले है। संघ प्रमुख की बैठक में संगठन के ढांचे को मजबूत करने पर चर्चा होगी। 11 फरवरी को भागवत दक्षिण बंगाल के जिलों का दौरा फिर से शुरू करने से पहले एक ब्रेक लेने वाले है। आरएसएस के एक नेता ने कहा, भागवत बर्धमान सहित कई जिलों का दौरा करने वाले है। जहां 16 फरवरी को उनकी एकमात्र रैली होने की उम्मीद है। वे क्षेत्रीय आरएसएस नेताओं, स्थानीय कार्यकर्ताओं और बर्धमान और आसपास के क्षेत्रों के प्रमुख लोगों से भी मिलने वाले है। संघ प्रमुख की यात्रा देशभक्ति, आत्मनिर्भरता, पारिवारिक मूल्यों, पर्यावरण संरक्षण और परिवार-उन्मुख प्रथाओं के माध्यम से समाजीकरण जैसे मूल्यों को स्थापित करने पर केंद्रित होगी।
आरएसएस महासचिव जिष्णु बसु ने बताया कि भागवत केरल से राज्य में आएंगे। बसु ने कहा, 7-10 फरवरी तक भागवत दक्षिण बंग क्षेत्र में आरएसएस पदाधिकारियों से बातचीत करने वाले है। इसमें पूर्व-पश्चिम मेदिनीपुर, हावड़ा, कोलकाता और उत्तर-दक्षिण 24 परगना शामिल हैं। 13 फरवरी को वह मध्यबंग क्षेत्र में जाएंगे, जिसमें बांकुरा, पुरुलिया, बीरभूम, पूर्व-पश्चिम बर्धमान और नादिया जैसे क्षेत्र शामिल हैं। इसके बाद 14 फरवरी को मध्यबंग में एक नए आरएसएस कार्यालय का उद्घाटन होगा। भागवत 16 फरवरी को बर्धमान के एसएआई परिसर में आरएसएस पदाधिकारियों के एक सम्मेलन में भी भाग लेने का कार्यक्रम है।
उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन को साकार करते हुए देश आत्मनिर्भर भारत बनेगा और हर प्रचारक उस लक्ष्य को साकार करने के लिए काम करेगा। हर प्रचारक पौधों की रक्षा के लिए काम करेगा, हर प्रचारक पर्यावरण को बेहतर बनाने और आसपास की सफाई करने, दूसरों को सार्वजनिक स्थानों पर थूकने के लिए मना करने की दिशा में काम करेगा। हम इन संदेशों को लोगों तक पहुंचाने के तरीकों पर भागवत से दिशा-निर्देश मांगेंगे।
यात्रा के राजनीतिक महत्व पर बसु ने दो टूक कहा कि संघ एक राजनीतिक संगठन नहीं है। उन्होंने कहा कि यात्रा और संबंधित बैठकें, जिन्हें आरएसएस शब्दावली में प्रभास कहा जाता है, पहले से ही योजनाबद्ध थीं और उनका उद्देश्य विशेष रूप से आगामी 2026 के राज्य विधानसभा चुनावों को प्रभावित करना नहीं था।
कांग्रेस की नजर दलित वोटर पर
6 Feb, 2025 06:32 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । कांग्रेस नेता राहुल गांधी 18 जनवरी को संविधान सुरक्षा सम्मेलन में शामिल होने पटना पहुंचे थे, और अब 5 फरवरी को जगलाल चौधरी जयंती में शामिल होने पटना पहुंचे थे। दरअसल एक छोटे से अंतराल पर राहुल गांधी का बिहार बार-बार जाना इसलिए भी दिलचस्प हो गया हैं, क्योंकि दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का जो स्टैंड रहा है, बिहार चुनाव तक इंडिया ब्लॉक का मामला बहुत टिकाऊ नहीं लगता। जगलाल कांग्रेस के दलित नेता रहे हैं, और उनके नाम पर कांग्रेस का बिहार में कार्यक्रम कराना, और उसमें भी दिल्ली से पटना पहुंचकर राहुल गांधी का शामिल होना, यूं ही नहीं सकता। दरअसल साफ है कांग्रेस की नजर दलित वोटर पर है, और ये सब दलित वोट बैंक को साधने के लिए हो रहा है। ओबीसी वोट के लिए जातिगत जनगणना की मुहिम, राहुल गांधी पहले ही चला ही रहे हैं। क्योंकि राहुल गांधी की मुहिम का असर भी देखने को मिला है, अगर ऐसा नहीं होता तब संसद में ही राहुल गांधी के बयान का समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव संसद में ही जवाब क्यों देते। दिल्ली चुनाव में भी कांग्रेस का खास जोर दलित और मुस्लिम वोटर पर दिखाई दिया है।
देखने वाली बात ये हैं कि महागठबंधन में सीटों के बंटवारे में ज्यादा से ज्यादा हिस्सेदारी का मामला है, लेकिन कांग्रेस हाल फिलहाल जिस रणनीति पर चल रही है, वहां मौजूदा राजनीतिक समीकरणों से दो कदम आगे की बात लगती है। अब कांग्रेस क्षेत्रीय दलों का पिछलग्गू बनने के बजाय अपने दम पर खड़े होने की कोशिश में जुटी है। क्षेत्रीय दलों की तरफ से बार बार कांग्रेस नेतृत्व को सलाह मिलाती रहती है कि वे ड्राइविंग सीट पर काबिज होने की कोशिश छोड़ दे। ड्राइविंग सीट कांग्रेस क्षेत्रीय दलों के हवाले कर दे, लेकिन राहुल क्षेत्रीय दलों की विचारधारा को ही खारिज कर देते हैं, और कांग्रेस की बराबरी में खड़े होने ही नहीं देना चाहते। अब ऐसा लगाता है कि बिहार में भी दिल्ली की ही तरह कांग्रेस अपने दम पर लड़ेगी और तेजस्वी यादव की आरजेडी को ममता बनर्जी और अखिलेश यादव दिल्ली में आम आदमी पार्टी की तरह समर्थन दे सकते हैं। आखिर इंडिया ब्लॉक में ममता बनर्जी को लालू यादव का सपोर्ट, और राहुल गांधी का बिहार की जातिगत गणना को फर्जी करार देना कुछ न कुछ असर कमाल करेगा।
अखिलेश प्रसाद सिंह जब से बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष बने हैं, कांग्रेस के भीतर ही उनका काफी विरोध देखने में मिल रहा है। कई नेता साथियों के कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में चले जाने की तोहमत भी उनके ही माथे मढ़ रहे हैं। लेकिन, जरूरी नहीं कि ये चीजें उनके लिए नुकसानदेह भी साबित हों।
मतदाताओं ने 2025 के इस चुनाव में जमकर मतदान किया
6 Feb, 2025 04:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली। दिल्ली चुनाव में मतदान के बाद अब एक ही सवाल उठा रहा है कि आखिर मतदाताओं ने इस बार क्या खेला कर दिया है? वह भी इसलिए क्योंकि दिल्ली के मतदाताओं ने 2025 के इस चुनाव में जमकर मतदान किया है।
बता दें कि 5 फीसदी से ज्यादा बढ़ने पर सरकार बदल जाती है वहीं दिल्ली में 2003, 2008, 2013 और 2015 के विधानसभा चुनावों में वोट प्रतिशत में बढ़ोतरी देखी गई थी। 2003 में 4.43 फीसदी, 2008 में 4.1 फीसदी, 2013 में 8 फीसदी और 2015 में करीब 1.45 फीसदी की बढ़ोतरी हुई थी।
2013 छोड़ दिया जाए तो वोट प्रतिशत बढ़ने की वजह से कभी सरकार का उलटफेर नहीं हुआ। हालांकि सीटों की संख्या में जरूर कमी और बढ़ोतरी देखी गई। 2003 में 4.4 फीसदी वोट बढ़े तो सत्ताधारी कांग्रेस की सीटें 5 कम हो गई थी। 2008 में 4.1 फीसदी वोट बढ़े तो कांग्रेस की सीटों में 4 की कमी आई थी। 2013 में कांग्रेस 8 सीटों पर सिमट गई। वोट बढ़ने का सीधा फायदा बीजेपी और नई-नवेली आम आदमी पार्टी को हुआ था। 2015 में 1.45 फीसदी की बढ़ोतरी हुई तो आप की सीटें बढ़कर 67 पर पहुंच गई थी।
इस बार यानी 2025 में जिस तरीके से वोट पड़े हैं, उससे आम आदमी पार्टी की सीटों की संख्या में कमी के संकेत मिल रहे हैं। दो दिन पहले अरविंद केजरीवाल ने खुद 55 सीटों पर जीत का दावा किया था। 2020 में आप को दिल्ली की 62 सीटों पर जीत मिली थी।
अगर झारखंड और महाराष्ट्र पर नजर डाले तो यहां अलग ही गेम हुआ। दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले झारखंड और महाराष्ट्र में विधानसभा के चुनाव संपन्न हो चुके हैं। इन दोनों ही राज्यों के विधानसभा चुनाव के वोट फीसदी में बढ़ोतरी देखी गई। दिलचस्प बात है कि दोनों ही राज्यों में सत्ताधारी दल की वापसी हुई है। झारखंड में 2024 के चुनाव में 2019 के मुकाबले 3 फीसदी ज्यादा मतदान हुआ। यहां पर हेमंत सोरेन गठबंधन को 56 सीटों पर जीत हासिल हुई। 2024 में हेमंत गठबंधन के पास 47 सीटें थी।
इसी तरह महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव में करीब 4 फीसदी ज्यादा वोट पड़े। 2019 में महाराष्ट्र में 62 फीसदी वोट पड़े थे। महाराष्ट्र में ज्यादा वोट का सीधा फायदा महायुति गठबंधन को हुआ। महायुति गठबंधन को विधानसभा चुनाव में 236 सीटों पर जीत हासिल हुई। महाराष्ट्र में विधानसभा की कुल 288 सीटें हैं। दोनों ही राज्यों में सत्ताधारी सरकार की वापसी की वजह महिला वोटर्स को माना गया। दिल्ली में भी महिलाओं के लिए कई लोक-लुभावन वादे किए गए हैं। माना जा रहा है अगर इन वादों का असर होता है तो इसका सीधा फायदा सत्ताधारी आम आदमी पार्टी को होगा।
मुस्लिम बहुल इलाकों में वोटरों का क्रेज सीलमपुर और मुस्तफाबाद में सबसे ज्यादा वोट डाले गए हैं। दोनों ही सीटों पर सुबह से मतदाताओं में वोट डालने का क्रेज दिखा। सीलमपुर और मुस्तफाबाद सीट पर पिछली बार आम आदमी पार्टी को जीत मिली थी इस बार दोनों ही जगहों पर आप को तगड़ी चुनौती मिलती दिख रही है। मुस्तफाबाद सीट पर असदुद्दीन ओवैसी के उम्मीदवार ताहिर हुसैन मैदान में हैं। बीजेपी की तरफ से मोहन सिंह विष्ट चुनाव लड़ रहे हैं। आप ने यहां से पूर्व विधायक हसन अहमद के बेटे आदिल को मैदान में उतारा है। सीलमपुर में चौधरी मतीन अहमद के बेटे चौधरी जुबेर उम्मीदवार हैं। यहां से बीजेपी ने अनिल गौर और कांग्रेस ने अब्दुल रहमान को टिकट देकर मैदान में उतारा है।
संसद के बजट सत्र में अवैध प्रवासियों को भारत भेजे जाने का मामला तूल पकड़ा
6 Feb, 2025 02:27 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली। संसद के बजट सत्र का आज पांचवां दिन है और अमेरिका से अवैध प्रवासियों को भारत भेजे जाने का मामला तूल पकड़ा हुआ है। इस मामले को लेकर लोकसभा की कार्यवाही शुरू होते ही सदन में भारी हंगामा शुरू हो गया। वहीं राज्यसभा की कार्यवाही सुबह 11 बजे शुरु हुई, लेकिन हंगामे के चलते दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित भी कर दी गई। मेरिका से अवैध प्रवासी भारतीयों को सेना के विमान से वापस भारत भेजे जाने को लेकर सदन में जोरदार हंगामा हुआ है। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने हंगामा कर रहे विपक्षी सांसदों को शांत करते हुए कहा है, कि आप सभी की चिंता सरकार के ध्यान में है। उन्होंने मामले को विदेश नीति से जोड़ते हुए कहा कि यह विदेश नीति वाला मामला है, और यह दूसरे देश से जुडे विषय का मामला है। लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि भारत के संज्ञान में यह पूरा मामला है। इसी के साथ उन्होंने विपक्षी सदस्यों से प्रश्नकाल चलने देने की अपील भी की। यहां राज्यसभा की कार्यवाही सुबह 11 बजे शुरू हुई, लेकिन हंगामे के चलते कार्यवाही को दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया।
जिस पार्टी ने दिल्ली के लिए इतना कुछ किया है और आपके आशीर्वाद से ऐसा करना जारी रखेगी :सानिधि
6 Feb, 2025 12:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी और पूर्व सांसद रहे प्रवेश वर्मा ने 05 फरवरी अपने परिवार के साथ वोट किया। यहां प्रवेश वर्मा की बेटी भी वोट करने के लिए पहुंची। जब पत्रकारों ने उनसे बात की तो उन्होंने अपने पापा का पूरा प्लान और वर्तमान स्थिति पर काफी कुछ कहा। नई दिल्ली विधानसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी प्रवेश वर्मा की बेटी सानिधि ने कहा मैं पहली बार वोट करने आए युवाओं से अपील करती हूं कि वोट करते वक्त वो अपने बारे में न सोचें। उन्होंने आगे कहा युवा अपने बारे में नहीं बल्कि बुजुर्गों, झुग्गियों, बसों में सीट न पाने वाली महिलाओं और प्रदूषण के बारे में सोचें और उस व्यक्ति को मौका दें, जो किसी पार्टी से जुड़ा हो और जिसकी विरासत दिल्ली से जुड़ी हो। सानिधि ने आगे कहा कि आप कहते हो कि दिल्ली के स्कूल अच्छे हो गए लेकिन आपके बच्चे उन स्कूलों में नहीं पढ़ते। पहले दिल्ली के स्कूल अच्छे थे। मेरे पापा, मेरी बुआ खुद एमसीडी के स्कूलों में पढ़े हैं। हमारी पूरी विरासत है। वो बोलीं, जिस पार्टी ने दिल्ली के लिए इतना कुछ किया है और आपके आशीर्वाद से ऐसा करना जारी रखेगी।
दिल्ली में पानी की किल्लत और गंदे पानी की आपूर्ति एक गंभीर समस्या है लेकिन राजनीतिक दल इस मुद्दे पर चुप्पी साधे हुए
6 Feb, 2025 11:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली। बरसात के दिनों में दिल्ली की सड़कों पर जलभराव के रूप में विकास बह रहा होता है। और गर्मी के दिनों में दिल्ली टैंकरों के आगे कतार में रहती है या साफ पानी की आपूर्ति के लिए जूझ रही होती है। कई जगह तो पानी का टैंकर सप्ताह में दो ही दिन पहुंच पाता है। अब विधानसभा चुनाव में दिल्ली चाहती है कि पानी की किल्लत और गंदे पानी की आपूर्ति पर कोई तो राजनीतिक दल बात करे।
साल भर जिस संकट से दिल्ली जूझती है उसे मुद्दे पर राजनीतिक दल बात करें। उसमें सुधार के वादे के साथ वोट मांगने आएं। लेकिन, सब राजनीतिक दल मौन हैं सिर्फ रेवड़ी से बजट बिगाड़ने को सब एक-दूसरे से बड़ी योजना की घोषणा कर रहे हैं। राजनीतिक दल बढ़ाचढ़ा कर पानी मुहैया कराने या मुफ्त देने के वादों को प्रबलता से बढ़ा रहे हैं।
आखिर सालभर पानी के लिए किसी न किसी तरह से त्रस्त दिल्ली की कौन सुनेगा? ऐसे में सवाल ये उठता है कि पानी के मामले में राजधानी में देश के किसी दूरदराज के क्षेत्र जैसी स्थिति क्यों है? इसके लिए कौन जिम्मेदार है? इसे दूर करने में राजनीतिक दल और जल बोर्ड कैसे लापरवाही बरत रहे हैं, इसका क्या है इस संकट को दूर करने के लिए क्या होने चाहिए ठोस उपाय? इसी की पड़ताल करना हमारा आज का मुद्दा है :सभी पार्टियों के बीच चुनाव जीतने के लिए मुफ्त की सुविधाएं और पैसे देने की होड़ लगी हुई है, लेकिन दिल्ली वासियों को शुद्ध पेयजल मिले इसकी चिंता किसी को नहीं है। वर्षों से यही स्थिति है। प्रत्येक चुनाव में इसे लेकर सिर्फ राजनीति होती है। दिल्ली में पेयजल समस्या का यही सबसे बड़ा कारण है।
न तो दिल्ली के लिए जीवनदायिनी यमुना को स्वच्छ व अविरल करने पर ध्यान दिया गया और न जल संरक्षण एवं जल वितरण की कमियों को दूर करने के लिए ठोस कदम उठाए गए। प्रत्येक चुनाव में राजनीतिक दलों द्वारा इसे लेकर वादे बहुत किए गए।
मटिया महल, सीलमपुर, बल्लीमारान व ओखला समेत आठ सीटों पर बदलाव व विकास की धुरी पर मतदान।
6 Feb, 2025 10:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली। दिल्ली में मुस्लिम बहुल सीटों पर उत्साह के साथ विकास व बदलाव के लिए मतदान हुआ। मतदाताओं में मुस्लिम क्षेत्रों में गंदे पानी की आपूर्ति, टूटी सड़कें, शिक्षा की बदहाल स्थिति, महंगाई और वायु प्रदूषण के साथ ही निशुल्क बिजली, पानी व बसों में महिलाओं की निशुल्क यात्रा तथा राजनीतिक दलों द्वारा महिलाओं के लिए निश्चित धन देने का मुद्दा छाया रहा।
जबकि, राजनीतिक पसंद के रूप में आप के साथ ही कांग्रेस पार्टी व एआईएमआईएम ने जगह बनाई है। मुस्लिम मतों के बंटवारे की इस स्थिति में उन सीटों पर भाजपा भी अपनी जीत की संभावनाएं टटोलती दिख रही है।
दिल्ली के मतदाताओं में 18 प्रतिशत की भागीदारी के साथ सरकार को बनाने-गिराने में मुस्लिम मतदाताओं की भूमिका अहम है। राष्ट्रीय राजधानी में 70 में से आठ मुस्लिम बहुल सीटें हैं। जिसपर पिछले चुनाव में आप ने जीत दर्ज की थी।इस चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने मुस्लिम बहुल सीटों पर ज्यादा जोर दिया है। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी व कांग्रेस पार्टी की सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने रैलियां व रोड शो किए हैं तो ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) ने भी दो सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारकर चुनाव को दिलचस्प बनाया है।वैसे, दोपहर तक मुस्लिम बहुल मध्य दिल्ली की चार सीटों पर मतदान धीमा रहा। उसके बाद रफ्तार पकड़ी, तो देर शाम तक केंद्रों पर कतारें लगी रही। कुछ मुस्लिम इलाकों में बकायदा मतदान के लिए मस्जिदों से एलान किया गया, जिसके बाद मतदान केंद्रों में भीड़ बढ़ी।
तब भी उत्तर-पूर्वी के मुस्लिम बहुल सीटों के मुकाबले मध्य दिल्ली की सीटों बल्लीमारान, मटिया महल, चांदनी चौक व सदर बाजार तथा दक्षिण-पूर्व के ओखला सीट पर अपेक्षाकृत कम मतदान हुआ। राजनीतिक जानकार इसके पीछे सत्ता विरोधी रूझान को वजह बता रहे हैं। लोग सत्तापक्ष से तो नाराज हैं, लेकिन दूसरे दलों के पाले में जाने को लेकर भी उदासीन दिखे।
जबकि, उत्तर पूर्वी दिल्ली में सीलमपुर और मुस्तफाबाद व शाहदरा जिले के बाबरपुर में सुबह से ही मतदान केंद्रों के बाहर तक कतारें लग गई थी। राजनीतिक जानकारों के अनुसार, इसकी उत्तर-पूर्वी व बाबरपुर क्षेत्र में वर्ष 2020 के दंगे के असर के रूप में मुस्लिम मतों का ध्रुवीकरण हुआ।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले दिनों इटली से जुड़े एक रोचक तथ्य का खुलासा किया
6 Feb, 2025 09:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । इटली वैसे भारत से काफी दूर है,लेकिन दोनों देशों में एक ऐसा नाता है कि यह हमारे काफी करीब करता है। ऐसा इसलिए क्योंकि कांग्रेस पार्टी के नेता राहुल गांधी और पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी का इटली से गहरा रिश्ता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले दिनों इटली से जुड़े एक रोचक तथ्य का खुलासा किया। इसमें बताया कि भारत से किस चीज का निर्यात इटली को लगातार बढ़ा है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि भारत अब इटली को बड़ी मात्रा में कॉफी भेज रहा है। साथ ही उन्होंने कहा कि इटली अब आम के उत्पादन में लगातार तरक्की कर रहा है, जिसमें अभी तक भारत सबसे आगे रहा था। ताजा आंकड़े बताते हैं कि भारत में आम का उत्पादन कम हो रहा, जबकि इटली आम के उत्पादन में तेजी से आगे जा रहा है।
इटली में कॉफी का बाजार अभी करीब 15 अरब डॉलर का है, जो साल 2030 तक बढ़कर 23 अरब डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है। खास बात ये है कि इटली में कॉफी को कोई उत्पादन नहीं होता है। साल 2022 के आंकड़े के अनुसार इटली ने 2.6 अरब डॉलर का कॉफी आयात किया था, जिसमें से 16 करोड़ डॉलर की कॉफी भारत से गई थी। लेकिन, फरवरी 2024 तक के आंकड़े के अनुसार इसमें 38 फीसदी का जबरदस्त इजाफा हुआ। भारत से इटली को निर्यात किए गए कॉफी के आंकड़े 12 महीने के दौरान 16,340 शिपमेंट भेजे गए। इटली के 1,279 खरीदारों ने भारत से यह ऑर्डर मंगाया, जबकि भारत से 461 सप्लायर्स ने इटली को कॉफी की सप्लाई की है। जनवरी, 2024 के बाद भारत से इटली को कॉफी का निर्यात आश्चर्यजनक रूप से 80 फीसदी से ज्यादा हुआ। इटली में कॉफी की खपत सालाना 6 फीसदी की दर से भी ज्यादा तेजी से बढ़ रही है।
वहीं आम के उत्पादन में भारत 2.47 करोड़ टन के साथ दुनिया में सबसे आगे है। आंकड़े बताते हैं कि पूरी दुनिया में पैदा होने वाले आम का आधा हिस्सा सिर्फ भारत में होता है। दूसरी ओर, इटली जो अभी तक आम की पैदावार से दूर ही रहता था, वहां आम का उत्पादन तेजी से बढ़ा है। वातावरण गर्म होने की वजह से इटली के सिसिली, पुग्लिया और कैलाब्रिया में आम का उत्पादन तेजी से बढ़ रहा है। 2004 में जहां इटली में सिर्फ 10 हेक्टेअर में आम का उत्पादन हो रहा था, वहीं अब यह बढ़कर 1,200 हेक्टेअर पहुंच गया है।
राहुल गांधी ने बिहार की जातीय गणना पर सवाल उठाया
6 Feb, 2025 08:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
पटना । 19 दिन में दूसरी बार बुधवार को पटना पहुंचे कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बिहार की जातीय गणना पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा, हम बिहार वाली जातीय गणना नहीं करवाएंगे। अगर देखना है तो तेलंगाना वाली जाति जनगणना देखिए। श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में स्वतंत्रता सेनानी जगलाल चौधरी की जयंती समारोह में 15 मिनट के भाषण में कांग्रेस नेता ने दलितों को हक दिलाने का वादा किया। उन्होंने कहा कि हमने इतिहास की किताब में दलितों के बारे में सिर्फ दो लाइन पढ़ी हैं। दलित और अछूत।उन्होंने मोदी सरकार पर दलितों, पिछड़ों और अतिपिछड़ों की हकमारी करने का आरोप लगाया। बोले, संस्थानों में हक दिलाने का पहला कदम जाति जनगणना है। इसको हम कराएंगे। इससे पहले 18 जनवरी को बिहार दौरे पर आए राहुल गांधी ने बिहार की जाति जनगणना (सर्वे) को फर्जी करार दिया था।
सांसद निशिकांत दुबे ने लोकसभा अध्यक्ष को लिखा पत्र
5 Feb, 2025 08:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी ने कहा कि चीन अब भी 4,000 वर्ग किलोमीटर से अधिक भूमि पर कब्जा किए हुए है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इन दावों को खारिज कर दिया, जबकि सेना ने पीएम मोदी की बात से असहमति जाहिर की है। राहुल गांधी के इन दावों पर केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने आपत्ति जताकर कहा कि आप सदन में मनचाही बात नहीं बोल सकते। ये ठीक नहीं है और ये गंभीर विषय है। इसके बाद में बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने उनके खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव लाने की मांग कर डाली। सांसद दुबे ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला को प्रस्ताव के लिए चिट्ठी भी लिखी है।
विशेषाधिकार प्रस्ताव पेश करने की वजह क्या होती है
यदि किसी संसद सदस्य को लगता है कि किसी (अन्य) सदस्य की ओर से संसदीय विशेषाधिकार का उल्लंघन या दुरुपयोग हुआ है, तब राज्यसभा के सभापति या लोकसभा अध्यक्ष (स्पीकर) के समक्ष विशेषाधिकार प्रस्ताव के जरिए शिकायत कर सकता है। विशेषाधिकार प्रस्ताव किसी सदस्य की ओर से तब पेश होता है, जब सदस्य को लगता है कि किसी मंत्री या किसी सदस्य ने किसी मामले के तथ्यों को छिपाकर या गलत या विकृत तथ्य देकर सदन या उसके एक या अधिक सदस्यों के विशेषाधिकार का उल्लंघन किया है।
विशेषाधिकार प्रस्ताव लाने का मकसद क्या है
विशेषाधिकार प्रस्ताव का उद्देश्य संसद और उसके सदस्यों की गरिमा एवं अधिकारों की रक्षा करना जरुरी है। प्रक्रिया के माध्यम से सांसद सदन के सदस्य, अधिकारी या किसी भी दूसरे व्यक्ति की ओर से किए गए किसी भी इसतरह के कामकाज के खिलाफ शिकायत कर सकते हैं जिससे संसद के विशेषाधिकारों का उल्लंघन हुआ हो।
ये होते हैं संसदीय विशेषाधिकार, जान लीजिए
संसद में सदस्य को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता होती है, संसद या उसकी किसी समिति में किसी सदस्य की ओर से कही गई किसी बात या दिए गए मत के संबंध में किसी भी न्यायालय में किसी भी कार्यवाही से सदस्य को उन्मुक्ति होती है। संसद के किसी भी सदन की ओर से या उसके प्राधिकार के तहत किसी रिपोर्ट, पत्र, मत या कार्यवाही के प्रकाशन के संबंध में किसी व्यक्ति को किसी भी न्यायालय में कार्यवाही से उन्मुक्ति दी जाती है। संसद की कार्यवाही की जांच करने पर न्यायालयों पर प्रतिबंध लगाया जाता है।