मध्य प्रदेश (ऑर्काइव)
दिग्विजय सिंह ने भी छतरपुर जाने से पहले कमल नाथ से भेंट की, उन्होंने मतदान की स्थिति को लेकर मंथन किया
18 Nov, 2023 11:05 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । विधानसभा चुनाव के दौरान प्रशासनिक अधिकारियों को लेकर पार्टी कार्यकर्ता और उम्मीदवारों द्वारा जो शिकायतें की गईं, उनको लेकर कांग्रेस गंभीर है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ ने सभी उम्मीदवारों और जिला पदाधिकारियों से कहा है कि वे अधिकारियों की भूमिका को लेकर रिपोर्ट उनको दें, ताकि उसके मुताबिक, पार्टी अपनी अगली भूमिका तय करे।
मतदान को लेकर मंथन
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने भी छतरपुर जाने से पहले कमल नाथ से भेंट की। माना जा रहा है कि उन्होंने मतदान की स्थिति को लेकर मंथन किया। कमल नाथ ने अपने जन्मदिवस पर प्रदेशभर से आए कार्यकर्ताओं से कहा कि चुनाव में भाजपा ने पुलिस, प्रशासन और पैसे का उपयोग किया है। कई जगह से शिकायतें प्राप्त हुई हैं। कुछ अधिकारियों से मैंने स्वयं बात की थी। सभी उम्मीदवारों और जिला पदाधिकारियों से कहा कि वे प्रशासनिक अधिकारियों की भूमिका को लेकर रिपोर्ट दें।
तीन दिसंबर को नतीजे
मतदान प्रतिशत में अपेक्षाकृत वृद्धि न होने और लाड़ली बहनों के अधिक मतदान को लेकर उन्होंने कहा कि तीन दिसंबर को सब साफ हो जाएगा। इसके बाद वह दिल्ली चले गए। वहीं, पार्टी सूत्रों ने बताया कि दिग्विजय सिंह और कमल नाथ के बीच मुलाकात में कई सीटों पर संभावित परिणाम को लेकर चर्चा हुई है।
भारतीय जनता पार्टी ने अटेर के 16 मतदान केंद्रों पर पुर्नमतदान कराने की चुनाव आयोग से की मांग
18 Nov, 2023 11:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
पीठासीन अधिकारियों ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर चुनाव प्रक्रिया को किया प्रभावित
कई मतदाताओं को हतोत्साहित कर मत प्रयोग से वंचित रखा गया
भाजपा की शिकायतों का पीठासीन अधिकारियों ने नहीं किया निराकरण
भोपाल । भारतीय जनता पार्टी ने मुख्य चुनाव आयुक्त, नई दिल्ली को भिंड जिले की अटेर विधानसभा क्षेत्र के 16 मतदान केंद्रों पर पुनःमतदान कराए जाने की मांग की है। भाजपा के एक प्रतिनिधि मंडल ने इस संबंध में मध्यप्रदेश के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी को भी ज्ञापन सौंपा है। भिंड जिले के अटेर से भाजपा प्रत्याशी डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ने मुख्य चुनाव आयुक्त नई दिल्ली को 16 मतदान केंद्रों की सूची भेजकर वहां पुनः मतदान कराए जाने की मांग की है। भाजपा के एक प्रतिनिधि मंडल ने मध्यप्रदेश के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी को सौंपे ज्ञापन में कहा है कि 17 नवंबर को मध्यप्रदेश विधानसभा के मतदान संपन्न हुए हैं। भिंड जिले के अटेर विधानसभा क्षेत्र के मतदान केंद्र क्रमांक 11,12 खडित, 17, 41 निवारी, 48 बड़पुरा, 49 बड़पुरी, 55, 67, 69, 70, 71 किशुपुरा, 103 मनेपुरा, 169 पीथमपुरा, 170, 171, 211 बीसलपुरा में पदस्थ पीठासीन अधिकारियों व उनके दल द्वारा कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ मिलीभगत कर चुनाव प्रक्रिया को प्रभावित किया गया।
उक्त मतदान केंद्रों पर बूथ कैप्चरिंग की घटना हुई, जिसकी शिकायत भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा तत्काल चुनाव आयोग को की गई थी, पर समुचित कार्यवाही नहीं हुई। इन शिकायतों पर संबंधित मतदान केंद्रों के पीठासीन अधिकारियों ने भी निराकरण नहीं किया और आम मतदाता को मतदान केंद्र के बाहर ही हतोत्साहित कर मत प्रयोग करने से वंचित रखा गया। यह कार्य लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 128, 129, 135 (क) के अंतर्गत आपराधिक कृत्य है व संज्ञेय अपराध की श्रेणी में आता है। कई मतदान केंद्रों पर पुलिस बल की कमी रही, शिकायत पर उचित कार्रवाई नहीं की गई। एक मतदान केंद्र में मतदाता द्वारा एक से अधिक बार अपना मत ईवीएम में दर्ज कराया गया, जिसका वीडियो भी है, कई मतदान केंद्रों पर पीठासीन अधिकारियों को भी प्रभाव में रखकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने बूथ कैप्चरिंग की है। ऐसी स्थिति में उक्त सभी मतदान केंद्रों के मतदान को शून्य घोषित कर पुनः मतदान हेतु अधिसूचना जारी की जाए। ज्ञापन सौंपने वाले प्रतिनिधि मंडल में भारतीय जनता पार्टी विधि प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक श्री मनोज द्विवेदी और प्रदेश सह संयोजक श्री अशोक विश्वकर्मा व अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।
स्ट्रांग रूम में रखाईं 2049 ईवीएम, 96 प्रत्याशियों का भविष्य कैद
18 Nov, 2023 10:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । जिले की सात विधानसभा क्षेत्र में चुनाव के लिए कुल 96 प्रत्याशी मैदान में थे।मतदान समाप्ति के साथ ही इनका भविष्य भी दो हजार 49 ईवीएम मशीनों में कैद हो गया है।जिनमें जिले के 20 लाख 87 हजार 32 मतदाताओं में से 13 लाख 89 हजार 785 मतदाताओं ने मतदान किया है।इन सभी ईवीएम मशीनों को मतदान दलों द्वारा शुक्रवार रात को लाल परेड मैदान वापस लाया गया। जहां से ईवीएम जिला जेल में बने स्ट्रांग रूम में सुरक्षित रखवा दी गई हैं।बता दें कि जिला प्रशासन द्वारा स्ट्रांग रूम में सीसीटीवी सहित अन्य सभी सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं।
माक पोल के समय बदली गईं ईवीएम मशीनें
सभी दो हजार 49 मतदान केंद्रों पर सुबह साढ़े पांच बजे माक पोल हुआ। इस दौरान 22 बैलट यूनिट, आठ कंट्रोल यूनिट और 16 वीवीपेट मशीनों को बदला गया।इसके बाद सुबह सात बजे मतदान प्रक्रिया शुरू हुई और रात आठ बजे तक संपन्न हुई।वहीं मतदान के दौरान भी मशीनों में तकनीकि खराबी आई तो पांच बैलट यूनिट, पांच कंट्रोल यूनिट और सात वीपीपेट को बदला गया।इस तरह कुल 27 बैलट यूनिट, 13 कंट्रोल यूनिट और 23 वीवपेट मशीनें बदली गई हैं।बता दें कि मतदान के लिए कुल 2049 ईवीएम और वीवीपेट मशीनें थी।इनके लिए 20 -20 प्रतिशत बैलट और कंट्रोल यूनिट एवं 30 प्रतिशत वीवीपेट मशीन रिजर्व रखी गईं थी।
पर्ची के लिए भटकते दिखाई दिए मतदाता
विधानसभा चुनाव के लिए 20 लाख 87 हजार 32 मतदाता पर्ची निर्वाचन कार्यालय द्वारा घर-घर बीएलओ के माध्यम से वितरित कराई गई थीं।इसके बाद भी मतदान के दौरान केंद्रों पर मतदाता पर्ची के लिए भटकते हुए दिखाई दिए।हालांकि यहां मौजूद बीएलओ द्वारा मतदाताओं को समय पर पर्चियां उपलब्ध करा दी गई थी।
चुनावी दारू... शराब दुकानों के 48 घंटे बाद खुलने के बावजूद शराबियों की संख्या कम रहने के पीछे की कहानी...
18 Nov, 2023 09:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । अपनी व्यवस्था तो हो गई... भिया ने पहुंचा दी थी... एक-दो क्वार्टर अपने को भी दिलवा दो... चुनावी मौसम में इस तरह की कानाफूसी गली-मोहल्लों से लेकर चौराहों पर डेली ड्रिंकरों के बीच खूब होती रही। निचली बस्तियों में तो कुछ जगह आलम यह रहा कि जो डेली में सफेद का क्वार्टर पीते हैं उन्हें ब्रांडेड शराब के भी दर्शन हो गए। नेताओं के प_ों-समर्थकों के बीच जमकर पेटीबाजी होती रही।
वैसे तो पुलिस प्रशासन से लेकर आबकारी विभाग द्वारा बड़ी संख्या में अवैध शराब का जखीरा पकड़ा जाता है और चुनावी मौसम में धरपकड़ का ग्राफ बढ़ भी जाता है, बावजूद इसके चुनाव लडऩे वाले प्रत्याशियों के समर्थकों-कार्यकर्ताओं द्वारा चोरी-छुपे नए-नए तरीकों से डेली ड्रिंकरों, यानी रोज पीने वालों तक शराब की सप्लाय करवा दी जाती है। शराब कारोबार से जुड़े लोग पेटियां भर-भरकर शराब की तस्करी करते-करवाते हैं। वहीं पीने वाले भी जुगाड़ में रहते हैं कि ये मुफ्त की दारू उन्हें भी गटकने को मिल जाए। चुनाव चाहे पंचायत स्तरीय हो या फिर विधानसभा का, सच्चाई यही है कि हर उम्मीदवार वोटर को अपने-अपने तरीके से प्रभावित करने में जुट जाता है। उम्मीदवार वोट के बदले नोट और शराब का अधिक सहारा लेता है। चुनाव प्रचार के दौरान शराब बांटने का प्रचलन पिछले सालों में काफी बढ़ गया है। वोटर भले ही अपना वोट किसी भी उम्मीदवार को दे, लेकिन वह शराब सबकी चखना चाहता है। उम्मीदवार भी इस बात को भली प्रकार जानते हैं, लेकिन वोटर को लुभाना उनकी मजबूरी है। यही कारण है कि कई उम्मीदवारों ने इस विधानसभा चुनाव में भी पीने वालों के गले जमकर तर करवाए। यही कारण है कि प्रशासन ने मतदान के 48 घंटे पहले से शराब दुकानों में ताले डलवा दिए थे और शुक्रवार शाम 6 बजे के बाद मतदान निपटते ही इन दुकानों के शटर उचकाए गए। लेकिन हैरत की बात यह रही कि निचली बस्तियों की शराब दुकानों में उम्मीद के मुताबिक शराबियों की भीड़ नहीं रही। इसका कारण यही रहा कि इस बार इतनी शराब बांट दी गई कि लोग मयखाना जाना भूल गए और कई के पास एक्स्ट्रा स्टॉक भी भरपूर हो गया। शराब कहां से, कैसे और किस-किस तक पहुंची यह तो शोध का विषय है, लेकिन पीने वालों की चांदी नेताओं ने इस चुनाव में भी करवा दी और इस मयकशी के तगड़े बंदोबस्त के चलते शराब दुकानदार उम्मीद के मुताबिक ग्राहकी को तरस गए। अब इन पीने वालों को अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव का इंतजार है।
लेवल के हिसाब से बंटी...
बताते हैं कि 70 रुपए के क्वार्टर से लेकर 1200-1500 रुपए की बोतल तक बांटी गई। सफेद और लाल की पेटियों की मांग जहां निचली बस्तियों में खूब रही तो ब्रांडेड दारू भी नेताओं के पीने वाले प_ों-कार्यकर्ताओं के बीच खूब खुली। ऊपरी ऑर्डर थे कि लेवल के हिसाब से दारू बांटी जाए। मजे की बात तो यह है कि कुछ लोग ऐसे भी रहे, जिन्होंने कल मतदान के दिन इतनी पी ली कि वोट डालने नहीं जा सके। बताते हैं कि ये लोग वे रहे, जो डेली में सफेद-लाल की पीते हैं, लेकिन उनके हाथ चुनाव के चक्कर में तगड़ी दारू लग गई।
नमकीन बेचने वाले भौचक
शराब दुकानों के बाहर ठेले-गुमटियों पर नमकीन, गिलास बेचने वालों के बीच भी यह चर्चा का विषय रहा कि आज तो अच्छी-खासी ग्राहकी का दिन था, बावजूद इसके पीने वालों का जमावड़ा उम्मीद के मुताबिक कम रहा। वहीं ठेकेदारों का कहना है कि चुनावी दारू का स्टॉक खत्म होते ही एक-दो दिन में फिर से हमारी दुकानें पूर्व की तरह रोशन हो जाएंगी।
चुनावी व्यवस्था में लगने वालों की भी हो गई व्यवस्था
चुनावी व्यवस्था में लगे नेताओं के प_ों-समर्थकों से लेकर अन्य पीने वाले कर्मचारियों की भी व्यवस्था इशारों-इशारों में हो गई। पीने वालों को ठिकाने का पता बता दिया गया और भोजन के साथ-साथ पीने का भी इंतजाम हो गया। सूत्रों की मानें तो इन्हें सफेद का क्वार्टर न थमाते हुए ब्रांडेड बैगपाइपर, इंपीरियल ब्लू, रॉयल स्टैग जैसी महंगी ब्रांडेड दारू तक चखाई गई।
सूने पड़ गए अघोषित अहाते...
पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती की अड़ के चलते सरकार ने भले ही अहातों पर रोक लगा दी हो, लेकिन अघोषित अहाते यानी इन शराब दुकानों के आसपास खाली पड़े मैदानों पर चोरी-छुपे जमकर जाम छलकाए जाते हैं। चुनावी मौसम में इन अघोषित अहातों-मैदानों की भीड़ में भी कमी आ गई। कुल मिलाकर अधिकांश डेली ड्रिंकरों के लिए यह चुनाव आनंदमय रहा।
कई पेटियां मंगवाईं... आधी कर लीं अंटी
उम्मीदवारों के समर्थक-कार्यकर्ता भी कम नहीं। मोहल्ला स्तर के कार्यकर्ताओं ने प्रत्याशी को ज्यादा आंकड़ेबाजी बताकर कई गुना अधिक में दारू की पेटियां मंगवा लीं। ये बात अलग है कि आधी मंगवाने वाले ने ही अंटी कर लीं। इस बात की भनक भेजने वाले को भी होती है, लेकिन चुनाव के चलते उन्हें भी चुप्पी साधे रखना पड़ती है।
त्योहार के बाद फैमिली वेकेशन की तैयारी... गोवा राजस्थान और गुजरात के लिए बुकिंग में तेजी
18 Nov, 2023 09:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । त्योहार और चुनाव निकलते ही इंदौर के लोगों ने परिवार के साथ छुट्टियां मनाने की तैयारी कर ली है। अब नए साल तक देश सहित पूरी दुनिया में टूरिज्म पीक पर होगा। क्रिसमस और नए साल पर पर्यटकों की रौनक ज्यादा होगी। शहर के ट्रेवल एजेंट्स भी कई जगहों के लिए पैकेज की तैयारी कर चुके हैं।
भोपाल के कई लोग दिसंबर में गोवा जाने के लिए तीन महीने पहले से बुकिंग कर लेते हैं। अब बुकिंग के लिए पूछताछ में राजस्थान और गुजरात की कुछ जगहों के नाम ज्यादा है। नवंबर, दिसंबर और जनवरी में ही टूरिज्म के फेस्टिवल भी ज्यादा होते हैं। मप्र के साथ ही गुजरात और राजस्थान के कुछ राष्ट्रीय उद्यानों के लिए पूछताछ में इजाफा हुआ है। साउथ में इस सीजन में लोग केरल जाना पसंद करते हैं, जिसके लिए पैकेज तैयार किए गए हैं। परिवार के साथ छुट्टियों पर जाने वालों ने राष्ट्रीय उद्यान (नेशनल पार्क) के लिए बड़ी संख्या में बुकिंग करवाई है। वहीं विदेश में छुट्टियां मनाने वालों ने एशियाई देशों में दुबई, बाली, मॉरीशस, मालदीव, वियतनाम, अबूधाबी और सिंगापुर को चुना है।
विदेश से आए लोग जाएंगे घूमने
इसी के साथ त्योहार मनाने के लिए विदेश से अपने परिवार के साथ भारत लौटे लोगों ने भोपाल से बाहर पर्यटन स्थलों के लिए बड़ी संख्या में बुकिंग कराई है। इसमें मप्र पर्यटन विकास निगम के भी कई होटल शामिल हैं। फिलहाल बांधवगढ़, कान्हा, जिम कार्बेट, रणथम्भौर और गिर नेशनल पार्क के लिए इन्क्वायरी के साथ बुकिंग हो रही है।
बैंड बाजा , गार्डन , होटल सब बुक , बाजारों और वेडिंग कारोबारियों में खासा उत्साह
18 Nov, 2023 09:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । पिछले चार महीने से मांगलिक कार्यों पर लगा ब्रेक 23 नवंबर को हटेगा देव उठनी ग्यारस से भगवान विष्णु निद्रा से जागेंगे और सभी प्रकार के मांगलिक कार्यों का श्रीगणेश होगा। इस माह में मुहूर्त काफी कम है , इसलिए देवउठनी ग्यारस पर बड़ी संख्या में वैवाहिक आयोजन होंगे और हजारों जोड़े परिणय सूत्र में बंधेंगे। नवम्बर और दिसम्बर के दो महीने में 12 - 13 दिन विवाह के शुभ मुहूर्त है।
देवउठनी एकादशी का हिंदू धर्म में खास महत्व है। इस दिन देवता जागृत होते हैं और चातुर्मास का समापन होकर शुभ मुहूर्त काल का आरंभ माना जाता है। देवउठनी एकादशी 23 नवंबर को मनाई जाएगी , देवउठनी एकादशी को एक अबूझ मुुहुर्त माना जाता है और इस दिन से शादी, ब्याह और सभी शुभ कार्य आरंभ हो जाते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, देवउठनी एकादशी के दिन से सृष्टि के संचालक भगवान विष्णु और समस्त देवता 4 महीने की योग निद्रा से जागते हैं और अपना-अपना कार्यभार ग्रहण कर लेते हैं। देवताओं के जागने के बाद ही सभी शुभ कार्य किए जाते हैं। प्रारम्भ होनी वाली शादियों के लिए मैरिज रिसोर्ट, होटल, केटर्स, लाइट- फ्लावर डेकोरेशन, बैंड, डीजे सहित सभी की एडवांस बुकिंग शुरू हो चुकी है। वेंडिंग इंडस्ट्रीज से जुड़े कारोबारियों में उत्साह है। उन्हें उम्मीद है कि मुहूर्त को देखते हुए अच्छा व्यापार होगा। इसमें ज्वैलरी, कपड़े, फर्नीचर, व्हीकल सेगमेंट भी शामिल है। चुंकि 4 महिने मांगलिक कार्य नहीं होते है इस कारण दीपावली के बाद शुरू हुए इस सीजन को शुभ माना जाता है। सभी की प्री-बुकिंग हो चुकी है।
यह है देवउठनी एकादशी की तिथि और विवाह के शुभ मुहूर्त
देवउठानी एकादशी की तिथि का आरंभ 22 नवंबर को रात में 11 बजकर 3 मिनट पर होगा और समापन 23 नवंबर को रात में 9 बजकर 1 पर मिनट पर होगा। इस प्रकार देवउठनी एकादशी का व्रत 23 नवंबर को गुरुवार को रखा जाएगा। व्रत का पारण 24 नवंबर को सुबह 6 बजे से 8 बजकर 13 मिनट तक करना शुभ होगा। वहीं नवम्बर में 24, 27,28 व 29 नवम्बर और दिसम्बर में 3 , 4 , 5, 6 व 7 दिसम्बर और 13 से 15 दिसम्बर तक विवाह के शुभ मुहूर्त पंचांगों में बताएं गए हैं। देव उठनी ग्यारस पर शहर के ग्रामीण क्षेत्रों में बड़ी संख्या में सामुहिक विवाह आयोजित किए जाएंगे।
ईवीएम जमा न करके दावत उड़ाने चला गया सेक्टर अधिकारी, कांग्रेस को गड़बड़ी की आशंका
18 Nov, 2023 09:05 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
शिवपुरी । जिले में मतदान तो शांतिपूर्ण हो गया, लेकिन मतदान सामग्री जमा कराने के दौरान बड़ी गड़बड़ी सामने आई है। पोहरी विधानसभा के गोपालपुर क्षेत्र का सेक्टर मजिस्ट्रेट शुक्रवार देर रात शिवपुरी में कब्रिस्तान के पास दो ईवीएम के साथ पाया गया। मौके पर कांग्रेस प्रत्याशी कैलाश कुशवाह और अन्य लोगों के साथ प्रशासनिक अधिकारी भी पहुंच गए।
रिजर्व ईवीएम
कांग्रेस के स्थानीय नेताओं के साथ प्रदेश प्रवक्ता केके मिश्रा ने इस घटना को चिंताजनक बताते हुए प्रशासन और सरकार पर सवाल खड़ा किया है। वहीं, प्रशासन का कहना है कि यह रिजर्व ईवीएम थी। देर रात इनका आवंटित ईवीएम के साथ मिलान किया गया। कांग्रेस प्रत्याशी कुशवाह का कहना है कि इस मामले की उच्च स्तरीय शिकायत करेंगे। बाद में प्रशासन की टीम ने पहुंचकर डिस्प्ले किया कि इस ईवीएम का उपयोग नहीं किया गया है, जिसके बाद विवाद खत्म हुआ।
सेक्टर अधिकारी को निलंबित
कलेक्टर ने लापरवाह सेक्टर अधिकारी को निलंबित कर दिया है। शुक्रवार को कांग्रेस के कुछ लोगों ने शिवपुरी में कब्रिस्तान से करीब आधा किलो मीटर दूर लुधावली वेयरहाउस के पास पोहरी विधानसभा के गोपालपुर के सेक्टर अधिकारी गणेश शंकर दीक्षित की गाड़ी देखी, जिसमें ईवीएम रखी हुई थीं। इसके बाद गाड़ी का पीछा करके उन्हें रात करीब 11 बजे रोक लिया गया। जब ईवीएम के बारे में पूछा गया तो दीक्षित कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए। इसके बाद एसडीएम जेपी गुप्ता व तहसीलदार सिद्धार्थ शर्मा सहित पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। करीब एक घंटे तक यहां विवाद चलता रहा।
ईवीएम बदलने का आरोप
कांग्रेसियों ने राज्यमंत्री सुरेश राठखेड़ा के इशारे पर ईवीएम बदलने का आरोप लगाया। इसके बाद प्रशासन ने ईवीएम को जब्त कर पंचनामा बनाया और पालीटेक्निक कालेज में जमा कराईं। अधिकारियों के अनुसार, यह रिजर्व ईवीएम थी, जो सेक्टर अधिकारियों को दी जाती है, जिससे किसी मतदान केंद्र पर मशीन खराब होने पर मतदान न रुके। गणेश शंकर दीक्षित इसे सीधे जमा कराने के बजाए पहले अपने लुधावली कैंपस वेयरहाउस आफिस पहुंचे और फिर यहां वहां घूमते हुआ होटल खाना खाने पहुंच गए, जिससे विवाद खड़ा हो गया। उनके पास दो रिजर्व ईवीएम मशीन (दो वीवीपैट, दो बीयू, दो सीयू) थीं।
कांग्रेस प्रवक्ता ने लगाया आरोप
अधिकारियों ने कांग्रेस प्रत्याशी कैलाश कुशवाह, जिला उपाध्यक्ष दिनेश वशिष्ठ, ब्लाक अध्यक्ष डा. रामदुलारे यादव के सामने इसे डिस्प्ले भी किया और बताया कि इससे निल वोट डले हैं। इसके बाद सभी लोग मौके से चले गए। कांग्रेस प्रवक्ता ने आयोग पर दागे सवाल पूरे मामले को लेकर कांग्रेस प्रवक्ता केके मिश्रा ने एक्स पर पोस्ट कर सवाल खड़े किए हैं।
केके मिश्रा ने पोस्ट में लिखा कि क्या निर्वाचन आयोग इसका संतोषप्रद जवाब देगा? शिवपुरी जिले के पोहरी विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र स्थित पुराने कब्रिस्तान से हमारे जांबाज पार्टी मित्रों ने छह ईवीएम जब्त कीं। ये मशीनें वहां कैसे पहुंचीं या सरकार कब्रिस्तान जा रही है? प्रशासन के पास कोई जवाब नहीं है।
इन्होने कहा
यह रिजर्व ईवीएम थी, जिसे सेक्टर अधिकारी को जमा कराना था, लेकिन वह उसे जमा कराए बिना दूसरी जगह चले गए। इस लापरवाही के लिए निलंबित करने की कार्रवाई की है, साथ ही ईवीएम का डिस्प्ले भी करा दिया है, जिसमें निल वोट थे।
रवींद्र कुमार चौधरी, कलेक्टर
भाजपा ने अटेर के 16 मतदान केंद्रों पर पुर्नमतदान कराने की चुनाव आयोग से की मांग
18 Nov, 2023 09:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । भाजपा ने मुख्य चुनाव आयुक्त, नई दिल्ली को भिंड जिले की अटेर विधानसभा क्षेत्र के 16 मतदान केंद्रों पर पुनःमतदान कराए जाने की मांग की है। भाजपा के एक प्रतिनिधि मंडल ने इस संबंध में मध्यप्रदेश के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी को भी ज्ञापन सौंपा है। भिंड जिले के अटेर से भाजपा प्रत्याशी डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ने मुख्य चुनाव आयुक्त नई दिल्ली को 16 मतदान केंद्रों की सूची भेजकर वहां पुनः मतदान कराए जाने की मांग की है।
भाजपा के एक प्रतिनिधि मंडल ने मध्यप्रदेश के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी को सौंपे ज्ञापन में कहा है कि 17 नवंबर को मध्यप्रदेश विधानसभा के मतदान संपन्न हुए हैं। भिंड जिले के अटेर विधानसभा क्षेत्र के मतदान केंद्र क्रमांक 11,12 खडित, 17, 41 निवारी, 48 बड़पुरा, 49 बड़पुरी, 55, 67, 69, 70, 71 किशुपुरा, 103 मनेपुरा, 169 पीथमपुरा, 170, 171, 211 बीसलपुरा में पदस्थ पीठासीन अधिकारियों व उनके दल द्वारा कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ मिलीभगत कर चुनाव प्रक्रिया को प्रभावित किया गया।
उक्त मतदान केंद्रों पर बूथ कैप्चरिंग की घटना हुई, जिसकी शिकायत भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा तत्काल चुनाव आयोग को की गई थी, पर समुचित कार्यवाही नहीं हुई। इन शिकायतों पर संबंधित मतदान केंद्रों के पीठासीन अधिकारियों ने भी निराकरण नहीं किया और आम मतदाता को मतदान केंद्र के बाहर ही हतोत्साहित कर मत प्रयोग करने से वंचित रखा गया। यह कार्य लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 128, 129, 135 (क) के अंतर्गत आपराधिक कृत्य है व संज्ञेय अपराध की श्रेणी में आता है। कई मतदान केंद्रों पर पुलिस बल की कमी रही, शिकायत पर उचित कार्रवाई नहीं की गई।
एक मतदान केंद्र में मतदाता द्वारा एक से अधिक बार अपना मत ईवीएम में दर्ज कराया गया, जिसका वीडियो भी है, कई मतदान केंद्रों पर पीठासीन अधिकारियों को भी प्रभाव में रखकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने बूथ कैप्चरिंग की है। ऐसी स्थिति में उक्त सभी मतदान केंद्रों के मतदान को शून्य घोषित कर पुनः मतदान हेतु अधिसूचना जारी की जाए। ज्ञापन सौंपने वाले प्रतिनिधि मंडल में भारतीय जनता पार्टी विधि प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक मनोज द्विवेदी और प्रदेश सह संयोजक अशोक विश्वकर्मा व अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।
भाजपा कार्यकर्ताओं पर झूठी एफआइआर कराई: वीडी शर्मा
18 Nov, 2023 08:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । छतरपुर जिले के राजनगर विधानसभा क्षेत्र में हुई हत्या की घटना के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराते हुए भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा ने कहा है कि भाजपा कार्यकर्ताओं पर झूठी एफआइआर दर्ज कराई गई है। श्री शर्मा ने कहा है कि कांग्रेस के प्रत्याशी और उनके समर्थकों की आपसी भगदड़ में उनके ही एक साथी की कार के नीचे दबने से मौत हो गई। इस मामले में कांग्रेस नेताओं ने भाजपा प्रत्याशी व कार्यकर्ताओं पर हत्या का झूठा प्रकरण दर्ज करा दिया है। उन्होंने कहा कि मैं छतरपुर प्रशासन की कड़ी आलोचना करता हूं कि किसी व्यक्ति की कार के नीचे दबने के मामले में बिना जांच के हत्या का मामला कैसे दर्ज किया गया। विष्णु दत्त शर्मा ने कहा कि इस मामले में कमल नाथ भी कह रहे हैं उनकी कांग्रेस प्रत्याशी नाती राजा से बात हुई है, इस तरह की कोई घटना नहीं हुई। सामान्य झड़प हुई थी। जिस व्यक्ति की मौत हुई है, उसका देशी कट्टे से गोली चलाने का वीडियो भी इंटरनेट मीडिया में वायरल हो रहा है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि मिस्टर बंटाढार भोपाल में बैठकर जिलों के अधिकारियों को धमकी दे रहे हैं कि तीन तारीख आएगी, देख लेंगे। मैं मिस्टर बंटाढार व मिस्टर कमल नाथ से कहना चाहता हूं कि चुनाव में मिलने वाली हार की खीझ अधिकारी-कर्मचारियों पर न निकालें। तीन तारीख भी आएगी और भाजपा के पक्ष में चुनाव परिणाम भी आएगा। मालूम हो कि छतरपुर जिले के राजनगर विधानसभा क्षेत्र में कल एक कांग्रेस कार्यकर्ता की कार के नीचे जा आ जाने से मौत हो गई, जिसकी कथित हत्या का आरोप कांग्रेस ने भाजपा नेताओं पर लगाया है।
बीमा कंपनी गैर अधिमान्य पत्रकरों की स्वास्थ्य बीमा सूची जारी करना भूली
18 Nov, 2023 07:31 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । मध्यप्रदेश सरकार की पत्रकार स्वास्थ्य बीमा योजना में गैर अधिमान्य श्रेणी में बीमा करने वाले पत्रकारों के बीमा सूची अभी तक जारी नहीं हो पाये हैं और न ही उनकी बीमा सूची जनसंपर्क विभाग ने अपडेट की है। यह अवधि एक नवंबर से शुरू होनी थी और आज 18 नवंबर हो जाने के बाद भी यह सूची बीमा कंपनी ने अपडेट नहीं की है और न ही जनसंपर्क विभाग ने अपनी वेबसाइट पर डाली है। जिससे गैर अधिमान्य श्रेणी के पत्रकार अपने बीमा कार्ड के लिये भटक रहे हैं। ज्ञातव्य है कि मध्यप्रदेश सरकार ने मध्यप्रदेश के अधिमान्य व गैर अधिमान्य श्रेणी के लिये स्वास्थ्य बीमा व दुर्घटना बीमा योजना यूनाईटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी के साथ संयुक्त रूप से कई वर्षो से लागू की है। इस वर्ष भी इसके आवेदन सितंम्बर में भरे गये थे, जिसमें अधिमान्य श्रेणी के पत्रकारों की सूची तो अक्टूबर के प्रथम सप्ताह में आ गई थी। लेकिन गैर अधिमान्य श्रेणी के पत्रकारों की बीमा सूची अभी तक नहीं आई है। गैर अधिमान्य श्रेणी में लगभग पांच हजार से भी अधिक पत्रकारों ने अपना स्वास्थ्य बीमा कराया है। और उनकी बीमा अवधि एक नवंबर 2023 से एक वर्ष के लिये है। लेकिन नवंबर माह के 18 दिन बीतने के बाद भी गैर अधिमान्य पत्रकारों की स्वास्थ्य बीमा हितग्राहियों की लिस्ट अभी तक नहीं आई है जिससे बीमा कराने वाले गैर अधिमान्य श्रेणी के पत्रकार बीमा कार्ड के लिये परेशान है , वहीं इलाज कराने के लिये भी उन्हे भटकना पड रहा है।
पुलिस अधीक्षक भाजपा कार्यकर्ता की तरह कर रहे हैं काम: कमल नाथ
18 Nov, 2023 07:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ ने कल मीडिया से चर्चा में कहा कि मुरैना के पुलिस अधीक्षक भाजपा कार्यकर्ता की तरह काम कर रहे हैं। इंदौर के कमिश्नर से भी उन्होंने कहा कि आपकी कार्य प्रणाली को लेकर पार्टी कार्यकर्ता शिकायत कर रहे हैं। कमलनाथ ने पार्टी के प्रदेश कांग्रेस कार्यालय स्थित कंट्रोल रूम में बैठकर इंदौर कमिश्नर, मुरैना के पुलिस अधीक्षक, भिंड और छतरपुर के कलेक्टर से फोन पर बात की। मुरैना के दिमनी में पार्टी के पदाधिकारी से बात की। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के प्रदेश को लेकर आगामी रोड मैप संबंधी बयान पर उन्होंने कहा कि भाजपा को उन्हें अपना चेहरा तक नहीं बनाया। वे बड़े कलाकार है। चुनाव परिणाम को लेकर उन्होंने कहा कि तीन तारीख ज्यादा दूर नहीं है तस्वीर साफ हो जाएगी। कमल नाथ ने दावा किया कि मध्य प्रदेश के मतदाता सच्चाई का साथ देंगे। कमलनाथ ने छतरपुर के राजनगर से कांग्रेस प्रत्याशी विक्रम सिंह से फोन पर बात की और मीडिया में चल रही गोली चलने की घटना के बारे में जानकारी ली।
मप्र में बंपर वोटिंग क्या रही है इशारा? भाजपा-कांग्रेस में किसकी बनेगी सरकार!
18 Nov, 2023 06:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल। मप्र में विधानसभा चुनाव में इस बार रिकॉर्ड वोटिंग देखने को मिली है। पिछले चार दशक से यहां वोटिंग का प्रतिशत लगातार बढ़ता रहा है।इस बार मध्य प्रदेश में 76.55 फीसदी वोटिंग हुई है।बंपर वोटिंग से भाजपा और कांग्रेस दोनों खेमे खुश नजर आ रहे हैं। भाजपा-कांग्रेस दोनों अपनी-अपनी जीत और सरकार बनने का दावा कर रहे है।
हम बता दें कि 2018 के विधानसभा चुनाव में 75.63 फीसदी वोटिंग हुई थी। तब प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी थी। हालांकि पंद्रह महीने बाद ही ज्योतिरादित्य सिंधिया के अपने समर्थक विधायकों के साथ कांग्रेस का साथ छोड़कर भाजपा का दामन थाम लेने से पुन: भाजपा में सत्ता काबिज हो गई थी।
टूटा वोटिंग का पिछला रिकार्ड
इस बार मध्य प्रदेश में 76.55 फीसदी वोटिंग हुआ है। यह पिछले चुनाव से भी एक फीसदी अधिक है। इस बार महिलाओं ने मतदान में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया है। भाजपा इसे लेकर खासी उत्साहित है। उधर कांग्रेस बंपर वोटिंग को सत्ता परिवर्तन का संकेत मान रही है। 2018 में मध्यप्रदेश के इतिहास में सबसे अधिक 75.63 फीसदी वोटिंग हुई थी। चुनाव में भाजपा ने 109 और कांग्रेस ने 114 सीटें हासिल की थी। हालांकि बाद में ज्योतिरादित्य सिंधिया के पाला बदलने के बाद पुन: मप्र में भाजपा की सरकार आ गई थी।
चार दशक का वोटिंग का ट्रेंड
हम बता दें कि, 1985 के विधानसभा चुनाव में 49.79 फीसदी मतदान हुआ था। तब प्रदेश में कांग्रेस सत्ता काबिज हुई थी। इसके बाद 1990 में 54.21 फीसदी मतदान हुआ, तो भाजपा सत्ता में आई। 1993 में मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव में 60.17 फीसदी वोटिंग हुई। इसमें एक बार फिर कांग्रेस की सत्ता में वापसी हुई। 1998 के विधानसभा चुनाव में 60.21 फीसदी वोटिंग हुई। यह वोटिंग प्रतिशत पिछले चुनावों के मुकाबले ज्यादा था। इसमें एक बार फिर मप्र में कांग्रेस सत्ता में काबिज हुई । इसके बाद मध्यप्रदेश से छत्तीसगढ़ अलग हो गया। 2003 में जब विधानसभा चुनाव हुए तो 67.25 फीसदी वोटिंग हुई। इसमें भारी को भारी जीत मिली। इस चुनाव में भाजपा को 173 और कांग्रेस को 38 और बसपा को दो सीटें मिली थी। 2008 के विधानसभा चुनाव में 69.78 फीसदी मतदान हुआ। यह पिछले चुनाव के मुकाबले 2.53 फीसदी अधिक था। भाजपा दूसरी बार फिर सत्ता में आई। इस चुनाव में भाजपा को 143 और कांग्रेस को 71 सीटें मिली। इसके बाद 2013 के विधानसभा चुनाव में 72.13 फीसदी वोटिंग हुई। जिसमें भाजपा ने तीसरी बार फिर बड़ी जीत हासिल की और मप्र में सत्ता काबिज हुई। इस चुनाव में भाजपा को 165 और कांग्रेस को 58 सीटें मिलीं थी।
पांच हाईप्रोफाइल सीटें- जहां भाजपा के दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर
18 Nov, 2023 05:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
क्या होगा नरेंद्र, कैलाश, प्रहलाद, राकेश और फग्गन का ?
भोपाल। मध्यप्रदेश में इस बार पिछले सारे चार विधानसभा चुनाव के वोटिंग के रिकार्ड टूटे हैं। प्रदेश में इस बार 76.22 प्रतिशत वोटिंग हुई है। इस बार प्रदेश की पांच हाई प्रोफाइल दिमनी, नरसिंहपुर, जबलपुर (पश्चिम), इंदौर क्रमांक-एक और निवास सीटें ऐसी हैं, जहां भाजपा के तीन केंद्रीय मंत्री नरेंद्र ङ्क्षसह तोमर, प्रहलाद सिंह पटेल, फग्गनसिंह कुलस्ते, भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय और सांसद राकेश सिंह का राजनीतिक भविष्य दांव पर है। सबकी नजरें इन दिग्गजों हार-जीत पर लगी हुई हैं।
दिमनी-नरेंद्र सिंह तोमर पर सबकी नजर
मुरैना जिले की दिमनी विधानसभा सीट, जहां केंद्रीय मंत्री नरेंद्र तोमर चुनाव मैदान में हैं। इस सीट पर 15 साल बाद वोटिंग प्रतिशत घटा है। पिछले चार चुनावों में हर बार इस सीट पर वोटिंग का प्रतिशत 3 से 5 फीसदी तक बढ़ा है। लेकिन इस बार यहां 4 प्रतिशत कम वोटिंग हुई है। पिछले चार चुनावों के नतीजों में यहां दो बार भाजपा, एक-एक बार बसपा और कांग्रेस जीती है। इस सीट पर नरेंद्र सिंह तोमर क्या होगा, इस पर सबकी नजरें लगी हुई हैं।
इंदौर क्रमांक-एक-कैलाश की प्रतिष्ठा दांव पर
इंदौर विधानसभा क्रमांक-एक जहां भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय की प्रतिष्ठा दांव पर है। यहां पिछले 2018 चुनाव की तुलना में 2.84 प्रतिशत वोटिंग बढ़ी है। 2018 में इस सीट पर 69.26 प्रतिशत वोटिंग हुई थी। तब यहां कांग्रेस ने जीत दर्ज कराई थीा। इससे पहले के तीन चुनाव 2003, 2008 और 2013 में वोटिंग का प्रतिशत कम-ज्यादा होता रहा। यही वजह है कि इस सीट पर तीन बार भाजपा और एक बार कांग्रेस जीती।
जबलपुर पश्चिम-राकेश सिंह मुश्किल में
जबलपुर पश्चिम सीट, जहां भाजपा के कद्दावर के नेता राकेश सिंह का मुकाबला कांग्रेस के मौजूदा विधायक एवं पूर्व तरूण भानोत से है। यहां इस बार दस साल बाद इस पांच प्रतिशत से ज्यादा 71 प्रतिशत वोटिंग हुई है। इस बार 2018 ( 66.62 प्रतिशत) की तुलना में 5.04 प्रतिशत ज्यादा वोटिंग हुई है। वोटिंग का ट्रेंड को लेकर लोगों का कहना है कि यहां राकेश सिंह मुश्किल में हैं।
नरसिंहपुर-प्रहलाद पटेल पर सबकी नजर
नरसिंहपुर सीट पर, जहां केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल की प्रतिष्ठा दांव पर है, इस सीट पर पिछले तीन चुनाव के मुकाबले इस बार 2 प्रतिशत वोटिंग में इजाफा हुआ है। इस सीट पर (2013 और 2018 ) दो बार से प्रहलाद पटेल के भाई जालम सिंह पटेल विधायक हैं। इसके पहले 2008 में इस सीट पर कांग्रेस जीती थी।
निवास- फग्गन सिंह कुलस्ते का क्या होगा
मंडला जिले की निवास विधानसभा सीट पर, जहां केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते पर भाजपा ने दांव लगाया है। इस सीट पर इस बार पिछले चार चुनाव के मुकाबले 3 प्रतिशत वोटिंग बढ़ी है। इस सीट पर 2003 से 2018 तक फग्गन सिंह कुलस्ते के भाई रामप्यारे कुलस्ते जीतते रहे हैं। वोटिंग प्रतिशत बढऩे का फग्गन सिंह को क्या फायदा होता है, यह नतीजों के बाद पता चलेगा।
शहर में भोजपुरी समाज का बड़ा आयोजन उपनगर भेल ई-सेक्टर मां सरस्वती मंदिर बरखेड़ा में होता है
18 Nov, 2023 04:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा शुक्रवार को नहाय खाय के साथ शुरू हो चुका है। शहर में भोजपुरी समाज का बड़ा आयोजन उपनगर भेल ई-सेक्टर मां सरस्वती मंदिर बरखेड़ा में होता है। रविवार को बड़ा कार्यक्रम होगा। इसमें भेल क्षेत्र के बड़ी संख्या में लोग पूजन करेंगे। शनिवार को छठ घाट स्वच्छता अभियान नगर निगम के सहयोग से वृहद पैमाने पर चलाया जा रहा है। छठ पूजा आयोजन समिति के कार्यकर्ताओं द्वारा स्वच्छ्ता एवं पवित्रता का सबसे बड़ा पर्व छठ पूजा हेतु सूर्य कुंडों एवं प्रांगण की पवित्रता अक्षुण रखते हुए छठ वर्ती श्रद्धालु एवं भक्तों की सुविधा के लिए स्वच्छता अभियान चलाया जा रहा है। जिसमे मुख्य रूप से छठ कुंडो एवं प्रांगण की सफाई किया गया।
इस अवसर पर छठ पूजा आयोजन समिति के संयोजक सतेन्द्र कुमार ने बताया कि रविवार शाम चार बजे से छठ मइया के मधुरिम गीतों एवं भजनों की प्रस्तुति छठ घाट सरस्वती मंदिर पर आयोजित किया गया है। उन्होंने कहा कि उत्तर भारत का सबसे बड़ा लोक आस्था का महापर्व में परंपरा अनुसार स्वच्छता एवं पवित्रता का विशेष ध्यान रखना होता है जिसमे प्लास्टिक का उपयोग प्रतिबंधित रहता है। सिर्फ वनस्पतियों के बने सामग्री ही उपयोग करते है। बांस के बनाए सूपा और दौरा का उपयोग किया जाता है साक्षात प्रकृति का पूजन होता है। बिहार सांस्कृतिक परिषद के सहयोग से आयोजित महापर्व के तैयारी के क्रम में अंतिम चरणों के स्वच्छता अभियान चलाया जा रहा है। दरअसल 1960 में स्थापित सरस्वती देवी मंदिर प्रांगण ई सेक्टर, बरखेड़ा, भोपाल मे निर्मित सूर्य कुंडों में छठ महापर्व के भव्य आयोजन समिति द्वारा विगत 64 वर्षों से लगातार किया जा रहा है। चार दिनों तक चलने वाला यह महापर्व को लेकर काफी उत्साह देखने को मिल रहा है। घरों में पूजन सामग्री की खरीद कर लोग ला रहे हैं। इससे बाजारों में भी रौनक देखने को मिल रही है।
निर्वाचन में लगे अधिकारी कर्मचारियों को पहली बार मतदान खत्म होते ही मिली राशि
18 Nov, 2023 01:20 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
इंदौर । जिले के शहरी और ग्रामीण पोलिंग बूथों पर तैनात अधिकारी और कर्मचारी मतदान खत्म कर नेहरू स्टेडियम पहुंचे भी नहीं थे कि उनके बैंक खाते में राशि जमा होने का मैसेज आया। यह देखकर सभी आश्चर्य में पड़ गए। बाद में जानकारी मिली कि चुनाव संपन्न कराने के भत्ते हैं, तो सभी की प्रसन्नता अलग ही झलक रही थी। यह पहली बार था जब अधिकारी और कर्मचारियों को मतदान खत्म होते ही भत्तों का भुगतान कर दिया गया। हालांकि कुछ लोगों को राशि नहीं मिली वह मायूस दिखे।
निर्वाचन ड्यूटी खत्म कर आए तो, खाते में राशि आने का मैसेज देख चौंके कर्मचारी
निर्वाचन के इतिहास में पहली बार इंदौर में मतदान के दिन ही निर्वाचनकर्मियों को उनके मानदेय का भुगतान कर दिया गया है। कलेक्टर डॉक्टर इलैया राजा टी की जुदा कार्यशैली और संवेदनशीलता के कारण यह संभव हो सका है। विधानसभा निर्वाचन में लगे विभिन्न विभागों के अधिकारी-कर्मचारियों को शुक्रवार को मानदेय का भुगतान कर दिया गया है।
जहां पहले मतदान समाप्त होने के कई महीनों बाद मानदेय मिलता था, वहीं संभवत यह पहली बार है कि निर्वाचन में अपनी सेवाएं देने वाले अधिकारी कर्मचारियों को मतदान दिवस पर ही मानदेय का भुगतान प्राप्त हो गया है। ट्रेजरी ऑफिसर ने बताया कि इंदौर जिले के सभी विधानसभा क्षेत्र में निर्वाचन कार्य के लिए नियुक्त 9,984 अधिकारी कर्मचारियों को 98 लाख 66 हजार 750 रुपये का भुगतान किया जाना है। शुक्रवार रात तक 7,15,800 रुपये का भुगतान विभिन्न विभागों के कर्मचारियों को कर दिया गया है। शेष बचे अधिकारी कर्मचारी के खाते में राशि के भुगतान की कार्रवाई निरंतर जारी है।
शेष कर्मचारियों को भुगतना के निर्देश
कलेक्टर डॉ इलैया राजा टी ने शेष बचे सभी अधिकारी कर्मचारियों को शीघ्र से शीघ्र मानदेय का भुगतान करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही इंदौर जिले में शांतिपूर्ण मतदान संपन्न होने पर निर्वाचन में अपनी सेवाएं देने वाले सभी अधिकारी कर्मचारियों को धन्यवाद देते हुए आभार व्यक्त किया है।